Thank you so much for the video, i also started my spiritual journey with Osho.....i had a wide smile when you took his name.... Thank you once again 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Thanku sir.. 🙏 apki vdo ki roj wait krti hu... Jb v apki vdo dekhti hu to mn ekdam shant ho jata hai aur bahut आनंद milta hai bahut jyada thanku sir aur mujhe hamesha feel hota hai ki meri growth ho rhi hai... Thanku sir apki mere liye prabhu bn ke aaye hai.... Andhkar se प्रकाश ki aur le jane ke liye bahut jyada dil se dhanyavaad sir🙏😊
अध्यात्म का मार्ग खोज का विषय है ही नहीं । अध्यात्म का मार्ग समझने का विषय है । शिक्षा के द्वारा छात्र उन सूत्रों को समझने में साक्षर बनता है । जिनके आधार पर छात्र आगे की कक्षाओं में उत्तीर्ण होकर पहुँचता है । अध्यात्म उन्नति में सबसे अधिक सहायक भारतीय वैद वैदन्त शास्त्रों ग्रंथों में दिये गये । दिशा निर्देश ही वो सूत्र आधार बनते है । जो हमें अध्यात्म के मार्ग पर चलने में पूर्ण सक्षम बनाकर स्वयं को समझने में सबसे अधिक सहायक सिद्ध होते है। यदि हमारी बुद्धि तथ्यों का शुद्ध मंथन करने में निपूर्ण है । तो हम दिशा निर्देशों को आधार बनाकर तथ्यों का शुद्ध मंथन करते रहेंगे तो । सब कुछ अपने आप स्पष्ट होने लगेगा और हमारी समझ में आने भी लगेगा । यदि हमारी बुद्धि तथ्यों का शुद्ध मंथन करने में निपूर्ण नहीं है । तो हमें तथ्यों को समझने के लिए किसी योग्य सिद्ध योगी के प्रेरणात्मक सिद्धांतों को माध्यम बनाना ही होगा । सुकरात जी और चार वॉक जी ने आध्यात्मिक सिद्धांतों की हर श्रेणी का अध्ययन खोज को आधार बनाकर किया था । जिसके कारण चार वॉक और सुकरात जी की धारणा आध्यात्मिक दृष्टिकोण के संबंध में और अधिक नास्तिक बनकर भौतिक वादी सोच में परिवर्तित हो गई थी । भगवान बुद्ध जब तक सिद्धार्थ बनकर अध्यात्म में खोज करते रहे थे । तो असफलता और निराशा उनकी मानसिक धारणा को प्रभावित करती ही रही थी । जैसे ही भगवान बुद्ध को यह समझ में आया अध्यात्म खोज का विषय नहीं स्वयं को समझने का दृष्टि कौन है । तो भगवान बुद्ध सत्य की चेतना से पूर्ण परिचित हो गए थे । जो समझने या अध्ययन करने व खोज इत्यादि सभी में स्वयं को सक्षम नहीं बना पाते । उन सभी के लिए एक समान रूप से सबसे सरल सुलभ मार्ग है । भक्ति प्रेम योग मार्ग । इसमें यदि हमें स्वयं के आत्म तत्व को जानना है तो । हमें अपनी मानसिक धारणा में अपने आत्म तत्व से निष्काम प्रेम की धारणा को विकसित करना ही सिद्ध योग बनाता है । क्योंकि हम आत्म तत्व का चुनाव नहीं करते । हमारी योग्यता के आधार पर हमारा चुनाव स्वयं हमारी आत्मा करती है हमसे साक्षात साकार होने के लिए । और यदि हमें परमात्मा को जानना है। तो अपनी आंतरिक रुचि के अनुसार हम किसी भी एक नाम व रूप को आधार मानकर परमात्मा के नाम रूप से निष्काम प्रेम करते रहे । और अपने मानसिक विकास के लिए अपनी जिज्ञासा को विकसित करते रहेंगे । तो जैसे ही हम अपनी पात्रता को सिद्ध कर लेंगे । हमें संपूर्ण सत्य सत् चित् आनंद परमात्मा परम् ईश्वर के सगुण साकार रूप का साक्षात अनुभव होने लगेगा । इन सभी सिद्धांतों को समझने का नायक है । केवल और केवल हमारा !! मन !! अब यह हमारी समझ पर निर्भर है । हमारे मन में किस मार्ग के प्रति सबसे अधिक रुचि श्रद्धा विश्वास प्रेम समर्पण की भावनाएँ अधिक है । जय श्री कृष्ण श्री कृष्ण वन्दे जगद गुरु ❤️🌺💐🌺💐🌺💐🕉☪️✝️🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Sir , Ey sawal her us samay uthta hai man me jub vi bahar se prblm ata hai ander se conflict ata hai , K Kaya mai ey hu ? Sure pata hai k Mai ey nahu ,lekin Mai koun hu , kaysi hu ey nahi pata ,
Sar ek video matlab jo dekh raha hun main sunkar aisa lag raha hai ki yah video Maine pahle dekh chuka hai kyunki abhi main yah video chhodkar FIR do teen video check kiya yah sab baten Maine socha hai Maine dekh chuka hai aapka video lekin yah sare mujhe lagte Hain use sapne mein hi dekha
Sar main aaj cal raat ko Sapna dekha to Aisa aapse mila ke ghar mein Gaya aur aapka Jaise video banane ka time hota hai vahi time mein main pahunch gaya poochha ki doctor sahab hai use uske fir aap aaya thodi der bad mein aapka ek jagah hota Jahan baithkar aap video banate hain use jagah mein bhi aaya sath mein baitha to usko kuchh baten Kiya hai humne uske bad abhi yah baat Abhi yad hai jaise ki Abhi Raat mein video dekh raha hun subah to din bhar mein mujhe yad nahin tha pichhle din to video thoda dekhkar chhod diya tha mujhe Maine Achanak aise Sapna kaise pada mujhe maloom nahin
Me Ek bhatakti huyee Aatma Hu jo Khud ko Janine k liye Koshish kar Rahi hai Spirituality k through .
Thank you so much for the video, i also started my spiritual journey with Osho.....i had a wide smile when you took his name.... Thank you once again 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Sir
You are Great
Thank you sir❤🙏
Geneva kyaa h sir???
Thanku sir.. 🙏 apki vdo ki roj wait krti hu... Jb v apki vdo dekhti hu to mn ekdam shant ho jata hai aur bahut आनंद milta hai bahut jyada thanku sir aur mujhe hamesha feel hota hai ki meri growth ho rhi hai... Thanku sir apki mere liye prabhu bn ke aaye hai.... Andhkar se प्रकाश ki aur le jane ke liye bahut jyada dil se dhanyavaad sir🙏😊
🙏🙏🧘♂️🧘♂️
अध्यात्म का मार्ग खोज का विषय है ही नहीं ।
अध्यात्म का मार्ग समझने का विषय है ।
शिक्षा के द्वारा छात्र उन सूत्रों को समझने में साक्षर बनता है ।
जिनके आधार पर छात्र आगे की कक्षाओं में उत्तीर्ण होकर पहुँचता है ।
अध्यात्म उन्नति में सबसे अधिक सहायक भारतीय वैद वैदन्त शास्त्रों ग्रंथों में दिये गये ।
दिशा निर्देश ही वो सूत्र आधार बनते है ।
जो हमें अध्यात्म के मार्ग पर चलने में पूर्ण सक्षम बनाकर स्वयं को समझने में सबसे अधिक सहायक सिद्ध होते है।
यदि हमारी बुद्धि तथ्यों का शुद्ध मंथन करने में निपूर्ण है ।
तो हम दिशा निर्देशों को आधार बनाकर तथ्यों का शुद्ध मंथन करते रहेंगे तो ।
सब कुछ अपने आप स्पष्ट होने लगेगा और हमारी समझ में आने भी लगेगा ।
यदि हमारी बुद्धि तथ्यों का शुद्ध मंथन करने में निपूर्ण नहीं है ।
तो हमें तथ्यों को समझने के लिए किसी योग्य सिद्ध योगी के प्रेरणात्मक सिद्धांतों को माध्यम बनाना ही होगा ।
सुकरात जी और चार वॉक जी ने आध्यात्मिक सिद्धांतों की हर श्रेणी का अध्ययन खोज को आधार बनाकर किया था ।
जिसके कारण चार वॉक और सुकरात जी की धारणा आध्यात्मिक दृष्टिकोण के संबंध में और अधिक नास्तिक बनकर भौतिक वादी सोच में परिवर्तित हो गई थी ।
भगवान बुद्ध जब तक सिद्धार्थ बनकर अध्यात्म में खोज करते रहे थे ।
तो असफलता और निराशा उनकी मानसिक धारणा को प्रभावित करती ही रही थी ।
जैसे ही भगवान बुद्ध को यह समझ में आया अध्यात्म खोज का विषय नहीं स्वयं को समझने का दृष्टि कौन है ।
तो भगवान बुद्ध सत्य की चेतना से पूर्ण परिचित हो गए थे ।
जो समझने या अध्ययन करने व खोज इत्यादि सभी में स्वयं को सक्षम नहीं बना पाते ।
उन सभी के लिए एक समान रूप से सबसे सरल सुलभ मार्ग है ।
भक्ति प्रेम योग मार्ग ।
इसमें यदि हमें स्वयं के आत्म तत्व को जानना है तो ।
हमें अपनी मानसिक धारणा में अपने आत्म तत्व से निष्काम प्रेम की धारणा को विकसित करना ही सिद्ध योग बनाता है ।
क्योंकि हम आत्म तत्व का चुनाव नहीं करते ।
हमारी योग्यता के आधार पर हमारा चुनाव स्वयं हमारी आत्मा करती है
हमसे साक्षात साकार होने के लिए ।
और यदि हमें परमात्मा को जानना है।
तो अपनी आंतरिक रुचि के अनुसार हम किसी भी एक नाम व रूप को आधार मानकर परमात्मा के नाम रूप से निष्काम प्रेम करते रहे ।
और अपने मानसिक विकास के लिए अपनी जिज्ञासा को विकसित करते रहेंगे ।
तो जैसे ही हम अपनी पात्रता को सिद्ध कर लेंगे ।
हमें संपूर्ण सत्य सत् चित् आनंद परमात्मा परम् ईश्वर के सगुण साकार रूप का साक्षात अनुभव होने लगेगा ।
इन सभी सिद्धांतों को समझने का नायक है । केवल और केवल हमारा
!! मन !!
अब यह हमारी समझ पर निर्भर है ।
हमारे मन में किस मार्ग के प्रति सबसे अधिक रुचि श्रद्धा विश्वास प्रेम समर्पण की भावनाएँ अधिक है ।
जय श्री कृष्ण
श्री कृष्ण वन्दे जगद गुरु
❤️🌺💐🌺💐🌺💐🕉☪️✝️🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Free hona hi udeshya hai 🙏
Thank you so much father🙏💕🤗
Thanks sir❤️❤️🙏🏻🙏🏻
Thankyou sir
Thanks sir ji 🙏
Progress ho raha hai yeisa lag raha hai 🙏🙏🌹🌹❤️
ধন্যবাদ 🙏
❤
🙏🙏 Sir
Sir ,
Ey sawal her us samay uthta hai man me jub vi bahar se prblm ata hai ander se conflict ata hai ,
K Kaya mai ey hu ?
Sure pata hai k Mai ey nahu ,lekin Mai koun hu , kaysi hu ey nahi pata ,
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙂
If life start giving things easily people will not value it
Very good shuklaji Thanks PARAM SHANTI from surat
Your Gyan is real spiritual person follw
Sir..kya sach me jivan me jo hota h acche k liye hota h .....aur is acche k intjar me itna suffer Krna pdta h ki last me Syd kuch accha ho hi na...
Why do i feel i have heard this, is this a repeated upload?
BTW - mein confused hoon
Sar ek video matlab jo dekh raha hun main sunkar aisa lag raha hai ki yah video Maine pahle dekh chuka hai kyunki abhi main yah video chhodkar FIR do teen video check kiya yah sab baten Maine socha hai Maine dekh chuka hai aapka video lekin yah sare mujhe lagte Hain use sapne mein hi dekha
Again upload video
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏
Kabhi body kabhi body ko janne wala 🙏
9:58
Osho k book padhke aise gyan hua kya,
Osho ak majedar unspiritual person hai
Sar main aaj cal raat ko Sapna dekha to Aisa aapse mila ke ghar mein Gaya aur aapka Jaise video banane ka time hota hai vahi time mein main pahunch gaya poochha ki doctor sahab hai use uske fir aap aaya thodi der bad mein aapka ek jagah hota Jahan baithkar aap video banate hain use jagah mein bhi aaya sath mein baitha to usko kuchh baten Kiya hai humne uske bad abhi yah baat Abhi yad hai jaise ki Abhi Raat mein video dekh raha hun subah to din bhar mein mujhe yad nahin tha pichhle din to video thoda dekhkar chhod diya tha mujhe Maine Achanak aise Sapna kaise pada mujhe maloom nahin
kuch nahi
Guruji, I m in NTPC 🙏
मैं वो हूं जो हर चीज महसूस करता है एहसास करता है
Mein ek bichar hoon.. Aur kuch nhi
🙏🙏🙏