गुर्जर-प्रतिहार वंश के महान हिन्दू धर्म रक्षक सम्राट मिहिर भोज की story मिहिर का अर्थ सूर्य होता है और सच्चे अर्थों में सम्राट मिहिर भोज भारत में अपने समय के सूर्य थें।उत्तर भारत में प्रसिद्ध एक लोकोक्ति उनकी विरासत को चरितार्थ करती है,लोकोक्ति है “कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली”।एक महान योद्धा,कुशल घुड़सवार होने के साथ उन्हें विद्वानों ने उनकी विद्वता के लिए “कविराज” की उपाधि भी दी थी।गुर्जर-प्रतिहार के मुलपुरुष प्रभु श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण को माना जाता है।इस हिसाब से आज के उत्तर भारत में पाये जाने वाली गुर्जर जाति का सम्बन्ध क्षत्रिय कूल से है,उनके वंश की लगभग 500 वर्ष की शाषण काल भी इस बात की घोतक है।नागभट्ट प्रथम से लेकर गुर्जर-प्रतिहार के अंतिम शाषक तक अरब आक्रमणकारियों से लड़ते रहें लेकिन उनमे लगातार 50 वर्षों तक युद्ध में अरबों के छक्के छुड़ाने वाले मिहिर भोज की कहानी बेमिशाल और अद्वितीय है। ईस्वी सन् (712-1192) के बिच लगभग 500 वर्षों तक गुर्जर-प्रतिहार वंश ने अनेक युद्ध में बाहरी आक्रमणकारियों को हराया।उनके कमजोर होने के बाद ही महमूद गजनवी और मुहम्मद गोरी ने भारत के तरफ मुहीम की शुरुआत की।आज भारत की सनातन संस्कृति के वे सबसे बड़े ध्वज वाहक हैं।कुछ देर पढ़िए आपको सब समझ आ जाएगा की कैसे? - मिहिर भोज का साम्राज्य पश्चिम में सिंधु नदी से पूरब में बंगाल तक तथा उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी तक फैला हुआ अत्यन्त विशाल और समृद्ध क्षेत्र था। मिहिर भोज विष्णु और शिव भगवान के भक्त थे तथा कुछ सिक्कों मे इन्हे ‘आदिवराह’ भी माना गया है।वराह(जंगली सूअर) के उपाधि के पीछे की कहानी यह है की जिस तरह से भगवान विष्णु ने वराह अवतार लेकर हिरण्याक्ष से इस भूमि का रक्षा किया था उसी तरह इस भूमि की रक्षा मिहिर भोज ने की थी। महरौली नामक जगह इनके नाम पर रखी गयी थी तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 24 का बड़ा भाग सम्राट मिहिरभोज मार्ग के नाम से जाना जाता है। - गुर्जर सम्राट मिहिर भोज का शाषण काल 836 ईसवीं से 885 ईसवीं तक माना जाता है।यानी लगभग 50 वर्ष।सम्राट भोज के साम्राज्य को तब गुर्जर देश के नाम से जाना जाता था। - प्रसिद्द अरब यात्री सुलेमान ने भारत भ्रमण के दौरान लिखी पुस्तक सिलसिलीउत तुआरीख 851 ईस्वीं में सम्राट मिहिर भोज को इस्लाम का सबसे बड़ा शत्रु बताया है , साथ ही मिहिर भोज की महान सेना की तारीफ भी की है।जो इनकी हिन्दू धर्म की रक्षा में इनकी भूमिका बताने के लिए काफी है। - 915 ईस्वीं में भारत आए बगदाद के इतिहासकार अल- मसूदी ने अपनी किताब मरूजुल महान मेें भी मिहिर भोज की 8 लाख पैदल सैनिक और हज़ारों हाथी और हज़ारों घोड़ों से सज्जी इनके पराक्रमी सेना के बारे में लिखा है।इनकी राजशाही का निशान दांत निकाले चिंघाड़ता हुआ “वराह”(जंगली सूअर) था और ऐसा कहा जाता है की मुस्लिम आक्रमणकारियों के मन में इतनी भय थी कि वे वराह यानि जंगली सूअर से नफरत करने लगे थें। मिहिर भोज की सेना में सभी वर्ग एवं जातियों के लोगो ने राष्ट्र की रक्षा के लिए हथियार उठाये और इस्लामिक आक्रान्ताओं से लड़ाईयाँ लड़ी। - सम्राट मिहिर भोज के उस समय स्थानीय शत्रुओं में बंगाल के पालवंशी और दक्षिण का राष्ट्रकूट(यादव कूल) थें,इसके अलावे बाहरी शत्रुओं में अरब के खलीफा मौतसिम वासिक, मुत्वक्कल, मुन्तशिर, मौतमिदादी थे । अरब के खलीफा ने इमरान बिन मूसा को सिन्ध के उस इलाके पर शासक नियुक्त किया था। जिस पर अरबों का अधिकार रह गया था। सम्राट मिहिर भोज ने बंगाल के राजा देवपाल के पुत्र नारायणलाल को युद्ध में परास्त करके उत्तरी बंगाल को अपने साम्राज्य में सम्मिलित कर लिया था। दक्षिण के राष्ट्र कूट राजा अमोधवर्ष को पराजित करके उनके क्षेत्र अपने साम्राज्य में मिला लिये थे । सिन्ध के अरब शासक इमरान बिन मूसा को पूरी तरह पराजित करके समस्त सिन्ध को गुर्जर-प्रतिहार साम्राज्य का अभिन्न अंग बना लिया था। केवल मंसूरा और मुलतान दो स्थान अरबों के पास सिन्ध में इसलिए रह गए थे कि अरबों ने गुर्जर सम्राट के तूफानी भयंकर आक्रमणों से बचने के लिए अनमहफूज नामक गुफाए बनवाई हुई थी जिनमें छिप कर अरब अपनी जान
Bhai pehle raja hi kystriya varn ka maana jaata tha mtlab basically sb raja kstriya varn ke maane jaate bhai jo shashak varg hoga vhi kstriya hoga bhai
@rajputana mukesh bhai tera knowledge bahut achha hai. ( सम्राट मिहिरभोज कौन हैं, जिन्हें लेकर आमने-सामने हैं राजपूत और गुर्जर? ) Bhai muze jyada nahi pata lekin, 13 vi sharabdi ke baad vir rajputo ka shashan chalu hua tha
@rajputana mukesh bappa rawal ji raghuvanshi the Aur raghuvanshi ke 3 bhagh hai ya upnaam hai jinme se ek hai suryawanshi Aur itihas karoke anusar 7 vi se 13 vi shatabdi tak north india me hindu raj Suryawanshi the Abhi aisa nahi hai ki rajputana aur Gurjar alag hai ye dono ek hi hai Aise bhi pata hai ki Prabhu Shree Ram ji ke do putra se RAGHUWANSHI ke 2 bhaagh pade hai Lav Aur kush Inme se hum aap aur us waqt ke rajwansh jai se ki bappa rawal bhi inhi ke wanshaj hai..... Bahut bate hai padhane jaisi jo Sinne Me aag Ki lapto Ko jwala Deti hai JAI SHREE RAM 🙏🙏🔥🚩🚩🚩🚩🚩
@rajputana mukesh bro agr tu jyada article padhega google pe toh Bbc hindi wire the print economy times jaise leftist, Western Blogs aur article hai jo ki inhe hame tumhe ek dusre se ladhwa rahi hai lekin....
पृथ्वीराज विजय महाकाव्य के सर्ग 10 के श्लोक नंबर 50 में पृथ्वीराज के किले को गुर्जर दुर्ग लिखा है, जबकि सर्ग 11 के श्लोक नंबर 7 और 9 में गुर्जरों द्वारा गोरी को पराजित करने का जिक्र है। इससे यह साबित होता है कि पृथ्वीराज चौहान गुर्जर समुदाय से थे।
Gurjer partiharo per PhD ho chuki hai Oxford University se vejnath puri ji ke duwara jisme gurjer hi bataaya hai kaisi bhi library se laker padh sakte hai
मुझे एक डाउट है सर, अगर प्रतिहार गुजर जाति से थे तो उन्हें राजपूतों वंशों मैं क्यू लिया जाता है? आज मंडोर और भीनमाल जेसे क्षेत्रों मैं प्रतिहार राजपूत क्यू रहते हैं, गुजरों मैं तो ऐसा कोई वंश नही है कई इतिहासकारों ने ये क्यू कहा की गुर्जर शब्द स्थानवाचक है, जातिवाचक नही ?
Gurjar samrajya ke nirbal hone ke baad Jin अमात्य सेनानायको सुबेदारो निकटतम लोगों को साम्राज्य के विभिन्न हिस्सों की जिम्मेदारी सौंपी हूई थी उन्होंने स्वतन्त्रत होकर उन क्षेत्रों पर कब्ज़ा कर खुद को राजा से जोड़ कर राजपूत लिखना शुरू कर दिया था, राजाओं से निकटता दिखाने के लिए भी बहुत से लोगों ने भी जैसे उनके नाई धोबी दास दासी खाना बनाने वाले साफ सफाई करने वालो सेना में भर्ती लोगों ने भी राजपूत सरनेम शुरू कर दिया था
জয় মা সীতা জয় প্রভু শ্রীরাম জয় সীতারাম ভক্ত হনুমান আজকে তোমাদের কাছে আমার প্রার্থনা এই যে আমার দেশ ভারতের বর্তমান প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র দামোদরদাস মোদী ইংরেজির 2029 সাল পর্যন্ত আমার দেশ ভারতের প্রধানমন্ত্রী থাকুন তারপর যোগী আদিত্যনাথ আমার দেশ ভারতের প্রধানমন্ত্রী হয়ে আমার দেশ ভারতকে একটি অখন্ড শক্তিশালী সর্বদাই ঐক্যবদ্ধ চীরস্থায়ী স্বাধীন সার্বভৌম সম্পূর্ণ সুরক্ষিত বিপদমুক্ত অজেয় সনাতন হিন্দু বৈদিক রাষ্ট্রতে পরিনত করুন এটাই আমার প্রার্থনা আমার এই প্রার্থনা পূর্ণ করো মা সীতা প্রভু শ্রী রাম সীতারাম ভক্ত হনুমান 🌄⛅☀️❤️🌺🙏🛕🪔🕉️🇮🇳
Bhai phle raja hii kshtriya varn ka mana jata tha chache jo jaati ka ho jaise Shivaji kunbi-maratha the usi ashok maurya the Budh Shakya the holkar dhangar the aur karkota kayasth the phile bharat men kstriya rajput hai aur kstriya Maratha hai jo ki basically kunbi hain phle kaam ke hisaab se varn badal jaate the
Gurjer ke goter dehli ncr Chohan gurjer 84 village kairana district up supreme Court ke justice BS chohan Parmar gurjer ke 84 village saharanpur district up Raja kuwar pranav singh BJP mla 3 se continue Tomer gurjer ke dehli me 12 village hai BJP sansad kanwar singh tanwar Aap party se Chaterpur se mla kartar tanwar BJP mla meerut Somender tomer Raval gurjer ke 24 village panipat haryana near bhopoli Choker gurjer 24 village samalkha mla dharm singh choker Bhati gurjer ke 360 village Noida greater noida
Gurjar Emperor MihirBhoj was Great king Of Gurjar Pratihars Dynasty in Kannauj and Mewad 🤺🤺🙏🌐 Veer Gurjar Warrior's are Great 💓 Very much helpful video ,Thank-you for uploaded sir
Thanks for the video, History Guru. In the comments many people are confused about the identities. Actually, Rajput is a title of ruling classes of North Western India. But the Rajputs themselves originated from the previous Kshatria people --- Gujjars, Jats and Ahirs(Raos of Haryana). What is your view , History Guru?
Very nice information about Gurjar Pratihar,so Every Gurjar have to watch,read details of our community,, Great research and knowledge about Gurjar, Great Creation you,I am proud of to be Gurjar,
गुर्जरों के शासन की वजह से गुर्जर देश कहा जाता है जिस क्षेत्र पर गुर्जरों का शासन था उसे गुर्जर गुर्जरदेश गुर्जरात्र कहां जाता था इस देश के बड़े भूभाग पर गुर्जरों का शासन रहा है
गुरु जी अगली बार कोई भी राजपूत भाई गलत कॉमेंट करें तो उनसे पूछना कि राजस्थान को राजपुताना क़्यु कहा गया उनका 90% का उत्तर आएगा यहाँ राजपूतो ने शासन किया इसलिए तो फिर पूछना गुजरात को गुर्जरत्रा क्यूँ कहा जाता है तो देखना क्या जवाब देते है
Gujrat ki jyadatar riyasto par rajputo ka hi shasan tha patan bhavnagar morbi aadi gujjaro ka shasan kha tha 1947 me ek bhi riyasat gujjaro ke pas nahi thi jqbki rajput jato maratho or muslimo ke pas riyaste thi kiyuki in jatiyo ne raj kiya tha
Very good video presented in such a wonderful way, was waiting for it from many days.Many people do not know much about the Gurjara-Prathihara Empire, it defended India from Arab invasions.
@@HistoryGuru sir aap history ko sahi dhang se batate ho bina kisi bias ke, sir apne ek video me kaha tha ki marathas panipat ke baad kamzor hue, lekin agar hum 1795 ka map dekhe toh usme marathas 1760 je zyada bada area control karte the
@@HistoryGuru haan❤❤, sir mere anusar bade maratha sardar jaise mahadji shinde, fadnavis,tukojirao holkar, ahilyabai holkar ke jaldi jaldi marne ke karan shayad marathi empire ka decline hua, do u agree
During Mahmud of Ghazni attacks on India Arab capital of Sindh ie Mansura was completely destroyed by Mahmud Ghazni , During this period The Sodha and Soomra Dynasty rose prominence in Sindh and by the year 1045 ce they took control of Sindh.
गुरूजी आप ने जो इतिहास है वो बताया है कुछ मुग़लपूत बिना हिस्ट्री जाने गलत कमेंट कर रहे है उनपे ध्यान मत दो ✊ हम ⚔️ आपके साथ है #JaiHinduGurjarSamratMihirBhoj🚩 #JaiHinduGurjarSamratPrathvirajChauhan🚩
लोग जब गुर्जर शासकों की बात करते हैं तो सम्राट search मिहिर भोज और राजा भोज के नामों में समरूपता होने के कारण दोनों को भूल से एक ही व्यक्ति मान लिया जाता है ,लेकिन आज हम आपको बताते हैं कि सम्राट search मिहिर भोज और राजा भोज दो अलग अलग राजा थे और दोनों ने अलग-अलग समय पर शासन किया था, लेकिन दोनों में एक बड़ी समानता थी कि वे दोनों ही पराक्रमी राजा गुर्जर वंश के थे। राजा मिहिर भोज गुर्जर प्रतिहार राजवंश के राजा थे जिन्होंने भारतीय महाद्वीप के उत्तरी हिस्से में लगभग 49 वर्षों तक शासन किया और उनकी राजधानी कन्नौज वर्तमान (उत्तर प्रदेश) में थी। इनके राज्य का विस्तार नर्मदा के उत्तर में और हिमालय की तराई तक पूर्व में वर्तमान बंगाल की सीमा तक माना जाता है । सम्राट search मिहिर भोज को प्रतिहार वंश का सबसे महान शासक माना गया है। सम्राट search मिहिर भोज का जन्म विक्रम संवत 873 को हुआ था और उन्होंने 836 से 885 तक शासन किया। अब राजा भोज की बात करें तो उनका जन्म 980 ई में महाराजा विक्रमादित्य की नगरी उज्जयिनी में हुआ था। इतिहासकारों का मानना है कि राजा भोज का शासन काल 1010 से 1053 ईसवी तक रहा था और इन्हें भोज देव भी कहा जाता है। बाद में भोज देव ने धार को अपनी राजधानी बनाया था । राजा भोज का नाम वर्तमान भोपाल से भी जुड़ा है क्योंकि वहां इनका शासन था और भोपाल का प्राचीन नाम भोजपाल था जो बाद में बदलकर भोपाल हो गया। राजा भोज चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य के वंशज थे 15 साल की अल्पायु में ही उनका मालवा की गद्दी पर राज्याभिषेक कर दिया गया था। प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान डॉक्टर रीवा प्रसाद द्विवेदी ने प्राचीन संस्कृत साहित्य पर शोध किया है उन्होंने मलयालम भाषा में भोज की रचनाओं की खोज की ,उसमें बताया गया है कि राजा भोज का शासन केरल तक फैला हुआ था।
Finally ❤️ Loved d video it was quite informative bt would have had enjoyed it more if d video covered d Islamic invasions in depth.. At d same tym I also understand dat d sources n records of d pratihaar dynasty are scarce.. great work brother.. appreciate it ..❤️❤️
Thank you so much Mishra ji. 🙂👍🙏 The Arab invasions will be covered separately in another video 'Arabs in India'. Yes many records are conflicting as well. The entire period is very poorly studied and understood.
Mihirbhoj Gurjar ji ke upper ek special video banao bhai 🌐🙏
गुर्जर-प्रतिहार वंश के महान हिन्दू धर्म रक्षक सम्राट मिहिर भोज की story
मिहिर का अर्थ सूर्य होता है और सच्चे अर्थों में सम्राट मिहिर भोज भारत में अपने समय के सूर्य थें।उत्तर भारत में प्रसिद्ध एक लोकोक्ति उनकी विरासत को चरितार्थ करती है,लोकोक्ति है “कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली”।एक महान योद्धा,कुशल घुड़सवार होने के साथ उन्हें विद्वानों ने उनकी विद्वता के लिए “कविराज” की उपाधि भी दी थी।गुर्जर-प्रतिहार के मुलपुरुष प्रभु श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण को माना जाता है।इस हिसाब से आज के उत्तर भारत में पाये जाने वाली गुर्जर जाति का सम्बन्ध क्षत्रिय कूल से है,उनके वंश की लगभग 500 वर्ष की शाषण काल भी इस बात की घोतक है।नागभट्ट प्रथम से लेकर गुर्जर-प्रतिहार के अंतिम शाषक तक अरब आक्रमणकारियों से लड़ते रहें लेकिन उनमे लगातार 50 वर्षों तक युद्ध में अरबों के छक्के छुड़ाने वाले मिहिर भोज की कहानी बेमिशाल और अद्वितीय है। ईस्वी सन् (712-1192) के बिच लगभग 500 वर्षों तक गुर्जर-प्रतिहार वंश ने अनेक युद्ध में बाहरी आक्रमणकारियों को हराया।उनके कमजोर होने के बाद ही महमूद गजनवी और मुहम्मद गोरी ने भारत के तरफ मुहीम की शुरुआत की।आज भारत की सनातन संस्कृति के वे सबसे बड़े ध्वज वाहक हैं।कुछ देर पढ़िए आपको सब समझ आ जाएगा की कैसे?
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मिहिर भोज का साम्राज्य पश्चिम में सिंधु नदी से पूरब में बंगाल तक तथा उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी तक फैला हुआ अत्यन्त विशाल और समृद्ध क्षेत्र था।
मिहिर भोज विष्णु और शिव भगवान के भक्त थे तथा कुछ सिक्कों मे इन्हे ‘आदिवराह’ भी माना गया है।वराह(जंगली सूअर) के उपाधि के पीछे की कहानी यह है की जिस तरह से भगवान विष्णु ने वराह अवतार लेकर हिरण्याक्ष से इस भूमि का रक्षा किया था उसी तरह इस भूमि की रक्षा मिहिर भोज ने की थी। महरौली नामक जगह इनके नाम पर रखी गयी थी तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 24 का बड़ा भाग सम्राट मिहिरभोज मार्ग के नाम से जाना जाता है।
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गुर्जर सम्राट मिहिर भोज का शाषण काल 836 ईसवीं से 885 ईसवीं तक माना जाता है।यानी लगभग 50 वर्ष।सम्राट भोज के साम्राज्य को तब गुर्जर देश के नाम से जाना जाता था।
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प्रसिद्द अरब यात्री सुलेमान ने भारत भ्रमण के दौरान लिखी पुस्तक सिलसिलीउत तुआरीख 851 ईस्वीं में सम्राट मिहिर भोज को इस्लाम का सबसे बड़ा शत्रु बताया है , साथ ही मिहिर भोज की महान सेना की तारीफ भी की है।जो इनकी हिन्दू धर्म की रक्षा में इनकी भूमिका बताने के लिए काफी है।
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915 ईस्वीं में भारत आए बगदाद के इतिहासकार अल- मसूदी ने अपनी किताब मरूजुल महान मेें भी मिहिर भोज की 8 लाख पैदल सैनिक और हज़ारों हाथी और हज़ारों घोड़ों से सज्जी इनके पराक्रमी सेना के बारे में लिखा है।इनकी राजशाही का निशान दांत निकाले चिंघाड़ता हुआ “वराह”(जंगली सूअर) था और ऐसा कहा जाता है की मुस्लिम आक्रमणकारियों के मन में इतनी भय थी कि वे वराह यानि जंगली सूअर से नफरत करने लगे थें। मिहिर भोज की सेना में सभी वर्ग एवं जातियों के लोगो ने राष्ट्र की रक्षा के लिए हथियार उठाये और इस्लामिक आक्रान्ताओं से लड़ाईयाँ लड़ी।
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सम्राट मिहिर भोज के उस समय स्थानीय शत्रुओं में बंगाल के पालवंशी
और दक्षिण का राष्ट्रकूट(यादव कूल) थें,इसके अलावे बाहरी शत्रुओं में अरब के खलीफा मौतसिम वासिक, मुत्वक्कल, मुन्तशिर, मौतमिदादी थे । अरब के खलीफा ने इमरान बिन मूसा को सिन्ध के उस इलाके पर शासक नियुक्त किया था। जिस पर अरबों का अधिकार रह गया था। सम्राट मिहिर भोज ने बंगाल के राजा देवपाल के पुत्र नारायणलाल को युद्ध में परास्त करके उत्तरी बंगाल को अपने साम्राज्य में सम्मिलित कर लिया था। दक्षिण के राष्ट्र कूट राजा अमोधवर्ष को पराजित करके उनके क्षेत्र अपने साम्राज्य में मिला लिये थे । सिन्ध के अरब शासक इमरान बिन मूसा को पूरी तरह पराजित करके समस्त सिन्ध को गुर्जर-प्रतिहार साम्राज्य का अभिन्न अंग बना लिया था। केवल मंसूरा और मुलतान दो स्थान अरबों के पास सिन्ध में इसलिए रह गए थे कि अरबों ने गुर्जर सम्राट के तूफानी भयंकर आक्रमणों से बचने के लिए अनमहफूज नामक गुफाए बनवाई हुई थी जिनमें छिप कर अरब अपनी जान
अदभुत जानकारी
धन्यवाद वीडियो के लिए ,इस वीडियो की बहोत दिनों से प्रतीक्षा थी
गुर्जर प्रतिहार बनाम अरब की भी वीडियो बनाओगे?
Dhanyawad Jai Bhati ji. Wo video bhi hum banayenge.
@@HistoryGuru धन्यवाद गुरु जी
क्षत्रिय एक वर्ण व्यवस्था है जिसमें कई जाती हैं। क्षत्रिय कोई जाति नहीं है। शुरुआती दिनों में वर्ण व्यवस्था थी जो बाद में जातियों में विभाजित हो गई।
Bhai pehle raja hi kystriya varn ka maana jaata tha mtlab basically sb raja kstriya varn ke maane jaate bhai jo shashak varg hoga vhi kstriya hoga bhai
Proud to be Gurjar
⚔️ जय सनातनी गुर्जरात्रा ⚔️
Jai Sanatani Gurjar!
बहुत ही अच्छी जानकारी साझा करने के लिए हम आपके बहुत आभारी हैं साहब
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय गुर्जर सम्राट मिहिर भोज
Dhanyawad Pawan Bhati ji :)
@@HistoryGuru gurjar desh ke raja pratihar
@@HistoryGuru gwalior ke pratihar ko gurjar kyu nahi kaha
@@HistoryGuru Gurjar title hai
वीर गुर्जर सम्राट मिहिरभोज महान 😅😅
मुझे गर्व है कि मेरे पूर्वज गुर्जर प्रतिहार हैं
आर्यों से बना है आर्यावर्त
बुन्देलो से बुन्देलखण्ड बना
राजपूत से राजपुताना बना है
वैसे ही गुर्जर से गुर्जरत्रा /गुर्जरदेश बना है,
Hi bro ☺️
@rajputana mukesh bhai tera knowledge bahut achha hai.
( सम्राट मिहिरभोज कौन हैं, जिन्हें लेकर आमने-सामने हैं राजपूत और गुर्जर? )
Bhai muze jyada nahi pata lekin, 13 vi sharabdi ke baad vir rajputo ka shashan chalu hua tha
@rajputana mukesh bappa rawal ji raghuvanshi the
Aur raghuvanshi ke 3 bhagh hai ya upnaam hai jinme se ek hai suryawanshi
Aur itihas karoke anusar 7 vi se 13 vi shatabdi tak north india me hindu raj
Suryawanshi the
Abhi aisa nahi hai ki rajputana aur Gurjar alag hai ye dono ek hi hai
Aise bhi pata hai ki
Prabhu Shree Ram ji ke do putra se
RAGHUWANSHI ke 2 bhaagh pade hai Lav Aur kush
Inme se hum aap aur us waqt ke rajwansh jai se ki bappa rawal bhi inhi ke wanshaj hai.....
Bahut bate hai padhane jaisi jo Sinne Me aag Ki lapto Ko jwala Deti hai
JAI SHREE RAM 🙏🙏🔥🚩🚩🚩🚩🚩
@rajputana mukesh bro agr tu jyada article padhega google pe toh
Bbc hindi wire the print economy times jaise leftist, Western Blogs aur article hai jo ki inhe hame tumhe ek dusre se ladhwa rahi hai lekin....
पृथ्वीराज विजय महाकाव्य के सर्ग 10 के श्लोक नंबर 50 में पृथ्वीराज के किले को गुर्जर दुर्ग लिखा है, जबकि सर्ग 11 के श्लोक नंबर 7 और 9 में गुर्जरों द्वारा गोरी को पराजित करने का जिक्र है। इससे यह साबित होता है कि पृथ्वीराज चौहान गुर्जर समुदाय से थे।
Unki wife gahrwal rajput mata kalchuri rajput bahen ki Saadi guhil vvansh m aur wo gujjar the
Gurjar Partihar Samrat Mihirbhoj 🏇🚩
Jai Ho kshatriya Veer Gurjar Partihar Rajvans ki... Jai 🌹🌹
I proud to be an indian gurjar... Naman hai aise veero ko 🙏🏻 bharat mata ki jai
Gurjar Jaat Yadav Vedic Kshatriya Ekta Jindabad ⚔️
एक बार फिर से बेहतरीन प्रस्तुति सर जी 🙏
Dhanyawad Kajal ji :)
@@HistoryGuru अगर हो सके तो कन्नौज त्रिपक्षीय संघर्ष पर भी एक वीडियो बना दीजियेगा सर
🙏
@@maratha8808 Kajal ji waise uski zarurat padegi nahi kyonki already ismein sab kuchh bata diya hai.
Thanks sir ji ❤️❤️ gurjar partihar history batane ke liye 👍
Aapka swagat hai Atul ji. 🙂🙏👍
GURJAR SAMRAJYA
Jai GURJAR SAMAJ
Proud to be a gurjar
Proud to be a hindu
Gurjar smrat prithviraj Chohan gurjar smrat Mihir bhoj mahan ❤️❤️
Gurjar Samrat Mihir Bhoj ki Jay Gujjar Chhetri Prithviraj Chauhan ki jai
Gurjer partiharo per PhD ho chuki hai Oxford University se vejnath puri ji ke duwara jisme gurjer hi bataaya hai kaisi bhi library se laker padh sakte hai
गूर्जरात्र सम्राट "मिहिरभोज प्रतिहार" की सदा ही जय
I am also Gujjar Pratihar from Gujrat Pakistan.
Gurjar pratihar💪
Bhai m Yadav hu or mujhe pata h ki gujjar samrat h mohit bhoj I support Gujjar community ❤️❤️
मुझे एक डाउट है सर, अगर प्रतिहार गुजर जाति से थे तो उन्हें राजपूतों वंशों मैं क्यू लिया जाता है? आज मंडोर और भीनमाल जेसे क्षेत्रों मैं प्रतिहार राजपूत क्यू रहते हैं, गुजरों मैं तो ऐसा कोई वंश नही है
कई इतिहासकारों ने ये क्यू कहा की गुर्जर शब्द स्थानवाचक है, जातिवाचक नही ?
Gujarat mein kitne Gurjar lekin Naam to gurjaron ke. uper Rakha gaya.
रजपूतो में पढिहार और परिहार है न् कि प्रतिहार**✍️❓
Gurjaronme Pratihar/ Padhiyar gotra hota, bhinmal ke paas Gurjar hai.
परिहार है वर्तमान में ना की प्रतिहार
और ये जाति केवल राजपूतों में ही नही बल्कि अन्य जातियों में भी है
Gurjar samrajya ke nirbal hone ke baad Jin अमात्य सेनानायको सुबेदारो निकटतम लोगों को साम्राज्य के विभिन्न हिस्सों की जिम्मेदारी सौंपी हूई थी उन्होंने स्वतन्त्रत होकर उन क्षेत्रों पर कब्ज़ा कर खुद को राजा से जोड़ कर राजपूत लिखना शुरू कर दिया था, राजाओं से निकटता दिखाने के लिए भी बहुत से लोगों ने भी जैसे उनके नाई धोबी दास दासी खाना बनाने वाले साफ सफाई करने वालो सेना में भर्ती लोगों ने भी राजपूत सरनेम शुरू कर दिया था
Ab Rajput Samjh Gye Honge Ki Rajputo ka uday kab hua
I am Gorsi gujjar from punjab Pakistan but my grand father from India ambala
Convert ho gye 😂😂
Bahut dino de intezar tha is video ka...very well Explained 😍
Dhanyawad Vaibhav ji... 🙂🙏👍
জয় মা সীতা জয় প্রভু শ্রীরাম জয় সীতারাম ভক্ত হনুমান আজকে তোমাদের কাছে আমার প্রার্থনা এই যে আমার দেশ ভারতের বর্তমান প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র দামোদরদাস মোদী ইংরেজির 2029 সাল পর্যন্ত আমার দেশ ভারতের প্রধানমন্ত্রী থাকুন তারপর যোগী আদিত্যনাথ আমার দেশ ভারতের প্রধানমন্ত্রী হয়ে আমার দেশ ভারতকে একটি অখন্ড শক্তিশালী সর্বদাই ঐক্যবদ্ধ চীরস্থায়ী স্বাধীন সার্বভৌম সম্পূর্ণ সুরক্ষিত বিপদমুক্ত অজেয় সনাতন হিন্দু বৈদিক রাষ্ট্রতে পরিনত করুন এটাই আমার প্রার্থনা আমার এই প্রার্থনা পূর্ণ করো মা সীতা প্রভু শ্রী রাম সীতারাম ভক্ত হনুমান 🌄⛅☀️❤️🌺🙏🛕🪔🕉️🇮🇳
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Thanku so much jankari dene k liye I m proud to be Gurjar ❤️❤️
Jay GurjAR pratihar bansh jay Veer GurjAR samaj
क्षत्रिय एक वर्ण व्यवस्था है , इसमें भारत की अनेक वीर योद्धा जातियां आती हैं,,,,,,,,,
Bhai phle raja hii kshtriya varn ka mana jata tha chache jo jaati ka ho jaise Shivaji kunbi-maratha the usi ashok maurya the Budh Shakya the holkar dhangar the aur karkota kayasth the phile bharat men kstriya rajput hai aur kstriya Maratha hai jo ki basically kunbi hain phle kaam ke hisaab se varn badal jaate the
Gurjer ke goter dehli ncr
Chohan gurjer 84 village kairana district up supreme Court ke justice BS chohan
Parmar gurjer ke 84 village saharanpur district up
Raja kuwar pranav singh BJP mla 3 se continue
Tomer gurjer ke dehli me 12 village hai BJP sansad kanwar singh tanwar Aap party se Chaterpur se mla kartar tanwar
BJP mla meerut Somender tomer
Raval gurjer ke 24 village panipat haryana near bhopoli
Choker gurjer 24 village samalkha mla dharm singh choker
Bhati gurjer ke 360 village Noida greater noida
Gurjar Emperor MihirBhoj was Great king Of Gurjar Pratihars Dynasty in Kannauj and Mewad 🤺🤺🙏🌐
Veer Gurjar Warrior's are Great 💓
Very much helpful video ,Thank-you for uploaded sir
हिस्ट्री गुरुजी अगर आदि शंकराचार्य ना होते तो क्या हिंदू धर्म खत्म हो जाता ? और आज भारत का बहुसंख्यक धर्म क्या होता है?
Asal mein ye bahut achchha sawal hai. Iska explanation bahut detailed haiaur use sunne samajhne aur sweekar karne ke liye bhut dhairya aur himmat ki zarurat hoti hai. Please don't mind.
Islam hota
श्रीमान जी आपने उस इतिहास पर शोधकार्य किया है जिसे चाटुकार वामपंथी इतिहासकारों ने दबा दिया था,,,,आपका दिल से आभार
Jai veer gurjar samrath jai Gurjar samaj 🙏🙏 des Dharm ki raksha karne bale gurjar samrathon Ko sat sat naman.we proud of gurjar.
Sir are Rajputs descendant's of Pratihar dynasty ?
And sir was Rastrakuta a kannad or Marathi Empire ?
some of them are
Yes. Most of the clans belong to that origin.
Rashtrakuta was basically a Kannada empire. But large number of Maharashtri speaking people also participated in the state machinery.
@@HistoryGuru Thanks for replying sir.
Jay ho gurjar pratihar
Thank you gurjar parthihar history k bary me btany k ley
आज भी गुजरात को गुर्जर नगरी कहा जाता है . गुर्जर एक प्रदेश का नाम है जिसे आज गुजरात कहते है 😊
Thanks bhai,,, fight for right
most welcome Priya ji 🙂🙏👍
😮
Thanks for the video, History Guru. In the comments many people are confused about the identities. Actually, Rajput is a title of ruling classes of North Western India. But the Rajputs themselves originated from the previous Kshatria people --- Gujjars, Jats and Ahirs(Raos of Haryana). What is your view , History Guru?
Yes right
Very nice information about Gurjar Pratihar,so Every Gurjar have to watch,read details of our community,, Great research and knowledge about Gurjar, Great Creation you,I am proud of to be Gurjar,
महाराज सुहेलदेव पर कब विड्यो आयेगा? गुरुजी.
Actually us video ko pehle release karna tha. Khair koi baat nahi. Ab kar denge.
गुर्जरों के शासन की वजह से गुर्जर देश कहा जाता है जिस क्षेत्र पर गुर्जरों का शासन था उसे गुर्जर गुर्जरदेश गुर्जरात्र कहां जाता था इस देश के बड़े भूभाग पर गुर्जरों का शासन रहा है
गुरु जी अगली बार कोई भी राजपूत भाई गलत कॉमेंट करें तो उनसे पूछना कि राजस्थान को राजपुताना क़्यु कहा गया उनका 90% का उत्तर आएगा यहाँ राजपूतो ने शासन किया इसलिए
तो फिर पूछना गुजरात को गुर्जरत्रा क्यूँ कहा जाता है तो देखना क्या जवाब देते है
Right
Gujrat ki jyadatar riyasto par rajputo ka hi shasan tha patan bhavnagar morbi aadi gujjaro ka shasan kha tha 1947 me ek bhi riyasat gujjaro ke pas nahi thi jqbki rajput jato maratho or muslimo ke pas riyaste thi kiyuki in jatiyo ne raj kiya tha
Sir aapke vedio ka bahut intezaar rehta hai kripya continuity mei inhe Lata raha kariye
Mridul ji Nav-varsh ki hardik shubhkamnayein 🙂👍🙏
Is baar ke liye kshama kijiyega please.
@@HistoryGuru Gajapati empire ke uper ek video banao bhai. 🙏🏼
Very good video presented in such a wonderful way, was waiting for it from many days.Many people do not know much about the Gurjara-Prathihara Empire, it defended India from Arab invasions.
yes Ingle ji 🙂🙏👍
गुर्जर शब्द का शाब्दिक अर्थ - शत्रुओं का नाश करने वाला |
ok. Maybe.
हो नहीं सकता बल्कि है
गुर+जर = गुर (शत्रु) जर (उजाडनेवाला) प्रतिहार मतलब प्रहरी गुर्जर प्रतिहार का पूरा मतलब शत्रुओ को उजाडने वाले प्रतिहार (द्बारपाल प्रहरी)
Jai gurjar pratihar vansh ki 🙏
जय गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिरभोज
I proud ki jub tak gurjar-pratihar vansh tha arab bharat mai nahi ghuse ❤
मुझे गर्व है अपने महान भारत देश पर इसके इतिहास और अपने भारतीय होने पर 😊❤
I am proud to be on our indian history and our Hindu kings🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
जय सनातन धर्म रक्षक वीर गुर्जर सम्राट मिहिरभोज अमर रहे 😅😮😊
वीर गुर्जर। 💪🏻💪🏻
Nissandeh!
तो ऐसा था गुर्जर राजाओं का गौरवशाली इतिहास आपको बताते चलें गुर्जर प्रतिहार राजवंश के अधीन आने वाले प्रमुख वंश थे
परमार गुर्जर वंश
चौहान गुर्जर वंश
गोहिल गुर्जर वंश
मोरी गुर्जर वंश
चंदेल गुर्जर वंश
गुर्जर चालुक्य वंश
तोमर गुर्जर वंश
खटाना गुर्जर
भाटी गुर्जर वंश
मैत्रक गुर्जर वंश
चप गुर्जर वंश
भडाना गुर्जर वंश
और धामा गुर्जर वंश।
इसके बाद का टॉपिक क्या है।
Prithviraj Chauhan
PROUD TO BE GURJAR ❤️🔥
Veer gurjar pratihar samrat mihirbhoj ki jay 🙏🙏🙏🙏
Jai Dev Narayan bhagvan ki 🙏🙏
जय हो गुर्जर समाज 🙏
जय गुर्जरात्रा ( गुर्जरों द्वारा रक्षित प्रदेश)😊
Sabhi bhai video ko like shere and comment kare 🙏🙏
धन्यवाद सीताराम जी :)
@@HistoryGuru 🙏🙏
Sir, please increase the frequency of uploading videos.
sure Aditya ji. 👍👍
Sorry for this time. 🙏
@@HistoryGuru ok sir. Sir, mujhe toh ji mat boliye😐😐😐
@@HistoryGuru sir, iske baad please anglo mysore war complete kijiyega
@@HistoryGuru but this video is amazing.
@@adityashekhar452 haan wo bhi pending hai.
Sir can you make video on chauhan s of shakambari
Yes Gita ji. The next video is on that only.
Amoghavarsha 1 was a great emperor. Even though he was a jain, he sacrificed his thumb to Mahalakshmi of Kolhapur for the sake of his people. 😊🙏
thanks for the info Krishnamurthy ji
Yadav 🚩💝💝💝💝 gurjar
Me shekhar gurjar katadiya Bharatpur Raj BHARAT
Bahut time bad sir kya reason hai
Kuchh gharelu samasyaein.
Naye saal ki hardik shubhkamnayein aapko. 🙂🙏👍
Kaisa laga video?
10:52 ye rashtrakuta hastikundi kya hai matlab kaunsa rajvansh hai
Hastikundi matlab more or less Jodhpur...
Jay gurjar pratihar samarat mihir bhoj🚩🚩
आदि शंकराचार्य ईसापूर्व पाचवी शताब्दी में हुए
Aisa Shankaracharya mathon ka kehna hai.
Please tell about Yadav history
Gurjars are kings
Yes
Sir peshwa madhavrao parr video banaye, hindustan ke aakhri takatwar samrat parr video banaye
zarur...👍
Humne Maratha Resurrection ka video banaya hai. Usme Madhav Rao ka role bataya hai kaafi detail mein. Wo video dekhiyega.
@@HistoryGuru sir aap history ko sahi dhang se batate ho bina kisi bias ke, sir apne ek video me kaha tha ki marathas panipat ke baad kamzor hue, lekin agar hum 1795 ka map dekhe toh usme marathas 1760 je zyada bada area control karte the
@@mayurlohe6608 uske liye uske beech ke 34 saal ki ghatnayein mahattvapoorn hain...
@@HistoryGuru haan❤❤, sir mere anusar bade maratha sardar jaise mahadji shinde, fadnavis,tukojirao holkar, ahilyabai holkar ke jaldi jaldi marne ke karan shayad marathi empire ka decline hua, do u agree
Proud to be Gurjar Pratihar. From Islamabad Pakistan
Incredible You Know Their Own History
Keya maps used keye he sir Maza agaya
Thanks again brother
When will next video come
The ending was awesome… “unke mandir ki banawat se aage hum kalpana bhi nahi kar paate”
अब किसपर विडिओ बना रहे हो?
Prithviraj Chauhan
Pls make video on
01)lalitaditya
02) raja bhoj
03) Raja Raja chola
04) raja suheldev
In this way because there unsung king of India
Lalitaditya is already in production
good explanation ❤
Thank you sir :)
You really briefed it fantastically. Great work done by you. It seems your nice preparedness.
Thank you so much Dinesh Kumar ji :)
पाल वंश और गुर्जर वंश रघुवंशी ही है बाद में अलग हो गाय
Please make a video on yashwant rao holkar.
That you will see in the 2nd Anglo-Maratha War
Sir Aapko Harshvardhan per ek video banani chahiye.
haan. Uski script bahut pehle se bana rakhi hai. Bana denge jald hi.
PROUD TO BE GURJAR 👑🔥
मै प्रतिहार राजपूत हु। मुझे गर्व है अपने पूर्वजो पर।
During Mahmud of Ghazni attacks on India Arab capital of Sindh ie Mansura was completely destroyed by Mahmud Ghazni , During this period The Sodha and Soomra Dynasty rose prominence in Sindh and by the year 1045 ce they took control of Sindh.
yes Haren ji. We will detail it out in the video on Mahmud Ghazni.
Sir video kab ayegi?
गुरूजी आप ने जो इतिहास है वो बताया है
कुछ मुग़लपूत बिना हिस्ट्री जाने गलत कमेंट कर रहे है उनपे ध्यान मत दो ✊
हम ⚔️ आपके साथ है
#JaiHinduGurjarSamratMihirBhoj🚩
#JaiHinduGurjarSamratPrathvirajChauhan🚩
वीर गुर्जर कि सदैव ही जय हो
Jai ho Gurjar samrat mihirbhoj mahan ji ki
लोग जब गुर्जर शासकों की बात करते हैं तो सम्राट search मिहिर भोज और राजा भोज के नामों में समरूपता होने के कारण दोनों को भूल से एक ही व्यक्ति मान लिया जाता है ,लेकिन आज हम आपको बताते हैं कि सम्राट search मिहिर भोज और राजा भोज दो अलग अलग राजा थे और दोनों ने अलग-अलग समय पर शासन किया था, लेकिन दोनों में एक बड़ी समानता थी कि वे दोनों ही पराक्रमी राजा गुर्जर वंश के थे।
राजा मिहिर भोज गुर्जर प्रतिहार राजवंश के राजा थे जिन्होंने भारतीय महाद्वीप के उत्तरी हिस्से में लगभग 49 वर्षों तक शासन किया और उनकी राजधानी कन्नौज वर्तमान (उत्तर प्रदेश) में थी। इनके राज्य का विस्तार नर्मदा के उत्तर में और हिमालय की तराई तक पूर्व में वर्तमान बंगाल की सीमा तक माना जाता है । सम्राट search मिहिर भोज को प्रतिहार वंश का सबसे महान शासक माना गया है। सम्राट search मिहिर भोज का जन्म विक्रम संवत 873 को हुआ था और उन्होंने 836 से 885 तक शासन किया।
अब राजा भोज की बात करें तो उनका जन्म 980 ई में महाराजा विक्रमादित्य की नगरी उज्जयिनी में हुआ था। इतिहासकारों का मानना है कि राजा भोज का शासन काल 1010 से 1053 ईसवी तक रहा था और इन्हें भोज देव भी कहा जाता है। बाद में भोज देव ने धार को अपनी राजधानी बनाया था । राजा भोज का नाम वर्तमान भोपाल से भी जुड़ा है क्योंकि वहां इनका शासन था और भोपाल का प्राचीन नाम भोजपाल था जो बाद में बदलकर भोपाल हो गया। राजा भोज चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य के वंशज थे 15 साल की अल्पायु में ही उनका मालवा की गद्दी पर राज्याभिषेक कर दिया गया था।
प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान डॉक्टर रीवा प्रसाद द्विवेदी ने प्राचीन संस्कृत साहित्य पर शोध किया है उन्होंने मलयालम भाषा में भोज की रचनाओं की खोज की ,उसमें बताया गया है कि राजा भोज का शासन केरल तक फैला हुआ था।
Jai Gurjar samaj
Very nice or informative video sir 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Really helpful video sir Thanks for uploading it.
most welcome. 🙂👍🙏
Please watch our other videos too
1857 ki kranti Meerut se Kshatriya Veer Gurjaro ne suru ki thi 🏇🚩
10 may ko Dhan Singh Kotwal k netratav m 🏇🚩
Finally ❤️
Loved d video it was quite informative bt would have had enjoyed it more if d video covered d Islamic invasions in depth.. At d same tym I also understand dat d sources n records of d pratihaar dynasty are scarce.. great work brother.. appreciate it ..❤️❤️
Thank you so much Mishra ji. 🙂👍🙏
The Arab invasions will be covered separately in another video 'Arabs in India'.
Yes many records are conflicting as well. The entire period is very poorly studied and understood.
@@HistoryGuru dat will be great..❤️
7:46 who rule that land between the pala empire, rastrakuta empire and the gurjara pratihara bempire?
Which land?
CG, Jharkhand and North Odisha was forested not under any empire at that time.
@@HistoryGuru oh, thanks for the info
Very very very very great video sir
Thanks Gautam ji. It's really great to get the compliment from you 🙏🙏