धजग्ग सुत्त, Dhajagg sutta by ven.gyanjyoti mahathero
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- เผยแพร่เมื่อ 4 พ.ค. 2021
- "धजग्ग सुत्त"
इस सुत्र में:
त्रिरत्नों के स्मरण से होने वाले महान लाभ और रक्षा के बारे में तथागत भगवान सम्यक संबुद्ध कहते है की,
जिसके अनुस्मरण से प्राणी आकाश में भी भूमि के समान सब प्रकार से सहारा प्राप्त करते हैं, यक्ष, चोर और शत्रु आदि के कारण उत्पन्न सभी उपद्रवों के जाल से मुक्त हुए लोगों की गणना नहीं है, (असंख्य प्राणी मुक्त हुए हैं)
उस के बारे में :
एक समय भगवान श्रावस्ती में अनाथपिण्डिक के जेतवन आराम में विहार कर रहे थे । वहाँ भगवान ने भिक्षुओं को "भिक्षुओं" कह कर सम्बोधित किया । उन भिक्षुओं ने "भदन्त" कह कर उत्तर दिया : तब भगवान ने कहा :
(पुर्वार्ध देवेन्द्र शक्र के बारे में है । अतः उस बारे में न लिखकर सिर्फ उत्तरार्ध के बारे में लिखा हूँ, जो की बुद्ध, धर्म और संघ इन त्रिरत्नों के स्मरण के बारे में है ।)
तथागत भगवान सम्यक संबुद्ध आगे कहते हैं कि,
और भिक्षुओं, मैं ऐसा कहता हूँ: -
यदि भिक्षुओं, तुम्हें जंगल में जाने पर, वृक्षों के नीचे जाने पर या शुन्यागार में जाने पर भय, संत्रास या रोमांच उत्पन्न हो, तो उस समय मुझे यानी बुद्ध को ही अनुस्मरण करना, यानी श्रद्धा युक्त चित्त से बुद्ध के गुणों का अनुस्मरण करना ।
भिक्षुओं, मेरा यानी बुद्ध के गुणों का अनुस्मरण करने पर तुम्हारा जो भय, संत्रास या रोमांच है, वह दूर हो जाएगा ।
भिक्षुओं, यदि मेरा यानी बुद्ध के गुणों का अनुस्मरण न करो, तो धर्म का अनुस्मरण करना, यानी श्रद्धा युक्त चित्त से धर्म के गुणों का अनुस्मरण करना ।
भिक्षुओं, धर्म का यानी धर्म के गुणों का अनुस्मरण करने पर तुम्हारा जो भय, संत्रास या रोमांच है, वह दूर हो जाएगा ।
भिक्षुओं, यदि धर्म का यानी धर्म के गुणों का अनुस्मरण नहीं करो, तो संघ का अनुस्मरण करना, यानी श्रद्धा युक्त चित्त से संघ के गुणों का अनुस्मरण करना ।
भिक्षुओं, संघ का यानी संघ के गुणों का अनुस्मरण करने पर तुम्हारा जो भय, संत्रास या रोमांच है, वह दूर हो जाएगा ।
भिक्षुओं, तुम जंगल में जाने पर, वृक्षों के नीचे जाने पर या शुन्यागार में जाने पर सम्यक संबुद्ध का अनुस्मरण करो, तो तुम्हें भय नहीं होगा ।
यदि लोक में जेष्ठ, उत्तम पुरुष बुद्ध का स्मरण नहीं करो तो, भली प्रकार उपदिष्ट निर्वाण को ले जाने वाले धर्म का स्मरण करों ।
यदि धर्म का स्मरण न करो तो सर्वोत्तम पुण्य-क्षेत्र संघ का स्मरण करो ।
भिक्षुओं ! ऐसे बुद्ध, धर्म और संघ का स्मरण करने पर भय, संत्रास या रोमांच नहीं होगा ।
असीम मंगल मैत्री सहित ।
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अनुवादक का आभार 🙏
Vandaami bhante 🙇🏼♀️🙇🏼♀️🙇🏼♀️🙏🙏🙏
Namo Buddhay
वंदामि भन्ते जी 🙏
नमोबुध्दाय 🙏
साधू! साधू! साधू!
🙏🙏🙏🙇🏽🙇🏽🙇🏽
वंदामी भन्तेजी 🙏🙏🙏
नमो बुद्धाय 🙏🙏🙏💐💐💐
साधू 🙏 साधू 🙏 साधू 🙏
Vandami Bhante Gyan Jyoti mathero
Vandami Bhante mathero Gyan jyot
Vandami bhanteji
Sadhu sadhu sadhu anmodami 🙏🌹♥️
Nmoistute puspanjli arti pranat istut bhuvidhaom shantiom thanks sukaria mratanjya
नमो बुद्धाय 🌷 🙏
नमो धम्माय 🌷 🙏
नमो संघाय 🌷 🙏
Sadhu sadhu sadhu🙏🙏🙏
वंदामी भंतेजी🌹🙏🙏🙏 साधु साधु साधु
वंदामी भंते 🙏🙏🙏
Vandami bhanteji💐💐🙏🙏🙏💐💐
Vandaami bhantiji🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
वंंदामि आदरनिय भंते धजजगसुत सर्व सुत्र प़रभिकथोडी माहिती देवून गौरविण्यात यावै हि विनंती
वन्दामि भंते जी।
Sukhi ho
वंदामि भन्ते 🙏🙏🙏💐
Sukhi ho
Sadhu sadhu sadhu
साधु साधु साधु
वंदामि भन्ते जी 🙏
Vandami bhante ji,
Namo buddhay, jai johar, jai bhim, jai mulnivaasi, jai sanvidhan....
वन्दामि भन्तेजी 🙏🙏🙏
साधु साधु साधु 🌺🌺🌺🙏
🙏🙏🙏🙏🙏