नितिन दास (मदन पंथी) VS संत रामपाल जी महाराज || Trailer

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  • เผยแพร่เมื่อ 18 ก.ย. 2024
  • नितिन दास (मदन पंथी) VS संत रामपाल जी महाराज || Trailer
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ความคิดเห็น • 145

  • @omidas5825
    @omidas5825 7 หลายเดือนก่อน +12

    गुरु बिन माला फेरते गुरु बिन देते दान गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण

  • @amulyayadav5551
    @amulyayadav5551 7 หลายเดือนก่อน +4

    पूर्ण परमात्मा की भक्ति से जीव का कल्याण है

  • @schoolstudy9231
    @schoolstudy9231 7 หลายเดือนก่อน +29

    आध्यात्मिक ज्ञानचर्चा अवश्य देखे कल सुबह 9 बजे पूरा वीडियो

  • @Satlok_ashram_india
    @Satlok_ashram_india 7 หลายเดือนก่อน +13

    अब धरती पर आ गया है जगत तारन हर गुरुओं का गुरु

  • @parmjeetgheer571
    @parmjeetgheer571 7 หลายเดือนก่อน +6

    भक्ति नहीं करने वाले व शास्त्रविरुद्ध भक्ति करने वाले, नकली गुरु बनाने वाले एवं पाप अपराध करने वालों को मृत्यु पश्चात्‌ यमदूत घसीटकर ले जाते हैं और नरक में भयंकर यातनाएं देते हैं। तत्पश्चात् 84 लाख कष्टदायक योनियों में जन्म मिलता है।🍁🌺

  • @Satlokchalo619
    @Satlokchalo619 7 หลายเดือนก่อน +5

    Paramatma

  • @dasnarendra1990
    @dasnarendra1990 7 หลายเดือนก่อน +4

    अब होगा सच्च और झूठ का पर्दाफाश

  • @aryangaming2508
    @aryangaming2508 7 หลายเดือนก่อน +4

    सतभकित करने से ही हमे मोक्षाची प्रापत होगा,सब रोगो से हम बच सकते है

  • @praveenaprajapati540
    @praveenaprajapati540 7 หลายเดือนก่อน +14

    पूर्ण सतगुरू से दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करने से शुभ संस्कारों में वृद्धि होने से दुःख का वक्त सुख में बदलने लग जाता है।

  • @annuji6880
    @annuji6880 7 หลายเดือนก่อน +6

    बहुत ही जबरदस्त वीडियो समाज सुधारक है

  • @RuniBalaSingha-gh9dj
    @RuniBalaSingha-gh9dj 7 หลายเดือนก่อน +8

    सतभक्ति अति आवश्यक है क्योंकि स्तभक्ति बिना मोक्ष असम्भव है।
    मानव जीवन में सतभक्ति नहीं की तो परमात्मा के विधान अनुसार चौरासी में महाकष्ट उठाना पड़ता है। सतभक्ति पूर्ण सन्त ही बताते हैं।

  • @vikashjoshi1650
    @vikashjoshi1650 7 หลายเดือนก่อน +6

    Great debate

  • @bheeshmkumarsahu6006
    @bheeshmkumarsahu6006 7 หลายเดือนก่อน +1

    गीता अध्याय 16 श्लोज 23 और 24 में कहा है कि जो शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करते हैं उनकी ना तो गति होती है न ही उन्हें किसी प्रकार का आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है इसलिए शास्त्र ही प्रमाण है।

  • @VinayKumar-hx7ur
    @VinayKumar-hx7ur 7 หลายเดือนก่อน +4

    Waiting

  • @kamlathakur8151
    @kamlathakur8151 7 หลายเดือนก่อน

    गुरु बिना माला फेरते गुरु बिना देते दान गुरु बिना दोनो निष्फल है। चाहे पूछो वेद पुराण ।

  • @pappudaas4050
    @pappudaas4050 7 หลายเดือนก่อน

    संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र सच्चे सतगुरु हैं जो शास्त्रों के बताए अनुसार तीन समय की भक्ति एवं तीन प्रकार के मंत्र जाप अपने साधकों को देते हैं जिससे उन्हें सर्व सुख मिलता है तथा उनका मोक्ष का मार्ग भी आसान हो जाता है।

  • @mohitsuniyar8767
    @mohitsuniyar8767 7 หลายเดือนก่อน +3

    मेरे अज़ीज़ हिंदुओं स्वयं पढ़ो अपने ग्रंथ
    सभी कथा वाचक और धर्म गुरु कहते हैं हरे कृष्ण, हरे राम, राधे राधे आदि जापों से मोक्ष संभव है !
    गीता अध्याय 17 श्लोक 23 :-
    ॐ, तत्, सत्, इति, निर्देशः, ब्रह्मणः, त्रिविधः, स्मृतः,
    ब्राह्मणा:, तेन, वेदाः, च, यज्ञाः, च, विहिताः, पुरा ॥ २३ ॥

  • @banvariyadav9570
    @banvariyadav9570 7 หลายเดือนก่อน

    संत रामपाल जी महाराज ही है दुनिया के तारणहार संत

  • @studentlife409
    @studentlife409 7 หลายเดือนก่อน +2

    आध्यात्मिक विचार

  • @Vandanabaghel8207
    @Vandanabaghel8207 7 หลายเดือนก่อน

    True knowledge by saint Rampal Ji Maharaj Ji Maharaj Ji

  • @Kabir_TV
    @Kabir_TV 7 หลายเดือนก่อน +5

    अद्भुत वीडियो

  • @Neerajshakya1234
    @Neerajshakya1234 7 หลายเดือนก่อน +4

    भक्ति नहीं करने वाले व शास्त्रविरुद्ध भक्ति करने वाले, नकली गुरु बनाने वाले एवं पाप अपराध करने वालों को मृत्यु पश्चात्‌ यमदूत घसीटकर ले जाते हैं और नरक में भयंकर यातनाएं देते हैं। तत्पश्चात् 84 लाख कष्टदायक योनियों में जन्म मिलता है।

  • @namaste-dv6ix
    @namaste-dv6ix 7 หลายเดือนก่อน +2

    मजा ही आ गया 🎉🎉

  • @Missionamrapur
    @Missionamrapur 7 หลายเดือนก่อน +6

    भक्ति नहीं करने वालें ब शास्त्रविरुद्ध भक्ती करने वाले नकली गुरु बनाने वाले एवं पाप अपराध करने वालो को मृत्यु के पश्चात् यमदूत घसीटकर ले जाते है । और नर्क में भयंकर यातनाएं देते है ।

  • @BanniGurjar-uq4mg
    @BanniGurjar-uq4mg 7 หลายเดือนก่อน

    Rampal Ji Maharaj🌀जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है।
    सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता

  • @DPdas-ri6hh
    @DPdas-ri6hh 7 หลายเดือนก่อน

    गुरु पूर्णिमा ना फिर से गुरबाणी देते छाए पुसे वेद पुराण ❤

  • @SUNITADevi-qx1pk
    @SUNITADevi-qx1pk 7 หลายเดือนก่อน

    जीवित बाप के लठ्ठम लठ्ठा, मूवे गंग पहुचैया।
    जब आवे आसोज का महीना, कौवा बाप बनईयां।
    जीवित बाप के साथ तो लड़ाई रखते हैं और उनके मरने के उपरांत उनके श्राद्ध निकालते हैं।
    परमात्मा कहते हैं रे भोली सी दुनिया सतगुरु बिन कैसे सरिया।
    #श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधि
    Sant Rampal Ji Maharaj

  • @deepchoudhary684
    @deepchoudhary684 7 หลายเดือนก่อน +1

    Waiting for this ful video

  • @adhyatmikakhada
    @adhyatmikakhada 7 หลายเดือนก่อน +1

    नितिन दास काल का पक्का दूत है, क्योंकि इसमें सारे काल के दूत के लक्षण विद्यमान है।

  • @sampatlalprajapti6552
    @sampatlalprajapti6552 7 หลายเดือนก่อน +6

    हम हिंदुओं को आज तक ये बताया जाता रहा कि परमात्मा निराकार है वो दिखाई नहीं देता, जबकि ऋग्वेद मण्डल न 9 सूक्त 82 मंत्र 1 में साफ लिखा है कि परमात्मा राजा के समान दर्शनीय है और ऊपर के लोक में विराजमान है। इससे स्पष्ट है भगवान निराकार नहीं साकार है।
    हिन्दू भाई संभलो

    • @ramkabirmuktiyogsatsang7730
      @ramkabirmuktiyogsatsang7730 7 หลายเดือนก่อน

      सोही गुरु पूरा कहाए जो दो अक्षर का भेद बताए।। भेद बताए ना की जपवाए भेद बताने और नाम जपने में रात दिन का अंतर है।

  • @soul_of_god2559
    @soul_of_god2559 7 หลายเดือนก่อน +2

    अपने जीवन में परमात्मा से डरकर सत्य के आधार से सर्व कर्म करने चाहिए, जो अपने भाग्य में धन लिखा है, उसी में संतोष करना चाहिए। परधन को विष के समान समझें।

  • @monudaksh-ec2cd
    @monudaksh-ec2cd 7 หลายเดือนก่อน

    Sant Rampal Ji Maharaj जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है।
    सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।

  • @SatsahebKitchen
    @SatsahebKitchen 7 หลายเดือนก่อน +2

    Spiritual knowledge

  • @BaldeoRam-z3x
    @BaldeoRam-z3x 7 หลายเดือนก่อน +1

    राम नाम रटते रहो जब तक घट में प्राण।
    कभी तो दीनदयाल के भिनक पड़ेगी कान।।

  • @harishx260
    @harishx260 7 หลายเดือนก่อน

    सत भक्ति से ही हमें मोक्ष प्राप्ति होती है।

  • @Safanramdas
    @Safanramdas 7 หลายเดือนก่อน

    धरती ऊपर स्वर्ग,आ गया जगत का तारण हार ।

  • @NarendraS.choudhary
    @NarendraS.choudhary 7 หลายเดือนก่อน +4

    True spiritual knowledge

  • @MadhuKumar-dv9eo
    @MadhuKumar-dv9eo 7 หลายเดือนก่อน

    सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।

  • @achalaram3282
    @achalaram3282 7 หลายเดือนก่อน +4

    मृत्यु के पश्चात् की गई सर्व क्रियाऐं गति (मोक्ष) कराने के उद्देश्य से की जाती हैं। ज्ञानहीन गुरु अन्त में कौवा बनवाकर छोड़ते हैं। वह जीव तो प्रेत शिला पर प्रेत योनि भोग रहा होता है। पीछे से गुरू और कौवा मौज से भोजन कर रहे होते हैं।

  • @satgururampaljimaharaj7772
    @satgururampaljimaharaj7772 7 หลายเดือนก่อน +2

    श्री विष्णु पुराण के तीसरे अंश में अध्याय 15 श्लोक 55-56 पृष्ठ 153 पर लिखा है कि श्राद्ध के भोज में यदि एक योगी यानी शास्त्रोक्त साधक को भोजन करवाया जाए तो श्राद्ध में आए हजार ब्राह्मणों तथा यजमान के पूरे परिवार सहित सर्व पितरों का उद्धार कर देता है।

  • @manichandshah
    @manichandshah 7 หลายเดือนก่อน +4

    Thank you for information 😊

  • @randhirsingh1580
    @randhirsingh1580 7 หลายเดือนก่อน

    शास्त्र अनुकूल भक्ति करने से ही मोक्ष प्राप्त होता है।

  • @soul_of_god2559
    @soul_of_god2559 7 หลายเดือนก่อน +1

    वास्तव में बंदगी (विशेष नम्रता से बार-बार झुक - झुककर जाप करने को बंदगी कहते हैं) वह है सब सुरति-निरति यानि ध्यान नाम जाप पर लगे।

  • @preetisaini
    @preetisaini 7 หลายเดือนก่อน

    पूर्ण परमात्मा अविनाशी है
    गीता अध्याय 15 श्लोक 17
    “उत्तमः, पुरुषः, तु, अन्यः, परमात्मा, इति, उदाहृतः,
    यः, लोकत्र्यम्, अविश्य, विभर्ति, अव्यः, ईश्वरः ||17||
    अनुवाद: (उत्तमः) सर्वोच्च (पुरुषः) भगवान (तु) तथापि, पूर्वोक्त देवताओं, क्षर पुरुष और अक्षर पुरुष (अन्यः) से भी कोई और है (यः) जो (लोकत्र्यम्) तीनों लोकों में (आविष्य) प्रवेश करके (बिभारती) रखता है /सबको धारण करता है और (अव्ययः) शाश्वत (ईश्वरः) परमेश्वर (परमात्मा) परमात्मा (इति) को (उदाहृतः) कहा जाता है। (17)
    अनुवाद: हालाँकि, सर्वोच्च भगवान, उपरोक्त दो देवताओं, क्षर पुरुष और अक्षर पुरुष के अलावा कोई और है, जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सभी का पालन-पोषण करता है और शाश्वत परमेश्वर (अमर परमेश्वर) कहलाता है।

  • @yashsvisolanki3748
    @yashsvisolanki3748 7 หลายเดือนก่อน +2

    Excellent spiritual knowledge and real facts

  • @kailashdangi6651
    @kailashdangi6651 7 หลายเดือนก่อน +1

    शास्त्रों के अनुसार साधना करने से ही जीव का कल्याण होता है ना कि शास्त्रों के विपरीत।।
    प्यार हिंदुओं जागो और अपने शास्त्रों को देखो अपने पवित्र धार्मिक ग्रंथ क्या कह रहे हैं?

  • @sajiwanoraon3567
    @sajiwanoraon3567 7 หลายเดือนก่อน

    आध्यात्मिक विचार ❤

  • @rekhaverma7715
    @rekhaverma7715 7 หลายเดือนก่อน

    गरीब जल थल पृथ्वी गगन में बाहर भीतर एक।
    पूर्ण ब्रह्म कबीर है अविगत पुरुष आलेख।।
    कबीर, झूंठे सुख को सुख कहे, मान रहा मन मोद।
    सकल चबीना काल का कछु मुख मे कछु गोद।।
    कबीर ,प्रेम पांवरी पहिन के,धीरज काजल देय।
    शील सिंदूर भराय के,जगत पती का सुख लेय।।गरीब, सेवक होकर उतरे, इस पृथ्वी के माही ।
    जीव उधारण जगत गुरु, बार बार बलि जाहि ।।

  • @VedPrakash-rp6yg
    @VedPrakash-rp6yg 7 หลายเดือนก่อน

    सतभक्ति करने से इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है (जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है) जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।

  • @prashansachoudhary183
    @prashansachoudhary183 7 หลายเดือนก่อน

    Great indeed !🙏🏽

  • @NishaRajput-kl7cf
    @NishaRajput-kl7cf 7 หลายเดือนก่อน +1

    गीता अध्याय 16 श्लोज 23 और 24 में कहा है कि जो शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करते हैं उनकी ना तो गति होती है न ही उन्हें किसी प्रकार का आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है

  • @armanraj7719
    @armanraj7719 7 หลายเดือนก่อน +3

    गीता अध्याय 15 श्लोक 4 तथा 17 आदि में कहा है। जिस लोक में वह तत् ब्रह्म यानि परम अक्षर ब्रह्म (सत्यपुरूष) रहता है, उसमें परमशांति है यानि महासुख है। उस सनातन परम धाम में गए साधक फिर लौटकर संसार में नहीं आते।

  • @user-xk5wl8hq9y
    @user-xk5wl8hq9y 7 หลายเดือนก่อน

    True Spiritual knowledge

  • @AaragyaDasi
    @AaragyaDasi 7 หลายเดือนก่อน

    गीता अध्याय 17 श्लोक 5 - 6 में इस प्रकार कहा है:- जो मनुष्य शास्त्रविधि रहित यानि शास्त्रविधि को त्यागकर केवल मन कल्पित घोर तप को तपते हैं, वे शरीर में प्राणियों व कमल चक्रों में विराजमान शक्तियों को तथा हृदय में स्थित मुझको भी कृश करने वाले हैं। उन अज्ञानियों को तू आसुर स्वभाव के जान।

  • @awwwcute6156
    @awwwcute6156 7 หลายเดือนก่อน +1

    True

  • @anibanerjee2753
    @anibanerjee2753 7 หลายเดือนก่อน +6

    Excellent Sprichual Knowledge and video

  • @ahilyashiv2802
    @ahilyashiv2802 7 หลายเดือนก่อน

    Sant Rampal Ji Maharaj Is True Guru

  • @anitamali3471
    @anitamali3471 7 หลายเดือนก่อน +1

    Bahut acchi video hai Sabhi Jarur Dekhen

  • @SanjanaRathore-mn3pq
    @SanjanaRathore-mn3pq 7 หลายเดือนก่อน

    गीता शास्त्र में पित्तर व भूत पूजा, देवताओं की पूजा निषेध कही है।-
    व्रत करना व्यर्थ 9 श्लोक 25, गीता अध्याय 7 श्लोक 12-15, 20-23, गीता अध्याय 6 श्लोक 16, गीता अध्याय 5 श्लोक 2-6, गीता अध्याय 3 श्लोक 4-9 में।

  • @Ratandass112
    @Ratandass112 7 หลายเดือนก่อน

    🎉🎉🎉❤❤❤

  • @ArvindKumar-ck6ik
    @ArvindKumar-ck6ik 7 หลายเดือนก่อน

    Truth

  • @devakikoirala9781
    @devakikoirala9781 7 หลายเดือนก่อน

    आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा अवश्य देखिए कल सुबह 9 बजे 🙏🙏

  • @anitapahadiya3417
    @anitapahadiya3417 7 หลายเดือนก่อน

    Great 😃

  • @Bittuonlyjskak
    @Bittuonlyjskak 7 หลายเดือนก่อน

    Factfull debate

  • @YogSantayan
    @YogSantayan 7 หลายเดือนก่อน

    True Information

  • @karinamehar
    @karinamehar 7 หลายเดือนก่อน +2

    अवश्य देखिए साधना चैनल पर प्रसारित सत्संग रात 7:30 से 8:30तक

  • @ramchandrabalmuchu878
    @ramchandrabalmuchu878 7 หลายเดือนก่อน

    Great devbate

  • @babubhairathod1314
    @babubhairathod1314 7 หลายเดือนก่อน +1

    श्राद्ध करने वाले पुरोहित कहते हैं कि श्राद्ध करने से वह जीव एक वर्ष तक तृप्त हो जाता है। फिर एक वर्ष में श्राद्ध फिर करना है। विचार करें:- जीवित व्यक्ति दिन में तीन बार भोजन करता था। अब एक दिन भोजन करने से एक वर्ष तक कैसे तृप्त हो सकता है? यदि प्रतिदिन छत पर भोजन रखा जाए तो वह कौवा प्रतिदिन ही भोजन खाएगा।

  • @user-xh1gj4xw8k
    @user-xh1gj4xw8k 7 หลายเดือนก่อน +3

    अज्ञानी गुरुओं के अनुसार मृत्यु के पश्चात सर्व कर्मकांड, आत्मा की गति (मोक्ष) के लिए किए जाते हैं। लेकिन फिर पितृ पक्ष में कहते हैं कि आपके पूर्वज कौवा बन गए हैं, भोजन करवाकर उनको तृप्त करो। इस तरह ये मूर्ख बनाकर समाज की दुर्गति किये हुए हैं।

  • @dinkarchopade992
    @dinkarchopade992 7 หลายเดือนก่อน +1

    बिना भक्ति से साधक के कैसे कष्ट दूर हो सकते है

  • @PreetiSharma-ev8dj
    @PreetiSharma-ev8dj 7 หลายเดือนก่อน

    Very nice 👍🏻

  • @Pradeepsir-j9c
    @Pradeepsir-j9c 7 หลายเดือนก่อน

    ❤❤❤❤

  • @GkkTek
    @GkkTek 7 หลายเดือนก่อน

    👍

  • @shamshersinghhooda1556
    @shamshersinghhooda1556 7 หลายเดือนก่อน +1

    Must watch spiritual debate at 9.00AM on 30 th January 2024

  • @DilipDas-y9i9s
    @DilipDas-y9i9s 7 หลายเดือนก่อน

    सिर साटे की भगति है, ओर कछु नही बात।।
    सिर के साटे पाइयो, अवगत अलख अनाथ।।

  • @rajuahirwar1657
    @rajuahirwar1657 7 หลายเดือนก่อน

    गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो साधक मनमाना आचरण करते हैं उनको ना तो कोई सुख होता है ना कोई सिद्धि प्राप्त होती है तथा ना ही उनकी गति अर्थात मोक्ष होता

  • @laxmimali6778
    @laxmimali6778 7 หลายเดือนก่อน +1

    Right 😊

  • @realsatguru9463
    @realsatguru9463 7 หลายเดือนก่อน

    ❤❤❤❤❤

  • @patilhari4034
    @patilhari4034 7 หลายเดือนก่อน

    सतभक्ति करने वाले की पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है।
    - ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3

  • @ramsakal9426
    @ramsakal9426 7 หลายเดือนก่อน

    सूक्ष्मवेद (तत्वज्ञान) में तथा चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथवर्वेद) तथा इन चारों वेदों के सारांश गीता में स्पष्ट किया है कि आन-उपासना नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये शास्त्रों में वर्णित न होने से मनमाना आचरण है जो गीता अध्याय 16 श्लोक 23, 24 में व्यर्थ बताया है। शास्त्रोक्त साधना करने का आदेश दिया है।

  • @blockbuster9744
    @blockbuster9744 7 หลายเดือนก่อน +1

    SATGURU k lakhshan kahun Mudhuray Bain vinod Chaar vaid shat SHASTER JO KAHAY 18(Athaara) .bodh

  • @GkkTek
    @GkkTek 7 หลายเดือนก่อน

    ✅️

  • @ShyamTialor
    @ShyamTialor 7 หลายเดือนก่อน

    नाम का सिमरन तो सभी संतो ने किया है

  • @AmitKushwaha-t1z
    @AmitKushwaha-t1z 7 หลายเดือนก่อน

    #मेरे_अज़ीज़_हिंदुओं_स्वयं_पढ़ो अपने ग्रंथ
    पवित्र गीता जी में अध्याय 17 श्लोक 23 में ‛ओम तत सत’ सांकेतिक मंत्रों से ही मोक्ष बताया है जिसका वास्तविक भेद व अधिकार केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है।
    Sant Rampal Ji Maharaj

  • @umaverma7004
    @umaverma7004 7 หลายเดือนก่อน

    शास्त्र विरुद्ध मनमाना आचरण करने से कोई लाभ नहीं होता है। इस विषय में श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा गया है कि शास्त्रविधि को त्यागकर जो व्यक्ति मनमाना आचरण करता है उसे न कोई लाभ होता है, न सुख प्राप्त होता है और न ही परमगति यानी मोक्ष मिलता है।

  • @Way_of_Living75
    @Way_of_Living75 7 หลายเดือนก่อน

    दोजक बहुत सभी ने देखें राजपाट के रसिया तीन लोग से तड़पत नाही यह मन भोगी खुशियां

  • @rajbhupendra7520
    @rajbhupendra7520 7 หลายเดือนก่อน

    Okk

  • @simrangupta3980
    @simrangupta3980 7 หลายเดือนก่อน

    Kabir is great guruji

  • @GaganmaranGaganmaran
    @GaganmaranGaganmaran 7 หลายเดือนก่อน

    🌀सूक्ष्मवेद (तत्वज्ञान) में तथा चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथवर्वेद) तथा इन चारों वेदों के सारांश गीता में स्पष्ट किया है कि आन-उपासना नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये शास्त्रों में वर्णित न होने से मनमाना आचरण है जो गीता अध्याय 16 श्लोक 23, 24 में व्यर्थ बताया है। शास्त्रोक्त साधना करने का आदेश दिया है।

  • @lalitameena3732
    @lalitameena3732 7 หลายเดือนก่อน

    Must watch

  • @ktkuldeepsingh4621
    @ktkuldeepsingh4621 7 หลายเดือนก่อน

    Agyan ka pardafash👍

  • @Anand_sahu_007
    @Anand_sahu_007 7 หลายเดือนก่อน

    ❤❤ मेरे अजीज हिंदू भाई संभाल कर पढ़े लिखे हो सच और झूठ का फैसला कर सकता है

  • @silverred302
    @silverred302 7 หลายเดือนก่อน +2

    Parmatma kabeer Saheb ne dharmdas se kaha tha ye kj aane bale pant kal pant hog

  • @ArvindKumar-ck6ik
    @ArvindKumar-ck6ik 7 หลายเดือนก่อน

    अज्ञान का पर्दफ़ास🎉

  • @AmritBage-r4e
    @AmritBage-r4e 7 หลายเดือนก่อน

    Kabir is suprem

  • @sunainakushwaha-w6q
    @sunainakushwaha-w6q 7 หลายเดือนก่อน

    kabir hi bhagvan h

  • @ramkabirmuktiyogsatsang7730
    @ramkabirmuktiyogsatsang7730 7 หลายเดือนก่อน

    सोही गुरु पूरा कहाए जो दो अक्षर का भेद बताए।। भेद बताए ना की जपवाए भेद बताने और नाम जपने में रात दिन का अंतर है।

  • @user-sy4nv5nq6p
    @user-sy4nv5nq6p 7 หลายเดือนก่อน

    प्रश्न:- क्या एकादशी, कृष्ण अष्टमी या अन्य व्रत भी शास्त्रों में वर्जित हैं?
    उत्तर:- गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में बताया है कि बिल्कुल न खाने वाले यानि व्रत रखने वाले का योग यानि परमात्मा से मिलने का उद्देश्य पूरा नहीं होता।
    गीता अध्याय 6 श्लोक 16:- हे अर्जुन यह योग (यानि परमात्मा प्राप्ति के लिए की गई साधना ) न तो बहुत खाने वाले का और न बिल्कुल न खाने वाले का तथा न बहुत शयन करने वाले का और न सदा जागने वाले का ही सिद्ध होता है। इसलिए व्रत रखना शास्त्रविरूद्ध होने से व्यर्थ सिद्ध हुआ।

  • @arunrajak7987
    @arunrajak7987 7 หลายเดือนก่อน

    स्वास ओ स्वास नाम जपो ब्यर्था मत खो न जाने इस स्वास आवन हो की न हो
    कहता हूं कहीं जात हूं बजा कर दो डोल खाली स्वास जात है भई ये तीन लोक का मोल

  • @sidharthdaas6100
    @sidharthdaas6100 7 หลายเดือนก่อน

    Guru bin kahu na paya gayana jo thotha bhus chadhe kisana