Humayun's Tomb Nizamuddin Delhi हुमायूं का मकबरा दिल्ली 📸

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  • เผยแพร่เมื่อ 27 ส.ค. 2024
  • मुगल वास्तुकला के विकास में एक मील का पत्थर, हुमायूं का मकबरा मुगल सम्राट की मृत्यु के बाद 1569 में बनाया गया था। हुमायूं द्वारा 1556 में बनवाया गया, उनकी फ़ारसी रानी हमीदा बानू बेगम द्वारा। इसे फ़ारसी वास्तुकार द्वारा डिज़ाइन किया गया था मीराक मिर्ज़ा ग़ियास।
    हुमायूं का मकबरा दिल्ली के सबसे प्रमुख ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसकी वास्तुकला आपको अपनी तरफ आकर्षित कर सकती है।
    यह खूबसूरत मकबरा मुगल सम्राट हुमायूं की याद में उनकी पहली पत्नी हाजी बेगम द्वारा निर्मित करवाया गया था।
    अगर आप दिल्ली की खूबसूरती को गहराई से परखना चाहते हैं तो आपको एक बार हुमायूं के मकबरे की ओर रूख जरूर करना चाहिए।
    आइए आज हूमायूं के मकबरे का इतिहास और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
    हुमायूं के मकबरे का इतिहास
    हाजी बेगम ने हुमायूं की मृत्यु के नौ साल बाद 1565 में इस मकबरे का निर्माण कार्य शुरू करवाया था, जो 1572 ई में पूरा हुआ।
    लाल बलूआ पत्थर और सफेद संगमरमर पत्थरों से बने इस मकबरे को उस समय लगभग 15 लाख रुपये की लागत में बनवाया गया था और इसकी संरचना इस्लामिक और फारसी वास्तुकला का मिश्रण है।
    हुमायूं के मकबरे की शोभा तब बढ़ी, जब 1993 में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में इसे शामिल किया गया।
    हुमायूं के मकबरा के खुलने और बंद होने का समय
    हुमायूं का मकबरा सोमवार से रविवार तक सुबह 6:00 बजे खुलता है और रात के 6:00 बजे बंद हो जाता है।
    आप चाहें तो किसी भी मौसम में दिल्ली के इस खूबसूरत ऐतिहासिक पर्यटन स्थल की ओर रूख कर सकते हैं, लेकिन वसंत ऋतु और सर्दियों के मौसम में यहां घूमने का अच्छा समय है।
    दरअसल, गर्मियों के दौरान गर्मी और वर्षा ऋतु में बारिश आपकी घूमने की योजना में बाधा उत्पन्न करने का कारण बन सकती है।
    हुमायूं के मकबरे के आसपास घूमने लायक जगह
    हुमायूं के मकबरे के आसपास ऐसी कुछ जगहें और स्मारक भी हैं, जहां आप घूम सकते हैं।
    उदाहरण के लिए बू हलीमा का मकबरा और उद्यान, जो हुमायूं के मकबरे के पश्चिमी प्रवेश की ओर स्थित है।
    इसके अतिरिक्त, चारबाग गार्डन, जो हुमायूं के मकबरे से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
    वहीं, हज़रत निजामुद्दीन औलिया दर्ग हुमायूं के मकबरे से एक किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है।
    हुमायूं के मकबरे का प्रवेश शुल्क
    हुमायूं के मकबरे में घुमने के लिए आपको सबसे पहले प्रवेश शुल्क देना होगा, जो भारतीय लोगों, बिम्सटेक और सार्क देशों के पर्यटकों के लिए 35 रूपये का है।
    वहीं, अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए यहां का प्रवेश शुल्क लगभग 500 रूपये है और 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यहां कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
    अगर आप इस मकबरे में जाकर वीडियोग्राफी करना चाहते हैं तो आपको उसके लिए 25 रूपये अलग से देने होंगे।
    हुमायूं का मकबरा कैसे पहुंचे?
    फ्लाइट से हुमायूं का मकबरा पहुंचने का तरीका
    अगर आप हुमायूं का मकबरा पहुंचने के लिए फ्लाइट को चुनते हैं तो इसके लिए पहले इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टार्मिनल 3 पर पहुंचे, फिर आप वहां से चलने वाली दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
    इसके बाद आप टैक्सी से हुमायूं के मकबरे पर पहुंच सकते हैं।
    इसके अतिरिक्त, आप चाहें तो हवाई अड्डे के बाहर उपलब्ध DTC की बस में बैठकर हुमायूं का मकबरा पहुंच सकते हैं।
    हुमायूं का मकबरा दिल्ली के हजरत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन से लगभग 2.8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां से आप टैक्सी या फिर ऑटो रिक्शा लेकर इस मकबरे तक पहुंच सकते हैं।
    अगर आप बस से आते हैं तो सराय काले खां बस डिपो इस मकबरे के काफी निकट है।
    इसके अतिरिक्त, हुमायूं का मकबरे के निकटतम मेट्रो स्टेशन की बात करें तो वायलेट लाइन पर जवाहरलाल नेहरू मेट्रो स्टेशन है।
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