Man Budhi Chitta Ahankar Mein Nahihun |
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- เผยแพร่เมื่อ 13 พ.ค. 2024
- इस वीडियो में निर्वाण षट्कम कि प्रथम स्लोक् को गहराई से व्याख्या करतेहुए आत्मा तत्वा केबारेमें , आपकी सत्य स्वरूपकी बारेमे समझायागया हैं | यह वीडियो बड़ी गहरी ज्ञान हैं |
हरिओम ,
प्रत्येक शरीर में विद्यमान वह एक,आत्म रूपी परम ब्रह्म को, मैं हृदय की गहराइयों से नतमस्तक होकर प्रणाम करता हूं | आज की इस आधुनिक युग में, मनुष्य एक ऐसी स्थिति में आकर पहुंचा है, मनुष्य अपराविद्या रूपकभौतिक विद्या को तो अध्ययन करता हैं ,परंतु परा विद्या रूपक ब्रह्म विद्या को हम सब अनदेखा करते हुए , स्वयं के सत्य को भूल चुके हैं | स्वयं के आत्म तत्व को पहचानते नहीं है | आत्म रूपी में अजर,अमर, असीम,अविनाशी होने के बावजूद , स्वयं के ज्ञान के अभाव से स्वयं को यह सीमित शरीर मानकर, मन मानकर, मेरे अंदर की खुद के असीम सत्ता को ना पहचानते हुए, इंद्रिय , मन मेरे नियंत्रण में होना चाहिए | परंतु में इंद्रियों की , मनकी वश में होकर, मैं स्वयं सुख के सागर होने के बावजूद, सुख को भौतिक वस्तु पदार्थ में बाहर ढूंढते हुए , सुख के लालसा में पंचभूतों को दूषित कर रखाहु | मानव रूपी मुझ मेंही माधव होने के बावजूद , स्वयं के ज्ञान के अभाव से मानव दानव बनते जा रहा है | इस चैनल के माध्यम से आप आपकेआत्म तत्व को समझ सकते हैं , स्वयं की सत्य को आविष्कार कर सकते हैं | साधना, स्व अध्याय ,धारणा ,ध्यान ,समाधि , शास्त्र ज्ञान ,ब्रह्म ज्ञान , को समझते हुए , शरीर को आरोग्य रख पाएंगे ,मन को शांत, स्थिर रखपाएंगे मन के सच्चे शांति को अनुभव कर पाएंगे, और अंत मेंआत्म साक्षात कर पाएंगे , मुक्ति, मोक्ष, निर्वाण , प्राप्त करते हुए मनुष्य जीवन को धन्य कर पाएंगे |
इस चैनल के माध्यम से निम्नलिखित विषयकी चर्चा किया जाएगा :----
(1) आत्मज्ञान अथवा ब्रह्म ज्ञान |
(2) स्व अध्याय |
(3) उपनिषद चर्चा |
(4) साधनाए जैसेकि - साधन चतुष्टाय, अष्टांग योग
(5) योगसूत्र , ब्रह्मसूत्र , भगवत गीता , शंकर भाष्य ,प्रकरण ग्रंथ,
इत्यादि अमूल्य चाचा को करते हुए मोक्ष प्राप्त करने की मुक्ति प्राप्त करने की प्रयास करेंगे
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▶ Music credit to: TH-cam music Library
▶ Background videos: Pixabay.com
इस विडोको जोभी एकाग्र मनसे देखेंगे निश्चय बहुतकुछ सिखपाएँगे , अनंत कोटि प्रणाम गुरूजी | आपजैसे शरीरहि भारतकी गरिमाको सन्मानको उच्च करके सारा विश्वमे प्रसिद्ध कर रखे हैं | आप भारत की सिरोमणि है | 🤎🤎🤎🙏🙏☝☝☝☝☝🙏🙏🙏🙏🙏
Bahot Bahot dhanyawad ji , Pranam.
Pranam Gurudev 🙏 ap bohot gahari bat ko prachar kar rahe ho
Dhanyawad ji Pranam,