जय भीम जय संविधान संत शिरोमणी रैदास महाराज को नमन प्रो.विवेक साहब व संपादक महोदय ने संतरविदास जी व बहुजन महापुरुषों के जीवन संघर्ष बन्धुत्व मार्ग के विषय में यथार्थ विस्तार से विश्लेषण किया इसके लिए बहुत बहुत साधूवाद।
चौदह सौ तैंतीस की माघ सुदी प्रदास। दुखियों के कल्याण हित प्रकटे श्री रैदास। माघी पूर्णिमा के दिन वाराणसी के सिर गोवर्धन नामक बस्ती में श्री रघुजी व मां करमाबाई की कोख से भारतभूमि पर संत रैदास का आविर्भाव हुआ. तुकाराम, नरसी-दादू, मेहता, गुरूनानक, कबीर, चोखा मेला, पीपादास, इन सभी मध्यकालीन सन्तों में प्रवर सदगुरू रैदास का स्थान श्रेष्ठ है. भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है. इस संस्कृति को जीवन्त रखने में भक्तिकाल या सन्त परम्परा का विशेष योगदान है. चेतना, जन आन्दोलन, समतामूलक समाज की परिकल्पना, मानव सेवा आदि क्रान्तिकारी परिवर्तन के लिए सन्त शिरोमणि रैदास का नाम बड़े आदर तथा सम्मान के साथ लिया जाता है. बोधिसत्व रैदास सामाजिक सुधार के लिए जीवन पर्यन्त जूझते तथा रचनात्मक प्रयत्न करते रहे. सामाजिक समानता, समरसता लाने के लिए वो अपनी वाणियों के माध्यम से तत्कालीन शासकों को भी सचेत करते रहे. घृणा और सामाजिक प्रताड़नाओं के बीच सन्त रैदास ने टकराहट और भेदभाव मिटाकर प्रेम तथा एकता का संदेश दिया. उन्होंने जो उपदेश दिये दूसरों के कल्याण व भलाई के लिए दिये और उनकी चाहत एक ऐसा समाज की थी जिसमें राग, द्वेष, ईर्ष्या, दुख, कुटिलता का समावेश न हो. संत शिरोमणि रैदास कहते हैं:- ऐसा चाहूं राज्य मैं, जहां मिलै सबन को अन्न। छोट, बड़ों सभ सम बसै, रैदास रहे प्रसन्न।। वैचारिक क्रान्ति के प्रणेता सदगुरू रैदास की एक वैज्ञानिक सोच हैं, जो सभी की प्रसन्नता में अपनी प्रसन्नता देखते हैं। स्वराज ऐसा होना चाहिए कि किसी को किसी भी प्रकार का कोई कष्ट न हो, एक साम्यवादी, समाजवादी व्यवस्था का निर्धारण हो इसके प्रबल समर्थक संत रैदास जी माने जाते हैं. उनका मानना था कि देश, समाज और व्यक्ति की पराधीनता से उसका अस्तित्व समाप्त हो जाता है. पराधीनता से व्यक्ति की सोच संकुचित हो जाती है. संकुचित विजन रखने वाला व्यक्ति बहुजन हिताय- बहुजन सुखाय की यथार्थ को व्यवहारिक रूप प्रदान नहीं कर सकता है. वह पराधीनता को हेय दृष्टि से देखते थे और उनका मानना था कि तत्कालीन समाज व लोगों को पराधीनता से मुक्ति का प्रयास करना चाहिए. सन्त रैदास के मन में समाज में व्याप्त कुरीतियों के प्रति आक्रोश था. वह सामाजिक कुरीतियों, वाह्य आडम्बर एवं रूढ़ियों के खिलाफ एक क्रान्तिकारी परिवर्तन की मांग करते थे. उनका स्पष्ट मानना था कि जब तक समाज में वैज्ञानिक सोच पैदा नहीं होगी, वैचारिक विमर्श नहीं होगा. और जब तक यथार्थ की व्यवहारिक पहल नहीं होगी, तब तक इंसान पराधीनता से मुक्ति नहीं पा सकता है. भारत की सरजमीं पर सदियों से जातिवादी व्यवस्था का प्राचीन इतिहास रहा है. जातिवादी व्यवस्था में मनुष्य एवं मनुष्य के बीच झूठा अलगाव उत्पन्न करके मानवता की हत्या कर दी गयी थी. जातिवादी व्यवस्था के पोषकों द्वारा देश या समाज हित में कोई भी क्रान्तिकारी कार्यक्रम ही नहीं दिये गये. इस कुटिल व्यवस्था के रोग को सदगुरू रैदास ने पहचाना. उन्होंने मानव एकता की स्थापना पर बल दिया. उनका मानना था कि जातिवादी व्यवस्था को बगैर दूर किये देश व समाज की उन्नति सम्भव नहीं है. ओछा कर्म और परम्परागत जाति व्यवस्था को रैदास ने धिक्कारा है. वह कहते थे कि मानव एक जाति है. सभी मनुष्य एक ही तरह से पैदा होते हैं. मानव को पशुवत जीवन जीने के लिए बाध्य करना कुकर्म की श्रेणी में आता है. कुकर्म से मनुष्य बुरा बनता है औक सत्कर्म से मनुष्य श्रेष्ठ बनता है. जन्म आधारित वर्ण व्यवस्था को रैदास ने नकार दिया. उन्होंने कर्म प्रधान संविधान को अपने जीवन में सार्थक किया. सन्त रैदास ने सामाजिक परम्परागत ढांचे को ध्वस्त करने का प्रयास किया. रैदास कहते हैं:- रविदास ब्राह्मण मत पूजिए, जेऊ होवे गुणहीन। पूजहिं चरण चंडाल के जेऊ होवें गुण परवीन।। इस वैज्ञानिक विचारधारा से तत्कालीन प्रभाव से समाज को मुक्ति मिली और आज भी इस विचारधारा का लाभ समाज को मिलता दिखाई दे रहा है. बल्कि 21वीं सदी में इसकी सार्थकता और भी बढ़ गयी है. समाज सुधार की आधारशिला व्यक्ति का सुधार है. सबसे पहले व्यक्ति को नैतिक दृष्टि से सीमाओं से ऊपर उठकर विवेक, बुद्धि आदि इस्तेमाल करना चाहिए, तभी समाज उन्नत हो सकेगा. व्यक्तिगत सद्चरित्रता, स्वच्छता तथा सरलता पर ध्यान देना चाहिए
bhai baat sun agar kya tu nhi janta ki guru ravidass ji sant nhi jagat guru ji hain tune jitni bar b guru ji k bare mein bola hai sant keh k bola hai apne aap ko sudhar guru ravidass ji ko guru kehna sikh
संत रविदास जी महाराज चमार जाति के थे, चमार समुदाय को अपने गौरवशाली इतिहास पर गर्व होना चाहिए उन्हें अपने चमार होने पर गर्व होना चाहिए, हिन्दू समाज में कोई जातियाँ यैसी भी हैं जिनका कोई इतिहास ही नहीं है
संत सिरोमरी रविदास जी अपने जीवन भर ब्रह्मण धर्मके बिरुद्ध लगातार बिरोध करते रहे लेकिन१५वी शताब्दी से लेकर आज प्रेजेंट समय तक प्रतिकार जारी है।लेकिन आज का समय ज्यादा खराब हो गया है।आज सासन के द्वारा अत्याचार चरम पर है।विजय गुरु जी की होगी जय भीम।
तथागत भगवान बुद्ध, बोधिसत्व गुरु रविदास जी महाराज, बाबा साहब डॉ. आंबेडकर और मा. कांशीराम साहब स्टार महापुरुष हैं। इनके सिद्धांत एक ही हैं कि सामाजिक और आर्थिक असमानता के स्थान पर समतामूलक समाज की स्थापना करना है।
रविदास जी की शिक्षा है कि पूर्ण गुरू से दीक्षा लेकर गृहस्थ मे रहते हुए भक्ति करो। शराब, मासाहर, वैश्यावृत्ति का त्याग करो। समाज का सुधार करो। देखने में आया है कि रविदास जी को मानने वालों में ये बुराईया ज्यों की त्यों अब भी हैं। दिखावा करने की बजाये गुरू की शिक्षा को मानना जरूरी है।
जय जय हो श्रीराम ! जय जय हो संत रवीदास ! खुद रवि दास भी रामकृष्ण भगवान का भजन करते थे ईसीलिये तो मीराबाई ने रविदास की रा मकृष्ण भक्ति देखकर ही श्रीकृष्ण भगवान की दिवानी हो गई थी ! ईस समय मे सनातन के अलावा सारे हिंदू कोई धर्म मे भक्ति करते नही थे ! आज का ये समय घोर कलिकाल का है तो कोई कुछ भी बोल शकता है अोर कुछ भी कह शकता है !
संत रविदास की जय हो उन्होंने कभी भी अपना धर्म नहीं त्यागा था मुगलों द्वारा प्रताड़ित किए गए थे लेकिन अपना धर्म हिंदू धर्म सनातन धर्म कभी त्यागा नहीं था क्योंकि सनातन धर्म ही सत्य है वैदिक सनातन हिंदू वैदिक धर्म की जय हो सदैव
Tujhay vadi jaankari hai ki unhay muglo ne pratadit kiya tha haqiqat me mugal to us samay the bhi nahi musalman jaroor the lekin guru maharaj ka tatkalin raja se koi vair nahi tha tum log jhoot failana band karo
I,m not- hindu - muslim- Christian - but Religionis is Ravidassia 🙏 रविदासिया समाज से अपील 2021 🙏 के जनगणना के कॉलम में हम सभी को अपने धर्म के कॉलम में ❤️ Ravidassiya 🙏 धर्म लिखवाना है जाती वहीं लिखना है जो आपकी हे संविधान के तहत मान्य है अपनी पहचान बनावो मेरे समाज के लोगो कब तक दूसरो के धर्म को ढोते रहोगे अपनी धार्मिक और सामाजिक पहचान बनावो गर्व से कहो हम चमार है 🔥 जय गुरुदेव धन गुरुदेव जय भीम जय बाबू जगजीवन राम अमर रहे
पेशा रोजी रोटी कमाने के लिए होता है। भक्ति आत्मा के लिए होती है। यह जरूरी नहीं है कि रविदास जी को मानने वालों का पेशा एक हो। मीराबाई क्षत्रिय थी उनके गुरू रविदास चमार थे। रविदास जी ने गुरू रामानद ब्राह्मण थे। भक्ति मार्ग में जाति पाति तो है ही नही। गुरु की शिक्षा को धारण करना जरूरी होता है।
Ramanand was not the guru of Ravidass ji. He never any where accepted him as guru in his amritvani. These all false stories are spread by the manuvadies.
ਧੰਨ ਧੰਨ ਸਤਿਗੁਰੂ ਰਵਿਦਾਸ ਮਾਹਾਰਾਜ ਜੀ ਜੈ ਗੁਰੂ ਦੇਵ ਜੀ ਜੈ ਭੀਮ ਜੀ
भारत के लोगो से ये बात छिपाई गई है लेकिन अब हमारे विद्वान लोग आकर सबको जगा रहे हैं । मैं इनको दिल से सैल्यूट करता है ।जय रविदास जी जय भीम।
Ppppppppppppooop
Good
Jai parm pita parmatma sant shiromani ravidas maharaj ji hai bhim ji
जय भीम जय संविधान
संत शिरोमणी रैदास महाराज को नमन
प्रो.विवेक साहब व संपादक महोदय ने संतरविदास जी व बहुजन महापुरुषों के जीवन संघर्ष बन्धुत्व मार्ग के विषय में यथार्थ विस्तार से विश्लेषण किया इसके लिए बहुत बहुत साधूवाद।
चौदह सौ तैंतीस की माघ सुदी प्रदास।
दुखियों के कल्याण हित प्रकटे श्री रैदास।
माघी पूर्णिमा के दिन वाराणसी के सिर गोवर्धन नामक बस्ती में श्री रघुजी व मां करमाबाई की कोख से भारतभूमि पर संत रैदास का आविर्भाव हुआ. तुकाराम, नरसी-दादू, मेहता, गुरूनानक, कबीर, चोखा मेला, पीपादास, इन सभी मध्यकालीन सन्तों में प्रवर सदगुरू रैदास का स्थान श्रेष्ठ है.
भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है. इस संस्कृति को जीवन्त रखने में भक्तिकाल या सन्त परम्परा का विशेष योगदान है. चेतना, जन आन्दोलन, समतामूलक समाज की परिकल्पना, मानव सेवा आदि क्रान्तिकारी परिवर्तन के लिए सन्त शिरोमणि रैदास का नाम बड़े आदर तथा सम्मान के साथ लिया जाता है. बोधिसत्व रैदास सामाजिक सुधार के लिए जीवन पर्यन्त जूझते तथा रचनात्मक प्रयत्न करते रहे. सामाजिक समानता, समरसता लाने के लिए वो अपनी वाणियों के माध्यम से तत्कालीन शासकों को भी सचेत करते रहे. घृणा और सामाजिक प्रताड़नाओं के बीच सन्त रैदास ने टकराहट और भेदभाव मिटाकर प्रेम तथा एकता का संदेश दिया. उन्होंने जो उपदेश दिये दूसरों के कल्याण व भलाई के लिए दिये और उनकी चाहत एक ऐसा समाज की थी जिसमें राग, द्वेष, ईर्ष्या, दुख, कुटिलता का समावेश न हो. संत शिरोमणि रैदास कहते हैं:-
ऐसा चाहूं राज्य मैं, जहां मिलै सबन को अन्न।
छोट, बड़ों सभ सम बसै, रैदास रहे प्रसन्न।।
वैचारिक क्रान्ति के प्रणेता सदगुरू रैदास की एक वैज्ञानिक सोच हैं, जो सभी की प्रसन्नता में अपनी प्रसन्नता देखते हैं। स्वराज ऐसा होना चाहिए कि किसी को किसी भी प्रकार का कोई कष्ट न हो, एक साम्यवादी, समाजवादी व्यवस्था का निर्धारण हो इसके प्रबल समर्थक संत रैदास जी माने जाते हैं. उनका मानना था कि देश, समाज और व्यक्ति की पराधीनता से उसका अस्तित्व समाप्त हो जाता है. पराधीनता से व्यक्ति की सोच संकुचित हो जाती है. संकुचित विजन रखने वाला व्यक्ति बहुजन हिताय- बहुजन सुखाय की यथार्थ को व्यवहारिक रूप प्रदान नहीं कर सकता है. वह पराधीनता को हेय दृष्टि से देखते थे और उनका मानना था कि तत्कालीन समाज व लोगों को पराधीनता से मुक्ति का प्रयास करना चाहिए.
सन्त रैदास के मन में समाज में व्याप्त कुरीतियों के प्रति आक्रोश था. वह सामाजिक कुरीतियों, वाह्य आडम्बर एवं रूढ़ियों के खिलाफ एक क्रान्तिकारी परिवर्तन की मांग करते थे. उनका स्पष्ट मानना था कि जब तक समाज में वैज्ञानिक सोच पैदा नहीं होगी, वैचारिक विमर्श नहीं होगा. और जब तक यथार्थ की व्यवहारिक पहल नहीं होगी, तब तक इंसान पराधीनता से मुक्ति नहीं पा सकता है.
भारत की सरजमीं पर सदियों से जातिवादी व्यवस्था का प्राचीन इतिहास रहा है. जातिवादी व्यवस्था में मनुष्य एवं मनुष्य के बीच झूठा अलगाव उत्पन्न करके मानवता की हत्या कर दी गयी थी. जातिवादी व्यवस्था के पोषकों द्वारा देश या समाज हित में कोई भी क्रान्तिकारी कार्यक्रम ही नहीं दिये गये. इस कुटिल व्यवस्था के रोग को सदगुरू रैदास ने पहचाना. उन्होंने मानव एकता की स्थापना पर बल दिया. उनका मानना था कि जातिवादी व्यवस्था को बगैर दूर किये देश व समाज की उन्नति सम्भव नहीं है. ओछा कर्म और परम्परागत जाति व्यवस्था को रैदास ने धिक्कारा है. वह कहते थे कि मानव एक जाति है. सभी मनुष्य एक ही तरह से पैदा होते हैं. मानव को पशुवत जीवन जीने के लिए बाध्य करना कुकर्म की श्रेणी में आता है. कुकर्म से मनुष्य बुरा बनता है औक सत्कर्म से मनुष्य श्रेष्ठ बनता है. जन्म आधारित वर्ण व्यवस्था को रैदास ने नकार दिया. उन्होंने कर्म प्रधान संविधान को अपने जीवन में सार्थक किया. सन्त रैदास ने सामाजिक परम्परागत ढांचे को ध्वस्त करने का प्रयास किया. रैदास कहते हैं:-
रविदास ब्राह्मण मत पूजिए, जेऊ होवे गुणहीन।
पूजहिं चरण चंडाल के जेऊ होवें गुण परवीन।।
इस वैज्ञानिक विचारधारा से तत्कालीन प्रभाव से समाज को मुक्ति मिली और आज भी इस विचारधारा का लाभ समाज को मिलता दिखाई दे रहा है. बल्कि 21वीं सदी में इसकी सार्थकता और भी बढ़ गयी है. समाज सुधार की आधारशिला व्यक्ति का सुधार है. सबसे पहले व्यक्ति को नैतिक दृष्टि से सीमाओं से ऊपर उठकर विवेक, बुद्धि आदि इस्तेमाल करना चाहिए, तभी समाज उन्नत हो सकेगा. व्यक्तिगत सद्चरित्रता, स्वच्छता तथा सरलता पर ध्यान देना चाहिए
नमो बुद्धाय जय भीम साहब जी
Great... apne guruon... apne purvanjo ka itihaas sabko pata hona chahiye... aatma gaurav se hi ham mahamanav ban sakte hain...👌👌
Bahut sundar lekh hai aapka .. Dhanyvad
bhai baat sun agar kya tu nhi janta ki guru ravidass ji sant nhi jagat guru ji hain tune jitni bar b guru ji k bare mein bola hai sant keh k bola hai apne aap ko sudhar guru ravidass ji ko guru kehna sikh
💪❤💖
Nice demonstration. Purity of mind is only solution to development of equality in society.
जाती न पूछो साधु की पूछ लीजिये ज्ञान
मोल करो तलवार का पड़ा रहन दो म्यान।
-कबीर दास जी ।
जय बाबा रबिदास ।
जय मूल निवासी
Jài Guru Ravidass ji Jai bihm
संत शिरोमणि गुरु रविदास की जै।
Jai Bhim Jai guru Ravidass ji
Nice sir excellent Jay bhim Jay guru ravidas maharaj ki Namo buddhay
संत रविदास जी महाराज चमार जाति के थे, चमार समुदाय को अपने गौरवशाली इतिहास पर गर्व होना चाहिए उन्हें अपने चमार होने पर गर्व होना चाहिए, हिन्दू समाज में कोई जातियाँ यैसी भी हैं जिनका कोई इतिहास ही नहीं है
जय भीम धन्य गुरु रविदास नमो बुद्धाय जी
Very good sir ...... Thank u sir
Thank you very much sir for providing us such a good compassion amongst these Three great persons.
Sat guru ravidas ji mharaj ki jay
जय भीम जय गुरु रविदास ।
संत सिरोमरी रविदास जी अपने जीवन भर ब्रह्मण धर्मके बिरुद्ध लगातार बिरोध करते रहे लेकिन१५वी शताब्दी से लेकर आज प्रेजेंट समय तक प्रतिकार जारी है।लेकिन आज का समय ज्यादा खराब हो गया है।आज सासन के द्वारा अत्याचार चरम पर है।विजय गुरु जी की होगी जय भीम।
ਰਾਵ ਦੱਸ so
ਸਰੀਰ a
Happy birthday ravidas guru ji mahraj
रविदास जी अमर रहे, जय रविदास जी
प्रोफेसर जी को बहुत धन्यवाद।
Guru Ravibass ji 🙏🙏
Sant Shiromani Ravidas ji Maharaj ki jai
I m chamar
सिकंदर लोदी वाला
@@randhirkumar5658 s
Jay bhim
संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन
Jai Bheem, Jai Satguru Ravidas ji,Namon Bhudhaye Tathagatt Budh💛💜❤💚🤍💚💛💜
Jai guru ravidas ji mharaj
The great chamar.... Jai bhimvansiyo....
सन्त शिरोमणि गुरु श्री रविदास जी महाराज 💚🙏🏼🙏🏼🌷🌷 नमो बुद्धाय 🧡🙏🏻🙏🏻🌷🌷 जय भीम 💛🙏🏼🙏🏼🌹🌹
Dalito k masiha = DR B.R AMBEDAKAR, Rama swami periyar ,sant ravidas ji , sant kabir ji ,jyotiba fule, masiha ko mera koti koti naman
Jai guru ravidas ji
Sant Siromani Guru Ravidass Akhand Jyoti AMAR 🙏
Jai bheemm jai Gurudev jai bhart
Jai Bheem Jai Guru Ravidaas Namo Budhaye
Jay bhim Jay guru Dev Jay budh 🙏🙏
Jai.Gurudev.Dhan.Gurudev. JAI.BHIM. Namo.Budhay
JAI.SANVIDHAN. jai.All.Bahujan.Mahapurush
Bahujan Mahanayako ko salam!!
Jai Jai Jai Sant Ravidas Ji Ki The Great Chamar Jai Jai Jai Bhim
Jay bheem jay garu Ravi dash ji🌹🌹
Raidas Janam ke karan hove koi na Neech.
तथागत भगवान बुद्ध, बोधिसत्व गुरु रविदास जी महाराज, बाबा साहब डॉ. आंबेडकर और मा. कांशीराम साहब स्टार महापुरुष हैं। इनके सिद्धांत एक ही हैं कि सामाजिक और आर्थिक असमानता के स्थान पर समतामूलक समाज की स्थापना करना है।
रविदास जी ने मोक्ष का मार्ग दिखाया है। मोक्ष के लिए भक्ति जरूरी है। भक्त के लिए शुद्ध आचरण जरूरी है। शुद्ध आचरण से समाज अपने आप ही सधर जाता है।
jagdish kumar.
JAY BHIM
Jai hind Jai bhart 🙋🙋🙋🙋🙋
soni karmakar
Jai bheem namo budday very nice
We.love.All.Bahujan.Mahapurush
naman ravidasji
जय गुरु देव जी 🙏🙏salute h आप को
Jai guru ravidas ji
Jai bheem
DHAN DHAN SATGURU RAVIDAAS JI MAHARAJ❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Me jati me Brahman hun Lekin Saint Ravidas ko hamesa Charno me Koti kotli parnan .unke aage aage hamesa koti koti NAtmastak
Satguru raidas ji ko koti koti pranaam.
Jay bheem jay guru ravidass g
Jai Guru Ravidas Jai Bhim Namo Buddhay Jai Bharat
St st nmn guru ravidas k charno m jai bheem namo budhay. U r great prsn both
Jai Ravidasji
Jai bhim
Jai bhim jai guru ravidas namo buddhay 🙏🙏🙏
Very Nice Sir Ji Super Salutes Thank You So Much Good Speech✌🌹🚩🐚🔔👏💞💫💯🎊
Jai guru Ravidas maharaj ji
Jai Bhim Namo Buddhay. Jai Guru Ravidass ji
Jai guru ravidas maharaj ki jai...
Jay bhim 🙏 🙏 🙏Jay Ravidas
Dhan guru dev g
4th kansi ram....
5th mayawati
6th chandrashekhar azad..
Jai bhim jai bhart
Jai Mulnivasi
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
रविदास जी की शिक्षा है कि पूर्ण गुरू से दीक्षा लेकर गृहस्थ मे रहते हुए भक्ति करो। शराब, मासाहर, वैश्यावृत्ति का त्याग करो। समाज का सुधार करो। देखने में आया है कि रविदास जी को मानने वालों में ये बुराईया ज्यों की त्यों अब भी हैं। दिखावा करने की बजाये गुरू की शिक्षा को मानना जरूरी है।
Pralhad. Amruta. Padamane. 9904557868
I m rajput but Admin jaati sey nehi karm sey accha hota hey jai guru ravi das g 😌
Good job bhai ji
Great bhai
Right bro
@@pagoda-r8f gali kaun deta hai Bhai gali to aap log dete Ho aur murtiya todte Ho jat pat fhaila kar desh ko tukdo ME batte ho
jay guru ravidas
Jai Gurudev ji
Jai guru Dev bhan Guru dev
Jai bhim jai bharat nmo Buddhay 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 adity kumar boddh Uttar Pradesh
Sant ravi das maharaja ki jai
GURU Ravidass Maharaj
जय जय हो श्रीराम ! जय जय हो संत रवीदास ! खुद रवि दास भी रामकृष्ण भगवान का भजन करते थे ईसीलिये तो मीराबाई ने रविदास की रा मकृष्ण भक्ति देखकर ही श्रीकृष्ण भगवान की दिवानी हो गई थी ! ईस समय मे सनातन के अलावा सारे हिंदू कोई धर्म मे भक्ति करते नही थे ! आज का ये समय घोर कलिकाल का है तो कोई कुछ भी बोल शकता है अोर कुछ भी कह शकता है !
संत रविदास की जय हो उन्होंने कभी भी अपना धर्म नहीं त्यागा था मुगलों द्वारा प्रताड़ित किए गए थे लेकिन अपना धर्म हिंदू धर्म सनातन धर्म कभी त्यागा नहीं था क्योंकि सनातन धर्म ही सत्य है वैदिक सनातन हिंदू वैदिक धर्म की जय हो सदैव
vishwanath tiwari
dharm me dosh nhi dosh dharm ke thekedaro me he
jay shree ram
Ravidass ji was never Hindu.
yeh comment se pata chalta hai ki brahman abh kitna pareshaan hai. Kujh bhi bole ja rahe ho. hahaha
Tujhay vadi jaankari hai ki unhay muglo ne pratadit kiya tha haqiqat me mugal to us samay the bhi nahi musalman jaroor the lekin guru maharaj ka tatkalin raja se koi vair nahi tha tum log jhoot failana band karo
@@princeshrestharoy4566 राजा सिकंदर लोधी ने संत रविदास जी को जेल में डाल दिया था।
I,m not- hindu - muslim- Christian - but Religionis is Ravidassia 🙏 रविदासिया समाज से अपील 2021 🙏 के जनगणना के कॉलम में हम सभी को अपने धर्म के कॉलम में ❤️ Ravidassiya 🙏 धर्म लिखवाना है जाती वहीं लिखना है जो आपकी हे संविधान के तहत मान्य है अपनी पहचान बनावो मेरे समाज के लोगो कब तक दूसरो के धर्म को ढोते रहोगे अपनी धार्मिक और सामाजिक पहचान बनावो गर्व से कहो हम चमार है 🔥 जय गुरुदेव धन गुरुदेव जय भीम जय बाबू जगजीवन राम अमर रहे
Nice combination of Trinity
चमार सौरव कुमार जय भीम जय रविदास बानी पर अटल हूँ
Jai bhim jai guru ravidas maharaj
Jaybhim jaybahujan Ekta..
Jai Bhim Namo BUDDHAYA....
Jay bhim bhaiyo namo budhaya jay ravidash ji ki.......
Jai gur dev ..jai bhim
bahut Sunder sir apka prayas Samanta ke taraph
Group member Rajen Rabidas very good your advice
Sant siromani Sant Ravidas Maharaja ko koti koti naman
Sir ravidas puja mnanne ka shi process kya plz ek video bnaye
यह शो दिखाने के लिए आपका बहूत -बहुत धन्यवाद ।आगे भी इसतरह का शो दिखाये।
नमो बुंधाय जय भीम जय मूलनिवासी सर बहुत बढ़िया
Very good shib parnm
sant siromani guru ravidas baba ji ki tahe dil se naman karta hu. aur sath me Dr.b.r.ambekar baba saheb ji ka aur nammo budhay ji ka bhi. .
Very good job dalit dastak
Jai bhim ji jai gurdev ji very nice
sir aise hi apne vichar rakhte rhe
All right sir bahut la jawab bate batai hamare maha pursho ki sat guru ravidas ji maharaj m.buddhay jay bhim jay sambidhan
Jai ho ravidas ji ki jai shri ram
पेशा रोजी रोटी कमाने के लिए होता है। भक्ति आत्मा के लिए होती है। यह जरूरी नहीं है कि रविदास जी को मानने वालों का पेशा एक हो। मीराबाई क्षत्रिय थी उनके गुरू रविदास चमार थे। रविदास जी ने गुरू रामानद ब्राह्मण थे। भक्ति मार्ग में जाति पाति तो है ही नही। गुरु की शिक्षा को धारण करना जरूरी होता है।
Bhai ji ramanand guru ravidass ji K guru tha iska kya parman hai batao, yeh baat brahmano ne failai hai
Ramanand was not the guru of Ravidass ji. He never any where accepted him as guru in his amritvani.
These all false stories are spread by the manuvadies.
Ramanand ..Ravidas ji ke guru nahi the ..Jhoota prachar mat karo...Saboot pesh karo
jagdish kumar बिल्कुल सही
Jay Guru Dev Ji
Jai guru Rabidas
Jay guru ravidas Maharaj ki Jay Jay bheem namo buddhay Jay Bharat 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Good sir jai bhimnamo budday
Jai Gurudev Dhan Gurudev