GOPAL MAPARI POEM IN ICHUKATA

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  • เผยแพร่เมื่อ 23 ม.ค. 2025
  • पुरत नाही राज्या, तुरी पराटीचा लांजा..!
    यंदा पेरू वावरात, सिधा सरका गांजा...!!
    शेतकरी कविता
    कवी गोपाल मापारी,...
    इचुकाटा...
    #team_ichukata
    ichukata

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