Very nice sir !! Mai Maharana Pratap ki. Bahut badi fan hu aur pure Mewad travel karchuki hu bahut bar. Kumbalgarh se leke Chittor , Gogunda , haldhighati , Udaipur , Chawand , khamnour , badshahi bag , raktatalai , Chetak smarak Aur sabse accha laga Dr Shreemali se milke jinhonne Haldighati museum banayi hai Aapka ye information bhi bahut gyanavardhak tha. Thank you so much for educating us on this subject!!
Sir me gohil rajput hu,hum bhi rajsthan se hei ajj hum log gujrat me rehte hei hum bhi Gehlot rajvansh se hei maharana pratap singh hamare se hi hei,, ajj bhi vallabhi ,,vallbhipur bhavnagar ke pass hei ajj bhi hamare riyasat gujrat me hei,Jay Rajputana ⚔️
@@rajvirsinhgohil2032 Jo sach hai wahi likha hai ! Ye baate ASI or historian ko bhi pta hai. Ek baat or btata hu... Pakistan ki trf se kabhi kisi Arb, Turk, Mughal ka attack nhi hua or na hi ho skta tha !!!! Ratto likhado ki farji kahaniya ab... lad maro farji feeling me..ban jao farji Hinduwaad ke liye ek dusre ke dushman. sach koi batayega nhi...🤣🤣🤣🤣
@@ajaynain88 tum Maro tere jese log hi hindu ke dushman hai,Tera koi purvaj nahi aya tha mughlo angrejo se ladne , rajputo ne balidan Diya hai is mitti ke liye ye tera ASI or historian kuch bhi batate hei to tum jese man lete ho kal tujhse koi ye kahega Tera baap koi or hei to tu man Lena thoda soch samaj kar likho or ye internet kuch dal deta hei bahot bharosa mat kar muje to ye lagta hei tu muslim ka Ghulam hei ham log the is liye hindu hei Varna muslim hote
जय श्री सीताराम जय हिंद जय भारत वंदे मातरम जय महाराणा प्रताप जय महाराणा सांगा जय राणा महाराणा उदय सिंह धन्य है महाराणा प्रताप और मां भारती के सभी सच्चे भारतवासी औरभील और प्रणाम करता हूं पन्नाधाय को
Konse wale rajput 😊 jinhone akbar ko betiya di.... Jisne akbar keliye ladai ladii....ya jisne tugaalq ko apne rajya khone ke dar se beti di uske.... Ya jis ganga singh ne jeorge panchan ke lie ☔ taani thi 😂😂 kis rajput ki aullad h ya fer jinhone angrezo ka saatb de kar 1857 ki krani ko roka 😂 ya jisne apne rajwade pension ke lalach m de diii😂😂😂
यु पी के राजपूत डुप्लीकेट राजपूत है,इनका कोई इतिहास नहीं मिलता है,यह ठाकुर साहब नहीं है,यह अंग्रेजो के जमाने के बाबू साहब है(क्लर्क),,केवल अंग्रेजो की गुलामी करके राजस्व(लगान) उसूलते थे और नुहुरकर सलाम ठोकते थे,,धन्यवाद,,
Chandel are from vindhya ranges, bishen rajputra famous person RAJA BAHYIA , Rathore of kannauj bais rajput of old awadh, raghuvanshi of purvanchal and many old rajputra and khastryia dynasties all originated from Uttar Pradesh. @@rajendrasingh8110
अंग्रेज , मुस्लिम इतिहासकार और 2 फटिसर भण्डारकर , गोपिनाथ शर्मा जैसे इतिहासकार जो मेवाड़ के निवासी नहीं है भण्डारकर और गोपिनाथ शर्मा जैसे लोग जो 19 वी सदी में इतिहास लिख रहे है मगर 2 हजार साल पहले से इनकी रिश्तेदारी अलग-अलग राजपूत वंश के साथ हो रहा है बहन , बेटियां के साथ और मेवाड़ के सभी सिसोदिया (राणावत, चुंडावत आदी) अपने आपको राजपूत (क्षत्रिय) बोलते है इनकी वंशावली कम से कम 358 से ज्यादा नाम अंकित है उस में भी सभी राजपूत नाम आ रहे है 3 पीढ़ी 100 साल में समझ ले 30 पीढ़ी 1000 हजार साल ,300 पीढ़ी 10000 दस हजार साल हो जाते है ऊपर के 58 नाम छोड़ दो मगर कम से कम इस्लाम , ईसाई , सिकन्दर और 19 वी सदी के 2 भारतीय इतिहासकार को क्या पता असलियत क्या है 1947 से भारत में सनातन संस्कृति को नष्ट करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है ऊपर से यह बोल दिया हिन्दू तो विदेशी है भारत में सबसे पहले बौद्ध पंथ था मगर कोई यह नहीं बोलता है कि बुद्ध के पिता खुद शाक्य वंश के क्षत्रिय राजा थे जिनका राज्य लुंबिनी नगरी था पवित्र मन्दिरों को गायब कर दिया इतिहास में यह लिख दिया गया यह काम हिन्दू राजा करते थे जब दूसरे राजा को हराते थे तब वहां से पवित्र मुर्तियां हटाकर अपने साथ ले जाते थे इसका अर्थ काशी विश्वनाथ , 12 ज्योतिर्लिंग ,52 मां आदिशक्ति के पवित्र स्थान और भगवान विष्णु जी का मन्दिर जो उत्तराखंड में है साथ में अयोध्या का राम जी मन्दिर और मथुरा का कृष्ण जी का मन्दिर पहले ही गायब हो चुके तो किसी को पता नहीं होगा उनका मुख्य स्थान कौनसा था क्योंकि हिन्दू राजाओं ने हजारों सालों तक यही काम किया है तो असली मुख्य स्थान कौनसा है किस मुर्ति , पिंडी , शिवलिंग का जो स्वयंभू यहां ज्योतिर्लिंग है अब असली जगह तो किसी को पता भी नहीं होगा क्योंकि भारत में 1947 के बाद यही इतिहास में पढ़ाया जा रहा है कि हिन्दू राजा ऐसा काम करते थे
गोपीनाथ शर्मा और DR भंडारकर, दोनों ही ब्राह्मण है,, इसलिए उन्होंने अपनी ब्राह्मण श्रेष्ठता को स्थापित करने के उद्देश्य से गुहिलों को ब्राह्मण कहा होगा,,, शर्मा और भंडारकर ने यहाँ पर विप्र का मतलब विद्वान क्यों नहीं माना ?
@devendraSingh-yg3ej sabse purani jati Nishad he kyu ki Human settlement river ke Kinare hi hua he usase jab jetana ayi to Brahman bane phir jab stability ki jaroorat hui to Kshatriya hua usase pahale sab Jangly the
= उस वक्त आज वाले तथाकथित " राजपूत " नहीं थे.....? राजपूत जाति को अग्नि यज्ञों के बाद नाम दिया गया.....? इतिहास पढ़ो , तब हकीकत पता चलेगा...... आधे अधूरे ज्ञान के पीछे मत भागो , क्योंकि सभी जातियों बराबर हैं , रजवाड़े सभी वर्णों की जातियों के रहे हैं ,ब्राह्मणों , क्षत्रियों , वैश्य, शुद्रो यथा _ ब्राह्मणों ,यादव, अहिर, गुज्जर , ठाकुर ,राजपूत , रावणआ राजपूत, वैश्य बनिए, मुस्लिम, जाट , सिख , मराठा , पाटीदार _ पटेल ,डोगरा , कायस्थ , भूमिहार ,चमारो, कोलियो,निशादो, भीलों , बंजारो , आदिवासियों , वनवासियों , पहाड़ियों , चकमा, नागा ...... etc. etc.....?
Chandra Gupta maurya Himalaya banshi khashas thakkura hai Dr.haris Chandra lakhera jee ki kitab pade maura koi jaat nahi bhagwan krishna se bada koi maurya nahi
जब जाति व्यवस्था की आलोचना होती है तो कहा जाता है कि ब्राह्मण और विप्र का मतलब विद्वान होता है,, तो हो सकता है कि गुहिल के शिलालेख में जो ब्राह्मण या विप्र शब्द का उपयोग किया गया हो, उसका मतलब विद्वान हो,,, हो सकता है कि गुहिल कोई विद्वान राजा रहा हो,,, यहां पर आपने विप्र का मतलब विद्वान से क्यों नहीं लिया ?
@meghrajnayak6097 भाई भूलो को उपाधि खुद इसी गोहिल वंश ने दी थी तभी तो वो राणा लगाते है। भील निषाद दंडकारण्य से है और वही से भगवान राम वनवासी बनकर गए थे। और इन्हीं भगवान के वंशज है गोहिल। थोड़ा इतिहास ध्यान से पढ़ें और इतिहास का सम्मान रखे। ऐसे ही गूगल से पढ़कर कुछ भी मत hago
महाराणा प्रताप का सम्पूर्ण सिसोदिया और रावल वंश और कोई नहीं बल्कि गुहिलदत्त के वंशज है और गुहिलदत्त, गुजरात के वड़नगर के नागर ब्राह्मण थे जोंकी पाँचवी सदी में वड़नगर से वर्तमान मेवाड की तरफ़ माइग्रेट हुए थे
सम्पुर्ण भारत भुमि आदिवासियों कि थी बाद में मध्य एशिया से आर्य आये और सप्त सैदव प्रदेश में बसे और इसी प्रदेश को वेदों में ब्रह देश भी कहा गया है आर्य यज्ञ पूजक थे मूर्ति पूजक नहीं थे किंतु बाद में संस्कृतियों का मिलन हुआ और सभी घुल मिल गए
Raman ji apka .......gayn to superb h .... authentic bhi h ...bus ak hi kami h ..........ap MCQ test series laao taki ........Hume kisi aur ko ....chanal pe jana bhi ni pade......plz note ...
भाई जी एक वीडियो मेर राजपूत जाति के ऊपर भी बनाओ मेर राजपूत सम्राट मिहिर भोज जी के वंशज हैं इनको मिहिर बंसी भी कहा जाता है इनका मेत्रक वंश से संबंध बताया जाता है मैत्रक /मिहिर /मेर राजपूत एक ही वंश है यह मेत्रक वंश था सूर्य की उपासना करने के कारण उनेह मिहिर कहा गया और कालांतर में मिहिर से मेर हो गया मेर राजपूत वंश के लोग सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार के वंशज हैं
सर जी आप 640 या 642 का जो बात कर रहे हो ओ हर्षवर्धन का समय था जिसे शिलादित्य कहा जाता है , उस टाइम पूरा उतर भारत में उसका शासन था ओ वर्धन राजवंश का था न कि गोहिल
कर्नल टॉड ने कहा था कि राजपूत विदेशी है,,,, लेकिन मेवाड़ राजघराने की नज़रों में तो कर्नल टॉड काफी सम्माननीय विद्वान रहे है,,, मेवाड़ राजघराना तो कर्नल टॉड के नाम से पुरस्कार भी देता रहा है।
चित्तौड़गढ़ के संस्थापक चित्रांगद मौर्य थे जो साक्य कुल के थे वही साक्य कुल जो आज से 11000 वर्ष पहले महाराजा महासंबत (कुछ इतिहासकार इनको ओक्काक कहते हैं और कुछ इतिहासकार इनको इक्ष्वाकु भी कहते हैं ) के चार पुत्रों से प्रारंभ होकर हरिश्चन्द्र भगीरथ, राजा संख जो सांख्य योग और सांख्य दर्शन के संस्थापक थे (आज की संकिसा साक्य नगरी उन्ही से संबंधित है), रघु अज दशरथ (कासी) सिंहहनु विश्वगुरु भगवान तथागत बुद्ध, सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य, विश्व के महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक, ब्रहद्रथ जिसकी हत्या पुष्यमित्र शुंग ने कर दी थी। (पुष्यमित्र ने साकेत को अयोध्या नाम दिया था) । उसी मौर्य वंश (साक्य कुल) के गुहिल राजा थे। उसी में लक्ष्मण सिंह (लखन सिंह) जिनके नौ पुत्र थे सबसे बड़े अरिसिंह शाक्य थे (आठ पुत्र मेवाड़ के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे ) राजा अरिसिंह के पुत्र हम्मीर सिंह (1326) थे। संकिसा के पास हम्मीर खेड़ा राणा हम्मीर सिंह से ही संबंधित है।
Yahi ke mil nivasi hai hum-- Mere ek ristedaar Raghuvanshi Gargvansi Gautam Gotra Ke khastriya hain.. Jinka jikar rigveda me hai 5000 sal purana. Wahi Tomar sikarwar Sisodiya Bhi mere ristedaar hai.. Kul mila khastriya rajput ek hi hai mere yaha. Koi shaq ho to aa jao mere khestra me
मुहनोत नैनसिरी ख्यात के सिसोदिया ख्यात में लिखा है गुहिल उर्फ सिसोदिया वंश के पूर्वजों का राज्य पहले दक्कन में महाराष्ट्र के नासिक त्रयंबकेश्वर मे था बाद में वह मेवाड़ आए।
@@rajput7850 यह हम नहीं कहते मुहनोत नैनसिरी ख्यात में लिखा है और केवल राठौर सोलंकी सिलार सिसोदिया जादौन यह चार पांच कुल ही मराठों के वंशज है बाकी राजपूत को विदेशी शक कुशान और हुनो के वंशज है
Sir mene s v das gupta ki book or bhi book padhi sabme yahi mila ki abu road me agni yagya hone se pahle sab boudhh dharm or jain dharm ko mante the kyuki us time hindu dharm ke praman nhi h bharat me south tak jain or boudh mandir the bad me inhe hi hindu mandir me convert kia gya please video banaye👍
गोदारा जाट वंश भी गहलोत है! राणा राहप के पोते गोहद सिंह को सरस जी महाराज ने गोद लिया था तब उनका वंश गोदारा कहलाया! जैसे शिवाजी का वंश मराठों में मिल गया वैसे ही गोदारा वंश जाटों में मिल गया था!!😊
इस बात के बहुत बड़े प्रमाण है कि चित्तौड़गढ़ के किले का निर्माण मौर्य राजा ने बनवाया था और वह सातवीं शताब्दीतक भी था फिर गुहिल वंश का तो पांचवी शताब्दी में कहीं कोई अस्तित्व ही नजर नहीं आता इतिहास में
A lot of research still needed to be done. The ruler section of Gujjar become Rajput. Even now Scindia is rajput too and he has marriage relation with King of J&K and had relation with King of Nepal.I mean to say that all rulers become Rajput irrespective of their original origin. Raja Bhoj came from Balkh area after fall of Gupta empire. History of India missing a lots of thing like, son of King porus killed the horse of Alexander and after that Alexander fell on ground but some how his bodyguards were able to save him and took him to camp. This is mentioned in only one place. That's the real reason for making deal with King Porus by Alexander but it's written differently and then Alexander moved towards Batala (Punjab) where his all cavalry forces got killed and that's why, Alexander decided not to go further east in India.
Sir 712 AD mein jab Turkey ke 5th Khalifa Alwid Malik ne apne Senapati Md Kasim Malik ko Bramanabad par hamle kar Raja Dahir Sen ko haraya tha tab Raja Dahir Sen ke beta apne hi rajvansh ke Raja baba Rawal ke help ke liye Rajasthan jate hai aur Bapa Rawal ne Rawal Pindi tak sabhi Malacho ko yaha se bhagaya aur vaha par apna Rajya dobara Isthapith kiya
अरे भाई मेवाड़ का इतिहास कहा से लेके आया कहा का हैं भाई तू तुझे मेवाड़ का इतिहास पढ़ना चाहिए मेवाड़ राजवंश भगवन राम का वंश हे अयोध्या से हमारी निकासी है और मेवाड़ को बापा रावल ने बसाया इससे पहले यहां पर आदिवासी और मेर समाज थी आज भी मेवाड़ में आदिवासी बहुल इलाके है तुम इस तरह के जूठे इतिहास पढ़ा रहा है
MahaRana ayodhya se aaye the bhgan surya ke putr Raja mnu exhvaku Raghu diLip prthu mandhata HaRish chnr Dhshrth Shree Ram ke putr Lav ke vnshj chittod hd Lahore nepaL.uday.pur.or gujarat.msharastr v anya bhinn sthanopr
क्षत्रिय की अथवा राजा की कोई जात नहीं होती। उदाहरण - क्षत्रिय के लिए सूतपुत्र कर्ण। राजा के लिए काशी का डोम राजा, जिसके यहां राजा हरिश्चंद्र ने नौकरी किया।
@@abhilashpayasi1982 Ikshvaku jati ka uday awadh kshetra se hain, wo wahan k kisan theyy, surya se utpatti hui thi kashyap se utpatti hui thi, ye sab manghadhant kahaniyaan hain😂
जय एकलिंग नाथ जी की, जय महाराणा जय मेवाड़ ♥️ ❤️ 👌 ✨️ 💖 😍
महाराणा मेवाड़ के वंशज भगवान राम के पुत्र लव के वंशज हैं , और जयपुर के महाराजा भगवान राम के पुत्र कुश के वंशज हैं !
ये तो आपस में भाई हो गए,,, रक्त सम्बन्ध हो गया
@@MahendraSingh-c6oyes hei ye
😂😂😂😂😂
कच्छवाहा राजवंश का राज ग्वालियर और शिवपुरी पर भी रहा है
@@mstomartomar8136 ji,,, sahi kahaa aapne
अंतिम आपकी व्याख्या सही है यह राम के वंश जो है❤
Very nice sir !! Mai Maharana Pratap ki. Bahut badi fan hu aur pure Mewad travel karchuki hu bahut bar. Kumbalgarh se leke Chittor , Gogunda , haldhighati , Udaipur , Chawand , khamnour , badshahi bag , raktatalai , Chetak smarak Aur sabse accha laga Dr Shreemali se milke jinhonne Haldighati museum banayi hai Aapka ye information bhi bahut gyanavardhak tha. Thank you so much for educating us on this subject!!
Sir me gohil rajput hu,hum bhi rajsthan se hei ajj hum log gujrat me rehte hei hum bhi Gehlot rajvansh se hei maharana pratap singh hamare se hi hei,, ajj bhi vallabhi ,,vallbhipur bhavnagar ke pass hei ajj bhi hamare riyasat gujrat me hei,Jay Rajputana ⚔️
बिल्कुल सही गोहिल सूर्यवंशी हैं सब राजपूतों को पता है
Rajpoot ko pahle "Rashboot" bola jata tha...internet pe bahut kuch available tha iske baare lekin abnhi hai...koi to kuch kar rha hai.
@@ajaynain88 Abe kya bol raha hai
@@rajvirsinhgohil2032 Jo sach hai wahi likha hai ! Ye baate ASI or historian ko bhi pta hai.
Ek baat or btata hu... Pakistan ki trf se kabhi kisi Arb, Turk, Mughal ka attack nhi hua or na hi ho skta tha !!!!
Ratto likhado ki farji kahaniya ab... lad maro farji feeling me..ban jao farji Hinduwaad ke liye ek dusre ke dushman. sach koi batayega nhi...🤣🤣🤣🤣
@@ajaynain88 tum Maro tere jese log hi hindu ke dushman hai,Tera koi purvaj nahi aya tha mughlo angrejo se ladne , rajputo ne balidan Diya hai is mitti ke liye ye tera ASI or historian kuch bhi batate hei to tum jese man lete ho kal tujhse koi ye kahega Tera baap koi or hei to tu man Lena thoda soch samaj kar likho or ye internet kuch dal deta hei bahot bharosa mat kar muje to ye lagta hei tu muslim ka Ghulam hei ham log the is liye hindu hei Varna muslim hote
जय महाराणा प्रताप 🚩⚔️🙏🏻
जय श्री सीताराम जय हिंद जय भारत वंदे मातरम जय महाराणा प्रताप जय महाराणा सांगा जय राणा महाराणा उदय सिंह धन्य है महाराणा प्रताप और मां भारती के सभी सच्चे भारतवासी औरभील और प्रणाम करता हूं पन्नाधाय को
कायर भोगे दुःख सदा । वीर भोग्य वसुंधरा ⚔️🚩
क्षत्रिय केवल राजपूत🚩
😂😂
Konse wale rajput 😊 jinhone akbar ko betiya di.... Jisne akbar keliye ladai ladii....ya jisne tugaalq ko apne rajya khone ke dar se beti di uske.... Ya jis ganga singh ne jeorge panchan ke lie ☔ taani thi 😂😂 kis rajput ki aullad h ya fer jinhone angrezo ka saatb de kar 1857 ki krani ko roka 😂 ya jisne apne rajwade pension ke lalach m de diii😂😂😂
@@Veer_gurjar920कौन से गूजर जिन्होंने मुगलों को अपनी बेटियों देकर ज़मीन हासिल की थी 😂😂😂😂
School 🎒 Jake gayan le 😂😂😂😂 gohil vansh se gahlot or sisodiya Bane 😂😂😂
@@पटेल-PATEL or chutia maine kya bola 🤡🙄 ye baat muje bhi pata h guhil se sisodiya hue 🙄 ab tu bataa de guhil vansh kis se start hua 😏
Sir कभी हमारे उत्तर प्रदेश के राजपूतो पर भी वीडियो बनाइये। 🚩🚩🦁🦁
Up ke rajput Nabaabon , Dongi Babaon Or Angrezon Ki najayaz oulaad hein.
यु पी के राजपूत डुप्लीकेट राजपूत है,इनका कोई इतिहास नहीं मिलता है,यह ठाकुर साहब नहीं है,यह अंग्रेजो के जमाने के बाबू साहब है(क्लर्क),,केवल अंग्रेजो की गुलामी करके राजस्व(लगान) उसूलते थे और नुहुरकर सलाम ठोकते थे,,धन्यवाद,,
Bharat ke ander sab jagah Rajput Rajsthan (rajputana) se hi faile hai
@rajendrasingh8110 Aisa nahi hai bhai
Chandel are from vindhya ranges, bishen rajputra famous person RAJA BAHYIA , Rathore of kannauj bais rajput of old awadh, raghuvanshi of purvanchal and many old rajputra and khastryia dynasties all originated from Uttar Pradesh. @@rajendrasingh8110
Hmre dilo me Maharana Pratap ji ❤or bappa rawal ji basty he❤😊
Very good
अंग्रेज , मुस्लिम इतिहासकार और 2 फटिसर भण्डारकर , गोपिनाथ शर्मा जैसे इतिहासकार जो मेवाड़ के निवासी नहीं है भण्डारकर और गोपिनाथ शर्मा जैसे लोग जो 19 वी सदी में इतिहास लिख रहे है मगर 2 हजार साल पहले से इनकी रिश्तेदारी अलग-अलग राजपूत वंश के साथ हो रहा है बहन , बेटियां के साथ और मेवाड़ के सभी सिसोदिया (राणावत, चुंडावत आदी) अपने आपको राजपूत (क्षत्रिय) बोलते है इनकी वंशावली कम से कम 358 से ज्यादा नाम अंकित है उस में भी सभी राजपूत नाम आ रहे है 3 पीढ़ी 100 साल में समझ ले 30 पीढ़ी 1000 हजार साल ,300 पीढ़ी 10000 दस हजार साल हो जाते है ऊपर के 58 नाम छोड़ दो मगर कम से कम इस्लाम , ईसाई , सिकन्दर और 19 वी सदी के 2 भारतीय इतिहासकार को क्या पता असलियत क्या है 1947 से भारत में सनातन संस्कृति को नष्ट करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है ऊपर से यह बोल दिया हिन्दू तो विदेशी है भारत में सबसे पहले बौद्ध पंथ था मगर कोई यह नहीं बोलता है कि बुद्ध के पिता खुद शाक्य वंश के क्षत्रिय राजा थे जिनका राज्य लुंबिनी नगरी था पवित्र मन्दिरों को गायब कर दिया इतिहास में यह लिख दिया गया यह काम हिन्दू राजा करते थे जब दूसरे राजा को हराते थे तब वहां से पवित्र मुर्तियां हटाकर अपने साथ ले जाते थे इसका अर्थ काशी विश्वनाथ , 12 ज्योतिर्लिंग ,52 मां आदिशक्ति के पवित्र स्थान और भगवान विष्णु जी का मन्दिर जो उत्तराखंड में है साथ में अयोध्या का राम जी मन्दिर और मथुरा का कृष्ण जी का मन्दिर पहले ही गायब हो चुके तो किसी को पता नहीं होगा उनका मुख्य स्थान कौनसा था क्योंकि हिन्दू राजाओं ने हजारों सालों तक यही काम किया है तो असली मुख्य स्थान कौनसा है किस मुर्ति , पिंडी , शिवलिंग का जो स्वयंभू यहां ज्योतिर्लिंग है अब असली जगह तो किसी को पता भी नहीं होगा क्योंकि भारत में 1947 के बाद यही इतिहास में पढ़ाया जा रहा है कि हिन्दू राजा ऐसा काम करते थे
हम गुजरात भावनगर जिल्ले के सिहोर मे रहने वाले गोहिल है. हमारे यहाँ बारोट वंशावली लिखते है, जिनका कहना है हम राजस्थान के देवगाणा के रहने वाले थे.
मेवाड़ राजवंश दुनिया का सबसे बडा राजपरिवार है
गोपीनाथ शर्मा और DR भंडारकर, दोनों ही ब्राह्मण है,, इसलिए उन्होंने अपनी ब्राह्मण श्रेष्ठता को स्थापित करने के उद्देश्य से गुहिलों को ब्राह्मण कहा होगा,,, शर्मा और भंडारकर ने यहाँ पर विप्र का मतलब विद्वान क्यों नहीं माना ?
दशरथ शर्मा और डा. गौरीशंकर हीरा चंद ओझा भी ब्राहम्ण ही थे **🤔
Kuruvanshi bhi Brahman hi the
Jo aaj kurumi he 😅
@@ComptetiveApproach कूर्म वंश और कुरू वंश यह दोनों एक हैं या फिर अलग अलग है */🤔
इसी में आपके सवाल का जवाब छुपा है */😎
@devendraSingh-yg3ej ek hi he bhai
Kyuki ye hi
Patel ka matalab sardar ya Choudhary hi Hota he
Kurmi Kerala or north east main kshatriya hi he
@devendraSingh-yg3ej sabse purani jati Nishad he kyu ki
Human settlement river ke Kinare hi hua he usase jab jetana ayi to Brahman bane phir jab stability ki jaroorat hui to
Kshatriya hua usase pahale sab
Jangly the
Jai Shree Ram love you from Ayodhya UP42 🚩⚔️
सर जी आजकल में, श्यामल दास जी की लिखी हुई वीर विनोद और कर्नल जेम्स टाड का राजस्थान का इतिहास पढ़ रहा हूँ,,,मजा आ गया......जय हिंद जय भारत
Bhai veer vinod kaha se mangwayi hai aapne plz bataye...maine online dekhi thi..kaafi mehangi hai around 5000 ki.
मैर और मेढ़पाठ सही है मेरे गांव में आज भी मेरो के बनाये कुए हे
और
जमीन की खुदाई में जो भी अवशेष मिलते है बुजुर्ग बोलते ही की ये मेरो के बर्तन है
कर्नल जेम्स टाॅड को राजस्थान के इतिहास में इतनी दिलचस्पी क्यों थी?
Kyuki rajasthan bhut unique tha...wha ka rajvansh bhut unique h
Udaipur ka political agent rha 1818 se 23 tk esliye intrest tha
@@prateekrai62601000%√
ये Dabok में रेजिडेंट के रूप मे रहे आज भी college में इनके नाम से हाल है जहां इतिहास लिखा
ईरान के पह्ललव वंश के वंशज गोहिल वंश है। पह्ललव के अपभ्रष्ट होकर बल्लभ हो गया है। जिसने मौर्य वंश के राजा मान मौर्य से मेवाड़ छीन ली थी।
क्षत्रिय केवल राजपूत 💪
जय क्षत्रिय धर्म 🙏🚩🚩🚩
= उस वक्त आज वाले तथाकथित " राजपूत " नहीं थे.....? राजपूत जाति को अग्नि यज्ञों के बाद नाम दिया गया.....? इतिहास पढ़ो , तब हकीकत पता चलेगा...... आधे अधूरे ज्ञान के पीछे मत भागो , क्योंकि सभी जातियों बराबर हैं , रजवाड़े सभी वर्णों की जातियों के रहे हैं ,ब्राह्मणों , क्षत्रियों , वैश्य, शुद्रो यथा _ ब्राह्मणों ,यादव, अहिर, गुज्जर , ठाकुर ,राजपूत , रावणआ राजपूत, वैश्य बनिए, मुस्लिम, जाट , सिख , मराठा , पाटीदार _ पटेल ,डोगरा , कायस्थ , भूमिहार ,चमारो, कोलियो,निशादो, भीलों , बंजारो , आदिवासियों , वनवासियों , पहाड़ियों , चकमा, नागा ...... etc. etc.....?
@@greatkaafir7478 🕉
Gurjar bhi kshtriya the kya?
क्षत्रिय धर्म 🗿
क्षत्रिय केवल क्षत्रिय
Mugalput 😊
@@Mind-S5xjhat bhaischor ahirgwala
@@kandiking2218 💪😴betibachne Wale kshtriya bnaga ab 🤡 Mugalo tuglako ni najaiys ollad
@@Mind-S5x तुगलकपुत, दसीपुत 🤪😂
@@Mind-S5x हमारी ( ठाकुरों की ) नाजायज औलाद "! 💪😇
महाराणा प्रताप मौर्यवंशी है❤
पप्पू पागल हो गया है👊👊👊👊👊👊
कया 🤣🤣🤣🤣
Chandra Gupta maurya Himalaya banshi khashas thakkura hai Dr.haris Chandra lakhera jee ki kitab pade maura koi jaat nahi bhagwan krishna se bada koi maurya nahi
Maurya kon the bhai 😅
Maurya surname he
Title he
Chankya or chandragupta bhai hi the
Well done.jankari.❤.es.kam.umar.may.bhi.achha.gayn.lay.liya.hay.❤.good.lagy.rayho.sahi.histri.jab.tak samny.na.aay.
धन्यवाद पं॰ जी
Jai maa bhavani Jai Rajputana 🚩⚔️
Jay maharana ji
जब जाति व्यवस्था की आलोचना होती है तो कहा जाता है कि ब्राह्मण और विप्र का मतलब विद्वान होता है,, तो हो सकता है कि गुहिल के शिलालेख में जो ब्राह्मण या विप्र शब्द का उपयोग किया गया हो, उसका मतलब विद्वान हो,,, हो सकता है कि गुहिल कोई विद्वान राजा रहा हो,,, यहां पर आपने विप्र का मतलब विद्वान से क्यों नहीं लिया ?
ब्राह्मण से निकले हुए हैं सारे राजपुत
Ek vastvik yani vastvik Brahmin se hi h khatriya.....isme galat kya h
Shilalekh ko nahi kata ja sakta....
Or Haan pahle Varna vyavastha thi.....koi kisi k yha paida ho vo decide swabhav or karma se hota tha
first comment
Ek baat bolu aap ke liye हमे किसी भी source ki जरूरत nahi ha aap ki ki Rajasthani की history के ज्ञाता ho.
Jruri h source, aajkal charo taraf itihaas chor bhre pde h kbhi bhi aa jayenge claim krne 😂
@@shambhusingh4568 us karnal James Tod na hi gujjaro sa nikla btaya ha rajputo ko
@@Mind-S5x ok babaji 🤡
@@shambhusingh4568tu kudh videshi ho
@@prasantabagh432 ok sir
Ek do comments me kisi ko yah prove nhi kr skta ki hum kon h or tum kon ho isiliye just keep your close 🙌
Wlcm बैक सर राजस्थान के इतिहास के रोचक किस्से पे वीडियो बनाते रहे परमानेंट वीडियो आने दो
महाराणा प्रताप के पूर्वजो कि उत्पति आदिवासी भील जनजाति से ही हुई है |
महाराणा प्रताप जी भगवान श्री राम के पुत्र लव के वंशज हैं
😅
@@hinduhistory7466 भारतीय इतिहास में भीलो का इतिहास गौरवमयी है | जिसे मनुवादी विचारधारा ने इतिहास में हेरफेर कर दी है | इतिहास को दबा दिया गया है |
😂😂😂😂😂😂
@meghrajnayak6097 भाई भूलो को उपाधि खुद इसी गोहिल वंश ने दी थी तभी तो वो राणा लगाते है। भील निषाद दंडकारण्य से है और वही से भगवान राम वनवासी बनकर गए थे। और इन्हीं भगवान के वंशज है गोहिल। थोड़ा इतिहास ध्यान से पढ़ें और इतिहास का सम्मान रखे। ऐसे ही गूगल से पढ़कर कुछ भी मत hago
महाराणा प्रताप का सम्पूर्ण सिसोदिया और रावल वंश और कोई नहीं बल्कि गुहिलदत्त के वंशज है
और गुहिलदत्त, गुजरात के वड़नगर के नागर ब्राह्मण थे जोंकी पाँचवी सदी में वड़नगर से वर्तमान मेवाड की तरफ़ माइग्रेट हुए थे
महाराणा क्षत्रिय हैं ब्राह्मण नहीं
आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं❤
🙏🚩Nice
गुहिल वंश खत्म होने के बाद सिसोदिया वंश आया और उससे पहले रघुवंश और उससे पहले सुर्यवंशी थे । बाकी सब समय के साथ वंश का नाम बदलाता रहा ।
सम्पुर्ण भारत भुमि आदिवासियों कि थी बाद में मध्य एशिया से आर्य आये और सप्त सैदव प्रदेश में बसे और इसी प्रदेश को वेदों में ब्रह देश भी कहा गया है आर्य यज्ञ पूजक थे मूर्ति पूजक नहीं थे किंतु बाद में संस्कृतियों का मिलन हुआ और सभी घुल मिल गए
🚩🚩
Raman ji apka .......gayn to superb h .... authentic bhi h ...bus ak hi kami h ..........ap MCQ test series laao taki ........Hume kisi aur ko ....chanal pe jana bhi ni pade......plz note ...
भाई जी एक वीडियो मेर राजपूत जाति के ऊपर भी बनाओ
मेर राजपूत सम्राट मिहिर भोज जी के वंशज हैं
इनको मिहिर बंसी भी कहा जाता है
इनका मेत्रक वंश से संबंध बताया जाता है
मैत्रक /मिहिर /मेर राजपूत एक ही वंश है
यह मेत्रक वंश था सूर्य की उपासना करने के कारण उनेह मिहिर कहा गया और कालांतर में मिहिर से मेर हो गया
मेर राजपूत वंश के लोग सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार के वंशज हैं
भाई मेत्रक,मेर राजपुत किस क्षेत्र में पाए जाते है बताना भाई
@@virendrasingh1947 Gujrat or rajistan
@@Mer-rawat भाई गुजरात और राजस्थान के कोन से क्षेत्र में पाए जाते है यह राजपुत भाई
@@virendrasingh1947 गुजरात मे पोरबंदर,,जूनागढ़,,
Nhi rajpoot ek cast nhi he
Kushwah Yadav kurmi Meena ratrakot sab raja ka sangh Rajpoot he
जितने राजपूत हैं उनका उद्भव अयोध्या ही है,
Yahi hai sanatan 😊
Sir art and culture ka batch bhi aayega kya aap par
Please reply if yes
Kitna time lagega
Next month
सर जी जय माताजी की सा 🙏
सर जी आप 640 या 642 का जो बात कर रहे हो ओ हर्षवर्धन का समय था जिसे शिलादित्य कहा जाता है , उस टाइम पूरा उतर भारत में उसका शासन था ओ वर्धन राजवंश का था न कि गोहिल
सम्राट हर्षवर्धन की वंशज बैंस राजपूत हैं सम्राट हर्षवर्धन के वंशज
कर्नल टॉड ने कहा था कि राजपूत विदेशी है,,,, लेकिन मेवाड़ राजघराने की नज़रों में तो कर्नल टॉड काफी सम्माननीय विद्वान रहे है,,, मेवाड़ राजघराना तो कर्नल टॉड के नाम से पुरस्कार भी देता रहा है।
Sab ko videshi nhi kha
@@prateekrai6260 iskaa matlab aap colonel tod ki baat se sahmat hai ?
@@MahendraSingh-c6o unki baat mein kuch to sach hain hi
@@prateekrai6260 aapne padhaa h colonel tod ko
@@prateekrai6260 aap sirf mewar rajgharaane ka paksh le rahe hai aur kuchh nahi
colonel tod ne sabhi rajputo ko videshiyo ki santaan bataya hai
जय मेवाड़
जय महाराणा प्रताप
🚩🚩🚩🚩🚩🕉🙏🕉🙏🌺🙏
RAGHUWANSHI ⚔️
Ram Ram ji
Vijayanagar empire and Chola empire Ganga empire Pandya empire par video banaye sir
चित्तौड़गढ़ के संस्थापक चित्रांगद मौर्य थे जो साक्य कुल के थे वही साक्य कुल जो आज से 11000 वर्ष पहले महाराजा महासंबत (कुछ इतिहासकार इनको ओक्काक कहते हैं और कुछ इतिहासकार इनको इक्ष्वाकु भी कहते हैं ) के चार पुत्रों से प्रारंभ होकर हरिश्चन्द्र भगीरथ, राजा संख जो सांख्य योग और सांख्य दर्शन के संस्थापक थे (आज की संकिसा साक्य नगरी उन्ही से संबंधित है), रघु अज दशरथ (कासी) सिंहहनु विश्वगुरु भगवान तथागत बुद्ध, सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य, विश्व के महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक, ब्रहद्रथ जिसकी हत्या पुष्यमित्र शुंग ने कर दी थी। (पुष्यमित्र ने साकेत को अयोध्या नाम दिया था) ।
उसी मौर्य वंश (साक्य कुल) के गुहिल राजा थे। उसी में लक्ष्मण सिंह (लखन सिंह) जिनके नौ पुत्र थे सबसे बड़े अरिसिंह शाक्य थे (आठ पुत्र मेवाड़ के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे ) राजा अरिसिंह के पुत्र हम्मीर सिंह (1326) थे। संकिसा के पास हम्मीर खेड़ा राणा हम्मीर सिंह से ही संबंधित है।
Mori Rajput they 😂😂😂
Aaj bhi Us ilake mai Mori gotra ke rajput hai 😂
Yahi ke mil nivasi hai hum-- Mere ek ristedaar Raghuvanshi Gargvansi Gautam Gotra Ke khastriya hain.. Jinka jikar rigveda me hai 5000 sal purana. Wahi Tomar sikarwar Sisodiya Bhi mere ristedaar hai.. Kul mila khastriya rajput ek hi hai mere yaha. Koi shaq ho to aa jao mere khestra me
आप मेध जनजाति को बताते समय अमेरिका के रेड इंडियंस की फोटो का इस्तेमाल क्यों कर रहे हो ?
मुहनोत नैनसिरी ख्यात के सिसोदिया ख्यात में लिखा है गुहिल उर्फ सिसोदिया वंश के पूर्वजों का राज्य पहले दक्कन में महाराष्ट्र के नासिक त्रयंबकेश्वर मे था बाद में वह मेवाड़ आए।
Yha भी आगया तू ज्ञान देने तू पडाने लगे जा history BC
To mewad me sthit sisoda jahagir kiski hai .
Galat history mat felao..Rajputo ka maratho se dur dut tak relationship nahi he
@@rajput7850 यह हम नहीं कहते मुहनोत नैनसिरी ख्यात में लिखा है और केवल राठौर सोलंकी सिलार सिसोदिया जादौन यह चार पांच कुल ही मराठों के वंशज है बाकी राजपूत को विदेशी शक कुशान और हुनो के वंशज है
चोर शूद्र मराठा खुद को क्षत्रिय बता रहा है .? 😂
Jai Bhavani Guruji 🙏🙏🙏🙏
मे उत्तर गुजरात के भिलोड़ा के आसपास रहने वाला हु मेवाड़ा ब्राह्मण हु हम सब मेवाड़ से अंदाजित 500साल पहले यहां आए e
शौर्य वीरता और बलिदान 🚩🚩🚩
Har Har Mahadev Jay Siyaram 🙏🚩⚔️
Rajput ❤
Sir, Video on Mahadaji Shinde Please 🙏🙏
You are great sir ❤
thank sir
Sir aap padana chate ho to praja mandal complete kariye
Gurudev ko Prem wala namaskar
Jay jay maharana apjay veer
Sir mene s v das gupta ki book or bhi book padhi sabme yahi mila ki abu road me agni yagya hone se pahle sab boudhh dharm or jain dharm ko mante the kyuki us time hindu dharm ke praman nhi h bharat me south tak jain or boudh mandir the bad me inhe hi hindu mandir me convert kia gya please video banaye👍
सही बताने के लिए टोकडा नीमच me आ jana सारे सबूत मिल जायेगा
Aap kha se ho hkm
Minavda
14सिलालेख 84 हजार सतभ साकेत नगरी के बारे मे बबताओ
श्री मान रम भरद्वाज जी राव भाट जाती के पास आप तकलीफ नहीं देखे जय हिन्द वन्देमातरम
सिसोदिया वंश के है,छत्रपति शिवाजी महाराज ओर नेपाल राजवंश भी मेवाड राजपरिवार से ही है
Lekin nepal wale to mangol dikhte he
Sahi kaha bhai
@@काल011 हजारों साल पहले एक परिवार को मेवाड़ से नेपाल भेजा गया था ,कोई मंगोल नही है
@@vickysuthar242 kyo bheja gya tha,
@@vickysuthar242 1000 sal pahle bhang pi rakhi he kya
Sir Tyagi history par bhi video banaye ❤️
गोदारा जाट वंश भी गहलोत है!
राणा राहप के पोते गोहद सिंह को सरस जी महाराज ने गोद लिया था तब उनका वंश गोदारा कहलाया!
जैसे शिवाजी का वंश मराठों में मिल गया वैसे ही गोदारा वंश जाटों में मिल गया था!!😊
इस बात के बहुत बड़े प्रमाण है कि चित्तौड़गढ़ के किले का निर्माण मौर्य राजा ने बनवाया था और वह सातवीं शताब्दीतक भी था फिर गुहिल वंश का तो पांचवी शताब्दी में कहीं कोई अस्तित्व ही नजर नहीं आता इतिहास में
वलभी मे महाराणा प्रताप के वंशजो का ही राज था,
A lot of research still needed to be done. The ruler section of Gujjar become Rajput. Even now Scindia is rajput too and he has marriage relation with King of J&K and had relation with King of Nepal.I mean to say that all rulers become Rajput irrespective of their original origin. Raja Bhoj came from Balkh area after fall of Gupta empire. History of India missing a lots of thing like, son of King porus killed the horse of Alexander and after that Alexander fell on ground but some how his bodyguards were able to save him and took him to camp. This is mentioned in only one place. That's the real reason for making deal with King Porus by Alexander but it's written differently and then Alexander moved towards Batala (Punjab) where his all cavalry forces got killed and that's why, Alexander decided not to go further east in India.
Sir 712 AD mein jab Turkey ke 5th Khalifa Alwid Malik ne apne Senapati Md Kasim Malik ko Bramanabad par hamle kar Raja Dahir Sen ko haraya tha tab Raja Dahir Sen ke beta apne hi rajvansh ke Raja baba Rawal ke help ke liye Rajasthan jate hai aur Bapa Rawal ne Rawal Pindi tak sabhi Malacho ko yaha se bhagaya aur vaha par apna Rajya dobara Isthapith kiya
आगरा के पास 1869 में मिले ये 2000 से अधिक चाँदी के व 9 सिक्के ताँबे के श्री रोशनलाल साँभर के संग्रह में हैं ।
हां आपने ठीक कहा।
अरे भाई मेवाड़ का इतिहास कहा से लेके आया कहा का हैं भाई तू तुझे मेवाड़ का इतिहास पढ़ना चाहिए मेवाड़ राजवंश भगवन राम का वंश हे अयोध्या से हमारी निकासी है और मेवाड़ को बापा रावल ने बसाया इससे पहले यहां पर आदिवासी और मेर समाज थी आज भी मेवाड़ में आदिवासी बहुल इलाके है तुम इस तरह के जूठे इतिहास पढ़ा रहा है
Jay Shri Ram Hari govind singh chittodiya chidar tulsipar jila raisen mp bhopal saadar prnam Jay bhavani shankrm 🎉🎉🎉
Proud to be born in Guhilot clan
Sir.ji.aao.thhoda.jato.kay.gotro.ki.histri.baytayn y.gotr.kasy.bany.aor.dahiya.gotr.ki.histri.baytyn.❤.may.es.bary.may.aap.kay.vichr Sunna chtha hun.❤.
Thanks.
Sir aap ke app par cet ka math course mil jayega kya
Adivasi aur Kshatriya alag hai aur the.
मुस्लिम लोगों जो स्टोरी बताते हैं वो सब जुठ कि कहानी है महा राणा प्रताप के वसंज गुजरात के अमीरगढ के थे
मुगल लूटने के इरादे। से भारत मे आऐ थे इनका कथन झूठ का महिमा मंडन है
Sir bappa rawal ka aap ne gekar nhi keya rana sahga se suru keya sir
Vo bhil kabile se the reality me to
Isliye nhi kiya
@@Jakhar_Sahab bhil tribe se nhi the , bhil tbse ab tk bhil hi h , vo bhil nhi the .... im from bhil tribal community from Rajasthan
Jai shree ram
Sunariya ke bare video banao
Plz We are queries about the Merwara State and history of merwara and Mer
मेवाड़ राजपरिवार के पास भगवान राम के पुत्र लव से लेकर वर्तमान तक की सभी पीढ़ियों के नाम है
😁😁😁😁
RAGHUWANSHI hi kaha de ❤
Don't give the reference of mugal and british historians except the old history of Bhart.
यह भार्गव क्लासेज का विषय नहीं है।
। सूर्यवंशी
Rajput to bhahvan Shriram ke vanshaj hai. Luv Kush ke vanshaj.
Maharana pratap ke pirvaj utter pradesh ke avadh se rajasthan me gaye the wo bhagwan shri ram ke vansaj the
भारद्वाज जैसे व्यक्ति संभव ही नहीं इतिहास की सही बातों को सामने रख दे इनका तो काम ही हमेशा समाज को गुमराह करने का रहा है
yadav😂😂
आखिर मेर जनजाति वर्तमान में गई कहा ?
Mev muslims he to😅
MahaRana ayodhya se aaye the bhgan surya ke putr Raja mnu exhvaku Raghu diLip prthu mandhata HaRish chnr Dhshrth Shree Ram ke putr Lav ke vnshj chittod hd Lahore nepaL.uday.pur.or gujarat.msharastr v anya bhinn sthanopr
क्षत्रिय की अथवा राजा की कोई जात नहीं होती। उदाहरण - क्षत्रिय के लिए सूतपुत्र कर्ण। राजा के लिए काशी का डोम राजा, जिसके यहां राजा हरिश्चंद्र ने नौकरी किया।
मनुष्य सूर्य के पुत्र मनु से ही समस्त मानव जाति की शुरुआत हैं सारे सूर्य वंशी है
कश्यप ऋषि से सूर्य की उत्पति है 😊
@@abhilashpayasi1982 Ikshvaku jati ka uday awadh kshetra se hain, wo wahan k kisan theyy, surya se utpatti hui thi kashyap se utpatti hui thi, ye sab manghadhant kahaniyaan hain😂
राजपूत क्षत्रिय धर्म का पालन करने वाले लोगों को बोला गया विपदाओं में औरतों को छोड़कर चले जाते हैं वो क्षत्रिय कैसे हो सकते हैं
Parivartan hi prakruti ka niyam he