।।सतगुरु की पहचान।।वही कुशल कारीगर सच्चा सतगुरु कहलावे, जो अखंड सारशबद चित्त माहि लखावे। डोलत डिगे ना बोलत बिसरै, जब उपदेश दृढावै, प्राण पूज्य क्रिया से न्यारा, सहज समाधि सिखावे।।01।।कान ना रुंधै पवन ना रोके, नहि अनहद उलझावे, यह मन जाय जहाँ लगि जबहि, परमातम दर्शावे। कर्म करे निःकर्म रहे जो, ऐसी जुगत लगावे, सदा बिलास त्रास नही मन मे भोग जोग जगावे।।02।।धरति त्यागि अकाशहुं त्यागे, अधर मडैया छावे, शुन्न शिखर पार, शिला पर आसन अचल जमावे। भीतर रहा सो बाहर देखे,दूजा दृष्टी ना आवे, कहत कबीर बसा है हंसा आवागमन मिटावे।।03।।,,साँई अरुण जी शेलार नासिक महाराष्ट्र और सारशब्दीय परिवार को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी 🙏🏻🌹
।।अध्यात्मिक बुन्देल खंडी दादरा लोकभजन।।खतम हो गई दो हजार तेइस की साल, कि दो हजार चौबीस को ख्याल राखियो।।00।।खुशी-खुशी तुम साँई अरुण जी महाराज के सतसंग सुनियो। शबद गुरुजी के सारशबद संग रहियो-तुम्हे मिल जाऐगा अंत समय सतधाम, कि दो हजार चौबीस को ख्याल राखियो।।01।।सारशबद को सुमिरण करियो, मन माया से दूर ही रहियो। तब जानियो शबद गुरुजी को चमत्कार, कि दो हजार चौबीस को ख्याल राखियो।।02।।सतगुरु सत सनातन ही सबका तारणहार,परमपितामह को जानलो संसार। सतगुरु पारब्रम्ह की महिमा अपरम्पार, सज्जन करियो सोच विचार,कि दो हजार चौबीस को ख्याल राखियो।।03।।सालिकराम कहे कर जोडी, विनय मानलो हंसा मोरी। मानव जीवन का हो जाऐगा उध्दार,कि दो हजार चौबीस को ख्याल राखियो और सारशबद की सतत् चल जाऐ झनकार, कि साँई अरुण जी महाराज को धन्यवाद कह दीजियो।।04।।साँई अरुण जी शेलार की गुरुवाणी ने मुझको, सत साहेब कबीर सुजान जी से अखण्ड सारशब्द लखवाया है। जनम जनम से भटका मेरे मनवा को, सतगुरु जी ने साल बीसम बीसा से आन जगाया है।।05।।,,साँई अरुण जी शेलार नासिक महाराष्ट्र और सारशब्दीय संत समाज को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी 🙏🏻🌹
Aap bahut achha video banate hy...my ek kabeerpanthi hu aur sageb kabeer ji ko hi sarwshaktimaan samjhta hu. Aur yahi wastvikta hai, saheb bandgi sageb
यह कबीर बहु भटका खाये वो कबीर बहु पार लगाए यह कबीर वो है जो धर्म के नाम पर पेट पालने वालो ने बताया की कबीर एक जुलाहा था उसकी एक पत्नी थी और एक बेटा और बेटी थी, वो कबीर वो है जो माँ के पेट में नहीं आया और दुनिया का कल्याण किया और अंत में गायब हो गए शरीर की जगह फूल मिले मुसलमानो ने मज़ार बनाई और हिन्दुओं ने समाधी
कबीर साहिब ने अपनी रचनाओं में कहा है न हम रहले मात गर्भ में न हमरे ग्रही और दासी नीरू के घर नाम धराया जग में होगई हांसी सात द्वीप नो खंड में गुरु से बड़ा न कोई करता करे न कर सके गुरु करे सो होय सन 1400 में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का किसी को पता ही नहीं था शून्य में रचो संसारा शून्य का है खेल सारा,और संतमत स्थापित किया 52 लाख लोगो को नाम दान दिया जिनमे मुख्य काशी का हिन्दू राजा वीर सिंह भगेल,17अवध के जिलों का नवाब बिजली खान पठान, उनका शिष्य था और सिकंदर लोधी दिल्ली का सुलतान और शेख ताकि को भी नामदान दिया जिसने 52 बार उनको मृत्यु दंड दिया क्योंकि कबीर साहिब पांच तत्वों से नहीं बने थे इसलिए उनको कुछ भी नहीं हुआ शेख तकि की मृत लड़की को जिन्दा किया उसका नाम कमाली हुआ गंगा में तैरते मुर्दे को जिन्दा किया उसका नाम कमाल हुआ काशी के प्रकांड पंडित सर्वदानंद को भी आत्मज्ञान दिया और आखिर में मगहर में गायब हो गए उनके शरीर की जगह फूल मिले मुसलमानो ने मजार बनाई हिन्दुओं ने समाधी बनाई कोई अपने गुरु के टुकड़े करके समाधी या मजार नहीं बनाएगा चौथे लोक का सन्देश दिया यह देश काल का देश है यहाँ कर्म का जाल पसारा है चल हंसा सतलोक (जहाँ से सभी आत्माये अनंत समय पूर्व आयी है) और बताया की ३ करोड़ वर्षों बाद लगभग १०० वर्षो के लिए मनुष्य का शरीर मिलता है इससे पहिले मृत्यु होने पर बाकी बची उम्र भोगने के लिए फिर मनुष्य देह मिलती है और बताया तेरा बैरी कोई नहीं तेरा बैरी मन, मन इंसान का दिमाग है यह सिर्फ इस शरीर और इस संसार के बारे में ही सोचेगा आत्मा के बारे में नहीं कबीर साहिब जी के विषय में गुरु नानक देव जी ने कहा है अव्वल संत कबीर है दूजे रामानंद तासे भक्ति प्रगट भई सात द्वीप नौ खंड, कबीर साहिब ने सतगुरु संत मार्ग को स्थापित किया क्योंकि परमात्मा को आप इस शरीर की इन्द्रियों से नहीं देख सकते है आप उसका ध्यान भी नहीं कर सकते है
Satya Guru kabir sahab ki Vani ko decode karna Itna Aasan Nahin Hai dharmdas ke alava koi bhi vyakti kabir sahab ki Vani ko decode nahin kar sakta hai dharmdas ji Kalki Avatar ke roop Mein Prithvi Lok Mein maujud Hain Jo Duniya Ko Ek Naya Gyan batane Aaye Hain aur Satya Yug Dharm ki sthapna karne Aaye Hain Kabir sahab ke sabhi granthon Mein is baat ka varnan hai isliye aapse Anurodh hai galat Gyan mat bataen Asha Hai Hamari Baat aapki samajh mein a Gai Hogi
Saprem Saheb Bandagi Saheb.
सप्रेम साहेब बंदगी साहेब🙏🌹
साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी
Jagat kai taranhar kabir sahib ji ki jay ho
बहुत अच्छा ज्ञान दिया साहिब बंदगी साहिब
Sat Saheb ji, Sat Guru Rampal ji maharaj ji jaya ho
Satya log
He saheb ji
🎉🎉satsahib. Ji
🙏🙏🙏 साहिब बंदगी साहिब
Saheb bandgi guru nmh
सत्यपुरुष परमात्मा की जय हो सतसाहेब
Jay Jay Sri Sadgurudev Kabir Sahib Ji Bhagwan ki jay 🙏🙏🙏🙏💕💕💕💕🌻🌻🌻🌻💮💮💮💮🌷🌷🌷🌷😚😚😚😚😚💌💌💌💌🤗🤗🤗🤗🌸🌸🌸🌸😍😍😍😍🌼🌼🌼🌼☺☺☺☺🌹🌹🌹🌹😊😊😊😊🤩🤩🤩🤩❤❤❤❤😘😘😘😘
साहेब बंदगी साहेब 🙏🙏🙏
लादूराम❤❤❤❤❤
Sat saheb
अति सुन्दर प्रस्तुति
।।सतगुरु की पहचान।।वही कुशल कारीगर सच्चा सतगुरु कहलावे, जो अखंड सारशबद चित्त माहि लखावे। डोलत डिगे ना बोलत बिसरै, जब उपदेश दृढावै, प्राण पूज्य क्रिया से न्यारा, सहज समाधि सिखावे।।01।।कान ना रुंधै पवन ना रोके, नहि अनहद उलझावे, यह मन जाय जहाँ लगि जबहि, परमातम दर्शावे। कर्म करे निःकर्म रहे जो, ऐसी जुगत लगावे, सदा बिलास त्रास नही मन मे भोग जोग जगावे।।02।।धरति त्यागि अकाशहुं त्यागे, अधर मडैया छावे, शुन्न शिखर पार, शिला पर आसन अचल जमावे। भीतर रहा सो बाहर देखे,दूजा दृष्टी ना आवे, कहत कबीर बसा है हंसा आवागमन मिटावे।।03।।,,साँई अरुण जी शेलार नासिक महाराष्ट्र और सारशब्दीय परिवार को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी 🙏🏻🌹
Satguru Kabir Saheb Satnam Sahib bandagi
Sadr Saprem saheb bandgi saheb
Kabir ne kaha hai _ankh, kan, mukh band karavo aur yah bhi kaha hai_- ankh na mundu kan na irundhu.only it is matter of mad man.
।।अध्यात्मिक बुन्देल खंडी दादरा लोकभजन।।खतम हो गई दो हजार तेइस की साल, कि दो हजार चौबीस को ख्याल राखियो।।00।।खुशी-खुशी तुम साँई अरुण जी महाराज के सतसंग सुनियो। शबद गुरुजी के सारशबद संग रहियो-तुम्हे मिल जाऐगा अंत समय सतधाम, कि दो हजार चौबीस को ख्याल राखियो।।01।।सारशबद को सुमिरण करियो, मन माया से दूर ही रहियो। तब जानियो शबद गुरुजी को चमत्कार, कि दो हजार चौबीस को ख्याल राखियो।।02।।सतगुरु सत सनातन ही सबका तारणहार,परमपितामह को जानलो संसार। सतगुरु पारब्रम्ह की महिमा अपरम्पार, सज्जन करियो सोच विचार,कि दो हजार चौबीस को ख्याल राखियो।।03।।सालिकराम कहे कर जोडी, विनय मानलो हंसा मोरी। मानव जीवन का हो जाऐगा उध्दार,कि दो हजार चौबीस को ख्याल राखियो और सारशबद की सतत् चल जाऐ झनकार, कि साँई अरुण जी महाराज को धन्यवाद कह दीजियो।।04।।साँई अरुण जी शेलार की गुरुवाणी ने मुझको, सत साहेब कबीर सुजान जी से अखण्ड सारशब्द लखवाया है। जनम जनम से भटका मेरे मनवा को, सतगुरु जी ने साल बीसम बीसा से आन जगाया है।।05।।,,साँई अरुण जी शेलार नासिक महाराष्ट्र और सारशब्दीय संत समाज को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी 🙏🏻🌹
saheb bandgi saheb🥀🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Aap bahut achha video banate hy...my ek kabeerpanthi hu aur sageb kabeer ji ko hi sarwshaktimaan samjhta hu.
Aur yahi wastvikta hai, saheb bandgi sageb
Good
Kbir pnthi ko pan prvna nhi karna cahiy kbir saheb khe h
खडित चांद देखकर दुनिया करे सलाम पुरि पुनम ना नमे ऐसी दनिया हराम
Hame dada kab le gayega Satya lok
साहब बदगि
खडित चाद याने आघा चाद पुनम याने पुरा चाद
यह वृतांत कौन से ग्रंथ में मिलेगा 🙏🙏
अनुराग सागर
Saty nam ka arth kya hai
Kabir pakhand ke virodhi saint the.is arati me pakhand hain. Yadi kabir ne yah kaha hain to
Vah pakhandi hain.
यह कबीर बहु भटका खाये वो कबीर बहु पार लगाए यह कबीर वो है जो धर्म के नाम पर पेट पालने वालो ने बताया की कबीर एक जुलाहा था उसकी एक पत्नी थी और एक बेटा और बेटी थी, वो कबीर वो है जो माँ के पेट में नहीं आया और दुनिया का कल्याण किया और अंत में गायब हो गए शरीर की जगह फूल मिले मुसलमानो ने मज़ार बनाई और हिन्दुओं ने समाधी
कबीर साहिब ने अपनी रचनाओं में कहा है न हम रहले मात गर्भ में न हमरे ग्रही और दासी नीरू के घर नाम धराया जग में होगई हांसी सात द्वीप नो खंड में गुरु से बड़ा न कोई करता करे न कर सके गुरु करे सो होय सन 1400 में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का किसी को पता ही नहीं था शून्य में रचो संसारा शून्य का है खेल सारा,और संतमत स्थापित किया 52 लाख लोगो को नाम दान दिया जिनमे मुख्य काशी का हिन्दू राजा वीर सिंह भगेल,17अवध के जिलों का नवाब बिजली खान पठान, उनका शिष्य था और सिकंदर लोधी दिल्ली का सुलतान और शेख ताकि को भी नामदान दिया जिसने 52 बार उनको मृत्यु दंड दिया क्योंकि कबीर साहिब पांच तत्वों से नहीं बने थे इसलिए उनको कुछ भी नहीं हुआ शेख तकि की मृत लड़की को जिन्दा किया उसका नाम कमाली हुआ गंगा में तैरते मुर्दे को जिन्दा किया उसका नाम कमाल हुआ काशी के प्रकांड पंडित सर्वदानंद को भी आत्मज्ञान दिया और आखिर में मगहर में गायब हो गए उनके शरीर की जगह फूल मिले मुसलमानो ने मजार बनाई हिन्दुओं ने समाधी बनाई कोई अपने गुरु के टुकड़े करके समाधी या मजार नहीं बनाएगा चौथे लोक का सन्देश दिया यह देश काल का देश है यहाँ कर्म का जाल पसारा है चल हंसा सतलोक (जहाँ से सभी आत्माये अनंत समय पूर्व आयी है) और बताया की ३ करोड़ वर्षों बाद लगभग १०० वर्षो के लिए मनुष्य का शरीर मिलता है इससे पहिले मृत्यु होने पर बाकी बची उम्र भोगने के लिए फिर मनुष्य देह मिलती है
और बताया तेरा बैरी कोई नहीं तेरा बैरी मन, मन इंसान का दिमाग है यह सिर्फ इस शरीर और इस संसार के बारे में ही सोचेगा आत्मा के बारे में नहीं कबीर साहिब जी के विषय में गुरु नानक देव जी ने कहा है अव्वल संत कबीर है दूजे रामानंद तासे भक्ति प्रगट भई सात द्वीप नौ खंड, कबीर साहिब ने सतगुरु संत मार्ग को स्थापित किया क्योंकि परमात्मा को आप इस शरीर की इन्द्रियों से नहीं देख सकते है आप उसका ध्यान भी नहीं कर सकते है
Satya Guru kabir sahab ki Vani ko decode karna Itna Aasan Nahin Hai dharmdas ke alava koi bhi vyakti kabir sahab ki Vani ko decode nahin kar sakta hai dharmdas ji Kalki Avatar ke roop Mein Prithvi Lok Mein maujud Hain Jo Duniya Ko Ek Naya Gyan batane Aaye Hain aur Satya Yug Dharm ki sthapna karne Aaye Hain Kabir sahab ke sabhi granthon Mein is baat ka varnan hai isliye aapse Anurodh hai galat Gyan mat bataen Asha Hai Hamari Baat aapki samajh mein a Gai Hogi
Saheb bandgi saheb
Saheb bandagi saheb jee 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🌷🌷💐💐🌹❤
Saheb bandagi saheb ji
Saheb bandagi saheb 🙏