सिद्धि वाले पुरुष से हुई मुलाकात, इतनी सिद्धि होने के बाद भी संत रामपाल जी महाराज की शरण क्यों ली
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- เผยแพร่เมื่อ 13 เม.ย. 2024
- सिद्धि वाले पुरुष से हुई मुलाकात, इतनी सिद्धि होने के बाद भी संत रामपाल जी महाराज की शरण क्यों ली
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Sat sahib ji ❤️❤️❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
संत रामपाल जी महाराज कि आज के समय में पूर्ण गुरु है
सत साहेब
Sat sahib ji
Sat Sahebji
Sat saheb ji 🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷
संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण ब्रह्म परमेश्वर
जय हो बंदी छोड़ की 😇🥺🙏
अच्छा ज्ञानं
बहुत सुंदर ज्ञान चर्चा है जी
बंदी छोड़ संत रामपाल जी भगवान जी की जय हो सत साहेब सभी को 🙏🏼🙏
Sat sahib malik satguri rampal ji
Sat News hai
Bandi Chhod Sant Rampal Ji Maharaj Ki Jai
Great True Spiritual Knowledge in the world 🌎
parmatma ka anmol gyan hai.
सतगुरु पूर्ण ब्रह्म है,सतगुरू आप आलेख।
सतगुरू रमता राम है, यामे में मीन ना मेख ।।
गुरु बिन काहु न पाया ज्ञाना, ज्यों थोथा भूस छड़ें मूढ़ किसाना।
गुरु बिन वेद पढ़े जो प्राणी,समझें ना सार रहें अज्ञानी।।
सात साहेब
Jai Ho bandi chhod satguru Rampal ji bagvan ji ki jay ho 🌹♥️♥️🙏🏿🙏🏿💐💐🥀🥀💐🥀🌹💐
कबीर ऐसा निर्मल ज्ञान है जो निर्मल करे शरीर और ज्ञान सब ज्ञान गियानडि़ चकवे ज्ञान कबीर
कबीर सात द्वीप नौ खण्ड में गुरु से बड़ा ना कोय कर्ता करै न कर सके गुरु करै सो होय
राम कृष्ण से कौन बड़ा, उनहू भी गुरु कीन्ह । तीन लोक के वे धनी, गुरु आगे आधीन ।। इस "राम नवमी" पर जानिए कौन है वह "तत्वदर्शी संत" और इस समय धरती पर कहां है? जानने के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
Jai Ho Bandi chhod ke 🙏🙏❤️❤️🌹🌹🙏❤️, ❤️
❤❤❤🙏🙏
Sat saheb ❤
ये बात ठिक मालिक का नाम अपना काम ।
लेकिन
ऐसा हि अनुराधाचार्य ऐसा हि रामपाल ।
गीताजी पढे किसी के ज्यादा बा तो मे ना आये ।
प्रमआत्मा हमे सदबुद्धि दे ।
हरिॐ
Purn Permeshwar Kabir Saheb Ji Ki Jay Ho 🙏
Very nice interview,Sat Sahebji🙏🌺🙏🌺🙏🌺
❤❤
भाई जो गुरु वचन पर डटगे, कटगे फंद चौरासी के, वस्तु मिली ठौर की ठौर मिटगी मन पापी की दौड़।
बर्तमान पुरे विश्व एकमात्र तत्त्वदर्शि सन्त रामपाल जी महाराज ही पूर्ण गुरु है, उनसे नाम दीक्षा लेकर शास्त्र अनूकूल सतभक्ति करके अपना मनुष्य जीवन को कल्याण करायें।
True God Kabir saheb Ji 🙏
Sant rampal ji maharaj ki Jay ho
संत रामपाल जी भगवान की जय हो
Bandi chhod satguru Rampal Ji Maharaj ki Jai Ho
Guruji parmatma🙏🙏🙏🌹🌹
Sat saheb ji ❤️🙏🥺
पूर्ण संत चारों वेदों, छः शास्त्रों, अठारह पुराणों आदि सभी ग्रंथों का पूर्ण जानकार होगा।
सभी सद्ग्रन्थों के पूर्ण जानकार पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज हैं जो सतभक्ति देकर मानव को सभी बुराइयों से दूर कर रहे हैं।
Sant rampal ji maharaj ki jai ho 🙏🙏🙏🙏
वह आदि राम सतलोक से चलकर पृथ्वी पर आता है, अपनी प्यारी आत्माओं को मिलता है उन्हें सतभक्ति मार्ग समझा कर मोक्ष मंत्र देता है। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें आध्यात्मिक पुस्तक ज्ञान गंगा।
ਜਦ ਤੂੰ ਉਪਰ ਉਡਦਾ ਸੀ ਜਿਥੇ ਕਹਿੰਦਾ ਸੀ ਰਾਮਪਾਲ ਇਥੇ ਮੁਕਤੀ ਨਹੀਂ ਹੋਣੀ ਫਿਰ ਉਥੇ ਰਾਮਪਾਲ ਕੀ ਕਰਦਾ ਸੀ ਫਿਰ ਇਹ ਵੀ ਦੱਸ ਐਵੇਂ ਝੂਠ ਤੁਫ਼ਾਨ ਬੋਲੀ ਜਾਂਦੇ ਹੋ ਇਹ ਤੋਤਾ ਰਟਨੀ ਹੈ ਹੋਰ ਕੁਝ ਨਹੀਂ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਮੂਰਖ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਕੰਮ ਹੈ
अरे शर्म करो !! राम कृष्ण के युग मे क्या रामपाल
का तमाशा लगा रहे हो 👎👎👎👎👎
गुरु भाई सही कहा है🙏🙏🙏🙏
🙏संत दादू दास जी को कबीर जी ने शरण में लिया
श्री दादू जी को सात वर्ष की आयु में जिन्दा बाबा जी के स्वरूप में परमेश्वर जी मिले थे। (दादू पंथ की एक पुस्तक में ग्यारह वर्ष की आयु में कबीर जी का मिलना लिखा है।) उस समय कई अन्य हमउम्र बच्चे भी खेल रहे थे। परमेश्वर कबीर जी ने अपने कमण्डल (लोटे) से कुछ जल पान के पत्ते को कटोरे की तरह बनाकर पिलाया तथा प्रथम नाम देकर सत्यलोक ले गए। दादू जी तीन दिन-रात अचेत (Coma में) रहे। फिर सचेत हुए तथा कबीर जी का गुणगान किया। जो बच्चे श्री दादू जी के साथ खेल रहे थे। उन्होंने गाँव में आकर बताया कि एक बूढ़ा बाबा आया था। उसने जादू-जंत्र का जल दादू को पिलाया था। परंतु दादू जी ने बताया था कि :-
जिन मोकूं निज नाम दिया, सोई सतगुरू हमार।
दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सिरजनहार।।
दादू नाम कबीर की, जे कोई लेवे ओट।
ताको कबहू लागै नहीं, काल वज्र की चोट।।
केहरी नाम कबीर है, विषम काल गजराज।
दादू भजन प्रताप से, भागै सुनत आवाज।।
अब हो तेरी सब मिटे, जन्म-मरण की पीर।
श्वांस-उश्वांस सुमरले, दादू नाम कबीर।।
स्पष्टीकरण :- संत मलूक दास जी तथा संत दादू दास जी को परमेश्वर संत
गरीबदास जी की तरह सतलोक जाने के पश्चात् मिले थे। यह प्रकरण कबीर सागर में नहीं था, बाद में लिखा गया है।
अगम निगम बोध पृष्ठ 44(1734) पर नानक जी का शब्द है :-
वाह-वाह कबीर गुरू पूरा है।(टेक)
पूरे गुरू की मैं बली जाऊँ जाका सकल जहूरा है।
अधर दुलीचे परे गुरूवन के, शिव ब्रह्मा जहाँ शूरा है।
श्वेत ध्वजा फरकत गुरूवन की, बाजत अनहद तूरा है।
पूर्ण कबीर सकल घट दरशै, हरदम हाल हजूरा है।
नाम कबीर जपै बड़भागी, नानक चरण को धूरा है।
अगम निगम बोध पृष्ठ 46 पर प्रमाण दिया है कि महादेव जी के पूज्य ईष्ट देव कबीर परमेश्वर जी हैं।
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 1134-1146 :-
गरीब, सील मांहि सर्व लोक हैं, ज्ञान ध्यान बैराग।
जोग यज्ञ तप होम नेम, गंगा गया प्रयाग।।1134।।
गरीब, कहाँ सुरग पाताल सब, और कहां मत्यु लोक।
फिर पीछै कौं क्या रहा, जब आया संतोष।। 1135।।
गरीब, बिवेक बिहंगम अचल है, आया हृदय मांहि।
भक्ति मुक्ति और ज्ञान गति, फिर पीछै कछु नांहि।।1136।।
गरीब, दया सर्वका मूल हैं, क्षमा छिक्या जो होय।
त्रिलोकी कौं त्यार दे, नाम परमेश्वर गोय।।1137।।
गरीब, दश हजार रापति बल, कामदेव महमन्त।
ता शिर अंकुश शीलका, तोरत गज के दंत।।1138।।
गरीब, क्रोध बली चंडाल है, बल रापति द्वादश सहंस।
एक पलक में डोबिदे, अनंत कोटि जीव हंस।।1139।।
गरीब, ता शिर अंकुश क्षमाका, मारै तुस तुस बीन।
त्रिलोकी सें काढि दे, जै कोय साधु प्रबीन।।1140।।
गरीब, लोभ सदा लहर्या रहै, त्रिलोकी में अंछ।
बलरापति बीस सहंस हैं, पलक पलक प्रपंच।।1141।।
गरीब, ता अंकुश संतोष है, त्रिलोकी सें काढि।
काटै कोटि कटक दल, संतोष तेग बड़ बाड।।1142।।
गरीब, मोह मुवासी मस्त है, बलरापति तीस सहंस।
त्रिलोकी परिवार है, जहां उपजै तहां वंश।।1143।।
गरीब, ता शिर अंकुश बिवेक है, पूरण करैं मुराद।
त्रिलोकी की बासना, ले बिवेक सब साधि।।1144।।
गरीब, सरजू सिरजनहार है, जल न्हाये क्या होय।
भक्ति भली परमेश्वर की, नाम बीज दिल बोय।।1145।।
गरीब, ये बैरागर छिप रहैं, हृदय कमल कै मांहि।
नघ पत्थर एक ठौर हैं, बीनैं जिस बलि जांहि।।1146।।
सरलार्थ :- इन वाणियों में विशेष ज्ञान नहीं है। यह ज्ञान पहले कई अंगों में वर्णन है। इनमें बताया है कि (शील) संयम, संतोष, विवेक, दया, क्षमा आदि ये गुण इंसान में होने
चाहिएँ।
काम (स्त्री भोग = sex), क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार से भक्त को बचना चाहिए। इनसे बचना जीव के वश में नहीं है। साधना से बचाव होता है। साधना भी सतपुरूष कबीर जी की
करने से लाभ होता है।
1. काम (sex) में दस हजार हाथियों जितना बल है, समाधान शील है।
2. क्रोध में बारह हजार हाथियों जितना बल है, समाधान क्षमा करना है।
3. लोभ में बीस हजार हाथियों का बल है, समाधान संतोष करना है।
4. मोह में तीस हजार हाथियों जितना बल है, समाधान विवेक है।
5. अहंकार सर्वनाश करने वाला है। इसमें छत्तीस हजार हाथियों का बल है। समाधान आधीनी भाव करना है।
क्रमशः_____
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। संत रामपाल जी महाराज TH-cam चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
Sat saheb ji 🙏
Sat saheb ji 🙏