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วีดีโอ

शरणागति साधना से श्री कृष्ण नहीं मिलेते हैं
มุมมอง 189หลายเดือนก่อน
शरणागति साधना वाले परमात्मा के पास जाते हैं नियत कर्म करने वालों के पास परमात्मा आते हैं
महान् दार्शनिक श्री अरविन्द और अ-मोक्ष चिन्तन
มุมมอง 316หลายเดือนก่อน
श्री अरविन्द का उच्च मानव ही अ-मोक्ष साधक है।
जिज्ञासु बनें श्रद्धावान् नहीं
มุมมอง 292หลายเดือนก่อน
नवीन ज्ञान प्राप्त करने हेतु संशयी होना आवश्यक है बेहतर भविष्य के लिए वर्तमान के प्रति क्षोभ आवश्यक है
पाप से स्वयं को रोकें
มุมมอง 3722 หลายเดือนก่อน
पाप का फल भोगना ही पड़ता है नियत कर्म पाप से बचाता है
पाप के प्रति सनातन सोच
มุมมอง 3752 หลายเดือนก่อน
नियत कर्म करने में हुए पाप पुण्य नियत कर्म करने वाले को प्रभावित नहीं करते हैं। पाप करने की प्रवृत्ति से बचें ।
तात्त्विक ईश्वर की पूजा सम्भव नहीं है
มุมมอง 4862 หลายเดือนก่อน
परिकल्पित ईश्वर की ही पूजा सम्भव है
सनातन सोच
มุมมอง 3752 หลายเดือนก่อน
सनातन सोच
ईश्वर और उनकी पूजा
มุมมอง 4952 หลายเดือนก่อน
एकं सत् विप्रा:बहुधा वदन्ति
ईश्वर धन्यवाद के भूखे नहीं हैं
มุมมอง 7212 หลายเดือนก่อน
ईश्वर को धन्यवाद दें या न दें किन्तु नियत कर्म करें
देहात्म सम्बन्ध
มุมมอง 2623 หลายเดือนก่อน
देह को तुच्छ और हेय समझना अव्वल दर्जे की मूढ़ता है
मैं और मेरा शरीर
มุมมอง 1903 หลายเดือนก่อน
मैं कभी भी शरीर विहीन नहीं रह सकता हूॅं
जीवन का अर्थ बोध व्याख्यान सम्पूर्ण
มุมมอง 2213 หลายเดือนก่อน
काल्पनिक विचारों के पर जीवन को समझने से बचना ही जीवन का यथार्थ बोध है
जीवन का अर्थ बोध व्याख्यान पर अध्यक्षीय भाषण
มุมมอง 283 หลายเดือนก่อน
जीवन्तता ही जीवन का अर्थ बोध है
जीवन का अर्थ बोध व्याख्यान पर प्रश्नोत्तर
มุมมอง 213 หลายเดือนก่อน
जो बात सत्यापनीय न हो वह काल्पनिक है। काल्पनिक यथार्थ नहीं हो सकता है।
जीवन का अर्थ बोध व्याख्यान भाग 02
มุมมอง 333 หลายเดือนก่อน
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मोक्ष के मूर्तरूप लेने की भ्रान्ति को हटाना ही जीवन का वास्तविक अर्थ बोध है
มุมมอง 853 หลายเดือนก่อน
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जीवन का अर्थ बोध व्याख्यान भाग- 01
มุมมอง 283 หลายเดือนก่อน
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जीवन का अर्थ बोध व्याख्यान पूर्व प्रस्तुति।
มุมมอง 593 หลายเดือนก่อน
जीवन का अर्थ बोध व्याख्यान पूर्व प्रस्तुति।
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มุมมอง 393 หลายเดือนก่อน
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April 27, 2024
มุมมอง 73 หลายเดือนก่อน
April 27, 2024
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มุมมอง 113 หลายเดือนก่อน
April 27, 2024
जीवन का अर्थ बोध विषयक व्याख्यान समारोह के शुभाम्भ
มุมมอง 93 หลายเดือนก่อน
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जीवन का यथार्थ बोध पर व्याख्यान के आरम्भिक क्षण
มุมมอง 1793 หลายเดือนก่อน
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अ-मोक्ष : जीवन प्रक्रिया की अन्तहीनता
มุมมอง 1823 หลายเดือนก่อน
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มุมมอง 243 หลายเดือนก่อน
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มุมมอง 283 หลายเดือนก่อน
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มุมมอง 153 หลายเดือนก่อน
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August 15, 2023
มุมมอง 163 หลายเดือนก่อน
August 15, 2023

ความคิดเห็น

  • @sanatani49
    @sanatani49 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏

  • @abhimanyutiwari8884
    @abhimanyutiwari8884 หลายเดือนก่อน

    Very Cute baby.💐

  • @suryabhansingh2959
    @suryabhansingh2959 หลายเดือนก่อน

    शुभ आशीर्वाद।

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद सर प्रणाम।

  • @Vaf23230
    @Vaf23230 หลายเดือนก่อน

    Kitni cutee hai❤

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      जी, धन्यवाद।

  • @amoksha26
    @amoksha26 หลายเดือนก่อน

    वाह विट्टू वाह!

  • @rvs682
    @rvs682 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏

  • @GopiKrishnaMishra-s1m
    @GopiKrishnaMishra-s1m หลายเดือนก่อน

    सर जी आपके द्वारा की गयी इस सारगर्भित व्याख्या के लिए आपका बहुत बहुत आभार | सादर प्रणाम सर जी |

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद मिश्र जी!

  • @AkankshaDwivedi-ov1or
    @AkankshaDwivedi-ov1or หลายเดือนก่อน

    सारगर्भित परिचर्चा सर

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद,

  • @shriram9187
    @shriram9187 หลายเดือนก่อน

    सर सादर प्रणाम, नियत कर्म पर की गई चर्चा बहुत ही सारगर्भित है। जो ये चर्चा के दौरान बताया गया कि नियत कर्म करने वालों पर ईश्वर खुद प्रसन्न होते हैं।

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद, शुभकामनाएं।

  • @abhimanyutiwari8884
    @abhimanyutiwari8884 หลายเดือนก่อน

    आप को सुनकर बहुत अच्छा लगा 💐👃 दूसरे Video की प्रतीक्षा में मैं 💐🙏🏽

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद भैया! शीघ्र प्रसारण होगा।

  • @amoksha26
    @amoksha26 หลายเดือนก่อน

    मित्रों! मेरे चैनल को सब्सक्राइब न किये हों तो सब्सक्राइब करें।इस वीडियो पर अपने विचारों को रखें।

  • @abhimanyutiwari8884
    @abhimanyutiwari8884 หลายเดือนก่อน

    Video को सुना और जो समझ सका बहुत अच्छा लगा 👃।। जिसपर कमेंट करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है ।। Video की परिचर्चा का कुछ अंश आप के पहले के लेख में मैं पढ़ चुका हूं जैसे की नियत कर्म करने का भी फल मिलता है और न करने का भी फल जरूर मिलता है 💐🙏🏽

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद सर, प्रणाम। आपने बहुत ही सारगर्भित टिप्पणी किया है।

  • @Ram_Naresh_Tripathi
    @Ram_Naresh_Tripathi หลายเดือนก่อน

    *"अ-मोक्ष: एक प्रस्तुति"* में प्रस्तुत दर्शन-ज्ञान और महर्षि अरविंद जी के द्वारा प्रस्तुत दर्शन-ज्ञान में कतिपय साम्यताओं को प्रदर्शित करती यह वार्ता अत्यंत ज्ञानपूर्ण ,रुचिकर एवं आल्हादकारी लगी! दोनों लोगों को हमारी तरफ से भी साधुवाद एवं शुभ कामनाएं 🙏🙏

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद सर प्रणाम।

  • @rvs682
    @rvs682 หลายเดือนก่อน

    Bahut sundar varta 🎉

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद,

  • @vinaymishra-vz3bv
    @vinaymishra-vz3bv หลายเดือนก่อน

    बहुत सुंदर वार्ता सत्संग की तरह 🙏🏼

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद,

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      शुभाशीष।

  • @virendrachanda7768
    @virendrachanda7768 หลายเดือนก่อน

    वाह वाह क्या बात है बहुत सुन्दर चर्चा आप दोनो के द्वारा किया गया। बहुत बहुत धन्यवाद

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद बन्धु।

  • @ramnarayanmishra1290
    @ramnarayanmishra1290 หลายเดือนก่อน

    चरण स्पर्श

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      शुभाशीष।

  • @Vaf23230
    @Vaf23230 หลายเดือนก่อน

    Bahut sundar ❤❤

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद,

  • @chandandubey5516
    @chandandubey5516 หลายเดือนก่อน

    💐🙏🏻🙏🏻

  • @sanatani49
    @sanatani49 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏

  • @amoksha26
    @amoksha26 หลายเดือนก่อน

    कृपया वीडियो को देखकर अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत कराएं। चैनल को सब्सक्राइब न किये हों तो सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब किये हों तो अपने मित्रों से इसे सब्सक्राइब करने का अनुरोध करें।

  • @user-kn8qm9fx1e
    @user-kn8qm9fx1e หลายเดือนก่อน

    बहुत सुंदर प्रस्तुति🎉

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद आपका

  • @ajaydube9527
    @ajaydube9527 หลายเดือนก่อน

    धन्यवाद, प्रणाम। 🙏

  • @sanatani49
    @sanatani49 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏

  • @rakeshpathak6931
    @rakeshpathak6931 หลายเดือนก่อน

    Nice

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      Thank you

  • @Ram_Naresh_Tripathi
    @Ram_Naresh_Tripathi หลายเดือนก่อน

    *👌👌ज्ञानपूर्णं एवं सराहनीय वार्ता !धन्यवाद!!...* *"जिज्ञासु की ज्ञान-पिपासा की शांति का मार्ग तो तभी प्रशस्त होगा जब वह अपनी जिज्ञासाओं का प्रकटीकरण करेगा!"*...और *"जो भी उसकी जिज्ञासाओं का समाधान कर देने में सक्षम होगा उसके प्रति तो वह जिज्ञासु अपने आप ही श्रद्धावान बन जायेगा!"*... *"अतः जिज्ञासु का जिज्ञासावान होना प्राथमिक शर्त है!"*...और *जिज्ञासाओं की पिपासा को शांत करने वाले के प्रति उसका "श्रद्धावान होना तो तत्परिणामी स्थिति है"...*

    • @amoksha26
      @amoksha26 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद, प्रणाम।

  • @user-we3pp9se7p
    @user-we3pp9se7p หลายเดือนก่อน

    Bahoot achha

  • @ninjagamer7197
    @ninjagamer7197 หลายเดือนก่อน

    अमूल्य योगदान

  • @neerajkumartiwari8781
    @neerajkumartiwari8781 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏🙏

  • @amoksha26
    @amoksha26 หลายเดือนก่อน

    कृपया देखें सुनें लाइक करे और चैनल को सब्सक्राइब करें तथा अपने परिचितों को भी इसे देखने सुनने के लिए शेयर करें।

  • @ravishankarpandey5878
    @ravishankarpandey5878 2 หลายเดือนก่อน

    सारगर्भित ।।

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद

  • @muktinathjha4793
    @muktinathjha4793 2 หลายเดือนก่อน

    अपनी संपूर्ण क्षमता से शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए निरंतर प्रयासरत रहना मेरी दृष्टि में मनुष्य का पुण्य कर्म है l...... हमारे जीवन जीने का सिद्धांत ऐसा हो जिनसे सभी प्राणियों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो l..... हमें गीता की इस पंक्ति को याद रखनी चाहिए कि ' सर्व भूत हिते रता: ' अर्थात सभी प्राणियों के कल्याण में स्वयं को लगा देना चाहिए l अपने परिवेश और पर्यावरण को जीने लायक बनाए रखने से बड़ा पुण्य कर्म और क्या हो सकता है ? पर्यावरण के प्रति संवेदनहीनता का दुष्परिणाम भीषण गर्मी के रूप में आज हमारे सामने है l हमें आज मनुष्य और उसके परिवेश को जीने लायक बनाने पर अपनी सारी क्षमता को केंद्रित करना चाहिए l मेरी नजर में यह भी ईश्वर की आराधना है और एक प्रकार का पुण्य कार्य है l......🙏🙏

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद, नियत कर्म करने वाले ही सर्वभूतहितेरता:, की श्रेणी में आते हैं।

  • @SongsbyKishanlalverma
    @SongsbyKishanlalverma 2 หลายเดือนก่อน

    Very nice Bhai sahab 🙏

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद बन्धु!

  • @anuragkrishnatewari2703
    @anuragkrishnatewari2703 2 หลายเดือนก่อน

    पाप के विषय मे आप ने जो समझाया वह अद्भुत है।

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद, शुभाशीष।

  • @Vaf23230
    @Vaf23230 2 หลายเดือนก่อน

    वाह! बहुत सुन्दर व्याख्या किया आप ने पाप के विषय मे।

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद,

  • @AkankshaDwivedi-ov1or
    @AkankshaDwivedi-ov1or 2 หลายเดือนก่อน

    प्रशंसनीय पाप की विशद व्याख्या

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद आदरणीया!

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद,

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद,

  • @amoksha26
    @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

    जीव मुख्य रूप से दो प्रकार के भौतिक शरीरों में हैं एक है चल दूसरे हैं स्थावर वनस्पतियों के रूप में जो दिख रहे हैं वे जीव स्थावर शरीरी हैं।

  • @Ram_Naresh_Tripathi
    @Ram_Naresh_Tripathi 2 หลายเดือนก่อน

    एक ही कार्य किस मनोभाव से किए जाने पर पाप की श्रेणी में आता है और वही कार्य किस मनोभाव से किए जाने पर पुण्य की श्रेणी में आता है,इस तथ्य का सरल,सुगम और सुबोध व्याख्या करती एक प्रशंसनीय विषद वार्ता ! साधुवाद!

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद सर! बहुत ही सारगर्भित टिप्पणी किया है आपने। कोई कर्म किस भाव से हो रहा है?यह बहुत ही माइने रखता है।

    • @Ram_Naresh_Tripathi
      @Ram_Naresh_Tripathi 2 หลายเดือนก่อน

      जी हां! ...और आपका यह निष्कर्ष भी सहमति योग्य है कि उस पाप-पुण्य कृत कर्म का परिणाम भी जीवात्मा को देर-सबेर मिलता ही है..शुभ कामनाएं

  • @amoksha26
    @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

    कृपया इस चैनल को सब्सक्राइब करें। सब्सक्राइब करने में कोई शुल्क नहीं देना है।

  • @sanatani49
    @sanatani49 2 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏😊

  • @chandandubey5516
    @chandandubey5516 2 หลายเดือนก่อน

    🙏🏻🙏🏻💐💐

  • @rvs682
    @rvs682 2 หลายเดือนก่อน

    👌👌👍🙏

  • @Ram_Naresh_Tripathi
    @Ram_Naresh_Tripathi 2 หลายเดือนก่อน

    वार्ता अत्यंत सराहनीय लगी....इससे यह स्पष्ट होता है कि चूंकि शरीर नाशवान है और आत्मा अजर,अमर है जिसे बारंबार जन्मना पड़ता है,अतः शरीर द्वारा किए गए अच्छे - बुरे कर्मों का सुफल-कुफल पुनः मिलने वाले जन्म में अवश्य ही मिलता है...और वो भी व्याज समेत मिलता है...आपकी यह बात भी मान्य मालूम पड़ती है कि हमारी एक उपयोगिता है जिसकी पूर्ति हेतु हम विद्यमान हैं और नियंता द्वारा हमारे लिए जो कर्म नियत किए गए हैं उनको संपन्न करना ही हमारा अभिप्रेय होना चाहिए...यदि हम उन नियत्कर्मो को पूरी तन्मयता से संपन्न करते हैं तो हम उस कार्य से प्रोदभूत पाप के भागीदार नहीं होंगे...क्योंकि हमारा नियंता हमसे वही चाहता है और वो इसी बहाने उस पीड़ित को उसके दुष्कर्मों हेतु दंडित करना चाहता है...हम तो केवल एक माध्यम हैं...आपकी इस वार्ता में सबसे सराहनीय पक्ष यह है कि सामान्यतया जो हमें पाप - कर्म दिखता है, उसमें भी बहुत सी ऐसी स्थितियां बनती हैं जिनमे वो कर्म पाप की श्रेणी से अपने आप ही बाहर हो जाता है ...इसके लिए वार्ता में दिए गए तर्क समुचित एवं श्लाघनीय लगे हैं... शुभ कामनाएं लेख में

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद सर! प्रणाम ।

  • @ramatewari938
    @ramatewari938 2 หลายเดือนก่อน

    Aapne bahut achi tarah se smjhya

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद,

  • @ramatewari938
    @ramatewari938 2 หลายเดือนก่อน

    Ati sunder kaha aapne

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद,

  • @Vaf23230
    @Vaf23230 2 หลายเดือนก่อน

    बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है। कृपया बताएं कि ईश्वर किसी को पाप से मुक्ति नहीं दे सकते हैं?

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      इस पर एक परिचर्चा अवश्य होगी।

  • @chandandubey5516
    @chandandubey5516 2 หลายเดือนก่อน

    🙏🏻💐

  • @kusumdwivedi531
    @kusumdwivedi531 2 หลายเดือนก่อน

    पाप कब होता है? पाप से कैसे बचा जाए?

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      इस पर आगे विचार रखेंगे।

  • @abhimanyutiwari8884
    @abhimanyutiwari8884 2 หลายเดือนก่อน

    सुनकर बहुत अच्छा लगा ।।💐🙏🏽

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद,इसे अपने मित्रों को शेयर करें।

  • @kishorilalkatheria970
    @kishorilalkatheria970 2 หลายเดือนก่อน

    यह संसार जीवहिजीव आधार है? यानी प्रत्येक जीव एक दूसरे पर आधारित है। अर्थात् ऋतम् , विकास और विनाश का संतुलन है। जब विकास होगा तो विनाश भी होगा और जब विनाश होगा तो विकास भी होगा ताकि "संतुलन" बना रहे। यह निरन्तर चलने वाली जीवन-प्रक्रिया, अन्तहीन है और रहेगी। इसका मुख्य आधार "कुछ करनी, कुछ कर्मगति, कछू पुर्वले पाप" अर्थात् आपको केवल और केवल कर्म करते रहना चाहिए। मानव और उसकी प्रकृति एवं प्रवृत्ति परिवर्तनशील है। इसीलिए कहा जाता है कि प्रकृति का नियम है परिवर्तन। यह परिवर्तन भी संतुलन के लिए ही होता है ताकि "ऋतम्" बना रहे! आपने अपने विचार सनातन सोच के परिप्रेक्ष्य में दिये हैं जो उचित एवं औचित्यपूर्ण ही नहीं है अपितु सराहनीय हैं। कृपया इस धार्मिक साहित्य पर आधारित सराहनीय सोच को और आगे बढ़ायें एवं प्रकृति को भी शामिल करें ताकि मानव कल्याण की भावना सुदृढ़ स्थान ले सके। KLK UPSECTT

    • @amoksha26
      @amoksha26 2 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद बन्धु हार्दिक आभार।