Mai kya batau tamnnay jindgiKya hai haji Ali aor makhdoom mahim Rahmatullah alaih ke raoje ka manjar

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  • เผยแพร่เมื่อ 5 ม.ค. 2022
  • Mai kya batau tamnnay jindgiKya hai haji Ali aor makhdoom mahim Rahmatullah alaih ke raoje ka manjar
    / @aarif907
    #वहाबी ज़रूरत नही तेरी इस्लाम के मैदानों में,
    तू #गुस्ताख़ है बसेरा कर इब्लीस के मकानों में !
    *क्या मिलता है तुझे आखिर कुफ्र के यारानो में
    ,*
    तौबा कर आ बैठ मुस्तफा के दीवानों में !
    नुक्स ढूंढते हो मेरे मेरे मुस्तफा की शानो में,
    क्यों करे हम शुमार तेरा मुसलमानो में !
    तेरा चेहरा क्यों न दिखाऊ तुझे मुस्तफा के फरमानों में,
    बताने लगा हूँ तेल डाल लें अपने कानों में !
    फरमाया #मुस्तफा ने ज़ाहिर होंगा एक गरौह,
    होंगा शुमार जिनका अहमक़ नवजवानों में !
    भेड़िये होंगे भेड़ की खाल में,
    मिठास ही होंगी ज़बानों में !
    #लगाएंगे फतवे शिर्क के तुझ पे,
    पाई जाएंगी ये निशानी नादानों में !
    करेंगे क़त्ल मुसलमानो को मगर,
    झुकायेंगे सर अपने वो बुतखानो में !
    उड़ा दो सर उनका देखो जिधर,
    लानत है उनपर दोनो जहानों में !
    तेरे सिवा कौन है आखिर वो गरौह,
    जिस की खबर है मुस्तफा के फरमानों में !
    ज़रा झांक गरेबान में तेरे सिवा इस जहान में,
    कौन बेचता है शिर्क के फतवे अपनी दुकानों में !
    मज़ार को कहे मंदिर लानत है तुझ पर,
    तुझे क्यों आता है नज़र शिर्क इन आस्तानो में !
    कर देंगे हम हर गुस्ताख का सर क़लम,
    बस रह जाएंगा नाम तुम्हारा अफ़सानो में !
    *वाह क्या खूब लिखी है क़ादरी ने नज़म,
    है बरपा मातम बातिल के अएवानो में
    #hajiali
    #makhdoom
    #naat
    #naatstatus
    kavvali
    #khankahemuhammadi
    #mohmmadaarif
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