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ज्योतिष हिमगिरि
เข้าร่วมเมื่อ 5 ก.ค. 2023
ज्योतिष हिमगिरि चेनल।
ज्योतिष शिक्षण
जन्म कुंडली तथा वर्ष कुंडली का सम्यक शिक्षण,
जन्म लग्न बनाने की सरल विधि,
वर्ष लग्न बनाने की जानकारी,
वर्षफल में मुन्था पर शिक्षण,
वर्षफल में मुन्था पर शिक्षण वर्षफल में पंचाधिकारी,तिराशीश तथा हर्षबल शिक्षण,
मुद्दादशा तथा योगनी दशा का विस्तृत शिक्षण,
जन्म कुंडली तथा वर्ष कुंडली में अकाट्य फलादेश शिक्षण।
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वर्ष कुंडली बनाने की सम्पूर्ण विधि सीखें।
हर्षबल चक्र का सूक्ष्म अध्ययन करें। तभी वर्ष कुंडली से स्पष्ट फलादेश जान सकते हैं।
वर्ष कुंडली में वर्षेश या वर्षराट की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती। विस्तार पूर्वक अध्ययन कर सीखें।
जन्म कुंडली में कुछ समस्यात्मक नक्षत्र होते हैं।उनका किस प्रकार से निदान होता है यह भी विधिवत सीखें।
जन्म कुंडली में उच्च या स्वगृही ग्रह कब और कैसे और किस समय शुभप्रद होते हैं विस्तृत अध्ययन कीजिए।
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कुंडली में सूर्यादि ग्रहों में कौन सा अशुभ ग्रह शरीर के किस अंग में पीड़ादायक होता है।पार्ट404
कौन सा अशुभ ग्रह किस अंग के लिए कष्टकारी होता है जानिए -
किसी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य अशुभ या नीच का हो तो वह जब -जब कुंडली में प्रतिकूल हो तो सूर्य शिर और मुख में रोग उत्पन्न करता है अर्थात शिर और मुख के लिए कष्टकारी होता है। चन्द्रमा छाती और गले में पीड़ादायक होता है। मंगल पीठ और पेट में पीड़ादायक होता है। बुध हाथ और पैर में रोग उत्पन्न करता है। वृहस्पति कमर और जंघो में पीड़ादायक होता है। शुक्र गुदा और अण्डकोष में पीड़ादायक होता है। शनि जानु में पीड़ादायक अर्थात कष्टकारी होता है।
आपसे निवेदन है कि यदि यह वीडियो अच्छा लगे तो ज्योतिष हिमगिरि चेनल को अवश्य सब्सक्राइब कीजिए। वीडियो को लाइक कीजिए, शेयर कीजिए। नियमित वीडियो देखने वाले सज्जनों को हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। वीडियो देखने के लिए बहुत- बहुत धन्यवाद।
किसी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य अशुभ या नीच का हो तो वह जब -जब कुंडली में प्रतिकूल हो तो सूर्य शिर और मुख में रोग उत्पन्न करता है अर्थात शिर और मुख के लिए कष्टकारी होता है। चन्द्रमा छाती और गले में पीड़ादायक होता है। मंगल पीठ और पेट में पीड़ादायक होता है। बुध हाथ और पैर में रोग उत्पन्न करता है। वृहस्पति कमर और जंघो में पीड़ादायक होता है। शुक्र गुदा और अण्डकोष में पीड़ादायक होता है। शनि जानु में पीड़ादायक अर्थात कष्टकारी होता है।
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วีดีโอ
कैसा चन्द्रमा माता के सुख से तथा कैसा सूर्य पिता के सुख से वंचित रखता है।देखें पार्ट403
มุมมอง 972 ชั่วโมงที่ผ่านมา
जन्म कुण्डली में माता, पिता के सु से वंचित योग - जिस जातक की जन्म कुंडली में चन्द्रमा पाप ग्रह से युक्त हो अर्थात चन्द्रमा के साथ पाप ग्रह बैठा हो ऐसे व्यक्ति की माता को मृत्यु तुल्य कष्ट होता है या ऐसा जातक माता के सु से वंचित रहता है। तथा जिस जातक की जन्म कुंडली में सूर्य पाप ग्रह से युक्त हो ऐसे जातक के पिता को मृत्यु तुल्य कष्ट होता है या ऐसा जातक पिता के सु से वंचित रहता है। यदि शुभ ग्रह ...
बुध,वृहस्पति,शनि तथा बुध,शुक्र, शनि के योग में कौन शुभ तथा कौन अशुभ फल देता है।पार्ट402
มุมมอง 1104 ชั่วโมงที่ผ่านมา
बुध, वृहस्पति, और शनि का योग - जिस जातक की जन्म कुंडली में बुध, वृहस्पति और शनि एक ही राशि में स्थित हों या एक ही स्थान में बैठे हों तो ऐसा जातक चल अचल सम्पत्ति से युक्त, अधिक बोलने वाला, अत्यंत धैर्यवान तथा सद्चरित्र से युक्त अर्थात सदाचारी होता है। बुध, शुक्र और शनि का योग - जिस जातक की जन्म कुंडली में बुध, शुक्र और शनि एक ही राशि में में स्थित हों अर्थात एक ही स्थान में बैठे हों तो ऐसा जातक...
मंगल, वृहस्पति,शनि तथा मंगल,शुक्र,शनि का योग शुभ या अशुभ फलदायक।देखें पार्ट401
มุมมอง 757 ชั่วโมงที่ผ่านมา
मंगल, वृहस्पति और शनि का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली मंगल, वृहस्पति और शनि एक ही राशि में स्थित हो या एक ही स्थान पर बैठे हों तो ऐसा व्यक्ति राजा से आदर पाने वाला अर्थात राजपक्ष से लाभ प्राप्त करने वाला, निर्दयी,कृश, सदाचार से रहित और मित्रों से मित्रता छुड़ाने वाला अर्थात मित्रों से द्रोह करने वाला होता है। मंगल, शुक्र, शनि का योग - जिस जातक की जन्म कुंडली में मंगल, शुक्र और शनि एक ही राश...
मंगल, बुध, शनि तथा मंगल, वृहस्पति, शुक्र में कौन शुभ तथा कौन अशुभ होता है।पार्ट400
มุมมอง 689 ชั่วโมงที่ผ่านมา
मंगल, बुध, और शनि का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल, बुध और शनि एक ही राशि में स्थित हों तो ऐसा व्यक्ति बुरे नेत्र वाला,वन में रहने वाला,दूत कर्म करने वाला, विदेश वासी, अधिक हंसने वाला, असहिष्णु और दूसरों की क्षति करने वाला होता है। मंगल, वृहस्पति, और शुक्र का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल, वृहस्पति और शुक्र ये तीनों ग्रह एक ही राशि में स्थित हों या एक ही स्थान में बैठे ह...
मंगल, बुध, वृहस्पति तथा मंगल, बुध, शुक्र का योग अत्यंत शुभ फलदायक होता है।पार्ट399
มุมมอง 12112 ชั่วโมงที่ผ่านมา
मंगल, बुध, वृहस्पति का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल, बुध और वृहस्पति एक ही राशि में स्थित हों या एक ही भाव में बैठे हों तो ऐसा व्यक्ति अपने कुल में श्रेष्ठ, दूसरे के अपराधों को क्षमा करने वाला, काव्य रचना करने में कुशल, संगीत और कला में कुशल तथा दूसरों को उपकार करने वाला होता है। मंगल, बुध शुक्र का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल, बुध और शुक्र ये तीनों ग्रह एक ही राशि में...
चन्द्रमा, गुरु,शुक्र तथा चन्द्रमा, गुरु ,शनि का योग होता है जातक अत्यंत भाग्यशाली।पार्ट398
มุมมอง 19414 ชั่วโมงที่ผ่านมา
चन्द्रमा, वृहस्पति, शुक्र का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में चन्द्रमा, वृहस्पति, शुक्र ये तीनों ग्रह एक ही स्थान पर स्थित हों अर्थात एक ही राशि में बैठे हों ऐसा व्यक्ति अत्यंत भाग्यशाली होता है। ऐसा व्यक्ति सुन्दर रूपवान, यशस्वी, अत्यंत बुद्धिमान और सदाचार से युक्त होता है। चन्द्रमा, वृहस्पति और शनि का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में चन्द्रमा, वृहस्पति और शनि ये तीनों ग्रह एक ही भाव म...
चन्द्रमा, मंगल, शुक्र तथा चन्द्रमा, मंगल शनि का योग शुभ होता है या अशुभ। पार्ट 397
มุมมอง 19416 ชั่วโมงที่ผ่านมา
चन्द्रमा, मंगल, शुक्र का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में यदि चन्द्रमा, मंगल, शुक्र ये तीनों ग्रह एक साथ बैठे हों अर्थात एक ही भाव में स्थित हों ऐसा व्यक्ति कुत्सित स्वभाव वाली स्त्री का पति होता है। ऐसा व्यक्ति अत्यंत चंचल,दुष्ट स्त्री का पुत्र और विनम्रता रहित होता है। चन्द्रमा, मंगल, शनि का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में चन्द्रमा, मंगल, शनि एक ही भाव में स्थित हों अर्थात एक ही स्...
चन्द्रमा, मंगल, बुध तथा चन्द्रमा, मंगल, वृहस्पति का योग शुभ फल देता है या अशुभ।पार्ट396
มุมมอง 9219 ชั่วโมงที่ผ่านมา
चन्द्रमा, मंगल, बुध का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में चन्द्रमा, मंगल, बुध एक ही स्थान में स्थित हों अर्थात एक ही भाव में बैठे हों तो ऐसा व्यक्ति दीन, अत्यंत धनहीन होता है। ऐसा व्यक्ति अपने जनों से अनेक तरह से अत्यंत अपमानित होता है और नीच कर्म करने वाले व्यक्तियों की संगति करने वाला होता है। चन्द्रमा, मंगल, वृहस्पति का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में चन्द्रमा, मंगल और वृहस्पति ये तीन...
सूर्य,वृहस्पति,शनि का योग अत्यंत शुभ तथा सूर्य,शुक्र,शनि का योग अशुभ होता है। पार्ट 395
มุมมอง 9521 ชั่วโมงที่ผ่านมา
सूर्य, वृहस्पति, शनि का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य, वृहस्पति और शनि ये तीनों एक ही स्थान पर स्थित हों अर्थात एक ही भाव में बैठे हों तो ऐसा व्यक्ति अत्यंत भाग्यशाली होता है। ऐसा व्यक्ति राजा का प्रिय अर्थात राजपक्ष से लाभ प्राप्त करने वाला, स्त्री, पुत्र और मित्रों के सु में युक्त, सुन्दर शरीर वाला, विचार कर व्यय करने वाला और नीति के मार्ग पर चलने वाला होता है। सूर्य, शुक्र, शनि ...
सूर्य, बुध, वृहस्पति तथा सूर्य, बुध, शुक्र के योग कौन शुभ तथा कौन अशुभ होता है।पार्ट394
มุมมอง 110วันที่ผ่านมา
सूर्य, बुध, वृहस्पति का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य, बुध, वृहस्पति ये तीनों ग्रह एक ही भाव में स्थित हों अर्थात एक ही स्थान में बैठे हों तो ऐसा व्यक्ति विलक्षण प्रतिभा से युक्त, शास्त्र कलाओं में कुशल,धनसंग्रही अर्थात अत्यंत धनवान, बलवान, सुशील, होता है। सूर्य , बुध, शुक्र का योग -जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य, बुध और शुक्र एक ही स्थान में बैठे हों अर्थात एक ही भाव में स्थ...
सूर्य,मंगल,शुक्र का योग अत्यंत शुभ तथा सूर्य, मंगल, शनि का योग अशुभ होता है। पार्ट 393
มุมมอง 130วันที่ผ่านมา
सूर्य, मंगल,शुक्र का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में यदि सूर्य, मंगल, शुक्र ये तीनों ग्रह एक साथ बैठे हों अर्थात एक ही भाव में स्थित हों तो ऐसा व्यक्ति अत्यंत भाग्यशाली होता है। ऐसा व्यक्ति अत्यंत बुद्धिमान, विनम्र, कुलीन, सुन्दर स्वभाव वाला, थोड़ा बोलने वाला, मधुर वाणी बोलने वाला और अत्यंत चतुर होता है। सूर्य, मंगल, शनि का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य, मंगल और शनि ये तीनों ग...
सूर्य, मंगल, बुध के योग तथा सूर्य,मंगल, वृहस्पति के योग से व्यक्ति होता है भाग्यवान।पार्ट392
มุมมอง 111วันที่ผ่านมา
सूर्य, मंगल बुध का त्रिग्रही योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य, मंगल, बुध ये तीनों ग्रह एक ही स्थान पर बैठे हुए हों तो ऐसा व्यक्ति अपने कुल में प्रसिद्ध, मन्त्र तथा शास्त्रों को जानने वाला, साहसी, लज्जा, से युक्त होता है। तथा धन, स्त्री मित्र आदि सभी सुखों से युक्त होता है। सूर्य, मंगल, वृहस्पति का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य, मंगल, वृहस्पति एक ही भाव में स्थित हों तो ऐस...
सूर्य, चन्द्रमा, शुक्र का योग तथा सूर्य, चन्द्रमा, शनि का योग शुभ या अशुभ फलदायक।पार्ट391
มุมมอง 169วันที่ผ่านมา
सूर्य, चन्द्रमा, शुक्र का त्रिग्रही योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य, चन्द्रमा, शुक्र ये तीनों ग्रह एक ही स्थान पर बैठे हों तो ऐसा व्यक्ति दूसरों का धन का अपहरण करने वाला, व्यसनी, और सत्कर्म की इच्छा से रहित होता है। सूर्य, चन्द्रमा और शनि का योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य, चन्द्रमा, शनि, एक ही स्थान में स्थित हो अर्थात एक ही भाव में बैठे हों तो ऐसा व्यक्ति दूसरों की चेष्ट...
सूर्य, चन्द्रमा, मंगल तथा सूर्य, चन्द्रमा, बुध में कौन सा योग अत्यंत शुभप्रद होता है।पार्ट390
มุมมอง 10614 วันที่ผ่านมา
सूर्य, चन्द्रमा, मंगल त्रिगह योग - जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य, चन्द्रमा, मंगल एक ही स्थान में स्थित हो अर्थात एक ही साथ बैठे हों तो ऐसा व्यक्ति शूर, यन्त्र बनाने में अत्यंत दक्ष, लज्जा रहित तथा दया रहित होता है अर्थात निर्लज्ज तथा निष्ठुर प्रवृत्ति का होता है। सूर्य, चन्द्रमा,बुध त्रिगह योग - जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य, चन्द्रमा, बुध एक ही स्थान पर बैठे हों अर्थात एक ही भाव में स...
वृहस्पति, शनि का योग तथा शुक्र, शनि का योग शुभ फल देता है या अशुभ। जानिए पार्ट 389
มุมมอง 12714 วันที่ผ่านมา
वृहस्पति, शनि का योग तथा शुक्र, शनि का योग शुभ फल देता है या अशुभ। जानिए पार्ट 389
जानिए,बुध, शुक्र का योग अत्यंत शुभ तथा बुध, शनि का योग अशुभ होता है। पार्ट 388
มุมมอง 11414 วันที่ผ่านมา
जानिए,बुध, शुक्र का योग अत्यंत शुभ तथा बुध, शनि का योग अशुभ होता है। पार्ट 388
कुंडली में मंगल,शनि का योग अशुभ तथा बुध, वृहस्पति का योग अत्यंत शुभ होता है।पार्ट387
มุมมอง 13214 วันที่ผ่านมา
कुंडली में मंगल,शनि का योग अशुभ तथा बुध, वृहस्पति का योग अत्यंत शुभ होता है।पार्ट387
मंगल,वृहस्पति का योग कैसे अत्यंत शुभ तथा मंगल,शुक्र का योग अशुभ फल देता है। पार्ट386
มุมมอง 16214 วันที่ผ่านมา
मंगल,वृहस्पति का योग कैसे अत्यंत शुभ तथा मंगल,शुक्र का योग अशुभ फल देता है। पार्ट386
कुंडली में चन्द्रमा, शनि तथा मंगल, बुध का योग शुभ होता है या अशुभ।देखिए पार्ट385
มุมมอง 15214 วันที่ผ่านมา
कुंडली में चन्द्रमा, शनि तथा मंगल, बुध का योग शुभ होता है या अशुभ।देखिए पार्ट385
चन्द्रमा, वृहस्पति के योग तथा चन्द्रमा, शुक्र के योग से व्यक्ति का स्वभाव आदि जानिए।पार्ट384
มุมมอง 12314 วันที่ผ่านมา
चन्द्रमा, वृहस्पति के योग तथा चन्द्रमा, शुक्र के योग से व्यक्ति का स्वभाव आदि जानिए।पार्ट384
चन्द्रमा और मंगल का योग कैसे अशुभ फल तथा चन्द्रमा और बुध शुभ फल देता है।देखें पार्ट383
มุมมอง 17721 วันที่ผ่านมา
चन्द्रमा और मंगल का योग कैसे अशुभ फल तथा चन्द्रमा और बुध शुभ फल देता है।देखें पार्ट383
अपना भविष्य जानिए- आपके कौन से ग्रहों के द्वारा सरकारी नौकरी के प्रबल योग हैं।पार्ट382
มุมมอง 15121 วันที่ผ่านมา
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बलवान नवमेश तथा धनेश कैसे अनिष्ट नाशक और धन वृद्धिकारक होते हैं।देखें पार्ट381
มุมมอง 13328 วันที่ผ่านมา
बलवान नवमेश तथा धनेश कैसे अनिष्ट नाशक और धन वृद्धिकारक होते हैं।देखें पार्ट381
वर्ष कुंडली में वृहस्पति के कौन-कौन से भावों में बैठने से सभी अरिष्टभंग होते हैं।देखें पार्ट380
มุมมอง 149หลายเดือนก่อน
वर्ष कुंडली में वृहस्पति के कौन-कौन से भावों में बैठने से सभी अरिष्टभंग होते हैं।देखें पार्ट380
वर्षफल से कैसे जानें कि इस वर्ष पुत्र चाहने वाले व्यक्ति का शत प्रतिशत पुत्र होगा।पार्ट379
มุมมอง 171หลายเดือนก่อน
वर्षफल से कैसे जानें कि इस वर्ष पुत्र चाहने वाले व्यक्ति का शत प्रतिशत पुत्र होगा।पार्ट379
सूर्य,शुक्र तथा सूर्य,शनि के योग से व्यक्ति होता है स्त्री, पुत्र आदि सुखों से युक्त।पार्ट378
มุมมอง 156หลายเดือนก่อน
सूर्य,शुक्र तथा सूर्य,शनि के योग से व्यक्ति होता है स्त्री, पुत्र आदि सुखों से युक्त।पार्ट378
घर के पूजाघर में किस मूर्ति की स्थापना आदि का विचार कर विधिवत पूजा कैसे करें।देखें पार्ट377
มุมมอง 165หลายเดือนก่อน
घर के पूजाघर में किस मूर्ति की स्थापना आदि का विचार कर विधिवत पूजा कैसे करें।देखें पार्ट377
कुंडली में किस ग्रह का कौन से ग्रह मित्र शुभ तथा शत्रु अशुभ फल देते है।देखें पार्ट 376
มุมมอง 166หลายเดือนก่อน
कुंडली में किस ग्रह का कौन से ग्रह मित्र शुभ तथा शत्रु अशुभ फल देते है।देखें पार्ट 376
कब और कैसे उच्च ग्रह शुभ फल तथा नीच ग्रह अत्यंत अशुभ फल देते हैं। देखें पार्ट 375
มุมมอง 165หลายเดือนก่อน
कब और कैसे उच्च ग्रह शुभ फल तथा नीच ग्रह अत्यंत अशुभ फल देते हैं। देखें पार्ट 375