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dr vivek sagar delhi
เข้าร่วมเมื่อ 28 มิ.ย. 2020
26.6.2020
1.निमित्ताधीन दृष्टि ही आत्म अनुभव नहीं होने देती हैं।
2.निमित्त कर्ता नहीं है लेकिन करता हुआ निमित्त दिखाई देता है।
3.उपादान द्वारा कार्य होता है लेकिन उपादान करता हुआ नहीं दिखाई नहीं देता।
4.कर्म का उदय निमित्त मात्र है,जीव अपनी उपादान योग्यता से ही परिणामित होता है।
5.दृष्टि उपादान पर होनी चाहिए, पर्याय अपनी योग्यता अनुसार ही परिणामित हो रही है।
6.जब तक यह स्वीकार नहीं करोगे कार्य उपादान से होता है तब तक पराधीन रहोगे , कर्तत्व बना रहेगा ,सम्यक्तव नहीं होगा।
7.अंतरंग में कषाय का पोषण नहीं ,अंतरंग से भेद ज्ञान करना है।
8. प्रशंशा व निंदा दोनों में मेरा स्वरूप नहीं है मै तो ज्ञाता हू।
9. निमित्ताधीन दृष्टि वाला जीव कभी अकर्ता नहीं हो सकता।
10.जीव अनुभव से कुछ नहीं सीखता, अतः संसार में भटकता है।
11.संसार में सुख है यह वैसा ही भ्रम है जैसा रेगिस्तान में जल होने का भ्रम।
12.जीव सुखी होने के लिए हमेशा पर पदार्थो को अनुकूल बनाने का ही प्रयत्न करता रहता हैं सुख स्व में है वहां प्रयत्न नहीं करता।
13.मेरा स्वरूप मेरे अनुभव में अवश्य आयेगा ,यह दृढ़ निर्णय होना चाहिए।
1.निमित्ताधीन दृष्टि ही आत्म अनुभव नहीं होने देती हैं।
2.निमित्त कर्ता नहीं है लेकिन करता हुआ निमित्त दिखाई देता है।
3.उपादान द्वारा कार्य होता है लेकिन उपादान करता हुआ नहीं दिखाई नहीं देता।
4.कर्म का उदय निमित्त मात्र है,जीव अपनी उपादान योग्यता से ही परिणामित होता है।
5.दृष्टि उपादान पर होनी चाहिए, पर्याय अपनी योग्यता अनुसार ही परिणामित हो रही है।
6.जब तक यह स्वीकार नहीं करोगे कार्य उपादान से होता है तब तक पराधीन रहोगे , कर्तत्व बना रहेगा ,सम्यक्तव नहीं होगा।
7.अंतरंग में कषाय का पोषण नहीं ,अंतरंग से भेद ज्ञान करना है।
8. प्रशंशा व निंदा दोनों में मेरा स्वरूप नहीं है मै तो ज्ञाता हू।
9. निमित्ताधीन दृष्टि वाला जीव कभी अकर्ता नहीं हो सकता।
10.जीव अनुभव से कुछ नहीं सीखता, अतः संसार में भटकता है।
11.संसार में सुख है यह वैसा ही भ्रम है जैसा रेगिस्तान में जल होने का भ्रम।
12.जीव सुखी होने के लिए हमेशा पर पदार्थो को अनुकूल बनाने का ही प्रयत्न करता रहता हैं सुख स्व में है वहां प्रयत्न नहीं करता।
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m.p.638 सम्यक दर्शन के लिए आचरण की आवश्यकता क्यो है
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सादर जयजिनेन्द्र,सरजी... 🙏🏻🕉️🙏🏻🕉️
सेमारी उदयपुर
🙏🏼🙏🏼
🙏🏼🙏🏼
अत्यंत अद्भुत ज्ञान ज्ञेयकार ज्ञानाकार स्पष्टीकरण 🙏🙏 सभी सच्चे श्रोता को यह बार बार सुनकर अपनी ज्ञान ज्ञेय सम्बंधी भूल मिटा सकते हैं🙏 42min से 52min तक जरूर सुने
प्रतीति बार बार तत्व विचार करने से मजबूत होती है🙏😊
उदयपुर सादर जय जिनैंद्र पंडित जी साहब 🙏🙏🙏
सम्यक दर्शन को प्राप्त करने के लिए प्रतीति को मजबूत करना है🙏
Bahut Sundar ATI Sundar 💯☑️🙏🙏🙏 vah adbhut vivechan hai Anand aaya hai 🙏🚩🚩🚩🚩🚩😇 adbhut Gyan ki Kala gajab ka samjhate hai 🙏
Jay jinendre Dolly kothari dahod 🙏🙏
👌🙏🙏🙏
मौन वंदना🙏🙏🙏
Devkumari nagpur jj
Jayjinendra
Indra k. Ota😊
साधना जैन,,, अवसर अब है आया अब गुरुवार कीमान लो,,, अब भेद ज्ञान करके आत्मा को जान लो,,, ragi kabhi,, desi कभी उलझा रहा यह man,,, मिली नहीं शांति कहीं कर रहाघमंड,,, मिली मुझे जग में गुरुवार शरण महान 🙏🙏🙏
साधना जैन,,, द्रव्य क्षेत्र,,, कॉल,, भाव,, bhav इन सबसे आत्मा भिन्न है,,,, क्यों पहाड़ों में फिरता है तू,,,,, क्यों जंगलों में भटकता है तू,,,, वह तो तेरे ही अंदर मिलेगा,,, कोई कितने भी करले जतन,,,,🙏☺️🙏
सादर जयजिनेन्द्र,सरजी... 🙏🏻🕉️🙏🏻🕉️
Jai jinendra bhai 🙏🙏🙏
Jai jinendra dahod
🙏🙏🙏
Adbhut
हथौड़ा प्रवचन
मेरे साथ भी तंदुल मत्स्य जैसा विचार आ जाता है । मुझे मेरी गलती दिखाई दे रही है
Excellent 👌👌👌👍👌👌👌👍👌👌👌👍👌👌
मैं इतना मोह क्यों करता हूं । मुझे क्या लाभ होगा । आयु कर्म का विचार करो
🙏🙏🙏
IAS और सिद्ध बनने का मार्ग बहुत सुंदर तरीके से conect किया है Must listen 30 to 35
Sardar ji Punjab
Thank you very very much Dr. VIVEK JI . Aap ke Gyaan ki bahut bahut anumodna . 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 .
Jai jinendra
बहुत ही सुंदर बात इस प्रवचन की यदि मेरा ज्ञान श्रद्धान को पलट दे तो मेरा ज्ञान काम का है वरना मेरा यही ज्ञान मुझे संसार भ्रमण कराएगा । अर्थात व्यर्थ । Don't miss it 5 to 35. खतरनाक
यह प्रवचन मेरे लिए है । मुझे अपने दोषों को पहचानना चाहिए
जय जिनेन्द्र पंडित जी
Mumbai - JAI JINANDRA🙏🙏🙏
Jay jinendre Dolly kothari dahod 🙏🙏
कार्य अपनी क्रमवरती पर्याय से ही होगा।👌👌🙏
आचार्य की बहुत बड़िया व्याख्या बताई
सम्यकत्व का लक्षण प्रतीति है🙏
🙏🙏🙏
मौन वंदना🙏🙏🙏
Bahut badia pandit ji Chha gay Annad aa gaya
Jai jinendra bhai 🙏🙏🙏
👌👌🙏
Jai jinendra dahod
Sardar ji Punjab
आपके प्रति तो बहुत बहुमान है आप हमारे गुरू है आपने सच्चा मार्ग बताया 🙏🙏🙏
Jai jinendra
Thank you very very much Dr. VIVEK JI. Aap ke Gyaan ki bahut bahut anumodna . 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 .
बहुत ही अच्छा