🏆Daily Gita Slokas Class Day 6 || विहाय कामान्यः सर्वान्पुमांश्चरति भगवद्गीता 2.71
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- เผยแพร่เมื่อ 20 ต.ค. 2024
- विहाय कामान्यः सर्वान्पुमांश्चरति निःस्पृहः
निर्ममो निरहङ्कारः स शान्तिमधिगच्छति ॥71॥
विहाय-त्याग कर; कामान्-भौतिक इच्छाएँ; यः-जो; सर्वान्-समस्त; पुमान्-पुरुष; चरति-रहता है; निःस्पृहः-कामना रहित; निर्ममाः-स्वामित्व की भावना से रहित; निरहंकारः-अहंकार रहित; सः-वह; शान्तिम्-पूर्ण शान्ति को; अधिगच्छति-प्राप्त करता है।
BG 2.71: जिस मुनष्य ने अपनी सभी भौतिक इच्छाओं का परित्याग कर दिया हो और इन्द्रिय तृप्ति की लालसा, स्वामित्व के भाव और अंहकार से रहित हो गया हो, वह पूर्ण शांति प्राप्त कर सकता है।
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जय जय श्री राधे कृष्णा जय जय श्री राधे जय जय श्री राधे 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹👏👏👏👏👏🥀🥀🥀🥀🥀❣️
हरे कृष्ण
Hare Krishna dandwat pranam radhe radhe 👏👏 Bahut bahut sunder 🙏🙏
Hare Krishna
Hare krishna 🙏🏼
Here krishna