अत्यंत सारगर्भित प्रभावशाली और प्रमाणिक विचार रखकर शंकराचार्य को शास्त्रार्थ का निमंत्रण देने के लिए पूज्य आचार्यजी को सादर नमन! जीवेम् शरद:शतम की हार्दिक शुभ कामना सहित अनंत साधुवाद।
जनेऊधारी दूसरे जनेऊधारी से क्या शास्त्रार्थ करेगा केवल बामनो द्वारा लिखे गपोडशात्रो को ही प्रमाण मानकर बहस करंगे शास्त्रार्थ करना ही है तो अर्जक संघ तर्कशील सोसाइटी नास्तिक अम्बेडकराइस्ट कबीर पन्थी जैसो को बुलाओ करो खुले मन्च पर मुकाबला
जनेऊधारी दूसरे जनेऊधारी से क्या शास्त्रार्थ करेगा केवल बामनो द्वारा लिखे गपोडशात्रो को ही प्रमाण मानकर बहस करंगे शास्त्रार्थ करना ही है तो अर्जक संघ तर्कशील सोसाइटी नास्तिक अम्बेडकराइस्ट कबीर पन्थी जैसो को बुलाओ करो खुले मन्च पर मुकाबला
Bahut hi sunder mahasaya ji pakhandiyo ko tark se jabab diya ja sakata .vah karya ARYA SAMAJ hi kar sakata hai jai arya samaj arya Mahender Rakesh saharanpur
पूज्य पाद आचार्य विष्णु मित्र वेदार्थी जी आपका कोटि कोटि धन्यवाद आपने महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज के सपनों को पूरा किया है। आपने बहुत अच्छा किया ,सही समय पर इस देश और दुनिया के लोगों को जगा दिया है ।आपका पक्ष मजबूत है ऋषि दयानंद के अनुकूल है आप बहुत उत्तम मार्ग पर चल रहे हैं नमन आपको। यशपाल शास्त्री संस्थापक सौ गाँवों का एक समाज । बम्बा कोठी आर्यसमाज। । शास्त्रार्थ के लिए बम्बा कोठी आर्यसमाज पर आपका अभिनन्दन है। स्थान सुरक्षित है।
जनेऊधारी दूसरे जनेऊधारी से क्या शास्त्रार्थ करेगा केवल बामनो द्वारा लिखे गपोडशात्रो को ही प्रमाण मानकर बहस करंगे शास्त्रार्थ करना ही है तो अर्जक संघ तर्कशील सोसाइटी नास्तिक अम्बेडकराइस्ट कबीर पन्थी जैसो को बुलाओ करो खुले मन्च पर मुकाबला
बहुत ही सुंदर वेद वाणी, महाराज जी सबसे पहले आपको मेरी तरफ़ से स्नेह भरा नमस्ते। महाराज जी जब किसी भी उपजाऊ खेत में अनावश्यक बारिश हो जाय तो उस खेत में अनावश्यक खर पतवार ज्यादा हो जाने पर अगर उस खर पतवार को सूर्य की एक दिन की ही तपन उस खर पतवार को नष्ट कर देता है ठीक उसी तरह ये जो वेद शास्त्र विरुद्ध पाखंडी और स्वार्थी लोगों का नाश करने के लिए आप जैसे ऋषि दयानन्द के सैनिक इनके नाश के लिए ही तो पैदा हुए हैं। ये वेदों रूपी खेत के खर पतवार है बस दयानंद सरस्वती जी के सूर्य रूपी सैनिक पैदा हो गए हैं। ओम् ।।
जनेऊधारी दूसरे जनेऊधारी से क्या शास्त्रार्थ करेगा केवल बामनो द्वारा लिखे गपोडशात्रो को ही प्रमाण मानकर बहस करंगे शास्त्रार्थ करना ही है तो अर्जक संघ तर्कशील सोसाइटी नास्तिक अम्बेडकराइस्ट कबीर पन्थी जैसो को बुलाओ करो खुले मन्च पर मुकाबला
आचार्य जी ! सादर प्रणाम !! स्वदेशी धर्म धम्म मत पंथ के अनुयायी ही सच्चे स्वदेशप्रेमी हैं और स्वदेश प्रेमी ही हिंदू हैं ! हिंदुओं का ही हिंदुस्थान है ! हिंदुस्थान ही भारतवर्ष है ! अतः आज हिंदू विद्वानों को आपस में मतभेद भुलाकर मिलकर हिंदुओं की रक्षा करने और हिंदू राष्ट्र बनाने हेतु कटिबद्ध होकर सतत् प्रयत्नशील होने की आवश्यकता है , संगच्छध्वं संवध्वं -- को मनसा वाचा कर्मणा धारण करने की आवश्यकता है ! जाति पांति की करो बिदाई ! हिंदू हिंदू भाई भाई !! जय सनातन !
सादर नमस्ते आचार्य महोदय जी। आपका द्वारा सत्य सनातन धर्म रक्षा प्रयास बहूत ही प्रशंसनीय है।हम आपके मंतव्य जो परमपिता परमात्मा की वेद वाणी संमत है।यरमपिता परमात्मा से प्रार्थना है की आपका पुरुषार्थ सफल करें।
जनेऊधारी दूसरे जनेऊधारी से क्या शास्त्रार्थ करेगा केवल बामनो द्वारा लिखे गपोडशात्रो को ही प्रमाण मानकर बहस करंगे शास्त्रार्थ करना ही है तो अर्जक संघ तर्कशील सोसाइटी नास्तिक अम्बेडकराइस्ट कबीर पन्थी जैसो को बुलाओ करो खुले मन्च पर मुकाबला
ओम् स्वस्ति, श्रध्देय आचार्य श्री विष्णुमित्र वैदार्थी जी सादर नमस्ते जी🙏 ये अविमुक्तेश्वरा नन्द, पूर्व के आदि शंकराचार्य जी की परम्परा में कलंक मात्र हैं ऐसे लोगों से वेद, शास्त्रों के वारे में चर्चा करना अपना समय बर्बाद करना है, ये अविद्या, अहंकार मे डूबे हुए हैं।
आर्य समाजी योङ्को 1008 श्री जगद्गुरु के वचन को शिरसा धारण कर के कुम्भ नही आना चाहिए ।वैदिक जन्मना ब्राह्मणोङ्को गङ्गा स्नान हेतु वित्त आदि दान करना चाहिए
नमस्कार आचार्य श्री, आपने डंके की चोट पर बहुत अच्छे प्रकार से नाममात्र के शंकराचार्य को बोध कराया और उनको चुनौतीपूर्ण शास्त्रार्थके लिए ललकारा। जय वेद माता!❤
गङ्गा नदी मुसलमान वा इसाईयों भी मानते हैँ । बौद्ध वा जैनी, चार्वाकी वा आर्यसमाजी सबको गङ्गामें हक है हर मानव को । पर कुम्भ मेला भरनेका नैतिक धार्मिक अधिकार नैतिकता गङ्गाका पतितपावनी का विश्वास होनेवाले ही होना चाहिए । आर्यसमाजी कुम्भबाहेकका गङ्गा जहाँ कहीं भी जा सकते हैँ जैसे के मुसलमान इसाई यहुदी बौद्ध जैनी आदि जा सकते हैँ ।
जनेऊधारी दूसरे जनेऊधारी से क्या शास्त्रार्थ करेगा केवल बामनो द्वारा लिखे गपोडशात्रो को ही प्रमाण मानकर बहस करंगे शास्त्रार्थ करना ही है तो अर्जक संघ तर्कशील सोसाइटी नास्तिक अम्बेडकराइस्ट कबीर पन्थी जैसो को बुलाओ करो खुले मन्च पर मुकाबला
❤ मोनी वेद व्यास जी ने चार वेद छह शास्त्र का अध्ययन किया लेकिन दिल को शांति नहीं मिली। जब भागवत का निर्माण हुआ तब दिल को शांति मिली। बिना भागवत के कोई पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद को सिद्ध नहीं कर सकता।
@dalbirsingh6451 ओम नाम परमात्मा का नहीं है अकार उकार मकार सतोगुण रजोगुण तमोगुण ब्रह्मा विष्णु महेश। लेकिन पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड तिरगुणा तीत है।
भागवतकार ने अपने ग्रंथ की महता बढ़ाने के लिए यह झूठी काल्पनिक कहानी लिखी है क्योंकि भागवत वामपंथी विचार वाले वोवदेव ने लिखी है महर्षि वेदव्यास ने नहीं। महर्षि वेदव्यास ने अपने युग में चारों वेदों को ग्रंथ के रूप में संकलन किया था क्योंकि महाभारत के पहले वेद श्रुति नाम से प्रसिद्ध थे पहले लोगों को वेद मंत्र सुनने से ही ज्ञान हो जाता था। इसलिए वेद को श्रुति कहते थे। महर्षि वेदव्यास ने महाभारत और वेदांत दर्शन एवं योग दर्शन के भाष्य की रचना की है 18 पुराण नहीं लिखे हैं।
नहीं! भागवतकार ने अपने भागवत ग्रंथ की प्रशंसा के लिए यह काल्पनिक झूठी कहानी लिखी है क्योंकि भागवत की रचना वामपंथी विचार वाले वोवदेव ने की थी वेदव्यास ने नहीं। महर्षि वेदव्यास ने चारों वेदों को ग्रंथ के रूप में संकलन किया था इसके अलावा महाभारत, वेदांत दर्शन और योग दर्शन भास्य की रचना की। 18 पुराण नहीं लिखे थे। क्योंकि पुराणों में परस्पर विरोधी कथाएं है इसलिए अलग अलग पौराणिक विद्वानों ने पुराण लिखे हैं।
श्रुतयो बिभन्ना स्मृतयो बिभिन्ना नै क मुनिर्यस्य यस्य वच प्रमाण धर्म स्य तत्वं निहितं गुहायां महाजना येन गता स पन्थ़ा उपनिषद्. श्रुति अनेक हैं स्मृति अनेक हैं एक मुनि नहीं हैं जिन के.वचन को.प्रमाण मान लें धर्म का.त त्व.गुफा में छिपा हुआ है जिस मार्ग से महापुरुष गए हैं वही मार्ग है.
आज विज्ञान के युग में पाखण्ड बन्द होना जरूरी है, अगर ये प्रचार किया जाएगा कि गंगाजल से पाप धुलते हैं तो संसार में पाप बढ़कर हानिरूप बनेगा। अतः ये बताना चाहिए कि किया पाप नष्ट नहीं होगा अपितु भोगना पड़ेगा। धन्यवाद नमन शानदार जीत
❤ ओम नाम परमात्मा का नहीं है ओम तीन गुण है बना है अकार उकार मकार सतोगुण रजोगुण तमोगुण ब्रह्मा विष्णु महेश। लेकिन पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड तिरगुणा तीत है।
Aapko sader pranam maine inhen shankracharay ji se prashan karte huy punchha tha ki mahilaon ko hawan karnai ka adhikar kyon nhen hai hamari deta kaoshlya gargi aadi deviyan hom karti thi to aap kaise mana kare hain abhi tk koi uttr nhen aaya
Avimuketshwaranand ko shastrarth ka challenge sweekar karna chahiye tatha Ved, Upnishad tatha manusmriti ke aadhar per apne vaktavaya ko siddh karna chahiye. Inka vaktavya sanatan dharm ko kamzor banane wala hei
ओउम् क्रतोऽस्मर:! कृवंतोऽविश्वार्यम्। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी को शास्त्रार्थ के लिए बुलाएं, इनके ज्ञान का पर्दाफाश पाखंड का पर्दाफाश दुनिया के सामने होना चाहिए।
आप बताये आत्म करता है अथवा देह कर्म करता हे? गङ्गा को केवल जल बताने वाले गङ्गा स्नान से पाप दूर नही होता है ऐसे वेदादिशास्त्र विरुद्ध मत को मानने वाले अनार्य या कटमुल्ले से प्रभावित लोगोङ्को कुम्भ स्नान की आवश्यकता क्या है ? बताये
जय जय श्री कृष्ण! दयानन्द से पहले भी वेद थे. Prachar प्रसार ठीक है. उसमे मस्त रहिए. विवाद बढ़ाना ठीक नहीं है. जेल भेजने जैसी बात करना अनुचित है. Bhagwan का नाम जाप करिए नहिं तो वेद मंत्र लेते रहे. शांत रहे.
Either अमुक्तेसर should accept the challenge of Aarya Samaj or he should opologize and on defeat he should self emolate !! He is unfit to be a Dharm गुरु!🕉️
Shankrachya ji ko shastrath me chunauti dene se pahle ye batayiga ki aapka contribution kya hai hindu dharma aur hindu shamaj ke liye aap agar itne bare gyani hai to fir bhi Bharat me gau mata ki killing kyu ho rhi hai … subscriber and name fame pane ke liye game na play karke real me hindu samaj ke liye kuch kariye … 'बड़े बड़ाई ना करें, बड़े न बोले बोल, रहिमन हीरा कब कहै, लाख टका मेरो मोल'
आचार्य कोटि कोटि साधुवाद
बहुत सटीक, तर्कपूर्ण ढंग से शंकराचार्य जी को आइना दिखा दिया व सत्य ज्ञान को पूर्णतया समझने के लिए शास्त्रार्थ की निर्भीक चुनौती दी।
नमन आचार्य जी ❤
आचार्य जी को नमस्ते.......
आर्य समाज अमर रहे गा।
अत्यंत सारगर्भित प्रभावशाली और प्रमाणिक विचार रखकर शंकराचार्य को शास्त्रार्थ का निमंत्रण देने के लिए पूज्य आचार्यजी को सादर नमन! जीवेम् शरद:शतम की हार्दिक शुभ कामना सहित अनंत साधुवाद।
ओ३म्, आदरणीय आचार्य जी सप्रेम नमस्ते,
"वेद"के प्रचार का सच्चा स्वरूप प्रस्तुत करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद !
जनेऊधारी दूसरे जनेऊधारी से क्या शास्त्रार्थ करेगा
केवल बामनो द्वारा लिखे गपोडशात्रो को ही प्रमाण मानकर बहस करंगे
शास्त्रार्थ करना ही है तो
अर्जक संघ
तर्कशील सोसाइटी
नास्तिक
अम्बेडकराइस्ट
कबीर पन्थी जैसो को बुलाओ
करो खुले मन्च पर मुकाबला
बहुत सुन्दर संदेश। जिससे शंकराचार्य की कुण्ठा बुद्धि पवित्र हो जाएगी आचार्य जी बहुत बहुत साधुवाद एवं आभार।
जनेऊधारी दूसरे जनेऊधारी से क्या शास्त्रार्थ करेगा
केवल बामनो द्वारा लिखे गपोडशात्रो को ही प्रमाण मानकर बहस करंगे
शास्त्रार्थ करना ही है तो
अर्जक संघ
तर्कशील सोसाइटी
नास्तिक
अम्बेडकराइस्ट
कबीर पन्थी जैसो को बुलाओ
करो खुले मन्च पर मुकाबला
आचार्य विष्णु मित्र वेदार्थी जी को सादर नमस्ते। आप के विचार अति उत्तम है बहुत बहुत धन्यवाद। ओउम् शांति शांति शांति।।
अति उत्तम 🙏
नमस्ते आचार्य जी। बहुत सुंदर सराहनीय कदम है इन शंकराचार्यों ने समाज को अंधेरे में रखा हुआ है।
🕉🙏🙏🙏
Saty Sanatan Vedic Dharm ki jai
बिल्कुल स्पष्ट और सत्य कहा आचार्य जी आपने
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी।आपको सादर प्रणाम। सत्यमेव जयते।
आर्य समाज अमर रहे,ओउम का झंडा उंचा रहे,आचार्य जी का धन्यावाद एवम आभार, जय हिंद, जय भारत, जय श्रीराम
Bahut hi sunder mahasaya ji pakhandiyo ko tark se jabab diya ja sakata .vah karya ARYA SAMAJ hi kar sakata hai jai arya samaj arya Mahender Rakesh saharanpur
बहुत ही सुन्दर आचार्य श्री 🎉❤
पूज्य पाद आचार्य विष्णु मित्र वेदार्थी जी आपका कोटि कोटि धन्यवाद
आपने महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज के सपनों को पूरा किया है।
आपने बहुत अच्छा किया ,सही समय पर इस देश और दुनिया के लोगों को जगा दिया है ।आपका पक्ष मजबूत है ऋषि दयानंद के अनुकूल है आप बहुत उत्तम मार्ग पर चल रहे हैं नमन आपको।
यशपाल शास्त्री
संस्थापक
सौ गाँवों का एक समाज ।
बम्बा कोठी आर्यसमाज। ।
शास्त्रार्थ के लिए बम्बा कोठी आर्यसमाज पर आपका अभिनन्दन है। स्थान सुरक्षित है।
जनेऊधारी दूसरे जनेऊधारी से क्या शास्त्रार्थ करेगा
केवल बामनो द्वारा लिखे गपोडशात्रो को ही प्रमाण मानकर बहस करंगे
शास्त्रार्थ करना ही है तो
अर्जक संघ
तर्कशील सोसाइटी
नास्तिक
अम्बेडकराइस्ट
कबीर पन्थी जैसो को बुलाओ
करो खुले मन्च पर मुकाबला
महाराज जी ये लोग अविमुक्तेश्वरानंद जैसे पाखंडी कभी भी शास्त्रार्थ को स्वीकार नहीं कर सकते हैं। इन्हें पता है सत्य के आगे असत्य नहीं टिक सकता है।
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय आर्य समाज अमर रहे वेद की ज्योतिजलती रहे
🙏💐🕉️
धन्यवाद आचार्य जी बहुत बहुत आपका आप जैसे महान पुरुष ही संसार को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जा सकते हैं
सत्य के ग्रहण करने और असत्य के छोडने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिए ।ओ३म् नमस्ते जी
अब आर्यों को विश्व में राज करने का समय आ गया है
नमस्ते जी 🙏🙏
Satya Sanatan Vaidik Dharm ki Jay Arya Samaj Amar Rahe Ved Ki Jyoti Jalti Rahe
नमस्ते आचार्य जी
आचार्य जी जैसे विद्वान् होंगे तो वेद बचे रहेंगे।
वेदो का पठन पाठन जरूरी है
Very nice Video indeed.
🙏🚩जय सनातन भारत संस्कृति 🚩🙏
Bilkul ache se dhulai ki hai apne dhanya hai apki vani
बहुत बहुत धन्यवाद बहुत बहुत आभार, सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो, पाखंडी शंकराचार्य का नाश हो।
आदरणीय आचार्यजी नमस्ते. ओम.
ओउम नमो तत्सत योगी श्री राम सागर सोनी जी
बहुत ही सुंदर वेद वाणी, महाराज जी सबसे पहले आपको मेरी तरफ़ से स्नेह भरा नमस्ते। महाराज जी जब किसी भी उपजाऊ खेत में अनावश्यक बारिश हो जाय तो उस खेत में अनावश्यक खर पतवार ज्यादा हो जाने पर अगर उस खर पतवार को सूर्य की एक दिन की ही तपन उस खर पतवार को नष्ट कर देता है ठीक उसी तरह ये जो वेद शास्त्र विरुद्ध पाखंडी और स्वार्थी लोगों का नाश करने के लिए आप जैसे ऋषि दयानन्द के सैनिक इनके नाश के लिए ही तो पैदा हुए हैं। ये वेदों रूपी खेत के खर पतवार है बस दयानंद सरस्वती जी के सूर्य रूपी सैनिक पैदा हो गए हैं। ओम् ।।
बहुत बहुत साधुवाद जी
Om Aachary Ji Sadar namaste 🙏
Vadic dharam ki jai.
ओम सादर नमस्ते आचार्य जी🙏🙏 अविवेकी लोगों को ज्ञान की बाते सत्य बाते कभी समझ मे नही आती हैं, इसी कारण पुरा माथे लीप पोत कर घूमते हैं,
जनेऊधारी दूसरे जनेऊधारी से क्या शास्त्रार्थ करेगा
केवल बामनो द्वारा लिखे गपोडशात्रो को ही प्रमाण मानकर बहस करंगे
शास्त्रार्थ करना ही है तो
अर्जक संघ
तर्कशील सोसाइटी
नास्तिक
अम्बेडकराइस्ट
कबीर पन्थी जैसो को बुलाओ
करो खुले मन्च पर मुकाबला
जी बिलकुल, शंकराचार्य जैसे ही वेद विरुद्ध विधर्मियों की वजह से समाज की दुर्गति हुई है। ॥ओ३म्॥
🕉🙏 सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय
आचार्य जी !
सादर प्रणाम !!
स्वदेशी धर्म धम्म मत पंथ के अनुयायी ही सच्चे स्वदेशप्रेमी हैं और स्वदेश प्रेमी ही हिंदू हैं ! हिंदुओं का ही हिंदुस्थान है !
हिंदुस्थान ही भारतवर्ष है ! अतः आज हिंदू विद्वानों को आपस में मतभेद भुलाकर मिलकर हिंदुओं की रक्षा करने और हिंदू राष्ट्र बनाने हेतु कटिबद्ध होकर सतत् प्रयत्नशील होने की आवश्यकता है , संगच्छध्वं संवध्वं -- को मनसा वाचा कर्मणा धारण करने की आवश्यकता है !
जाति पांति की करो बिदाई !
हिंदू हिंदू भाई भाई !!
जय सनातन !
सादर नमस्ते आचार्य महोदय जी।
आपका द्वारा सत्य सनातन धर्म रक्षा प्रयास बहूत ही प्रशंसनीय है।हम आपके मंतव्य जो परमपिता परमात्मा की वेद वाणी संमत है।यरमपिता परमात्मा से प्रार्थना है की आपका पुरुषार्थ सफल करें।
जनेऊधारी दूसरे जनेऊधारी से क्या शास्त्रार्थ करेगा
केवल बामनो द्वारा लिखे गपोडशात्रो को ही प्रमाण मानकर बहस करंगे
शास्त्रार्थ करना ही है तो
अर्जक संघ
तर्कशील सोसाइटी
नास्तिक
अम्बेडकराइस्ट
कबीर पन्थी जैसो को बुलाओ
करो खुले मन्च पर मुकाबला
Arya samaj amar rahe
आर्य समाज का एक ही शेर पुरे पाखंडियो पर भारी है आर्य समाज अमर रहे l
बहुत सुंदर आचार्य जी। पाखंड की पोल खोल दो।
आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो
Acharya ji very good🙏
Namaste acharya ji
🙏ओ३म् नमस्ते आचार्य जी 🙏
आचार्य जी नमस्ते। आपने पूरी तरह सेसत्य कहा ईश्वर आपको इसी प्रकार से कार्य करने में समर्थ बनाए रखें
आचार्य जी नमस्ते
❤ आचार्य जी नमस्ते अद्भुत विचार
Bilkul sahi kaha
ओम् स्वस्ति, श्रध्देय आचार्य श्री विष्णुमित्र वैदार्थी जी सादर नमस्ते जी🙏 ये अविमुक्तेश्वरा नन्द, पूर्व के आदि शंकराचार्य जी की परम्परा में कलंक मात्र हैं ऐसे लोगों से वेद, शास्त्रों के वारे में चर्चा करना अपना समय बर्बाद करना है, ये अविद्या, अहंकार मे डूबे हुए हैं।
आचार्य जी।
बहुत बहुत धन्यवाद।
इसी प्रकार सभी वैदिक विद्वानों को आगे आकर मिथ्या विचारों का पूरी ताकत से विरोध करना चाहिए। 🎉
आर्य समाजी योङ्को 1008 श्री जगद्गुरु के वचन को शिरसा धारण कर के कुम्भ नही आना चाहिए ।वैदिक जन्मना ब्राह्मणोङ्को गङ्गा स्नान हेतु वित्त आदि दान करना चाहिए
नमस्कार आचार्य श्री, आपने डंके की चोट पर बहुत अच्छे प्रकार से नाममात्र के शंकराचार्य को बोध कराया और उनको चुनौतीपूर्ण शास्त्रार्थके लिए ललकारा। जय वेद माता!❤
आदरणीय आचार्य जी सादर नमस्ते। वैदिक धर्म की जय।
*न स्त्रीशूद्रौ वेदमधीयाताम् * अस्य वेदवाक्यस्य का गति:?
आप विधर्मी कह के मुस्लीम लोगोङ्को कुम्भ से दूर करना चाहते हो? आप के तर्क या कुतर्क के अनुसार मुस्लीम स्वदेशी विदेशी सब को कुम्भ मे आह्वान देना चाहिए
@parbhakarprasad153 अधोगति:।
बहुत सुन्दर! नमस्ते आचार्य जी!
आदरणीय आचार्य जी आपका हार्दिक धन्यवाद इतने स्पष्ट रूप से शंकराचार्य की बातों को शंकराचार्य को अब माफी मांगलेनी चाहिए
आचार्य जी नमस्ते
ऐसे लोगों ने सनातन धर्म का बेड़ा ग़र्क कर दिया है
गङ्गा नदी मुसलमान वा इसाईयों भी मानते हैँ । बौद्ध वा जैनी, चार्वाकी वा आर्यसमाजी सबको गङ्गामें हक है हर मानव को । पर कुम्भ मेला भरनेका नैतिक धार्मिक अधिकार नैतिकता गङ्गाका पतितपावनी का विश्वास होनेवाले ही होना चाहिए । आर्यसमाजी कुम्भबाहेकका गङ्गा जहाँ कहीं भी जा सकते हैँ जैसे के मुसलमान इसाई यहुदी बौद्ध जैनी आदि जा सकते हैँ ।
Sanatan ved
शंकराचार्यों की नियुक्ति पारदर्शी होनी चाहिए
आचार्य जी,सादर नमस्ते!
इन तथाकथित पण्डितों को शास्त्रार्थ तो क्या साधारण वाद-विवाद करने का भी सामर्थ्य नहीं है।
शत प्रतिशत सत्य का प्रतिपादन होना ही चाहिए और पाखंडियों को दंडित किया ही जाना चाहिए अन्यथा समाज को दिग्भ्रमित और पथभ्रष्ट करते ही रहेंगे।
अब आर्यो को शंकराचार्य बनाना चाहिए ,, जिससे ये जग बाले वैदिक ज्ञान को समझें ।❤
जनेऊधारी दूसरे जनेऊधारी से क्या शास्त्रार्थ करेगा
केवल बामनो द्वारा लिखे गपोडशात्रो को ही प्रमाण मानकर बहस करंगे
शास्त्रार्थ करना ही है तो
अर्जक संघ
तर्कशील सोसाइटी
नास्तिक
अम्बेडकराइस्ट
कबीर पन्थी जैसो को बुलाओ
करो खुले मन्च पर मुकाबला
प्रणाम वेदाचार्य 🙏🙏
Ary Samaj अमर रहे
He is a political Creature as his mentor गुरु who was एफिलिएटड to Congress!
वैदिक धर्म की जय हो । आर्य समाज रहेगा।
आपस में परस्पर प्रीति पूर्वक चर्चा बातचीत संवाद सत्य असत्य के निर्णय केलिए निश्चय केलिए मधुर भाषा में होना चाहिए जी ।ओ३म् नमस्ते जी
Sanatan hi manavta ka asli siddhant deta hai jai arya samaj
इसी तरह के शंकराचार्य देश में अंधकार फैल रहे हैं
❤ मोनी वेद व्यास जी ने चार वेद छह शास्त्र का अध्ययन किया लेकिन दिल को शांति नहीं मिली। जब भागवत का निर्माण हुआ तब दिल को शांति मिली। बिना भागवत के कोई पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद को सिद्ध नहीं कर सकता।
भागवत मे ही लिखा है* स्त्रीशूद्रद्विजबन्धूनाम् त्रयी न श्रुतिगोचरा* अत: इस वैदिक सिद्धान्त को न मानने वालोङ्को हिन्दू कैसे माना जाय?
भागवत में झूठे किस्से कहानी बहुत हैं। ओम् ओम्
@dalbirsingh6451 ओम नाम परमात्मा का नहीं है अकार उकार मकार सतोगुण रजोगुण तमोगुण ब्रह्मा विष्णु महेश। लेकिन पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड तिरगुणा तीत है।
भागवतकार ने अपने ग्रंथ की महता बढ़ाने के लिए यह झूठी काल्पनिक कहानी लिखी है क्योंकि भागवत वामपंथी विचार वाले वोवदेव ने लिखी है महर्षि वेदव्यास ने नहीं। महर्षि वेदव्यास ने अपने युग में चारों वेदों को ग्रंथ के रूप में संकलन किया था क्योंकि महाभारत के पहले वेद श्रुति नाम से प्रसिद्ध थे पहले लोगों को वेद मंत्र सुनने से ही ज्ञान हो जाता था। इसलिए वेद को श्रुति कहते थे। महर्षि वेदव्यास ने महाभारत और वेदांत दर्शन एवं योग दर्शन के भाष्य की रचना की है 18 पुराण नहीं लिखे हैं।
नहीं! भागवतकार ने अपने भागवत ग्रंथ की प्रशंसा के लिए यह काल्पनिक झूठी कहानी लिखी है क्योंकि भागवत की रचना वामपंथी विचार वाले वोवदेव ने की थी वेदव्यास ने नहीं। महर्षि वेदव्यास ने चारों वेदों को ग्रंथ के रूप में संकलन किया था इसके अलावा महाभारत, वेदांत दर्शन और योग दर्शन भास्य की रचना की। 18 पुराण नहीं लिखे थे। क्योंकि पुराणों में परस्पर विरोधी कथाएं है इसलिए अलग अलग पौराणिक विद्वानों ने पुराण लिखे हैं।
आचार्य जी आर्य समाजी सज्जन तो अपने गृह मे स्वस्ति वाचन के मन्त्रो का उच्चारण करके सन्ध्या हवन करके ही परमात्मा का नाम ले लेगे।
श्रुतयो बिभन्ना स्मृतयो बिभिन्ना नै क मुनिर्यस्य यस्य वच प्रमाण धर्म स्य तत्वं निहितं गुहायां महाजना येन गता स पन्थ़ा उपनिषद्. श्रुति अनेक हैं स्मृति अनेक हैं एक मुनि नहीं हैं जिन के.वचन को.प्रमाण मान लें धर्म का.त त्व.गुफा में छिपा हुआ है जिस मार्ग से महापुरुष गए हैं वही मार्ग है.
आज विज्ञान के युग में पाखण्ड बन्द होना जरूरी है, अगर ये प्रचार किया जाएगा कि गंगाजल से पाप धुलते हैं तो संसार में पाप बढ़कर हानिरूप बनेगा।
अतः ये बताना चाहिए कि किया पाप नष्ट नहीं होगा अपितु भोगना पड़ेगा।
धन्यवाद नमन
शानदार जीत
आचार्य जी आपने सही चुनौती दी है।
These Pandits always run away from debate .Because they know that their so called Dukan Bandh ho jayegi
एक बार आप सभी आचार्यों को मिल बैठकर धर्म का सही पथ निर्धारित कर लेना चाहिए ताकि धर्म की राह पर चलने वाले आमजनों को दिग्भ्रमित ना होना पड़े।
❤ ओम नाम परमात्मा का नहीं है ओम तीन गुण है बना है अकार उकार मकार सतोगुण रजोगुण तमोगुण ब्रह्मा विष्णु महेश। लेकिन पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड तिरगुणा तीत है।
बिल्कुल सही बात
Aapko sader pranam maine inhen shankracharay ji se prashan karte huy punchha tha ki mahilaon ko hawan karnai ka adhikar kyon nhen hai hamari deta kaoshlya gargi aadi deviyan hom karti thi to aap kaise mana kare hain abhi tk koi uttr nhen aaya
Avimuketshwaranand ko shastrarth ka challenge sweekar karna chahiye tatha Ved, Upnishad tatha manusmriti ke aadhar per apne vaktavaya ko siddh karna chahiye. Inka vaktavya sanatan dharm ko kamzor banane wala hei
श्रीमद्भागवत पढो
तुम लोग अपनी अपनी ज्ञान में गर्व चूर हो जाओगे,वापस मैं लड़ाई मत करो, जिस दिन मुस्लिम आके तुम लोग पर आक्रमण करेंगे।तब अकेला होकर अपना रक्षा कर लेना,
ओउम् क्रतोऽस्मर:! कृवंतोऽविश्वार्यम्। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी को शास्त्रार्थ के लिए बुलाएं, इनके ज्ञान का पर्दाफाश पाखंड का पर्दाफाश दुनिया के सामने होना चाहिए।
आर्यसमाज सच में गंगा है
।। ओ3म् ।।
आप बताये आत्म करता है अथवा देह कर्म करता हे? गङ्गा को केवल जल बताने वाले गङ्गा स्नान से पाप दूर नही होता है ऐसे वेदादिशास्त्र विरुद्ध मत को मानने वाले अनार्य या कटमुल्ले से प्रभावित लोगोङ्को कुम्भ स्नान की आवश्यकता क्या है ? बताये
Bhai ye time ladnay ka,,,Viddvatta dikhaanay ka nahi ,,,apani bhavishya ki milkar socho
आर्य समाज अमर रहे
शंकराचार्य तो बावले हो गए
Katha kathit Avimukteshwaranand ji ko in vedic viddwanji se. Shashrath jarur karna chahiye tabhi to. Patalagega. Kaun sahi h kaun glat h....
गङ्गाका पवित्रताका धारणा सनानत हिन्दू का है गैर की नहीँ ।
सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ एक टॉर्च चैलेंज दे रहा है सूर्य भगवान को😅😅
जय जय श्री कृष्ण!
दयानन्द से पहले भी वेद थे. Prachar प्रसार ठीक है. उसमे मस्त रहिए. विवाद बढ़ाना ठीक नहीं है. जेल भेजने जैसी बात करना अनुचित है. Bhagwan का नाम जाप करिए नहिं तो वेद मंत्र लेते रहे. शांत रहे.
Either अमुक्तेसर should accept the challenge of Aarya Samaj or he should opologize and on defeat he should self emolate !!
He is unfit to be a Dharm गुरु!🕉️
parochial minded. each and every words are to support Arya Samaji Parochial views.
Shankrachya ji ko shastrath me chunauti dene se pahle ye batayiga ki aapka contribution kya hai hindu dharma aur hindu shamaj ke liye aap agar itne bare gyani hai to fir bhi Bharat me gau mata ki killing kyu ho rhi hai … subscriber and name fame pane ke liye game na play karke real me hindu samaj ke liye kuch kariye … 'बड़े बड़ाई ना करें, बड़े न बोले बोल, रहिमन हीरा कब कहै, लाख टका मेरो मोल'
पाप करो चेले बनों गांजा पियो भांग पियो नंगे उघाड़े फिरो अनपढ़ रहो क्या यही सनातन है
आचार्य पहले तुम आचार्य लिखना बंद करो तुम्हारी क्षमता नहीं है