गोस्वामी तुलसीदास - यदि केवल कवि की श्रेणी में विचार किया जाये, विश्व में गोस्वामी जी जैसा महान रचयिता न हुआ, न है और शायद न ही भविष्य में होगा। अगर अंग्रेजों के इतिहास में इनसे ८० प्रतिशत कम प्रतिभावान कवि व महापुरूष होता तो वे इतना प्रचार प्रसार करते कि विश्व गुरु की पदवी दे डालते और विश्व के लगभग हर व्यक्ति को उनकी जानकारी होती। हाय्!वह हिंदुओं के महापुरुष हुऐ। हमनें पिछले ७० वर्षों में ही रामचरित मानस व हनुमान चालीसा के अलावा उनकी अथाह साहित्यिक भक्ति रचनाओं को प्राय: लोप कर दिया। गोस्वामी जी को सादर प्रणाम् सहित जय श्री राम।
Bahut bahut dhyanwaad bhaisaab aapka.. Jo aaj pujya goswami tulsidas ji maharaj ke janam sthan ka darshn hua.. Or aap bhi bade bhagyasaali h jo aapko waha jane ka sobhagya mila
गोस्वामी तुलसीदास जी जैसा महान रचयिता विश्व इतिहास में न हुआ और न ही होगा। भारत में बीते ७० वर्षों में अब उनकी केवल दो रचनाएं ही प्रसिद्ध हैं - रामचरितमानस और हनुमान चालीसा। बाकी अथाह संग्रह प्राय: लोग नहीं जानते। Bad. गोस्वामी जी को सादर प्रणाम व जय श्री राम।
हिन्दुओं की यही तो समस्या है।।उनका ध्यान कभी उन लोगो के ऊपर नहीं गया की को उनकी संस्कृति को नापसंद कर रहा ।है ।ये कोई छोटी बात नहीं ।ये संकेत है कि देखिए और jagiye ।। ।। ।।अब सोचिए इतनी शानदार वीडियो इं महोदय जी ने बनाई और मेहनत की है। ।लेकिन बो कोन लोग है जो इतनी अच्छी और हमारी संस्कृति जो लोगो तक बिना किसी काट छाट के लोगो को अपनी संस्कृति के दर्शन हो रहे है ।।इसको डिसलाइक किया गया है ।।डिसलाइक करने बले जिहादी नास्तिकों सुधर जाओ ।।बरना बग्ने के लिए ज़मीन तक कम पड़ जाएगी ।।
गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्मस्थली सूकर खेत राजापुर गोण्डा में है|जहां पर उनके वंसज अभी रह रहे हैं और तुलसी दास के नाम जमीन मौजूद है|जिसे तुलसीदास का पेपर कहा जाता है|
तुलसीदास जी की जन्म स्थली राजापुर गोण्डा उ. प्र. है, राजापुर से6 किमी. दूर दक्षिण- पूरब कोण पर सूकर क्षेत्र सरयूनदी के तट पर स्थित है, वहींपर उनके गुरू श्री नरहरिदास आश्रम है और वहीं बाराह भगवान अवतरित हुए थे, अत:बाराह भगवान का मंदिर भी है, सूकर क्षेत्र से पूरब 9 किमी.पर बाराही देवी का विख्यात मंदिर है,🌷जिसका वर्णन देवीभागवत में है🌹
संक्षिप्त विचार- मैं पुनि निज गुर सन सुनी कथा सो सूकरखेत। समुझी नहिं तसि बालपन तब अति रहेऊँ अचेत॥ बा॰का॰30क सर्वप्रथम विचारणीय है सूकरखेत, जोकि कभी दो नहीं हो सकते। इसके साक्ष्य हेतु श्रीवराहपुराण में अध्याय 137 के 8वें श्लोक का सन्दर्भ ग्रहण करें (दो पाठ भेद प्रस्तुत हैं)- यत्र स्थाने मया देवि उद्धृतासि रसातलात्। यत्र भागीरथी गंगा मम सौकरवै स्थिता॥ (चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन, वाराणसी) यत्र संस्था च मे देवि ह्युद्धृतासि रसातलात्। यत्र भागीरथी गंगा मम सौकर वै स्थिता॥ (संस्कृति संस्थान, बरेली) भगवान् वराह भगवती पृथ्वी से कहते हैं कि हे देवी! जिस स्थान पर मैंने तुम्हें रसातल से निकाला था और जहाँ भागीरथी गंगा हैं, वहीं मेरा सूकरक्षेत्र स्थित है। दूसरे, श्रीगर्गसंहिता, मथुराखण्ड, अध्याय 24, श्लोक 49-52 का सन्दर्भ ग्रहण करें- बहुलाश्व उवाच- कौशाम्बेश्च कियद्दूरं स्थले कस्मिन् महामुने। रामतीर्थं महापुण्यं मह्यं वक्तुं त्वमर्हसि॥ बहुलाश्व ने पूछा- महामुने! कौशाम्बी से कितनी दूर और किस स्थान पर महापुण्यमय 'रामतीर्थ' विद्यमान है, यह मुझे बताने की कृपा करें। श्रीनारद उवाच- कौशाम्बेश्च तदीशान्यां चतुर्योजनमेव च। वायव्यां सूकरक्षेत्राच्चतुर्योजनमेव च॥ कर्णक्षेत्राच्च षट्क्रोशैर्नलक्षेत्राच्च पञ्चभिः। आग्नेय्यां दिशि राजेन्द्र रामतीर्थं वदन्ति हि॥ वृद्धकेशीसिद्धपीठाद् बिल्वकेशवनात्पुनः। पूर्वस्यां च त्रिभिः क्रोशै रामतीर्थं विदुर्बुधाः॥ श्रीनारद जी ने कहा- राजन्! कौशाम्बी (अलीगढ़ का प्राचीन नाम) से ईशानकोण में चार योजन (48 किलोमीटर) की दूरी पर और वायव्यकोण में शूकरक्षेत्र (सोरों का पौराणिक नाम) से चार योजन (48 किलोमीटर) की दूरी पर, कर्णक्षेत्र (कर्णवास) से छः कोस (18 किलोमीटर) और नलक्षेत्र (नरवर) से पाँच कोस (15 किलोमीटर) आग्नेय दिशा में रामतीर्थ की स्थिति बताते हैं। वृद्धकेशी सिद्धपीठ से और बिल्वकेश वन (बेलौन) से पूर्वदिशा में तीन कोस (12 किलोमीटर) की दूरी पर विद्वानों ने 'रामतीर्थ' (रामघाट) की स्थिति मानी है। अतः उक्त दोनों ही भौगोलिक साक्ष्यों से सूकरक्षेत्र (वर्तमान सोरों) की अवस्थिति स्पष्ट हो जाती है। इसमें संशय नहीं है। अब उपर्युक्त मानस के दोहे पर गंभीरता से विचार करें, जिसमें गोस्वामी जी ने अपनी अवस्था को स्पष्ट किया है- 1) बालपन, 2) अचेत और 3) अति। अर्थात् बालपन की भी अति अचेत अवस्था, जिसमें बालक कहाँ से कहाँ तक आ अथवा जा सकता है? आज सूकरक्षेत्र (सोरों) से राजापुर की दूरी लगभग 365.48 किलोमीटर है और आज से 500 वर्ष पूर्व का आवागमन ऐसी अवस्था वाले सामान्य बालक के लिये कितना दुर्गम रहा होगा? विचारणीय है। दूसरी बात, बालक को इस अवस्था में गुरु नरहरिदास राजापुर से सूकरक्षेत्र (सोरों) तक लेकर ही क्यों आये? समीप में अयोध्या, प्रयागराज, काशी आदि तीर्थस्थल भी तो थे; लेकिन तुलसीदास जी वहाँ युवावस्था में गये। ऐसा क्यों? तुलसीदास जी का पूरा यात्रावृत्त पश्चिम से पूरब की ओर है, पूरब से पश्चिम की ओर नहीं। विचारणीय है। श्रीमद्गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की जन्मभूमि, सूकरक्षेत्र (सोरों) ही प्रमाणित है। गोस्वामी जी के गुरु सूकरक्षेत्र (सोरों) निवासी श्रीमान् नृसिंह जी चौधरी थे, जोकि स्मार्त वैष्णव थे। आज भी उनकी पाठशाला यहाँ विद्यमान है। अभी इतना ही... और हाँ, कृपया पसका व कामदगिरि में सूकरक्षेत्र बताने वाले भी प्रामाणिक साक्ष्य प्रस्तुत करें। साक्ष्यहीन व सारहीन अनर्गल प्रलाप न करें।
Aap kullu bhi aa sakte hain yahan ramji ki ayodhya se laayi gyi sone ki moorti hai jo ram ne hi khud banai thi saath mein hanuman bhi hain aur seeta mata bhi
जिन साहब ने आज ये vdo बना कर मन्दिर परिसरों का दर्शन करवाया है उन साहब को , बाबा जी के वंशजों को मेरा नमन एवं प्रणाम ।
धन्यवाद् आपका जो आप हिंदू धर्म के इतने पुराने मंदिरों और जगहों की हमको यात्रा करवाते हो।
अप्रतिम 🌼❤️
सियावर रामचंद्र की जय
पवन पुत्र हनुमान की जय
गोस्वामी तुलसीदासजी की जय 🙏
9
चित्रकूट के घाट पर
भई संतन की भेंट
तुलसीदास चंदन घिसे
तिलक देत रघुवीर
सियावर रामचंद्र की जय🙏🙏🙏
गोस्वामी तुलसीदास - यदि केवल कवि की श्रेणी में विचार किया जाये, विश्व में गोस्वामी जी जैसा महान रचयिता न हुआ, न है और शायद न ही भविष्य में होगा।
अगर अंग्रेजों के इतिहास में इनसे ८० प्रतिशत कम प्रतिभावान कवि व महापुरूष होता तो वे इतना प्रचार प्रसार करते कि विश्व गुरु की पदवी दे डालते और विश्व के लगभग हर व्यक्ति को उनकी जानकारी होती। हाय्!वह हिंदुओं के महापुरुष हुऐ। हमनें पिछले ७० वर्षों में ही रामचरित मानस व हनुमान चालीसा के अलावा उनकी अथाह साहित्यिक भक्ति रचनाओं को प्राय: लोप कर दिया।
गोस्वामी जी को सादर प्रणाम् सहित जय श्री राम।
सर जी I am so happy
Ki Aapne Hume गोस्वामी तुलसीदास जी के जन्मस्थान के दर्शन कराए
कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏🌹🙏🙏🙏
बहुत बहुत धन्यवाद जै श्री राम भारत माता की जय ऐसे स्थान पर सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए
भाई जी मजा आ गया । हनुमान चालीसा लिखने वाले से मिला दिया 🕉️ 🙏🙏
आपको हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद 🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏तुलसी तुलसी सब कहे तुलसी वन कि घास कृपा राम कि हो गई बन गये तुलसीदास
महाराज जी के मुख से ऐसे जानकारी प्राप्त हुई जो सायद ही किसी किताब में मिले १६ मिनट के वीडियो में २ घंटे का ज्ञान प्राप्त हो गया 🙏🏼
अदभुद ओर रहस्य मय है जय श्रीकृष्ण जी जय श्री राम चन्द्र जी ओम्म् नमः शिवाय
Jai ho goswami shree tulsi das ji ki
राम राम राम राम राम राम
जय श्री तुलसीदास जी महाराज की जय 🙏🙏🙏🙏🙏
Tulaidas ji ki sabhi rachana bhot achi hai sakshat hanumanji chalisa or ramcharitamanas 🙏🏻🙏🏻👍🏻.
अदभुद ओर रहस्य मय है जय तुलसीदास जी
Bahut bahut dhyanwaad bhaisaab aapka.. Jo aaj pujya goswami tulsidas ji maharaj ke janam sthan ka darshn hua.. Or aap bhi bade bhagyasaali h jo aapko waha jane ka sobhagya mila
❤ जय श्री राम जय श्री हनुमानजी जय श्री शबरी मां जय श्री तुलसी दास जी के चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम ❤
बहुत सुपर ऐतिहसिक जानकारी प्राप्त करने के लिए धन्यवाद
गोस्वामी तुलसीदास जी जैसा महान रचयिता विश्व इतिहास में न हुआ और न ही होगा।
भारत में बीते ७० वर्षों में अब उनकी केवल दो रचनाएं ही प्रसिद्ध हैं - रामचरितमानस और हनुमान चालीसा। बाकी अथाह संग्रह प्राय: लोग नहीं जानते। Bad.
गोस्वामी जी को सादर प्रणाम व जय श्री राम।
*_Hanuman-ashtak, Bajranj-baad, Hanuman-bahuk bhi tusli ji ki he kriti hai_*
Rudrashtakam also@@HariKumar-dl1md
जय सिया राम जी🙏🙏
आंनद ही आंनद
जय सियाराम बहोत सुंदर आदरणीय भईय्या जी भगवान आपका भला करें
जय श्री राम
जय श्री हनुमान
तुलसीदास जी की हमेशा जय हो
भाई जी आपकी महन्त रग लाएगी आप के माध्यम से आज एक बहुत ही पूजनीय का पैत्रिक ग्राम स्थान दिखाया है
क्या सही में रामायण वहीं है? कलकत्ता लाइब्रेरी में भी एक रामायण है
हिन्दुओं की यही तो समस्या है।।उनका ध्यान कभी उन लोगो के ऊपर नहीं गया की को उनकी संस्कृति को नापसंद कर रहा ।है ।ये कोई छोटी बात नहीं ।ये संकेत है कि देखिए और jagiye ।। ।। ।।अब सोचिए इतनी शानदार वीडियो इं महोदय जी ने बनाई और मेहनत की है। ।लेकिन बो कोन लोग है जो इतनी अच्छी और हमारी संस्कृति जो लोगो तक बिना किसी काट छाट के लोगो को अपनी संस्कृति के दर्शन हो रहे है ।।इसको डिसलाइक किया गया है ।।डिसलाइक करने बले जिहादी नास्तिकों सुधर जाओ ।।बरना बग्ने के लिए ज़मीन तक कम पड़ जाएगी ।।
श्री राम को अपने भक्त बहुत प्रिय है सभी भक्तों को कोटि-कोटि प्रणाम
Hanuman chalisa Ke Rachyita Voswami Tulsidasji Ko Mera Koti Koti Naman,Koti Koti Pranam Aur Koti Koti Vandan........... SHANIWAR............10///02///2024.…….
Sir muje dekh kr kafi khushi hui. Bhagwan aap duniya ki sari Khushi de❤
जय श्री राम जय हनुमान जय गुरूदेव सम्पूर्ण रामायण की जय
आपने कई कथा वाचको की तुलना में कहीं अधिक हिन्दु धर्म के प्रति सेवा कार्य किया है । प्रणाम।
Thanks bhiya dikhane ke liye acha laga bhut
Wow vry nice video pawan bhaiya👍
Jai Jai Shree SitaRam🌼🙌🌼🙏💐🙏💐Pyare Goswami ji Maharaj💐🙏💐🙌🌼🙌🌼🙌🌼🙌🌼💐💐
हे तुलसीदास तेरी सदा ही जय हो
चित्रकूट के घाट पे सबरी देखे बाट
राम मेरे आ जाना
રાધે રાધે રાધે જી
Sita Ram ki jai
Gosvami shree tulsidas Ji ke charno me koti koti naman pranam
गोस्वामी तुलसीदास जी का परम पूजनीय मंदिर इसकी दर्शन मात्र से ही पूरी अभिलाषा पूर्ण हो जाती है क्योंकि यह माताहुलशी की प्रतिमा स्थापित किया गया है
गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्मस्थली सूकर खेत राजापुर गोण्डा में है|जहां पर उनके वंसज अभी रह रहे हैं और तुलसी दास के नाम जमीन मौजूद है|जिसे तुलसीदास का पेपर कहा जाता है|
बहुत सुन्दर प्रस्तुति बधाई आपको
तुलसीदास जी की जन्म स्थली राजापुर गोण्डा उ. प्र. है, राजापुर से6 किमी. दूर दक्षिण- पूरब कोण पर सूकर क्षेत्र सरयूनदी के तट पर स्थित है, वहींपर उनके गुरू श्री नरहरिदास आश्रम है और वहीं बाराह भगवान अवतरित हुए थे, अत:बाराह भगवान का मंदिर भी है, सूकर क्षेत्र से पूरब 9 किमी.पर बाराही देवी का विख्यात मंदिर है,🌷जिसका वर्णन देवीभागवत में है🌹
Jald hi darshan karenge Goswami Tulsidas ke.
बहुत बहुत आभार भाई 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 आप की हजारों की उम्र हो ये वीडियो के लिए
Rajapur meri gaav se 10 kilometre door hai.....jai shree ram
Tulsi das chandan ghise tilak kare ram raghuvir
itne lootere aaye lekin hamri sanskriti nhi mita paye na koi mita payga
🙏🌹 Jai Sri Ram Jai Jai Sri Ram 🌹🙏
बहुत बढ़िया बनाए जय तुलसी राम
जय श्री सीताराम सीताराम 🚩🚩🌹🌹
Rajapur chitrakoot my village
जय हो गोस्वामी तुलसी दास जी
तुलसीदास जी ने रामचरित मानस लिख कर हिंदु धर्म का पुनुद्धर किया था ।
Aapka bahut bahut dhanyavad.......is shandar video ke liye.....mai bhi issi iilake ka hun.....Chitrakoot..........
भाई
मै आगरा मे रहता हूँ ।बताओ कैसे आऊं
Jay Shree Ram ,Jay Tulshidas🙏🙏🙌🙌💞💐
Bahut hi sunder darshan h 🌼🙌🌼Shaligaram Bhagwan🙏🙏or Charan Paaduka ke🙏🙏🌼🙌🌼🙌🌼💐💐
Itni achi information dene k liye rising Rudra TV Ko thanku
Rachna ji thanks
Mai yahi rajapur se hi hu 😊
Amazing, sir etni achi jankari to kisi history book mein bhi nhi milage
Jai Shree Ram🙏🙏
बहुत बढ़िया बहुत अच्छा लगा
।।जय श्री राम।।
संक्षिप्त विचार-
मैं पुनि निज गुर सन सुनी कथा सो सूकरखेत।
समुझी नहिं तसि बालपन तब अति रहेऊँ अचेत॥
बा॰का॰30क
सर्वप्रथम विचारणीय है सूकरखेत, जोकि कभी दो नहीं हो सकते। इसके साक्ष्य हेतु श्रीवराहपुराण में अध्याय 137 के 8वें श्लोक का सन्दर्भ ग्रहण करें (दो पाठ भेद प्रस्तुत हैं)-
यत्र स्थाने मया देवि उद्धृतासि रसातलात्।
यत्र भागीरथी गंगा मम सौकरवै स्थिता॥
(चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन, वाराणसी)
यत्र संस्था च मे देवि ह्युद्धृतासि रसातलात्।
यत्र भागीरथी गंगा मम सौकर वै स्थिता॥
(संस्कृति संस्थान, बरेली)
भगवान् वराह भगवती पृथ्वी से कहते हैं कि हे देवी! जिस स्थान पर मैंने तुम्हें रसातल से निकाला था और जहाँ भागीरथी गंगा हैं, वहीं मेरा सूकरक्षेत्र स्थित है।
दूसरे, श्रीगर्गसंहिता, मथुराखण्ड, अध्याय 24, श्लोक 49-52 का सन्दर्भ ग्रहण करें-
बहुलाश्व उवाच-
कौशाम्बेश्च कियद्दूरं स्थले कस्मिन् महामुने।
रामतीर्थं महापुण्यं मह्यं वक्तुं त्वमर्हसि॥
बहुलाश्व ने पूछा- महामुने! कौशाम्बी से कितनी दूर और किस स्थान पर महापुण्यमय 'रामतीर्थ' विद्यमान है, यह मुझे बताने की कृपा करें।
श्रीनारद उवाच-
कौशाम्बेश्च तदीशान्यां चतुर्योजनमेव च।
वायव्यां सूकरक्षेत्राच्चतुर्योजनमेव च॥
कर्णक्षेत्राच्च षट्क्रोशैर्नलक्षेत्राच्च पञ्चभिः।
आग्नेय्यां दिशि राजेन्द्र रामतीर्थं वदन्ति हि॥
वृद्धकेशीसिद्धपीठाद् बिल्वकेशवनात्पुनः।
पूर्वस्यां च त्रिभिः क्रोशै रामतीर्थं विदुर्बुधाः॥
श्रीनारद जी ने कहा- राजन्! कौशाम्बी (अलीगढ़ का प्राचीन नाम) से ईशानकोण में चार योजन (48 किलोमीटर) की दूरी पर और वायव्यकोण में शूकरक्षेत्र (सोरों का पौराणिक नाम) से चार योजन (48 किलोमीटर) की दूरी पर, कर्णक्षेत्र (कर्णवास) से छः कोस (18 किलोमीटर) और नलक्षेत्र (नरवर) से पाँच कोस (15 किलोमीटर) आग्नेय दिशा में रामतीर्थ की स्थिति बताते हैं। वृद्धकेशी सिद्धपीठ से और बिल्वकेश वन (बेलौन) से पूर्वदिशा में तीन कोस (12 किलोमीटर) की दूरी पर विद्वानों ने 'रामतीर्थ' (रामघाट) की स्थिति मानी है।
अतः उक्त दोनों ही भौगोलिक साक्ष्यों से सूकरक्षेत्र (वर्तमान सोरों) की अवस्थिति स्पष्ट हो जाती है। इसमें संशय नहीं है।
अब उपर्युक्त मानस के दोहे पर गंभीरता से विचार करें, जिसमें गोस्वामी जी ने अपनी अवस्था को स्पष्ट किया है- 1) बालपन, 2) अचेत और 3) अति। अर्थात् बालपन की भी अति अचेत अवस्था, जिसमें बालक कहाँ से कहाँ तक आ अथवा जा सकता है?
आज सूकरक्षेत्र (सोरों) से राजापुर की दूरी लगभग 365.48 किलोमीटर है और आज से 500 वर्ष पूर्व का आवागमन ऐसी अवस्था वाले सामान्य बालक के लिये कितना दुर्गम रहा होगा? विचारणीय है। दूसरी बात, बालक को इस अवस्था में गुरु नरहरिदास राजापुर से सूकरक्षेत्र (सोरों) तक लेकर ही क्यों आये? समीप में अयोध्या, प्रयागराज, काशी आदि तीर्थस्थल भी तो थे; लेकिन तुलसीदास जी वहाँ युवावस्था में गये। ऐसा क्यों? तुलसीदास जी का पूरा यात्रावृत्त पश्चिम से पूरब की ओर है, पूरब से पश्चिम की ओर नहीं। विचारणीय है।
श्रीमद्गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की जन्मभूमि, सूकरक्षेत्र (सोरों) ही प्रमाणित है। गोस्वामी जी के गुरु सूकरक्षेत्र (सोरों) निवासी श्रीमान् नृसिंह जी चौधरी थे, जोकि स्मार्त वैष्णव थे। आज भी उनकी पाठशाला यहाँ विद्यमान है। अभी इतना ही...
और हाँ, कृपया पसका व कामदगिरि में सूकरक्षेत्र बताने वाले भी प्रामाणिक साक्ष्य प्रस्तुत करें। साक्ष्यहीन व सारहीन अनर्गल प्रलाप न करें।
thanks a lot I don't have a word describe! you are the best thanks a lot bro
Ram- ram
जय राजा राम। जय श्री राम। जय हनुमान जी। जय तुलसीदास
Bhai apke video dekhka dil kush ho jata h
Jitni bat swami ji ne bataya wah bilkul sahi bat hai
जय भोलेनाथ हर हर महादेव जय सोमनाथ
Bhai ji aap bahut Acha karya Kiya he.
कोटि कोटि नमन आपको
।।जय सियाराम।।
जै श्री राम 🙏🙏🙏🙏🌹🌷🌹🌷👍👍👍🙏🙏🙏🎪🎪
राजपुर के साथ तुलसीदास जी के जन्मस्थान के रूप में बांदा ग्राम का भी उल्लेख होता है
कृपया इसके बारे में बताएं
Banda jile ka rajapur gav
बहुत सुंदर जानकारी 👌🏼🙏🏼🙏🏼
Aap kullu bhi aa sakte hain yahan ramji ki ayodhya se laayi gyi sone ki moorti hai jo ram ne hi khud banai thi saath mein hanuman bhi hain aur seeta mata bhi
यहीं पर श्री राम चरित मानस की हस्त लिखित प्रति रखी हुई है ।उसे आपने नही दिखाया।
Original Ramcharitmanas must be protected by government.
Jai Jai shree sitaram bhagwan ki Jai ho goswami Tulsidas ji mahraj ki Jai ho hanuman ji mahraj ki 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sir ap bahut acha video ko dekhate h
bhai aapki vedio bhot açchi hoti hai 🤗
will always Support u 🥰
Jay shri SEETARAM ji ki 🚩🙏
Very nice salaam aapki mehanat ko
V.nice sir g👍
Jai shree ram
भाई साईब आपने बहुत सुन्दर जानकारी दी है।हमारी किस्मत मे राजापुर जाना तो शायद ही हो। पर आपने दर्शन करवा दिये। आपको शुक्रिया
Bahu bahut aabhar bhaiya
🚩Jay dwarkadhis 🚩 (Radhe Radhe 🙏)
सुपर भाईजी मस्त
Jai ho 🌼🙌🌼Pyare Tulsishwar Mahadev ji ki.🙏🙏🙏🙏💐💐💐
बहुत जल्द मै भी तुलसी दास की जन्मस्थली जाऊँगा ।आप मुझे बताओ वहां कैसे पहुचू?
Great knowledge video sir please keep it up
Ram Ram
Jai Shree ram 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Jay ho baba
Jai ho Maa Hulsi 💐🌼🙌🌼🙌🌼🙌🙏🙏💐💐🤗🤗
Jai jai shree Ram
bhut bhut bdiya...aisa channel or koi ni ...utube pr
जय श्री राम
👏👏👏👏good. Vidio. Bhai. Ji..
Batane ke liye dhnybad
Most intelligent person, I have ever realised in my life.
भैया आप से निवेदन है। कि तुलसीदास की जगह। श्री तुलसीदास जी महाराज। उसमें लिखिए।
अब ऐसा माना जाता है कि तुलसी दास जी का जन्म गोंडा जिला के राजा पुर सुखर खेत में हुआ था
Jai Shreeram
जय गुरुदेव
Sitaram prabhu ki jai