महाराष्ट्र के कोंकण में रहने वाले, महार लोग बौद्ध धम्म अपनाने से पहले से, देव उठणी एकादशी के दिन को बड़ी दिपावली कह के मनाते हैं। उसे सेलीब्रेट करते हैं। पुराने बुढ़े लोग कहते थे ये हमारी दिवाली हैं। लेकिन किसी को पता नहीं था बौद्धों का त्यौंहार हैं। अपना धर्म ही भुल गए थे लेकिन त्यौहार याद थे। अब इस त्यौहार को ब्राह्मणों ने तुलसी विवाह बना दिया हैं। और देव दिपावली के महत्व को गायब कर दिया।
सर आपने बहुत सुंदर जानकारी दी। देव उत्थान नाम से भी ये बौद्ध पर्व लग रहा है। पाली साहित्य में बौद्ध भिक्खुओं को ही देव कहा जाता है और बुद्ध को देवों के देव महादेव कहा जाता है। सभी देशवासियों को बौद्ध पर्व देव उत्थान की हार्दिक बधाई बहुत बहुत मंगल कामनाएं।
दसवीं सदी से पूर्व पूरा भारत बुद्धमय था, भारत के सभी लोग बौद्धिष्ट थे, भारत के सभी राजा बौद्धिष्ट थे, भारत के कण कण में बुद्ध समाए हुए हैं। बुद्धिज़्म के अलावा भारत में अभी तक किसी दूसरी संस्कृति के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। सभी पुरातात्विक प्रमाण बुद्धिज़्म के सपोर्ट में हैं। चीनी यात्रियों के यात्रा वृतांत जिनसे भारत के सभी बौद्धस्थल खोजे गए हैं इन्होंने भारत में बुद्धिज़्म के अलावा किसी दूसरी सभ्यता का उल्लेख नहीं किया है। भारत के पुराने मंदिरों की सभी मूर्तियां बुद्धिज़्म की हैं, कपड़े मेकअप आदि हटाकर देखो तो साफ दिखाई देगा। हर जगह बुद्ध ही बुद्ध हैं तो इसलिए बौद्धों का ही है।
भारत के कण कण में बुद्ध हैं, भारत में जो कुछ है सब बुद्धिज़्म से रिलेटेड हैं। पुरातात्विक सबूत सिर्फ बुद्धिज़्म का सपोर्ट करते हैं, चीनी यात्रियों के यात्रा वृतांत बुद्धिज़्म का सपोर्ट करते हैं। भारत के पुराने मंदिरों की मूर्तियां बुद्धिज़्म की है, कपड़े पहनाकर मेकअप करके उनका रूपरिवर्तन किया गया है।
ब्राह्मणवादी महादेव की पूजा नहीं करने लगेंगे, जब लोग जान जायेंगे कि बुद्ध ही महादेव हैं तो ब्राह्मणवादी महादेव को छोड़ देंगे। बहुजन समाज को अंधविश्वास और पाखंड से बाहर निकालने के लिए इतिहास की सही जानकारी बहुत जरूरी है।
सर छत्तीसगढ़ में दिवाली के दिन सुबह से ही गौरा चौक मे गौरा ईसर रखती है या कही कही पर एक दिन पूर्व दिवाली की रात महिलाऐ घर घर से दीपक का कलश लेकर गौरा चौक पर जाती है और वहां गीत गाया जाता है मोर गौरा जागे मोर गौरी जागे जागे सब लोग
आपके विचार को लेकर मुझे बहुत ही बहुत दिमाग में बातें चलती रहती है मैं कंफ्यूज रहता हूं क्या करूं कैसे आपसे मिलूं कैसे बात करूं अपने दिल को सुकून कैसे पाऊं
Buddham sarnag gachchami sangham sarnag gachchami dhamamm sarnag gachchami Jo satya ka marg bataye unhi ko jagana Buddh ki saran me hi bharat ka bhavisya chhipa hay Namo buddhaay Jay bhim❤❤❤❤❤❤
गौतम बुद्ध सुकीती आदिवासी थे।उनकी मां महामाया कोलिय बेटी थी।कोल आज भी आदिवासी माने जाते हैं।कोल कोलियों का टोटेम भालू होता है।...गोंडवाना का सांस्कृतिक इतिहास ...लेखक मोतीरावन कंगाली ...=नागपुर
सर,महायानी परंपरा में तथागत बुद्ध का धम्म मूर्ति पूजा,तंत्र मंत्र,अंधविश्वास से घिरकर खूब विकृत हुआ है,कालांतर में बौद्ध परंपराएं भारतीय समाज के हर वर्ग तक पहुंचीं, अर्थ का अनर्थ कर हम बुद्ध धम्म का मार्ग नहीं चुन सकते,साधु साधु साधु
Mostly all festivals excluding holi,dassehra,Rakhi,Diwali,Laxmi,Ganesh, Bappa morya,Durga, Kali, Rahu,Ketu etc are budhists festivals in any way in india.
Saman Sang Sir Aapne Presentation main Sahi kaha,Baise mujhe bhi Doubt tha Brahmin Vaniya Nexus Media main Gyaras ko Dev uthni bolke pracharit karte hai,Devo k peeye(Devanpiye)Sirf Buddha the
Dewata so rahe hain to Ganesh,Durga ko isi suptawastha me kyon bithate hai,nind kharab kar dete hai, aapki bat 100/ sahi hai Pali ko bhi optional sub. Me school me padhana chahiye
लड्डू लाल लिख रहा है कि भारत में बुद्ध ही क्यूं है, अरे भारत देश तो मोदी ने ही बनाया है जब कांग्रेस ने इंडिया पार्टी के नाम से गठजोड़ बनाया है और बीजेपी ने हिन्दुस्तान को देश कहना बंद करके भारत नाम पर कब्जा करके इस देश को ब्राह्मणों ने भारत कहा 2023 में । और बीजेपी के बड़े बड़े नेता बाहर के देशों में जाकर बुद्ध के देश से आये हैं ,कह कर गौरवान्वित महसूस करते हैं। तो आप जैसे व्यक्तियों को मिर्ची भी जल्दी ही लगती है, क्यों, क्यों ????
हिन्दुओ के सारे त्यौहार बौद्ध समाज के है तो बौद्ध धम्म का विलय हिन्दू धर्म मे कर दो, तुम बौद्ध हो नहीं तो तुमको किसने हक दिया की बौद्ध धम्म के बारे मे अनर्गल बिलाप करो
शायद यह जानकारी ऐसी है... देव उठनी ब्राह्मणों का है जो शंबूक ऋषि की हत्या के बाद होता है. चार मास बौद्ध भिक्खु नहीं सोते बल्कि ब्राह्मण (जिन्होने अपने को भूदेव कहा) सोते हैं यानि उनके कोई भी कार्यक्रम नहीं होते शादी विवाह नए सामानों की खरीदी आदि कोई अच्छे कार्य नहीं करते हैं क्योंकि बौद्ध धम्म के कारण ब्राह्मणों का कम बंद रहता है
मजाक बना दिया है। और बहुत सुंदर मजाक है। यदि बौद्ध धर्म और मान्यता सभी हिन्दू अथवा ब्राह्मण पण्डित मना रहे हैं तो क्या आप केवल ब्राण्ड की बात कर रहे हैं।
और दूसरी महत्व बात यह कि बुद्ध सनातन धर्म में चार वर्ण नहीं थे। आज की तारीख में वर्ण क्रम में उलट पलट स्पष्ट दिख रहा है। ब्राह्मण, वैश्य, क्षत्रिय और शुद्र 😂
@@rnshrivas6949 आज वर्गवाद वर्गभेद हो रहा है? सवा दो हजार वर्ष से से ब्राह्मण कैलेंडर लागू है और वर्गवाद आज हो रहा है। और यदि हो रहा है तो 85% 90% यहाँ तमाशा देखने आए हुए हैं या डींगें हांकने? तमाम यदुवंश की धरोहर। राम राम क्षत्रिय धरोहर। सम्राट अशोक और चंद्रगुप्त मौर्य की धरोहर। मुगलों की धरोहर। नदी नाले जंगल जमीन तालाब । चोलों की धरोहर। भगवान शिव की धरोहर। मठ मंदिर आश्रम सभी धरोहरों के एकाधिकरी ब्राह्मण हैं तो। यादव, चोल, राजपूत, क्षत्रिय, मौर्य या कोई भी अन्य क्या कर रहे हैं?
😅 Jaha Buddha hi Hindu hai to Devashani Buddha ka hoga hi ! 😛 BUT What is the Theoretical and Practical Spiritual Science and Philosophy of SAMAN on the basis ( Religious literature ) Sadhan marg , Sadhan Padhati , experiences , consciousness , physical-mental-spiritual changes in human body , Mukti - Moksha Guru Parampara for Self realisation , iternal spiritual awareness , peaceful life . Towards the Truth . 😊
महाराष्ट्र के कोंकण में रहने वाले, महार लोग बौद्ध धम्म अपनाने से पहले से,
देव उठणी
एकादशी के दिन को बड़ी दिपावली कह के मनाते हैं।
उसे सेलीब्रेट करते हैं। पुराने बुढ़े लोग कहते थे ये हमारी दिवाली हैं। लेकिन किसी को पता नहीं था बौद्धों का त्यौंहार हैं।
अपना धर्म ही भुल गए थे लेकिन त्यौहार याद थे।
अब इस त्यौहार को ब्राह्मणों ने तुलसी विवाह बना दिया हैं।
और देव दिपावली के महत्व को गायब कर दिया।
Jay Bheem namo buddhay,,, dhanyvad sar aapane bahut acche jankari Di hamare samaj baudh samaj ke liye,,
Aapke jagrukta se hamara samaj dobara se nahin Raha per a raha hai aapki Jay Ho,, Jay Bheem namo buddhay,,,
Wah re jhuth wah😂😂😂😂😂
बहुत ही सुंदर अनुसंधान,सहमत।इतिहास शब्दों में ही छिपा है,देव प्रबोधनिसे आशय वर्षावास के समापन की घोषणा एवं चारिका पुनः आरंभ।साधु,साधु,साधु।
नमो बुद्धाय जय भीम बिल्कुल सही
सर जी जय भीम नमो बुद्ध🙏🙏
मनाना से ज्यादा ज़रूरी सच को जानते जाना है।
सर आपने बहुत सुंदर जानकारी दी। देव उत्थान नाम से भी ये बौद्ध पर्व लग रहा है। पाली साहित्य में बौद्ध भिक्खुओं को ही देव कहा जाता है और बुद्ध को देवों के देव महादेव कहा जाता है। सभी देशवासियों को बौद्ध पर्व देव उत्थान की हार्दिक बधाई बहुत बहुत मंगल कामनाएं।
Yah sandarbha kis grantha me aaye hai ?
We expect discussion with
Sanatan Samiksha .
दसवीं सदी से पूर्व पूरा भारत बुद्धमय था, भारत के सभी लोग बौद्धिष्ट थे, भारत के सभी राजा बौद्धिष्ट थे, भारत के कण कण में बुद्ध समाए हुए हैं। बुद्धिज़्म के अलावा भारत में अभी तक किसी दूसरी संस्कृति के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। सभी पुरातात्विक प्रमाण बुद्धिज़्म के सपोर्ट में हैं। चीनी यात्रियों के यात्रा वृतांत जिनसे भारत के सभी बौद्धस्थल खोजे गए हैं इन्होंने भारत में बुद्धिज़्म के अलावा किसी दूसरी सभ्यता का उल्लेख नहीं किया है। भारत के पुराने मंदिरों की सभी मूर्तियां बुद्धिज़्म की हैं, कपड़े मेकअप आदि हटाकर देखो तो साफ दिखाई देगा। हर जगह बुद्ध ही बुद्ध हैं तो इसलिए बौद्धों का ही है।
भारत के कण कण में बुद्ध हैं, भारत में जो कुछ है सब बुद्धिज़्म से रिलेटेड हैं। पुरातात्विक सबूत सिर्फ बुद्धिज़्म का सपोर्ट करते हैं, चीनी यात्रियों के यात्रा वृतांत बुद्धिज़्म का सपोर्ट करते हैं। भारत के पुराने मंदिरों की मूर्तियां बुद्धिज़्म की है, कपड़े पहनाकर मेकअप करके उनका रूपरिवर्तन किया गया है।
फिर सब महादेव की पुजा करने लगेंगे ।
ब्राह्मणवादी महादेव की पूजा नहीं करने लगेंगे, जब लोग जान जायेंगे कि बुद्ध ही महादेव हैं तो ब्राह्मणवादी महादेव को छोड़ देंगे। बहुजन समाज को अंधविश्वास और पाखंड से बाहर निकालने के लिए इतिहास की सही जानकारी बहुत जरूरी है।
जय भीम नमो बुद्धाय 🙏🙏 जय भीम नमो बुद्धाय 🙏🙏🙏 जय भीम नमो बुद्धाय 🙏🙏🙏
नमो बुद्धाय जयभीम
प्रणाम सर बहुत सुंदर जानकारीदी यह जानकारी को तक पहुंचे सच्चाई सबकोमालूम हो अंध भक्ति में जो लोग जी रहे हैं
Thanks sir ji. अपनी संस्कृति की जानकारी पास कर मन आल्हादित है। आपके अगली एपिसोड का इन्तज़ार रहेगा। ❤🙏
Very nice information sir 🙏 thankyou so much sir 🙏🪷 namobudhaye
Support you byheart.
#अम्मा #धम्मा
#Aāmmaā #Dhammā
#अम्माधम्मा
#Ammadhamma
#Aāmmaādhammā
#बुद्ध #विहार #बुद्धविहार #धनेह
निकट #भरहुत #स्तूप #सतना #मध्यप्रदेश
#Buddha #Vihar
#BuddhaVihar #Dhaneh
Near #Bharhut #Stupa #Satna #Madhya #Pradesh
❤❤❤
Really truth'full speach and information thanks Ji 🌹 Jai Bheem 🙏🌹 Jai Bharat Jai samvidhan 🙏🌹 Namo Buddhay 🙏🌹🌹🌹
एशिया महादेश बुद्ध कीधरती है विश्व गुरु जम्मू दिप को बुद्ध ने बनाया नमो बुद्धय
बुद्धंग सरनंग गच्छामि।
बुधन सरनन गच्छामि
Sadhuwad.❤❤❤
Namo buddhay ji 🙏
जय भीम नमो बुद्धाय ।जानकारी के लिये धन्यवाद ।
श्रीमान जी आपने बहुत अच्छी जानकारी दी।
Namo namo budhay Jai bhim
Namo Buddhaye Satya mev Jayate 👍✌️🇮🇳
Keep awakening sir, thanks for bringing truth 🙏
नमो बुद्धा
जय भीम सर बहुत अहम जानकारी दी आपने बहुत बहुत धन्यावाद सर
Very very good and Jai bhim namo buddhay ji 🙏
very good information
Namo Bhudhy
Namo buddhay
Jai bhim namo budday
बहुत सच्ची जानकारी दी सर आपको बहुत बहुत साधुवाद.
Lord Buddha Blessing me🙏🙏🌹
namo namo budhay jay bhim very very Thankyou
जय भीम नमो बुद्धाय
जय भीम नमो बुधाय 🙏🙏🙏
सर छत्तीसगढ़ में दिवाली के दिन सुबह से ही गौरा चौक मे गौरा ईसर रखती है या कही कही पर एक दिन पूर्व दिवाली की रात महिलाऐ घर घर से दीपक का कलश लेकर गौरा चौक पर जाती है और वहां गीत गाया जाता है मोर गौरा जागे मोर गौरी जागे जागे सब लोग
धन्यवाद बहुत ही अच्छी जानकारी देने के लिए ।
Namo budhaya jai bhim jai sambidha
उठो नारायण भी बोला जाता है उसका क्या।
जागो नारायण,उठो नारायण?
आपके विचार को लेकर मुझे बहुत ही बहुत दिमाग में बातें चलती रहती है मैं कंफ्यूज रहता हूं क्या करूं कैसे आपसे मिलूं कैसे बात करूं अपने दिल को सुकून कैसे पाऊं
Thank you for this to clarify... Very good knowledge 🙏🙏
satya wadti
Sadhu🙏🙏🙏🙏
Sadhu mangal ho
Namo buddha
Sahi jankari mili. Jay bhim.
Jai bhim jai savidhan nammo buddhay 🌺😊
You r great namo buddhay ❤❤❤
Jai bhim namo Budha ❤
Dhanybad ❤
साधुवाद ❤
Jai ho.
#IamSaman #Wearesaman #TheGreatSaman #SamanWorldUnity
Buddham sarnag gachchami sangham sarnag gachchami dhamamm sarnag gachchami
Jo satya ka marg bataye unhi ko jagana
Buddh ki saran me hi bharat ka bhavisya chhipa hay
Namo buddhaay Jay bhim❤❤❤❤❤❤
गौतम बुद्ध सुकीती आदिवासी थे।उनकी मां महामाया कोलिय बेटी थी।कोल आज भी आदिवासी माने जाते हैं।कोल कोलियों का टोटेम भालू होता है।...गोंडवाना का सांस्कृतिक इतिहास ...लेखक मोतीरावन कंगाली ...=नागपुर
बौद्धों के कम सक्रिय रहते के कारण समय के साथ इनमे बदलाव आ गया यह अच्छी चीज़ें थी इन्हे दूसरे धर्म के लोगों ने adopt कर लिया
useful knowledge, Jaankari k liye shukriya Sir
Budham sardam gachaami
धन्यवाद सर जी 🙏🙏🙏
Great job Sir ji 🎉
Very good👍 sir
साधु!
सर,महायानी परंपरा में तथागत बुद्ध का धम्म मूर्ति पूजा,तंत्र मंत्र,अंधविश्वास से घिरकर खूब विकृत हुआ है,कालांतर में बौद्ध परंपराएं भारतीय समाज के हर वर्ग तक पहुंचीं, अर्थ का अनर्थ कर हम बुद्ध धम्म का मार्ग नहीं चुन सकते,साधु साधु साधु
Mostly all festivals excluding holi,dassehra,Rakhi,Diwali,Laxmi,Ganesh, Bappa morya,Durga, Kali, Rahu,Ketu etc are budhists festivals in any way in india.
कोई पर्व मनाइये लेकिन कोई बाभन उसमें नहीं आना चाहिए
Bhai maja aa raha hai pata hi nahi chalta ki boudh hindu hai ya hindu boudh hai gazab khichdi hai bha
Mere dist. me jethon kahte h...
Saman Sang Sir Aapne Presentation main Sahi kaha,Baise mujhe bhi Doubt tha Brahmin Vaniya Nexus Media main Gyaras ko Dev uthni bolke pracharit karte hai,Devo k peeye(Devanpiye)Sirf Buddha the
8:55 9:01 bahut achhi jankari
Me aap se baat karna chhata hu
Me bhi saty janna chahata hu
Dewata so rahe hain to Ganesh,Durga ko isi suptawastha me kyon bithate hai,nind kharab kar dete hai, aapki bat 100/ sahi hai
Pali ko bhi optional sub. Me school me padhana chahiye
Ok, Are you telling this to Brahmins or hindus ... and it if it Buddha's , then how do you plan to get this resolved ...
गन्ना और मूली को फल घोषित कर दिया? वनस्पतिविज्ञान समाप्त।
आपके कहे हुए शब्दों का प्रूफ क्या है। ये इतिहास बाबा साहेब ने तो नहीं लिखा। यदि हम पढ़ नहीं पाए है तो आप कोई refrence Book भेजो।
Agar maan bhi len ki Sanatan Dharm ki sari baten parb teohar Buddha Dharm ki nakal hain ?to fir aage kya.Isse Kya sabhi Boddha ho jayege.?
Roja Bhi Hoga baudh ka aapke Kahane ke anusar
बौद्ध भिक्षु इसका ज्ञान जनता में दे
भाई साहब, आपने तो पूरा भाषाविज्ञान ही पलट दिया। अब मूर्ख लोग जायें तो जायें कहां। कहां से आते हैं ऐसे लोग?
Bhartiya nag sanhita ki dhara 353 main bataya Gaya hai ki kisi Dharm ke bare mein galat jankari dena apradh hai . 3 sal ki Saja ho sakti hai
सब जगह बुध ही घुस रहा है
पहल बुध आए के भारत वर्ष
भारत बुद्ध से ही है तो और मिलेगा क्या । विदेशो मे लोग यही कहते हैं हम बुद्ध के देस से आए हैं
लड्डू लाल लिख रहा है कि भारत में बुद्ध ही क्यूं है,
अरे भारत देश तो मोदी ने ही बनाया है जब कांग्रेस ने इंडिया पार्टी के नाम से गठजोड़ बनाया है और बीजेपी ने हिन्दुस्तान को देश कहना बंद करके भारत नाम पर कब्जा करके इस देश को ब्राह्मणों ने भारत कहा 2023 में । और बीजेपी के बड़े बड़े नेता बाहर के देशों में जाकर बुद्ध के देश से आये हैं ,कह कर गौरवान्वित महसूस करते हैं। तो आप जैसे व्यक्तियों को मिर्ची भी जल्दी ही लगती है, क्यों, क्यों ????
यह महाशय बौद्ध नहीं है अनर्गल बाते बौद्ध धम्म के बारे मे करते रहते है
हिन्दुओ के सारे त्यौहार बौद्ध समाज के है तो बौद्ध धम्म का विलय हिन्दू धर्म मे कर दो, तुम बौद्ध हो नहीं तो तुमको किसने हक दिया की बौद्ध धम्म के बारे मे अनर्गल बिलाप करो
यह तो समझाइए सहाब समण कौन होते है? समयों का इतिहासिक और पुरातात्विक आधार और महत्व क्या यह भी तो मूल निवासी लोगों को समझाइए।
शायद यह जानकारी ऐसी है...
देव उठनी ब्राह्मणों का है जो शंबूक ऋषि की हत्या के बाद होता है.
चार मास बौद्ध भिक्खु नहीं सोते बल्कि ब्राह्मण (जिन्होने अपने को भूदेव कहा) सोते हैं यानि उनके कोई भी कार्यक्रम नहीं होते शादी विवाह नए सामानों की खरीदी आदि कोई अच्छे कार्य नहीं करते हैं क्योंकि बौद्ध धम्म के कारण ब्राह्मणों का कम बंद रहता है
मजाक बना दिया है। और बहुत सुंदर मजाक है। यदि बौद्ध धर्म और मान्यता सभी हिन्दू अथवा ब्राह्मण पण्डित मना रहे हैं तो क्या आप केवल ब्राण्ड की बात कर रहे हैं।
और दूसरी महत्व बात यह कि बुद्ध सनातन धर्म में चार वर्ण नहीं थे।
आज की तारीख में वर्ण क्रम में उलट पलट स्पष्ट दिख रहा है।
ब्राह्मण, वैश्य, क्षत्रिय और शुद्र 😂
@@rnshrivas6949 आज वर्गवाद वर्गभेद हो रहा है? सवा दो हजार वर्ष से से ब्राह्मण कैलेंडर लागू है और वर्गवाद आज हो रहा है। और यदि हो रहा है तो 85% 90% यहाँ तमाशा देखने आए हुए हैं या डींगें हांकने? तमाम यदुवंश की धरोहर। राम राम क्षत्रिय धरोहर। सम्राट अशोक और चंद्रगुप्त मौर्य की धरोहर। मुगलों की धरोहर। नदी नाले जंगल जमीन तालाब । चोलों की धरोहर। भगवान शिव की धरोहर। मठ मंदिर आश्रम सभी धरोहरों के एकाधिकरी ब्राह्मण हैं तो। यादव, चोल, राजपूत, क्षत्रिय, मौर्य या कोई भी अन्य क्या कर रहे हैं?
😅
Jaha
Buddha hi Hindu hai
to Devashani Buddha ka hoga hi !
😛
BUT
What is the
Theoretical and Practical
Spiritual Science and Philosophy
of
SAMAN
on the basis
( Religious literature )
Sadhan marg , Sadhan Padhati , experiences , consciousness , physical-mental-spiritual changes in human body ,
Mukti - Moksha
Guru Parampara
for
Self realisation , iternal spiritual awareness , peaceful life .
Towards the Truth .
😊
Kiu bhram fela rahe ho
शाले ईद और क्रिसमस भी तुम्हारी ही होगी बकरीद भी तुम्हारी ही होगी।
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सोच -समझ कर कोमेंट करें!...
Namo buddhay
नमो बुद्धाय जय भीम बिल्कुल सही
Namo buddhay