पिछले दस सालों में सत्ता के अहंकार एवं घमंड में प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए मोदीजी ने अपने सांसदों को जो सिखाया और पढ़ाया है उस से विपक्ष भी सिख समझ रहा था। उसी का परिणाम है जो आज हमें संसद में देखने को मिल रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि तब विपक्ष कमजोर था।आज लगभग बराबर का मुकाबला है।
धनखड़ जी की असलियत समझनी हो तो बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। माननीय सभापति तो कभी बीजेपी के खोल से बाहर निकल हीं नहीं पाये।
पिछले दस सालों में सत्ता के अहंकार एवं घमंड में प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए मोदीजी ने अपने सांसदों को जो सिखाया और पढ़ाया है उस से विपक्ष भी सिख समझ रहा था। उसी का परिणाम है जो आज हमें संसद में देखने को मिल रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि तब विपक्ष कमजोर था।आज लगभग बराबर का मुकाबला है।
रही बात संसद के मौनसुन सत्र को 9 अगस्त को हीं खत्म करने की बात है तो सरकार को इसकी सूचना मिल चुकी थी कि हिंडेनबर्ग का मामला आने वाला है।
To name record kyu krya
10 लाख का बॉन्ड भरकर आया हैं बेल पर मनीष सिसोदिया केस खत्म नहीं हुआ हैं अभी चिरकुट
धनखड़ जी की असलियत समझनी हो तो बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। माननीय सभापति तो कभी बीजेपी के खोल से बाहर निकल हीं नहीं पाये।
चोरों का जमावड़ा लगेगा साथ तू भी लग जाना चिरकुट