वानप्रस्थ जीवन का तीसरा आश्रम है जिसमें मनुष्य वन में निवास करता है लेकिन उसके परिवार के लोग किसी समस्या के समाधान के लिए उसके पास आ कर सलाह ले सकते हैं। सन्यास जीवन का चौथा आश्रम है जिसमें मनुष्य सांसारिक आसक्ति से विरत हो जाता है और परिवार तथा उसकी समस्याओं से भी उसे कोई मतलब नहीं रहता।
🙏🙏❤️Maat Narmday har Guruji koti koti parnaam dhanyawaad karti hu ♥️ 🙏🙏💯✔️👌👌. Bahut achha vivek jgaane walla satsang ❤🙏🙏👌💯✔️
51 pratyaksh Gyan hai
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रमेश chandra चंदोला
जय श्री राम
वानप्रस्थ जीवन का तीसरा आश्रम है जिसमें मनुष्य वन में निवास करता है लेकिन उसके परिवार के लोग किसी समस्या के समाधान के लिए उसके पास आ कर सलाह ले सकते हैं। सन्यास जीवन का चौथा आश्रम है जिसमें मनुष्य सांसारिक आसक्ति से विरत हो जाता है और परिवार तथा उसकी समस्याओं से भी उसे कोई मतलब नहीं रहता।