आजकल के वातावरण से प्रभावित , बच्चो की मानसिकता को केसे बदले , जबकि आजकल बच्चे माता पिता की कोई बात सुनना ही नहीं चाहते , केवल अपने ही मन की करना चाहते है ..🙏
कर्म प्रधान विश्व कर राखा : तस कर करम जस फल चारवा! कर्म अच्छे हैं तो जन्म मरन सब कुछ ठीक हो जाता है और कर्म बुरे तो आगे पीछा सव बेकार है! जै जै श्री सीता राम गुरु जी!
आचार्य जी , प्रश्न और समस्या यह है कि मैं एक अर्यसमाज परिवार में जन्मी व संस्कृत कन्या थी जिसका विवाह एक आजकलकि साधारण परिवार में हुआ . , इससे मैं अपने ज्ञान व संस्कार , अपनी वैदिक संस्कृति, अपने baccho को नहीं सिखा पा रही . , प्रयास मेरे लगातार जारी है और माँ इसके लिये bohot संघर्ष भी कर रही हूँ .. लेकिन क्यूकी पति कि विचारों में भेद है इसलिये समस्याएँ बहुत आ रही है कृपया , आजकल कि एसे परिवारों में रहते हुए , कैसे अपनों बच्चो को वैदिक जीवन की ओर प्रेरित किया जाये और आने वाली पीढ़ी में वैदिक जीवन का प्रवाह किया जाये कृपया , मार्गदर्शन कीजिए 🙏💐
Aacharya ji 🙏 , kotishah naman , dhanyawad aapko …. Jo aap itna mhaan kary kar rhe hai … hmari vaidik sanskriti ko jivit rakhane ka or use age badhane ka …. Swami ji , ek bohot mahatvapurn prashn tha jiske bare me slah lene hetu apka contact no ya address dhundh rhi thi m , lekin kisi video me aapka parichay nhi mila Kya ye sambhav hai ki hum aapse mil ske or apne jeevan ki kuch aham problems k bare me jankari le ske … apse …kripaya jwab de … 🙏
नमस्कार आचार्य आचार्य जी में यह जानना चाहती हूं कि किसी व्यक्ति की मृत्यु तो बड़े ही सरल तरीके से हो जाती है जैसे की कोई बैठा बैठा ही मर जाता है कोई सोते सोते हुए ही मर जाता है लेकिन कुछ व्यक्ति बहुत ही कष्ट पीड़ा का अनुभव करते हुए मरते हैं तो यह कैसे पता चलता है कि यह उनकी मृत्यु का अंत कैसे होना था या फिर उसने कैसे कर्म किए थे किस आधार पर हम मतलब यह निश्चित करते हैं ।
आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏🙏 बहुत बहुत अच्छी जानकारी दी आप ने लेकिन क्या इन सभी मित्रों दोस्तों परिवार की रूढ़ वादी विचार धारा रखने वाले लोगों को समझा में आया सोचने वाली बात यह है कि जब किसी बहन या बहू के पुत्री की जन्म होने पर महिला को ही दोषी करार क्यों देते हैं जब की उसका कोई दोष नहीं होता?
तो कर्म फल कौन भोगता है और किस आधार पे , क्या आप पुनर्जन्म को मानते है ? यदि हाँ तो किस आधार पे जन्म मिलता है यदि हम कोई कर्म नहीं करते सब करवाया जाता है ? फल कर्म के कर्ता को ही मिलता है साधन को नहीं , इस संसार में भी देखा गया है कि जल्लाद मारने के बाद भी दोषी नहीं माना जाता क्योंकि वो मात्र आदेश का पालन करता है।
@@gyansaxena4030 jese jallad aapko fansi deta hai lakin vo kuch bhi karm aap nahi karta hai usse bhi koi karwata hai jab aapki age 70 ke kreeb hogi tabaapko esa lagega ki mene jindgi me kuch bhi nahi kiya sab apne aap hua sirf mera naam laga mera ek parshan hai aakash Kahan hai ya to antrix hai ya to brahmund hai akash Kahan hai
@@gyansaxena4030 na to raat ko na hi din me aap apne bicharo ko aane se rok kar dekhia ye nahi rukege ye automatik parkria hai aap apni sanso ko rokiye rat ko aap so jate hai fir sawas kon leta hai ye automatik hai na aap khana band kar sakte hai na sona aur nahi aap nikalana band kar sakte hai ye bhi apne aap ki parkriya hai
@@gyansaxena4030 aapko pura gayan hai lakin aap fir bhi rozana galat kaam karte hai jiska aapko bad me ehsas ho jata hai ki ye mene galat kiya ye bhi automatik hai
वह जी वह ये तर्क तो आपने अच्छा दिया है , किंतु ये बालकपन सा तर्क है। अब कहिए यदि कोई आपके घर आके अपना सर तोड़ दे या आपका सामान चुरा ले जाए तो उसका प्रतिकार ना करना , ना ही उसकी पुलिस में शिकायत करना क्योंकि ये तो उसने किया ही नहीं हम कोई भी कर्म स्वयं नहीं करते सब हमसे करवाय जाते हैं , ये जगत में जीतने भी पुलिस थाने और न्यायालय हैं सब व्यर्थ में बने हैं। जीतने चोर , डाकू , बलात्कारी व हत्यारे हैं सब निर्दोष हैं क्योंकि जो भी वह करते हैं सब वो स्वयं नहीं कर सकते क्योंकि जैसे अपने मन से वो सांस लेना नहीं रोक सकते वैसे ही किसी की हत्या या बलात्कार करने से भी स्वयं को नहीं रोक सकते। ध्यान हैं प्रभु आप 🙏🏼🙏🏼
आचार्य जी मनु maharaj ko kaise pata chala ki kis satgun rajogun aur tamogun ke karan kainsa janm milta hai unki bat par kaise bharosa kaise kare unki bat ko mane iska aadhar kya hai kaise mane unki bat sahi yeh झूठ bhee ho sakti hai dhanybad ji
Pranam guruji .Bhagvan shabd par mujhe gyat he ki Jo manushya apne jivan me lagatar shresht karm karatahe uske Nam ke aage BHAGVAN likha ya kaha jata he jaise Bhagvankrisna bhagvan Ram is par aap ki kya ray he batane ki kripa kare
@prakashsonar1667 Ji - भज सेवायाम धातु से भग और इससे मतुप् करने से भगवान शब्द बनता है। जो समग्र ऐश्वर्य से युक्त हो या भजने के योग्य हो वह भगवान कहलाता है 🙏🏼
कृपया ये बताने की यह कष्ट कीजिए कि सौ दो सौ साल पहले जनसंख्या बहुत काम थी। जिस जगह पर लाखो थे अब उसी जगह पर करोड़ कैसे हो गए जबकि मानव समाज में पहले से बहुत अधिक पाप हो रहा है। क्या मै ये मान लूँ की जितने जानुआर , पंक्षी, मछली, मच्छर आदि को मारे जाते हैं वह सब के सब मनुष्य योनि प्राप्त कर लेते हैं।
Sabse phle jab paramaatma n srishti ki hogi tab kise 84 m diya hoga or agr karmo k aadahr pr 84 m jata hai to ye khel paramaatma n kiya hi kyu iska uttar de or sath m ye bhi bataye ki paravani ko utapann kisne kiya
सबसे पहले जब सृष्टि बनी तो उसके पहले वाली श्रीष्टि के आधार पे दिया , प्राणी अर्थात् जीव को किसी ने नहीं बनाया वह अनादि है , तीन तत्व अनादि है , ईश्वर जीव और मूल प्रकृति।
84 में जाता है , ये प्रश्न शायद आप कहना चाहती हो की 84 योनियों में जाता है ? 84 लाख योनियों का कोई प्रमाण नहीं है हाँ असंख्य विभिन्न योनियाँ हैं । यह खेल (व्यवस्था ) इसलिए करी की जो निकृष्ट पापी जीवात्मा हो उसको सजा के रूप में ऐसे योनियों में डाल के आगे के पाप रूपी कर्म करने से रोकते हैं , तो यह अन्य प्राणियों और us जीव पे ईश्वर का उपकार है। जैसे बहुत ख़ूँख़ार अपराधी को जेल में रखा जाता है।
@@gyansaxena4030 Acha jab paramaatma Or jiv Or prakriti anadi hai to paramaatma n srishti ki hi kyu jab bhi ki shuruaat kari kyo jab jiv vha sant baitha hi tha tab srishti karne ki aavasyaktaa kyu hui srishti kar bhay nindra aahar mathun ye kyu diye tabhi to jiv galt karm kiye n tabhi to 84 ya 84 s jyada yoniya bni jab ab ye mat khiyega ki srishti anadai hai kyu bna kab bnaya ye nhi malum ye answer ho hi nhi sakta
Pls requesting to every muslim should watch this and understand the meaning of human life. Its not to force any religion to others, kill innocent animals. No hure present any where. Hell and Heaven is here and only stable, progressive human life can feel it.
अतिसुन्दर जानकारी केलिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
बहुत अछा परवचन है नमस्तै जी आचार्य जी
glad to listen this updesh or parvachan koti koti pranam
Ram
सुप्रभातम् शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩 कृण्वनतो विश्वार्यम जय आर्यव्रत ।
Very nice and excellent
Pranam Aacharya ji
Ati uttam
प्रणाम आचार्य, हम पिपासु को ऐसी दुर्लभ जानकारियां देकर आप अपने पुण्य अतिशीघ्र गति से बढ़ा रहे हैं। ईश्वर आपको दीर्घायु यश और कीर्ति प्रदान करता रहे 🙏🙏
अच्छा समझाया | खेल का उदहारण अच्छा है |
Jey ho
अच्छाई को स्वर देने का बहुत अच्छा माध्यम है, video share करना...
जैसे ईश्वर की कृपा मुझपर है ही सभी पर बनी रहे... धन्यवाद
🙏
Aacharya ji parnam om shanti
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी 🙏🏻🌹
જયશ્રીગુરુદેવ
Namaste ji
🌹🌹🙏🙏🙏🇮🇳
ओ३म नमस्ते🌹🙏☺️ आचार्य जी। आप धर्म से संबंधित सभी बाते बड़ी सरलता से समझाते हैं आपके कार्य को नमन व साधुवाद🙏😌
😅😅😅😅
Good information thanks..I am waiting for Ved pravachan.Namaste. 🙏
Bahut achha bataya Acharya ji
🙏🏻🙏🏻
❤
nice
आजकल के वातावरण से प्रभावित , बच्चो की मानसिकता को केसे बदले , जबकि आजकल बच्चे माता पिता की कोई बात सुनना ही नहीं चाहते , केवल अपने ही मन की करना चाहते है ..🙏
Pranam guruji 🙏🙏🙏🙏🙏
कर्म प्रधान विश्व कर राखा : तस कर करम जस फल चारवा! कर्म अच्छे हैं तो जन्म मरन सब कुछ ठीक हो जाता है और कर्म बुरे तो आगे पीछा सव बेकार है! जै जै श्री सीता राम गुरु जी!
Om
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🙏
आचार्य जी , प्रश्न और समस्या यह है कि
मैं एक अर्यसमाज परिवार में जन्मी व संस्कृत कन्या थी जिसका विवाह एक आजकलकि साधारण परिवार में हुआ . , इससे मैं अपने ज्ञान व संस्कार , अपनी वैदिक संस्कृति, अपने baccho को नहीं सिखा पा रही . , प्रयास मेरे लगातार जारी है और माँ इसके लिये bohot संघर्ष भी कर रही हूँ .. लेकिन क्यूकी पति कि विचारों में भेद है इसलिये समस्याएँ बहुत आ रही है
कृपया , आजकल कि एसे परिवारों में रहते हुए , कैसे अपनों बच्चो को वैदिक जीवन की ओर प्रेरित किया जाये और आने वाली पीढ़ी में वैदिक जीवन का प्रवाह किया जाये
कृपया , मार्गदर्शन कीजिए 🙏💐
Karm se sab prapt ho jayega manushy ko aur koi kary nahi esliye manushya ko sad karm ko atyadhik mahtv dena chahiye 🌹🙏👌🙏🙏🕉️
गुरू जी नमस्कार
guru ji satiyarth parkash ki book kha se le or original kon si hai margdarshan kijiye..
Aacharya ji 🙏 , kotishah naman , dhanyawad aapko …. Jo aap itna mhaan kary kar rhe hai … hmari vaidik sanskriti ko jivit rakhane ka or use age badhane ka ….
Swami ji , ek bohot mahatvapurn prashn tha jiske bare me slah lene hetu apka contact no ya address dhundh rhi thi m , lekin kisi video me aapka parichay nhi mila
Kya ye sambhav hai ki hum aapse mil ske or apne jeevan ki kuch aham problems k bare me jankari le ske … apse …kripaya jwab de … 🙏
Karam se Shahi jyada hai
नमस्कार आचार्य
आचार्य जी में यह जानना चाहती हूं कि किसी व्यक्ति की मृत्यु तो बड़े ही सरल तरीके से हो जाती है जैसे की कोई बैठा बैठा ही मर जाता है कोई सोते सोते हुए ही मर जाता है लेकिन कुछ व्यक्ति बहुत ही कष्ट पीड़ा का अनुभव करते हुए मरते हैं तो यह कैसे पता चलता है कि यह उनकी मृत्यु का अंत कैसे होना था या फिर उसने कैसे कर्म किए थे किस आधार पर हम मतलब यह निश्चित करते हैं ।
मनुष्य का जन्म। पाना बच्चों का खेल नहीं
आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏🙏 बहुत बहुत अच्छी जानकारी दी आप ने लेकिन क्या इन सभी मित्रों दोस्तों परिवार की रूढ़ वादी विचार धारा रखने वाले लोगों को समझा में आया सोचने वाली बात यह है कि जब किसी बहन या बहू के पुत्री की जन्म होने पर महिला को ही दोषी करार क्यों देते हैं जब की उसका कोई दोष नहीं होता?
Ye kehne ki baat hei...isko proof kaise karey guruji....
कृपा कर ये बताए की किया आत्मा के अंदर लिंग भेद होता है या कर्म के आधार पर होता हे
#मनुष्य_जन्म_का_मुख्य_कार्य
th-cam.com/video/sSIZCZem5gE/w-d-xo.html
Hum kuch bhi nahi karte hai Jo kuch hota hai humse karwaya jata hai
तो कर्म फल कौन भोगता है और किस आधार पे , क्या आप पुनर्जन्म को मानते है ? यदि हाँ तो किस आधार पे जन्म मिलता है यदि हम कोई कर्म नहीं करते सब करवाया जाता है ? फल कर्म के कर्ता को ही मिलता है साधन को नहीं , इस संसार में भी देखा गया है कि जल्लाद मारने के बाद भी दोषी नहीं माना जाता क्योंकि वो मात्र आदेश का पालन करता है।
@@gyansaxena4030 jese jallad aapko fansi deta hai lakin vo kuch bhi karm aap nahi karta hai usse bhi koi karwata hai jab aapki age 70 ke kreeb hogi tabaapko esa lagega ki mene jindgi me kuch bhi nahi kiya sab apne aap hua sirf mera naam laga mera ek parshan hai aakash Kahan hai ya to antrix hai ya to brahmund hai akash Kahan hai
@@gyansaxena4030 na to raat ko na hi din me aap apne bicharo ko aane se rok kar dekhia ye nahi rukege ye automatik parkria hai aap apni sanso ko rokiye rat ko aap so jate hai fir sawas kon leta hai ye automatik hai na aap khana band kar sakte hai na sona aur nahi aap nikalana band kar sakte hai ye bhi apne aap ki parkriya hai
@@gyansaxena4030 aapko pura gayan hai lakin aap fir bhi rozana galat kaam karte hai jiska aapko bad me ehsas ho jata hai ki ye mene galat kiya ye bhi automatik hai
वह जी वह ये तर्क तो आपने अच्छा दिया है , किंतु ये बालकपन सा तर्क है। अब कहिए यदि कोई आपके घर आके अपना सर तोड़ दे या आपका सामान चुरा ले जाए तो उसका प्रतिकार ना करना , ना ही उसकी पुलिस में शिकायत करना क्योंकि ये तो उसने किया ही नहीं हम कोई भी कर्म स्वयं नहीं करते सब हमसे करवाय जाते हैं , ये जगत में जीतने भी पुलिस थाने और न्यायालय हैं सब व्यर्थ में बने हैं। जीतने चोर , डाकू , बलात्कारी व हत्यारे हैं सब निर्दोष हैं क्योंकि जो भी वह करते हैं सब वो स्वयं नहीं कर सकते क्योंकि जैसे अपने मन से वो सांस लेना नहीं रोक सकते वैसे ही किसी की हत्या या बलात्कार करने से भी स्वयं को नहीं रोक सकते। ध्यान हैं प्रभु आप 🙏🏼🙏🏼
आचार्य जी मनु maharaj ko kaise pata chala ki kis satgun rajogun aur tamogun ke karan kainsa janm milta hai unki bat par kaise bharosa kaise kare unki bat ko mane iska aadhar kya hai kaise mane unki bat sahi yeh झूठ bhee ho sakti hai dhanybad ji
Aatama sharir me kaha rahati h
Pashuon ke sharir Mai bhi punya bhogte hai.
Pranam guruji .Bhagvan shabd par mujhe gyat he ki Jo manushya apne jivan me lagatar shresht karm karatahe uske Nam ke aage BHAGVAN likha ya kaha jata he jaise Bhagvankrisna bhagvan Ram is par aap ki kya ray he batane ki kripa kare
@prakashsonar1667 Ji - भज सेवायाम धातु से भग और इससे मतुप् करने से भगवान शब्द बनता है। जो समग्र ऐश्वर्य से युक्त हो या भजने के योग्य हो वह भगवान कहलाता है 🙏🏼
Ye book Magani h Bhaiya hears pta h Moroli kalan jeela bharatpur
कृपया ये बताने की यह कष्ट कीजिए कि सौ दो सौ साल पहले जनसंख्या बहुत काम थी। जिस जगह पर लाखो थे अब उसी जगह पर करोड़ कैसे हो गए जबकि मानव समाज में पहले से बहुत अधिक पाप हो रहा है। क्या मै ये मान लूँ की जितने जानुआर , पंक्षी, मछली, मच्छर आदि को मारे जाते हैं वह सब के सब मनुष्य योनि प्राप्त कर लेते हैं।
Sabse phle jab paramaatma n srishti ki hogi tab kise 84 m diya hoga or agr karmo k aadahr pr 84 m jata hai to ye khel paramaatma n kiya hi kyu iska uttar de or sath m ye bhi bataye ki paravani ko utapann kisne kiya
सबसे पहले जब सृष्टि बनी तो उसके पहले वाली श्रीष्टि के आधार पे दिया , प्राणी अर्थात् जीव को किसी ने नहीं बनाया वह अनादि है , तीन तत्व अनादि है , ईश्वर जीव और मूल प्रकृति।
84 में जाता है , ये प्रश्न शायद आप कहना चाहती हो की 84 योनियों में जाता है ? 84 लाख योनियों का कोई प्रमाण नहीं है हाँ असंख्य विभिन्न योनियाँ हैं । यह खेल (व्यवस्था ) इसलिए करी की जो निकृष्ट पापी जीवात्मा हो उसको सजा के रूप में ऐसे योनियों में डाल के आगे के पाप रूपी कर्म करने से रोकते हैं , तो यह अन्य प्राणियों और us जीव पे ईश्वर का उपकार है। जैसे बहुत ख़ूँख़ार अपराधी को जेल में रखा जाता है।
@@gyansaxena4030 Acha jab paramaatma Or jiv Or prakriti anadi hai to paramaatma n srishti ki hi kyu jab bhi ki shuruaat kari kyo jab jiv vha sant baitha hi tha tab srishti karne ki aavasyaktaa kyu hui srishti kar bhay nindra aahar mathun ye kyu diye tabhi to jiv galt karm kiye n tabhi to 84 ya 84 s jyada yoniya bni jab ab ye mat khiyega ki srishti anadai hai kyu bna kab bnaya ye nhi malum ye answer ho hi nhi sakta
@@sunidhipathak2003satyarth pirkash ko pado uttar diya hai usme chapter 7 में
@@umashanker8 padh liya bhai maine fir bhi santushti bala uttar hai hi nhi jis bishay ko nhi jan sakte ham use anadi kha dete ye to galt hai na
Pls requesting to every muslim should watch this and understand the meaning of human life.
Its not to force any religion to others, kill innocent animals. No hure present any where. Hell and Heaven is here and only stable, progressive human life can feel it.
Ram
🙏🕉🙏
Namaste ji 🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Om
🙏🙏