जय श्री गुरु देव भगवान जी आप के चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम करते हैं हम और सही बात है हम सब लोग आप से सहमत हैं जय हो जय हो आप जैसे महान लोगों की सादा ही गौ माता राष्ट्र माता हो भारत हिंदू राष्ट हो गौ हत्या बाद हो हिंदू प्रचण्ड हो भारत अखंड हो जय श्री राधे कृष्णा जी नमः पार्वती पत्त्य हर हर महादेव जी 🙏🌺🌷🌹🚩
सोई हुई जो राम रचि राखा हरि हरि हरि हरि हरि हरि हरि हरि हरि हरि शंकराचार्य भगवान के चरणों में कोटि कोटि कोटि प्रणाम हमारे चारों पीठों के शंकराचार्य भगवान के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम है भगवान इसका अर्थ यह हुआ इसका अर्थ जो होता है सोई हुई जो राम रचि राखा इसको हमें ऐसे समझाना होता है कि जो राम ने रख दिया है उसकी मर्जी से हमको चलना चाहिए अथवा जब हम अपनी मर्जी से चलेंगे तो हमें फिर कश्ती कष्ट होगा और जब हम राम के भरोसे चलेंगे तो हमें कष्ट नहीं होगा जैसे कि हमारे साथ में शुभ और अशुभ दोनों होते हैं कभी हमें सुख आता है तो फिर उसके बाद में हमें दुख भोगना पड़ता है जब हम अपने मन की भोगों से और अब अपनी मां की इच्छा से चलते हैं तो हमें सुख में आनंद आता है और फिर दुख में हम भगवान को दोष देते हैं कि यह भगवान ने ऐसे कर दिया वैसे कर दिया मेरे साथ मैंने क्या किया था तो वही आज्ञा हमें दुख देता है अगर हमें ज्ञान है तो हम ज्ञान के भरोसे में यह समझ लेंगे कि हमारे की जन्मों के पाप पुण्य हैं और जब हम इस संसार में जन्म लेकर आए तो हमारे साथ में ही भगवान ने हमारे रचना कर दी हमारे सब जीवन में क्या होने वाला है यह तो भगवान ने निर्धारित कर दिया तो फिर हम अपनी मनमानी क्यों करें इसलिए वह आदमी कभी भी दुखी नहीं होता वह प्रभु की डोरी पकड़ कर रखता है कष्ट तो उसे भी आते हैं लेकिन वह लेकिन वह सहनशक्ति लगता है भगवान का नाम नहीं छोड़ता इसलिए कभी-कभी भगवान उसकी भक्ति देख कर उसके कासन को भी दूर कर देते हैं और पापी जान जो होते हैं जो अपनी मनमानी करते हैं और पाप अत्याचार करते हैं हंसते हैं मस्ती मारते हैं तो वह भगवान को भी नहीं समझते कि मैं ही जान सब कुछ हूं और कभी जब उनका समय बर्बाद होता है खराब होता है तब भी वह अहंकार से भरे हुए उसे चीज को नहीं समझते कि भगवान नाम की कोई चीज है इसलिए उनको बहुत दंड भोगना पड़ता है और उनको तड़पना पड़ता है इसलिए भगवान की डोरी पकड़ो हरि हरि बोल हरि हरि बोल हरि हरि जपो तो तुम्हारा कल्याण हो जाएगा बाकी हमारा सब कर्मों का अपने अपने कर्मों का भोग है संसार में कोई अच्छे कर्म करके आया है तो धनी है कोई बुरे कर्म करके आया तो गरीबी दरिद्रता और परेशानी खाने को खाना नहीं पढ़ने को कपड़ा नहीं और एक अच्छे कर्म करके आया है तो उसको खा खा कर भी खाने का इच्छा नहीं यह खाऊंगा क्योंकि उसके पास किसी चीज की कमी नहीं कपड़े पहनने की नहीं सोना चांदी की नहीं घर बाहर की नहीं ऊपर हवाई जहाज में जाता है तो यह सब कम है
रुद्र शर्मा / ब्राह्मण सभा मंदिर , प्रस्थानकोट, पंजाब। गुरुदेव जी मेरा प्रश्न यह है कि असफलता का कारण और सफलता का मार्ग क्या है? शंकराचार्य भगवान जी कृपा करके मेरा मार्ग दर्शन कीजिए 🙏🏻
प्रश्न: गुरुदेव प्रणाम नाम: कौशिक नागापुरी उम्र: 32 years मेरे पिताजी का गोत्र कौंडिन्य हैं और विवाह के पहले मेरे माँ का गोत्र कौंडिन्य ही था । मैं उनका सन्तान हु, अब मेरा गोत्र कौनसा होगा। मेरे माता और पिता ने एक ही गोत्र में विवाह किया हैं, और अगर इस वज़ह से मेरा गोत्र कौंडिन्य नही हो सकता, तो क्या मैं कौंडिन्य गोत्र की कन्या से विवाह कर सकता हु ????
एक समय ऐसा भी था जब तुलसीदास जी की रामायण को बड़े बड़े ब्राह्मणों ने अस्वीकार कर दिया था। वाल्मीकि कृत रामायण के अलावा कोई रामायण मान्य नहीं थी। तुलसीदास कृत रामचरित्रमानस ज्यादा लोकप्रिय हो गई थी। तब ब्राह्मणों ने अपनाना शुरू किया।
Atm hatya karne pr Mukti nhi milti,narak yatna bhogani padati he,jb narak yatna khatam hoti he tb alag alag praniyo ke sharir se gujarna padta he,fir Jake vo manushya banata he aur purane karmo nusar vaha bhi kasht bhogta he,agar us janm vo acche karm karna shuru kr de to prarabdh cash mile kasht thode thode km vo jate he aur fir apne karmo anusar vo mukti ya fir punya lok prapt kr sakata he. Aap Garud puran/Shrimad bhagvad Puran ya baki kisi granth me bhi padh sakte he
मेरा प्रश्न है की हिंदू धर्म में कई सारे विधी है मुझे सब कुछ नही आते तो क्या भगवान के नाम से दोष मीट जाएंगे क्युकी इस कलियुग में सारे विधि पालन करना मेरे लिए संभव नहीं है कृपा कर के मार्गदर्शन कीजिए please please please Please please please please
ईश्वर की पालन लीला है वैसे ही संहार लीला भी है... कोरोना बीमारी आयी वह एक संहार लीला ही थी...ये सब मृत्युलोक में होता रहता है..हमे सिर्फ अपने धर्म से चलना है और लड़ना है।
क्योंकि जन्मदाता, पालनकर्ता और संहारकर्ता भी ईश्वर ही हैं। हम अपने लाभ के अनुसार ईश्वर की पूजा करते हैं, और जब क्षति होती है, तो उनकी निंदा करने लगते हैं। लेकिन ईश्वर सुख और दुःख दोनों के प्रति तटस्थ रहते हैं, क्योंकि वे हम जैसे जीवात्मा बनकर समस्त सुख-दुःख आदि का अनुभव कर रहे हैं। हमें भगवान का दिया हुआ सुख स्वीकार होता है, पर दुःख नहीं। हम में से कौन है जो प्रार्थना करके दुःख मांगता है? वास्तव में, भगवान ने जो भी सुख या दुःख दिया है, उसी में संतुष्ट रहने वाला व्यक्ति ही परम ज्ञानी होता है। और ये सुख या दुख हमारे कर्म के फलों से ही निर्धारित होता है।
Guruji Sat sat naman कोटि Koti दंडवत प्रणाम
अद्भुत ज्ञान की ज्ञान की पराकाष्ठा 🌹🌹🌹🌹🌹🙏
राम राम राम राम राम राम राम राम
भगवान शिवावतार जगद्गुरू शंकराचार्य के चरण कमल पर साष्टांग दण्ड वत प्रणाम हर हर महादेव
जय गुरु जी🚩🙏
जय श्री राम
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🪔🥀🌹💐🌺🕉️🔱🌷🚩🌼🏵️🌻 શિવ સ્વરૂપ જ્ઞાન સ્વરૂપ ભક્તિ સ્વરૂપ આદિ જગતગુરુ શંકરાચાર્ય સ્વરૂપ સદગુરુ ભગવાન દત્તાત્રે સ્વરૂપ શ્રી શ્રી 1008 પદ્મવિભૂષિત પરમહંસ ધર્મ સમ્રાટ સ્વામી અવિ મુક્તેશ્વર આનંદ સરસ્વતીજી મહારાજના ચરણ કમલમો કોટી કોટી દંડવત નમસ્કાર 🙏🏻🙏🏻💐🔱💐🔱🪔🥀🌹💐🌺🌻 શિવ શિવ શંભુ હર હર મહાદેવ શ્રી રામ જય રામ જય જય રામ 🙏🏻🙏🏻💐
पूज्य श्री के चरणों में सादर प्रणाम 🙏
श्री गुरू चरण कमल नमः
परमपूज्य गुरुदेव के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम । श्री राम जय राम जय जय राम । शिव शिव शम्भो हर हर महादेव ।
जय बद्रीविशाल ।
हर हर महादेव❤❤
Param puja gurudev bhawan sadar charan sparsh❤
Ram Ram❤❤
जय श्री गुरु देव भगवान जी आप के चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम करते हैं हम और सही बात है हम सब लोग आप से सहमत हैं जय हो जय हो आप जैसे महान लोगों की सादा ही गौ माता राष्ट्र माता हो भारत हिंदू राष्ट हो गौ हत्या बाद हो हिंदू प्रचण्ड हो भारत अखंड हो जय श्री राधे कृष्णा जी नमः पार्वती पत्त्य हर हर महादेव जी 🙏🌺🌷🌹🚩
🙏🌸🌹🌹🌼💐🪷🪷🌺🌻🌻🌺🌺🌺🪷🪷💐💐🌼🌹🌹🌸🌸🌹🌹🌹🙏 गुरु देव भगवान कि जय श्री चरणों में बारम्बार नमन प्रणाम 🌺🌻🪷🌸🌹 गौमाता राष्ट्र माता 🪷🌻🪷🌻🪷🙏
🙏🏻जय श्री राम ।जय गुरुदेव ।
सोई हुई जो राम रचि राखा हरि हरि हरि हरि हरि हरि हरि हरि हरि हरि शंकराचार्य भगवान के चरणों में कोटि कोटि कोटि प्रणाम हमारे चारों पीठों के शंकराचार्य भगवान के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम है भगवान इसका अर्थ यह हुआ इसका अर्थ जो होता है सोई हुई जो राम रचि राखा इसको हमें ऐसे समझाना होता है कि जो राम ने रख दिया है उसकी मर्जी से हमको चलना चाहिए अथवा जब हम अपनी मर्जी से चलेंगे तो हमें फिर कश्ती कष्ट होगा और जब हम राम के भरोसे चलेंगे तो हमें कष्ट नहीं होगा जैसे कि हमारे साथ में शुभ और अशुभ दोनों होते हैं कभी हमें सुख आता है तो फिर उसके बाद में हमें दुख भोगना पड़ता है जब हम अपने मन की भोगों से और अब अपनी मां की इच्छा से चलते हैं तो हमें सुख में आनंद आता है और फिर दुख में हम भगवान को दोष देते हैं कि यह भगवान ने ऐसे कर दिया वैसे कर दिया मेरे साथ मैंने क्या किया था तो वही आज्ञा हमें दुख देता है अगर हमें ज्ञान है तो हम ज्ञान के भरोसे में यह समझ लेंगे कि हमारे की जन्मों के पाप पुण्य हैं और जब हम इस संसार में जन्म लेकर आए तो हमारे साथ में ही भगवान ने हमारे रचना कर दी हमारे सब जीवन में क्या होने वाला है यह तो भगवान ने निर्धारित कर दिया तो फिर हम अपनी मनमानी क्यों करें इसलिए वह आदमी कभी भी दुखी नहीं होता वह प्रभु की डोरी पकड़ कर रखता है कष्ट तो उसे भी आते हैं लेकिन वह लेकिन वह सहनशक्ति लगता है भगवान का नाम नहीं छोड़ता इसलिए कभी-कभी भगवान उसकी भक्ति देख कर उसके कासन को भी दूर कर देते हैं और पापी जान जो होते हैं जो अपनी मनमानी करते हैं और पाप अत्याचार करते हैं हंसते हैं मस्ती मारते हैं तो वह भगवान को भी नहीं समझते कि मैं ही जान सब कुछ हूं और कभी जब उनका समय बर्बाद होता है खराब होता है तब भी वह अहंकार से भरे हुए उसे चीज को नहीं समझते कि भगवान नाम की कोई चीज है इसलिए उनको बहुत दंड भोगना पड़ता है और उनको तड़पना पड़ता है इसलिए भगवान की डोरी पकड़ो हरि हरि बोल हरि हरि बोल हरि हरि जपो तो तुम्हारा कल्याण हो जाएगा बाकी हमारा सब कर्मों का अपने अपने कर्मों का भोग है संसार में कोई अच्छे कर्म करके आया है तो धनी है कोई बुरे कर्म करके आया तो गरीबी दरिद्रता और परेशानी खाने को खाना नहीं पढ़ने को कपड़ा नहीं और एक अच्छे कर्म करके आया है तो उसको खा खा कर भी खाने का इच्छा नहीं यह खाऊंगा क्योंकि उसके पास किसी चीज की कमी नहीं कपड़े पहनने की नहीं सोना चांदी की नहीं घर बाहर की नहीं ऊपर हवाई जहाज में जाता है तो यह सब कम है
Jai shree Krishna Jai guru maharaj ji gaumata rashtrama ghoshit ho jaye to is kalyug me bhi satyug a jayega
श्री गुरुदेव के चरणों में प्रणाम बंदे को मातरम जय गौ मां भारती
हर हर महादेव स्वामी जी 👏👏👏👏👏
Har har Mahadev har
जय गुरुदेव की जय हो
Stya snatan Dhrm ki jay ho
🙏 Jay gurudev 🙏
Jay gurudev 🙏🙏
रुद्र शर्मा / ब्राह्मण सभा मंदिर , प्रस्थानकोट, पंजाब।
गुरुदेव जी मेरा प्रश्न यह है कि असफलता का कारण और सफलता का मार्ग क्या है?
शंकराचार्य भगवान जी कृपा करके मेरा मार्ग दर्शन कीजिए 🙏🏻
THERE IS A NO GOD WILL PROTECT US EXCEPT OUR OWN SELF 💕
said a True realizer
9:45
आंसू शर्मा
बरेली उत्तर प्रदेश
गुरुजी प्रणाम मैं स्वप्न में शौच करते हुए अनेक दिन से देखता हूं कृपया मार्गदर्शन करें
🎉
Thanks
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
💐💐💐🙏🙏
🌼🌸🌹🌸🌼🙏
प्रश्न: गुरुदेव प्रणाम
नाम: कौशिक नागापुरी
उम्र: 32 years
मेरे पिताजी का गोत्र कौंडिन्य हैं और विवाह के पहले मेरे माँ का गोत्र कौंडिन्य ही था । मैं उनका सन्तान हु, अब मेरा गोत्र कौनसा होगा। मेरे माता और पिता ने एक ही गोत्र में विवाह किया हैं, और अगर इस वज़ह से मेरा गोत्र कौंडिन्य नही हो सकता, तो क्या मैं कौंडिन्य गोत्र की कन्या से विवाह कर सकता हु ????
Sharma brahman ke bare me btao please 🥺
एक समय ऐसा भी था जब तुलसीदास जी की रामायण को बड़े बड़े ब्राह्मणों ने अस्वीकार कर दिया था। वाल्मीकि कृत रामायण के अलावा कोई रामायण मान्य नहीं थी। तुलसीदास कृत रामचरित्रमानस ज्यादा लोकप्रिय हो गई थी। तब ब्राह्मणों ने अपनाना शुरू किया।
परीक्षा सब की होती है।
Kripya aatmhatya karne wale vyakti ki mukti ke uttam upay batayen
Atm hatya karne pr Mukti nhi milti,narak yatna bhogani padati he,jb narak yatna khatam hoti he tb alag alag praniyo ke sharir se gujarna padta he,fir Jake vo manushya banata he aur purane karmo nusar vaha bhi kasht bhogta he,agar us janm vo acche karm karna shuru kr de to prarabdh cash mile kasht thode thode km vo jate he aur fir apne karmo anusar vo mukti ya fir punya lok prapt kr sakata he. Aap Garud puran/Shrimad bhagvad Puran ya baki kisi granth me bhi padh sakte he
Ek video already hai maharaj ji ne bola hai
मेरा प्रश्न है की हिंदू धर्म में कई सारे विधी है मुझे सब कुछ नही आते तो क्या भगवान के नाम से दोष मीट जाएंगे क्युकी इस कलियुग में सारे विधि पालन करना मेरे लिए संभव नहीं है
कृपा कर के मार्गदर्शन कीजिए please please please Please please please please
कालनेमियो की संख्या बढ़ी।
GAZA, SYRIA,LEBANON, UKRAINE, BANGLADESH KI Innocent inssan ko koi bhi iswar nehi bachane aya, eissa kiun guruji?
ईश्वर की पालन लीला है वैसे ही संहार लीला भी है... कोरोना बीमारी आयी वह एक संहार लीला ही थी...ये सब मृत्युलोक में होता रहता है..हमे सिर्फ अपने धर्म से चलना है और
लड़ना है।
क्योंकि जन्मदाता, पालनकर्ता और संहारकर्ता भी ईश्वर ही हैं। हम अपने लाभ के अनुसार ईश्वर की पूजा करते हैं, और जब क्षति होती है, तो उनकी निंदा करने लगते हैं। लेकिन ईश्वर सुख और दुःख दोनों के प्रति तटस्थ रहते हैं, क्योंकि वे हम जैसे जीवात्मा बनकर समस्त सुख-दुःख आदि का अनुभव कर रहे हैं।
हमें भगवान का दिया हुआ सुख स्वीकार होता है, पर दुःख नहीं। हम में से कौन है जो प्रार्थना करके दुःख मांगता है? वास्तव में, भगवान ने जो भी सुख या दुःख दिया है, उसी में संतुष्ट रहने वाला व्यक्ति ही परम ज्ञानी होता है। और ये सुख या दुख हमारे कर्म के फलों से ही निर्धारित होता है।