वाह ज्योति त्रिपाठी जी वाह। जय हो
Waah bhai waah Amar rahe. SantRam Rajput Shahgarh Aligarh.
, शाबाश ज्योति गोड ब्लेस यू
Wah Bhai wah Jyoti ji
बहुत सुंदर
Very nice poem
Kumar Vishwas sir jii ko bhi buliye kabhi
Betiverygood
Kiya bat hai sundar malegunvi
👏👏👏👏
Super 🎉🎉🎉🎉🎉🎉
मधुर स्वप्न मन बसाकर,
अभी ही हुई सगाई थी।
किसी के घर में अभी-अभी,
मंगल बजी शहनाई थी।
किसी के घर में अभी-अभी,
एक किलकारी गूंजी थी।
कोई कलाई बहन के लिए,
एक मात्र पूंजी थी।
कोई अपने मां-बाप का,
इकलौता चिराग था।
सबके जीवन संगीत का,
वहीं तो एक राग था।
वतन की आशिकी में,
सब रिश्तों को छोड़ा था,
सरहद से अफसोस एक दिन,
तिरंगे में लौटा था।
भरत कुमार 'भ्रमित 'उदयपुर,राजस्थान।
Wha Jyoti tripathi selute aapko very nice 🎉 Jay hind
शुभकामनाऐं
#Joyoti_Tripathi 👌👌
वाह बहन वाह
please return in tmkoc
सुंदर मालेगांव बहुत ही खूब
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
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