*ब्राह्मणो के इष्टकर्म और पूर्तकर्म* ब्राह्मणो के दो प्रकार के कर्मो से परिचय कराएंगे। एक है ' इस्ट ' कर्म और दूसरा है ' पूर्त ' कर्म। इस्ट कर्म से ब्राह्मणो को स्वर्गप्राप्ति होती है और पूर्त कर्मो से मोक्ष की प्राप्ति होती है। अर्थात जो ब्राह्मण इस्ट कर्म ही सिर्फ करके पूर्त कर्म ना करें उसे मोक्ष नहीं मिल सकता है जो सनातन धर्म में मनुष्यों का अंतिम लक्ष्य है। इसके प्रमाण स्वरूप कुछ धर्मशास्त्र से प्रमाण निम्न है , *इस्टापूर्ते च कर्तव्यं ब्राह्मणेनैव यत्नत:।* *इस्टेन लभते स्वर्ग पूर्ते मोक्षो विधियते॥* - (अत्रि स्मृति) - (अष्टादशस्मृति ग्रन्थ पृष्ठ - ६ - पं.श्यामसुंदरलाल त्रिपाठी) अर्थात - इष्टकर्म और पूर्तकर्म ये दोनों कर्म ब्राह्मणो के कर्तव्य है इसे बड़े ही यत्न से करना चाहिए है। ब्राह्मणो को इष्टकर्म से स्वर्ग की प्राप्ति होती है और पूर्तकर्म से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी प्रकार की व्याख्या यम ऋषि ने भी धर्मशास्त्र यमस्मृति में की है जो निम्न है ; *इस्टापूर्ते तु कर्तव्यं ब्राह्मणेन प्रयत्नत:।* *इस्टेन लभते स्वर्ग पूर्ते मोक्षं समश्नुते* - (यमस्मृति) - (अष्टादशस्मृति ग्रन्थ पृष्ठ १०६ - पं.श्यामसुंदरलाल त्रिपाठी) अब अत्रि ऋषि की अत्रि स्मृति नामक धर्मशास्त्र के आगे के श्लोक से इष्ट कर्म और पूर्त कर्मो के अन्तर्गत कौन से कर्म आते है उसकी व्याख्या निम्न है ; *अग्निहोत्रं तप: सत्यं वेदानां चैव पालनम्।* *आतिथ्यं वैश्यदेवश्य इष्टमित्यमिधियते॥* *वापीकूपतडागादिदेवतायतनानि च।* *अन्नप्रदानमाराम: पूर्तमित्यमिधियते॥* - (अत्रि स्मृति) - (अष्टादशस्मृति ग्रन्थ पृष्ठ - ६ - पं.श्यामसुंदरलाल त्रिपाठी) अर्थात - ब्राह्मणो को अग्निहोत्र(हवन), तपस्या , सत्य में तत्परता , वेद की आज्ञा का पालन, अतिथियों का सत्कार और वश्वदेव ये सब इष्ट कर्म के अन्तर्गत आते है। ब्राह्मणो को बावड़ी, कूप, तालाब इत्यादि तालाबो का निर्माण, देवताओं के मंदिरों की प्रतिष्ठा जैसे शिल्पादि कर्म , अन्नदान और बगीचों को लगाना जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है ऐसे कर्म पूर्त कर्म है। उपर्युक्त सभी अकाट्य प्रमाणो से ये सिद्ध होता है कि ब्राह्मणो के सिर्फ षटकर्म जैसे इष्टकर्म ही नहीं है अपितु शिल्पकर्म जैसे पूर्तकर्म भी है जिनमें बावड़ी, कूप, तालाब इत्यादि तालाबो का निर्माण, देवताओं के मंदिरों के निर्माण एवं प्रतिष्ठा जैसे कर्म शिल्पकर्म के अन्तर्गत आते है जिसके करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है जो सनातन धर्म का अंतिम और सर्वोच्च लक्ष्य है। पूर्तकर्म (शिल्पादि कर्म) का उल्लेख अथर्ववेद में भी आया है। महर्षि पतंजलि ने शाब्दिक ज्ञान को मिथ्या कहा है। कल्प के व्यावहारिक ज्ञाता को ही ब्राह्मण कहा जाता है। क्योंकि उसी वेदांग कल्प के शुल्व सूत्र से शिल्पकर्म की उत्पत्ति हुई है। ब्रह्मा जी ये सृष्टि को अपनी सर्जना से कल्पित अर्थात निर्मित करते है उन्हीं ब्रह्मा जी की सृजनात्मक कल्पना शक्ति जिसमें होती है वहीं ब्राह्मण कहलाता है। सर्जनात्मक विधा ही निर्माण अर्थात शिल्पकर्म कहलाती है। - पं.संतोष आचार्य
प्रिय बंधुओं यह सभी जानते हैं कि हम जांगिड़ ब्राह्मण हैं और हमारी जांगिड़ ब्राह्मण महासभा भी है, समाज का एक बुद्धिजीवी वर्ग कहता है कि अब जब दूसरे समाज समय के साथ आधुनिक हो रहे हैं, हमें भी अपने सरनेम... सुतार ,कारपेंटर,खाती,बढइ (यह जाति नहीं है, पूर्व मैं आजीविका के लिए ये कार्य रहे हैं)और विभिन्न गौत्र की जगह,,,कृपया जांगिड़, विश्वकर्मा या शर्मा लिखे, जिससे हमारी एक बड़ी पहचान बने दुनिया में, और समाज एक शिक्षित, उद्यमी और सभी क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व करने वाला समाज बन कर अपनी प्रतिष्ठा और पहचान को कायम रखे...सादर धन्यवाद..प्रदीप Shivam Sharma, Ex.Broadcasting media officer,पूर्व राजपत्रित अधिकारी, Actor, Singer
हां जी हां बंधु आपने सही सोचा लोगों को जो विश्वकर्मा,शर्मा,जांगिड़ है उन्हें गोत्र लगाने से उनकी पहचान हमारे और दूसरे समाज में नहीं होती और हम खुद ही उन्हें नहीं पहचान पाते हैं हम आपस में जुड़ नहीं पाते हैं इसलिए गोत्र की बजाय शर्मा विश्वकर्मा या जांगिड़ लगाना ही यह किसका मात्रा सॉल्यूशन है तभी हमारी जो एक जनसंख्या है बहुत बड़ी प्लेटफार्म पर हम ला सकेंगे और यह वास्तविक कारण हमारे समाज के सभी लोगों को ,इस आधुनिक युग में स्वीकार करना चाहिए...सादर प्रणाम मित्रों
श्री विश्वकर्मा जी के अवतार 1- परब्रह्म विराट विश्वकर्मा- यह जन्म मरण से परे,अजर अमर,अविनाशी तथा निर्विकार, निराकार है।यही सृष्टि के सृजक, पालन व संहारक भी है। इन्हे प्रणव भी कहते है। 2- त्वष्टा शिल्पाचार्य विश्वकर्मा- परब्रह्म विराट विश्वकर्मा ने ही अमैथुनी सृष्टि से जगत के कल्याणार्थ त्वष्टा शिल्पाचार्य विश्वकर्मा की उत्पत्ति की।इनके सृजनात्मक गुण के कारण ब्रह्मा भी कहा गया। 3- भौवन विश्वकर्मा- रिषी आपत्य की पत्नी के गर्भ से माघशुक्ल प्रतिपदा को पुत्र रूप भौवन विश्वकर्मा हुए,जिनका वर्णन रिग्वेद मे है। 4- सुधन्वा विश्वकर्मा- निरूक्त देवल के उत्तरकाण्ड तथा बाल्मीकि रामायण के अयोध्या काण्ड के सर्ग 100 श्लोक संख्या -14 मे सुधन्वा विश्वकर्मा का उल्लेख मिलता है।यह महर्षि अंगिरा के पौत्र व पुत्र धिष्णु के पुत्र थे। इनका जन्म कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को हुआ था। 5- अष्टम वसु पुत्र प्रभाष विश्वकर्मा- महर्षि अंगिरा की पुत्री योगगसिद्धा, वरस्त्री का पाणिग्रहण अष्टम वसु प्रभाष से हुआ था। इनका जन्म भाद्रपद शुक्लप्रतिपदा को हुआ था । इनका उल्लेख महाभारत मे मिलता है। 6- प्रजापति विश्वकर्मा- वृहद वशिष्ठ ग्रन्थ के अनुसार धर्म-परायण ब्राह्मण हेली के यज्ञ से प्रसन्न होकर माघशुक्ल त्रयोदशी को प्रजापति विश्वकर्मा ने दर्शन दिया था, माघे शुक्लेत्रयोदशा दिवापुष्पे पुनर्वास,अष्टाविशति मे जाति विश्वकर्मा भवानी च। विवाहादिषु यज्ञसु गृहकार्य विधायक, सर्वकर्मसु संपूज्यो विश्वकर्मा इतिहास श्रुतं। 7- जगद्गुरू विश्वकर्मा- सकलाधिकार ग्रन्थ के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा को जगद्गुरू विश्वकर्मा का जन्म बताया गया है। 8- काश्यप विश्वकर्मा - माघ पूर्णिमा को मूल स्तम्भ पुराण तथा बाल्मीकि रामायण के बाल काण्ड के सर्ग 09 श्लोक 3 व 4 इस प्रकार है- काश्यपस्य च पुत्रोऽस्ति विभाण्डक इतिहास श्रुत:। श्रृष्यश्रृङ्ग इतिहास खूयातस्यतस्य पुत्रो भविष्यति, स वने नित्यानंद मुनिर्वनचर: सदा। 9- ब्राह्मकुलोत्पन्न विश्वकर्मा- ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार ब्रह्मा के कुल मे उत्पन्न होने के कारण इन्हे ब्रह्मकुलोत्पन्न विश्वकर्मा कहा गया,जिनका जन्म चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का है। 10- आचार्य विश्वकर्मा- वायु पुराण के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को आचार्य विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। 11- भृगुवंशी विश्वरूप विश्वकर्मा- श्रीमद्भागवत महापुराण के अनुसार महर्षि भृगु की दोनो पत्नियो मे से पुलोमी से शुक्राचार्य हुए। शुक्राचार्य की पत्नी सत्परवा से प्रजापति त्वष्टा का जन्म हुआ। त्वष्टा की पत्नी रचना से वैशाख शुक्ल द्वितीया को विश्वरूप विश्वकर्मा का जन्म हुआ। अखंड विश्वकर्मा ब्राह्मण महासभा
आप मुश्किल से पिछले एक हजार वर्ष पहले के इतिहास से co-relate कर रहें हैं। For actual knowledge you have to go back to dwaper time about the history of jangid Brahmins.
@@NRJ_Motors Ek to meri ye baat samajh jao Ki ek to Sutar Ek Dhiman Ek panchal aur ek Vishwakarma Ye castes hamare samaj se alag hain Inme hamare samaj k rishte nahi hote. Jangid samaj k surames keval ye 3 hote hain Jangid,Jangra,Angira Inkr alava agar koi dusre surname vala vyakti hamare samaj ka nahi hai
ओ भाई पूरा ग्रंथ पढ़कर वीडियो बताइए । सप्त ऋषियों में से एक अंगिरा ब्रह्मऋषि थे और उनके पुत्र का नाम बृहस्पति था। बृहस्पति के पुत्र भारद्वाज महर्षि हुए और इसी पाकर 18 महर्षियों की सन्तान ही जांगिड़ ब्राह्मण हैँ। इनमें विश्वकर्मा न ही अंगिरा जी और न ही 18 महर्षियों के पुत्र थे। विश्वकर्मा का जांगिड़ ब्राह्मणों के कुल परवर और गोत्र से किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। केवल कलयुग में जांगिड़ ब्राह्मणों का पांडित्य कर्म भंग कर दिया गया था तो उस समय जांगिड़ ब्राह्मणों ने विश्वकर्मा को लकड़ी, घर और कल पुर्जों के गुरु के रूप में पूजना प्रारम्भ किया था और वह एक गुरु है। विश्वकर्मा का जांगिड़ ब्राह्मणों की वंश परम्परा से कोई संबंध नहीं है। इस बात का ध्यान करके सही कथानक पर वीडियो बनाइये उल्ट पुल्ट जानकारी यानी कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानुमति ने कुनबा जोड़ा ऐसे मत करिये। मालूम नहीं है तो ग्रंथ पढ़िए और जानकारी जुटाईये ।👆👆👆
यह सब मन मंगल कहानियां हैं जांगिड़ ब्राह्मण ब्राह्मण नहीं होते हैं यह सब इंसानों ने बनाया है और अगर ब्राह्मण है तो ओबीसी में क्यों है जबरदस्ती क्यों लेकर घूम रहे हो वैसे सरकार से कहो की जरनल केटेगरी मे ले.
भारत में कई राज्यों में कई ब्राह्मण समाज को back ward का दर्जा मिला हैं . Waise जाति by birth नहीं नहीं होनी चाहिये . हर हिंदू सनातनी हैं सब हिंदू एक हैं
Jangid Brahmin or vishvkarma Brahmin dono alag alag hai...samjho jara...Jangid Brahmin angira vansh se hai or vishvkarma k vansh vale vishvkarma hai ...leking Jangid barahmin bhi khati ka kaam karte hai..toh unhone vishwkarma brahmino ka kamm adapt Kiya leking vansh alag hai
ब्राह्मणों का काम है सबको ब्राह्मण बनाने का लेकिन वो इस प्रक्रिया में ख्याल रखते हैं कि कौन converted ब्राह्मण हैं और कौन original ब्राह्मण ध्यान रखना वो आप के साथ खाना नही खाएंगे ओर ना ही अपनी बेटी बेटे की शादी आपसे कराएंगे ये सब होता है चुनाव जीतने के लिए क्योकि चुनाव में number मायने रखते हैं इसलिए सबको ब्राह्मण बना दो ये जो विश्वकर्मा कहते हैं ये वही converted ब्राह्मण है इसलिए इनको समाज मे के सुनना पड़ता है कि तुम ब्राह्मण कब से हो गए और जो ये कहता है उनके दिमाग मे उनके प्रति हीनता का बोध होता है
@@vikaskmar6551 not converted Brahmin bhai app ko proof du kya ..jo gaur Brahmin hai vo nakli Brahmin hai shayad app bhi unme se ho ...asli history nhi pata ...gotra dekho jangid Brahmin k pata lag jaega ...
Ae sara gyan ke dekedar par vishwkarma vagwan haste hoge ki inki itni kalyug me himat hai ki vagwan vishwkarma ke bansaj par shak karte hai vishw ko rachna karna koyi haluya nhi hai kohi chete jati ke log or sudr kya jane rag or nirman ka kam ae to vishw silp kesorup hai silp ka matlb apneap me sakti hai jo ache ache logo or raja mhraja ko khubsurat banaya hai khub surti hi sharg hai or vishw hai duniya me kala koshal or rath ko hi sukh kaparivhasa hai ae dono samapt toduniya samapt kya bat krteho vagwan lohar kirpa se pach se panshal bana or isi se duniyz bana sab bakbas krne balo par tars araha hai
भाई जितना तू बोलता है हमे सक होता है की तू ब्राह्मण है या नही मैं पांचाल ब्राह्मण कर्म से लोहार कुल भृगु कुल जांगिड़ पियोर ब्राह्मण है अंगिरा कुल के है भगवान का जहा जन्म हवा भृगु अंगिरा अनेक ऋषि हुवे जो विज्ञान के प्रवर्तक हुवे सभी विश्वकर्मा के नाम से जाने गए इन्ही के वंशज विश्वब्रमीण कहलाए विज्ञान जन्म दाता तू लगता है पोंगा पंडित आधा अधूरा जानता है। या जन बुझ कर ऐसा कर रहा है। शिल्पी ब्राह्मण नही होते तू मंदिर का घंटा बजाता नही घंटा भी शिल्पी का है। तू ताली पिटता अब ये भ्रम मत पल लेना ये गलत कह रहा है। हम तो पटरा पड़ता अबे पोंगा धीमान जब लिखेगा ही नही तो तू पड़े गा क्या शिल्पी ब्राह्मण दुनिया में जितने अभिस्कारक है। साबी शिल्पी ब्राह्मण ईस्ट कर्म पुर्त्त कर्म दोनो दिए गए है। भगवान विश्वकर्मा तो विज्ञान पर्वरतक है। जांगिड़ ब्राह्मण पांचाल ब्राह्मण सब एक ही है जो विश्वब्रहमीन है। अगर ब्राह्मण हो तो ब्राह्मण को जानो नही तो अलग हो तो दूसरे के खिलाफ मत प्रोपगंडा फैलावो कभी भी विज्ञान का महत्व रहा है। ये वो ब्राह्मण है जो जोकिशी के साथ भेद भाव नही करते अपने आर्थिक स्थिति ठीक करने की जरूरत । विश्वकर्मा के उपासक को चाहिए की अपना विज्ञान पर बाल दिया जाए ये पोंगा पंडित विज्ञान को मिटा नही सकता पंडित जनता है रियाल ब्राह्मण। वर्ड के है।
विश्वकर्मा ब्राह्मणों प्रणाम, अंग्रेजी के शब्द priest का अर्थ पांडा, पुरोहित या ब्रह्मण मान्य है तो फिर blacksmith या ironsmith का अर्थ लोहार मानने में तकलीफ क्यों है? Carpenter का अर्थ बढ़ई मानने, goldsmith का अर्थ सोनार, wright का अर्थ कारीगर या बढ़ई मानने में परेशानी क्यो है? Stone cutter का अर्थ पत्थर कटवा या मूर्तिकार या शिल्पी मानने में दर्द क्यो है? copperman का अर्थ ताम्रकार या ठठेरा मानने में दिक्कत क्यों है? सनातन के चार मठों के संस्थापक आदि शंकराचार्य विश्वकर्म ब्रह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है l गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्री राम शर्मा अचार्य विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है। वयम रक्षामः के लेखक अचार्य चतुरसेन विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है भारत के पहले भारत रत्न विजेता चक्रवर्ती राजगोपालाचारी विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है बीएचयू के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है गांधी के हत्यारे नाथू राम गोडसे विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है। महामहिम राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है। गीता प्रेस गोरखपुर के संस्थापक हनुमान प्रसाद पोद्दार विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है ऋग्वेद सामवेद के अधिष्ठाता भगवान विश्वकर्मा थे। यह अनुसंधान से पता चलता है। सनातन धर्म अनादिकालीन धर्म है,ऐसा डॉक्टर अंबेडकर अपनी किताब writing and speeces volume third me लिखे है। अतः सुकरात विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है। ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से ही पता चलता है। गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत देने वाले न्यूटन विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है। प्रोटेस्टेंट धर्म के संस्थापक मार्टिन लूथर विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है। डायनमो के अविष्कर्ता माइकल फराडे विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है हवाई जहाज बनाने वाले wright brothers विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है। वाष्प शक्ति को पहचानने वाले जेम्स वाट विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है। आर के नारायण दक्षिण भारत के प्रसिद्ध लेखक है। वे विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है। कालिदास विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है। कृपया विचार करें।🙏🏻🙏🏻 प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में।
भाई औरों के बाप को अपना क्यों बता रहे हो ये किसने अनुसंधान किए जो अपने इतने सारे बता दिए। अपने को शिक्षित,समर्थ,सशक्त, संगठित बनाओ । न की इधर उधर की सुनी सुनाई काल्पनिक बातों में विश्वास करो। वैसे आपका एक जवाब तो सही है पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह दो मैं भी बता देता हूं कइयों को खुशी होगी कुछ को शायद न हो सैम पित्रोदा भारत में IT क्रांति के जनक और दूसरे भी महान हस्ती थे अकबर के नवरत्नों में से एक टोडर मल
@@PardeepKumar-tk8qk Bhai ye Banda aapne samaj ka nhi hai maine dusri video dekho us me bhi is ne same comment Kiya hai ye sala aapne samaj ke logo ko gumrah kar na chahata hai
Agar jalan hai to tu apne dil me rakh agar rakhna hai to pahle pahle kapda utar Ghar me mat rah gadi istmal na kar kitab use na kar jo bhi abiskar hai unka use na kar ab tu kuchh bhi kar chalega nahi to thali unki gali tumhari thali me chhed karne vale ko kya kahte tumse Jada kaun janta hai
प्रिय बंधुओं यह सभी जानते हैं कि हम जांगिड़ ब्राह्मण हैं और हमारी जांगिड़ ब्राह्मण महासभा भी है, समाज का एक बुद्धिजीवी वर्ग कहता है कि अब जब दूसरे समाज समय के साथ आधुनिक हो रहे हैं, हमें भी अपने सरनेम... सुतार ,कारपेंटर,खाती,बढइ (यह जाति नहीं है, पूर्व मैं आजीविका के लिए ये कार्य रहे हैं)और विभिन्न गौत्र की जगह,,,कृपया जांगिड़, विश्वकर्मा या शर्मा लिखे, जिससे हमारी एक बड़ी पहचान बने दुनिया में, और समाज एक शिक्षित, उद्यमी और सभी क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व करने वाला समाज बन कर अपनी प्रतिष्ठा और पहचान को कायम रखे...सादर धन्यवाद..प्रदीप Shivam Sharma, Ex.Broadcasting media officer,पूर्व राजपत्रित अधिकारी, Actor, Singer
Vishvkarma ka pach putra ka jikra hai jo lohar badai thather cumhar sonar ye vishvbrahmin hai jo baki ke vansaj lagate aa rahe hai koi kam karne se pahle Inka Gyan hona jaruri hai nahi to tu bolne ke liyak nahi hota jispar aakar bak bak kar raha hai vo bhi inhi ka den hai shilpi Brahmin ka shudhar ja koi bhi tu hai pyar bat nafrat nahi
*ब्राह्मणो के इष्टकर्म और पूर्तकर्म*
ब्राह्मणो के दो प्रकार के कर्मो से परिचय कराएंगे। एक है ' इस्ट ' कर्म और दूसरा है ' पूर्त ' कर्म। इस्ट कर्म से ब्राह्मणो को स्वर्गप्राप्ति होती है और पूर्त कर्मो से मोक्ष की प्राप्ति होती है। अर्थात जो ब्राह्मण इस्ट कर्म ही सिर्फ करके पूर्त कर्म ना करें उसे मोक्ष नहीं मिल सकता है जो सनातन धर्म में मनुष्यों का अंतिम लक्ष्य है। इसके प्रमाण स्वरूप कुछ धर्मशास्त्र से प्रमाण निम्न है ,
*इस्टापूर्ते च कर्तव्यं ब्राह्मणेनैव यत्नत:।*
*इस्टेन लभते स्वर्ग पूर्ते मोक्षो विधियते॥*
- (अत्रि स्मृति)
- (अष्टादशस्मृति ग्रन्थ पृष्ठ - ६ - पं.श्यामसुंदरलाल त्रिपाठी)
अर्थात - इष्टकर्म और पूर्तकर्म ये दोनों कर्म ब्राह्मणो के कर्तव्य है इसे बड़े ही यत्न से करना चाहिए है। ब्राह्मणो को इष्टकर्म से स्वर्ग की प्राप्ति होती है और पूर्तकर्म से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इसी प्रकार की व्याख्या यम ऋषि ने भी धर्मशास्त्र यमस्मृति में की है जो निम्न है ;
*इस्टापूर्ते तु कर्तव्यं ब्राह्मणेन प्रयत्नत:।*
*इस्टेन लभते स्वर्ग पूर्ते मोक्षं समश्नुते*
- (यमस्मृति)
- (अष्टादशस्मृति ग्रन्थ पृष्ठ १०६ - पं.श्यामसुंदरलाल त्रिपाठी)
अब अत्रि ऋषि की अत्रि स्मृति नामक धर्मशास्त्र के आगे के श्लोक से इष्ट कर्म और पूर्त कर्मो के अन्तर्गत कौन से कर्म आते है उसकी व्याख्या निम्न है ;
*अग्निहोत्रं तप: सत्यं वेदानां चैव पालनम्।*
*आतिथ्यं वैश्यदेवश्य इष्टमित्यमिधियते॥* *वापीकूपतडागादिदेवतायतनानि च।*
*अन्नप्रदानमाराम: पूर्तमित्यमिधियते॥*
- (अत्रि स्मृति)
- (अष्टादशस्मृति ग्रन्थ पृष्ठ - ६ - पं.श्यामसुंदरलाल त्रिपाठी)
अर्थात - ब्राह्मणो को अग्निहोत्र(हवन), तपस्या , सत्य में तत्परता , वेद की आज्ञा का पालन, अतिथियों का सत्कार और वश्वदेव ये सब इष्ट कर्म के अन्तर्गत आते है। ब्राह्मणो को बावड़ी, कूप, तालाब इत्यादि तालाबो का निर्माण, देवताओं के मंदिरों की प्रतिष्ठा जैसे शिल्पादि कर्म , अन्नदान और बगीचों को लगाना जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है ऐसे कर्म पूर्त कर्म है।
उपर्युक्त सभी अकाट्य प्रमाणो से ये सिद्ध होता है कि ब्राह्मणो के सिर्फ षटकर्म जैसे इष्टकर्म ही नहीं है अपितु शिल्पकर्म जैसे पूर्तकर्म भी है जिनमें बावड़ी, कूप, तालाब इत्यादि तालाबो का निर्माण, देवताओं के मंदिरों के निर्माण एवं प्रतिष्ठा जैसे कर्म शिल्पकर्म के अन्तर्गत आते है जिसके करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है जो सनातन धर्म का अंतिम और सर्वोच्च लक्ष्य है। पूर्तकर्म (शिल्पादि कर्म) का उल्लेख अथर्ववेद में भी आया है।
महर्षि पतंजलि ने शाब्दिक ज्ञान को मिथ्या कहा है। कल्प के व्यावहारिक ज्ञाता को ही ब्राह्मण कहा जाता है। क्योंकि उसी वेदांग कल्प के शुल्व सूत्र से शिल्पकर्म की उत्पत्ति हुई है। ब्रह्मा जी ये सृष्टि को अपनी सर्जना से कल्पित अर्थात निर्मित करते है उन्हीं ब्रह्मा जी की सृजनात्मक कल्पना शक्ति जिसमें होती है वहीं ब्राह्मण कहलाता है। सर्जनात्मक विधा ही निर्माण अर्थात शिल्पकर्म कहलाती है।
- पं.संतोष आचार्य
प्रिय बंधुओं यह सभी जानते हैं कि हम जांगिड़ ब्राह्मण हैं और हमारी जांगिड़ ब्राह्मण महासभा भी है, समाज का एक बुद्धिजीवी वर्ग कहता है कि अब जब दूसरे समाज समय के साथ आधुनिक हो रहे हैं, हमें भी अपने सरनेम... सुतार ,कारपेंटर,खाती,बढइ (यह जाति नहीं है, पूर्व मैं आजीविका के लिए ये कार्य रहे हैं)और विभिन्न गौत्र की जगह,,,कृपया जांगिड़, विश्वकर्मा या शर्मा लिखे, जिससे हमारी एक बड़ी पहचान बने दुनिया में, और समाज एक शिक्षित, उद्यमी और सभी क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व करने वाला समाज बन कर अपनी प्रतिष्ठा और पहचान को कायम रखे...सादर धन्यवाद..प्रदीप Shivam Sharma, Ex.Broadcasting media officer,पूर्व राजपत्रित अधिकारी, Actor, Singer
@@makuljangda Vartmaan mai ek badi Unity banana hai,logone Alan Alan goutra laga rakhe hai, isliye solution socho..
@@makuljangdabhai Rajasthan me JANGIR bola jata h Or haryana me jangda. Lekin dono ek he h. Don't worry
हां जी हां बंधु आपने सही सोचा लोगों को जो विश्वकर्मा,शर्मा,जांगिड़ है उन्हें गोत्र लगाने से उनकी पहचान हमारे और दूसरे समाज में नहीं होती और हम खुद ही उन्हें नहीं पहचान पाते हैं हम आपस में जुड़ नहीं पाते हैं इसलिए गोत्र की बजाय शर्मा विश्वकर्मा या जांगिड़ लगाना ही यह किसका मात्रा सॉल्यूशन है तभी हमारी जो एक जनसंख्या है बहुत बड़ी प्लेटफार्म पर हम ला सकेंगे और यह वास्तविक कारण हमारे समाज के सभी लोगों को ,इस आधुनिक युग में स्वीकार करना चाहिए...सादर प्रणाम मित्रों
ऋग वेद पढ़ो भाई सब विवरण मिल जायेगा। जांगिड ब्राह्मण के बारे में गलत व्याख्या ना करें। अगर नही पता तो गलत बयानबाजी ना करें
श्री विश्वकर्मा जी के अवतार
1- परब्रह्म विराट विश्वकर्मा-
यह जन्म मरण से परे,अजर अमर,अविनाशी तथा निर्विकार, निराकार है।यही सृष्टि के सृजक, पालन व संहारक भी है। इन्हे प्रणव भी कहते है।
2- त्वष्टा शिल्पाचार्य विश्वकर्मा-
परब्रह्म विराट विश्वकर्मा ने ही अमैथुनी सृष्टि से जगत के कल्याणार्थ त्वष्टा शिल्पाचार्य विश्वकर्मा की उत्पत्ति की।इनके सृजनात्मक गुण के कारण ब्रह्मा भी कहा गया।
3- भौवन विश्वकर्मा-
रिषी आपत्य की पत्नी के गर्भ से माघशुक्ल प्रतिपदा को पुत्र रूप भौवन विश्वकर्मा हुए,जिनका वर्णन रिग्वेद मे है।
4- सुधन्वा विश्वकर्मा-
निरूक्त देवल के उत्तरकाण्ड तथा बाल्मीकि रामायण के अयोध्या काण्ड के सर्ग 100 श्लोक संख्या -14 मे सुधन्वा विश्वकर्मा का उल्लेख मिलता है।यह महर्षि अंगिरा के पौत्र व पुत्र धिष्णु के पुत्र थे। इनका जन्म कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को हुआ था।
5- अष्टम वसु पुत्र प्रभाष विश्वकर्मा-
महर्षि अंगिरा की पुत्री योगगसिद्धा, वरस्त्री का पाणिग्रहण अष्टम वसु प्रभाष से हुआ था। इनका जन्म भाद्रपद शुक्लप्रतिपदा को हुआ था । इनका उल्लेख महाभारत मे मिलता है।
6- प्रजापति विश्वकर्मा-
वृहद वशिष्ठ ग्रन्थ के अनुसार धर्म-परायण ब्राह्मण हेली के यज्ञ से प्रसन्न होकर
माघशुक्ल त्रयोदशी को प्रजापति विश्वकर्मा ने दर्शन दिया था,
माघे शुक्लेत्रयोदशा दिवापुष्पे पुनर्वास,अष्टाविशति मे जाति विश्वकर्मा भवानी च।
विवाहादिषु यज्ञसु गृहकार्य विधायक, सर्वकर्मसु संपूज्यो विश्वकर्मा इतिहास श्रुतं।
7- जगद्गुरू विश्वकर्मा-
सकलाधिकार ग्रन्थ के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा को जगद्गुरू विश्वकर्मा का जन्म बताया गया है।
8- काश्यप विश्वकर्मा -
माघ पूर्णिमा को मूल स्तम्भ पुराण तथा बाल्मीकि रामायण के बाल काण्ड के सर्ग 09 श्लोक 3 व 4 इस प्रकार है-
काश्यपस्य च पुत्रोऽस्ति विभाण्डक इतिहास श्रुत:।
श्रृष्यश्रृङ्ग इतिहास खूयातस्यतस्य पुत्रो भविष्यति, स वने नित्यानंद मुनिर्वनचर: सदा।
9- ब्राह्मकुलोत्पन्न विश्वकर्मा-
ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार ब्रह्मा के कुल मे उत्पन्न होने के कारण इन्हे ब्रह्मकुलोत्पन्न विश्वकर्मा कहा गया,जिनका जन्म चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का है।
10- आचार्य विश्वकर्मा-
वायु पुराण के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को आचार्य विश्वकर्मा का जन्म हुआ था।
11- भृगुवंशी विश्वरूप विश्वकर्मा-
श्रीमद्भागवत महापुराण के अनुसार महर्षि भृगु की दोनो पत्नियो मे से पुलोमी से शुक्राचार्य हुए। शुक्राचार्य की पत्नी सत्परवा से प्रजापति त्वष्टा का जन्म हुआ। त्वष्टा की पत्नी रचना से वैशाख शुक्ल द्वितीया को विश्वरूप विश्वकर्मा का जन्म हुआ।
अखंड विश्वकर्मा ब्राह्मण महासभा
Bhrigu ka putra aur Shukra ka bhai ka nam Tvastha....
Shukra Daityaguru aur Tvasta Vishwakarma (Scientist brahmin) bane...
पं सन्तोष आचार्य जी ने इसे बहुत अच्छी प्रकार से व्याख्या किया है।
Jai Bhagwan Vishwakarma 🙏🚩🚩
आप मुश्किल से पिछले एक हजार वर्ष पहले के इतिहास से co-relate कर रहें हैं। For actual knowledge you have to go back to dwaper time about the history of jangid Brahmins.
@@dr.puneetuttam6994bahut se logo ne jinko jalan hoti thi unhone case bhi kiye or hum jite ek nhi 4 barr kaho toh batau kab kab
सप्तऋषि में अंगिरा ऋषि नहीं आते😂
Bhai jangid barhman karam kaand dono kaam jante
Vishwakarma Puran Geeta even bde bde Granth everywhere is written that vishwakarma are proudly Brahman
Bhai vishvkarma ke bare me pad Virat vishvkarma dharmvanshi vishvkarma angira vanshi vishvkarma brigu vanshi vishvkarma sab ke sab vigyan bidhata hai
Ae pad krvi ashtya bol rhe hai qukishatya bolna inki jibha me taklif hoga mana shatya inki bas ki nhi hai
Inki najar or shoj jhut ko hi sharn diya hai to bhi shatya lagta hai vishwkarma barahman hai inkishamjh se bahar hai quki ae shamjhna Ji nhi chahta
रियाल ब्राह्मण हैं विश्वकर्मा
Koi itihaas nahi bhai inka batao konsa yodha huva hai is jati main konsa raja konsa dani koi takda vyapari???
Bhai jassa singh ramgadiya h or bhai hmara itihas mitaya gya h hmare bade hi nhi btate kuch itihaas kaha se hoga
@@NRJ_Motors bhai apne log sirf apno ki tang khinchana jante hai or kuchh nhi
@@NRJ_Motors Ek to meri ye baat samajh jao Ki ek to Sutar Ek Dhiman Ek panchal aur ek Vishwakarma Ye castes hamare samaj se alag hain Inme hamare samaj k rishte nahi hote. Jangid samaj k surames keval ye 3 hote hain Jangid,Jangra,Angira Inkr alava agar koi dusre surname vala vyakti hamare samaj ka nahi hai
Ang ira gothra - Viswakarma
Ram Ram Ram Ram
ओ भाई पूरा ग्रंथ पढ़कर वीडियो बताइए । सप्त ऋषियों में से एक अंगिरा ब्रह्मऋषि थे और उनके पुत्र का नाम बृहस्पति था। बृहस्पति के पुत्र भारद्वाज महर्षि हुए और इसी पाकर 18 महर्षियों की सन्तान ही जांगिड़ ब्राह्मण हैँ। इनमें विश्वकर्मा न ही अंगिरा जी और न ही 18 महर्षियों के पुत्र थे। विश्वकर्मा का जांगिड़ ब्राह्मणों के कुल परवर और गोत्र से किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है।
केवल कलयुग में जांगिड़ ब्राह्मणों का पांडित्य कर्म भंग कर दिया गया था तो उस समय जांगिड़ ब्राह्मणों ने विश्वकर्मा को लकड़ी, घर और कल पुर्जों के गुरु के रूप में पूजना प्रारम्भ किया था और वह एक गुरु है। विश्वकर्मा का जांगिड़ ब्राह्मणों की वंश परम्परा से कोई संबंध नहीं है।
इस बात का ध्यान करके सही कथानक पर वीडियो बनाइये उल्ट पुल्ट जानकारी यानी कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानुमति ने कुनबा जोड़ा ऐसे मत करिये।
मालूम नहीं है तो ग्रंथ पढ़िए और जानकारी जुटाईये ।👆👆👆
Vishwakarma bramhan real Bramhan hai or Inka shilp karma hai jo ki Vishwakarma bramhan karte hai
Sab to reshe ke Santan hai to sab Brahman hai lekin samay me jo Brahman hai wahe Brahman hai
यह सब मन मंगल कहानियां हैं जांगिड़ ब्राह्मण ब्राह्मण नहीं होते हैं यह सब इंसानों ने बनाया है और अगर ब्राह्मण है तो ओबीसी में क्यों है जबरदस्ती क्यों लेकर घूम रहे हो वैसे सरकार से कहो की जरनल केटेगरी मे ले.
भारत में कई राज्यों में कई ब्राह्मण समाज को back ward का दर्जा मिला हैं . Waise जाति by birth नहीं नहीं होनी चाहिये . हर हिंदू सनातनी हैं सब हिंदू एक हैं
Abe lawde kashtiya bhi obc me hote hain jambure
Bhai sc st OBC ya general main kisi ka hona na hona char vern ke hone ka saboot nahi hota. Ye division economic based hai.
sun bhai mai panchal brahmin hu aur mai obc certificate nhi leke ghumta aur rahi bat obc ki wo toh sarkar ke division economic based hai
जांगिड़ ब्राह्मण 🚩
❤
Jab tumko jankari nahi hai to tum video kyo banate ho vishwakarma ke bareme
Jangid Brahmin or vishvkarma Brahmin dono alag alag hai...samjho jara...Jangid Brahmin angira vansh se hai or vishvkarma k vansh vale vishvkarma hai ...leking Jangid barahmin bhi khati ka kaam karte hai..toh unhone vishwkarma brahmino ka kamm adapt Kiya leking vansh alag hai
Dono ka route ek hi hai brahmvanshi Virat vishwakarma ji
ब्राह्मणों का काम है सबको ब्राह्मण बनाने का लेकिन वो इस प्रक्रिया में ख्याल रखते हैं कि कौन converted ब्राह्मण हैं और कौन original ब्राह्मण ध्यान रखना
वो आप के साथ खाना नही खाएंगे ओर ना ही अपनी बेटी बेटे की शादी आपसे कराएंगे ये सब होता है चुनाव जीतने के लिए क्योकि चुनाव में number मायने रखते हैं इसलिए सबको ब्राह्मण बना दो ये जो विश्वकर्मा कहते हैं ये वही converted ब्राह्मण है इसलिए इनको समाज मे के सुनना पड़ता है कि तुम ब्राह्मण कब से हो गए और जो ये कहता है उनके दिमाग मे उनके प्रति हीनता का बोध होता है
bhai brahmanuttpanti marthand pad
@@vikaskmar6551 not converted Brahmin bhai app ko proof du kya ..jo gaur Brahmin hai vo nakli Brahmin hai shayad app bhi unme se ho ...asli history nhi pata ...gotra dekho jangid Brahmin k pata lag jaega ...
Ae sara gyan ke dekedar par vishwkarma vagwan haste hoge ki inki itni kalyug me himat hai ki vagwan vishwkarma ke bansaj par shak karte hai vishw ko rachna karna koyi haluya nhi hai kohi chete jati ke log or sudr kya jane rag or nirman ka kam ae to vishw silp kesorup hai silp ka matlb apneap me sakti hai jo ache ache logo or raja mhraja ko khubsurat banaya hai khub surti hi sharg hai or vishw hai duniya me kala koshal or rath ko hi sukh kaparivhasa hai ae dono samapt toduniya samapt kya bat krteho vagwan lohar kirpa se pach se panshal bana or isi se duniyz bana sab bakbas krne balo par tars araha hai
आधी अधूरी जानकारी देकर किसी भी जाति को भ्रमित करना उचित नहीं होगा।
Bhai tum dedo puri jankari
Aaj kal sab Brahman hai khati badhye lohar 😀
So wat? Do u have guts to fight with us regarding scriptures
Madarchod ye karm ka naam hai jaati toh vishwakarma hai
Aaj kal nhi bsdk 100 saal pehle vishwkarma brahmim ke papa the
Pyasi Baarve ka khana kha k jine wala, or ekadasi or amavas pe aata mangne wala.
भाई जितना तू बोलता है हमे सक होता है की तू ब्राह्मण है या नही मैं पांचाल ब्राह्मण कर्म से लोहार कुल भृगु कुल जांगिड़ पियोर ब्राह्मण है अंगिरा कुल के है भगवान का जहा जन्म हवा भृगु अंगिरा अनेक ऋषि हुवे जो विज्ञान के प्रवर्तक हुवे सभी विश्वकर्मा के नाम से जाने गए इन्ही के वंशज विश्वब्रमीण कहलाए विज्ञान जन्म दाता तू लगता है पोंगा पंडित आधा अधूरा जानता है। या जन बुझ कर ऐसा कर रहा है। शिल्पी ब्राह्मण नही होते तू मंदिर का घंटा बजाता नही घंटा भी शिल्पी का है। तू ताली पिटता अब ये भ्रम मत पल लेना ये गलत कह रहा है। हम तो पटरा पड़ता अबे पोंगा धीमान जब लिखेगा ही नही तो तू पड़े गा क्या शिल्पी ब्राह्मण दुनिया में जितने अभिस्कारक है। साबी शिल्पी ब्राह्मण ईस्ट कर्म पुर्त्त कर्म दोनो दिए गए है। भगवान विश्वकर्मा तो विज्ञान पर्वरतक है। जांगिड़ ब्राह्मण पांचाल ब्राह्मण सब एक ही है जो विश्वब्रहमीन है। अगर ब्राह्मण हो तो ब्राह्मण को जानो नही तो अलग हो तो दूसरे के खिलाफ मत प्रोपगंडा फैलावो कभी भी विज्ञान का महत्व रहा है। ये वो ब्राह्मण है जो जोकिशी के साथ भेद भाव नही करते अपने आर्थिक स्थिति ठीक करने की जरूरत । विश्वकर्मा के उपासक को चाहिए की अपना विज्ञान पर बाल दिया जाए ये पोंगा पंडित विज्ञान को मिटा नही सकता पंडित जनता है रियाल ब्राह्मण। वर्ड के है।
विश्वकर्मा ब्राह्मणों प्रणाम,
अंग्रेजी के शब्द priest का अर्थ पांडा, पुरोहित या ब्रह्मण मान्य है तो फिर blacksmith या ironsmith का अर्थ लोहार मानने में तकलीफ क्यों है?
Carpenter का अर्थ बढ़ई मानने, goldsmith का अर्थ सोनार, wright का अर्थ कारीगर या बढ़ई मानने में परेशानी क्यो है? Stone cutter का अर्थ पत्थर कटवा या मूर्तिकार या शिल्पी मानने में दर्द क्यो है? copperman का अर्थ ताम्रकार या ठठेरा मानने में दिक्कत क्यों है?
सनातन के चार मठों के संस्थापक आदि शंकराचार्य विश्वकर्म ब्रह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है l
गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्री राम शर्मा अचार्य विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है।
वयम रक्षामः के लेखक अचार्य चतुरसेन विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है
भारत के पहले भारत रत्न विजेता चक्रवर्ती राजगोपालाचारी विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है
बीएचयू के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है
गांधी के हत्यारे नाथू राम गोडसे विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है।
महामहिम राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है।
गीता प्रेस गोरखपुर के संस्थापक हनुमान प्रसाद पोद्दार विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है
ऋग्वेद सामवेद के अधिष्ठाता भगवान विश्वकर्मा थे। यह अनुसंधान से पता चलता है।
सनातन धर्म अनादिकालीन धर्म है,ऐसा डॉक्टर अंबेडकर अपनी किताब writing and speeces volume third me लिखे है। अतः सुकरात विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है।
ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से ही पता चलता है।
गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत देने वाले न्यूटन विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है।
प्रोटेस्टेंट धर्म के संस्थापक मार्टिन लूथर विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है।
डायनमो के अविष्कर्ता माइकल फराडे विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है
हवाई जहाज बनाने वाले wright brothers विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है।
वाष्प शक्ति को पहचानने वाले जेम्स वाट विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है।
आर के नारायण दक्षिण भारत के प्रसिद्ध लेखक है। वे विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है।
कालिदास विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। यह अनुसंधान से पता चलता है।
कृपया विचार करें।🙏🏻🙏🏻
प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में।
भाई औरों के बाप को अपना क्यों बता रहे हो
ये किसने अनुसंधान किए जो अपने इतने सारे बता दिए।
अपने को शिक्षित,समर्थ,सशक्त, संगठित बनाओ । न की इधर उधर की सुनी सुनाई काल्पनिक बातों में विश्वास करो।
वैसे आपका एक जवाब तो सही है पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह
दो मैं भी बता देता हूं कइयों को खुशी होगी कुछ को शायद न हो
सैम पित्रोदा भारत में IT क्रांति के जनक
और दूसरे भी महान हस्ती थे
अकबर के नवरत्नों में से एक टोडर मल
Nathuram godse chitpawan brahman the maharastra ke
@@PardeepKumar-tk8qk Bhai ye Banda aapne samaj ka nhi hai maine dusri video dekho us me bhi is ne same comment Kiya hai ye sala aapne samaj ke logo ko gumrah kar na chahata hai
Brahman onlye Brahman
कहते हैं विश्वकर्मा पंचाल ब्राह्मण हैं हम सब तो विश्वकर्मा के हीं बनसज है ना तो इसमें कहां शक है कि हम ब्राह्मण नहीं है
Ae log lakti
Saman babana 🎉
विश्व कर्मा की सन्तान ह ऐ अडक ह सुथार ह
Agar jalan hai to tu apne dil me rakh agar rakhna hai to pahle pahle kapda utar Ghar me mat rah gadi istmal na kar kitab use na kar jo bhi abiskar hai unka use na kar ab tu kuchh bhi kar chalega nahi to thali unki gali tumhari thali me chhed karne vale ko kya kahte tumse Jada kaun janta hai
Jangid from Rajasthan Nagaur
Plz ek baat btao bhai kya aap Sharma seh shaadi kr sakte ho kya ? Jangid gaur brahman seh shaadi kr sakte hai na ??????
Plz btao bhai plz
@@TechnicalVlogs habhai
Aaj bhi Bhai bagyanik hai jo
Brahmin ke karm nirdharit hai ager vo shilpi na hote to tu bhi nahi hota pota hota ishi liye
प्रिय बंधुओं यह सभी जानते हैं कि हम जांगिड़ ब्राह्मण हैं और हमारी जांगिड़ ब्राह्मण महासभा भी है, समाज का एक बुद्धिजीवी वर्ग कहता है कि अब जब दूसरे समाज समय के साथ आधुनिक हो रहे हैं, हमें भी अपने सरनेम... सुतार ,कारपेंटर,खाती,बढइ (यह जाति नहीं है, पूर्व मैं आजीविका के लिए ये कार्य रहे हैं)और विभिन्न गौत्र की जगह,,,कृपया जांगिड़, विश्वकर्मा या शर्मा लिखे, जिससे हमारी एक बड़ी पहचान बने दुनिया में, और समाज एक शिक्षित, उद्यमी और सभी क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व करने वाला समाज बन कर अपनी प्रतिष्ठा और पहचान को कायम रखे...सादर धन्यवाद..प्रदीप Shivam Sharma, Ex.Broadcasting media officer,पूर्व राजपत्रित अधिकारी, Actor, Singer
कहते हैं कि विश्वकर्मा पंचाल ब्राह्मण हैं
ग्रामीण क्षेत्रों में इन्हें बढ़ई लोहार शर्मा विश्वकर्मा कहा जाता है जय विश्वकर्मा
Totally fek.
Vishvkarma ka pach putra ka jikra hai jo lohar badai thather cumhar sonar ye vishvbrahmin hai jo baki ke vansaj lagate aa rahe hai koi kam karne se pahle Inka Gyan hona jaruri hai nahi to tu bolne ke liyak nahi hota jispar aakar bak bak kar raha hai vo bhi inhi ka den hai shilpi Brahmin ka shudhar ja koi bhi tu hai pyar bat nafrat nahi
Kumhar nahi hote shilpi hote hai sahi jankari rakho
शिल्पी ब्राम्हण पत्थर का काम करते है । और कुम्हार मिट्टी का काम करते है
आप भाई साहब अपनी बात ही स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कृपया होम वर्क दोबारा करें