मैं आगरा विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र विषय में P.hD रहा हूं, मेरा Topic भी धर्म और आस्था से जुड़ा हुआ है,इस video से मुझे काफी मदद मिलेगी आगे भविष्य में ऐसे वीडियो लाते रहे, अच्छा लगता है,lallantop team को बहुत बहुत बधाई
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं, यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है। हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है । जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है। मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है, पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा। उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा । जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है। कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो। सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं। भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी। हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है। वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है। क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो। कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए। डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !! में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये। आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी, 1.Arpit explains 2.Shakeel Prem कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है। आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है। जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ? हमारी समझदारी हमारा इश्वर है। Coma movie Hindi dubbed फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग। Xnadu computer. स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है। आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत Sarco suicide capsule ! इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए। नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी। इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है। मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं। इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा। दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं, ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है। में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
@@shreyashp.6606 vo hi to Jo 5 logo ki thinking aur yeh video samjana chah rahe he vo tu samj rha he ... , Lekin tu dusre ke thinking kyu galat bata rha he fir ,tusre ke thinking sawal kyu utha rha he
@RahulChaudhari-g9i koi galat nhi bol rha hai, vo apne side ka sach aur logic bata raha hai, aap sach aur logic se kyu Darr Rahi ho? And kya dharmik log apne vichar spread nhi karte. Non believers/Nastikwaad ko immoral nahi samajhte? Khud dusro k thinking ko respect nhi karte , ye hippocracy kyu?
@shreyashp.6606 vo to Channel ne kyu dala ye video ? Hypocrisy paida hi nahi hoti , channel hamko challenge karna chah rha he ,aur hamene apna point rakha he samjha ,to hamare point ko kyu galat bola ja rha ye video se
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं, यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है। हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है । जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है। मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है, पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा। उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा । जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है। कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो। सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं। भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी। हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है। वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है। क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो। कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए। डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !! में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये। आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी, 1.Arpit explains 2.Shakeel Prem कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है। आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है। जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ? हमारी समझदारी हमारा इश्वर है। Coma movie Hindi dubbed फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग। Xnadu computer. स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है। आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत Sarco suicide capsule ! इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए। नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी। इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है। मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं। इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा। दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं, ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है। में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
धर्म और ईश्वर अलग-अलग चीजें हैं.. धर्म वैज्ञानिक और अवैज्ञानिक हो सकता है लेकिन ईश्वर को अस्वीकार कर पाना असंभव है। कुछ लोग सामान्य रुप से ईश्वर को स्वीकार करते जबकि कुछ लोग तभी करते हैं जब वो जीवन के अंतिम क्षण में होते हैं।
@@raimanvendrakumar momentum bnaa rehna chaiye bolte hai na kyuki jb tk momentum nhi bnega to destiny fix ho death bs yhi se hai khel maut satya hai but why??? Ans is (dar k bina preet khaa )
मानवता ही धर्म है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन आदि को भी तभी धार्मिक कह सकते हैं, यदि उनमें मानवता है। आस्तिक, वास्तविक, नास्तिक तीनों ही प्रकार के लोग धार्मिक हो सकते हैं, यदि उनमें मानवता है।
@@divysurana2122💯✅ wo to hai hi Sch aap ko nfrt ne hm sbke baap btaa diya 🐵 -->Human -->♾️ but (अन्तः अस्थि प्रारम्भ ) tmhari nfrt bhi human ko hanuman ji k upr nhi ja payi or whi ive+ energy me ho hi gya or us k peeche jo hai wo tm or peeche jaoge tb ptaa chle 🐵🔄♾️ yhi solve kr lo nfrt khtm ho jayegi jisko baap bol rhe ho kisi ka to sbse pehle wha khud k papa dikhenge 🙏( Jai shree Ram 🔄 Satya mev Jayate) truth always be truth khaa tk le kr jaoge apni nfrt apne andr hi khtm kr lo to apne papa me bandar or unhi me bhgwaan mil jayenge take care 🙏
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं, यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है। हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है । जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है। मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है, पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा। उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा । जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है। कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो। सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं। भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी। हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है। वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है। क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो। कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए। डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !! में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये। आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी, 1.Arpit explains 2.Shakeel Prem कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है। आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है। जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ? हमारी समझदारी हमारा इश्वर है। Coma movie Hindi dubbed फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग। Xnadu computer. स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है। आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत Sarco suicide capsule ! इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए। नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी। इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है। मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं। इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा। दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं, ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है। में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
सर आपने जो बाते बताई सब सही है. सिर्फ एक प्रोब्लेम है, और यह प्रोब्लेम पुरी दुनिया का है. और वह है धर्म और भक्ती मे के फर्क को समझना. आपने जाहा जाहा धर्म का नाम लिया है वहा असल मे भक्ती शब्द चाहिए था.
@@kishorwanjari9340 dharm without bhkti is not exist that's deep means jo spne me bhi nhi dekha uska prachar yha pure duniya me aisi koi cheez kbhi nhi dikhegi jo tum apni kalpna se bnaa skoo to bache ki nabhi se hi nikal skta h hwaa me hi to atm me hi upr jo hai wo i-ve energy k liye hai but lekin -ive hawy na ho jaye us kiye +ve 🔄 khel khelto rho
Dharm to logo ki help karna, Anger and greed ko control karna, apne kaam ko bina kisi ka ahit kiye apni puri lagan se krna hai. Baaki to sab Samooh hai alag tareeke se secure feel krne k liye.🙏
इतिहास गवाह है जब जब आचार्य प्रशान्त जैसे समाज सुधारकों ने सनातन धर्म की रुढ़ियों, ढोंग और आडंबरों पर चोट की है, तब तब धर्म के ठेकेदार दर्द से बिलबिला उठे हैं।
जब एक परिवार किसी मुखिया के बिना नहीं चल सकता चाहे कोई देश दुनिया ही क्यों न हो सभी के लिए कोई न कोई नेतृत्व कर्ता होता है तो आप कैसे कह सकते ये दुनिया ओर ब्रह्मांड किसी नेतृतकर्ता के बिना चल रहा है मूर्ख जैसी बाते। न करे भले ही हम ईश्वर के नहीं देखें है पर कोई तो जरूर है जो सुकुछ कर रहा है🙏🙏🙏🙏
Agyanta ne sabse pahle kisso or kahanio pe dharm gadhe fir jab dharm ki kuchh baate ghalat sabit hone lagi to ye apni baato ko esi direction me le gaye jaha dharmik baato ko double meaning me badal diya😂😂😂😂or kaha iska matalab bilkul jesa likha ya bataya gaya he wesa nahi he alag he🤣😅
Dharam nhi ye dar h jiska mind stable nhi reh pata uske liye h jo education ki value nhi samjhta adha dharam me h adha science me hamesha dar me rahega vo
Sapiens is the best book I have ever read. It cleared my logic, improved my critical thinking and increased my ability to argue with logic. Especially with andhbhakts. Great episode, loved it❤❤.
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं, यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है। हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है । जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है। मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है, पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा। उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा । जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है। कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो। सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं। भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी। हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है। वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है। क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो। कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए। डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !! में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये। आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी, 1.Arpit explains 2.Shakeel Prem कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है। आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है। जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ? हमारी समझदारी हमारा इश्वर है। Coma movie Hindi dubbed फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग। Xnadu computer. स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है। आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत Sarco suicide capsule ! इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए। नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी। इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है। मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं। इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा। दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं, ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है। में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
ये सारी बाते लैक ऑफ इंफोर्मेशन की वजह से होती है, हम लोग कही कहाई और सुनी सुनाई बातो पर ज्यादा विश्वास कर लेते है, जबकि असली यत जानने के लिए काफी मेहनत लगती है, फिर भी आने वाली पीढ़ियों से हम अपेक्षा रख सकते है की उनमे हमारे जंगली पण की निशानियाँ कम, जबकि विकसित देशों मे भी ये चीजे दिख ही रही है क्योकि एक समाज विशेष अभी पिछडा हुआ है और उनके अंदर भी इंफोर्मेशन का अभाव है, इसके लिए सरकारें भी जिम्मेदार होती है जो इंफोर्मेशन को अपने हित के लिए इस्तेमाल करती है और सही समय पर सही इंफोर्मेशन लोगो मे पहुँचने नही देती जिससे समाज समझ के प्रति संशय निर्माण होता है, और कई बार समाज सही जानकारी होने के बावजूद विरुद्ध परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है, क्योंकि मनुष्य प्राथमिक ता अपनी सुरक्षा के प्रति ज्यादा होती है, लालच और डर भी इसी से उत्पन्न होते है, जिसके वजह मनुष्य गलत निर्णय लेने के लिए प्रभावित होता है, और इसी धारणा ये बनती है, जबकि ईश्वर अस्तित्व क्वांतम् मेकैनिकस की उस पहेली के जैसा है जिसमे बिल्ली के मृत pq
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं, यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है। हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है । जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है। मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है, पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा। उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा । जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है। कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो। सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं। भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी। हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है। वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है। क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो। कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए। डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !! में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये। आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी, 1.Arpit explains 2.Shakeel Prem कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है। आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है। जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ? हमारी समझदारी हमारा इश्वर है। Coma movie Hindi dubbed फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग। Xnadu computer. स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है। आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत Sarco suicide capsule ! इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए। नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी। इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है। मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं। इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा। दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं, ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है। में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं, यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है। हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है । जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है। मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है, पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा। उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा । जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है। कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो। सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं। भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी। हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है। वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है। क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो। कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए। डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !! में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये। आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी, 1.Arpit explains 2.Shakeel Prem कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है। आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है। जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ? हमारी समझदारी हमारा इश्वर है। Coma movie Hindi dubbed फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग। Xnadu computer. स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है। आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत Sarco suicide capsule ! इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए। नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी। इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है। मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं। इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा। दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं, ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है। में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
@@samarshaikh7598 dunia bhar ki jaat pat apke dharm me hai..jhut bolna band kro...😂 Aur ye lo apni jatiya dekh lo सुन्नी, शिया, सूफ़ी,अहमदिया, वहाबी, सलाफ़ी, देवबंदी ,पठान, रिजवी, शेख़, सिद्दीकी, खान, मिर्ज़ा, कायस्थ, सैय्यद, भरसैया, भरसो,, कादियानी, खारजी, कुर्द, बहाई.
रोमियों 1:22-25 HINOVBSI [22] वे अपने आप को बुद्धिमान जताकर मूर्ख बन गए, [23] और अविनाशी परमेश्वर की महिमा को नाशवान् मनुष्य, और पक्षियों, और चौपायों, और रेंगनेवाले जन्तुओं की मूरत की समानता में बदल डाला। [24] इस कारण परमेश्वर ने उन्हें उनके मन की अभिलाषाओं के अनुसार अशुद्धता के लिये छोड़ दिया कि वे आपस में अपने शरीरों का अनादर करें। [25] क्योंकि उन्होंने परमेश्वर की सच्चाई को बदलकर झूठ बना डाला, और सृष्टि की उपासना और सेवा की, न कि उस सृजनहार की जो सदा धन्य है! आमीन। Book of Romans 1:22-25 (The Bible)
जहां तक सत्य क्या है यही जानने का प्रयास करना ही सबसे बड़ा धर्म है धर्म मतलब वह भगवान से मतलब होता है हीरो से समाज के महापुरुष कार्य से जो महापुरुष है जो न्याय के विरुद्ध लड़ता है जिसके अंदर जल से नहीं हो कोई भी किसी वस्तु के प्रति आ सकती नहीं हो लगाओ नहीं हो अटैचमेंट नहीं हुआ अटैचमेंट हो तो ऐसा अटैचमेंट हो जिसमें आपके दुख खत्म होते हो आनंद की प्राप्ति होती है अटैचमेंट किसी के प्रति स्वार्थ नहीं होना चाहिए 20 वॉट भावना होना चाहिए त्याग होना चाहिए प्रेम होना चाहिए होनी चाहिए तब आप भगवान है महापुरुषों से सुपर हीरो है भगवान शब्द सुपर हीरो शब्द महापुरुष शब्द एक ही है कोई गुरु बोल दे सच्चा गुरु सत्य की प्रतिमा आकर्षित होना प्रकृति ही अंतिम सत्य प्रकृति को किसी ने नहीं मनाई प्रकृति ही है किसी ने प्रकृति को बनाया तो वह भी प्रकृति है क्योंकि प्रकृति का काम है ही है जो प्राकृतिक घटनाएं होती है बनाना यानी प्राकृतिक घटना प्राकृतिक घटना तो कोई बोले कि भगवान ने प्रकृति को बनाया तो किसी भगवान ने प्रकृति को बनाया है तो वह भी प्रकृति हैक्योंकि प्रकृति अंतिम सत्य प्रकृति के बाहर कुछ नहीं प्रकृति अच्छी भी होती है बुरी भी होती है प्रकृति घर के अंदर अगर डस्टबिन है यानी डस्ट पड़ जाती है 1 साल तक अगर कैमरा बंद है तो वहां पर गंदगी पड़ जाएगी मकर जरा लग जाएगा तो वह भी प्रकृति है वह हम जो बाहर देखते हैं कितना सुंदर प्राकृतिक ना जा रहा है तो वह एनवायरमेंट कहलाता है आपका वामन कहलाता है यह भी पर करती है आपको कमेंट कर रहा हूं बोल रहा हूं मोबाइल में ऐसा फंक्शन करती है प्रकृति प्रकृति अनंत है प्रकृति को कृत्रिम भी बना सकते हैं अंतिम सत्य कृत्रिम बारिश की जवाबी प्रकृति ही है क्योंकि प्रकृति ने इंसान को चेतना दी है सूचना संबंधी शक्ति दे दीजिए वायुमंडल बना रहा हूं पर्यावरण बारिश करवा रहा आगे बना रहा यह भी प्रकृति प्रकृति से बड़ा कुछ नहीं है यह जान लो वह लोग मूर्ख है जो संप्रदाय यानी आपके यह मान्यताओं के लिए आपस में लड़ते आए हजारों साल से ट्रिप्स लड़ती रही कोई लड़ना भी एक प्रकृति ही है ऊपर उड़ जाता को ऊपर करती उसको शिकार करती है कि आप महापुरुष बन गए आप सत्य की तरफ आकर्षित हो गए आप पर करती की तरफ जाते हैं जिनको हमारे यहां क्लोज करने से बोला है वहां पर अब्राहम धर्म में उसको खुद बोला है उसकी तरफ जाना हमारा सत्य है बस और कुछ नहीं बाकी गलत फिलासफी एंड अंधविश्वास बढ़ता गया और कटता बढ़ती गई खास तो इब्राहिम रिलिजन में इस्लाम में वही हिंदुओं में देख लो तो ब्राह्मणवाद आता क्या लगातार ब्राह्मणवाद ऊंची नीची बढ़ती गई यहां पर भी करता था पूरी बढ़ रही है क्रिश्चियनिटी में करता काम हो गई इसलिए क्रिश्चियन कपड़ा लेना वह बेस्ट है
"Religion is the sigh of the oppressed creature, the heart of a heartless world, and the soul of soulless conditions. It is the opium of the people" Whole statement of Karl Marx
@@ashish_astro73Lala ,Ham to nahi manenge ,par ham ye bhi nahi jatey he earth kaise bani,Ye suraj kese bana , jupitar kaise bana ,tu kaise bana ,brain kaise bana ,Trees kaise bane , animals kaise bane ,Pani kaise bana ,aakash kaise bana ,bramhand kaise bana , Multiple universe kaise bane , sab Materials sona ,chandi, bronze,steel, Cement,Fattar,pahad,himalayas ,Baraf, atmosphere, oxygen, carbon dioxide,mythen ,propen ,Proton , neutron, galaxy, Starts ,black hole he ,tera matlab insaan ne banaye brahmand me jake 😂
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😢😢 क्योंकि बड़े पूंजीपतियों को धर्म से फायदा होता है। रोटी के बदले हम मजदूर काम करते रहे और जब अपने हक की बात हम मजदूर करते हैं तो आप जैसे अमीर लोग कहते हैं कि गरीबी कर्मों का फल है धर्म के अनुसार जियो तो अगले जन्म में तुम्हें अच्छा जीवन मिलेगा.... जब तक गरीबी है तब तक धर्म है...
मैं नही मानता की भगवान होता है ये सिर्फ कुछ इंसान अपने फायदा के लिए भगवान का रचना किया और दुःख इस बात की कुछ विषेस जाति के लोग भगवान नाम लेकर कुछ लोगों को सताते भी हैं 😢😢
I believe there's a distinction between faith and religion. Faith is personal-it’s about trust, hope, and a connection to something greater. Religion, on the other hand, is an organized system of beliefs, often shaped by institutions. One can have deep faith without subscribing to a specific religion, and one can follow a religion without truly feeling faith. The two may overlap, but they are not the same.
I am very happy to know that heaven is not above but it is established here in this India when the era of Kaliyug ends. That is why India is called the golden bird.
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं, यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है। हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है । जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है। मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है, पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा। उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा । जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है। कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो। सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं। भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी। हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है। वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है। क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो। कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए। डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !! में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये। आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी, 1.Arpit explains 2.Shakeel Prem कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है। आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है। जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ? हमारी समझदारी हमारा इश्वर है। Coma movie Hindi dubbed फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग। Xnadu computer. स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है। आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत Sarco suicide capsule ! इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए। नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी। इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है। मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं। इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा। दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं, ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है। में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
Bahut jaruri hai insan ko jagaruk hone ka ........ dharma kya ishe samjhne jaruri hai na ki insano ke batayi gayi darane vali dharma ko batake apsa ne khali ladaya ja raha aur baki jo hai vo niyantran duniya pe kar rahe....jago insan jago
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं, यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है। हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है । जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है। मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है, पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा। उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा । जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है। कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो। सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं। भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी। हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है। वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है। क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो। कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए। डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !! में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये। आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी, 1.Arpit explains 2.Shakeel Prem कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है। आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है। जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ? हमारी समझदारी हमारा इश्वर है। Coma movie Hindi dubbed फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग। Xnadu computer. स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है। आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत Sarco suicide capsule ! इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए। नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी। इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है। मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं। इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा। दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं, ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है। में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
Haa to bhai dam hai to dharm ko galat saabit karde tarko se ,, hajaaro tarkwaadi aaye, hajaaro chale gaye dharm ko kuchh fark nahi pada ... Hamesa ulta Dharm majboor huwa hai tarkvadiyo se
रा.वन में राम बोध उत्पन्न हो , कंस रूपी विकारों मे और धृतराष्ट्र रूपी मोह में कृष्ण रूप बोध उत्पन्न हो - उंगलि माल में बुद्ध रूपी बोध उत्पन्न करदे, चेतना की उस अवस्था को धर्म कहा जाता है। ● आदर्शों ने कोई पंथ सम्प्रदाय नहीं बनाया उनके जाने के बाद पाखंड ने संप्रदाय बनाए, लोगों को उनके नाम गुलाम किया, जो स्वतंत्रता देकर गए उनके नाम आज लोग मानसिक गुलाम है।
रा.वन में राम बोध उत्पन्न हो , कंस रूपी विकारों मे और धृतराष्ट्र रूपी मोह में कृष्ण रूप बोध उत्पन्न हो - उंगलि माल में बुद्ध रूपी बोध उत्पन्न करदे, चेतना की उस अवस्था को धर्म कहा जाता है। ● आदर्शों ने कोई पंथ सम्प्रदाय नहीं बनाया उनके जाने के बाद पाखंड ने संप्रदाय बनाए, लोगों को उनके नाम गुलाम किया, जो स्वतंत्रता देकर गए उनके नाम आज लोग मानसिक गुलाम है।
मैं आगरा विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र विषय में P.hD रहा हूं, मेरा Topic भी धर्म और आस्था से जुड़ा हुआ है,इस video से मुझे काफी मदद मिलेगी आगे भविष्य में ऐसे वीडियो लाते रहे, अच्छा लगता है,lallantop team को बहुत बहुत बधाई
Neurosociology
सेपियंस पढ़ लीजिए।।। नजरिया बदल जायेगा
🇬🇧 Britisher's Education should be closed in India 📚
@@Gkfactshindii Haan bhai main bhi khareedne wala hoon Sapiens
Sapiens charles Darwin ki book hai?
अच्छा लगा आकाश और कुलदीप सर का समाज सुधार के प्रति दार्शनिक दृष्टिकोण का निचोड़।
ये धार्मिक लोगो के बजे से ना जाने कितनी जाने गई, देश ही नहीं पूरी दुनिया उजाड़ दी गई। फिर भी सुधरते नही। दुनिया का विनाश इन्ही लोगो के बजे से होगा।
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं,
यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है।
हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है ।
जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है।
मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है,
पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा।
उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा ।
जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है।
कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो।
सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं।
भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी।
हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है।
वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है।
क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो।
कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए।
डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !!
में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये।
आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी,
1.Arpit explains
2.Shakeel Prem
कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है।
आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है।
जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ?
हमारी समझदारी हमारा इश्वर है।
Coma movie Hindi dubbed
फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग।
Xnadu computer.
स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है।
आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत
Sarco suicide capsule !
इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए।
नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी।
इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है।
मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं।
इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा।
दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं,
ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है।
में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
Tu kis dharm me manta hai ye bhi bata de bakwaas karna aasan hota hai😂
Humanity ❤@@sk21719
जनाब! धर्म को जीने के लिए स्वभाव से पार जाने की कला आनी चाहिए। स्वभाव के नीचे रहने पर सब राजनीति है, धर्म कदापि नहीं। सत्यमेव जयते।हर हर महादेव।।
Bhai ne total right baat boli hai ❤ I am agree 👍💯
Ek bhi tarq bharat se nahi 😂
Samajhdaar log samaj jaate hai, exact example ki jarurat nahi@@RahulChaudhari-g9i
@@shreyashp.6606 vo hi to Jo 5 logo ki thinking aur yeh video samjana chah rahe he vo tu samj rha he ... , Lekin tu dusre ke thinking kyu galat bata rha he fir ,tusre ke thinking sawal kyu utha rha he
@RahulChaudhari-g9i koi galat nhi bol rha hai, vo apne side ka sach aur logic bata raha hai, aap sach aur logic se kyu Darr Rahi ho? And kya dharmik log apne vichar spread nhi karte. Non believers/Nastikwaad ko immoral nahi samajhte? Khud dusro k thinking ko respect nhi karte , ye hippocracy kyu?
@shreyashp.6606 vo to Channel ne kyu dala ye video ? Hypocrisy paida hi nahi hoti , channel hamko challenge karna chah rha he ,aur hamene apna point rakha he samjha ,to hamare point ko kyu galat bola ja rha ye video se
भगवान कहीं नही है केवल कल्पना मात्र है ।
Chal na 🤡
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं,
यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है।
हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है ।
जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है।
मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है,
पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा।
उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा ।
जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है।
कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो।
सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं।
भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी।
हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है।
वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है।
क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो।
कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए।
डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !!
में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये।
आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी,
1.Arpit explains
2.Shakeel Prem
कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है।
आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है।
जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ?
हमारी समझदारी हमारा इश्वर है।
Coma movie Hindi dubbed
फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग।
Xnadu computer.
स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है।
आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत
Sarco suicide capsule !
इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए।
नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी।
इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है।
मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं।
इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा।
दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं,
ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है।
में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
मूर्खो में आत्मविश्वस बहूत अधिक होता है अग्यन्ता वश वो ये नही जानते अल्बर्ट इस्टीन भी आत्मविश्वस से ये बात नही बोले कभी जो आप ने बोली
Or allah, kaha hai
@amitghosh8140 वो भी नहीं है
बहुत खूब लिखा आकाश ने🎉
धर्म और ईश्वर अलग-अलग चीजें हैं..
धर्म वैज्ञानिक और अवैज्ञानिक हो सकता है लेकिन ईश्वर को अस्वीकार कर पाना असंभव है। कुछ लोग सामान्य रुप से ईश्वर को स्वीकार करते जबकि कुछ लोग तभी करते हैं जब वो जीवन के अंतिम क्षण में होते हैं।
सच में आसान भाषा में ❤ Mr.Kuldeep & Mr. Aakash - मेहनत खुब रंग लाई। ❤
“Use the momentum, keep the energy and keep the flow” हम घूम चुके बस्ती बन मे-एक आस की फास लिए मन मे.. .
❤❤
@@raimanvendrakumar momentum bnaa rehna chaiye bolte hai na kyuki jb tk momentum nhi bnega to destiny fix ho death bs yhi se hai khel maut satya hai but why??? Ans is (dar k bina preet khaa )
मानवता ही धर्म है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन आदि को भी तभी धार्मिक कह सकते हैं, यदि उनमें मानवता है। आस्तिक, वास्तविक, नास्तिक तीनों ही प्रकार के लोग धार्मिक हो सकते हैं, यदि उनमें मानवता है।
Facts
👌👌👌👌
That's the right way solving sorry( Finding) this mysterious ♾️ to ♾️ (सत्यमेव जयते)
Fir to ye bandar 🐒 baap maanne waale jaanvar kis catagory me aayenge ???
@@divysurana2122💯✅ wo to hai hi Sch aap ko nfrt ne hm sbke baap btaa diya 🐵 -->Human -->♾️ but (अन्तः अस्थि प्रारम्भ ) tmhari nfrt bhi human ko hanuman ji k upr nhi ja payi or whi ive+ energy me ho hi gya or us k peeche jo hai wo tm or peeche jaoge tb ptaa chle 🐵🔄♾️ yhi solve kr lo nfrt khtm ho jayegi jisko baap bol rhe ho kisi ka to sbse pehle wha khud k papa dikhenge 🙏( Jai shree Ram 🔄 Satya mev Jayate) truth always be truth khaa tk le kr jaoge apni nfrt apne andr hi khtm kr lo to apne papa me bandar or unhi me bhgwaan mil jayenge take care 🙏
कर्म ही पूजा है ❤
शब्दों का चयन बहुत अच्छी तरह से किया गया है, बहुत बढ़िया ❤
धर्म धर्म के लिए हजारो सालो से लढ राहा इन्सान. पर सबसे बडा मानव धर्म वही भूल गया हैं..... दुर्भाग्य हैं.
आपका रिर्पोटिग बहुत अच्छा लगा।
ये प्रयास जारी रहे. ये बातें बहुत लोगों की आंखे खेलेंगी. 👍👍
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं,
यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है।
हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है ।
जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है।
मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है,
पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा।
उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा ।
जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है।
कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो।
सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं।
भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी।
हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है।
वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है।
क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो।
कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए।
डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !!
में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये।
आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी,
1.Arpit explains
2.Shakeel Prem
कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है।
आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है।
जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ?
हमारी समझदारी हमारा इश्वर है।
Coma movie Hindi dubbed
फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग।
Xnadu computer.
स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है।
आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत
Sarco suicide capsule !
इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए।
नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी।
इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है।
मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं।
इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा।
दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं,
ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है।
में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
धर्म ने हमेशा ही इंसान का मार्ग प्रशस्त किया है। धर्म केवल आध्यात्म तक सीमित नहीं है उसका दायरा तो ज्ञान विज्ञान से भी कही ज्यादा विस्तृत है।
प्रकृति ही सबसे बड़ा भगवान है 💯,,,,,
Nature God nahi hai.
Balki God boh hai jisnai Nature 🌿🍃ko banaya.
Aur ye bol kahn raha hai usi prakarti ka ansh ya ya prakrati ko banane wala
@@sohailkhan-b2z6pkon sa god hai jo Nature ko banaya bta de????....
Nature ke pass consciousness nahi hai
@@armanmaliktrt2902 toh kon se allah ke pass hai 😂😂😂👍.....
सर आपने जो बाते बताई सब सही है. सिर्फ एक प्रोब्लेम है, और यह प्रोब्लेम पुरी दुनिया का है. और वह है धर्म और भक्ती मे के फर्क को समझना. आपने जाहा जाहा धर्म का नाम लिया है वहा असल मे भक्ती शब्द चाहिए था.
@@kishorwanjari9340 dharm without bhkti is not exist that's deep means jo spne me bhi nhi dekha uska prachar yha pure duniya me aisi koi cheez kbhi nhi dikhegi jo tum apni kalpna se bnaa skoo to bache ki nabhi se hi nikal skta h hwaa me hi to atm me hi upr jo hai wo i-ve energy k liye hai but lekin -ive hawy na ho jaye us kiye +ve 🔄 khel khelto rho
@FitElvish सबसे पहले भाईसाहाब धर्म क्या है? इसे समझ लो.
Dharm to logo ki help karna, Anger and greed ko control karna, apne kaam ko bina kisi ka ahit kiye apni puri lagan se krna hai. Baaki to sab Samooh hai alag tareeke se secure feel krne k liye.🙏
इतिहास गवाह है जब जब आचार्य प्रशान्त जैसे समाज सुधारकों ने सनातन धर्म की रुढ़ियों, ढोंग और आडंबरों पर चोट की है, तब तब धर्म के ठेकेदार दर्द से बिलबिला उठे हैं।
शानदार वीडियो!!! Another star in Lallantop legacy! ❤
Beautifully crafted by Aakash. And presented by the host.
Launguage & body language, दिलचस्प है।😊
Kuldeep Bhai aapka awaaz ke sath sath aapka samjhane ka tarika bhi bahut Dumdaaaaaaar hai
To kab band kr rha hai halala aur khtna
सरल शब्दों एवं आसान उदाहरण में आपने जटिल विषय को समझा दिया अदभुत। ❤
जय सियाराम
🤔🤔🤔
😂
Ram hamme se hi koi h
Itna samjhne ke baad dimag me kuch ghusa nhi .....😅😅😅😅 To nikla jay shiya raam😅😅
@@shehnawazansari8710और अल्लाह.. या मोहम्मद साहब वो आपमें से कोई नहीं है ..?
Aaj Tak ka sabse vegyanik drishti kon wala video well done 👍
इसका मतलब इंसान बंदर जितना भी समझदार नहीं 😂😂
Kuldeep ji का वीडियो बहुत ही सुन्दर और informative होता है.
बहुत बधाई lallantop के psenters और deep researchers ....❤👍👍
Bahut acha hai.👌👌👌Or video le ke aana. Philosophy pe.
Waah....one of the best episodes of Lallantop
कुलदीप आपकी आवाज़ मे भाषा थोड़ी कठिन भी कभी कहीं हो जाय तो भी आसान ही लगती है। बहुत अच्छा बोलते हैं।
इसमें रिसर्च दिखा अच्छा लगा बहुत बहुत धन्यवाद लल्लन टॉप लगा
अज्ञानता ही ईश्वर और धर्म को जन्म करता है
Achha
Gyani Purushottam
Aapne kis chiz ka Avishkar kiya h
Kaunsi agyanta youTube video dekhkar hi gyan hoga ya apne aap mai jhankar gyan milega bolo
Khtna aur halala ko kisne jnm dia
जब एक परिवार किसी मुखिया के बिना नहीं चल सकता चाहे कोई देश दुनिया ही क्यों न हो सभी के लिए कोई न कोई नेतृत्व कर्ता होता है तो आप कैसे कह सकते ये दुनिया ओर ब्रह्मांड किसी नेतृतकर्ता के बिना चल रहा है मूर्ख जैसी बाते। न करे
भले ही हम ईश्वर के नहीं देखें है पर कोई तो जरूर है जो सुकुछ कर रहा है🙏🙏🙏🙏
Agyanta ne sabse pahle kisso or kahanio pe dharm gadhe fir jab dharm ki kuchh baate ghalat sabit hone lagi to ye apni baato ko esi direction me le gaye jaha dharmik baato ko double meaning me badal diya😂😂😂😂or kaha iska matalab bilkul jesa likha ya bataya gaya he wesa nahi he alag he🤣😅
बेहतरीन! कुलदीप सरदार 🤙🤙
Dharam nhi ye dar h jiska mind stable nhi reh pata uske liye h jo education ki value nhi samjhta adha dharam me h adha science me hamesha dar me rahega vo
Facts mere Jessa 😂
Jis din insan ka dar khatam us din insan bhi khatm ...... Dar insano ke jine ka sahara hai uske bina insaan survive nahi kar sakta
Sapiens is the best book I have ever read. It cleared my logic, improved my critical thinking and increased my ability to argue with logic. Especially with andhbhakts.
Great episode, loved it❤❤.
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं,
यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है।
हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है ।
जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है।
मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है,
पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा।
उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा ।
जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है।
कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो।
सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं।
भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी।
हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है।
वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है।
क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो।
कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए।
डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !!
में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये।
आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी,
1.Arpit explains
2.Shakeel Prem
कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है।
आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है।
जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ?
हमारी समझदारी हमारा इश्वर है।
Coma movie Hindi dubbed
फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग।
Xnadu computer.
स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है।
आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत
Sarco suicide capsule !
इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए।
नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी।
इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है।
मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं।
इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा।
दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं,
ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है।
में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
धर्म एक ही है सनातन
बाकी सारे पंथ या मजहब है
The realist azad , Science journey, atheist army
Kaa naam suna hai😂
Mazhab sirf Islam hai …baaki sab panth aur dharm hai sirf
बहुत अच्छे से समझाया आपने, धन्यवाद 😊❤
Great work.
बच्चे के दिमाग़ मे बचपन से यही धर्म और ईश्वर डाला जाता है जो की उसके दिमाग़ को मानसिक रूप से गुलाम बना देता है..
ये सारी बाते लैक ऑफ इंफोर्मेशन की वजह से होती है, हम लोग कही कहाई और सुनी सुनाई बातो पर ज्यादा विश्वास कर लेते है, जबकि असली यत जानने के लिए काफी मेहनत लगती है, फिर भी आने वाली पीढ़ियों से हम अपेक्षा रख सकते है की उनमे हमारे जंगली पण की निशानियाँ कम, जबकि विकसित देशों मे भी ये चीजे दिख ही रही है क्योकि एक समाज विशेष अभी पिछडा हुआ है और उनके अंदर भी इंफोर्मेशन का अभाव है, इसके लिए सरकारें भी जिम्मेदार होती है जो इंफोर्मेशन को अपने हित के लिए इस्तेमाल करती है और सही समय पर सही इंफोर्मेशन लोगो मे पहुँचने नही देती जिससे समाज समझ के प्रति संशय निर्माण होता है, और कई बार समाज सही जानकारी होने के बावजूद विरुद्ध परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है, क्योंकि मनुष्य प्राथमिक ता अपनी सुरक्षा के प्रति ज्यादा होती है, लालच और डर भी इसी से उत्पन्न होते है, जिसके वजह मनुष्य गलत निर्णय लेने के लिए प्रभावित होता है, और इसी धारणा ये बनती है, जबकि ईश्वर अस्तित्व क्वांतम् मेकैनिकस की उस पहेली के जैसा है जिसमे बिल्ली के मृत pq
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं,
यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है।
हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है ।
जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है।
मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है,
पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा।
उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा ।
जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है।
कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो।
सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं।
भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी।
हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है।
वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है।
क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो।
कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए।
डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !!
में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये।
आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी,
1.Arpit explains
2.Shakeel Prem
कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है।
आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है।
जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ?
हमारी समझदारी हमारा इश्वर है।
Coma movie Hindi dubbed
फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग।
Xnadu computer.
स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है।
आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत
Sarco suicide capsule !
इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए।
नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी।
इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है।
मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं।
इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा।
दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं,
ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है।
में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
बहुत ही अच्छी जानकारी आकाश जी।
Knowledge ki kami aur insaan ki kamjori aur nakami hai religion ka base .
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं,
यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है।
हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है ।
जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है।
मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है,
पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा।
उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा ।
जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है।
कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो।
सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं।
भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी।
हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है।
वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है।
क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो।
कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए।
डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !!
में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये।
आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी,
1.Arpit explains
2.Shakeel Prem
कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है।
आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है।
जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ?
हमारी समझदारी हमारा इश्वर है।
Coma movie Hindi dubbed
फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग।
Xnadu computer.
स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है।
आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत
Sarco suicide capsule !
इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए।
नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी।
इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है।
मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं।
इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा।
दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं,
ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है।
में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
शानदार एपिसोड।
बधाई।
धर्म से दिक्कत नहीं है धर्म में जो भेदभाव है ऊच नीच है दिक्कत वहाँ है
Bhedbhav selfish logo ne kiya apne swarth ke liye.
@@shreyashn1809fir to dunia ka sara dharm me ye h
Islam m bhed bhav nahi h
@@samarshaikh7598 dunia bhar ki jaat pat apke dharm me hai..jhut bolna band kro...😂
Aur ye lo apni jatiya dekh lo
सुन्नी, शिया, सूफ़ी,अहमदिया, वहाबी, सलाफ़ी, देवबंदी ,पठान, रिजवी, शेख़, सिद्दीकी, खान, मिर्ज़ा, कायस्थ, सैय्यद, भरसैया, भरसो,, कादियानी, खारजी, कुर्द, बहाई.
@@samarshaikh7598 सुन्नी, शिया, सूफ़ी, jhuth bolna band kro
Aur ye lo apni jatiya dekh lo
अहमदिया, वहाबी, सलाफ़ी, देवबंदी ,पठान, रिजवी, शेख़, सिद्दीकी, खान, मिर्ज़ा, कायस्थ, सैय्यद, भरसैया, भरसो,, कादियानी, खारजी, कुर्द, बहाई.
Behtreen ❤❤❤❤❤❤❤
रोमियों 1:22-25 HINOVBSI
[22] वे अपने आप को बुद्धिमान जताकर मूर्ख बन गए, [23] और अविनाशी परमेश्वर की महिमा को नाशवान् मनुष्य, और पक्षियों, और चौपायों, और रेंगनेवाले जन्तुओं की मूरत की समानता में बदल डाला। [24] इस कारण परमेश्वर ने उन्हें उनके मन की अभिलाषाओं के अनुसार अशुद्धता के लिये छोड़ दिया कि वे आपस में अपने शरीरों का अनादर करें। [25] क्योंकि उन्होंने परमेश्वर की सच्चाई को बदलकर झूठ बना डाला, और सृष्टि की उपासना और सेवा की, न कि उस सृजनहार की जो सदा धन्य है! आमीन।
Book of Romans 1:22-25 (The Bible)
जहां तक सत्य क्या है यही जानने का प्रयास करना ही सबसे बड़ा धर्म है धर्म मतलब वह भगवान से मतलब होता है हीरो से समाज के महापुरुष कार्य से जो महापुरुष है जो न्याय के विरुद्ध लड़ता है जिसके अंदर जल से नहीं हो कोई भी किसी वस्तु के प्रति आ सकती नहीं हो लगाओ नहीं हो अटैचमेंट नहीं हुआ अटैचमेंट हो तो ऐसा अटैचमेंट हो जिसमें आपके दुख खत्म होते हो आनंद की प्राप्ति होती है अटैचमेंट किसी के प्रति स्वार्थ नहीं होना चाहिए 20 वॉट भावना होना चाहिए त्याग होना चाहिए प्रेम होना चाहिए होनी चाहिए तब आप भगवान है महापुरुषों से सुपर हीरो है भगवान शब्द सुपर हीरो शब्द महापुरुष शब्द एक ही है कोई गुरु बोल दे सच्चा गुरु सत्य की प्रतिमा आकर्षित होना प्रकृति ही अंतिम सत्य प्रकृति को किसी ने नहीं मनाई प्रकृति ही है किसी ने प्रकृति को बनाया तो वह भी प्रकृति है क्योंकि प्रकृति का काम है ही है जो प्राकृतिक घटनाएं होती है बनाना यानी प्राकृतिक घटना प्राकृतिक घटना तो कोई बोले कि भगवान ने प्रकृति को बनाया तो किसी भगवान ने प्रकृति को बनाया है तो वह भी प्रकृति हैक्योंकि प्रकृति अंतिम सत्य प्रकृति के बाहर कुछ नहीं प्रकृति अच्छी भी होती है बुरी भी होती है प्रकृति घर के अंदर अगर डस्टबिन है यानी डस्ट पड़ जाती है 1 साल तक अगर कैमरा बंद है तो वहां पर गंदगी पड़ जाएगी मकर जरा लग जाएगा तो वह भी प्रकृति है वह हम जो बाहर देखते हैं कितना सुंदर प्राकृतिक ना जा रहा है तो वह एनवायरमेंट कहलाता है आपका वामन कहलाता है यह भी पर करती है आपको कमेंट कर रहा हूं बोल रहा हूं मोबाइल में ऐसा फंक्शन करती है प्रकृति प्रकृति अनंत है प्रकृति को कृत्रिम भी बना सकते हैं अंतिम सत्य कृत्रिम बारिश की जवाबी प्रकृति ही है क्योंकि प्रकृति ने इंसान को चेतना दी है सूचना संबंधी शक्ति दे दीजिए वायुमंडल बना रहा हूं पर्यावरण बारिश करवा रहा आगे बना रहा यह भी प्रकृति प्रकृति से बड़ा कुछ नहीं है यह जान लो वह लोग मूर्ख है जो संप्रदाय यानी आपके यह मान्यताओं के लिए आपस में लड़ते आए हजारों साल से ट्रिप्स लड़ती रही कोई लड़ना भी एक प्रकृति ही है ऊपर उड़ जाता को ऊपर करती उसको शिकार करती है कि आप महापुरुष बन गए आप सत्य की तरफ आकर्षित हो गए आप पर करती की तरफ जाते हैं जिनको हमारे यहां क्लोज करने से बोला है वहां पर अब्राहम धर्म में उसको खुद बोला है उसकी तरफ जाना हमारा सत्य है बस और कुछ नहीं बाकी गलत फिलासफी एंड अंधविश्वास बढ़ता गया और कटता बढ़ती गई खास तो इब्राहिम रिलिजन में इस्लाम में वही हिंदुओं में देख लो तो ब्राह्मणवाद आता क्या लगातार ब्राह्मणवाद ऊंची नीची बढ़ती गई यहां पर भी करता था पूरी बढ़ रही है क्रिश्चियनिटी में करता काम हो गई इसलिए क्रिश्चियन कपड़ा लेना वह बेस्ट है
Nature is big god
Who made nature 😂
Hinaelf
Who made god 😂😂😂@@sirchaudhari2861
@@sirchaudhari2861you save nature and nature save you it is reality no one god save you....
@@sirchaudhari2861 who made god then? 😁🤣
बेहतरीन जानकारी है
India should be a spritual hub.
It was.
But invaders made India poor. And people made those invaders their daddy.
Thank you Kuldeep bhai
"Religion is the sigh of the oppressed creature, the heart of a heartless world, and the soul of soulless conditions. It is the opium of the people"
Whole statement of Karl Marx
Marx💩
0:40 Kya Line Hai😮
Wow what a explanation ❤
Bahut sahi kaha aapne
Awesome explaination ❤
Very helpful and educational video
Great writing Aakas.
🍆
Very nice topic .....badi baat chhote lafzo me .....bhut khoob..🎉🎉❤❤❤
Ram Ram Ram,Radha Radha Radha Radha , Krishna Krishna Krishna
Frustration 😂
@@ashish_astro73Lala ,Ham to nahi manenge ,par ham ye bhi nahi jatey he earth kaise bani,Ye suraj kese bana , jupitar kaise bana ,tu kaise bana ,brain kaise bana ,Trees kaise bane , animals kaise bane ,Pani kaise bana ,aakash kaise bana ,bramhand kaise bana , Multiple universe kaise bane , sab Materials sona ,chandi, bronze,steel, Cement,Fattar,pahad,himalayas ,Baraf, atmosphere, oxygen, carbon dioxide,mythen ,propen ,Proton , neutron, galaxy, Starts ,black hole he ,tera matlab insaan ne banaye brahmand me jake 😂
@@ashish_astro73 ,Ham to nahi manenge ,par ham ye bhi nahi jatey he earth kaise bani,Ye suraj kese bana , jupitar kaise bana ,tu kaise bana ,brain kaise bana ,Trees kaise bane , animals kaise bane ,Pani kaise bana ,aakash kaise bana ,bramhand kaise bana , Multiple universe kaise bane , sab Materials sona ,chandi, bronze,steel, Cement,Fattar,pahad,himalayas ,Baraf, atmosphere, oxygen, carbon dioxide,mythen ,propen ,Proton , neutron, galaxy, Starts ,black hole he ,tera matlab insaan ne banaye brahmand me jake 😂
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@ashish_astro73 Ham to nahi manenge ,par ham ye bhi nahi jatey he earth kaise bani,Ye suraj kese bana , jupitar kaise bana ,tu kaise bana ,brain kaise bana ,Trees kaise bane , animals kaise bane ,Pani kaise bana ,aakash kaise bana ,bramhand kaise bana , Multiple universe kaise bane , sab Materials sona ,chandi, bronze,steel, Cement,Fattar,pahad,himalayas ,Baraf, atmosphere, oxygen, carbon dioxide,mythen ,propen ,Proton , neutron, galaxy, Starts ,black hole he ,tera matlab insaan ne banaye brahmand me jake 😂
Good " Food for Thought"!😉👍
क्योंकि अधिकांशतः लोग डरपोक हैं
Jai shree ram ❤
🤔🤔🤔
😢😢 क्योंकि बड़े पूंजीपतियों को धर्म से फायदा होता है। रोटी के बदले हम मजदूर काम करते रहे और जब अपने हक की बात हम मजदूर करते हैं तो आप जैसे अमीर लोग कहते हैं कि गरीबी कर्मों का फल है धर्म के अनुसार जियो तो अगले जन्म में तुम्हें अच्छा जीवन मिलेगा....
जब तक गरीबी है तब तक धर्म है...
It's cycle mere jaan ,😢
कोई चोरी क्यों करता है???
क्योंकि किसी के पास अकूत दौलत है और किसी के पास कुछ नहीं
हत्या क्यों करता है?
क्योंकि समाज में न्याय की व्यवस्था नहीं..
Kisi Ameer ne aisa nahi bola.. tujhko kaam karna hai nahi or yaha nautanki kar raha hai
Khud Ke mehnat se bhi Amir Ban sakte hain....
@@SanjuKumar-qd7bqbhai Tum Rona dhona band karo.. 😂😂😂
Hardwork or Smart work karo
Tum kaun se centure Mein Jee rahe ho....
पुरी दुनिया मे अबतक धर्म के नाम पर ही इन्सानो का खून ज्यादा बहा है.
Jai shri Ram ❤
Happy to see them talking about those books. People need to know.
Right 👌👍
Jabardast analysis 👌👌
Great information
@kuldeep ji ko namaskaar. Ye episode bahut acchaa laga. In kitaabon pe bhi koi episode banaiye.
बहुत बढ़िया समझाया
आचार्य प्रशांत को सुनिये बिल्कुल क्रिस्टल क्लियर हो जायेगा मज़ा ही आ जायेगा उनके साथ गीता और उपनिषद पढ़कर। 😊😊
Superb documentation
@@hemantsharmaupreti7610 only vedeshi theory,jinko Guru man bethe ye log 😂 vo bole to bat sacchi baki sab jhothe
मैं नही मानता की भगवान होता है ये सिर्फ कुछ इंसान अपने फायदा के लिए भगवान का रचना किया और दुःख इस बात की कुछ विषेस जाति के लोग भगवान नाम लेकर कुछ लोगों को सताते भी हैं 😢😢
I believe there's a distinction between faith and religion. Faith is personal-it’s about trust, hope, and a connection to something greater. Religion, on the other hand, is an organized system of beliefs, often shaped by institutions. One can have deep faith without subscribing to a specific religion, and one can follow a religion without truly feeling faith. The two may overlap, but they are not the same.
Good 💯
People like you are needed in this ignorant world. Thank you for being a well read person.
Great work... highly appreciated
Good Massage
Excellent content and presentation ✌️👌👌👌💯
Thanks Sir.
Religion is the placebo in humanities, Drs also practice in our patients 🎉
इसलिए ये मत सोचना कि यह कार्य मै क्यो किया जहां जो सटीक बैठे वहां वही करना होता है। कारण + मजबुरी कार्य
Bahut badhiya 👌👏
Kuldeep Bhai explains very well 👍🙏🙏
Concept bahut accha tha bahut acche se samajh aaya
Nice Topic 👍
Bahut sundar dhanywad kuldeep bhai
Bahot badiya 👍
Best channel for all knowledge ❤
I am very happy to know that heaven is not above but it is established here in this India when the era of Kaliyug ends. That is why India is called the golden bird.
बहुत अच्छा लगा
Correction- Max Weber was not a Phenomenologist, he was an Hermeneutic thinker who followed Verstehen Approch.
Very well explained sir, thank you ❤
Plz make next vdo on how to get rid of religion conflicts?
Chinese academy of sciences institute of psychology
Biological psychology
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं,
यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है।
हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है ।
जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है।
मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है,
पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा।
उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा ।
जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है।
कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो।
सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं।
भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी।
हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है।
वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है।
क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो।
कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए।
डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !!
में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये।
आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी,
1.Arpit explains
2.Shakeel Prem
कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है।
आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है।
जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ?
हमारी समझदारी हमारा इश्वर है।
Coma movie Hindi dubbed
फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग।
Xnadu computer.
स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है।
आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत
Sarco suicide capsule !
इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए।
नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी।
इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है।
मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं।
इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा।
दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं,
ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है।
में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
Bahut jaruri hai insan ko jagaruk hone ka ........ dharma kya ishe samjhne jaruri hai na ki insano ke batayi gayi darane vali dharma ko batake apsa ne khali ladaya ja raha aur baki jo hai vo niyantran duniya pe kar rahe....jago insan jago
मैने समाजशास्त्र में मास्टर की है। मेरी मानसिकता हमेशा इसी सोच को लेकर रहती है। धर्म हमे तर्क पर पहुंचने के बजाय संतुष्टि देता है।
दुनिया में भगवान नहीं है लेकिन राक्षस जरूर है। लोग खराब दुर्दशा के अनुसार खराब कृत्य करें तब तक सही है, लेकिन वह स्वयं भी खराब कृत्य करें और दुसरे ना करे उसे परेशान करते हैं,
यह बर्दाश्त नहीं हो सकता। राक्षसों का यही एक अवगुण है। राक्षस वह है जों दुष्ट विचार रखता है। भगवान हमारे मन का भ्रम है।
हमारा दिमाग कीसी अधुरे को पूरा करने के लिए बहुत अग्रेसर रहता है ।
जैसे, कोई अधुरी बात,अधुरा मकान, अधुरा धंधा पुरा करने के लिए हमारा शरीर भले एक प्रयास ना करें, लेकिन दिमाग लाख प्रयत्न करके कोई एक सही निर्णय तक पहुंचता है।
मानव सभ्यता कितनी पुरानी है, इसका ठोस प्रमाण नही है लेकिन वह बहुत बहुत पुरानी है,
पहले किसी व्यक्ति ने आकाश में देखकर तारों के देखाव के अनुसार नाम नक्की किया होगा।
उसकी विचार रचना के आधार पर ,दुसरे व्यक्ति के दिमाग में नया विचार आया होगा। उसने वहां की स्थिति की कल्पना की होगी। ऐसे बहुत लोगों की कल्पनाएं इकठ्ठी होकर कागज़ पे छपकर कीसी और एक इंसान के दिमाग में द्रष्टि द्वारा दिमाग में उतरकर नयी कल्पना ने आकार लिया होगा। एसा होते होते आज दिमाग ने वास्तविकता का अनुमान करने की कला को जान लिया होगा ।
जैसे, कोई मशीन का नया अपडेट आता रहता है।
कोई कहता है कि मैं ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं, यह सपना हो सकता है, जो पहले से दुसरे लोगो के बनाए गए विचारों और देखें गए द्रष्यों की स्मृतियों को मिलाकर कोई वास्तविक भ्रम पैदा करता हो।
सपने विचारों पर निर्भर रहते हैं।
भ्रम नक़ली भी होता है और वास्तविक भी।
हमारा दिमाग गुरुत्वाकर्षण, तापमान, गंध का अनुभव करके उनकी सुचनाओं का संग्रह करता है।
वह भुत और वर्तमान के आधार पर पर्दे के पीछे की वास्तविकता का भी सटीक अनुमान लगा सकता है।
क्या पता हम जिसे दिव्य द्रष्टि मानते हो,वह हमारे दिमाग का अनुमान, स्वप्न हो।
कोई कहता है कि मेडिकल विज्ञान मे उतनी ताकत नहीं है, की वह कीसी इंसान को गंभीर से गंभीर रोग को ईश्वर कृपा के बीना ठीक कर पाए।
डोक्टर पैसे कमाने के बजाय मरीज़ को ठीक करने के लिए दवा करते तो मौत को भी रोक सकते हैं !!
में जितना आस्तिक बनने के लिए आगे बढ़ता जा रहा हूं, उतना नास्तिक बनता जा रहा हु । भगवान हमारे मन का भ्रम है। लगता है, स्वयं हाथ में हथियार उठाकर भगवान बन जाये।
आधुनिक विज्ञान की सीमाएं ,मर्यादाएं खतम नहीं हुई है, उसकी सीमाएं दुर दुर तक फैल रही है, सुक्ष्म से सुक्ष्मतम की और भी और विशाल से विशालतम की ओर भी,
1.Arpit explains
2.Shakeel Prem
कुछ मुख्य नास्तिक युटुबर है।
आस्था के नाम पर होने वाली लुट placebo effect . मनोकामनाएं हमारी साहसिकता , महेनत और परीस्थितयो के अनुसार पुर्ण होती है, लेकिन हम किसी इश्वर को इसका जिम्मेदार मानते हैं, यह एक भ्रम है।
जिस भगवान या अल्लाह,गोड ने पुरी दुनिया, पहाड़,नदींया, ज़मीन,पेंड जीव,जंतु और जानवर बनाएं !! उसने मंदिर मस्जिद चर्च क्यों नहीं बनाएं ?
हमारी समझदारी हमारा इश्वर है।
Coma movie Hindi dubbed
फोटोनिक चीप,कवोंटम कमपयुटींग।
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स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए समुद्र में ocean core power energy और ज़मीन पर छोटी-छोटी पवन चक्कियां जों कम से कम पवन गति पर भी चल सके वह बहुत जरूरी है। उर्जा संग्रहण के लिए Gravity energy battery बहुत अनुकूल है।
आत्महत्या मशीन ,हायपोकसिया सिद्धांत
Sarco suicide capsule !
इसे में स्वयं बना सकता हूं, इसमें आसानी के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लकड़ी की एक पेटी बना सकते हैं। यह पेटी पैरों के ओर झुकी हुई होनी चाहिए । ताकि फेफड़ों में से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो की एक भारी गैस है,वह नीचे जमा हो जाए।
नाइट्रोजन गैस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अंदर भेजा जाएगा,यह एक निष्क्रिय गैस है। फेफड़ों के जरिए ओक्सीजन की जगह नाइट्रोजन खुन में मिलेगा , इससे शरीर की कोशिकाएं बीना ओक्सीजन के मृत हो जाएगी।
इस प्रक्रिया को बीना नींद की दवा लिए नहीं करना है।
मरने के लिए आसान तरीके है कि दिमाग को दर्द का संकेत पहुंचे उसके पहले नष्ट कर दिया जाएं।
इसके लिए बडा विस्फोट होना या शक्तिशाली लेसर किरणों के जरिए शरीर को भाप में बदलना होगा।
दुनिया में कुछ कपटी,कूकरमी लोग(वो आर्थिक,राजकिय क्षेत्रों से जुड़े हुए है।) हैं,
ऐसे लोगों का संसार से सफाया होना जरूरी है।
में बंदुकें बनाना चाहता हूं, यह बंदूकें पेट्रोल और डीजल से चलेंगी । मानवतावादी लोगों को हथियार देकर दुनिया में समानता लाने के लिए प्रेरित करुंगा। मैंने बहुत मजदुरी करके थोडे़ औजार खरीदें है,अब एक मजबूत दस पंद्रह हजार वाला ड्रील स्टेंड मशीन खरीदना है।आप कुछ पैसे की मदद कर सकते हैं।
Haa to bhai dam hai to dharm ko galat saabit karde tarko se ,, hajaaro tarkwaadi aaye, hajaaro chale gaye dharm ko kuchh fark nahi pada ... Hamesa ulta Dharm majboor huwa hai tarkvadiyo se
कभी समझौता नहीं है
यीशु और शैतान से लड़ाई है पुरी दुनिया मैं ,🎉🎉🎉🎉
रा.वन में राम बोध उत्पन्न हो , कंस रूपी विकारों मे और धृतराष्ट्र रूपी मोह में कृष्ण रूप बोध उत्पन्न हो - उंगलि माल में बुद्ध रूपी बोध उत्पन्न करदे, चेतना की उस अवस्था को धर्म कहा जाता है।
● आदर्शों ने कोई पंथ सम्प्रदाय नहीं बनाया उनके जाने के बाद पाखंड ने संप्रदाय बनाए, लोगों को उनके नाम गुलाम किया, जो स्वतंत्रता देकर गए उनके नाम आज लोग मानसिक गुलाम है।
रा.वन में राम बोध उत्पन्न हो , कंस रूपी विकारों मे और धृतराष्ट्र रूपी मोह में कृष्ण रूप बोध उत्पन्न हो - उंगलि माल में बुद्ध रूपी बोध उत्पन्न करदे, चेतना की उस अवस्था को धर्म कहा जाता है।
● आदर्शों ने कोई पंथ सम्प्रदाय नहीं बनाया उनके जाने के बाद पाखंड ने संप्रदाय बनाए, लोगों को उनके नाम गुलाम किया, जो स्वतंत्रता देकर गए उनके नाम आज लोग मानसिक गुलाम है।
अद्भुत