एक ओर सवाल भी महानुभाव कि यह एक उत्तरकाशी का पौराणिक और सांस्कृतिक मेला है पर स्थानीय कलाकारों को अपना कार्यक्रम लगाने के लिए बहुत ही मस्क़त करना करनी पड़ती है और बाहर के कलाकार फेमस हो जाते हैं यदि यहां के कलाकारों अपने स्थानीय मेले में प्रतिभाग करने को न मिले तो हमें बाहर कहां जगह मिलेगी।इस पर भी सोचना पड़ेगा
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एक ओर सवाल भी महानुभाव कि यह एक उत्तरकाशी का पौराणिक और सांस्कृतिक मेला है पर स्थानीय कलाकारों को अपना कार्यक्रम लगाने के लिए बहुत ही मस्क़त करना करनी पड़ती है और बाहर के कलाकार फेमस हो जाते हैं यदि यहां के कलाकारों अपने स्थानीय मेले में प्रतिभाग करने को न मिले तो हमें बाहर कहां जगह मिलेगी।इस पर भी सोचना पड़ेगा
इसके लिए सभी कलाकारो को आवाज उठानी पड़ेगी
क्या कर इसे कार्यक्रम का । जहां स्थानीय प्रतिभा का गला घोटा गया है। और देखिए लंबागांव बैंड पर । कैसे गेट सजा है।