रामचरितमानस सुंदरकाण्ड - लंका जलाने के बाद हनुमान्‌जी का सीताजी से विदा माँगना और चूड़ामणि पाना

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  • เผยแพร่เมื่อ 12 ก.ย. 2024
  • सुंदरकाण्ड में हनुमान का लंका प्रस्थान, लंका दहन से लंका से वापसी तक के घटनाक्रम आते हैं। नीचे सुंदरकाण्ड से जुड़े घटनाक्रमों की विषय सूची दी गई है। आप जिस भी घटना के बारे में पढ़ना चाहते हैं उसकी लिंक पर क्लिक करें।
    मंगलाचरण
    हनुमान्‌जी का लंका को प्रस्थान, सुरसा से भेंट, छाया पकड़ने वाली राक्षसी का वध
    लंका वर्णन, लंकिनी वध, लंका में प्रवेश
    हनुमान्‌-विभीषण संवाद
    हनुमान्‌जी का अशोक वाटिका में सीताजी को देखकर दुःखी होना और रावण का सीताजी को भय दिखलाना
    श्री सीता-त्रिजटा संवाद
    श्री सीता-हनुमान्‌ संवाद
    हनुमान्‌जी द्वारा अशोक वाटिका विध्वंस, अक्षय कुमार वध और मेघनाद का हनुमान्‌जी को नागपाश में बाँधकर सभा में ले जाना
    हनुमान्‌-रावण संवाद
    लंकादहन
    लंका जलाने के बाद हनुमान्‌जी का सीताजी से विदा माँगना और चूड़ामणि पाना
    समुद्र के इस पार आना, सबका लौटना, मधुवन प्रवेश, सुग्रीव मिलन, श्री राम-हनुमान्‌ संवाद
    श्री रामजी का वानरों की सेना के साथ चलकर समुद्र तट पर पहुँचना
    मंदोदरी-रावण संवाद
    रावण को विभीषण का समझाना और विभीषण का अपमान
    विभीषण का भगवान्‌ श्री रामजी की शरण के लिए प्रस्थान और शरण प्राप्ति
    समुद्र पार करने के लिए विचार, रावणदूत शुक का आना और लक्ष्मणजी के पत्र को लेकर लौटना
    दूत का रावण को समझाना और लक्ष्मणजी का पत्र देना
    समुद्र पर श्री रामजी का क्रोध और समुद्र की विनती, श्री राम गुणगान की महिमा

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