भगत कबीर क्या कहते हैं येशु मसीह के बारे में

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  • เผยแพร่เมื่อ 23 ก.ย. 2024
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ความคิดเห็น • 17

  • @Realfacts-e9i
    @Realfacts-e9i 8 หลายเดือนก่อน +1

    "बोले जिंद कबिर ,सुन वाणी धरमदासा
    हम खालिक हम खलिक हैं
    सकल हमरा परकासा "
    कबीर सब का बाप है भा ई

  • @ravinarwayjohnnurekalam4408
    @ravinarwayjohnnurekalam4408 2 ปีที่แล้ว +3

    1-ओम् श्री उमात्तया नमः -
    पवित्र आत्मा से जन्मने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो।
    2-ओम् श्री कन्नी सुताय नमः -
    कुआँरी से जन्मने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो।
    3-ओम् श्री दरिद्र नारायण नमः -
    हमारे लिये गरीब होने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो।
    4-ओम् श्री विघिष्र्टिया नमः -
    सुंता होने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो।
    5-ओम् श्री पंचघायम् नमः -
    अपने शरीर पर पाँच घाव धरनेवाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो।
    6-ओम् श्री वक्ष शल अरुथाया नमः- त्रिषूल जैसे दिखनेवाले वृक्ष पर स्वयं का बलिदान चढ़ाने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो।
    7-ओम् श्री मृत्युजंयम् नमः-
    मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो।
    8-ओम् श्री शिबिलिस्तया नमः -
    अपना माँस संन्तो को खाने के लिये देने वाले हे प्रभु, तेरी स्तुति हो।

  • @Rohit_Spiritual
    @Rohit_Spiritual 2 ปีที่แล้ว +5

    *कबीर , दरशन साधु का , बड़े भाग दरशाय ।*
    *जा मस्तीक में सूली हो , कांटे में टल जाय ।।*
    => साधु का दर्शन बहुत दुर्लभ है, किसी बड़े भाग्य वाले को ही होता है, यदि सूली पर चढ़ने की सजा हो, तो वो कांटे में टल जाती है।

  • @ravinarwayjohnnurekalam4408
    @ravinarwayjohnnurekalam4408 2 ปีที่แล้ว

    न तस्य प्रतिमाsअस्ति यस्य नाम महद्यस:। -(यजुर्वेद अध्याय 32, मंत्र 3)
    अर्थात: उस ईश्वर की कोई मूर्ति अर्थात प्रतिमा नहीं जिसका नाम ही महान है।
    अन्धन्तम: प्र विशन्ति येsसम्भूति मुपासते।
    ततो भूयsइव ते तमो यs उसम्भूत्या-रता:।। -(यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 9)
    अर्थात : जो लोग ईश्वर के स्थान पर जड़ प्रकृति या उससे बनी मूर्तियों की पूजा उपासना करते हैं, वे लोग घोर अंधकार को प्राप्त होते हैं।
    *जो जन परमेश्वर को छोड़कर किसी अन्य की उपासना करता है वह विद्वानों की दृष्टि में पशु ही है। - (शतपथ ब्राह्मण 14/4/2/22)
    यच्चक्षुषा न पश्यति येन चक्षूंषि पश्यन्ति ।
    तदेव ब्रह्म त्वं विद्धि नेदं यदिदमुपासते ॥- केनोपनि०॥
    अर्थात जो आंख से नहीं दीख पड़ता और जिस से सब आंखें देखती है , उसी को तू ब्रह्म जान और उसी की उपासना कर। और जो उस से भिन्न सूर्य , विद्युत और अग्नि आदि जड़ पदार्थ है उन की उपासना मत कर॥

  • @ravinarwayjohnnurekalam4408
    @ravinarwayjohnnurekalam4408 2 ปีที่แล้ว

    Praise the Yahweh YashuA Massaih HalleluYah Amein. Glory to Yahweh YashuA Massaih HalleluYah Amein את ישוע יהוה אבא אשו יהללויה

  • @ravinarwayjohnnurekalam4408
    @ravinarwayjohnnurekalam4408 2 ปีที่แล้ว

    गीता 3:13 में लिखा है : यज्ञशिष्टाशिनः सन्तो मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषैः।
    जबतक स्वयं परमेश्वर यज्ञ नहीं करेगा, तब तक मनुष्यों के लिए उद्धार का द्वार नहीं खुलेगा, ये यज्ञ क्या है? और इसे परमेश्वर कैसे करेगा?,
    बृहदारण्यकोपनिषद् : ” तदरक्तनम् प्रमात्मनम् पुण्य दान बल्याहनम् सर्वपाप परिहरो, रक्तपरिक्षणम् महाविष्यम् ”
    जब तक परमेश्वर अपना लहू न बहाए, मनुष्य जाति के पाप का बंधन नहीं टूटेगा, यह बाइबिल में नहीं बल्कि बृहदारण्यकोपनिषद् में लिखा है। समस्त मानवजाति के छुटकारा के लिए परमेश्वर को स्वयं महा यज्ञ करना पड़ेगा,
    यज्ञ यज्ञशिष्टाशिनः सन्तो मुच्यन्ते : अपने बच्चों, संतो के छुटकारे के लिए परमेश्वर का यज्ञ… क्रुस महायज्ञ हैं

  • @SureshKumar-kh5bf
    @SureshKumar-kh5bf ปีที่แล้ว +1

    Kabir sbka bap h beta kisi ka nahi beta ho ke jo hua vo to Sahib na hi

  • @ravinarwayjohnnurekalam4408
    @ravinarwayjohnnurekalam4408 5 หลายเดือนก่อน +1

    सृष्टिकर्ता न्यायी हैं और दयालु हैं न्याय अनुसार पापी नर्क में होना हैं जो कि अनन्तकाल का दण्ड हैं परन्तु सृष्टिकर्ता पिता का अनुग्रह पापों से मुक्त करके दण्ड से मुक्त करता है तो मेरा सवाल यह कि न्यायी सृष्टिकर्ता दोनों कार्य कैसे करता है पापों का दण्ड भी हो जाए और पापी बच भी जाए इस के लिए सृष्टिकर्ता पिता ने किया उपाय या प्रबन्ध किया हैं? यह सवाल उनके लिए हैं जो किसी को भी सृष्टिकर्ता बता देते हैं और खुद को अवतार बताते हैं! मानवजाति के लिए सृष्टिकर्ता नहीं उद्धार या मोक्ष के लिए क्या उपाय या प्रबन्ध किया हैं?

  • @ravinarwayjohnnurekalam4408
    @ravinarwayjohnnurekalam4408 ปีที่แล้ว +1

    बिना रक्त बहाए मोक्ष संभव नहीं है।
    पापों की क्षमा के लिए रक्त बहाना आवश्यक है, यह बात वेदों में सूचित है कितना घोर क्रूर हिंसा और हत्या है, नहीं, इसमें दैविक प्रेम है वह किस प्रकार है?
    कृपया नीचे लिखे अंशो को मन से परीक्षा कीजिए:-
    यज्ञ (बलि) ही प्रमुख है, कह कर वेद बताते है।
    ‘‘यज्ञे वै भुवन नाभि’’ संसार के लिए यज्ञ मुख्य आधार है।
    (ऋग्वेद 1ः164ः25) (नाभि के समान)
    ‘‘यज्ञे सर्वम प्रतिष्ठितम्’’ यज्ञ ही सब कुछ देता है।
    ‘‘यज्ञो वै सुकर्मानौः’’ यज्ञ ही ठीक राह पर चलने वाली नाॅव है।
    (ऋग्वेद 1ः3ः13)
    ‘‘ऋतस्यनाः पथनयति दुरिता’’ यज्ञ के मार्ग द्वारा सब पापों से मुक्ति और सुरक्षा में लेकर जाओ।
    (़ऋग्वेद 103ः1ः6)
    श्रृ-‘‘यजमानः पशुः यजमानमेवा - यज्ञ करने वाला ही यज्ञ का पशु है।
    सवर्गम् लोकम् गमयति’’ - इसलिये यज्ञ करने वाला अकेला ही स्वर्ग को प्राप्त करता है।
    (तैत्तरीय ब्राहणम बंगला पत्रम - 202)
    महायज्ञ की विशेषताएं
    श्लेक: ‘‘नकर्मणा मनुष्य नैरना स्नान, यात्रा, दान धर्म के कार्य के द्वारा पापविमुक्ति और पुण्य नहीं मिलता है।
    लभतेमत्र्यः’’ (शिवगीत)
    ‘‘यज्ञक्षपिता कल्पशः’’ यज्ञ के द्वारा पाप परिहार होने वाले (भगवत गीता 4ः30)
    श्लोकः सर्वपाप परिहारो समस्त पापों को विमुक्त करने को रक्त की जरूरत हैं रक्त परमात्मा अपने आप को खुद बलि अपर्ण के द्वारा संभव किया है।
    रक्त प्रोक्षणमवश्यम्
    तद रक्तम परमात्मेना
    पुण्यदान बलियागम्
    (ताण्ड्य महा ब्राहाणम् सामवेदम्

  • @ravinarwayjohnnurekalam4408
    @ravinarwayjohnnurekalam4408 2 ปีที่แล้ว +2

    संत कबीर दास कि माता नीमा और पिता नीरू पत्नी लोई बेटी कमली बेटा कमल जन्म जिला स्थल उत्तर प्रदेश वाराणसी जन्म वर्ष 1440और मृत्यु 1518मे हुई थी मृत्यु जगह उत्तर प्रदेश मगहर हैं, सच्चाई तो सदा बनें रहेंगी परन्तु झूठ पल भर का ही होता हैं, नितीवचन 12:19. सत्यमे जंयत

  • @Realfacts-e9i
    @Realfacts-e9i 8 หลายเดือนก่อน

    मूरख मत बना उ भा ई
    "हम ही अलख अल्लाह कुतब गौंस और पीर
    गरीबदास खालिक धनी ,हमरा नाम कबीर,
    "हाड चाम लहू नहीं मेरे , ना मेरे घर दासी ,
    सतिपुरष साहिब हूं मैं कबीर अविनाशी ,
    "पानी से पैदा नहीं , सु आसा नहीं सरीर
    अन्न अहार करता नहीं ताका नाम कबीर "
    कबीर ही जिंदा खुदा है भा ई

  • @royalvishalgaming126
    @royalvishalgaming126 3 ปีที่แล้ว

    yes right

  • @misionswadeshi
    @misionswadeshi 9 หลายเดือนก่อน

    वेद पढ़ना कोई राक्षसों का काम नहीं है उनका सही अर्थ जानने के लिए सनातन को समझे मन गड़ंत बातों से लोगों को भ्रमित ना करें आपसे हाथ जोड़कर विनती है वेद पढ़ना अच्छी बात हैअर्थ गलत निकल कर लोगों के सामने प्रस्तुत करना गलत बात है सही अर्थ निकाले और लोगों को बताएं आधा अधूरा ज्ञान विष के समान होता है चारों वेदों को पड़े वेदांत पड़े सही अर्थ जानने के लिए प्रशांत अचार्य को सुने 🙏

  • @hackerrudransh2681
    @hackerrudransh2681 2 ปีที่แล้ว +1

    Aare pagal dohe ka artha tu apne hisab se badal raha hai
    Mtlb kuchh bhi 🤣🤣🤣

  • @janakravvalvi7502
    @janakravvalvi7502 3 ปีที่แล้ว +1

    Kya jhooth bol rahe

  • @hackerrudransh2681
    @hackerrudransh2681 2 ปีที่แล้ว

    Kya feka be 🤣🤣🤣