तेजाजी आरती,तेजागायन कथा। 12 साल तक भक्ती और नागराज ने दिया पुत्र वरदान Veer Tejaji Maharaj ki katha

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  • เผยแพร่เมื่อ 18 ก.ย. 2024
  • तेजाजी आरती, तेजागयन कथा। 12 साल तक भक्ती और नागराज ने दिया पुत्र वरदान
    कथा के लिए सम्पर्क करें ईश्वर सिंह गुर्जर पोटलिया वाले
    सत्यवादी वीर तेजाजी कला मंडल पोटलिया
    आपका हार्दिक अभिनंदन करता है
    चैनल :- ईश्वर सिंह गुर्जर पोटलिया
    गांव :- जगाखेड़ी मंदसौर के पास में बहुत ही
    शानदार प्रस्तुति
    दिनाकं 👉🏻 11, 9 ,2024 को
    🔴LIVE Bhajan Veer Tejaji Maharaj Ki
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    श्री सत्यवादी वीर तेजाजी कला मंडल पोटलिया
    द्वारा प्रस्तुति दी गई है
    देसी तेजाजी की कथा | राजस्थानी तेजाजी कथा
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    सचालकं 👉🏻 ईश्वर सिंह गुर्जर
    मों, 8225908389
    माता लक्ष्मी ने 12 साल की तपस्या की, पर एक दिन दूध की जगह खून चढ़ाने से क्रोधित हो गए नागराज। Tejaji
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    माता लक्ष्मी और नागराज संवाद
    माँ सरस्वती ने क्यों दिया माता लक्ष्मी और गंगा को श्राप || Jai Maa Aadi Shakti
    maa shakti serial episode 58
    सरस्वती का क्रोध और भी भड़क उठा। उन्होंने गंगा के केश पकड़े और मारने को लपकीं। लक्ष्मी ने बीच में आकर दोनों को शांत करने का प्रयास किया। इस पर सरस्वती ने लक्ष्मी को भी गंगा की सहायिका मानते हुए उनका अपमान किया और उन्हें बीच में आने के कारण वृक्ष हो जाने का शाप दे दिया।
    इधर गंगा अपने कारण निरपराध लक्ष्मी को दंडित होते देखकर अत्यधिक क्षुब्ध हो उठीं और उन्होंने सरस्वती को भूतल पर नदी हो जाने का शाप दिया। सरस्वती भी पीछे नहीं रहीं। उन्होंने भी गंगा को मृतक की अस्थियाँ ढोने वाली नदी बनकर पृथ्वी तल पर बहने का शाप दे दिया।
    जब विष्णुजी अपने पार्षदों सहित लौटे तो उन्हें अपनी पत्नियों के परस्पर कलह और शाप आदि का पूरा पता लगा। विष्णुजी ने लक्ष्मी की शांत वृत्ति, सहनशीलता और उदारता को देखकर केवल उसे ही पत्नी रूप में अपने पास रखना उचित समझा। विष्णुजी ने गंगा और सरस्वती को त्याग देने का निश्चय कर लिया।
    वियोग की अवश्यंभावी स्थिति से व्यथित होकर दोनों ही कातर स्वरों में शापों से शीघ्र निपटने का उपाय पूछने लगीं। विष्णु ने उन्हें बताया कि गंगा तो नदी रूप में स्वर्ग, भूलोक और पाताल लोक में त्रिपथगा होकर बहेंगी। उनका स्थान शिव जटाओं में भी होगा। अंश रूप में ही वे स्वर्ग में मेरे सानिध्य में रहेंगी। सरस्वती प्रधान रूप से पृथ्वी तल पर रहेंगी और अंश रूप में मेरे पास। लक्ष्मी 'तुलसी' वृक्ष बनकर मेरे शालिग्राम स्वरूप से विवाह करके समग्र और स्थायी रूप से मेरा पत्नीत्व ग्रहण करेंगी। दोनों देवियाँ शापानुसार नदी रूप में पृथ्वी पर आईं।
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ความคิดเห็น • 3

  • @shivlalparmar2676
    @shivlalparmar2676 2 วันที่ผ่านมา +1

    जय हो

  • @syamlaldamor7198
    @syamlaldamor7198 2 วันที่ผ่านมา +1

    Very nice suresh ji veer tejaji ki jay ho

  • @bhuralalgurjar8823
    @bhuralalgurjar8823 2 วันที่ผ่านมา +1

    बहुत बढ़िया।सुरेसभाई