साहब आप यह विडिओ बनाते हो एक बात है मे भी डाईवर हु आप के विडिओ देकर मेरा टाईम खराब हो जाता है आप बोलते बात अच्छा आप को धन्यवाद आप ट्रक डाईवर की मदत करते हो आप को हाथ जोड़कर धन्यवाद बोलता हु मे जोधपुर राजस्थान से आप के बहुत विडीओ रोज देखता हु
पाखंड है ये.... मुलत: श्री गीताजीका श्लोक है... "अहींसा परमो धर्म, धर्महींसा तथैवच". याने धर्म के लिये कियी गयी हिंसाभी अहींसा इतनीही महान है. इसका पहलेका आधा हिस्सा जैन लोग बताते है. बादका आधा छुपाते है.
@@lifeonoff8882 अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथैव च महाभारत के शान्ति पर्व मे से लिया गया है। भारत की आजादी के लड़ाई (आंदोलन) के समय गांधी ने अहिंसा परमो धर्म के मार्ग पर चलकर लड़ाई की। इसलिए आधुनिक काल में गांधी ने इस कथन को कहा था। पर यह कथन मूलरूप से जैन धर्म पर लागू होता है क्योंकि जैन धर्म का मूलमंत्र ही अहिंसा परमो धर्म: है। इस राहपर चलनेवाले समुदाय व संप्रदाय आक्रमक लोगोंद्वारा कत्ल होनेके चलते नष्ट हो गये.
BG 18.17: जो कर्तापन के अहंकार से मुक्त होते हैं और जिनकी बुद्धि मोहग्रस्त नहीं है, यद्यपि वे जीवों को मारते हैं तथापि वे न तो जीवों को मारते हैं और न कर्मों के बंधन में पड़ते हैं।,भगवद गीता
अहिंसा परमो धर्म धर्म हिंसा तथैव च... पूरा ज्ञान होना चाहिए
"अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथैव च:l" कृपया पूर्ण श्लोक लिहा.
जय श्री राम जय श्री कृष्णा
Sir ji आप की आवाज सुनकर late श्री jagdev singh ji की comentry याद आती हे jai hind
Namaste bhai ji good work
Gujarat se Hu ham Tapi vyra Surat se
Nice video, Jai Hind 🙏
Very nice job 👍
Nice veer g ❤🎉
राम राम भाऊ
❤❤1st like and 1st comment from Rajasthan ❤❤
So nice
Very Nice Video
Via odisa ka gadi is road me ata he ki nai
साहब आप यह विडिओ बनाते हो एक बात है मे भी डाईवर हु आप के विडिओ देकर मेरा टाईम खराब हो जाता है आप बोलते बात अच्छा आप को धन्यवाद आप ट्रक डाईवर की मदत करते हो आप को हाथ जोड़कर धन्यवाद बोलता हु मे जोधपुर राजस्थान से आप के बहुत विडीओ रोज देखता हु
टाटा १२ चक्का, टाटा १२ चक्का, टाटा १० चक्का , टाटा १० सभी गाडियां अच्छेसे घाट को पार कर गई।
नमस्ते सर जी।
👍🌹
Very nice 👍
Thank you 👍
👍
❤❤
Sir ji jagdev singh ki jagah jasdev singh bhul sudhar
टाटा १२ चक्का , टाटा १४ चक्का गाडी ने अच्छेसे घाट को पार किया ।
कल आपने वीडियो नहीं डाला
Video.20.minet.ka.magta.binod
Kumar.brldour.bihar.se
माफ करना भाई व्हिडिओ क्लिप बढाने की कोशिश करुंगा
पाखंड है ये.... मुलत: श्री गीताजीका श्लोक है... "अहींसा परमो धर्म, धर्महींसा तथैवच". याने धर्म के लिये कियी गयी हिंसाभी अहींसा इतनीही महान है. इसका पहलेका आधा हिस्सा जैन लोग बताते है. बादका आधा छुपाते है.
वैभव नाम से आयडी है हिंदू नही हो सकते अभ्यासपूर्ण बोलना चाहिए गलत नाही महाकाल आपको
महाकाल आपको सब बुद्धी दे
@@lifeonoff8882 अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथैव च महाभारत के शान्ति पर्व मे से लिया गया है। भारत की आजादी के लड़ाई (आंदोलन) के समय गांधी ने अहिंसा परमो धर्म के मार्ग पर चलकर लड़ाई की। इसलिए आधुनिक काल में गांधी ने इस कथन को कहा था। पर यह कथन मूलरूप से जैन धर्म पर लागू होता है क्योंकि जैन धर्म का मूलमंत्र ही अहिंसा परमो धर्म: है। इस राहपर चलनेवाले समुदाय व संप्रदाय आक्रमक लोगोंद्वारा कत्ल होनेके चलते नष्ट हो गये.
बिना ज्ञान मत जवाब दीजिए @@lifeonoff8882
BG 18.17: जो कर्तापन के अहंकार से मुक्त होते हैं और जिनकी बुद्धि मोहग्रस्त नहीं है, यद्यपि वे जीवों को मारते हैं तथापि वे न तो जीवों को मारते हैं और न कर्मों के बंधन में पड़ते हैं।,भगवद गीता
Aap Nahin khate Bhav meet mutton