Deepak Munda Please read this carefully *आदिवासी अपनी सोच का दायरा बढ़ाएँ!* आदिवासियों के पास सोशल मीडिया में कई बड़े बड़े आदिवासी ग्रूप है, लेकिन आदिवासी युवा लड़के लड़कियों a की सक्रियता शुन्य दिखाई देती है। बस माँ-बाप को आरक्षण से मिले नौकरी या आरक्षण से अपनी नौकरी के वजह से रहिस बन जाते हैं। केवल माॅल घूमना, मस्ती करना, फैशन करना और फेसबुक में लड़कियों की दो-तीन फोटो डालकर पूछना कौन सबसे सुन्दर है उसे लाइक करने कहना, इससे आगे की वे सोच ही नहीं सकते। *क्या मीणा आदिवासियों की तरह हमारे सभी आदिवासी लड़के और लड़कियाँ अच्छी पढ़ाई, प्रशासनिक नौकरी, और जाॅनरल क्लास के लोगों से हर क्षेत्र में टक्कर देने जैसा मेहनत नहीं कर सकते। सरकार और उनकी नीतियों में उच्च वर्गो का कब्जा है इसलिए सरकारी नियुक्तियाँ बंद सा हो गयी है क्योंकि उसमें आरक्षण देना पड़ता है। सरकार निजीकरण और निजी कंपनियों को बढ़ावा दे रहा है जिससे नौकरियों में पूरी तरह से उनका कब्जा हो जाए। प्रमोशन में आरक्षण समाप्ति की ओर है, उच्च शिक्षा में आदिवासियों को मेरिट में टाॅपर होने पर भी उसमें स्थान नहीं देने का इंतजाम कर लिया गया है। 15% सवर्ण 50.5% नौकरियों में अप्रत्यक्ष तरीके से अपनी आरक्षण रिजर्व करा लिये हैं। सब कुछ अंदर ही अंदर चल रहा है क्योंकि सरकार, मंत्रालय, मंत्री, विधायक, सांसद, दफ्तर, संस्थान, विश्वविद्यालय, कोर्ट और नीति निर्धारक क्षेत्रों पर उनकाएकाधिकार कायम है।* *आदिवासियों की जमीनें छीन कर बाबाओं और उद्योगपतियों को औने पौने कीमतों या लीज पर बाँटी जा रही है और धीरे से उस पर पूरी कब्जा करा दी जा॒एगी। आदिवासी जमीनों को लूटने के लिए भू-अधिनियमों को संशोधन कर आसान किया जा रहा है। आदिवासी क्षेत्र में माफियाओं और निजी कंपनियों को घुंसाकर खनिजों का दोहन निरंतर जारी है। इसके लिए जंगलों को साफ कर आदिवासियों को खदेड़ा जा रहा है। इसका विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं एव आदिवासी भाई बहनों पर फर्जी इनकाउंटर कराकर हत्या, बलात्कार, अत्याचार जैसे जघन्य अपराध कराकर दमन किया जाता है। छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र इसका सटीक उदाहरण है। भोले भाले आदिवासियों को नक्सली बताकर या उनकी नीतियों का विरोध करने वालों को देशद्रोही करार दिया जाता है। ये सब निरंतर गुपचुप चल रहा है।* *आदिवासियों की एकता, आंदोलन और ताकत को तोड़ने के लि॒ए जाति, धर्म, संप्रदाय और वर्णों में बांटने का तुरुप फेंका जाता है। इसके लिए ऊँगलियों में गिने जा सकने वाले आदिवासियों को पद, नौकरी, विधायक, सांसद और आर्थिक लाभ का लालच देकर उनका इस्तेमाल किया जाता है और हम इन षड्यंत्रों से अनभिज्ञ होकर कठपुतलियों की तरह नाचना शुरू कर देते हैं।* जिन आदिवासियों को नौकरी या कोई पद प्रतिष्ठा मिल जाता है और उनकी जिन्दगी थोड़ी शान और शौकत से गुजरने लगती है, वे दुनियाँ का सबसे बडा रहिस बन जाता है, उन्हें आदिवासी समाज और समस्याओं से कोई लेना देना नहीं रह जाता। अपनी सुख और समृद्धि में लीन अपने परिवार तक सीमित रह जाते हैं। वे आदिवासी होकर भी आदिवासी कहलाना नहीं चाहते। वे यह भूल जाते हैं कि उनकी इस सुख और समृद्धि में आदिवासी हक और आरक्षण का बहुत बड़ा योगदान होता है। क्या उनका आदिवासी समाज के लिए कोई फर्ज नहीं बनता। आदिवासी लोग कब तक योंहीं पड़े रहेंगे। सीमित दायरे से ऊपर उठने की सोच कब बदलेंगे। वक्त की पुकार है अब भी नहीं बदले तो आदिवासियों का अस्तित्व खत्म होने से कोई रोक नहीं सकता। _इसे वाट्सएप और सोशल मीडिया के माध्यम से आदिवासी भाई बहनोंं, मित्रों और सगे-संबंधियों के पास ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि यह संदेश हर आदिवासी तक पहुंच जा॒ए।_
Please read this carefully *आदिवासी अपनी सोच का दायरा बढ़ाएँ!* आदिवासियों के पास सोशल मीडिया में कई बड़े बड़े आदिवासी ग्रूप है, लेकिन आदिवासी युवा लड़के लड़कियों a की सक्रियता शुन्य दिखाई देती है। बस माँ-बाप को आरक्षण से मिले नौकरी या आरक्षण से अपनी नौकरी के वजह से रहिस बन जाते हैं। केवल माॅल घूमना, मस्ती करना, फैशन करना और फेसबुक में लड़कियों की दो-तीन फोटो डालकर पूछना कौन सबसे सुन्दर है उसे लाइक करने कहना, इससे आगे की वे सोच ही नहीं सकते। *क्या मीणा आदिवासियों की तरह हमारे सभी आदिवासी लड़के और लड़कियाँ अच्छी पढ़ाई, प्रशासनिक नौकरी, और जाॅनरल क्लास के लोगों से हर क्षेत्र में टक्कर देने जैसा मेहनत नहीं कर सकते। सरकार और उनकी नीतियों में उच्च वर्गो का कब्जा है इसलिए सरकारी नियुक्तियाँ बंद सा हो गयी है क्योंकि उसमें आरक्षण देना पड़ता है। सरकार निजीकरण और निजी कंपनियों को बढ़ावा दे रहा है जिससे नौकरियों में पूरी तरह से उनका कब्जा हो जाए। प्रमोशन में आरक्षण समाप्ति की ओर है, उच्च शिक्षा में आदिवासियों को मेरिट में टाॅपर होने पर भी उसमें स्थान नहीं देने का इंतजाम कर लिया गया है। 15% सवर्ण 50.5% नौकरियों में अप्रत्यक्ष तरीके से अपनी आरक्षण रिजर्व करा लिये हैं। सब कुछ अंदर ही अंदर चल रहा है क्योंकि सरकार, मंत्रालय, मंत्री, विधायक, सांसद, दफ्तर, संस्थान, विश्वविद्यालय, कोर्ट और नीति निर्धारक क्षेत्रों पर उनकाएकाधिकार कायम है।* *आदिवासियों की जमीनें छीन कर बाबाओं और उद्योगपतियों को औने पौने कीमतों या लीज पर बाँटी जा रही है और धीरे से उस पर पूरी कब्जा करा दी जा॒एगी। आदिवासी जमीनों को लूटने के लिए भू-अधिनियमों को संशोधन कर आसान किया जा रहा है। आदिवासी क्षेत्र में माफियाओं और निजी कंपनियों को घुंसाकर खनिजों का दोहन निरंतर जारी है। इसके लिए जंगलों को साफ कर आदिवासियों को खदेड़ा जा रहा है। इसका विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं एव आदिवासी भाई बहनों पर फर्जी इनकाउंटर कराकर हत्या, बलात्कार, अत्याचार जैसे जघन्य अपराध कराकर दमन किया जाता है। छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र इसका सटीक उदाहरण है। भोले भाले आदिवासियों को नक्सली बताकर या उनकी नीतियों का विरोध करने वालों को देशद्रोही करार दिया जाता है। ये सब निरंतर गुपचुप चल रहा है।* *आदिवासियों की एकता, आंदोलन और ताकत को तोड़ने के लि॒ए जाति, धर्म, संप्रदाय और वर्णों में बांटने का तुरुप फेंका जाता है। इसके लिए ऊँगलियों में गिने जा सकने वाले आदिवासियों को पद, नौकरी, विधायक, सांसद और आर्थिक लाभ का लालच देकर उनका इस्तेमाल किया जाता है और हम इन षड्यंत्रों से अनभिज्ञ होकर कठपुतलियों की तरह नाचना शुरू कर देते हैं।* जिन आदिवासियों को नौकरी या कोई पद प्रतिष्ठा मिल जाता है और उनकी जिन्दगी थोड़ी शान और शौकत से गुजरने लगती है, वे दुनियाँ का सबसे बडा रहिस बन जाता है, उन्हें आदिवासी समाज और समस्याओं से कोई लेना देना नहीं रह जाता। अपनी सुख और समृद्धि में लीन अपने परिवार तक सीमित रह जाते हैं। वे आदिवासी होकर भी आदिवासी कहलाना नहीं चाहते। वे यह भूल जाते हैं कि उनकी इस सुख और समृद्धि में आदिवासी हक और आरक्षण का बहुत बड़ा योगदान होता है। क्या उनका आदिवासी समाज के लिए कोई फर्ज नहीं बनता। आदिवासी लोग कब तक योंहीं पड़े रहेंगे। सीमित दायरे से ऊपर उठने की सोच कब बदलेंगे। वक्त की पुकार है अब भी नहीं बदले तो आदिवासियों का अस्तित्व खत्म होने से कोई रोक नहीं सकता। _इसे वाट्सएप और सोशल मीडिया के माध्यम से आदिवासी भाई बहनोंं, मित्रों और सगे-संबंधियों के पास ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि यह संदेश हर आदिवासी तक पहुंच जा॒ए।_
sir plz mujhe comments pe btaiye.. or mujhe Ye v btaiye ki M. com ke exam ke liye kya entrance exam Dena jruri hote h kya.. bcs mujhe Xavier college ranchi pe admission lene h esliye.. plz.. btaiye
Silly piece of a shit we have a lot of world class composers and singers so please don't bark just because you don't understand Hindi 😂. Sucker. Go ask your momma some milk...😂
Ha..ha...so funny...all those adivasi student hip- hop dancers think they are so cool while they are trying to copy "step up to the streets"....but I'm damn sure...academically they are ....you know the answer....ha..ha...
Wow colg life soo enjoy hota h yrrrr👌👌👌
Such memorable days..❤️
👍💟💞💕💖💚💛💓💋❤💙💋💋💋💋❤💓💔💘💝💟💞💕💖💚💛🍎🍎🍎🍇🍒🍓🍍🍓🍒🍓🌴🍀🌹🌸🌷🍁🌼🌻🌺🍂☀nice festavel.
Deepak Munda
Please read this carefully
*आदिवासी अपनी सोच का दायरा बढ़ाएँ!*
आदिवासियों के पास सोशल मीडिया में कई बड़े बड़े आदिवासी ग्रूप है, लेकिन आदिवासी युवा लड़के लड़कियों a की सक्रियता शुन्य दिखाई देती है। बस माँ-बाप को आरक्षण से मिले नौकरी या आरक्षण से अपनी नौकरी के वजह से रहिस बन जाते हैं। केवल माॅल घूमना, मस्ती करना, फैशन करना और फेसबुक में लड़कियों की दो-तीन फोटो डालकर पूछना कौन सबसे सुन्दर है उसे लाइक करने कहना, इससे आगे की वे सोच ही नहीं सकते।
*क्या मीणा आदिवासियों की तरह हमारे सभी आदिवासी लड़के और लड़कियाँ अच्छी पढ़ाई, प्रशासनिक नौकरी, और जाॅनरल क्लास के लोगों से हर क्षेत्र में टक्कर देने जैसा मेहनत नहीं कर सकते। सरकार और उनकी नीतियों में उच्च वर्गो का कब्जा है इसलिए सरकारी नियुक्तियाँ बंद सा हो गयी है क्योंकि उसमें आरक्षण देना पड़ता है। सरकार निजीकरण और निजी कंपनियों को बढ़ावा दे रहा है जिससे नौकरियों में पूरी तरह से उनका कब्जा हो जाए। प्रमोशन में आरक्षण समाप्ति की ओर है, उच्च शिक्षा में आदिवासियों को मेरिट में टाॅपर होने पर भी उसमें स्थान नहीं देने का इंतजाम कर लिया गया है। 15% सवर्ण 50.5% नौकरियों में अप्रत्यक्ष तरीके से अपनी आरक्षण रिजर्व करा लिये हैं। सब कुछ अंदर ही अंदर चल रहा है क्योंकि सरकार, मंत्रालय, मंत्री, विधायक, सांसद, दफ्तर, संस्थान, विश्वविद्यालय, कोर्ट और नीति निर्धारक क्षेत्रों पर उनकाएकाधिकार कायम है।*
*आदिवासियों की जमीनें छीन कर बाबाओं और उद्योगपतियों को औने पौने कीमतों या लीज पर बाँटी जा रही है और धीरे से उस पर पूरी कब्जा करा दी जा॒एगी। आदिवासी जमीनों को लूटने के लिए भू-अधिनियमों को संशोधन कर आसान किया जा रहा है। आदिवासी क्षेत्र में माफियाओं और निजी कंपनियों को घुंसाकर खनिजों का दोहन निरंतर जारी है। इसके लिए जंगलों को साफ कर आदिवासियों को खदेड़ा जा रहा है। इसका विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं एव आदिवासी भाई बहनों पर फर्जी इनकाउंटर कराकर हत्या, बलात्कार, अत्याचार जैसे जघन्य अपराध कराकर दमन किया जाता है। छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र इसका सटीक उदाहरण है। भोले भाले आदिवासियों को नक्सली बताकर या उनकी नीतियों का विरोध करने वालों को देशद्रोही करार दिया जाता है। ये सब निरंतर गुपचुप चल रहा है।*
*आदिवासियों की एकता, आंदोलन और ताकत को तोड़ने के लि॒ए जाति, धर्म, संप्रदाय और वर्णों में बांटने का तुरुप फेंका जाता है। इसके लिए ऊँगलियों में गिने जा सकने वाले आदिवासियों को पद, नौकरी, विधायक, सांसद और आर्थिक लाभ का लालच देकर उनका इस्तेमाल किया जाता है और हम इन षड्यंत्रों से अनभिज्ञ होकर कठपुतलियों की तरह नाचना शुरू कर देते हैं।*
जिन आदिवासियों को नौकरी या कोई पद प्रतिष्ठा मिल जाता है और उनकी जिन्दगी थोड़ी शान और शौकत से गुजरने लगती है, वे दुनियाँ का सबसे बडा रहिस बन जाता है, उन्हें आदिवासी समाज और समस्याओं से कोई लेना देना नहीं रह जाता। अपनी सुख और समृद्धि में लीन अपने परिवार तक सीमित रह जाते हैं। वे आदिवासी होकर भी आदिवासी कहलाना नहीं चाहते। वे यह भूल जाते हैं कि उनकी इस सुख और समृद्धि में आदिवासी हक और आरक्षण का बहुत बड़ा योगदान होता है। क्या उनका आदिवासी समाज के लिए कोई फर्ज नहीं बनता।
आदिवासी लोग कब तक योंहीं पड़े रहेंगे। सीमित दायरे से ऊपर उठने की सोच कब बदलेंगे। वक्त की पुकार है अब भी नहीं बदले तो आदिवासियों का अस्तित्व खत्म होने से कोई रोक नहीं सकता।
_इसे वाट्सएप और सोशल मीडिया के माध्यम से आदिवासी भाई बहनोंं, मित्रों और सगे-संबंधियों के पास ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि यह संदेश हर आदिवासी तक पहुंच जा॒ए।_
Wow Mast Editing nd making remind my College day... 😊👍
Amit Raaz thank you brother & do subscribe our channel
AIRCRAFT PRODUCTION already done 😊
Sir st. Xavier ranchi me intermediate me admission ke liye 10th board me Kitna marks chahiye.
lovely..!! Missing That place..
Himanshu Films hey can u plz tell how many percentage are required in 12th to take admission in this college...????
Awesome cllg life
nice dear I m form tamil nadu
This is actually a good video
Nice video I likeit
1st song was fingertips nd 2nd song name plz......
vicky keshri check ncs
Bhai i"ll check alll the song of ncs but i cant find...plz tell me exact name of song
vicky keshri th-cam.com/video/KCpQBB22Xwc/w-d-xo.html
Thanks bhai..........
Awesome!
BG music link de do bhai
Ncs
Mann seriously you got some skills
shashank shekhar thanks brother
What an awesome video dude..loved it😎😘
Sanjay Murmu thanxx
Please read this carefully
*आदिवासी अपनी सोच का दायरा बढ़ाएँ!*
आदिवासियों के पास सोशल मीडिया में कई बड़े बड़े आदिवासी ग्रूप है, लेकिन आदिवासी युवा लड़के लड़कियों a की सक्रियता शुन्य दिखाई देती है। बस माँ-बाप को आरक्षण से मिले नौकरी या आरक्षण से अपनी नौकरी के वजह से रहिस बन जाते हैं। केवल माॅल घूमना, मस्ती करना, फैशन करना और फेसबुक में लड़कियों की दो-तीन फोटो डालकर पूछना कौन सबसे सुन्दर है उसे लाइक करने कहना, इससे आगे की वे सोच ही नहीं सकते।
*क्या मीणा आदिवासियों की तरह हमारे सभी आदिवासी लड़के और लड़कियाँ अच्छी पढ़ाई, प्रशासनिक नौकरी, और जाॅनरल क्लास के लोगों से हर क्षेत्र में टक्कर देने जैसा मेहनत नहीं कर सकते। सरकार और उनकी नीतियों में उच्च वर्गो का कब्जा है इसलिए सरकारी नियुक्तियाँ बंद सा हो गयी है क्योंकि उसमें आरक्षण देना पड़ता है। सरकार निजीकरण और निजी कंपनियों को बढ़ावा दे रहा है जिससे नौकरियों में पूरी तरह से उनका कब्जा हो जाए। प्रमोशन में आरक्षण समाप्ति की ओर है, उच्च शिक्षा में आदिवासियों को मेरिट में टाॅपर होने पर भी उसमें स्थान नहीं देने का इंतजाम कर लिया गया है। 15% सवर्ण 50.5% नौकरियों में अप्रत्यक्ष तरीके से अपनी आरक्षण रिजर्व करा लिये हैं। सब कुछ अंदर ही अंदर चल रहा है क्योंकि सरकार, मंत्रालय, मंत्री, विधायक, सांसद, दफ्तर, संस्थान, विश्वविद्यालय, कोर्ट और नीति निर्धारक क्षेत्रों पर उनकाएकाधिकार कायम है।*
*आदिवासियों की जमीनें छीन कर बाबाओं और उद्योगपतियों को औने पौने कीमतों या लीज पर बाँटी जा रही है और धीरे से उस पर पूरी कब्जा करा दी जा॒एगी। आदिवासी जमीनों को लूटने के लिए भू-अधिनियमों को संशोधन कर आसान किया जा रहा है। आदिवासी क्षेत्र में माफियाओं और निजी कंपनियों को घुंसाकर खनिजों का दोहन निरंतर जारी है। इसके लिए जंगलों को साफ कर आदिवासियों को खदेड़ा जा रहा है। इसका विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं एव आदिवासी भाई बहनों पर फर्जी इनकाउंटर कराकर हत्या, बलात्कार, अत्याचार जैसे जघन्य अपराध कराकर दमन किया जाता है। छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र इसका सटीक उदाहरण है। भोले भाले आदिवासियों को नक्सली बताकर या उनकी नीतियों का विरोध करने वालों को देशद्रोही करार दिया जाता है। ये सब निरंतर गुपचुप चल रहा है।*
*आदिवासियों की एकता, आंदोलन और ताकत को तोड़ने के लि॒ए जाति, धर्म, संप्रदाय और वर्णों में बांटने का तुरुप फेंका जाता है। इसके लिए ऊँगलियों में गिने जा सकने वाले आदिवासियों को पद, नौकरी, विधायक, सांसद और आर्थिक लाभ का लालच देकर उनका इस्तेमाल किया जाता है और हम इन षड्यंत्रों से अनभिज्ञ होकर कठपुतलियों की तरह नाचना शुरू कर देते हैं।*
जिन आदिवासियों को नौकरी या कोई पद प्रतिष्ठा मिल जाता है और उनकी जिन्दगी थोड़ी शान और शौकत से गुजरने लगती है, वे दुनियाँ का सबसे बडा रहिस बन जाता है, उन्हें आदिवासी समाज और समस्याओं से कोई लेना देना नहीं रह जाता। अपनी सुख और समृद्धि में लीन अपने परिवार तक सीमित रह जाते हैं। वे आदिवासी होकर भी आदिवासी कहलाना नहीं चाहते। वे यह भूल जाते हैं कि उनकी इस सुख और समृद्धि में आदिवासी हक और आरक्षण का बहुत बड़ा योगदान होता है। क्या उनका आदिवासी समाज के लिए कोई फर्ज नहीं बनता।
आदिवासी लोग कब तक योंहीं पड़े रहेंगे। सीमित दायरे से ऊपर उठने की सोच कब बदलेंगे। वक्त की पुकार है अब भी नहीं बदले तो आदिवासियों का अस्तित्व खत्म होने से कोई रोक नहीं सकता।
_इसे वाट्सएप और सोशल मीडिया के माध्यम से आदिवासी भाई बहनोंं, मित्रों और सगे-संबंधियों के पास ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि यह संदेश हर आदिवासी तक पहुंच जा॒ए।_
Missing mah college
sir.. plz mujhe M. com ke bare btaw.. mujhe samjh nai aa rhi...
Pushpa Kumari check www.sxcran.org/
sir plz mujhe comments pe btaiye.. or mujhe Ye v btaiye ki M. com ke exam ke liye kya entrance exam Dena jruri hote h kya.. bcs mujhe Xavier college ranchi pe admission lene h esliye.. plz.. btaiye
AIRCRAFT PRODUCTION
Next time shoot on ARRI ALEXA XT digital cinema camera... Videos goes on like a movie feature..
Nice video h
Major missing
waaaaawww my college
KANCHAN MALA DUNGDUNG can u help me for admission in this college
🙌🙌🙌🙌
hey friends koi mujhe is college k bare me btayega plzzz😞😞
Nice
😍😍
Yupp bro
Missing 😔
Osm
ICSE board or CBSE
Jac
Sahi h
Bhai aur aise vides bano😊😊😊😀
Xavier sai sai pass out 🎂
Indian bands are funny as hell
rock and metal so go fuck yaself. Listen to sanam you dumbo
Satyanshu Shubham who TF is this *Sanam* curry
Silly piece of a shit we have a lot of world class composers and singers so please don't bark just because you don't understand Hindi 😂. Sucker. Go ask your momma some milk...😂
Satyanshu Shubham ahh any billboard record
Satyanshu Shubham or platinum,gold....SMH Damm forget about gold you shit eater will not even deserve silver ..
Ha..ha...so funny...all those adivasi student hip- hop dancers think they are so cool while they are trying to copy "step up to the streets"....but I'm damn sure...academically they are ....you know the answer....ha..ha...
Maja Nhi aaya