ความคิดเห็น •

  • @sadanandbhise2566
    @sadanandbhise2566 5 วันที่ผ่านมา

    प्रभुजी तु आधुनिक: वैयाकरण: अस्ति। 👍
    भवान् एव माम M.A. ( संस्कृतम) कर्तुं प्रेरितवान्। सदैव अनुगृहितोsस्मि। 🙏

  • @rameshwartiwari6582
    @rameshwartiwari6582 5 วันที่ผ่านมา

    🙏🙏🙏🙏

  • @vikaskumartiwari9379
    @vikaskumartiwari9379 5 วันที่ผ่านมา

    गुरु जी सार्वधातुक लकार और आर्धातुक लकारों की प्रक्रिया पूरी तरह भिन्न है।
    क्या गुरु जी आपके संज्ञान से लघुसिद्धांत कौमुदी और सिद्धान्त कौमुदी पूर्णतः अवैज्ञानिक और खिचड़ी है।
    आदरणीया पुष्पा दीक्षित माता जी प्रक्रिया पढ़ने के बाद सभी प्रयोग पूर्णतः नीर-क्षीर की तरह स्पष्ट प्रतीत होते हैं और सिद्धान्त कौमुदी में लट् के बाद लिट् के रूप की सिद्धि आती है जिससे विशेष कर नये अध्येताओं को समझने में कठिनाइयां होती हैं रूप बोलने में।