मूल नक्षत्र में जन्में बच्चों की मूल शान्ति कराना ज़रूरी क्यों है? Dr. Madhusudan Upadhyay [Ep. 03]
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- เผยแพร่เมื่อ 29 พ.ค. 2024
- मूल नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए मूल शांति क्यों आवश्यक है?
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्रों का महत्वपूर्ण स्थान है। इनमें से एक प्रमुख नक्षत्र है "मूल नक्षत्र"। माना जाता है कि इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति विशेष ऊर्जा और विशेषताओं के साथ जन्म लेते हैं। लेकिन कई बार यह नक्षत्र जन्मकुंडली में अशुभ प्रभाव डाल सकता है, जिसके निवारण के लिए "मूल शांति" अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है।
मूल नक्षत्र, ज्योतिष के अनुसार, 27 नक्षत्रों में से एक है और इसका स्वामी ग्रह केतु है। यह नक्षत्र वृश्चिक राशि में स्थित होता है और इसका प्रतीक जड़ होता है, जो स्थिरता और गहराई का प्रतीक है।
मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों के जीवन में कुछ विशेष समस्याएं आ सकती हैं, जैसे:
1. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: इन लोगों को जन्म से ही स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
2. पारिवारिक तनाव: परिवार में कलह और असंतोष की स्थिति बन सकती है।
3. आर्थिक समस्याएं: आर्थिक स्थिरता में बाधा आ सकती है और धन हानि की संभावना रहती है।
4. आकस्मिक घटनाएं: जीवन में अनपेक्षित और अचानक होने वाली घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है।
मूल नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों के लिए मूल शांति अनुष्ठान करना आवश्यक माना जाता है। इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
1. अशुभ प्रभावों का निवारण: मूल शांति पूजा के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जाओं और अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है।
2. स्वास्थ्य लाभ: यह अनुष्ठान स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में सहायक होता है।
3. पारिवारिक शांति: परिवार में शांति और सामंजस्य की स्थिति स्थापित होती है।
4. आर्थिक समृद्धि: आर्थिक स्थिरता और समृद्धि प्राप्त होती है।
5. मनोवैज्ञानिक संतुलन: व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक संतुलन में सुधार होता है, जिससे जीवन में सकारात्मकता और सुख-शांति आती है।
मूल शांति अनुष्ठान को विशेष रूप से ज्योतिषाचार्य या विद्वान पंडित द्वारा संपन्न कराया जाता है। इस अनुष्ठान में निम्नलिखित प्रक्रियाएं शामिल होती हैं:
1. गणेश पूजन: विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा से अनुष्ठान की शुरुआत होती है।
2. नवग्रह पूजन: नौ ग्रहों की पूजा और मंत्रोच्चार किया जाता है।
3. केतु शांति: केतु ग्रह की शांति के लिए विशेष मंत्रों का जाप और हवन किया जाता है।
4. होम: हवन के माध्यम से भगवान को आहुति दी जाती है।
5. दान: अंत में, जरूरतमंदों को दान किया जाता है, जिससे पुण्य प्राप्त होता है।
मूल नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए मूल शांति अनुष्ठान करना अत्यंत आवश्यक है। यह अनुष्ठान व्यक्ति के जीवन से जुड़े अनेक समस्याओं का समाधान कर सकता है और जीवन को सुख-शांति और समृद्धि की ओर अग्रसर करता है। भारतीय ज्योतिष और धार्मिक परंपराओं के अनुसार, मूल शांति अनुष्ठान का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और वह अपने जीवन को बेहतर बना सकता है।
इस कार्यक्रम में विकास त्रिपाठी ने इस विषय पर बात की @Astro-Scientist डॉ. मधुसूदन उपाध्याय जी से, जो कि ज्योतिष विज्ञान के अनन्य ज्ञाता हैं और के एक वैज्ञानिक होने के साथ साथ बड़े बड़े व्यवसायियों, सिनेमा जगत के लोगों और राजनेताओं को अपने ज्ञान से एक मार्गदर्शन करते रहते हैं।
जानें कि क्यों सामूहिक रूप से यात्रा करना हमारे शास्त्रों के विरुद्ध है।
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धन्यवाद dr साहब अभी तक आपको fb पर पढ़ा था मगर यह सेशन अद्भुत है... बहुत आनंद आया सुनकर... ऐसे ही मार्गदर्शन करते रहें... बहुत उपयोगी वीडियो...
अद्भुत, वाणी,और विश्लेषण, प्रणाम, भाई जी मै भी मूल नक्षत्र का जन्म है,मेरी मूल शान्ति बहुत बढिया हुई थी,लेकिन मेरा जीवन अभी तक संघर्ष भरा रहा है,मेरा सब बहुत अच्छा है फिर भी चीजे बहुत मुश्किल से मिलती है,मेरी सोच मे क्या कमी है,कर्तव्य, धर्म ,आध्यात्म से जुडी हू।
सबसे पहले तो आप दोनों का बहुत बहुत धन्यवाद
अब एक सादर निवेदन ये सिलसिला जारी रखें
धन्यवाद
Knowledge 👏
सादर प्रणाम 🙏
Right✔️
Om Santi. Har har Mahadev har har Mahadev 🙏🏼🙏🏼
Very nice knowledgable episode
बहुत सुंदर और ज्ञानवर्धक
Nice ❤
Superb ! Absolutely knowledgeable person.
जय हो मधुसूदन भैया की
Very good
🙏
Sir ऐसा video अभी तक नहीं है.... TH-cam पर अपने....best video banaye है
Very nice video thank you
Very nice sir
🔥🔥🔥
Excellent explanation by far 👏🏻👏🏻
So proud of Vikas ji.
❤
🙏🙏🙏
बहुत सुन्दर, इस पर और कुछ video बनाए pls
👍🏻👍🏻
बहुत ही अच्छी philosophy आपने बतायी है , आगे भी आप बोलते रहिये , समाज , ज्योतिष अभ्यासक ऑर नया विज्ञान , नये लोग समझेंगे ,बेसिक रूट क्या हैं ये जान ना लोगोको अच्छा लगता हैं , धन्यवाद ..Dr...sahab ...
Jai shree Ram ❤
Namskaar ji,,,,
Aap se margdarshan mile bhagwan se aisi paraathna karti hoo
अब आजकल घरों में पति पत्नी रहते हैं तो बच्चे को गोद में लेना ही पड़ेगा पिता को😊
Arrange marriage ab hoti hai satyug dwapar Yug treta Yug me nahi hote the tab to sab ne Prem vivah kiye hai mostly but ok aap u r right 👍🏼❤️
Thanks
Aur video banaiye vikas ji 👍
ज़रूर राहुल जी। आभार।
Maine jab bhi apne ancestors ke visions dekhe, hamesha shawls pehne hue hote hain and unke around fog rehti hai, just like winters of Punjab. May June mei bhi shawls & fog hi dekhe hain... Vedic texts are accurate 🤔
Vdhu pada.jai
क्या बाद मैं भी mool shanti पूजा ki जा, सकती है
Har Har Mahadev. Thank you.
Sir bahut achi jankari mili video se plz..enka video kha dekhne milega link de dijiye na🙏
इसी चैनल पर 6 एपिसोड लाइव हैं, जिनमें अलग अलग विषयों पर चर्चा की गई है। 3 और अगले 7 दिनों में लाइव हो जाएंगे, उसके बाद एक फुल लेंथ वीडियो आयेगी। अगले शूट की तैयारी चल रही है, तो कृपया अपने जो भी सवाल हैं वो हमें कॉमेंट में भेज दें, उनका जवाब आपको वीडियो के माध्यम से आने वाले एपिसोड्स में दिया जायेगा।
मूल जंक्शन का कोई पॉजिटिव point
Revati is 27th nakshatra
Yadi var aor adhu dono mul nashatras ke ho tabkya efect hoga.plz bataye.enki shadi ho kya ek bimar bh rah sakta he. Kisi jyotishi ne bataya sahi he ya galt..
S
Mera beta mulon me hua tha lekin abhi tk Puja nhi karwayi kya ab karwa sakte hain
Mere daughter mul nakshatra me born hue mane uski mul shanti pooja 2 year se phele hi kara di
Don't take appointment online from him. He is a fraud. I have transferd token amount for consultancy after taking amount there is no reply
Sir mere beti bhe moolu m born Hui h wo ab24 ke h kya ab uski mool shanti karwa sakte hai
Bilkul karwani chahiye
सादर प्रणाम पण्डितजी 🙏🏼
आपश्री को मैं, घंटों घंटो लगातार सुन सकती हूं..... 🥰🪷🙏🏼
श्रीत्रिपाठी जी को अतीव आभार इस श्रृंखला के लिए 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Meri mool shanti 27 dinoun me nahi hui thi ,kyunki mai ek ladki hun aur hmare purohit ne apni zimmedari sahi se nahi nibhai hain kayi dafa ... to mujhe 18 saal ki age me pta cjla tha ki mai MoolRevati nakshtra se hun abhi phir kya upae hain??
Ab karwa lijie koi fark ni padte n ek baar 10 yrs baad vapis karwa lena
Gandmula Nakshatra- Ashwini, Magha or Mool Nakshatra ki shaanti hoti hai. Jyadatar log sirf Mool ki hi karte hai.
Jyeshtha aur ashlesha nakshtra bhi gund mool nakshtra hai inking bhi Shanti hoti hai .lekin in jatako ko life me struggle bahut jyada karna padta hai
Mera mul naktra janm liya hai aaj tak koi shanti pooja nahi ki 37 year age hai
Same with me am 59 yrs old and ashwini nakshatra born.
Same with my son.....what to do??
Aap baalak ki baat kar rahe hain. Kya gandmool ladki paida hone pe bhi hota hai?
(Ashlesha, Jeshta and Revati Nakshatra ) Governing planet Mercury and Ashwani, Magha and Mool Nakshtra Governing planet Ketu . These are called Junction Stars . If any baby will born under these Nakshtra needs to protect by Mool shanti puja or Tula Daan ( I’ll explain it in my next comment what exactly Tula Daan is)
भाई, जल्दी बताओ। मैं भी ज्येष्ठा नक्षत्र मे पैदा हुआ हूँ।
Asc lord or moon nakshtra??
मिथुन लग्न, Scorpion 🦂 राशि मे ज्येष्ठा नक्षत्र
Agar jyeshtah nakshtra 4th pada ki bachpan mein mool shanti na hui to kya 50 plus age mein koi puja ho sakti hai. Kripya bataiye
Meri beti ka vrachik lagan aur vrachik rashihai uska moon nakshtra vishakha hai aur wo jeshtha nakshtra main born Hui hai kya uski mul Shanti karvani chahiye .she is now 27
Aap sa contact kesa kera
आप उन्हें इस नंबर से व्हाट्सएप पर पहले मैसेज करें, और अपॉइंटमेंट लेकर बात करें : +91 91701 96999
वो समयानुसार आपको सभी प्रकार की गाइडेंस देंगे।
जय हो।
🙏
बहुत ही अच्छी philosophy आपने बतायी है , आगे भी आप बोलते रहिये , समाज , ज्योतिष अभ्यासक ऑर नया विज्ञान , नये लोग समझेंगे ,बेसिक रूट क्या हैं ये जान ना लोगोको अच्छा लगता हैं , धन्यवाद ..Dr...sahab ...
🙏🙏