बुद्ध ने कहा है कि मेरा कहा ही अन्तिम नहीं है, मुझे जितना मालुम हुआ उतना मैंने कहा है इससे आगे तुम सत्य को खोजने की कोशिश (अभ्यास) करना और यदि तुम्हें लगे कि मेरी खोजभरी बात से आगे का सत्य है तों उसे मानना लेकिन उसे ही अन्तिम मत मान लेना क्योंकि यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। जितना खोजा जा चुका है, उससे आगे की खोज भी जारी रखना, लेकिन जीवन में अपनाना उसी सत्य को, जो लोक कल्याणकारी हो, जो सभी के लिए सुखदाई हो। और खुद के लिए भी कल्याणकारी हो।
Kaafi Gehrai se samjhaya hai Har chetna ko bas apni jagah reh kar khud ko evolve karna hai, usi se buddhatv milega aur buddhatv ka aabhas hone se Saare sawaalon ke Jawaab apne aap mil jayenge jo shabdo se pare hain
मैं बाबूलाल निषाद आप लोगों से निवेदन करता हूं तथागत बुद्ध के उपदेशों का प्रचार प्रसार आप लोग पूरे संसार में करिए जिससे संसार की बुराइयां मिट जाएंगी तथा शुद्ध प्राकृतिक धर्म का ज्ञान सभी प्राणियों का मिलेगा तथा इससे संप्रदाय तथा जातिवाद अंधविश्वास पाखंड झूठ अन्याय अपने आप मिट जाएगा नमो बुद्धाय
Aap ne sach bola man ko bahut sukun mila he aap ne to jese rasta bata diya ham bhatak rahe the hamne kyu janam liya ye bhul gaye ham to bus us prakriti ki ek rachna he bus thank u
सृष्टी के सबसे पहले महान वैज्ञानिक बुध्द कहते है की अत्त दिप भव ! याने स्वयंप्रकाशित बनो याने जानो तभी मानो जैसे मेलोडी खाओ खुद जान जाओ ! जमभिम ! नमो बुध्दाय !!🇮🇳🙏✊
सृष्टी के सबसे पहले महान वैज्ञानिक बुध्द कहते है की अत्त दिप भव ! याने स्वयंप्रकाशित बनो याने जानो तभी मानो जैसे मेलोडी खाओ खुद जान जाओ ! जमभिम ! नमो बुध्दाय !!🇮🇳🙏✊
Same lord krishna said in bhagwatgeetha lord shiva ji in shiv mahapuran Supreme God in Vegas lord buddha in gathas you by lord Buddha's 🙏 words you are great sadguruji pranaam ji
सुनी सुनाई बातें हैं आपकी । बस आधी बातें ही सही लगी । मैं भी पीछे की बातें छोड़कर अभी की बातें कर रहा हूं । जिसे आप चेतना कहते हैं उसे मैं मनोमय शरीर कहता हूँ और इसी में भवनाएं संस्कार के रूप में संग्रहित होती है । जिस शरीर मे नियमतः जाना होता है उसके अनुरूप ऊर्जा शरीर बन जाता है फिर स्थूल शरीर बनता है । परन्तु जिसका संस्कार उच्चय होता है वो मनोमय शरीर को भी त्याग कर विज्ञानमय शरीर मे आ जाती है । अब वो अभौतिक बन जाता है डायमेंशन बदल जाता है । और जब विज्ञानमय शरीर के बंधन को तोड़ देती है तब वो आनंदमय शरीर बन जाता है उसे ही महा निर्वाण समझते है हम
@@BalrajSingh-kk2th हमारा चैतन्य ऊर्जा या active part , जिस वक्त जिस शरीर मे रहता है , उस रहने वाले activ हो कर फील करने वाले पार्ट को चेतना कहते हैं । ओशो की बाते बहुत गुढ़ होती है । अगर आप अन्नयमय या स्थूल शरीर मे जीते है , भौतिक वादी है , तो आपकी चेतना या active living एंटिटी स्थूल शरीर मे रहती है और वही आपका स्वभाव बन जाता है , जैसे ही ये शरीर नींद में सोया , आपकी चेतना ऊर्जा शरीर या मनोमय शरीर मे गया , आप सपने देखने लगते है और सपने का अपका स्वभाब या दिमाग बिल्कुल जागृत अवस्था वाला नही रहेगा , आप डर व सकते है लड़ भी सकते है उड़ भी सकते है । चुकी आपकी चेतना सोते ही स्थूल शरीर से हट गया और आपका स्वभाब भी बदल गया नींद में ।
इस कारण समानता Equanimity को मानना मानवता की निशाणी है... जो भारतीय संविधान ने समता, स्वतंत्र, बंधुता और सामाजिक न्याय की निव रखी है... जो आज पुरी तरह से हिला डाली है..!
Mera ek question hai kya bhagwat geeta sahi h kya sachme mahabhart Hui thi meko ni lagta kyunki Krishan dropati ki ijjat bachai lekin aaj ek bachi ki bhi ni bacha sakta wo kesa iswar or vaise bhi jo budh ki rah pe chalte h unke liya aisa kuch ni h to meko btao ki esa bhi bagwan the agar the to usne bada paapi koi ni please btana me sabut ni maang rha hu me aapke iss baare me vichar ko sunna chahta hu please
अगर सभी प्रकृति का ह तो भेदभाव क्यों ह इस दुनिया में कुछ लोगो को और वस्तुओ और कुछ घटनाओं को देखकर तो यही लगता ह ये प्रकृति या भगवान भेदभाव करता ह जबकि सब उसी के ह फिर ऐसा क्यों है
🙏🚩🌹नमो बुद्धाय🌹🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
बुद्ध ने कहा है कि मेरा कहा ही अन्तिम नहीं है, मुझे जितना मालुम हुआ उतना मैंने कहा है इससे आगे तुम सत्य को खोजने की कोशिश (अभ्यास) करना और यदि तुम्हें लगे कि मेरी खोजभरी बात से आगे का सत्य है तों उसे मानना लेकिन उसे ही अन्तिम मत मान लेना क्योंकि यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। जितना खोजा जा चुका है, उससे आगे की खोज भी जारी रखना, लेकिन जीवन में अपनाना उसी सत्य को, जो लोक कल्याणकारी हो, जो सभी के लिए सुखदाई हो। और खुद के लिए भी कल्याणकारी हो।
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Universe ka koi end nahi hai,ye Ananta hai ,hum bhi apne aapko universe samjhenge toh hum mukti ka marg payenge.
Om Namo budday. Sadat prnam. Very nice.
Great sir
Mera samadhan ho gaya
Kaafi Gehrai se samjhaya hai
Har chetna ko bas apni jagah reh kar khud ko evolve karna hai, usi se buddhatv milega aur buddhatv ka aabhas hone se Saare sawaalon ke Jawaab apne aap mil jayenge jo shabdo se pare hain
👌बहोत ही अच्छा तर्कशील व्हिडिओ है ! धन्यवाद !🇮🇳🙏❣️🕊🤗
बुद्धम् शरणम् गच्छामी्
अच्छा विश्लेषण किया है जीवन का .धन्यवाद 👍👌🙏💐🌸🌷
धन्यवाद सर जी
Jai ho Gautam buddha
Aapke vichaar bahut mahaan hai
੧ਓਂ ਸਤਿਨਾਮੁ ਸ਼੍ਰੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬ ਜੀ 🙏🙏🙏
ਧੰਨ ਧੰਨ ਸ਼੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ❤️
Sadhu sadhu sadhu Namo Bhuddha Lord Bhudda
Awesome 👍
भवतु सब्ब मंगलम
सब सुखी हो सबका मंगल होए सब कल्याणकारी मार्ग पर चले साधु साधु साधु 🙏
साधु साधु साधु 🙏☸🙏
सब का भला ही हो.. और उस तरह कर्म कर.. जी हां.. धन्यवाद
Buddham Sharanam gachhami❤❤❤
जो बात,,, ए बेकार की नहीं,,
बहुत ही अच्छी और एक गहेरा
बात,,, बहुत ही अच्छी बात,,,,इस बात में बहुत बरा एक शिक्षा है,,,
प्रणाम करता हूं
Bahut achhe se btaya h apne
Apna abey asantu kosis lRantu
Namo Bhuddha Lord Bhudda Thank you very much
Naman ,bhante ji
नमन भन्ते जी
आपने बहुत अच्छी जानकारी दी 🙏
बहुत बहुत धन्यवाद
नमो बुध्दाये 🙏🌱
अप्पो दीपों भव 🙏🌱🌄🙏
बहुत ही बढ़िया ज्ञान, धन्यवाद
मैं बाबूलाल निषाद आप लोगों से निवेदन करता हूं तथागत बुद्ध के उपदेशों का प्रचार प्रसार आप लोग पूरे संसार में करिए जिससे संसार की बुराइयां मिट जाएंगी तथा शुद्ध प्राकृतिक धर्म का ज्ञान सभी प्राणियों का मिलेगा तथा इससे संप्रदाय तथा जातिवाद अंधविश्वास पाखंड झूठ अन्याय अपने आप मिट जाएगा नमो बुद्धाय
🙏🏻🙏🏻
i am satisfied by your answer and thanks for your advise to not waste time on this kind questions, namo buddhay
Guruji prannama 🙏🙏
Budhism is logic and scientific way...I'm proud I'm a tibeten budhist...
बहुत अच्छी परिपूर्ण जानकारी आपने दी। धन्यवाद सर 🙏🙏🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷
सबका भला सोचना और सबका भला करना ही सबका पहला, आखिरी काम है.सबका भला सोचना और सबका भला करना ही दुनिया के सभी लोगो के लिए सबसे महत्वपूर्ण है.
🙏🏻🎁🤗😇🌼
Itna bhi dusron ke liye Nahin sochana chahie ki apne aap ko hi Bhul Jaaye
@@Dedication2526 haan per Sabhi me pehle hum aate he or jab hum Happy hoge tabhi to happiness spread karenge ☺️
@@thecynosureboy1483 😊😊😊🤔🤔😍😍
1q
Apna asantu mopakhalu kasta heuchi pura hebapain chahunchi please kosis kijiey ❤️🙏
साधू साधू साधू
Bahut hi Sundar
Budha :क्रिया को होश पूर्वक करना और क्रिया ही हो जाना ध्यान है🌹
Booht achi vdo h sir...
Aap ne sach bola man ko bahut sukun mila he aap ne to jese rasta bata diya ham bhatak rahe the hamne kyu janam liya ye bhul gaye ham to bus us prakriti ki ek rachna he bus thank u
Bahut accha
Jai mata Bhuneshwari Beriwali mata ki meri tarph se meri bacho ki tarph se mere Head Family ki tarph se koti koti naman 🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💯
मुझे आपकी विचारधारा बहुत अच्छी लगी
Very nice brother thanks
Sir Great information 💐💐🙏🙏👏👏
Nammo buddhay 🙏🙏💐💐
Jaibuddha😇❤️
सरजी आप की ईतनी अच्छी तरह से प्रेम पुर्वक वानी सुनकर मुझे बोहत शांती मीलती है एक समय को लगता है की खुद भगवान बुद्ध ही कह रहे हो 🙏🙏🙏
Thank you sir.
Aap ka vichaar anmool hay aur sahi bi🙏
बहुत अच्छे से समझाया कई प्रश्नों के उत्तर मिल गए अज्ञान का अंधकार कुछ कम हुआ इस नई सोच व ज्ञान के लिए धन्यवाद
सृष्टी के सबसे पहले महान वैज्ञानिक बुध्द कहते है की अत्त दिप भव ! याने स्वयंप्रकाशित बनो याने जानो तभी मानो जैसे मेलोडी खाओ खुद जान जाओ ! जमभिम ! नमो बुध्दाय !!🇮🇳🙏✊
सृष्टी के सबसे पहले महान वैज्ञानिक बुध्द कहते है की अत्त दिप भव ! याने स्वयंप्रकाशित बनो याने जानो तभी मानो जैसे मेलोडी खाओ खुद जान जाओ ! जमभिम ! नमो बुध्दाय !!🇮🇳🙏✊
ऐऐ
એક
One like for great philosopher 'Buddha'
Gautam buddha darsanik (philosopher) nahi he unko metaphysics aur aatama ke samband me jara bhi ruchi nahi he gautam buddha manobaigyanik he.
@@GeetaKumari-vu4qq false you are talking he was highly interested to knew the innermost mystery of soul and renewed from unnamious
बुद्धम् शरणम् गच्छामी 🙏
Same lord krishna said in bhagwatgeetha lord shiva ji in shiv mahapuran Supreme God in Vegas lord buddha in gathas you by lord Buddha's 🙏 words you are great sadguruji pranaam ji
Namo buddhay
Buddham saranam gachami charanam sarnam gachami dhamam sarnam gachami buddham sarnam gachami.
Atti Sundar 🙏🙏🌹🌺
Thank you very much for this video
😍namo budhaye
सुनी सुनाई बातें हैं आपकी ।
बस आधी बातें ही सही लगी ।
मैं भी पीछे की बातें छोड़कर अभी की बातें कर रहा हूं । जिसे आप चेतना कहते हैं उसे मैं मनोमय शरीर कहता हूँ और इसी में भवनाएं संस्कार के रूप में संग्रहित होती है । जिस शरीर मे नियमतः जाना होता है उसके अनुरूप ऊर्जा शरीर बन जाता है फिर स्थूल शरीर बनता है ।
परन्तु जिसका संस्कार उच्चय होता है वो मनोमय शरीर को भी त्याग कर विज्ञानमय शरीर मे आ जाती है । अब वो अभौतिक बन जाता है डायमेंशन बदल जाता है । और जब विज्ञानमय शरीर के बंधन को तोड़ देती है तब वो आनंदमय शरीर बन जाता है उसे ही महा निर्वाण समझते है हम
चेतना आपका सवभाव है. औसो
@@BalrajSingh-kk2th हमारा चैतन्य ऊर्जा या active part , जिस वक्त जिस शरीर मे रहता है , उस रहने वाले activ हो कर फील करने वाले पार्ट को चेतना कहते हैं ।
ओशो की बाते बहुत गुढ़ होती है । अगर आप अन्नयमय या स्थूल शरीर मे जीते है , भौतिक वादी है , तो आपकी चेतना या active living एंटिटी स्थूल शरीर मे रहती है और वही आपका स्वभाव बन जाता है , जैसे ही ये शरीर नींद में सोया , आपकी चेतना ऊर्जा शरीर या मनोमय शरीर मे गया , आप सपने देखने लगते है और सपने का अपका स्वभाब या दिमाग बिल्कुल जागृत अवस्था वाला नही रहेगा , आप डर व सकते है लड़ भी सकते है उड़ भी सकते है । चुकी आपकी चेतना सोते ही स्थूल शरीर से हट गया और आपका स्वभाब भी बदल गया नींद में ।
Namo Buddhay 🙏🙏🙏 Sadhu Sadhu Sadhu 🌹 thank you Sir
Too good sir
I think boht se logo k mann main atama ko lekar doubt door ho gae.
Thank you sir
धन्यवाद
excellent thought.. keep it up Sir
Every thing you said is true 100percent true bhagwaan pranaam bhagwaan
Namo Buddhay
JIVIT PRABHU YESHU GURUDEV AAPKO BAHUT AASIS DE
Very nice video
Namo Buddha
Wonderful said 🙏
👍👍👍👍👍🙏
Jay dhim namo budhay 🙏🙏
Namobudhay jaybhim
Namo buddhay sir
Good topic ,bahut achchi koshis
गोत्तम बुध्द मनुष्यों के आदर्श हैं।
भगवान कृष्ण अवतार्ं मे परमात्मा ने हमें कर्मफल का सिद्धांत बताया ।अब जिस अवतार मे है तो फिर
वही बात दोहरा रहे हैं।
सिर्फ अपने पंचेन्द्रिय जागृतृ रखे।
सब अमर हैं लेकिन परीवर्तन परकरीती का नियम हैं. अधिकतम गहराई में जाकर देखें पता चलेगा की सब एक ही है.
इस कारण समानता Equanimity को मानना मानवता की निशाणी है... जो भारतीय संविधान ने समता, स्वतंत्र, बंधुता और सामाजिक न्याय की निव रखी है... जो आज पुरी तरह से हिला डाली है..!
advaitam
Namaskar sir ji 🙏
Anything is not forever. Namo buddhay ❤
Namobuddhay
Jankari Dene ke liye Danyvad
🙏🙏
Namo buddhay
Nmo budhaye
Very deep knowledge 👍
GURUDEV MUJHE APKA SAHYATA CHAHIYE .MUJHE SAHYATA KARE
Mera ek question hai kya bhagwat geeta sahi h kya sachme mahabhart Hui thi meko ni lagta kyunki Krishan dropati ki ijjat bachai lekin aaj ek bachi ki bhi ni bacha sakta wo kesa iswar or vaise bhi jo budh ki rah pe chalte h unke liya aisa kuch ni h to meko btao ki esa bhi bagwan the agar the to usne bada paapi koi ni please btana me sabut ni maang rha hu me aapke iss baare me vichar ko sunna chahta hu please
Jai Shri Bhuddha Dev 🙏
Sab Bhagvan shree kirshn ki maaya he Radhe Rabhe 🙏🙏🙏
Thankyou for nice video , sweet voice , I love budha path !
Most welcome
Best.
Thank you sir. For another great Video
Nice sar ji
Nice.
Pranam sir thanku
Hum sab amar hai jab tak pirthvi hai aur parkartik sahi salamat chalte rahe tab tak amar hi rahenge
Bahut sundar
ये scientific सोच है, जब हम भगवान को मानते है तो सब कुछ भगवान पे छोड देते है और सोच के रास्ते बंद हो जाते है.
Yaar u r awesome...
Jai guru dev 🙏🙏🙏
Nice video sir
अगर सभी प्रकृति का ह तो भेदभाव क्यों ह इस दुनिया में कुछ लोगो को और वस्तुओ और कुछ घटनाओं को देखकर तो यही लगता ह ये प्रकृति या भगवान भेदभाव करता ह जबकि सब उसी के ह फिर ऐसा क्यों है
Its completely true..nice vdo..thnx 🙏🏻🙂
Nice video
Nice and thank you sir 😊
Namo budhay 🙏😊
धन्यवाद सर खुप छान स्पीच