system Jo behara hai | What is

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  • เผยแพร่เมื่อ 27 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 3

  • @gobindtanti1733
    @gobindtanti1733 หลายเดือนก่อน +1

    Nice sang
    Video❤❤❤❤❤

  • @studyicon351
    @studyicon351 หลายเดือนก่อน +1

    बहुत सही लिखा 😢

  • @darogasab
    @darogasab  หลายเดือนก่อน

    सिस्टम जो बहरा है, नोटों का पहरा है,
    तू कैसे लड़ पाएगा, आदमी जो ठहरा है।
    सड़क पर जो चीखता, इंसाफ मांगता है,
    उसकी आवाज़ कागज दबा देता है।
    जो सच की मशाल लिए अदालत में आता है,
    वो वकीलों की दलीलों में फंस कर रह जाता है।
    सिस्टम का तराजू अब झुकता है पैसों पर,
    असली गुनहगार बैठा, हंसता है ऐशों पर।
    जो हक की लड़ाई में खड़ा रह जाता है,
    वो तारीखों के जंगल में भटक कर थक जाता है।
    सिस्टम के पहरेदार गूंगे बन जाते हैं,
    जहां सच बोलने पर पत्थर बन जाते हैं।
    काला कोट, सफेद झूठ साथ हो जाता है,
    सच्चाई की बात ही गुनाह हो जाता हैं।
    अतुल सुभाष के शब्दों में गूंजता है सवाल,
    क्या कभी जागेगा ये सोया हुआ हाल है?
    तू लड़, तू बढ़, तू बदल ये कायदा,
    सिस्टम जो बहरा है, उसे सुनाना फर्ज तेरा।