सर किसानों के आज के बालक दस, पन्द्रह हजार की नोकरी करने को तैयार है, खेती करने को नहीं, कुछ समय बाद स्थिति और खराब होने वाली है, एक तो जनसंख्या वृद्धि, दुसरा किसानों को लाभ मे कमी हो रही है,मै स्वयं भी किसान हु, खेती करने और खेती पर ज्ञान देने मे बहुत अन्तर है, अभी जो नेताओं ने सब कुछ बांटने की आदत डाल रखी है, यह भी आने वाले समय मे खतरनाक होगी, कोई भी काम करने को तैयार नहीं है,
आपने सही कहा,आज जनसंख्या नियंत्रण कानून देश की आवस्यकता हो गयी है।
आप सही कह रहे कृषि कार्य बहुत मेहनत का काम आज से पच्चीस वर्ष पहले मेरे गाँव में अधिकतर लोग कृषि करते थे वो लोग मेहनती थे और आज देखा जाए तो वर्तमान गाँव के अधिकांश युवा बाहर काम करने जा रहे हैं कृषि में मेहनत करना चाहते नहीं है कृषि धाटे का भी सौदा बनता जा रहा है वो युवा कुवैत जाकर कमाते हैं मुम्बई अमदावाद में जा रहे हैं मेरे गाँव में पहले गन्ना बहुत पैदा किया जाता था और एक बडी़ सी चरखी भी थी जो गुड़ निकालने का कार्य करती थी और आस पास के भी अपना गन्ना लेकर आते थे पर अब वो समय आ गया है गन्ना उत्पादन बहुत कम कर दिया गया है
Bhut shi kha aap ne aane wale time me gehu or chawal logo ko khane ke liye import krne padenge....
कृषि प्रधान देश होने के बावजूद हम तेल और डाल आयत करते है,,,दुर्भाग्य है ये
केवल किसान के उत्पाद से ही महंगाई लगती है बाकी सब तो फ्री में मिलता है बांग्लादेश वाले 60 रुपए किलो प्याज खा सकते हैं मगर इंडिया वाले गरीब है उन्हें 15 किलो चाहिए
किसानों का तेल निकाल कर ही भारत के नेता भारत के लोकतंत्र को बचाये हुए हैं।
बहुत ही बढ़िया जानकारी दी मैं भी एक किसान हूं सरकार चुनाव के कारण पिछले वित्तीय वर्ष में निर्यात परिवहन पर रोक लगा दिया था इसलिए भाव नहीं आए तो किसानों की हालत भी खराब है चुनाव के बाद अगर सरकार निर्यात खोलती है तो किसानों की हालत नहीं शुदरती क्योंकि फसल किसान बेच चुकाहै बनियों और वयापरियों की जरूर होगी क्योंकि उन्होंने फसल खरीद लिया जेसे सरसों गेहूं का रेट अब बढ़ रहा है लेकिन किसानों के पास यह माल नहीं ऐसा हर बार होता है सरकार कोई ऐसी नीति बननी चाहिए ,,,,,
हम किसानौ को सदा लुटा ही हे चाहे कोई भी सरकार आये या जाये हमारे अनाज की सही कीमत तो छोडो़ आधी कीमत भी नही मिलती हे।😢😢😢😢
किसानों को दबा कर ही तो भारत में लोकतंत्र को बचा रहे हैं भारत के राजनेता। 😊
Jab tak Kisan apne fayade aur nuksan ki neetiyon ko khud sahi se nahi samjhega aur nakli kisan netaaon ke jaal me fasa rahega tab tak kisan ka kuchchh bhi bhala nahi ho sakta. .
@@Anilkumar-ty6bkJo tum potato ki chips ki packet khate ho aur hotelo me ja kr ek cup coffee 100 se 150 ki pee kr aate ho wo to mehanga nahi lagta tumko.
भारत की सारी समस्या का जड़ जनसंख्या बृद्धि है, जिस पर क़ोई बात नहीं करता चाहे नेता हो या बुद्धिजीवी
Netao ko sirf apani seat chahiye baki janata mare ya jiye koi matlab nahi hai ye sabhi politician jeb katare hai
1k 1k aadmi tax deta ha .. goverment ko tax Dene me bharat ke har aadmi ha sahiyog ha ... Goverment ki niti kharab rahi ha suru se
Phir bhi illegal immigrants ke upper koi action nhi...🥲 Ulta manyata de rhe hai... citizenship de rhe hai...
I agree brother but it's very sad reality that people and government understand situation but no take steps
किसानों की जमीन भी तो कम हो रही है किसान खेती नहीं कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अपने फसल का सही मूल्य भी तो नहीं मिल रहा है
सरकार को एक कानून बनाना चाहिए कि यदि कोई कंपनी कोई उत्पाद (दाल,तेल) का आयात करना चाहती है तो उस कंपनी को आयात किये जाने वाले उत्पाद का 30-50% अपने देश के किसानों से खरीदना होगा तभी उसे आयात कि अनुमति दी जाएगी
(यदि किसी फसल का उत्पादन देश में न होता हो और आयात जरूरी हो तो उस कंपनी को जितना आयात करना है उसका 20-30% कंपनी द्वारा घरेलू स्तर पर उत्पादन अनिवार्य होना चाहिए)
हमारे उज्जैन में इतना नकली दूध बन रहा और बिक रहा उसका कोई तोड़ ही नही हे यहां तक कि अमूल जेसी कंपनी भी मिलावटी दूध खरीद रही और बाजार में सेल कर रही
इंपोर्ट ड्यूटी लगा कर आयातित वस्तुओं को महंगी करना चाहिए और एक्सपोर्ट को सब्सिडी दे कर बढ़ाना चाहिए तभी घरेलू उत्पादन बढ़ेगा ओर देश आत्मनिर्भर होगा ओर किसानों का भला होगा
किसान धूप ,धुल ,मिट्टी मे काम कर कर भी उतना नहीं बचाता . इस से ज्यादा प्रॉफिट तो commison agएजेंट्स जो Cars और AC मे बौठकर कमाल लेते hहैँ कितना गलत है
सरकार की नीतियों गलत है, किसानों को फायदा होता नहीं देख सकती है। व्यापारी को फायदा होता है तो ठीक है। किसानों को फायदा होगा तो निर्यात बंद कर दिया।
केंद्र सरकारने सोया पेंड और कपास हमारे देश के किसानो पास उपलब्ध थी फिर भी ये दो चीजे बाहार से आयात कर दी और देश के किसानों ये उत्पादन सस्ते भाव पर बेचने के लिये किसान मजबुर कर दिया गया
जादा तर महाराष्ट्र मे
इस साल सोयाबीन के भाव बहुत कम है 4500 कुंतल लागत भी नहीं निकल रही है😢😢
कीसान की कोई नहीं छुनता आज कीसान की लागत नहीं मील रही हैं
सर प्याज का रेट किसानों को नहीं मिलने से हर साल रकबा कम होता जा रहा है कॉस्ट बाद रही है इस साल प्याज का भाव बांग्लादेश में ₹१५० किलो तक रहा है लेकिन सरकार ने निर्यात बंद कर रखा था
सरकार ही जिम्मेदार हैं
आप एक तरफा बात करते हैं सायाद आप सरकार से डरते हैं
Pyaj jaldi kharaab hone wali vastu hai isliye Usko bulk me store karna mumkin nehi hai atah agar india Bangladesh ko export kar dega to bharat ka haal Bangladesh jaisa ho jayega
@@ghanvedsingh8946250 रू पाव कि षेशाब पि सकता है लेकिन 60 किलो का प्याज नहीं खा सकता
किसानों की फसल की कीमत उतनी नही मिलती जितनी फसल को तैयार करने में लागत आती है इसीलिए ऐसा ही होगा 😅😅😅😅
अंकित sir जरूरी है पानी ओर सरकार नदियों को जोड़ने का ओर पानी की व्यवस्था ही नही कर रही।
मंहगाई न बढे ईस चक्कर में कीसान मारा जाता है
छः हजार रुपए का दे कर अनुदान बलि चढ़ा दिया बेचारा किसान।
उर्वरक और अच्छी किस्म के बीजों का रेट बढ़ने से किसान खेत नहीं करेगा सब्सिडी के नाम पर लूट रहे हैं बस
जनसंख्या नियंत्रण कानून बहुत जरूरी है नहीं तो पाकिस्तान जैसे हालात हो जाएंगे
सरकार निर्णय लेती है आगे चल के की कैसे किसान को मरना है किसी फसल को रेट कम रख कर 😢😢😢
आपकी बात सही है sir अगर हम policy मैं बदलाव करे और दाल का आयात कम कर देती है तो thodee समय के लिए ही दिक्कत आए gi
थोड़े समय बात उसकी पूर्ति daal के उत्पादन से पूरी की जा सकती है किसान को दाल का सही दाम भी मिल पाई ga
Important baat यह है कि चने की खेती को पानी की कम आवस्कता होती है यूरिया रासायनिक खाद नही चाइए
और यह मिट्टी के लिय भी अच्छा है
पिछले साल जो चना 48₹/kg बिका था वो अभी 38₹/kg ही रहा गया जिससे किसान की आय मैं भी कमी आई है
अगर सभी किसान पढ़- लिख लेंगे तो वह खुद विचार कर सकते हैं कि कौन सी फसल उनके लिए ज्यादा लाभदायक होगी 👍👍
Yah baat kisan ki knowledge ki nahi ho Rahi new development (R&D) ki ho rahi h ye kam govt. Hi kar sakti h kisan kitna bhi knowledge le le uske liya thoda muskil h
हां पहले पढ़ लिख लें बीस साल बाद डिसाइड करें हमारे लिए क्या ठीक है,जो पड़े लिखे करोड़ों देश में हैं क्या वोह किसानों के लिए अच्छा नहीं करेंगे क्या?
चीन 😂 या चीनी 😂 एक ही सिक्के दो पहलू है एक economic दूसरा health लूट रहा है 😂😂😂
सरकार शहरी लोगों और कर्मचारियों को हर साल महंगाई भत्ता बढ़ाती है ताकि महंगाई बड़े तो उसे मैनेज किया जा सके और जब थोडी सी महंगाई बड़ने में आती है और किसानों को अपनी फसलों का थोड़ा पैसा मिलने लगता है वैसे ही सरकार एक्शन मोड़ में आकर तुरंत निर्यात पर रोक लगा दी जाती है और किसान की कमर टूट जाती है
जब आप शहर के लोगों और कर्मचारियों को भत्ते के माध्यम से और अन्य छूट के माध्यम से महंगाई सहने के लिए तैयार कर देती है तो फिर क्या कारण है की जैसे ही किसान के घर में पैसा आने को होता है और तुरंत निर्यात पर रोक लगाकर किसान की कमर तोड़ने का काम किया जाता है
Soya oil 120rs/kg है पर किसान 4000rs क्विंटल बेच रहे हैं ऐसा क्यों oil सस्ता होना चाहिए ना, अरहर दाल 9000rs किसान में, चना 6000₹ me रहे हैं पर मोदी government केवल बिजनेसमैन की है base price ही नहीं मिल पाता कई बार तो आपकी बात सही है कृषि नीति बदलनी चाहिए।
भारत की समस्या की जड़ है जनसंख्या वृद्धि इस पर जल्द कानून बने|
One family one child, stay single and nasbandi policy will help to control population of India. Bas problem yeh hi ki, jo bhi sarkar is kanoon ko lagoo karega woh sarkar gir jayegi.
Woh problem nhi hai India Mai aise hi 2.1 hogaya fertility rate ab kya govt one child policy karde wahi hoga jo China mai ho raha hai
सरकार सिर्फ कुर्सी पर बैठने के लिए ध्यान देती है किसान पर कोई ध्यान नहीं देते....सब को फ्री का खाना चाहिए पर किसान को उसकी फसल का भाव देना नहीं चाहते हैं...वा रे दुनिया..😊😊
क्रृषीप्रधान देशमे दस बच्चे वाले सबसिडी लेते है और दो बच्चे वाले टॅक्स देते है
किसानों की फैसलों से ही मैहगाई दर नापा जाता है जबकि किसानों को हर जरूरत का बहुत मैहगा खरिदना पड़ता है उससे मैहगाई दर नहीं मापी जाती हैं
जिस देश मैं गरीब को बिजली 10rs यूनिट मैं दी जाती हो उसकी दाल रोटी तेल पर टैक्स और अमीरों का कर्ज माफ किया जाता हो उस देश का तो भगवान भी गारंटी नहीं लेता 😢😢😢😢😢
खेती किसानी फायदे का धंधा नहीं रहा,, आज तक कभी किसी सरकार ने ये चिंता नहीं जताई कि किसान किसानी छोड़ने पर मजबूर क्यूं होता जा रहा है,, और किसान अपने बच्चे को किसी भी कीमत पर खेती नहीं करवाना चाहता है
एक दिन ऐसा आएगा देश की सब खेती अदानी अंबानी कीराये पर लेंगे और किसान वहा मजदुर बनकर मजदुरी करेगे
दाल का उत्पादन शुल्क भी अधिक होता है मेहनत अधिक होती है मजदुर मिलते नही तो हम किसान दाल का उत्पादन क्यों ले खुद का नुकसान करके सरकार फ्री की रेवड़ी बंद करे हमे 6000 रु की पेंशन नही चाहिए हमे केवल हमारे मेहनत की सही कीमत चाहिए ना कम ना ज्यादा
किसानों की कोन सुनता है आजकल उत्पादन बड़ने के लिए किसानों को सपोर्ट नहीं करती वर्तमान सरकार
सर एकदम सही एकदम सही बताया अपने अपने जैसे कृषी और अर्थतज्ञ की जरुरत है इस देश को चलाने के लिए ये काम ना इंडिया आघाडी कर सकती है एनडीए आघाडी कर सकते है
सब कोई किसान के फसलों का ही महंगा बताता है लेकिन कोई ये नही पूछता की फसलों में डाले जाने वाले दावा के बारे में की ये कियू इतना महंगा है 10ml 50ml दावा का कीमत 200/500 है इसके बारे में कोई कियू नही बोलता है
सरकार की निती ही गलत है सोयाबीन किया तो रेट मिलता है
4. से 4.500 हजार तो कैसे किसान जीवित रहेगा
Agriculture equipment pe heavy GST lagaya hai isme government sahay de to bhi krishi upaj badh shakti hai sir
Sir राम राम भी बोल दीया कीजिए जादा अपनापन लगता है
Petrol diesel pecking food महंगा खरीद सकते हैं पर किसान का उत्पाद नहीं
Kisan cotton 2014 me 1500 me bechate the PM ne 2000 ka vada bator CM kiya tha Aaj 1440 me bech rahe hai
जब सरकार अडानी अम्बानी का सहयोग और किसानो के साथ अन्याय करेगी तो यही होगा
Sarkar kisano par dhayan nahi de raha hai .jitna aamiro par nirbhar rahta hai .
प्याज के निर्यात को 23-24 में रोकने के कारण सरकार ने किसानों की हालात खराब कर दी,
सुगर या चिनी का जो विकल्प हैं स्टीविया। इसका उपर एक वीडियो बनाए ,प्रचार कीजिए प्लीज।
बोहोत ही सुंदर प्रजेंटेशन। I think Ankit Kumar Avasthi is the best.Full of knowledge.
Thanks.Keep it on.
बिल्कुल सही बात दुनिया को फ्री में खाना खिला खिला कर हम मजदूर ऒर मजबूर देश बने हुवे हैं
किसानो का भला सोचना हि सरकार का अच्छा होगा सर
Sir aapne bahut sahi kha ki reserch se Kam lagat me kirsi utpadan ko Khushal rakh sakte hai, sarkar ko jaldi research ke liye kadam badhaye
गांव के छोटे किसानों को प्रमोट कीजिए सर उनको न्यू आईडिया दीजिए सर, उनको ज्यादा पैदावार करने के लिए मोटिवेट कीजिए सर, अक्सर गांव के छोटे किसान कुछ भी नहीं कर पाते उनको खेती के नॉलेज ना रहने के कारण,,,,?
इस विषय मे अपने पानी के व्यवस्थापन के बारे में भी कुछ बताना चाहिये था जैसे ड्रिप इरिगेशन , डॅम से खेती तक बंद पाईप मे पानी ले जाना और शहरो मे जो ड्रेनेज का पानी निकलता है उसे नदी मे नही छोडते हुए उसके उपर प्रक्रिया करके खेती के लिए उसका इस्तेमाल करना.
उड़द कामना बहुत भारी हो गया है उड़द पर बीमारियां ज्यादा लगती है पीलापन व घटिया रोगआ जाता है
जरूर गुरुजी सफेद चीनी पर सेसन होना ही चाहिए, नमक pr to dekh liye h❤❤
सरकार कृषि निर्यात बढ़ाएगी तो किसानों को अच्छा मूल्य मिलेगा,
जो की सरकार नहीं चाहती
जलवायु परिवर्तन,बढ़ती लागत और महंगाई खेती से आमदनी घटती जा रही है। उसमे सरकार निर्यात पर रोक लगा देती है
जनसंख्या समस्या नहीं, भारत का मैन पावर है।
अंकित सर मैंने ख़ुद देखा है हरित क्रांति के नाम से विदेशी से यूरिया जो बॉम्ब विस्फोट के काम आता था विश्व युद्ध के बाद यूरिया कंपनियाँ जो बॉम्ब बनाने के लिए उपयोग करती थी उन्होंने भारत में फ़्री यूरिया देकर किशानूँ को दिया गया हरित क्रांति के नाम पर और वही यूरिया कैंसर का कारण है
3 साल से सबसे बड़ी समस्या किसानों के लिए मजदूरों से है मजदूर ना मिलने के कारण कम से कम एक कुंतल प्रति एकड़ खेत में ही अनाज जहर जाता है जितनी फसल निकलती है उसका 20% केवल मजदूर ले जाता है फजर भवानी बखानी डीजल का खर्च समीप 50% दवाई का छिड़काव पानी समेत केवल किस को 30% ही बचता है
नही हम सरकार को कहते है कि एक्सपोर्ट हमे करने दीजिए । और सरकारें क्या करती है किसानों से ओने पोने दाम में ले कर के 150000 सैलरी पाने वालो को लगभग फ्री में दे देती है । जिससे कितनी भी कम पैदावार हो रेट किसानों हो न के बराबर ही मिलता है । गैहु का रेट 100 रू बढ़ते ही सर्विस करने वालो को बहुत महंगाई लगने लगती है वही 4000 की रोज दारू पियेंगे तब महंगाई न समझ में आयेगी । सब हारा@ है
शेतमाल निर्यात करा आणि शेतकर् याचा रोजगार वाचवा. शेतमाल निर्यात करून देशाला परकीय चलन मिळुन देशावरील कर्ज कमी होवो. बेरोजगारी कमी होवो. बलशाली भारत होवो आणि विश्वात शोभूनी राहो🇮🇳
સરકારે પહેલામાં પહેલું કામ તો ડુબ્લીકેટ બિયારણ અને દવા ઉપર ધ્યાન દેવાની જરૂર છે બીજા નંબરમાં ભાવ બહુ જ ઓછો કહેવાય તમામ ઉત્પાદનો ઉપર
Export items me sugar ,tea coffee, tobacco coldrink, kurkure,chips in jesi tamam chijo ko full export hona chahiye chahe bhart m inke daam sky chuye
जिसका पैदावार करना हे उसका विमा पोलिशी बढ़ा ने की जरूरत हे जिसकी कम जरूरत हो उसमें सब्सिडी में परीवर्तन करनें की जरूरत हे
Sari jamme or kheti dono bade businessmans k adheen honi chahiye tab jaake desh tarakki kreg is field me❤
Aisa kuch nhi hai businessmens tho or barbaad kar denge poori vyavastha ko apni lalach k chakkar mai.
Being a PhD agriculture student, I am fully agree with your insights sir.
Iske liye jaruri h ki sarkar ki niyat kisano ki histeshi vali honi chahiye
Ankit Bhai Kamal hai
Ye galat baat hai
Eskliye sarkar ne दलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए msp bhi Diya tha but किसानों ने माना कर दिया की हम जो उगा रहे रहे वो ही उगायेगे
पंजाब मैं हुआ था kirpya फैक्ट चेक करें और एक नया रिसर्च करें आलोचना की जगह।
जनसंख्या वृद्धि होने के कारण अपने देश में ही इनकी खपत बढ़ गई है दूसरी तरफ जनसंख्या वृद्धिके कारण खेती हर जमीन कम होती जा रही है और किसी भूमि पर आवासीय एवं व्यापारिक संस्थान बनाए जा रहे हैं
प्याज की निर्यात बंद कर दी, किसानों को नुकसान उठाना पडा 😢
किसानों को मिलने वाली सभी सब्सिडी बंद कर देनी चाहिए और किसानों को खेती भी बंद कर देनी चाहिए😢😢
Gehoo aur chawal ke wahi dam hone chahiye jo petrol aur desel ke hote hai.mai ek kisan hoon.
किसान की सारी उपज पर वेन लगा देना चाहिए ये किसानो की पूरी जुम्मेदारी महंगाई कंट्रोल करने की
जितनी लागत है उतने में ही माल बिकता है थोड़ा बहुत ही किसान को मिलता है उसका घर चल सके उतना
तेल और डाल हिंदुस्तान में हद से ज्यादा प्रोडक्शन हो सकता है मगर गवर्नमेंट की कुछ नीतियां सुदृढ़ होनी चाहिए और उन्हें किस को आदेश देना चाहिए कि इतने इतने अनुपात में यह वस्तुएं उत्पादन करो या बुवाई करो अगर हिंदुस्तान को समृद्ध बनाना है तो इंपोर्ट फसलों का घटना होगा और हिंदुस्तान के किस को बाहर से आने वाली वस्तुओं के ऊपर का भाव देनाहोगा
Kuch log abhi bhi population pe hi atke hai... galti to hai.. lekin aaj ki date me sir ne jaise kaha kuch naye reforms ki jarrurat hai.
🇮🇳जय हिंद जय भारत🇮🇳
सर ग्वार आयात-निर्यात ncdex पर विडियो बनायें कृपया किसानों को कुछ अच्छी जानकारी मिलेगी जिससे उनका भला हो सकें
Indian express को जनसंख्या नियंत्रण कानून पर पूछना चाहिये
हम किसन हे एक दिन जितना हमे जरुरत है उत्नही उत्पादित करेंगे सरकार हमारी फसलोको भाव नाही देती
Is saal Himachal utrakhand me apple 50% 60% km hua he bina rain ke ke or overheating ki vjh se sbhi fruits ka% kmn hoga isliye samay rhte savdhan ho jayiye
Bharat ak krushi pradhan desh hai hame iska faida uathana chahiye Kam barish me bhi hum on line tarike se tel biya or dallo ke uatpadan ko badhane ki koshish ki ja sakti hai
Increasing population is the problem. Jis se natural resources are depleting such as forests, borewell water. Increasing traffic emissions pollution, increasing plastic usage whoch is spoiling atmosphere .
सरकार को क्षेत्र के हिसाब से अलग अलग फसलों को बोने के लिए एक सीमा भी निर्धारित करनी चाहिए जिससे कोई फसल बहुत अधिक या कोई फसल बहुत कम क्षेत्रफल में न बोई जाए, किसानों के पास इसकी कोई पुख्ता जानकारी ही नहीं है बस अनुमान से अंधी दौड़ करते रहते है इसीलिए जो बोते भी है उसका सही मूल्य ही नही मिलता
हमारे संसाधन बहुत ही सीमित हैं इसीलिए सारी समस्याओं की जड़ जनसंख्या है!इसको नियंत्रण करना होगा उचित कानून से
बहुत गजब के अध्यापक है गुरु जी आप 🙏🏻
कृषी निर्यात बंदी करणे से अच्छा ज्यादा से ज्यादा कृषी mal दुसरे देश मे लगातार कम पैसे मे pohunchta रहे ये भारत सरकार ने करणं चाहिए. तभि consumptin badh ke kisan ki amdani dugani hogi. Kisan jitana produce karate he adhe se jyada fekana padata he. Logistics behatar kar ke yahi maal lagatar dusare desh jata rahe to kisan continues production karate rahenge. Isase kisan bhi sukhi honge aur Bharat ke janata ho hamesha sasta anaj milega , achanak bhav nahi badhenge.
खाते में पैसा भेजने की जगह सरकार को खाद बीज आदि कम कीमत पर उपलब्ध कराना चाहिए
Thank you so much sir ... For this amazing video!!
जनसंख्या नियंत्रण कानून भारत के अंदर लागू होना अत्यंत आवश्यक है
Food shortages hone pe bazar mein trahimam hota hxi food supply maintain karne ke liye ban lagaya hai..aap policy rehne do policy maker ke liye ,,,,pichle sal kam rain se food production kam hua yo rxport kaha se badh jata ,, indian express bekar news agency hai baklol log report likhte hai ,, bharat ki badhti population food consumption behaviour bhi badal raha hai ,,indian express ke mansik rogi nahi jante bhaeat ki food requirements ,,,
तेल और दाल की फसल उत्पाद का खर्च भी नहीं निकल रहा , इतने दाम गिरा रखे है इम्पोर्ट करके, मोदी सरकारने बढे बुरे दिन लाए किसान के लिए महँगाई तो तीन गुना बढ़ाई है
Ek taraf to pura vipach chilla rha dal ,tel bahut mahanga kr diya modi n aur tum kh rhe modi kisano ko barbaad kr diya
@@vijayverma480इस बंदे के कहने कामतलब हैं जो समान ये बेचना चाहते हैं वो महंगा हो जाए और जो खरीदना हैं वो सस्ता हो जाए , मैं चाहता हु चावल गेहूं महंगा हो जाए और दाल, सब्जी सस्ता हो जाए चीनी सस्ता हो जाए
Sir iss topic KO Jada se Jada logo KO patta chalna Chahiye 🙏👍 thanku .
Right
तीन कृषि कानून वापस लेने पड़े तो क्या करे सरकार आखिर उसे चुनाव भी तो जीतना जरुरी है साथ ही विदेशी साजिशों से भी निपटना है।
Achi jankari
बहुत अच्छा बताया
आजके जमानेमे किशान जीने से ज्यादा मरने की सोच रखता है! सभी जगह से किशान को लुटा जा रहा है !
Sahi bole sir hame innovation par kaam karna padega..
Education mein bhi kafi sudhaar lana padega
सर प्याज की निर्यात पर बारबार बॅन लगाने से कमी आयी है बार्डर से ट्रक वापस बुला देते है इस में व्यापारी यो का भी बहुत नुकसान होता है विदेशी चलन भी आता नही
Apni Pathshala Website Link:- apnipathshala.com/
Follow me (Ankit Kumar Avasthi) on twitter:
twitter.com/kaankit
0:40 😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😊😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😊😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😊😅😊😅😅😅😅😊😅😅😊😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😊😊😊😅😅😅😅😅😅😅😊😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😊😊😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😊😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😊😅😅😅😅😅😅😅
😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😊😊😅😅😅😅😊😊😊😊😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😊😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😊😅😅😅😅😅😅😅
2018
ganna belt ka kisan aandolan m sammalit hone ka rection tha export band krna
1