अनामी नाम से न्यारा....परा वाणी...स्वर :बाबूलालखुडाणी

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  • เผยแพร่เมื่อ 20 ส.ค. 2024
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ความคิดเห็น • 23

  • @jitendramarmatkabirbhajan8347
    @jitendramarmatkabirbhajan8347 2 ปีที่แล้ว +1

    जय हो संत कबीर साहेब जी की

  • @viswkarmabhajansangrah64
    @viswkarmabhajansangrah64 ปีที่แล้ว +1

    सत साहेब जी 🌹🙏🙏🌹

  • @DineshKumar-pl7jm
    @DineshKumar-pl7jm 5 ปีที่แล้ว +4

    Nice

  • @interestingofficialchenal9808
    @interestingofficialchenal9808 2 ปีที่แล้ว +3

    very good

  • @atrisir8604
    @atrisir8604 หลายเดือนก่อน

    सप्रेम साहेब बंदगी सतनाम

  • @user-db1ni5zw1l
    @user-db1ni5zw1l 3 ปีที่แล้ว +1

    🙏🙏🙏🌹🌹🌹

  • @DineshKumar-pl7jm
    @DineshKumar-pl7jm 5 ปีที่แล้ว +3

    I m hitesh Lahua

  • @shivlalmaidakerwas2231
    @shivlalmaidakerwas2231 3 ปีที่แล้ว +3

    Jay gurudev 🙏🙏

  • @babulalkhudanibhajan
    @babulalkhudanibhajan  ปีที่แล้ว

    परमात्मा कबीर साहब जी की जय

  • @babulalkhudanibhajan
    @babulalkhudanibhajan  ปีที่แล้ว

    जयकबीरपरमेश्वर जयभगवानरविदास

  • @kabirakabiraursatkabir5544
    @kabirakabiraursatkabir5544 11 หลายเดือนก่อน +1

    ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @satyanarayan175
    @satyanarayan175 3 ปีที่แล้ว +3

    Nice ❤️

  • @jagdishprajapat2194
    @jagdishprajapat2194 2 ปีที่แล้ว +2

    यह भजन वापस साफ आवाज में सुनाइये, बड़ी कृपा होगी

    • @babulalkhudanibhajan
      @babulalkhudanibhajan  2 ปีที่แล้ว

      8094793506 is mere WhatsApp pe message kre

    • @jagdishprajapat2194
      @jagdishprajapat2194 2 ปีที่แล้ว +1

      गुरोंसा रिल मिल रेल हलाई भजन पूरा साफ आवाज में सुनाइये

  • @barjorsinghhindu4637
    @barjorsinghhindu4637 18 วันที่ผ่านมา

    आवाज़ साफ नही आई विडियो में

  • @thakurdasmeghwal5716
    @thakurdasmeghwal5716 2 ปีที่แล้ว +1

    बाबूलाल जी परा किसको कहते हैं यह बता दो क्या राग है क्या स्वर है क्या टाइम है कहां से उठती है मैं जैसलमेर छपर पड़ा से ठाकुरदास

    • @babulalkhudanibhajan
      @babulalkhudanibhajan  2 ปีที่แล้ว

      जो वाणी अपने निज स्वरूप का वर्णन करे, निजस्वरूप ही हमारा वास्तविक और अविनाशी स्वरूप है
      राग - आसावरी
      परा वाणी में शरीर से परे और चारों अवस्थाओं से परे अपने चेतन्य स्वरूप का वर्णन करती है परन्तु परा का स्थान नाभि बताया जाता है
      ऐसा संतों का अनुभव कहता है
      जयश्रीगुरूदेव 🌹🌷🌹 जयश्रीगुरुदेव 🌹🌹🌷🌹

    • @ganpatlalkumawat4232
      @ganpatlalkumawat4232 ปีที่แล้ว +1

      वैसे परा वाणी इस तीन लोक यानि इस संसार की महिमा से न्यारी है यानि संसार से परे की बात कहती है
      लेकिन परमात्मा की वाणी बसंतवाणी है जो सदा एकरस चलती है
      ये चारों वाणी से परमात्मा को नहीं पाया जा सकता है
      परा वाणी से परमात्मा का ज्ञान को जान सकते हैं
      लेकिन परमात्मा का दिदार नहीं होता है
      यह भेद शब्द गुरु भेदी संतों से मिलता है
      चारों वाणी परमात्मा तक नहीं पहुंच पाती हैं
      नहीं चारों खाणी
      परमात्मा देही शरीर नहीं है वह विदेही है
      अजूनी है वह किसी भी जूण में नहीं आ ता है

  • @babulalkhudanibhajan
    @babulalkhudanibhajan  4 ปีที่แล้ว

    धन्यवाद

  • @user-ek5
    @user-ek5 4 ปีที่แล้ว +2

    Nice