कमाल का चैनल है आपका सर । आपकी वेबसाइट जरूर विजिट करेंगे। अगर आपकी अनुमति हो तो पारंपरिक आदिवासी वाद्ययन्त्रों पर मै स्वयं भी अपनी वेबसाइट पर एक लेख लिखना चाहूंगा। आपको शुभकामनाएं।
देखा मैने गाओ की संस्कृति होती है ।पर अब उनकी भी संस्कृति आधुनिक युग में बदल रही है यादपी अब भी एक मात्र आदिवासी ही बो मूल है जो एक मूल कन्न के समान बने हुए है । मुझे अब भी यही संस्कृति अदभुत लगती है जिसके एहसास मात्र से ही मन्न उमंग से भर जाता है।
@@sadashivbapat4306 yeah vikas nahi vikas ke naam par vedeshi tarah se prakarti ka vinaash h Adhunik toh bharat pehle bhi bahot tha Apne aap ko pehchano
@@ujjwal0073 आदिवासियों से ही हम सभी जातियां निकली हुई हैं हम सभी आदिवासियों से है हमने जंगल और अपनी लोक संस्कृति और छोड़कर आधुनिक दुनिया में एक नई पहचान से रह रहे हैं और इन लोगों ने अपना जंगल और लोक संस्कृति नहीं छोड़ी और अपनी वास्तविक पहचान के साथ सान से जी रहे हैं
जय सेवा 🙏 जय जोहार 🙏 जय आदिवासी 🙏 मै छत्तीसगढ़ से, बस्तर संभाग अन्तर्गत गोंड आदिवासी समुदाय से हु, और मुझे गर्व है अपनी संस्कृति पर, समुदाय पर। हम दुनिया के कोई भी हिस्से मे हो, हमारी संस्कृति, मान्यताऐ , जीवन शैली लगभग एक जैसी ही है जो प्रक्रिती और उसमे प्रवाहित तरंगों के अनुकूल होती है, हम ऊर्जा के निरंतर प्रवाह मे विशवास करते है जो जीवन के सन्तुलन को बनाए रखती है । वो प्रथम ऊर्जा के रूप मे, जिनकी पहचान हमारे पूर्वजो ने , प्रथम जनक माता पिता के रूप मे कि गयी, उन्ही पुरखा (पूर्वज) को हम अपना देवता, माता या (भगवान ) के रूप मे मानते आ रहे, सेवा अर्जी करते आ रहे । हम आदिवासी स्वर्ग, नर्क और मोक्ष के झोल मे नही रहते। इनका हमारे संस्कृति मे कोई स्थान नही है। इसलिए कि, हमारी मान्यताये है कि हमारा जीवन , प्रक्रिती के अलग अलग हिस्से से उधार मे ली हुयी ऊर्जा और तत्वों से निर्मित है जिन्हें इसी प्रक्रिती को एक दिन वापस लौटाना होगा और एक अंश बीज (ऊर्जा ) के रूप मे अगली पीढ़ी मे प्रवाहित होती रहेगी। इसलिए हमारे पुरखा ने सगा समाज कि स्थापना कर जीवन के हर एक पल को आनंद और उत्साह से जीना सिखाया। इसलिए हम आदिवासी, ना आस्तिक होते है और ना नास्तिक। हम केवल प्रक्रिती के संग वास्तविक होते है। 🙏 सेवा जोहार, जय जोहार 🙏 डोंगर मावली ( गढ़ मावली ) को सेवा जोहार 🙏
सही बोले भाई, मैं महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमाशंकर के नजीक रहनेवाला हूँ। हम भी प्रकृती को हमारा भगवान मानते हैं। लेकिन आजकल दुसरे जनसमुदाय के संपर्क में आने की वजह से थोडाबहुत बदलाव हो रहे हैं जो हमारे लिए अच्छा नहीं हैं। जय जोहार, आपकी जय।
हमारे महाराष्ट्र में कांसे की थाली और सर वाला वाद्य मुझे बचपन से लुभाता रहा है । मगर जैसे जैसे हम बड़े होते गए यह वाद्य और कलाकार लुप्त होते गए । इनके द्वारा दिखाए गए और बजाए गए सभी वाद्य बेहद ही सुंदर और सुरीले है । इनके जैसे कलाकारों को एक नया मंच देना चाहिए । जो आनेवाली पीढ़ी इस परम्परा को बरकरार रखें ।
बहोत खूब महोदय, ये है हमारी संस्कृती........ इसे कहते है आनंद........ निसर्ग से एकरूप होकरही हमे जीना सिखाती है...यह संस्कृती............... बहोत.. बहोत धन्यवाद. और सबको शुभेच्छा.....................
सोशल नेटवर्किंग से देश दुनिया की बाते और कला की हुनहर सामने मे आ रही है ।इनके कला और वाद्य यंत्र के सामने दुनिया की हर कला और गीत संगीत फीकी है । बहुत बहुत बिरसावाद ।
आज आदिवासी भाई ने जो कला दिखाई हैं. ओ पुरे भारत देस मे सभी जनता को देखणे मिल रही हैं. अद्भुत योग और संगीत और साधना की हम बहोत तारीफ करते हैं. बहोत बहोत बढिया सुंदर संगीत 🙏🙏👍👍 दिखाने वाले . भाई को भी प्रणाम करते हैं. इस देस मे हर कलाकार की इज्जत होती हैं. धन्य धन्य हमारी संस्कृती.
समरसता का प्रतीक आदिवासी समाज जीवन जीने की कुछ बुनियादी जरूरत तो खूबसूरती से संसाधन में परिवर्तित कर लेते हैं प्रकृति और उससे प्राप्त प्राकृतिक चीजों से बने इस गठजोड़ को कोटीश नमन
हमारी संस्कृति हमारी विरासत बेहद प्राचीन और अनोखे अविष्कार जागो भारत जागो इस संगीत की फ्रिक्वेंसी को सिर्फ ब्रह्मांड की तरंगों का ज्ञाता ही जान सकता है अद्भुद वाकई अद्भुद है हमारा ज्ञान विज्ञान और संस्कृति
@@bhupinderkumar420 Tumhe kisne kaha ye mere nahi hai Maharana Pratap ka Rajya Chinha dekho usme kaun hai ye mere bhai mere rishtedar hain aur inka samman sabse upar hai
अपनी मूल सांस्कृतिक धरोहर को नमन्। इनका संरक्षण ही हमारी मूल पहचान है। आधुनिक काल में परिवर्तन के साथ इनका मूलरूप भी संरक्षित रहे। राष्ट्र एवं प्रान्तीय सरकारें अतीत की इस सांस्कृतिक धरोहर को शैक्षिक स्तर पर सम्मिलित कर संरक्षित करें तथा इससे सम्बंधित रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था स्थापित करें तो अतिउत्तम होगा। सामान्यतः ऐसा नहीं हो रहा । अतः इनके विशेषज्ञों को ही रोजगार के अच्छे अवसर दें। भारतीय विरासत में मिली सांस्कृतिक धरोहर पर गर्व हैं। जयहिन्द जयभारत।
इन बंधूओ का रहन सहन, सर की टोपी मराठी जैसा ही है। कोंकणी, कुनबी भी मराठी शब्द है। और वाद्य भी महाराष्ट्र से बहोत मिलते जुलते है। ये लोग शायद स्थलनतरित हो चुके हैं। भाषा में भी गुजराती लहजा नहीं है। मैं बचपन में हमारे गाव में ये सब देख चुका हूं महाराष्ट्र में। उनकी अदाकारी लाजवाब है। एक नए संस्कृति का दर्शन हुआ। धन्यवाद।
Bilkul sahi......yeh Maharashtra ke hi hai.....Dhire Dhire brain washing chalu hai.....recently ek news aayi hai ....Dahanu jo Maharashtra aur Gujrat ki border per hai wah 1.5 km. Maharashtra ki border ke under tak Gujrat Government ne illegal tarike se entry ki hai....check news channels. Humko toh pure Bharat ke Dharm ke logon ke liye aastha aur aadar hai. Ek shaks ne tippani ki hai Masiha ko bura mat kaho. Masiha ko koi bura nahi kehta....kisi ki garibi ka fayda uthakar Dharm Parivartan karte ho aur manane se mukar jate ho. Ho sakta hai hamare puvajo ne unka aarthik star uthane mein koi sahyog nahi kiya ho....lekin aaj kal yeh niche varga pe sirf anyay hi kiya hai sawarna logon ne yeh jhooti baaten Dharm Prachar karne wale aur jinhone Dharm badla hai unhone itni joro shoro se faila di hai ki pooncho mat. Agar aaisa hota to bahot pahle yeh log namshesh hue hote aur aaj tak inmese jo unke Dharma ka palan kar rahen hai woh nahi hote. Aadivasi Kalyan Aashram jasi kuch sansthaye inke liye karya kar rahi hai. Lekin Missioneries funding ke mukable woh kafi kam hai. Nobody can deny this.....because this is truth.
Ha Dang district ko Maharashtra ka hi part hona chahiye tha. Aur bhasa ke Aadhar par Maharashtra aur Gujarat bane the to fir Dang district to Maharashtra ma hisaa kyo nahi banaya gaya hoga. Jab ki Dang district me Sabse jyada Dangi ""bhasa bolte je to Marathi bhasa se bahot hadd tak milti hai .
Thanks sir, आप बहोत ही अच्छा काम करते हो जो की मेरे आदिवासी जहा जहा भी हैं उनके दर्शन उनके सांस्कृतिक दर्शन करते होl ओर हमे भी दर्शन करवाते होl देखकर बहोत ही अच्छा लगता है , आपकी उन्से बोलणे की पद्धत बात करणेकी पद्धत बहोत ही अच्छी हैं l
हमारे बचपन में कासे के थाली पे मेन लगाकर उसपर लकडी खडी कर हात से निचेउपर कर सुर निकाला जाता था, गाना गाते थे, आज बहुत दिनोके बाद देखा है, लोग दान देते थे,देखील मन प्रसन्न हो गया
@@49amitkumargodcut अब नाईक बोल रहा है अत्याचार किया तो बता भाई किसने किया अत्याचार?? ओर कब किया?? कब की बात है ?? समाज मे कुछ कुरितीया थी उनका समय समय पर समाज सुधारको ने निर्मूलन किया, राजा राममोहन राय दयानंद सरस्वती महात्मा फूले जैसे हजारो सुधारक हूऐ मगर उन्होने कुरीतीयो का विरोध किया धर्म का नही मगर वामपंथियो का झूठा इतिहास पढकर तुम जैसे लोग बिना सोचे समझे रिएक्ट करते है।
@@eklavyatech8588कुछ भी इतना तो मत गिरो कुछ तो शर्म कर लेते। सदियो से जिनके पुरखे माँ काली काल भेरव के पातरवाये (पुजारी) हो, जिनके अंग मे देवी आती है उनका अपमान मत करो, भगवान शिव ओर राम की के पुजक हिंदू नही है ये कहकर अपनी वामपंथी घटिया मानसिकता का परिचय दे रहे हो।
आप को बहुत बहुत बधाई भाई जी आप तो लाखों लोगों को घर बैठे ही उन्हें पूरे भारत का दर्शन करवा रहे है और हमे अपने देश के करोङो भाई - बहनों के रहन -सहन खान-पान और उनकी भेष -भूसा से परिचित करवा रहे है इसके लिये आप को लाख लाख बधाई हो
शाम भाई बहुत अच्छा आप पुरे देश घूमी ए और हमे अपने देश की संस्कृती दिखाय हमारा देश विविधता से भरा है आपको बहुत बहुत शुभ कामनाय अपने देश की संस्कृती दिखाने के लिए
जय आदिवासी, जय बिरसा मुंडाजी बस इतना करना हमारे हिंदु आदिवासी भाईयो हमारे संस्कृती से भटकिए मत और किसी ईसाइ और मुसलमानो के झासे मे मत आणा... जय आदिवासी जय श्रीराम जय हिंद जय महाराष्ट्र जय शिवराय
Bilkul sahi......yeh Maharashtra ke hi hai.....Dhire Dhire brain washing chalu hai.....recently ek news aayi hai ....Dahanu jo Maharashtra aur Gujrat ki border per hai wah 1.5 km. Maharashtra ki border ke under tak Gujrat Government ne illegal tarike se entry ki hai....check news channels. Humko toh pure Bharat ke Dharm ke logon ke liye aastha aur aadar hai. Ek shaks ne tippani ki hai Masiha ko bura mat kaho. Masiha ko koi bura nahi kehta....kisi ki garibi ka fayda uthakar Dharm Parivartan karte ho aur manane se mukar jate ho. Ho sakta hai hamare puvajo ne unka aarthik star uthane mein koi sahyog nahi kiya ho....lekin aaj kal yeh niche varga pe sirf anyay hi kiya hai sawarna logon ne yeh jhooti baaten Dharm Prachar karne wale aur jinhone Dharm badla hai unhone itni joro shoro se faila di hai ki pooncho mat. Agar aaisa hota to bahot pahle yeh log namshesh hue hote aur aaj tak inmese jo unke Dharma ka palan kar rahen hai woh nahi hote. Aadivasi Kalyan Aashram jasi kuch sansthaye inke liye karya kar rahi hai. Lekin Missioneries funding ke mukable woh kafi kam hai. Nobody can deny this.....because this is truth.
@@ketanpawar1335 sahi kaha bhai hinduo ko alag Karne ki sajish he sab taki sab ko alag karke aapas me ladvakar raaj Kiya jae pls bahi jatiyo me mat bikhro sab ek ho Jai bhaiyo
आपको किसने बताया कि आदिवासी हिंदू है ॽ आदिवासी निसर्ग पूजक है उनके धर्म कि तुलना मत करणा किसी धर्म से निसर्ग ही हमारा धर्म है । जय आदिवासी, भारत के मूलनिवासी 🌿
गुजरात व महाराष्ट्र सीमा के दोनो तरफ बसे आदिवासी जिलो के हमारे भोले आदिवासीयो की निरक्षरता का फायदा उठा कर इसाई मिशनरी बडे पैमाणे पर लालच देकर आदिवासींयो का धर्मांतर कर रहे हैं. कुछ हमारे स्वाभिमानी आदिवासी भाई आज भी इसाई मिशनरियों से हमारी धर्म संस्कृती को बचाये रखें हुए हैं.
क्यों बेवजह मसीहों को बदनाम करते रहते हो किसी की मदद करना कोई बुरी बात नहीं है उसकी मदद को आप लालच की दृष्टि से देखते हो जीवन में कभी आंख से धर्म का पर्दा तो निकाल कर देखिए इंसान धर्म के अलावा और बहुत सारी ख्वाहिशें लेकर जी रहा है।
अब क्यों इतनी हमदर्दी जता रहे हो इन लोगों पर पहले तो मनुवादी व्यवस्था के कारण तुम लोगों ने कभी इनकी इज्जत नही की हमेशा घृणा करते रहे और अत्याचार करते रहे तुम लोग इनको सम्मान करते तो कोई अन्य धर्म से नहीं जुड़ता
नमस्कार साहेब प्राचीन संस्कृतीची माहिती आणि ओळख इतर लोकांना युट्यूब च्या माध्यमातून दाखविण्याचे जे तूम्ही प्रयत्न केले त्याबद्दल मनापासुन तूमचे आभारी आहोत.... धन्यवाद 💐💅
धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद हमारे हिन्दू संस्कृति मे तंत्रसार विद्या मे उल्लेख है की कुदरती वृक्ष वनस्पति से बनाया हुआ वाद्य ही से दैव शक्ति की प्रसन्नता होती है ओर हमारे दैव शक्ति की संस्कृति इस ने बताया पर्वत की ही पुजा का उल्लेख है दैविदैवो पर्वत की ही पुजा करते थे पश्चिमी संस्कृति ने हमारी संस्कृति लुप्त करदिया है
आपने अत्यन्त सुन्दर और आर्थपुर्ण महत्वपूर्ण योगदान दिया है !! प्रत्येक हिंदु ने ध्यान रखना है कि ये आदिवासि हमारे अपने भाई है !! हिंदुओने जाती प्रथा को खत्म करने के लिए आपसी खानपान की कोशिश करते रहना है !! तो ही हम हिंदु विरोधी ताकतोंका जम कर विरोध कर सकेंगे !! हर हर महादेव !!
हमे आपका दिखाया हुआ वाद्योंका संगीतका देव देवताओंके पुजा का व्हिडीओ देखने कोमीला डांग गुजरात के आदिवासी लोगोकी संस्कृती की पहचान हुई. और आनंद प्राप्त हुआ है||🙏🏼
भाई ने थाली मे सुर निकाला वो अच्छा था, पर इससे भी सुंदर सुर इस थाली से निकलता हैं, हमारे बचपण मे हम लोग इस थाली मे कथा सुनते थे, कथा कोणशी! तों कोई भी होती थी, कभी रामायण की महाभारत की या भगवान शंकर माता पार्वती की सुंदर कथा होती थी, कथा ताल और सुर मे होती थी. जब कथा सुनानेवाला ताल सूर मे कथा सुनाता था तों कथा सुनते समय ऐसा लगता था की हम वापस उसी रामायण महाभारत काल मे लौट गये हैं. कथा पुरी रात भर चलती थी और कब सुबह होती थी मालूम भी नही पडता था. वा बहोत खूब बचपण की यादे ताजी हो गयी.
I have been to dang many times, in my every visit the nature and these tribal people's love for the nature left me speechless. Most humble and honest people I have ever come across inhabit this region of Gujarat. May god always bless them...
बड़ी खुशी एक बिटियां को मोबाईल से वी डी ओ बनाते देख,यही प्रगति करते भारत की सुखद तस्वीर है, मजा आया, ऐसे वी डी ओ बनाकर देश के सामने लाना चाहिए, आप को भी आभार वन्देमातरम
@@AshokKumar-os6voबस यही भारतिय संस्कृति थी जिसे विदेशी या पड़े लिखे लोगों ने बर्बाद कर दिया... हमें बस जीना है...खुशी तलाशनि है.. मरना तो सबका तय है बस जो जीवन है उसे जीना है... यही वजह भारतीय संस्कृति में इतने त्योहार है
क्या जबरदस्त व्हिडीओ बनायी है सरजी आपने....!! डांग तथा महाराष्ट्र के सिमाबहुल ईलाके मे बसे ईन आदिवासीयोंकी तो बात ही कुछ ओर है. ईतके पारंपरिक रिवाज तथा संगीतमय संस्किती के तो क्या कहने.... आपन ईतके हर एक पहेलू को बडीही गहरायी से छुवा है.... ईनके पारंपारीक वाद्योंकी आपने हमे अच्छेसे पहचान करवायी.... आप ऐसे ही, भारत के विभिन्न क्षेत्रोंके आदिवासीयोंकी हमे पहचान करवाईयें. धन्यवाद...🙏 जय हिन्द....🙏
@@deepaksolanki9499 bhai main apne aadivasi culture se bahot pyar karta hoon.per tum log jane kaun se jahan me rehte ho.her dum tum pe mulla ka bhoot sawar rehta😅
मनुष्य जीवन मिला है, हंसने गाने के लिए, खुशियां मनाने के लिए । जिस व्यक्ति का मन प्रसन्न होगा वही भगवान में ध्यान लगाएगा । भगवान में एकदम से ध्यान नहीं लगा सकते तो प्रकृति में ध्यान लगाने से शुरूआत करनी चाहिए ।
हमारी वेबसाइट पर ज़रूर नज़र डालें, वहाँ और भी कहानियाँ आपको मिलेंगी
mainbhibharat.co.in
Ok
कमाल का चैनल है आपका सर । आपकी वेबसाइट जरूर विजिट करेंगे। अगर आपकी अनुमति हो तो पारंपरिक आदिवासी वाद्ययन्त्रों पर मै स्वयं भी अपनी वेबसाइट पर एक लेख लिखना चाहूंगा।
आपको शुभकामनाएं।
|
Very good
@livejunction जी ज़रूर.. आप अपना लेख हमें ईमेल कर दीजिए MAINBHIBHARAT@GMAIL.COM
आदिवासी ही संगीत के निर्माता है।
आदिवासी का संगीत उनके संस्कृती का एक हिस्सा है ।
देखा मैने गाओ की संस्कृति होती है ।पर अब उनकी भी संस्कृति आधुनिक युग में बदल रही है
यादपी अब भी एक मात्र आदिवासी ही बो मूल है जो एक मूल कन्न के समान बने हुए है ।
मुझे अब भी यही संस्कृति अदभुत लगती है जिसके एहसास मात्र से ही मन्न उमंग से भर जाता है।
कितने सरल इन्सान होते है, ऐ आदीवासी भाई लोग,जो आज के सभ्य लोगों में नहीं मिलता। बहुत अच्छा लगा विडियो।
भारतीय संस्कृति की झलक दिखाने के लिए
धन्यबाद
दुनिया की सबसे सुशिक्षित प्रजाति है हमारी आदिवासी प्रजाति, क्योंकि आदिवासी प्रजाति कभी भी प्रकृति का दोहन या नुकसान नहीं पहुंचाते ।
Correct इस विकास नामक राक्षस ने प्रकृती को क्षति पोलचाई है
@@sadashivbapat4306 yeah vikas nahi vikas ke naam par vedeshi tarah se prakarti ka vinaash h
Adhunik toh bharat pehle bhi bahot tha
Apne aap ko pehchano
👌
❤अःअःअःअःअःॠ❤❤❤❤❤र्अः❤❤अः❤❤❤❤❤❤❤❤
Very good
आनंद आ गया वीडियो अपलोड करने वाले महानुभाव का हार्दिक आभार
इस मुलाखत से आदिवासी संस्कृती की पहचान सारे जहाॅ में कर दिया बहुत बढीया धन्यवाद सर 🙏🙏🙏
ये वो जगह है जहां मेरे देश की संस्कृति बसती हैं 🙏🙏🙏🙏🏼🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
हमे अपनी महान आदिवासी सास्कृतिक विरासत पर गर्व है।
आदि शंकर पार्वती का आशीर्वाद हमेशा बना रहे।
😂😂😂😂😂
मुझे गर्व है की मैंने आदिवासी समाज में जन्म लिया
Solanki aadiwasi me aaate he???
Same feeling
muje bhi
@@ujjwal0073 आदिवासियों से ही हम सभी जातियां निकली हुई हैं
हम सभी आदिवासियों से है
हमने जंगल और अपनी लोक संस्कृति और छोड़कर आधुनिक दुनिया में एक नई पहचान से रह रहे हैं और इन लोगों ने अपना जंगल और लोक संस्कृति नहीं छोड़ी और अपनी वास्तविक पहचान के साथ सान से जी रहे हैं
ham sab Hindustani Bhai hai
जय सेवा 🙏 जय जोहार 🙏 जय आदिवासी 🙏
मै छत्तीसगढ़ से, बस्तर संभाग अन्तर्गत गोंड आदिवासी समुदाय से हु, और मुझे गर्व है अपनी संस्कृति पर, समुदाय पर। हम दुनिया के कोई भी हिस्से मे हो, हमारी संस्कृति, मान्यताऐ , जीवन शैली लगभग एक जैसी ही है जो प्रक्रिती और उसमे प्रवाहित तरंगों के अनुकूल होती है, हम ऊर्जा के निरंतर प्रवाह मे विशवास करते है जो जीवन के सन्तुलन को बनाए रखती है । वो प्रथम ऊर्जा के रूप मे, जिनकी पहचान हमारे पूर्वजो ने , प्रथम जनक माता पिता के रूप मे कि गयी, उन्ही पुरखा (पूर्वज) को हम अपना देवता, माता या (भगवान ) के रूप मे मानते आ रहे, सेवा अर्जी करते आ रहे । हम आदिवासी स्वर्ग, नर्क और मोक्ष के झोल मे नही रहते। इनका हमारे संस्कृति मे कोई स्थान नही है। इसलिए कि, हमारी मान्यताये है कि हमारा जीवन , प्रक्रिती के अलग अलग हिस्से से उधार मे ली हुयी ऊर्जा और तत्वों से निर्मित है जिन्हें इसी प्रक्रिती को एक दिन वापस लौटाना होगा और एक अंश बीज (ऊर्जा ) के रूप मे अगली पीढ़ी मे प्रवाहित होती रहेगी।
इसलिए हमारे पुरखा ने सगा समाज कि स्थापना कर जीवन के हर एक पल को आनंद और उत्साह से जीना सिखाया।
इसलिए हम आदिवासी, ना आस्तिक होते है और ना नास्तिक। हम केवल प्रक्रिती के संग वास्तविक होते है।
🙏 सेवा जोहार, जय जोहार 🙏 डोंगर मावली ( गढ़ मावली ) को सेवा जोहार 🙏
Jay Johar jay aadivasi
सही बोले भाई, मैं महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमाशंकर के नजीक रहनेवाला हूँ। हम भी प्रकृती को हमारा भगवान मानते हैं। लेकिन आजकल दुसरे जनसमुदाय के संपर्क में आने की वजह से थोडाबहुत बदलाव हो रहे हैं जो हमारे लिए अच्छा नहीं हैं। जय जोहार, आपकी जय।
केवल दूरदर्शन से ही ऐसे शानदार कार्यक्रम की उम्मीद थी।👍👍👍👍👍
हमारे महाराष्ट्र में कांसे की थाली और सर वाला वाद्य मुझे बचपन से लुभाता रहा है । मगर जैसे जैसे हम बड़े होते गए यह वाद्य और कलाकार लुप्त होते गए । इनके द्वारा दिखाए गए और बजाए गए सभी वाद्य बेहद ही सुंदर और सुरीले है । इनके जैसे कलाकारों को एक नया मंच देना चाहिए । जो आनेवाली पीढ़ी इस परम्परा को बरकरार रखें ।
Khas karke hanare dhule or nandurbar me pahele bahut suna kartethe
@@vijaykaranda6382 उन दिनो महाराष्ट्र मे यह बहुत ही प्रचलित था । मगर आज यह कला समझो विलुप्त हो गयी है ।
@@anandchamat5178 sahi bat hain
क्या हमको ऐसे वाद्य यंत्र मिल सकते है ,,,,,
Bhava aikayach asel tr disembar madhi nashik jilyat yeun lag
वाह!!! क्या बात है। यही असली भारत की पहचान है। अतुल्य भारत। प्रणाम ऐसे लोगों को।
बहोत खूब महोदय,
ये है हमारी संस्कृती........
इसे कहते है आनंद........
निसर्ग से एकरूप होकरही हमे जीना सिखाती है...यह संस्कृती...............
बहोत.. बहोत धन्यवाद.
और सबको शुभेच्छा.....................
हमारी भारत की हिंदू सनातन संस्कृती का आकार पेड की जड है आदिवासी
आपने हमें अनजान और भूली बिसरी संस्कृति से परिचित कराया! सच में हमारा भारत अद्भुत है! आप के प्रयास की সারা करता हूँ 🚩🚩🙏🙏🚩🚩
बहुतांश भारतीयों को ऐसे अद्भुत पारंपरिक वाद्ययंत्र के बारे में पता नही.... आपका ये उपक्रम बहोत सराहनीय है। आपको बधाई और अनेक धन्यवाद. 🙏🏼
सोशल नेटवर्किंग से देश दुनिया की बाते और कला की हुनहर सामने मे आ रही है ।इनके कला और वाद्य यंत्र के सामने दुनिया की हर कला और गीत संगीत फीकी है ।
बहुत बहुत बिरसावाद ।
आज आदिवासी भाई ने जो कला दिखाई हैं. ओ पुरे भारत देस मे सभी जनता को देखणे मिल रही हैं. अद्भुत योग और संगीत और साधना की हम बहोत तारीफ करते हैं. बहोत बहोत बढिया सुंदर संगीत 🙏🙏👍👍 दिखाने वाले . भाई को भी प्रणाम करते हैं. इस देस मे हर कलाकार की इज्जत होती हैं. धन्य धन्य हमारी संस्कृती.
समरसता का प्रतीक आदिवासी समाज जीवन जीने की कुछ बुनियादी जरूरत तो खूबसूरती से संसाधन में परिवर्तित कर लेते हैं प्रकृति और उससे प्राप्त प्राकृतिक चीजों से बने इस गठजोड़ को कोटीश नमन
आदिवासी समुदाय की सस्कृती से अवगत कराने के लिए बहुत बहुत 🙏
बहुत सुंदर बहुत सुंदर। यही भारत की संस्कृति है अजर अमर।
हमारी संस्कृति हमारी विरासत बेहद प्राचीन और अनोखे अविष्कार जागो भारत जागो
इस संगीत की फ्रिक्वेंसी को सिर्फ ब्रह्मांड की तरंगों का ज्ञाता ही जान सकता है अद्भुद वाकई अद्भुद है हमारा ज्ञान विज्ञान और संस्कृति
Pandit ji pehle to app en logo ko hindhu mano sir dil se lagyo jaihind jai sri ram jai akhand bhart ki 💖 🙏
Agreed totally
@@bhupinderkumar420 Tumhe kisne kaha ye mere nahi hai Maharana Pratap ka Rajya Chinha dekho usme kaun hai ye mere bhai mere rishtedar hain aur inka samman sabse upar hai
बहुत सुन्दर लगा इन लोगों से मिलकर, बहुत धन्यवाद
मैं भी भारत आपका और उन हमारे आदिवासी भाइयों की संस्कृति का सामने लाने के लिए बधाई आप ऐसे वीडियो लाते रहेंगे
शानदार प्रस्तुति दुनिया मे आदिवासी संस्कृति
जय आदिवासी
मैं भी भारत मै भी आदिवासी अदभुत अविश्वसनीय अकल्पनीय धन्यवाद ऐसे विडियो बनाने के लिए
शुक्रिया किशोर
हमारी संस्कृति बहुत निकाली है आप इतने दुर्गम स्थान पर पहुंच कर जो हमारे संस्कृति को दिखाया आपको बहुत बहुत धन्यवाद
जय आदिवासी
मै आपका बहोत आभारी हू सर की आपने आदिवासी संस्कृती का दशँन कराया और video के माध्यम से सब लोगो तक पहुचाया
आप से ही संस्कृति, संगीत संरक्षित है जिंदा हे 🙌👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
अपनी मूल सांस्कृतिक धरोहर को नमन्। इनका संरक्षण ही हमारी मूल पहचान है। आधुनिक काल में परिवर्तन के साथ इनका मूलरूप भी संरक्षित रहे। राष्ट्र एवं प्रान्तीय सरकारें अतीत की इस सांस्कृतिक धरोहर को शैक्षिक स्तर पर सम्मिलित कर संरक्षित करें तथा इससे सम्बंधित रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था स्थापित करें तो अतिउत्तम होगा। सामान्यतः ऐसा नहीं हो रहा । अतः इनके विशेषज्ञों को ही रोजगार के अच्छे अवसर दें।
भारतीय विरासत में मिली सांस्कृतिक धरोहर पर गर्व हैं।
जयहिन्द जयभारत।
बिलिमोरा से डांग जाते हे बहोत सुंदर हे
ओर नदियाँ पहाड़ ओर सौंदर्य तो अद्भुत हे मेरा दामाद आहवा डांग से हे
ये भाषा और नाव जैसी सफेद टोपी महाराष्ट्र के कोंकण से मिलती जुलती है बहोत खुबं विडियो बनाया है
❤️ proud ...i am Kokani Adiwasi ...this video make me feel proud ..thank you so much sir💯
Jai shree mahakal 🙏
@@shwetanagar750 bham bhole 🙏
श्याम सुदंरजी बहोत बहोत धन्यवाद.आपकी वदहसे हमारे आदीवासी भाई बहने का परीचय होता ।
जय हो ....
हम सब भारतीय हैं, नाज है हमें अपनी संस्कृति पर ।
सुर ज्ञान शुरु से चला आ रहा है। और हमारे संस्कार बन चुका है। ऐसे ज्ञानी लोगों के बलबूते संगीत टिका है।हर दिल में ❤धड़कन बन बसता रहे संगीत।
इन बंधूओ का रहन सहन, सर की टोपी मराठी जैसा ही है। कोंकणी, कुनबी भी मराठी शब्द है। और वाद्य भी महाराष्ट्र से बहोत मिलते जुलते है। ये लोग शायद स्थलनतरित हो चुके हैं। भाषा में भी गुजराती लहजा नहीं है। मैं बचपन में हमारे गाव में ये सब देख चुका हूं महाराष्ट्र में। उनकी अदाकारी लाजवाब है। एक नए संस्कृति का दर्शन हुआ। धन्यवाद।
Bilkul sahi......yeh Maharashtra ke hi hai.....Dhire Dhire brain washing chalu hai.....recently ek news aayi hai ....Dahanu jo Maharashtra aur Gujrat ki border per hai wah 1.5 km. Maharashtra ki border ke under tak Gujrat Government ne illegal tarike se entry ki hai....check news channels. Humko toh pure Bharat ke Dharm ke logon ke liye aastha aur aadar hai. Ek shaks ne tippani ki hai Masiha ko bura mat kaho. Masiha ko koi bura nahi kehta....kisi ki garibi ka fayda uthakar Dharm Parivartan karte ho aur manane se mukar jate ho. Ho sakta hai hamare puvajo ne unka aarthik star uthane mein koi sahyog nahi kiya ho....lekin aaj kal yeh niche varga pe sirf anyay hi kiya hai sawarna logon ne yeh jhooti baaten Dharm Prachar karne wale aur jinhone Dharm badla hai unhone itni joro shoro se faila di hai ki pooncho mat. Agar aaisa hota to bahot pahle yeh log namshesh hue hote aur aaj tak inmese jo unke Dharma ka palan kar rahen hai woh nahi hote. Aadivasi Kalyan Aashram jasi kuch sansthaye inke liye karya kar rahi hai. Lekin Missioneries funding ke mukable woh kafi kam hai. Nobody can deny this.....because this is truth.
Pehle gujrat or Maharashtra ek hi tha and ye log border pe rehte hai to sab milta julta hai
हो यांची भाषाही मराठी भाषेशी साधर्म्य आहे नव्हे मराठी शब्दच बोलताय ते बाबा.
Pahle gujarat and Maharashtra ek hi tha 1960 me Gujarat alag state huva.and ye dang dono state ki border pe he .me proper dang ka hu...
Ha Dang district ko Maharashtra ka hi part hona chahiye tha. Aur bhasa ke Aadhar par Maharashtra aur Gujarat bane the to fir Dang district to Maharashtra ma hisaa kyo nahi banaya gaya hoga. Jab ki Dang district me Sabse jyada Dangi ""bhasa bolte je to Marathi bhasa se bahot hadd tak milti hai .
सर आपके उपक्रम को salute🙏 आपकी अछि सोच्
सर बहुत अच्छा कार्य कर रहे है आप जो भारतीय संस्कृति से हम जैसे नए लोगो को जानकारी दी आभारी है हम आपके
Thanks sir, आप बहोत ही अच्छा काम करते हो जो की मेरे आदिवासी जहा जहा भी हैं उनके दर्शन उनके सांस्कृतिक दर्शन करते होl ओर हमे भी दर्शन करवाते होl देखकर बहोत ही अच्छा लगता है , आपकी उन्से बोलणे की पद्धत बात करणेकी पद्धत बहोत ही अच्छी हैं l
पहली बार ऐसा वाद्य यंत्र देखा ,,,,,,मज़ा आया सुन के ।।
हमारे बचपन में कासे के थाली पे मेन लगाकर उसपर लकडी खडी कर हात से निचेउपर कर सुर निकाला जाता था, गाना गाते थे, आज बहुत दिनोके बाद देखा है, लोग दान देते थे,देखील मन प्रसन्न हो गया
सांस्कृतिक संरक्षण की आवश्यकता है जगत कल्याण के लिए। बहुत ही धन्यवाद। हर हर महादेव। 🙏🙏👌✔️🚩
भारतीय संस्कृती का शोध आप कर रहै है भारतीय संस्कृती कला से भरा है ये दुनिया के सा मणे लाया हैये बहुत बडा काम आपणे किया शःतशहा प्रणाम...
आदिवासी संस्कृति है जो हिन्दू संस्कृति से अलग है
हमारा देश सबसे महान और अनमोल है
जिसकी महिमा का वर्णन करना नामुमकिन है
हमारे भारत देश में एक से बढ़कर एक संस्कृति छिपा हुआ है जिसे हम हिन्दुओं को जानने की जरूरत है धन्यवाद।
सिर्फ हिन्दू ही नहीं, सब धर्म में , धर्म का भेदभाव क्यों ?
ब नहीं व होता है ।
@@49amitkumargodcut अब नाईक बोल रहा है अत्याचार किया
तो बता भाई किसने किया अत्याचार??
ओर कब किया??
कब की बात है ??
समाज मे कुछ कुरितीया थी उनका समय समय पर समाज सुधारको ने निर्मूलन किया,
राजा राममोहन राय दयानंद सरस्वती महात्मा फूले जैसे हजारो सुधारक हूऐ मगर उन्होने कुरीतीयो का विरोध किया
धर्म का नही मगर वामपंथियो का झूठा इतिहास पढकर तुम जैसे लोग बिना सोचे समझे रिएक्ट करते है।
एक बात लोग समझते नही की आदिवासी हिन्दू नही है ! भले ही आदिवासी भगवान शंकर की पूजा करते है । आदि काल के निवासी धर्म पूर्व संस्कृति है आदिवासी ।
@@eklavyatech8588कुछ भी
इतना तो मत गिरो
कुछ तो शर्म कर लेते।
सदियो से जिनके पुरखे माँ काली काल भेरव के पातरवाये (पुजारी) हो,
जिनके अंग मे देवी आती है उनका अपमान
मत करो,
भगवान शिव ओर राम की के पुजक हिंदू नही है ये कहकर अपनी वामपंथी घटिया मानसिकता का परिचय दे रहे हो।
आप को बहुत बहुत बधाई भाई जी आप तो लाखों लोगों को घर बैठे ही उन्हें पूरे भारत का दर्शन करवा रहे है और हमे अपने देश के करोङो भाई - बहनों के रहन -सहन खान-पान और उनकी भेष -भूसा से परिचित करवा रहे है इसके लिये आप को लाख लाख बधाई हो
आपकी कड़ी मेहनत, कार्य के प्रति लगन के लिए हम आपका हार्दिक अभिनंदन एवं धन्यवाद अदा करते हैं। वाकई खूबसूरत फिल्म अनोखी जानकारी।
श्याम सुंदर जी आपको दिलेस नमन🙏🏻
आप भारत की संस्कृती, कला, जीवन की जानकारी का प्रदर्शन कर रहे है 🙏🏻
शाम भाई बहुत अच्छा आप पुरे देश घूमी ए और हमे अपने देश की संस्कृती दिखाय हमारा देश विविधता से भरा है आपको बहुत बहुत शुभ कामनाय अपने देश की संस्कृती दिखाने के लिए
सचमुच बहुत ही अनूठे दुर्लभ वाद्य यंत्र 🙏
जय आदिवासी, जय बिरसा मुंडाजी बस इतना करना हमारे हिंदु आदिवासी भाईयो हमारे संस्कृती से भटकिए मत और किसी ईसाइ और मुसलमानो के झासे मे मत आणा... जय आदिवासी जय श्रीराम जय हिंद जय महाराष्ट्र जय शिवराय
Bilkul sahi......yeh Maharashtra ke hi hai.....Dhire Dhire brain washing chalu hai.....recently ek news aayi hai ....Dahanu jo Maharashtra aur Gujrat ki border per hai wah 1.5 km. Maharashtra ki border ke under tak Gujrat Government ne illegal tarike se entry ki hai....check news channels. Humko toh pure Bharat ke Dharm ke logon ke liye aastha aur aadar hai. Ek shaks ne tippani ki hai Masiha ko bura mat kaho. Masiha ko koi bura nahi kehta....kisi ki garibi ka fayda uthakar Dharm Parivartan karte ho aur manane se mukar jate ho. Ho sakta hai hamare puvajo ne unka aarthik star uthane mein koi sahyog nahi kiya ho....lekin aaj kal yeh niche varga pe sirf anyay hi kiya hai sawarna logon ne yeh jhooti baaten Dharm Prachar karne wale aur jinhone Dharm badla hai unhone itni joro shoro se faila di hai ki pooncho mat. Agar aaisa hota to bahot pahle yeh log namshesh hue hote aur aaj tak inmese jo unke Dharma ka palan kar rahen hai woh nahi hote. Aadivasi Kalyan Aashram jasi kuch sansthaye inke liye karya kar rahi hai. Lekin Missioneries funding ke mukable woh kafi kam hai. Nobody can deny this.....because this is truth.
@@ketanpawar1335 sahi kaha bhai hinduo ko alag Karne ki sajish he sab taki sab ko alag karke aapas me ladvakar raaj Kiya jae pls bahi jatiyo me mat bikhro sab ek ho Jai bhaiyo
Aadiwaasi hindu nahi moolniwasi hai.
Hindu yahudi musalmaan hai.
आपको किसने बताया कि आदिवासी हिंदू है ॽ आदिवासी निसर्ग पूजक है उनके धर्म कि तुलना मत करणा किसी धर्म से
निसर्ग ही हमारा धर्म है । जय आदिवासी, भारत के मूलनिवासी 🌿
@@dr.nitintandel5503 क्यो नही हो सकते.
मेरा भारत महान । बस इतना ही कहुंगा । बहोत खूब ।।
जाईं हिन्द 💥💥💥🙏🏼🇮🇳
जाईं महाराष्ट्र 🔥🔥🔥
जाईं गुजरात🇮🇳🙏🏼♥️♥️♥️♥️
Ye ek proud krne wala bat h ki ap hamare desh ki sanskriti ko sbse samne leke ate h apko bohot bohot dhanywad 🙏🚩🚩🚩
अद्भुत ,भारत के दूरदराज क्षेत्रों में विखरी संस्कृतिक विरासत से परिचित करया बहुत बहुत धन्यवाद सर
एकदम नया किस्म का वाद्ययंत्र। बाहरी दुनिया को पता ही नहीं इस वाद्ययंत्र के बारे में।
वाह क्या बात है।अलग-अलग अपनी-अपनी कल्सर के बारे में सुदंर जानकारिया मिलि। दील खुश हुआ।👌👍
आदिवासी संगीत कला के बारे में जानकारी देने के लिए धन्यवाद ,
गुजरात व महाराष्ट्र सीमा के दोनो तरफ बसे आदिवासी जिलो के हमारे भोले आदिवासीयो की निरक्षरता का फायदा उठा कर इसाई मिशनरी बडे पैमाणे पर लालच देकर आदिवासींयो का धर्मांतर कर रहे हैं. कुछ हमारे स्वाभिमानी आदिवासी भाई आज भी इसाई मिशनरियों से हमारी धर्म संस्कृती को बचाये रखें हुए हैं.
क्यों बेवजह मसीहों को बदनाम करते रहते हो किसी की मदद करना कोई बुरी बात नहीं है उसकी मदद को आप लालच की दृष्टि से देखते हो जीवन में कभी आंख से धर्म का पर्दा तो निकाल कर देखिए इंसान धर्म के अलावा और बहुत सारी ख्वाहिशें लेकर जी रहा है।
Jab sawarn Hindu SC St obc par julm karta hai tabhi log dharm pariwartan karte hai
अब क्यों इतनी हमदर्दी जता रहे हो इन लोगों पर
पहले तो मनुवादी व्यवस्था के कारण तुम लोगों ने कभी इनकी इज्जत नही की हमेशा घृणा करते रहे और अत्याचार करते रहे
तुम लोग इनको सम्मान करते तो कोई अन्य धर्म से नहीं जुड़ता
🙏 sahi bat he
@@Jesussongs8282 hn Bhai bikul buri Baat nhi h, pr Jo lalach De kr dhram pari wartan krwae wo Achi baat h na?
नमस्कार साहेब प्राचीन संस्कृतीची माहिती आणि ओळख इतर लोकांना युट्यूब च्या माध्यमातून दाखविण्याचे जे तूम्ही प्रयत्न केले त्याबद्दल मनापासुन तूमचे आभारी आहोत.... धन्यवाद 💐💅
मेरा भारत महान बहुत सुंदर इन कलाकारों को बधाई यह कला हमेशा जीवित रहनी चाहिए
धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद
हमारे हिन्दू संस्कृति मे तंत्रसार विद्या मे उल्लेख है की कुदरती वृक्ष वनस्पति से बनाया हुआ वाद्य
ही से दैव शक्ति की प्रसन्नता होती है
ओर हमारे दैव शक्ति की संस्कृति
इस ने बताया पर्वत की ही पुजा का उल्लेख है
दैविदैवो पर्वत की ही पुजा करते थे
पश्चिमी संस्कृति ने हमारी संस्कृति लुप्त करदिया है
सर होली के टाइम आप जरूर जाए ओर उश टाइम की भी डांग जिले की आदिवासी संस्कृति दिखाएं,,🙏
बहुत बहुत धन्यावाद सर जी आपने हमारी संस्कृतिको लोगो तक पहुंचाई।
श्याम जी आपका कोटि कोटि धन्यावाद. 🙏 जय किसान जय संविधान 💪 🔥
बहुत सुंदर!
कृपया लुप्त होती जा रही आदिवासी संस्कृति के बारे में बताते रहें । यह बहुत ही अद्भुत है और दिलचस्प है। धन्यवाद!
बहुत अच्छा किया सर जी आपने, यह वाद्ययत्र वाले अंकल जी ने प्रशंसनीय जानकारी साझा किया।
आपने अत्यन्त सुन्दर और आर्थपुर्ण महत्वपूर्ण योगदान दिया है !! प्रत्येक हिंदु ने ध्यान रखना है कि ये आदिवासि हमारे अपने भाई है !! हिंदुओने जाती प्रथा को खत्म करने के लिए आपसी खानपान की कोशिश करते रहना है !! तो ही हम हिंदु विरोधी ताकतोंका जम कर विरोध कर सकेंगे !! हर हर महादेव !!
श्रीमान जी आपकी इस विडियो ने मैरा आज का दिन बना दिया | बहुत बहुत धन्यवाद🙏💕
हमे आपका दिखाया हुआ वाद्योंका संगीतका देव देवताओंके पुजा का व्हिडीओ देखने कोमीला डांग गुजरात के आदिवासी लोगोकी संस्कृती की पहचान हुई. और आनंद प्राप्त हुआ है||🙏🏼
डांग भागातील , कोकणी आदिवासी लोकांची, बोली भाषा, वाद्य आणि संस्कृती चे ज्ञान झाले. वाद्य खूपच अदभुत , चमत्कार नवीनच असल्यामुळे जाणवले.
भाई ने थाली मे सुर निकाला वो अच्छा था, पर इससे भी सुंदर सुर इस थाली से निकलता हैं, हमारे बचपण मे हम लोग इस थाली मे कथा सुनते थे, कथा कोणशी! तों कोई भी होती थी, कभी रामायण की महाभारत की या भगवान शंकर माता पार्वती की सुंदर कथा होती थी, कथा ताल और सुर मे होती थी. जब कथा सुनानेवाला ताल सूर मे कथा सुनाता था तों कथा सुनते समय ऐसा लगता था की हम वापस उसी रामायण महाभारत काल मे लौट गये हैं. कथा पुरी रात भर चलती थी और कब सुबह होती थी मालूम भी नही पडता था. वा बहोत खूब बचपण की यादे ताजी हो गयी.
धन्यवाद विजय जी. मज़ा आ गया आपकी बात पढ़ कर. कृपया अपने मित्रों के साथ वीडियो शेयर करें, क्या पता किसी और को भी अपना बचपन याद करने का मौक़ा मिल जाए.
बहुत सुंदर है हमारी ईस भारतीय संस्कृति परंपरा पर मुझे गर्व है..…….
I have been to dang many times, in my every visit the nature and these tribal people's love for the nature left me speechless. Most humble and honest people I have ever come across inhabit this region of Gujarat. May god always bless them...
बड़ी खुशी एक बिटियां को मोबाईल से वी डी ओ बनाते देख,यही प्रगति करते भारत की सुखद तस्वीर है, मजा आया, ऐसे वी डी ओ बनाकर देश के सामने लाना चाहिए, आप को भी आभार
वन्देमातरम
ऐसे सुंदर अंधविश्वास अच्छे लगते है। इस से किसी को नुकसान नही सिर्फ शांति है❤️
आदिवासी की हर संस्कृति आपको अंधविश्वास ही लगता है
@@mohanlalninama6509 जो भगवान को मानता है वो मेरे लिए एक अंधविश्वास है। लेकिन मेरे कॉमेंट पर जरा गौर करो।
मैं नास्तिक हू
@@AshokKumar-os6voबस यही भारतिय संस्कृति थी जिसे विदेशी या पड़े लिखे लोगों ने बर्बाद कर दिया... हमें बस जीना है...खुशी तलाशनि है.. मरना तो सबका तय है बस जो जीवन है उसे जीना है... यही वजह भारतीय संस्कृति में इतने त्योहार है
जय भारत जय आदिवासी । सुर वाला वाद्य बहुत ही सुन्दर लगा । c# पर था ।
हमें आप पर बहुत गर्व है 🙏🏻🌹
हमारे भारत की सुंदरता , कर्णमधुर संगीत ,अच्छे रितीरिवाज को अगर कहीं देखना है तो यह सभी आदिवासीयों में ही मिलेगा।
Very Good episode... We have to remember this all...Real india is here...Never forget this original things...Govt has to protect this all things
वाह बहुत सुन्दर
अपनी संस्कृति को ना भूलें
माझा भारत माझया गावत बस्तो .
क्या जबरदस्त व्हिडीओ बनायी है सरजी आपने....!!
डांग तथा महाराष्ट्र के सिमाबहुल ईलाके मे बसे ईन आदिवासीयोंकी तो बात ही कुछ ओर है. ईतके पारंपरिक रिवाज तथा संगीतमय संस्किती के तो क्या कहने....
आपन ईतके हर एक पहेलू को बडीही गहरायी से छुवा है....
ईनके पारंपारीक वाद्योंकी आपने हमे अच्छेसे पहचान करवायी....
आप ऐसे ही, भारत के विभिन्न क्षेत्रोंके आदिवासीयोंकी हमे पहचान करवाईयें.
धन्यवाद...🙏
जय हिन्द....🙏
❤️ पहला सुख निरोगी काया,
दूसरा सुख घर में माया ।❤️
महादेव और पार्वती की गायन , अति सुन्दर । हर हर महादेव 🙏🙏
Swagat karte hai apka hamare gujrat me me.bhi bhart 👌 jai aadivasi
Ye to pehle se hi gurjat ke adiwasi he adi kaal se yahi mul niwasi hai
आपके कार्यक्रम देखकर मुझे लगने लगा है कि मैं खुद आदिवासी हूँ। 😀😀
इंसान की ज्यादा जरूरते ही ज्यादा दु:ख का कारण भी बनता है असल सुखी जीवन तो यह लोग ही व्यतीत कर रहे हैं कम जरूरत और बहुत कम दु:ख!!
बहुत ही उत्कृष्ट है,आप ने जो भारतीय संस्कृति का परिचय करवाया,
बहुत सुंदर जानकारी दी है आपने 🙏🙏🙏🙏🙏
एक अनोखा वाद्य देखणेको मिला .बहोत सुंदर .संस्कृती का जतन जरूरी है .
Jay aadivasi, jay Dongryadev
जय डोंगरिया देव, जय आदिवासी, जोहार
सांस्कृतिक रुप से महत्वपूर्ण जानकारी |
धन्यवाद
जय हो भारत माता के सपूतों 🙏🙏👌
वाह जी वाह, वादा यंत्र और कमाल संगीत
संस्कृति कला और संगीत से अवगत कराने के लिए धन्यवाद
बहुत सुंदर जानकारी मिली।
संगीत से नादब्रह्म की उपासना । भारतीय संस्कृति जीवन में खुशियां मनाने की शिक्षा देती है । जबकि ख्रिस्ती और मुल्ले इकठ्ठा होकर रोना रोते है ।
Super
Is hisab se Afriqan aadivasi to tumare gùru hai jo har varsh apne purvaj ki sookhi laash gate bajate nikalte hain aur dance bhi karte hain.
@@fakhruddinsyed7835 तुम लोगों को क्या मालूम अल्लाह का सिवाय है तुम लोगों को कुछ नहीं दिखता है
@@deepaksolanki9499 bhai main apne aadivasi culture se bahot pyar karta hoon.per tum log jane kaun se jahan me rehte ho.her dum tum pe mulla ka bhoot sawar rehta😅
मनुष्य जीवन मिला है, हंसने गाने के लिए, खुशियां मनाने के लिए । जिस व्यक्ति का मन प्रसन्न होगा वही भगवान में ध्यान लगाएगा । भगवान में एकदम से ध्यान नहीं लगा सकते तो प्रकृति में ध्यान लगाने से शुरूआत करनी चाहिए ।