#vaikhari के आयोजन में जाने-माने #historian S Irfan Habib ने कहा कि #whatsapp #history से देश का भविष्य नष्ट किया जा रहा है। अपनी राय बताइए कमेन्ट में #historylove #history #litfest
Irfan aur pandey tum log ek baat bataoo akbar mahaan th to veer Maharana pratap aur shivaji kaun th ?, Tajmahaal se jyada khubsoorat to Minakshi temple h kya yah itihaaskaro ko nahi dikha ?
In all other nations, whereever islam went conversion happened and most of the population got converted but in India, there was continuous resistance from internal forces so they couldn't do it. Forces like Sikhs, maratha, राजपूत,...
These were rajputs itself who lost to Turks coz of there continuous not ending internal conflict and letting an foreign invader rule India. If you are glorifying there victory then you should also raise questions on there failures.
@@narayandutt_7 which country or community doesn't have among them, important is survival, resistance from time to time, and finding political solution which they did, they support Akbar because they were able to do politics of their choice, and when aurangzeb tried to interfere he lost support, if they didn't exist whole country will be islamized
WhatsApp के जरिये सही और असली इतिहास फैलाया जा रहा है, वो असली इतिहास जिसे वामी धूर्त इतिहासकारों ने दबा दिया था. जिसे मेक्समूलर, मेकाले और बाद में अबुल कलाम ने नष्ट कर दिया था.
Bahut umda program kr rahey hain Mr. Ashok Kumar Pandey sahab.. Humein isitarah awam tk sahi history pahunchani hai..True History ki reach abhi considerable nahin balki negligible hai, sirf myths aur doctored history circulation mein hai jissey nafrat failane waley istemal kr rahey hain communalism phailane k liye.. Humein history ko rationally aur logically samajhna hoga aur samjhana bhi hoga logon ko..We should not repeat the blunder of history but should take lesson from it. Thanks a lot to speaker Irfan Habib sahab n to organizer Mr Ashok Sahab..
भाई इतिहास को समझने से कुछ नहीं होगा सबसे जरूरी है मुस्लिमों को समझना की 20वी सदी का दौर गया कोई बात नहीं पाकिस्तान बंगलादेश अफगानिस्तान में जबरदस्ती कर रहे हो वही तुम्हारा इतिहास है करो पर भारत में कश्मीर बंगाल असम केरल की तरफ आंख उठाओगे तो पेले जाओगे गांधी ने शायद गलती ना की होती तो भारत आज विश्व गुरू होता पर गांधी की एक गलती ने भारत को जलने पर मजबुर कर दिया जिस का भुगतान पता नहीं कितनी पीढ़ियां भुगतेगी।
बस मुगलों की तरह सारे गौरवशाली इतिहास को नालंदा विश्वविद्यालय की तरह जला दो वरना कांग्रेस की तरह खुद का इतिहास लिखवा दो इन दो दो कौड़ी में इतिहास लिखने वाले गुलाम इतिहासकारों से सारा रायता बिरयानी में मिल जायेगा।😜😜😜😜😜😜
I want to ask Irfan habib about Marxism. What happened with it in India? I want to tell you that Marxism badly failed in India because it smells communalism.
बिल्कुल श्रीमान व्हाट्सएप में लोग पढ़कर खुद को बुद्धिमान समझने लगे हैं। पर इतिहास तो इतिहास है। उससे सीखा ही जा सकता है। कि कैसे अशोक ने सेक्युलर देश की नींव रखने की कोशिश की और कैसे मजहबी गैंग ने मजहब के नाम पर बटवारा कर दिया। क्यों बामियान बुद्ध तोड़े गए। सब इतिहास सीखा रहा है सर। पर सीखना कुछ नही है। क्योकि ये आपके प्रोपगंडा इकोसिस्टम को सूट नही करता न।
WhatsApp के जरिये सही और असली इतिहास फैलाया जा रहा है, वो असली इतिहास जिसे वामी धूर्त इतिहासकारों ने दबा दिया था. जिसे मेक्समूलर, मेकाले और बाद में अबुल कलाम ने नष्ट कर दिया था.
दिसंबर 2019 में हुई उस घटना का उल्लेख करते हुए, जब वह कन्नूर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित भारतीय इतिहास कांग्रेस का उद्घाटन करने गए थे, जहां हबीब भी एक वक्ता थे, खान ने आरोप लगाया कि इतिहासकार सीधे उनके पास लड़ाई के लिए आए थे। जैसे ही राज्यपाल संबोधित करने वाले थे, कार्यक्रम के लिए इकट्ठे हुए अधिकांश प्रतिनिधियों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर उनके रुख के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त किया, जो उस समय एक ज्वलंत मुद्दा ये तथाकथित इतिहासकार नहीं एक वामपंथी
Definitely…. I am 100% agree with you sir…. Ram Puniyani Sir & Ashok Pandey Sir is the only people I know who explain history with sources and conviction. And their are the ones who are preserving the true history of India.
पाकिस्तान बंगलादेश अफगानिस्तान कश्मीर में किस आधार पर शोषण हुआ मुगलों के समय किस आधार पर शोषण हुआ बंगाल में केरल में असम में किस आधार पर शोषण होता है हिन्दुओं का बता सकते हो जिन्होंने इतिहास पढ़ कर सीखना नहीं उन का अंत पाकिस्तान बंगलादेश अफगानिस्तान कश्मीर के अल्पसंख्यकों जैसा होता है बाकी लगे रहो हमें खूद की लड़ाई लडना आता है हम लड़ते रहेंगे तुम्हारे हिस्से की भी।
Thanks,sir for enlightening...on the true spirit of humanity & scientific history.... rightly said this has to be campaigned at all strata of the Indian society....Jai Hind
इरफान हबीब महोदय!यह शुक्र है की आज सोशल मीडिया पर लोगो को मौका मिल रहा है,हो सकता है की उसमे कुछ असत्य भी हो पर उसमे सत्य भी है।आप जैसे इतिहासकारों के हाथ से इतिहास निकल कर अनेकों के पास आ गया है ,यही आप लोगों का दुख है। इतिहास दो सौ , चार सौ साल पुराना नहीं,महाभारत पढ़िए पांच हजार साल से वंश परंपरा के नाम तक लिखे हैं। यह कहिए जो आज व्हाट्सएप पर आ रहा है अगर उसके साथ प्रमाण हैं तो आप अपने तर्कों के आधार पर उसे स्वीकार करें।
3500 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता थी जोकि विश्व की सबसे बेहतरीन सभ्यता थी उस समय। रामायण महाभारत 500 ई पू के आस पास लिखी गईं जोकि वैदिक काल से चर्चा में थीं। आप लोग भक्त है तो किसी भी महाकाव्य को इतिहास बोल सकते है। तर्क और अंधविश्वास में आप लोग अंधविश्वास को वरीयता देते हैं। अभी हाल में एक फिल्म RRR बहुत लोकप्रिय रही। आपके जैसे सूक्ष्म बुद्धि के लोग 3000 साल बाद कहेंगे कि सच्ची घटना हैं। राजू और भीम हमारे भगवान हैं। RRR में जिन स्थानों का नाम आया है वो स्थान हैं देश में। आप लोग हमेशा कुएं के मेंढ़क रहे हैं और आगे भी रहना चाहते हैं। जिन भी महापुरुषों ने समाज में प्रगति की बात की आप लोगों ने उन्हें तबाह कर दिया और समाज को पिछले पुराने दौर में लाने की कोशिश की। आज भी यही कोशिश जारी है भूतकाल अमृतलाल था और वर्तमान और भविष्य जहर है।
And this too Let Habib sahab prove it wrong with details and evidences जब पाकिस्तान की मांग अपने चरम पर थी; उस वक़्त दारूल उलूम देबबंद और उसके बड़े उलेमा पाकिस्तान की मांग के खिलाफ थे। देबबंद के बड़े आलिमों में से एक थे मौलाना हुसैन अहमद मदनी। वो रमजान के महीने असम के सिलहट जिले में गुजारते थे और वहां की मस्जिद में इबादत और तिलावते कुरआन में मशगूल रहते थे। ये साल 1946 था और एक दिन वो नमाज़ से फारिग हुए तो बाहर निकलकर कहा:- "आसमानों पर और फरिश्तों में पाकिस्तान के कियाम का फैसला हो चुका है, मुझे यकीन है कि अगले बरस तक पाकिस्तान बन जाएगा।" उनकी इस बात को सुनकर उनके कुछ मुरीदों ने कहा कि अगर ये फैसला (यानि पाकिस्तान के कियाम का) आसमानों पर हो चुका है तो फिर हम इसका विरोध क्यों कर रहें हैं? इस पर मौलाना मदनी ने सूरह कलम की ये आयतें पढ़ी:- "हम ऐसों को क्रमशः (विनाश की ओर) ले जाएँगे, ऐसे तरीक़े से कि वे नहीं जानते, मैं उन्हें ढील दे रहा हूँ। निश्चय ही मेरी चाल बड़ी मज़बूत है।" फिर कहा:- "जैसे किसी मछुआरे के जाल में जब मछली फंस जाती है तो वह उसे ढील देता जाता है इसी तरह कई बार कोई इंसान या कौम गुमराही पर चलती है तो अल्लाह उन्हें उनकी इस गुमराह राहों पर चलने के लिए ढील देता जाता है ताकि अपने पाप में वो बुलंदी पा लें और फिर उनके गुनाहों पर उन्हें पकड़ता है, शायद यही पाकिस्तान बनाने वालों और पाकिस्तान के साथ होगा।" 1971 में मजहब के नाम पर बने मुल्क का भाषा और संस्कृति के आधार पर हुआ विभाजन, रोज हो रहे कत्लो-गारत के काम, आतंकवादी और फितनापरस्त मुल्क का तमगा, भूक्खड़ देश और पाकिस्तान के अन्दर सिन्धी, बलूची, मोहाजिर, पंजाबी जैसे झगड़े जो उसके कई-कई टुकड़े करने पर आमादा हैं; ये सब हुसैन अहमद मदनी की पेशीनगोई को सही साबित कर रही है। आज जब मोदी-नीति के चलते पाकिस्तान अब अपने समाप्ति के आख़िरी मरहले पर है, मुझे मौलाना हुसैन अहमद मदनी की पेशीनगोई दुबारा याद आ रही है🤗
अशोक पंडित की जगह इतिहासिक पुस्तको को पढ़ा करें वो भी उन की जो किसी पार्टी बेस फंड पर दरवारी इतिहासकार नहीं हुआ करते थे इन का काम ही है एक नेरेटिव फैला कर एक समुदाय के फालोवर्स बटोरना और इतिहास को तोड कर पेश करना बाकी आप पर निर्भर करता है आप कैसे इतिहासकार को सुनना चाहती है।
Prof. Habib should visit, Town of , Bhatkal, costal town in Karnataka, study the atmosphere that existed about twenty years ago, and line of thought that broods in that town. Similar such incidents have led to the state we are in today.
विदेशी university मे पढनेवाले ईंडीया कि credible history कैसे लिख सकते है? वो तो degree देने के लिये अपने मनपसंद का narrative तुमसे लिखवा लेंगे. कितने historians है जिन्होने ground work किया? कितनो को संस्क्ृत या पाली या ब्राम्ही कि समझ है? क्या हमारी धरोहर फोरेन कि university मे है?
Prof Irfan Habib Sahib is a luminary and prolific writer. Since College days, my teachers used to cite about his outstanding works and his contributions in the Indian History Congress. We are in the Digital World. The most pernicious and disastrous consequence is that the deep state has distorted History to carve out MAJORITY by identity politics. The state kills Reasoning, cognitive skills and continuously goes on expanding, widening the OTHERS. There are two categories ;- WE and THEY. It is applied and administered on all levels and layers. In need, sinister, evil design is made, conspiracies are hatched. Hindus attack Hindus and blame Muslims. At the one end, consolidation is done, on the other, demonisation begins. The climax may result in genocide. In between, violent attacks, destruction of properties of identified persons with specific details, arson, loot, riots take place.
मानव जाति का इतिहास समस्त विस्व के लिए एक है।।क्या हजरत मोहमद के पहले अरब सभ्य नहीं थे। उनका इतिहास पढ़ना नहीं चाहिए। गौरवशाली पर्सियन इतिहास को भुलाया क्यों जा रहा है। आज गुरु गोविंद का सम्मान पाकिस्तान में क्यों नहीं है वहां के टेक्स्टबुक मे देख लिया जाय। इरफान साहब. You are right,but world historian congress should go the world and world will be good place for us
अशोक पांडे जी, Could you please organise such a program in Indian Govt+Private Universities, including Engg college, etc, to seed the fact among Prof+Sudents of History & others in particular, for the benefit of generation ? Cost would be much less !
But for that, it's also pertinent to give platform for the counter voices. Let's make it two dimensional with each party presenting their "facts" and let the audience decide, through their own independent intellect" as to which side is more authentic in their narratives or presentation. Hope you agree with me on this
Sir, it's only a phase, in the history of our country. Dark phase though. Can't continue forever. Countries have history of 1000ds of years, so these 10-15 years or 20 years for that matter, will also become history and will always be remembered as a dark phase in Indian democratic history!!!!
The bottom line is that these critics are delusional when they assume their platform to be the only correct one. I did my PhD defending Adorno over Heidegger but finall6 I realized that Adorno too did not u derstand thst he too was a part of history, he too was prejudiced so I quit philosophy in 1981 I have rendered to counter these narcissus who tell us how everyone except them is prejudiced. Irfan is totally ignorant of the Indic theme of purva paksha
आज के दौड में पढ़ाई का स्तर इतना गिर चुका है; Prof का स्तर इतना गिर चुका है (जबकि सैलरी पिछले दौड के Comparison बहुत अच्छी हो चुकी है); इसलिए Student का ज्ञान निम्न स्तर पर पहुंच चुका है I इस तरह लोग (Prof +Studet) Whatsapp Unversity का शिकार हो गए हैं I Suggestion for Improvement - Employ Prof of Practice who are basically professional
सर मैंने आपके द्वारा लिखी गयी 'मध्यकालीन इतिहास' पुस्तक को पढ़ा है। वह पुस्तक पढ़े लिखे लोगों के लिए उस वक्त के इतिहास को जानने के लिए वरदान है।आपको बारम्बार प्रणाम 🙏🙏
It was nice listening to prof Habib we should learn from our history our great grand fathers lived with each other happyly but now why this hatred they too were learned people but knew that happiness is living togeather we are not doing good by giving wrong information to our kids by changing history such platforms should be conducted oftenly
Thanks to the internet many like me warmed up to the idea of reading ACTUAL accounts of Islamic rule in parts India from medieval accounts instead of relying on a certain shade of interpretation by a shady lot. Thanks to the internet for showing me the peaceful (?) side of Sufism and its propagation in madeival Kashmir in Baharistan -I- Shahi and the like. Thanks to the internet that a rational, inquisitive individual has access to the root of all information that is ubiquitous to know apples from oranges. Thanks to the internet that I am going to stick to my own understanding and perspective of the peaceful(?) ideological exchange that took place amidst the bloodshed in medieval India. Thanks to the internet for democratising information.
For all the comments here, J Sai Deepak, Sanjeev Saniyal or Praveen Mohan they are only historians in TH-cam channels and podcast. To become real historians one not only need to study history but publish papers with archival evidence and facts. The factual history will remain intact in museums and archives whether one studies them or not. If these 3 TH-camrs are real historians and have any balls.. ask them to prove their points and publish international papers for their strange theories. Agar dam hai toh karke dikhaye.
@@DilliwalaRanghad book likhna or research ke base par paper publish karna are two different things. I have asked to publish research papers backed by facts and evidence not just some books. Bhayia, hum jo history study karte hai.. woh aisehi historians likh nehi pate.. unhe apna theory and research prove karna padta hai.. paper publish karni hoti hai .. once it’s peer reviewed and accepted.. based on theory , fact check and evidence.. tab ja ke they become part of our history book..
Sir Aap jaise learned, certified aur knowledgeable history professors ne initiative li hai, Purushottam ji, Habib ji, Ram punyani ji aur chandd professors aur writers hi aasha hai desh ke whatsApp university & google baba se seekhe hue scholars ko correct karien...
Yeah Irfan Habib has done tremendous damage to Indian History, along with Romila Thapar. Yet their idea of India still reigns supreme in most history books, both Indian and foreign.
Please read other historians too who belong to the other khaima, To have more knowledge, no use learning history from one school only, which is obviously biased, worse is full of lies and distorted truths
इनके इतिहास में कभी छत्रपति शिवाजी महाराज नही आते है कभी महाराणा प्रताप नही आयेंगे। ये कभी PFI की बात नही करेंगे कभी Moplah और कश्मीर की बात नही करेंगे
व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी के विद्वानों ने आप और अशोक पांडे जैसे इतिहासकारों को इतिहास बना दिया है। आज के इतिहासकार सुधांशु त्रिवेदी, पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ, जी डी बक्शी जैसे महान विद्वान हैं। जय हिंद।
मान्यवर अग्रवाल जी, इतिहास को तोड़ मरोड़ कर वाकपटुता से पेश करके कोई व्यक्ति थोड़े समय तक यश प्राप्त कर सकता है लेकिन लम्बे दौर में वही टिकेगा जिसके व्याख्यानों में तथ्य होंगे।
A.K. Agrawal यार जैसी बकवास तुम किए हो उस आधार पर तुम्हें पागलखाने में डाल कर तुम्हारे दिमाग का ईलाज करवाना चाहिए। वैसे उसका भी कोई फायदा नहीं क्योंकि तुम एक अनपढ, अन्धभक्त हो बिल्कुल बेरोजगार और बीजेपी आई टी सेल के पालतू पशु। Whatsapp university के विद्वान नहीं होते बल्कि जाहिल मूर्ख व अफवाह फ़ैलाने वाले होते हैं। जिन सांप्रदायिक अंधभक्तो का तुम नाम लिए हो वो इतिहासकार नहीं झूठ के प्रचारक हैं। सुधांशु त्रिवेदी पाखंडी कथावाचक जैसा एक झूठा संघी दलाल है,जीडी बख्शी एक गालीबाज़ सठिया गया मनोरोगी जाहिल बुढ्ढा है और पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ एक सांप्रदायिक तौर पर ब्रेनवाश करने वाला झूठा मक्कार आतंकी है
Abhi to satya jeetna shuru hi hua hai....ab tk to dabaya jata tha....Hinduo ka itihas wo log likhte the jo hindu the bhi nhi or na hindu k bare me jante the.
Irfan Habib was a marxist and mughal lover , and he didn't tell why Maulana Azaad was made education minister, and what was his qualification as an education minister ?
यह लोग सुप्रीम कोर्ट में कहते हैं कि ना संस्कृत आती है और ना ही फारसी और ना ही आर्केलोजी के पढ़ाई किया और यह भारतीय सभ्यता के महान इतिहासकार हैं वामपंथी लोग😅😅😅😂😂😂
Partition was not a British project it was a collective project launched by Gandhi, Patel, Nehru, and Jinnah. Partition took place only because of the status quo. Upper class Hindu was successful in maintaining the status quo through partition.
to consider muslim population in India, we need to consider Muslims of Pakistan, Afganistan , Bangladesh and India who are near about 70 Cr. and Hindus are 85 Cr. So you can see the amount of conversion in Indian sub continent. So Mr. Irfan first of all correct your data. While they are forcing conversion even today in Pakistan, Afganistan, and even in India while there are law, order and social media is present every where, we can see which kind of prosecution Hindus would have faced during Sultnat and Mughal period.
5k years still scbcstobc +adivasis +Dalits +tribal are not allowed inside temples, can't go on horse for wedding, denied education-jobs, lynched, raped , women not allowed to hide breast and murdered if handsome boys love-jihad on beautiful Aryan UC shudh girls. Stop bulls$iting .
Sir,it is a fact that indian history has 2 narratives : one a muslim narrative or pakistani narrative and second a hindu narrative or RSS narrative. These are 2 contrarian narratives which also led to creation of pakistan in 1947. This fact can neither be wished away nor can it be dismissed as hindu- muslim animosity(nafrat). This creates a very peculiar situation for indian muslim historians and they at once jump into the politics of BJP, secularism and indian constitution. Mr Jinnah offered a solution for this dichotomy in 1947,but indian muslims refused to migrate to pakistan and ended up in pain and bickerings ever since to date.
Prof Habib Sab, वैसे तो आप कई प्लेटफार्म पर इतिहास के बारे में समझाने की अथक प्रयास करते हैं I Could you deliver lectures to Prof+students of history, Engg college, etc in Indian Govt+Pvt Universities, to open their eyes !
#vaikhari के आयोजन में जाने-माने #historian S Irfan Habib ने कहा कि #whatsapp #history से देश का भविष्य नष्ट किया जा रहा है। अपनी राय बताइए कमेन्ट में
#historylove #history #litfest
सोशल मिडिया, ,,गोदी मीडिया बरबाद कर दिया, ,,हिन्दू मुस्लिम एकता को,,
मुस्लिम कट्टरपंथ भी बराबरी का गुनाहगार
राय देना इस समय मे बड़ा मुश्किल है
When the past and present are not something we can be happy about, future also looks bleak because of our religious trappings. 😀
Irfan aur pandey tum log ek baat bataoo akbar mahaan th to veer Maharana pratap aur shivaji kaun th ?,
Tajmahaal se jyada khubsoorat to Minakshi temple h kya yah itihaaskaro ko nahi dikha ?
@@rishirajgupta6236 : You are perfect example of a student of whatsApp university with andhbhakt of feku.
वैखरी का धन्यवाद इस अद्वितीय आयोजन के लिये। अशोक जी व अन्य प्रतिभागी विद्वानों का हार्दिक धन्यवाद।
Amazing lecture by Dr. Irfan Habib. Thank you Ashok Kumar Panday.
thank u sir. … seems like normal n logical statements are so hard to express today. . thank u for being there
In all other nations, whereever islam went conversion happened and most of the population got converted but in India, there was continuous resistance from internal forces so they couldn't do it. Forces like Sikhs, maratha, राजपूत,...
These were rajputs itself who lost to Turks coz of there continuous not ending internal conflict and letting an foreign invader rule India. If you are glorifying there victory then you should also raise questions on there failures.
@@narayandutt_7 Abey tu na toh india ka na china ka kis or desh ka hai bs galati hai kis ki jo paida ho gya hai...
@@narayandutt_7 which country or community doesn't have among them, important is survival, resistance from time to time, and finding political solution which they did, they support Akbar because they were able to do politics of their choice, and when aurangzeb tried to interfere he lost support, if they didn't exist whole country will be islamized
You're mad because lynching, riots and rape didn't work for Ghar wapsi
सही इतिहासकारों को जुमले बाजों के परोपगंडा से लड़ना होगा तभी यह देश बचेगा। अशोक पांडे जी को हमारा बहुत-बहुत धन्यवाद।
WhatsApp के जरिये सही और असली इतिहास फैलाया जा रहा है, वो असली इतिहास जिसे वामी धूर्त इतिहासकारों ने दबा दिया था. जिसे मेक्समूलर, मेकाले और बाद में अबुल कलाम ने नष्ट कर दिया था.
Ye khud bada jumlebaj hai vo court me sabit ho Chuka hai
बहुत सही बात बोल गये हबीब साहब, हमे किताबें पढने की जरूरत है ना कि watsapp university के फ़र्ज़ी ज्ञान को।
Kitabe agar irfan habib jaiso ne likhi hui ho to bhagwaan hi bachaye 😂
@@pritic7456 wisdom lies when we read what is written and not who is written it...
@@towardshumanity3515 it's very important to find out who is writing it....Bcoz whoever writes write with their own perspective.
@@shivamroy4075 but with an unbiased mind..by wearing glasses of commumalism we easily neglect the hardwork of a person
@@pritic7456 itihas purana pado wats up ka nahi
तकनीक ने इन तथाकथित इतिहासकारों का भांडा फोड दिया
Bahut umda program kr rahey hain Mr. Ashok Kumar Pandey sahab..
Humein isitarah awam tk sahi history pahunchani hai..True History ki reach abhi considerable nahin balki negligible hai, sirf myths aur doctored history circulation mein hai jissey nafrat failane waley istemal kr rahey hain communalism phailane k liye.. Humein history ko rationally aur logically samajhna hoga aur samjhana bhi hoga logon ko..We should not repeat the blunder of history but should take lesson from it.
Thanks a lot to speaker Irfan Habib sahab n to organizer Mr Ashok Sahab..
भाई इतिहास को समझने से कुछ नहीं होगा सबसे जरूरी है मुस्लिमों को समझना की 20वी सदी का दौर गया कोई बात नहीं पाकिस्तान बंगलादेश अफगानिस्तान में जबरदस्ती कर रहे हो वही तुम्हारा इतिहास है करो पर भारत में कश्मीर बंगाल असम केरल की तरफ आंख उठाओगे तो पेले जाओगे गांधी ने शायद गलती ना की होती तो भारत आज विश्व गुरू होता पर गांधी की एक गलती ने भारत को जलने पर मजबुर कर दिया जिस का भुगतान पता नहीं कितनी पीढ़ियां भुगतेगी।
WhatsApp के ज़रिये जो इतिहास का रायता फैलाया जा रहा है वह ध्रुविकरण और वोट खसोट के काम आता है। इसे समेटा कैसे जायेगा यह कोई नहीं जानता।
बस मुगलों की तरह सारे गौरवशाली इतिहास को नालंदा विश्वविद्यालय की तरह जला दो वरना कांग्रेस की तरह खुद का इतिहास लिखवा दो इन दो दो कौड़ी में इतिहास लिखने वाले गुलाम इतिहासकारों से सारा रायता बिरयानी में मिल जायेगा।😜😜😜😜😜😜
I want to ask Irfan habib about Marxism. What happened with it in India? I want to tell you that Marxism badly failed in India because it smells communalism.
बिल्कुल श्रीमान व्हाट्सएप में लोग पढ़कर खुद को बुद्धिमान समझने लगे हैं।
पर इतिहास तो इतिहास है। उससे सीखा ही जा सकता है। कि कैसे अशोक ने सेक्युलर देश की नींव रखने की कोशिश की और कैसे मजहबी गैंग ने मजहब के नाम पर बटवारा कर दिया।
क्यों बामियान बुद्ध तोड़े गए। सब इतिहास सीखा रहा है सर। पर सीखना कुछ नही है। क्योकि ये आपके प्रोपगंडा इकोसिस्टम को सूट नही करता न।
WhatsApp के जरिये सही और असली इतिहास फैलाया जा रहा है, वो असली इतिहास जिसे वामी धूर्त इतिहासकारों ने दबा दिया था. जिसे मेक्समूलर, मेकाले और बाद में अबुल कलाम ने नष्ट कर दिया था.
Abe bsdk ke , gauri kitne ko mara malum hai tume
Very logical and factual. Worth listening Dr Habib.
Galat Itihaas se "Sunera Desh" ko kiya Bhabishat hoga??
दिसंबर 2019 में हुई उस घटना का उल्लेख करते हुए, जब वह कन्नूर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित भारतीय इतिहास कांग्रेस का उद्घाटन करने गए थे, जहां हबीब भी एक वक्ता थे, खान ने आरोप लगाया कि इतिहासकार सीधे उनके पास लड़ाई के लिए आए थे। जैसे ही राज्यपाल संबोधित करने वाले थे, कार्यक्रम के लिए इकट्ठे हुए अधिकांश प्रतिनिधियों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर उनके रुख के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त किया, जो उस समय एक ज्वलंत मुद्दा
ये तथाकथित इतिहासकार नहीं एक वामपंथी
What clarity of thoughts.
Prof. Sb has correctly asked people to READ Shaheed Bhaghat Singh ji and Neta Ji and stop doing mere lip service
@@DilliwalaRanghad veada pad na tasypatimaste tujhe pata chalega ke kon hai our kon nahi rehnevala
Definitely…. I am 100% agree with you sir…. Ram Puniyani Sir & Ashok Pandey Sir is the only people I know who explain history with sources and conviction. And their are the ones who are preserving the true history of India.
आज इतिहास का अध्ययन सिर्फ हिंदू मुस्लिम नफरत का मसाला खोजने और राजनीतिक सहूलियत के हिसाब से वोट या पोलराइजेशन के लिए किया जाता है
पाकिस्तान बंगलादेश अफगानिस्तान कश्मीर में किस आधार पर शोषण हुआ मुगलों के समय किस आधार पर शोषण हुआ बंगाल में केरल में असम में किस आधार पर शोषण होता है हिन्दुओं का बता सकते हो जिन्होंने इतिहास पढ़ कर सीखना नहीं उन का अंत पाकिस्तान बंगलादेश अफगानिस्तान कश्मीर के अल्पसंख्यकों जैसा होता है बाकी लगे रहो हमें खूद की लड़ाई लडना आता है हम लड़ते रहेंगे तुम्हारे हिस्से की भी।
Or pehle itihas sirf musalmano ko khus karne k liye padhaya jata tha or rajneetik sahuliyat k hisab se bs upar upar se padhaya gya.
@@shivamroy4075 ab hinduvonku khush karneme lagi hai satta
Thanks,sir for enlightening...on the true spirit of humanity & scientific history.... rightly said this has to be campaigned at all strata of the Indian society....Jai Hind
इरफान हबीब महोदय!यह शुक्र है की आज सोशल मीडिया पर लोगो को मौका मिल रहा है,हो सकता है की उसमे कुछ असत्य भी हो पर उसमे सत्य भी है।आप जैसे इतिहासकारों के हाथ से इतिहास निकल कर अनेकों के पास आ गया है ,यही आप लोगों का दुख है। इतिहास दो सौ , चार सौ साल पुराना नहीं,महाभारत पढ़िए पांच हजार साल से वंश परंपरा के नाम तक लिखे हैं।
यह कहिए जो आज व्हाट्सएप पर आ रहा है अगर उसके साथ प्रमाण हैं तो आप अपने तर्कों के आधार पर उसे स्वीकार करें।
3500 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता थी जोकि विश्व की सबसे बेहतरीन सभ्यता थी उस समय।
रामायण महाभारत 500 ई पू के आस पास लिखी गईं जोकि वैदिक काल से चर्चा में थीं।
आप लोग भक्त है तो किसी भी महाकाव्य को इतिहास बोल सकते है।
तर्क और अंधविश्वास में आप लोग अंधविश्वास को वरीयता देते हैं।
अभी हाल में एक फिल्म RRR बहुत लोकप्रिय रही। आपके जैसे सूक्ष्म बुद्धि के लोग 3000 साल बाद कहेंगे कि सच्ची घटना हैं। राजू और भीम हमारे भगवान हैं। RRR में जिन स्थानों का नाम आया है वो स्थान हैं देश में।
आप लोग हमेशा कुएं के मेंढ़क रहे हैं और आगे भी रहना चाहते हैं। जिन भी महापुरुषों ने समाज में प्रगति की बात की आप लोगों ने उन्हें तबाह कर दिया और समाज को पिछले पुराने दौर में लाने की कोशिश की। आज भी यही कोशिश जारी है भूतकाल अमृतलाल था और वर्तमान और भविष्य जहर है।
Ashok pandey is right person with evidence valuable
And this too
Let Habib sahab prove it wrong with details and evidences
जब पाकिस्तान की मांग अपने चरम पर थी; उस वक़्त दारूल उलूम देबबंद और उसके बड़े उलेमा पाकिस्तान की मांग के खिलाफ थे।
देबबंद के बड़े आलिमों में से एक थे मौलाना हुसैन अहमद मदनी।
वो रमजान के महीने असम के सिलहट जिले में गुजारते थे और वहां की मस्जिद में इबादत और तिलावते कुरआन में मशगूल रहते थे।
ये साल 1946 था और एक दिन वो नमाज़ से फारिग हुए तो बाहर निकलकर कहा:-
"आसमानों पर और फरिश्तों में पाकिस्तान के कियाम का फैसला हो चुका है, मुझे यकीन है कि अगले बरस तक पाकिस्तान बन जाएगा।"
उनकी इस बात को सुनकर उनके कुछ मुरीदों ने कहा कि अगर ये फैसला (यानि पाकिस्तान के कियाम का) आसमानों पर हो चुका है तो फिर हम इसका विरोध क्यों कर रहें हैं? इस पर मौलाना मदनी ने सूरह कलम की ये आयतें पढ़ी:-
"हम ऐसों को क्रमशः (विनाश की ओर) ले जाएँगे, ऐसे तरीक़े से कि वे नहीं जानते, मैं उन्हें ढील दे रहा हूँ। निश्चय ही मेरी चाल बड़ी मज़बूत है।"
फिर कहा:- "जैसे किसी मछुआरे के जाल में जब मछली फंस जाती है तो वह उसे ढील देता जाता है इसी तरह कई बार कोई इंसान या कौम गुमराही पर चलती है तो अल्लाह उन्हें उनकी इस गुमराह राहों पर चलने के लिए ढील देता जाता है ताकि अपने पाप में वो बुलंदी पा लें और फिर उनके गुनाहों पर उन्हें पकड़ता है, शायद यही पाकिस्तान बनाने वालों और पाकिस्तान के साथ होगा।"
1971 में मजहब के नाम पर बने मुल्क का भाषा और संस्कृति के आधार पर हुआ विभाजन, रोज हो रहे कत्लो-गारत के काम, आतंकवादी और फितनापरस्त मुल्क का तमगा, भूक्खड़ देश और पाकिस्तान के अन्दर सिन्धी, बलूची, मोहाजिर, पंजाबी जैसे झगड़े जो उसके कई-कई टुकड़े करने पर आमादा हैं; ये सब हुसैन अहमद मदनी की पेशीनगोई को सही साबित कर रही है।
आज जब मोदी-नीति के चलते पाकिस्तान अब अपने समाप्ति के आख़िरी मरहले पर है, मुझे मौलाना हुसैन अहमद मदनी की पेशीनगोई दुबारा याद आ रही है🤗
True. New generation is reading history from media not from books
Ashok pandey ji ki esliye hum ijaat karte h or mei proud feel karti hu ki mei unhe sun paati hu aaj ke samye mei
अशोक पंडित की जगह इतिहासिक पुस्तको को पढ़ा करें वो भी उन की जो किसी पार्टी बेस फंड पर दरवारी इतिहासकार नहीं हुआ करते थे इन का काम ही है एक नेरेटिव फैला कर एक समुदाय के फालोवर्स बटोरना और इतिहास को तोड कर पेश करना बाकी आप पर निर्भर करता है आप कैसे इतिहासकार को सुनना चाहती है।
हबीब साहब आप लोगों के बीच में सही इतिहास फैलाएं जिससे कि जुमले बाजों को तर्कसंगत जवाब दिया जा सके .
जय हिंद
What is the meaning of "jumla" according to you ?
@dont Ganga aur Jamuna yeh sab to hamare h, aur
tum tehjeeb ki pungi bana ke........lo.
@@dontbbb491 a soch khaki chaddike haram zaconki
@@rishirajgupta6236 a jhantke basl tere baspne petent liya haikya teri hai teri maski chutme meta
Prof. Habib should visit, Town of , Bhatkal, costal town in Karnataka, study the atmosphere that existed about twenty years ago, and line of thought that broods in that town.
Similar such incidents have led to the state we are in today.
Founder of SIMI was from Bhatkal
@@anildubey7764 kuch jhantkebaal jonge idhar bhi udharbhi jaise r s s bhajrangdal ke jhan kebaal
Many many thanks for this lecture.
विदेशी university मे पढनेवाले ईंडीया कि credible history कैसे लिख सकते है? वो तो degree देने के लिये अपने मनपसंद का narrative तुमसे लिखवा लेंगे. कितने historians है जिन्होने ground work किया? कितनो को संस्क्ृत या पाली या ब्राम्ही कि समझ है? क्या हमारी धरोहर फोरेन कि university मे है?
नरेंद्र मोदीजी की लार्जर दॅन लाईफ छवि बेनकाब हो नहीं रही बल्की पूरी तरह से बेनकाब हो गयी है.
Rahat milti h ese program se aur sahi series m history ki explanation ki h apne
Prof Irfan Habib Sahib is a luminary and prolific writer. Since College days, my teachers used to cite about his outstanding works and his contributions in the Indian History Congress. We are in the Digital World. The most pernicious and disastrous consequence is that the deep state has distorted History to carve out MAJORITY by identity politics. The state kills Reasoning, cognitive skills and continuously goes on expanding, widening the OTHERS. There are two categories ;- WE and THEY. It is applied and administered on all levels and layers. In need, sinister, evil design is made, conspiracies are hatched. Hindus attack Hindus and blame Muslims. At the one end, consolidation is done, on the other, demonisation begins. The climax may result in genocide. In between, violent attacks, destruction of properties of identified persons with specific details, arson, loot, riots take place.
Prof Irfan sb nae bahoot badhiya keha ethihas ke baare mein
इतिहाकार इरफान हबीब, अशोक पाण्डेय जी जैसे लोग सदियों सदियों में पैदा होते हैं खुदा आपकी उम्रों मे बरकत दे ❤❤❤🎉🎉
Thank you, Habib sahib
आज पता चला मुझे तो इस पंचर छाप से कि
भारत में सनातन धर्म मुगलों ने स्थापित किया था !!!!????
Thank you ,"Vaikhari", for creating a platform for opening once, opinion.
Thank you for countering, the city garden generated history.
मानव जाति का इतिहास समस्त विस्व के लिए एक है।।क्या हजरत मोहमद के पहले अरब सभ्य नहीं थे। उनका इतिहास पढ़ना नहीं चाहिए। गौरवशाली पर्सियन इतिहास को भुलाया क्यों जा रहा है। आज गुरु गोविंद का सम्मान पाकिस्तान में क्यों नहीं है वहां के टेक्स्टबुक मे देख लिया जाय। इरफान साहब. You are right,but world historian congress should go the world and world will be good place for us
अशोक पांडे जी, Could you please organise such a program in Indian Govt+Private Universities, including Engg college, etc, to seed the fact among Prof+Sudents of History & others in particular, for the benefit of generation ? Cost would be much less !
But for that, it's also pertinent to give platform for the counter voices. Let's make it two dimensional with each party presenting their "facts" and let the audience decide, through their own independent intellect" as to which side is more authentic in their narratives or presentation. Hope you agree with me on this
Waah dogle waah. Tu jaise kulkalanko ji wajah se Pakistan bana
Sir You are an Excellent Historian. You are precious for our education.
Good joke
@@pritic7456 you yourself is a joke 😊
@@pritic7456 mafi ko veer kehte kehte a jokhito lagta hai savarkarku
आज कल लोग किताबे नही व्हाट्सएप और फेसबुक पडते है
रियल इतिहास तो स्कूलों में भी नहीं बताया जा रहा है
बहुत बहुत आभार vaikhari और पांडे सर
Organizers, Speakers and Audiences Thanks A lot to All of you.
नया इतिहसस नही लिखा जा रहा हैं. जो छुपा.
या गया है उसे vidyarthiyonke सामने लया जराहा हैं
Sir, it's only a phase, in the history of our country.
Dark phase though.
Can't continue forever.
Countries have history of 1000ds of years, so these 10-15 years or 20 years for that matter, will also become history and will always be remembered as a dark phase in Indian democratic history!!!!
Bilkul habib saab apke hisab se history aap ne toh dekhi thi mughal se pahle humari koi history nahin thi
It is very much nice to see such people are among us ❤🎉
Very informative speech
Irfan sir
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत आभार हबीब साहब !
The bottom line is that these critics are delusional when they assume their platform to be the only correct one. I did my PhD defending Adorno over Heidegger but finall6 I realized that Adorno too did not u derstand thst he too was a part of history, he too was prejudiced so I quit philosophy in 1981 I have rendered to counter these narcissus who tell us how everyone except them is prejudiced. Irfan is totally ignorant of the Indic theme of purva paksha
आज के दौड में पढ़ाई का स्तर इतना गिर चुका है; Prof का स्तर इतना गिर चुका है (जबकि सैलरी पिछले दौड के Comparison बहुत अच्छी हो चुकी है); इसलिए Student का ज्ञान निम्न स्तर पर पहुंच चुका है I इस तरह लोग (Prof +Studet) Whatsapp Unversity का शिकार हो गए हैं I Suggestion for Improvement - Employ Prof of Practice who are basically professional
In ke jazbe ki qudrer ko samjhe aur mahsoos karna zaroori hai shukriah allah aap ko umerdaraaz karen aameen
हर जगह अल्लाह लाना जरूरी है, अला़्लाह पाकिस्तान को गेहूं क्यो नही देता, अरे गोबरभर खोपड़ी वालो
Thank you Professor!
Thank you Habib sir
सर मैंने आपके द्वारा लिखी गयी 'मध्यकालीन इतिहास' पुस्तक को पढ़ा है। वह पुस्तक पढ़े लिखे लोगों के लिए उस वक्त के इतिहास को जानने के लिए वरदान है।आपको बारम्बार प्रणाम 🙏🙏
वामी इतिहासखोरों का एकतरफा इतिहास
@@dontbbb491 baat na gazwehindki na hindurastrki a bast vishvguru banane nikle haram ke zadonki
Very good initiative taken by you. Sir salate to you.
ब्रिटिश इंडिया में 34% मुस्लिम था,जो आज पाकिस्तान और बांग्लादेश में है।14% तो आज के भारत में है। सन् 1931 का सैंसस देखें।
Nice session...Invite K.K Mohammad Sir also.
It was nice listening to prof Habib we should learn from our history our great grand fathers lived with each other happyly but now why this hatred they too were learned people but knew that happiness is living togeather we are not doing good by giving wrong information to our kids by changing history such platforms should be conducted oftenly
अब याद आ रहा है जब घिस घिस कर मुगल इतिहास पढ़ाया जा रहा था तब ये सलाह नहीं दी गई?
Ohhh bhai... Ye wo bata rha hai jisne pura history distort kiya hua hai 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
Thanks to the internet many like me warmed up to the idea of reading ACTUAL accounts of Islamic rule in parts India from medieval accounts instead of relying on a certain shade of interpretation by a shady lot. Thanks to the internet for showing me the peaceful (?) side of Sufism and its propagation in madeival Kashmir in Baharistan -I- Shahi and the like. Thanks to the internet that a rational, inquisitive individual has access to the root of all information that is ubiquitous to know apples from oranges. Thanks to the internet that I am going to stick to my own understanding and perspective of the peaceful(?) ideological exchange that took place amidst the bloodshed in medieval India. Thanks to the internet for democratising information.
इतिहास बदल देने की कवायद में सिर्फ नाम बदल देने भर से ही इतिहास बदला जा रहा है जनाब
For all the comments here, J Sai Deepak, Sanjeev Saniyal or Praveen Mohan they are only historians in TH-cam channels and podcast. To become real historians one not only need to study history but publish papers with archival evidence and facts.
The factual history will remain intact in museums and archives whether one studies them or not.
If these 3 TH-camrs are real historians and have any balls.. ask them to prove their points and publish international papers for their strange theories. Agar dam hai toh karke dikhaye.
@@DilliwalaRanghad book likhna or research ke base par paper publish karna are two different things. I have asked to publish research papers backed by facts and evidence not just some books.
Bhayia, hum jo history study karte hai.. woh aisehi historians likh nehi pate.. unhe apna theory and research prove karna padta hai.. paper publish karni hoti hai .. once it’s peer reviewed and accepted.. based on theory , fact check and evidence.. tab ja ke they become part of our history book..
Sir Aap jaise learned, certified aur knowledgeable history professors ne initiative li hai, Purushottam ji, Habib ji, Ram punyani ji aur chandd professors aur writers hi aasha hai desh ke whatsApp university & google baba se seekhe hue scholars ko correct karien...
Yeah Irfan Habib has done tremendous damage to Indian History, along with Romila Thapar. Yet their idea of India still reigns supreme in most history books, both Indian and foreign.
Please read other historians too who belong to the other khaima, To have more knowledge, no use learning history from one school only, which is obviously biased, worse is full of lies and distorted truths
Vote for bjp
Your love for mughals everybody knows mister habib😅😅😅😅
This programme for you Mr what's app University boy😂😂
@@worldmasters4497 khud pata hai chaman tujhe
@@worldmasters4497 how aap ke chacha al communist historian hai ...
Whatever Habib sahib said is proved correct with all the IT cell, Right wing haters trolling here
इनके इतिहास में कभी छत्रपति शिवाजी महाराज नही आते है कभी महाराणा प्रताप नही आयेंगे।
ये कभी PFI की बात नही करेंगे कभी Moplah और कश्मीर की बात नही करेंगे
Bhagat Singh was against oordu language and nastaliq scrip. What does Professor Irfan habib has to say about it?
Sampredayikta ke chalte Rashtrvvad Panap nahi sakta- Subhash Chandra Bose
आपने जो इतिहास लिखा है उसकी धज्जी अरुण शौरी ने उडाई है, इतिहास के विध्वंशक् है आप.
पुरा तलवार का फोर्स लगाके भी हिंदुस्तान मुस्लिम स्टेट नाही हुआ यही तो गजवा ए हिंद वाले tendency वालों का रोना है
Nic great discus
व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी के विद्वानों ने आप और अशोक पांडे जैसे इतिहासकारों को इतिहास बना दिया है। आज के इतिहासकार सुधांशु त्रिवेदी, पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ, जी डी बक्शी जैसे महान विद्वान हैं। जय हिंद।
एक दूसरी वीडियो पे तुम्हारा कमेंट है की अशोक पांडे जी ने सुधांशु त्रिवेदी के झूठ की पोल खोल दी.. खुद कन्फ्यूज हो या भ्रम फैलाना उद्देश्य है?
मान्यवर अग्रवाल जी, इतिहास को तोड़ मरोड़ कर वाकपटुता से पेश करके कोई व्यक्ति थोड़े समय तक यश प्राप्त कर सकता है लेकिन लम्बे दौर में वही टिकेगा जिसके व्याख्यानों में तथ्य होंगे।
not a good moment for a jay of hind
😂😂😂😂 kaisa time hai ,Irfan Habib ki tulna unse kar rha kya hi kare ab bas yahi dekhna baki tha .😂😂
A.K. Agrawal यार जैसी बकवास तुम किए हो उस आधार पर तुम्हें पागलखाने में डाल कर तुम्हारे दिमाग का ईलाज करवाना चाहिए। वैसे उसका भी कोई फायदा नहीं क्योंकि तुम एक अनपढ, अन्धभक्त हो बिल्कुल बेरोजगार और बीजेपी आई टी सेल के पालतू पशु। Whatsapp university के विद्वान नहीं होते बल्कि जाहिल मूर्ख व अफवाह फ़ैलाने वाले होते हैं। जिन सांप्रदायिक अंधभक्तो का तुम नाम लिए हो वो इतिहासकार नहीं झूठ के प्रचारक हैं। सुधांशु त्रिवेदी पाखंडी कथावाचक जैसा एक झूठा संघी दलाल है,जीडी बख्शी एक गालीबाज़ सठिया गया मनोरोगी जाहिल बुढ्ढा है और पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ एक सांप्रदायिक तौर पर ब्रेनवाश करने वाला झूठा मक्कार आतंकी है
भारत विभाजन वह घटना है जो हिन्दू वादियों के नेरेटिव को मजबूत बनाती है।
And he is the prefect example of how anyone can twist history for their own reasons...Another one is Romila Thapar
सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नही , यह टर्म न जाने कब का असंगत हो चुका था । अब सत्य पराजित ही होता है।
Abhi to satya jeetna shuru hi hua hai....ab tk to dabaya jata tha....Hinduo ka itihas wo log likhte the jo hindu the bhi nhi or na hindu k bare me jante the.
Irfan Habib was a marxist and mughal lover , and he didn't tell why Maulana Azaad was made education minister, and what was his qualification as an education minister ?
Right manuwad hatawo desh bachawo Bhagat Singh Amar rahe jay
Sabko slam pany ji ko bhi
Ashok sir ki ham videos dekhta hu AXA bhi lagta h thanks sir but etna bhi jada nafrat ni jitna bta rhe h
ह्वाट्सएप का इतिहास मदरसा इतिहास से लाख गुना बेहतर है
असली प्रोफ़ाइल से सच बोलने वाला फ़र्ज़ी प्रोफ़ाइल के उचक्के से करोड़ गुना बेहतर है
कुंद बुद्धि और कूप मंडूक देश को सैंतालीस से बरबाद कर रहे हैं। ऐसे लोग स्वार्थ से आगे बढ़ नहीं सकते और असभ्यता का दामन छोड़ नहीं सकते।
agar padhna chahte hain toh. … right 23:59
Irfan Habib, ye batao 1946 me muslim community ne Jinah ko vote diya Pakistan banane me, lekin bo gaye kyo nahi..???
लोगों की अब इस समय जिम्मेदारी बढ गई है हम सभी ज्यादा से ज्यादा अध्ययन करके ज्यादा ज्यादा लोगों तक सही जानकारी पंहुचा नी होगी सच्चाई बतानी होगी
You are right ... Bhagat Singh ne Kam umra main Jo jaana aur Kiya .... Wo ye Andhabhakt padhate ho nahi...
Well said, Sir.
Bilkul sahi kaha sirji aapne.aaj itihaas ka vidyarthi asmanjas mein hai.
Sources, authentic sources and unadulterated are the mainstay of subject, history. Today we are undergoing a dark phase......
यह लोग सुप्रीम कोर्ट में कहते हैं कि ना संस्कृत आती है और ना ही फारसी और ना ही आर्केलोजी के पढ़ाई किया और यह भारतीय सभ्यता के महान इतिहासकार हैं वामपंथी लोग😅😅😅😂😂😂
👏👏
Absolutely right 👏👏
Partition was not a British project it was a collective project launched by Gandhi, Patel, Nehru, and Jinnah. Partition took place only because of the status quo. Upper class Hindu was successful in maintaining the status quo through partition.
What you want to say ?
You seem to be confused .
Only gandi aur nehru are responsible for the partition.
@@rishirajgupta6236 Jinnah bhi
Le Patel ji- Hum alag hain...Humko apne sath mat jodiye
हबीब साहब एक तर फार नही लीखना था, जैसा ललीत बाहेर फुंकून के बारे मे नही लीखा, गजनवी काे कीसने बुलाया, ये एसे बाहेत है
to consider muslim population in India, we need to consider Muslims of Pakistan, Afganistan , Bangladesh and India who are near about 70 Cr. and Hindus are 85 Cr. So you can see the amount of conversion in Indian sub continent. So Mr. Irfan first of all correct your data. While they are forcing conversion even today in Pakistan, Afganistan, and even in India while there are law, order and social media is present every where, we can see which kind of prosecution Hindus would have faced during Sultnat and Mughal period.
5k years still scbcstobc +adivasis +Dalits +tribal are not allowed inside temples, can't go on horse for wedding, denied education-jobs, lynched, raped , women not allowed to hide breast and murdered if handsome boys love-jihad on beautiful Aryan UC shudh girls. Stop bulls$iting .
Udaybhan singh rathore Brave soldier of Mughal Army
आपने सुरू राजा वीक्मादीत्य, राजा भाेज, चाेल राजा, लचीत बाेर फुंकन, ऐसे महान राजा ओंकार इतिहास नही लीखा, आपने मुघलाेंका महीमा मंडन की या,
Sir,it is a fact that indian history has 2 narratives : one a muslim narrative or pakistani narrative and second a hindu narrative or RSS
narrative. These are 2 contrarian narratives which also led to creation of pakistan in 1947.
This fact can neither be wished away nor can it be dismissed as
hindu- muslim animosity(nafrat).
This creates a very peculiar situation for indian muslim historians and they at once jump into the politics of BJP, secularism and indian constitution.
Mr Jinnah offered a solution for this dichotomy in 1947,but indian muslims refused to migrate to pakistan and ended up in pain and bickerings ever since to date.
Salute sir!❤
Prof Habib Sab, वैसे तो आप कई प्लेटफार्म पर इतिहास के बारे में समझाने की अथक प्रयास करते हैं I Could you deliver lectures to Prof+students of history, Engg college, etc in Indian Govt+Pvt Universities, to open their eyes !
जिहादियों के महिमा मंडन को अगर सच्चा इतिहास समझते हो तो खुश रहो मोदी को गाली देकर और इन कांग्रेसी गुलामो का इतिहास पढ़ कर।😹😹😹😹😹
IRFAN HABIBI, not the writer of Indian history rather a creator of Indian history 😅
Hame to phle se adha adhura history padiya gya h pichhli government se hi chla aa rha h
अबे धोबी तु कया इतिहास पडे़गा। तेरा बाप तो कपड़े धोता मर गया।
Jo guzargeya woh guzargeya, usi guzrey time ko Etehaas (History) kehtey haen, Jisko badla naheen ja sakta haey.