इसी प्रकार वीडियो के निरंतर निर्माण हेतु अनेक प्रसाधनों की आवश्यकता होती है। जिस हेतु आप चाहें तो निम्न प्रकल्प से हमारी टीम का सहयोग भी कर सकते हैं। 💸 DONATION PAGE - aacharyashri.in/donate/
हमारे यहां दक्षिण भारत महाराष्ट्र में और बाकी दक्षिण भारत में भी दिन में ही विवाह होता है दोपहर के 12:00 के समय ही सबके विवाह होते हैं रात्रि में केवल रिसेप्शन वगैरा रखते हैं बाकी वैदिक विवाह दोपहर कोही हो जाता है
Dakshin bharat k sabhi Shadiya subha k samaya hi hote hai. Hamne thoda iske bare me thode logo se pucha toh weh bataye ki Dakshik k sabhi log Shadi subah hi karte hai koi bhi varna wale ho
Pranaam Acharya 🙏 Saptdweepo wali Prithvi ki vartmaan sthiti ko lekar bhot logo ko sanshay hai kyuki Voh sapt dweep aur sapt padartho ke vibhinn samudra aaj ke yug me drishya nhi hai Yadi aapki ruchi ho toh Shaastra pramaan ya kisi saadhna ke dwaara kisi Mahatma ne unki vartmaan sthiti gyaat ki ho toh ispar ek video banane ki kripa kare Narayan 🙏
इस विषय में पहले ही एक वीडियो में चर्चा हो चुकी है। हालाकि वह वीडियो इसी विषय को समर्पित न था। बस इतना जानिये कि जम्बूद्वीप तथा क्षारसमुद्र के अतिरिक्त समुद्र तथा द्वीप कलयुग में विश्वकर्मा के यंत्र के कारण गुप्त हैं। ये वर्णन भविष्यपुराण में है। जम्बूद्वीप भी पूरा दृश्य नहीं है। वीडियो बनाने का प्रयत्न करेंगे। तदपि, अपने प्रश्नों पर वीडियो बनवाने हेतु चैनल को Join करें ताकि लोकहित भी हो तथा हमारा सहयोग भी। whatsapp.com/channel/0029Va6ABay77qVOD9UEDN11
@@Kaushalendrakrishna Dhanyavaad Acharya Ji, ye jaankari praapt karke bhot prasannata hui. 😃 Maine aapka whatsApp channel pehle se hi join kar liya hai. Narayan 🙏
महाराज जी हमारा जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ है, प्रश्न: अगर माता पिता की गोत्र अलग अलग हो (माता गोत्र - पराशर, पिता गोत्र - वशिष्ठ) परंतु 3 प्रवर समान हो तो क्या इस विवाह में सगोत्र विवाह का ही दोष लगेगा और हमारा वर्ण चांडाल होगा? महाराज जी समस्या का समाधान कर देने की कृपा कर दीजिए🙏🏻
हमारा तो गोविल गृहसूत्र है , लेकिन हमारे यहाँ तो समस्त कर्मकाण्डिया पुरोहित जो विवाह करवाते है वह सभी का विवाह एक ही पाराष्कार गृहसूत्र से ही करवा देते है , कोई भी कोई भी विवाह पूर्व अपने गृह सूत्र का विचार नहीं करते और अनेकों ब्राह्मणों को तो अपना गृहसूत्र पता भी नहीं है ।इस परिस्थिति में अन्य गृह्यसूत्रों से करवाया गया विवाह क्या धर्म के दृष्टि में मान्य होगा ? क्या इस प्रकार के विवाह से उत्पन्न संतान में अपने कुल की द्विजात्व की प्रतिष्ठा होगी या फिर यह वैविचार से उत्पन्न संतान कहलाएगी ? अधिकांश ब्राह्मणों में तो एसा ही हो रहा है ।
@Gau_aashrit_kranti achha ap ved ki hatya nahi karte . Are hai to insan hi galati to sabse hote hai . Apse kabhi ved virodh bat nahi Hui hai kya ? Itna hate ki kya jarurat hai ? Apke hisab se videsh kya hai . Purv mein to videsh kuchh aur tha 70 sal pahle pakistan Bangladesh hamare liye videsh nahi tha but ab hai. Aur similarly pahle to pura viswa hindu tha to phir iska sawal Kahan uthta hai. Bah videsh to maja karne chhuti vitane nahi gaye the katha ke liye gaye the . Prachar ke liye gaye the
😊😊 maximum pandit aur Acharya bolte hai ki raat ko vivah nahi karna chahiye....aap sabhi acharya ek saath baith kar aapas me saashtra par bahas kyon nahi karte ki kya sahi h aur kya galat h..... hindu dharam ka majak aap jaiso santo , acharya aur charo sankracharya ne bana rakha h... Itne matbhed ke karan log samajh nahi pate aur dusare gande majhab ko apnate hai.... phele aap jitne pure bharat ke dharm guru aur sankracharya ko ekmat hone ki jarurat hai 😊😊
हिन्दू धर्म का मज़ाक हमने नहीं तुम प्रभृति अपरिपक्व बुद्धिजीवियों ने बनाया है। जो हैं तो बुद्धिजीवी किन्तु तदपि इतना विवेक नहीं कि यदि कोई आचार्य भी कुछ बोले तो बिना शास्त्रप्रमाण के उसके वाक्य अमान्य होते हैं। इस विवेक से हीन मूर्ख ही जाकर दूसरे धर्म को अपनाता है किन्तु सनातन को इससे कोई हानि नहीं। न ही लोग सनातन में आएं, तो उसे लाभ ही है। क्योंकि सनातन लोगों के आश्रित नहीं। अतः, हम तो कहते हैं कि तुम भी शीघ्र अपने इच्छित धर्म में चले जाओ। तुम स्वतंत्र हो। हम फतवा जारी नहीं करेंगे। अधार्मिक लोगों को आचार्य तुम जैसे लोगों ने बनाया है। और तुम कहते हो कि हमारे गुरुजन, शंकराचार्य जाकर उनसे बैठें? यदि तुम लोग न होते तो न कबीरपंथ होता, न गायत्री परिवार न आर्यसमाज। ये सब तुम जैसों के द्वारा घोषित आचार्यों के माध्यम से बना है। तुम लोगों के समर्थन से।
इसी प्रकार वीडियो के निरंतर निर्माण हेतु अनेक प्रसाधनों की आवश्यकता होती है। जिस हेतु आप चाहें तो निम्न प्रकल्प से हमारी टीम का सहयोग भी कर सकते हैं।
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हमारे यहां दक्षिण भारत महाराष्ट्र में और बाकी दक्षिण भारत में भी दिन में ही विवाह होता है दोपहर के 12:00 के समय ही सबके विवाह होते हैं रात्रि में केवल रिसेप्शन वगैरा रखते हैं बाकी वैदिक विवाह दोपहर कोही हो जाता है
हमें इसकी जानकारी नहीं थी। तदपि यदि दिवाविवाह की बाध्यता हो तो ये लोकाचार ही है।
Dakshin bharat k sabhi Shadiya subha k samaya hi hote hai. Hamne thoda iske bare me thode logo se pucha toh weh bataye ki Dakshik k sabhi log Shadi subah hi karte hai koi bhi varna wale ho
कोई समस्या नहीं whatsapp.com/channel/0029Va6ABay77qVOD9UEDN11
हम बंगालियों का तो रात्रि और दिन ( आधा आधा ) दोनों में ही विवाह होता है 😅
Pranaam Acharya 🙏
Saptdweepo wali Prithvi ki vartmaan sthiti ko lekar bhot logo ko sanshay hai kyuki Voh sapt dweep aur sapt padartho ke vibhinn samudra aaj ke yug me drishya nhi hai
Yadi aapki ruchi ho toh Shaastra pramaan ya kisi saadhna ke dwaara kisi Mahatma ne unki vartmaan sthiti gyaat ki ho toh ispar ek video banane ki kripa kare
Narayan 🙏
इस विषय में पहले ही एक वीडियो में चर्चा हो चुकी है। हालाकि वह वीडियो इसी विषय को समर्पित न था। बस इतना जानिये कि जम्बूद्वीप तथा क्षारसमुद्र के अतिरिक्त समुद्र तथा द्वीप कलयुग में विश्वकर्मा के यंत्र के कारण गुप्त हैं। ये वर्णन भविष्यपुराण में है। जम्बूद्वीप भी पूरा दृश्य नहीं है। वीडियो बनाने का प्रयत्न करेंगे। तदपि, अपने प्रश्नों पर वीडियो बनवाने हेतु चैनल को Join करें ताकि लोकहित भी हो तथा हमारा सहयोग भी। whatsapp.com/channel/0029Va6ABay77qVOD9UEDN11
@@Kaushalendrakrishna Dhanyavaad Acharya Ji, ye jaankari praapt karke bhot prasannata hui. 😃
Maine aapka whatsApp channel pehle se hi join kar liya hai.
Narayan 🙏
@@7Anti7Abrahamic और हाँ , पृथिवी और संपूर्ण भूलोक आदि स्थिर ही है 😅
अच्छी व्याख्या
हरि॥ whatsapp.com/channel/0029Va6ABay77qVOD9UEDN11
महाराज जी हमारा जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ है,
प्रश्न: अगर माता पिता की गोत्र अलग अलग हो (माता गोत्र - पराशर, पिता गोत्र - वशिष्ठ)
परंतु 3 प्रवर समान हो तो क्या इस विवाह में सगोत्र विवाह का ही दोष लगेगा और हमारा वर्ण चांडाल होगा?
महाराज जी समस्या का समाधान कर देने की कृपा कर दीजिए🙏🏻
समान प्रवर में भी विवाह निषिद्ध है।
Gobhil grihya sutra ke upar ek video banaye acharya ji 🙏
एक वीडियो में सारी चर्चा संभव नहीं होगी। whatsapp.com/channel/0029Va6ABay77qVOD9UEDN11
🌺🌺🌺🙏🙏🙏
👍🏻
सादर वंदन भैया whatsapp.com/channel/0029Va6ABay77qVOD9UEDN11
हमारा तो गोविल गृहसूत्र है , लेकिन हमारे यहाँ तो समस्त कर्मकाण्डिया पुरोहित जो विवाह करवाते है वह सभी का विवाह एक ही पाराष्कार गृहसूत्र से ही करवा देते है , कोई भी कोई भी विवाह पूर्व अपने गृह सूत्र का विचार नहीं करते और अनेकों ब्राह्मणों को तो अपना गृहसूत्र पता भी नहीं है ।इस परिस्थिति में अन्य गृह्यसूत्रों से करवाया गया विवाह क्या धर्म के दृष्टि में मान्य होगा ? क्या इस प्रकार के विवाह से उत्पन्न संतान में अपने कुल की द्विजात्व की प्रतिष्ठा होगी या फिर यह वैविचार से उत्पन्न संतान कहलाएगी ?
अधिकांश ब्राह्मणों में तो एसा ही हो रहा है ।
अन्य गृह्य केवल स्वगृह्य के सहयोगार्थ ग्राह्य है।
@Kaushalendrakrishna फिर ऐसे विवाहों का फलाफल क्या होगा ? कृपया मेरे ऊपर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दीजिए ।
चंद्र गौत्र भी हैं क्या महाराज जी 🙏
नहीं।
Haa
@RamijRaja-p5t महाराज जी कह रहें हैं नहीं
वे तो स्वयं विदेश यात्रा कर चुके हैं😅
जी। whatsapp.com/channel/0029Va6ABay77qVOD9UEDN11
Achha to videsh gaman na kare to kya ap ved ko jeu ka teu follow karte ho ? Balki ap to 1% bhi vedo ko nahi mante honge .
@@dasoham5 ved ki hatya karke ved ke sar par nachte nahi hain hum kam se kam
@Gau_aashrit_kranti achha ap ved ki hatya nahi karte . Are hai to insan hi galati to sabse hote hai . Apse kabhi ved virodh bat nahi Hui hai kya ? Itna hate ki kya jarurat hai ?
Apke hisab se videsh kya hai . Purv mein to videsh kuchh aur tha 70 sal pahle pakistan Bangladesh hamare liye videsh nahi tha but ab hai. Aur similarly pahle to pura viswa hindu tha to phir iska sawal Kahan uthta hai. Bah videsh to maja karne chhuti vitane nahi gaye the katha ke liye gaye the . Prachar ke liye gaye the
@@dasoham5Pura viswa hindu tha❌
Hindu mai tha
Exactly pura hindu nahi tha
Srimad bhagwat ka adyayan kare 5 skand ka thoda pata chale aapko
😊😊 maximum pandit aur Acharya bolte hai ki raat ko vivah nahi karna chahiye....aap sabhi acharya ek saath baith kar aapas me saashtra par bahas kyon nahi karte ki kya sahi h aur kya galat h..... hindu dharam ka majak aap jaiso santo , acharya aur charo sankracharya ne bana rakha h... Itne matbhed ke karan log samajh nahi pate aur dusare gande majhab ko apnate hai.... phele aap jitne pure bharat ke dharm guru aur sankracharya ko ekmat hone ki jarurat hai 😊😊
हिन्दू धर्म का मज़ाक हमने नहीं तुम प्रभृति अपरिपक्व बुद्धिजीवियों ने बनाया है। जो हैं तो बुद्धिजीवी किन्तु तदपि इतना विवेक नहीं कि यदि कोई आचार्य भी कुछ बोले तो बिना शास्त्रप्रमाण के उसके वाक्य अमान्य होते हैं। इस विवेक से हीन मूर्ख ही जाकर दूसरे धर्म को अपनाता है किन्तु सनातन को इससे कोई हानि नहीं। न ही लोग सनातन में आएं, तो उसे लाभ ही है। क्योंकि सनातन लोगों के आश्रित नहीं। अतः, हम तो कहते हैं कि तुम भी शीघ्र अपने इच्छित धर्म में चले जाओ। तुम स्वतंत्र हो। हम फतवा जारी नहीं करेंगे।
अधार्मिक लोगों को आचार्य तुम जैसे लोगों ने बनाया है। और तुम कहते हो कि हमारे गुरुजन, शंकराचार्य जाकर उनसे बैठें? यदि तुम लोग न होते तो न कबीरपंथ होता, न गायत्री परिवार न आर्यसमाज। ये सब तुम जैसों के द्वारा घोषित आचार्यों के माध्यम से बना है। तुम लोगों के समर्थन से।