@SonamTripathi-tk7mj कृत्रिम उपग्रह दो तरह के होते हैं: भूस्थिर उपग्रह, ध्रुवीय उपग्रह. इनके अलावा, कुछ और तरह के उपग्रह ये हैं: संचार उपग्रह, सुदूर संवेदन उपग्रह, जीपीएस उपग्रह, ड्रोन, नैनोसैटेलाइट, नेविगेशन उपग्रह, ग्राउंड उपग्रह. कृत्रिम उपग्रहों को पृथ्वी से रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में भेजा जाता है. ये पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो जाते हैं. इनका इस्तेमाल कई कामों के लिए किया जाता है, जैसे कि: संचार माध्यमों में, मौसम संबंधी जानकारी देने में, पर्यावरण संबंधी जानकारी जुटाने में, वैज्ञानिक अनुसंधान में. कृत्रिम उपग्रहों की परिक्रमा की कक्षा और उनका उपयोग इस बात पर निर्भर करता है कि वैज्ञानिक क्या अध्ययन करना चाहते हैं.
Best ❤ thinks🎉🎉
शुक्रिया 🙏🙏
Good job ❤
30 ka b hai
@@avanishOfficial9695 nahi sister aap google kar lo A hoga
@SonamTripathi-tk7mj कृत्रिम उपग्रह दो तरह के होते हैं: भूस्थिर उपग्रह, ध्रुवीय उपग्रह.
इनके अलावा, कुछ और तरह के उपग्रह ये हैं:
संचार उपग्रह, सुदूर संवेदन उपग्रह, जीपीएस उपग्रह, ड्रोन, नैनोसैटेलाइट, नेविगेशन उपग्रह, ग्राउंड उपग्रह.
कृत्रिम उपग्रहों को पृथ्वी से रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में भेजा जाता है. ये पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो जाते हैं. इनका इस्तेमाल कई कामों के लिए किया जाता है, जैसे कि: संचार माध्यमों में, मौसम संबंधी जानकारी देने में, पर्यावरण संबंधी जानकारी जुटाने में, वैज्ञानिक अनुसंधान में.
कृत्रिम उपग्रहों की परिक्रमा की कक्षा और उनका उपयोग इस बात पर निर्भर करता है कि वैज्ञानिक क्या अध्ययन करना चाहते हैं.
There are three main types of orbits for artificial satellites: