भारतीय न्याय व्यवस्था खराब नहीं है न्याय व्यवस्था में बैठे हुए लोग खराब जिनको न्याय करने की जिम्मेदारी होती गई है वह अपने अधिकारों का गलत उपयोग करते हैं
मन खुश होता है कि भारत का कानून कितना अच्छा है कि पीड़िता को न्याय पाने के लिये उसके पास कुछ नहीं बचा । उन वकील साहब का भी धन्यवाद की पीड़िता का खून ही नहीं चूसा बाकी सब ले लिया । व्यवस्थापिका औऱ न्याय पालिका को प्रणाम ।
@@laxminarayanjoshi6896 kya jo aap video dikha rahe ho vo respectful h, kya india sahi country h, kya indian law sahi h, kya indian judge respect full h jo khulle aam apni boli lagate h bikne ke liye , kya kanoon sahi h, jab kuch bhi india m sahi h hi nahi, to comment kese sahi or respect full likh sakte h, mahakal kahte h ki duston ke khilaf hathiyaar uthana hi dharm h, har har mahadev 🙏🏻🙏🏻🌹🌹❤️❤️
@@laxminarayanjoshi6896 ji sir aapne bilkul sahi likha h, ye mene video post karne vale ko reply kiya h, aapka section lekar, aapka reply bilkul logical h
इसमें जज और वकील की कोई गलती नहीं रहती है मेरेभाई ताहिर हुसैन जैसे दिल्ली में इतना बड़ा कांड करने वाला आज इलेक्शन लड़ रहा है तो यह है सिर्फ एक ही गलती संविधान में गलतियां है वह नहीं सुधरेगा जब तक कितने के घर उजड़ गए कितने को मारना पड़ेगा वह आगे की बात आगे सोचना पड़ेगा
@@anilhembrom195 आप मरने के लिए ही पैदा हैं llll सब काला काला हैं मेरे प्यारे देश में llll नेताओ की ग़ुलामी और एडमिनिस्ट्रेशन की सिक्युरिटी ही हमारा लक्ष्य हैं lll Judiciary में करप्शन on top of world lllll ट्रायल कोर्ट में तो बुरा हाल हैं इश्वर सबको सद्बुद्धि दे llll lov my country
@@Homeopathicconsultant कानून घटिआ नहीं है न्यायापालिका में बैठे लोग घटिया है कार्य पालिका में बैठे लोग घटिया है पुलिस प्रशासन में बैठे लोग घटिया है कोई कानून नहीं कहता है कि तुम देर से न्याय करो
Yahi to bat h desh m aisa kanun h aisa samvidhan h......abhi sirf is bat ki date milni h salo bad ki ao sab log mil kar final hearing chalu ho jaye abhi shuru hoga complete kab hoga malum nahi ......
@@VijayKumar-qj8rx जीने रोज हराम की खान की आदत पड़ जाती है रोज इंसानों का खून पीते हैं वकील और जज दोनों ही किसी भी मसले को खत्म नहीं करना चाहते अपने बच्चों के लिए बेईमानी की रोटी खिलाकर कितने घर उजड़ गए हमारे भारत देश में आज भी हमें बहुत दुख होता है हमारे देश में कितने बेगुनाह लोग जेलों में बंद है वकीलों को किसी केस को खत्म नहीं करना चाहते प्रिया सच्चाई है हमारे देश की जय हिंद जय भारत
यही खासियत है भारत मैं लागू कानून की कि आदमी थक गया हार गया और सब खो दिया लेकिन सुनवाई नहीं। वहीं ये वो देश है जिसमें एक आतंकवादी के लिए रात को कोर्ट के दरवाजे खुल जाते हैं।
मेरे भाई आपकी बात पर मैं सहमत हूं मगर कुछ दो शब्द संविधान के बारे में भी तो बोलो कितने लोगों को मरवाने वाला ताहिर हुसैन आज इलेक्शन लड़ने को तैयार हो गया टिकट मिल गया क्यों नहीं अभी संविधान के बारे में बोलतेहो जितनी संविधान में गलती है उनके सुधार होना चाहिए
मैं ऐसे न्याय व्यवस्था को कोटि कोटि नमन करता हु, की एक बेवस महिला की न्याय मिलने में इतनी पारदर्शिता हुई कि वे अपना सब कुछ खो बैठी है,शायद इनका बेटा अगर जिंदा होता तो निसंदेह पान सिंह तोमर बन जाता ,, धन्य है वो देश जिसमे 100 में 99 बेईमान
जजों को नोट चाहिए। ये लोग पैसे के आगे रात के एक बजे भी कोर्ट लगा देते हैं। पर निरीह मासूम, वृद्ध, अकेली महिला कितना भी गिड़गिड़ाये, इन्हें दया नहीं आती है। तारीख नहीं दे रहे हैं। मोदी जी ही सबको न्याय देंगे तो इनकी जरूरत क्या है यह बड़ा प्रश्न है।
1993,1995 यानी कि 30-31 साल पहले के केस कोर्ट में विचाराधीन हैं जनता को और कितना त्वरित न्याय चाहिए? ऐसा लगता है कि सरकार और कोर्ट दोनों आपस में मिले हुए क्योंकि कोर्ट कहती है कि सरकार नए जजों की भर्ती समय पर नहीं करती इस बजह से कोर्ट पर बोझ बढ़ता चला जाता है। सम्माननीयों (जज) के बारे में क्या कहा जाए में बस इतना ही कहना चाहूंगा कि इनके दरबार में न्याय तो नहीं मिलता, मिलती है तो सिर्फ तारीख! जब तक न्याय मिलता है तब तक न्याय मिलने वाला चल बसा होता है! धन्य है मेरे देश की न्याय व्यवस्था में बैठे लोग, कृपया कुछ सोचिए!
क्या मजाक है ये सिस्टम?? कठोर ह्रदय के स्वामी हैं ये सब ।। कुछ बोल नहीं सकते बेइज्जती हो जाएगी और अवमानना भी। परन्तु ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। भगवान सबको माफ करे।
इसके लिए लोग कोर्ट का दरवाजा जाने से अच्छा गुंडे मलावी का दरवाजा पे जाना अच्छा समझाते है क्यों कि जरुर कुछ न्याय मिले गा लेकिन कोर्ट में सब कुछ खत्म हो जाने के बाद भी न्याय मुश्किल है
इनसे किया इंसाफ की उम्मीद करें इनको इग्नोर करो अपनी जिंदगी जिओ ये इंसान है भगवान मत बनाओ जिस माँ का लाल ऐसी चौखट पर दम तोड़ दे इंसाफ के लिये, धिकार है ऐसी व्यवस्था पर
इस हिंदुस्तान में गरीब मध्य और उच्च वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा लूट है तो पुलिस वालों और वकील और जजों ने लूटा है इन लोगों को बहुत धन्य है कि यह ज्यादातर गरीब लोगों को लूटते हैं और अपना घर बनाते हैं
इससे अच्छा तो राजा महाराजा का टाइम था तुरंत फैसला होता था ये कानून व्यवस्था तो अंग्रेज ने बनाया था अपने सहोलियत के लिए वो तो चले गए पर नियम लागू अब भी है
न्याय खत्म हो चुका है, HC में केवल मुकदमा एडमिट करो और प्रारूप पर ऑर्डर पहले ही स्टैंडर्ड फॉर्मेट में तैयार रखा है। तुरंत मिलेगा। कोई सुनवाई नहीं होगी।
यहां की न्यायिक व्यवस्था कितनी सड़ी हुई है जज की धूर्तता देखिए।अब भी महिला की पीड़ा सुनने के बजाय तारीख लगाने के बहाने बना रहा है। क्योंकि ये अपने आप को भगवान समझे बैठे हैं।ऐसी न्यायिक व्यवस्था को कोटि कोटि धन्यवाद।
हे भगवान जजों और वकीलों की चक्कर कितने घर बर्बाद हो गये कुल मिलाकर गरीब का कोई नहीं होता अमीरों के लिए तो 2:00 बजे रात में भी कोर्ट मैं बैठने को तैयार हो जाती है
कानून का कार्य कितना अच्छा है कि तारीख पर तारीख कितने वर्ष चले जाते है जु ती चप्पल घीस जाती है पैसो की बर्बादी हो जाती ह लेकिन व्याय नही मिलता यही हमारे भारत की कानून और न्याय वस्था है कितने शर्म की बात है
बहुत से गरीब लोग हैं जो कोर्ट कचहरी के चक्कर मे दिन रात चक्कर काटते काटते मर गये है पर न्याय नहीं मिलता सरकार और माननीय न्यायालय को गरीब आदमी की समस्या सुनना ही चाहिए
एक पेशी में आते हैं तो ठीक वरना दूसरी पेशी में बुलाओ नहीं आते तो तीसरी पेशी में फाइनल कर देना चाहिए केस को जिंदगी बीत जाती हैं कोर्ट कचहरी के चक्कर में वरना ये कोर्ट बंद कर दीजिए फिर पब्लिक खुद अपना फैसला कर सकती हैं कोई थप्पड़ मारता है तो बदले में 2 थप्पड़ लगा सकते हैं कोर्ट बंद होने चाहिए क्योंकि ये सब मिले हुए होते है वकील पैसे खाते है
कुछ अपवाद छोड़कर, कोर्ट फैसला बारह महीने के भीतर होना चाहिए __ और मुकदमा दायर कराने की समय सीमा छह महीना(१००%) और बारह महीने तक( ५०%) और बारह महीने बाद मुकदमा दायर कराने पर पाबंदी होनी चाहिए __ देश चांद पर गया, लेकिन चंद्रोदय कोर्ट में हुआ नही__ हमारी राजनीति पीड़ित आधारित है__ इसमें बदलाव कौन करेगा___ क्या इसके लिए________
इस देश का दुर्भाग्य है कि आज भी अंग्रेजों द्वारा छोड़ी गई प्रशासनिक, पुलिस एवं न्याय प्रणाली लागू हैं। जबकि अंग्रेज देश भी इस प्रणाली पर कार्य नहीं करती ऐ वो प्रणाली है जब देश गुलाम था तो देश की जनता को दबाने के लिए अंग्रेज इन्ही प्रणालीयों का उपयोग करते थे?
न्याय व्यवस्था सुधारने की सख्त जरुरत है।फिर उस न्याय का फायदा ही क्या पिडित दोनों साइड पिस जाता है। यहां देखा जाए ।पिडित को उसके साथ हुए अन्नाय को बताने की हिम्मत भी नहीं बची है। न्याय व्यवस्था में बदलाव लाजमी है और अवश्य होना चाहिए। भारत सरकार से अपिल है कृपया न्याय व्यवस्था, मिलावट खोरी , साइबर चोरों की तरफ नजर तेज करें धन्यवाद जय भारत।
जज लोग सपूत के आधार पे न्यायालय में फैसला करते हे पर आजकल सपूत मिटाया जाता हे साक्षी खरीदा जाता हे फिर क्या सच्चे को अन्याय और झूठे को न्याय मिल जाता हे
इस महिला को सुनना चाहिए, इनसे ज्यादा लाचार कौन हो सकता है
जज और वकील मिलकर पैसे लुटते हैं तभी तो तरीक पर तरीक देते पता नहीं जज और वकीलों ने मिलकर कितने घरों को तबाह कर दिया 😢
Sabko pataa h
@satpalyadav449 फिर आवाज़ कियू नही उठाते
Har har Mahadev baba ki jai ho
इनकी करनी ये भुगतते भी है
@@bachchangurjar4867 YAHA HAR HAR MAHADEV KAHA SE AA GAYE. ?
भारतीय न्याय व्यवस्था से आम व्यक्ति का विश्वास उठ चुका है ढीला ढाला न्याय
@@sudattpandit8811 hahahahaha
भारतीय न्याय व्यवस्था खराब नहीं है न्याय व्यवस्था में बैठे हुए लोग खराब जिनको न्याय करने की जिम्मेदारी होती गई है वह अपने अधिकारों का गलत उपयोग करते हैं
भगवान करे कभी भी किसी को भारत के न्यायपालिका में न जाना पड़े
मन खुश होता है कि भारत का कानून कितना अच्छा है कि पीड़िता को न्याय पाने के लिये उसके पास कुछ नहीं बचा । उन वकील साहब का भी धन्यवाद की पीड़िता का खून ही नहीं चूसा बाकी सब ले लिया । व्यवस्थापिका औऱ न्याय पालिका को प्रणाम ।
@@laxminarayanjoshi6896 kya jo aap video dikha rahe ho vo respectful h, kya india sahi country h, kya indian law sahi h, kya indian judge respect full h jo khulle aam apni boli lagate h bikne ke liye , kya kanoon sahi h, jab kuch bhi india m sahi h hi nahi, to comment kese sahi or respect full likh sakte h, mahakal kahte h ki duston ke khilaf hathiyaar uthana hi dharm h, har har mahadev 🙏🏻🙏🏻🌹🌹❤️❤️
@Shivamcreation786 अरे भाई साहब क्या करो उल्टा ही लिखना पड़ता है ।जब जाकर समझ आता है ।
@@laxminarayanjoshi6896 ji sir aapne bilkul sahi likha h, ye mene video post karne vale ko reply kiya h, aapka section lekar, aapka reply bilkul logical h
@ I didn't find anything disrespectful here. Please elaborate
Aapane jo virodhi tippani ki hai uska main jordaar samarthan karta hui. Dhanyavaad.
इस तरह के कितने लोग कोर्ट का चक्कर लगा लगा के अपना जीवन समाप्त कर चुके है, उम्मीद करता हुँ मैं इस माता जी कम से कम न्याय मिल जाए 🙏🙏🙏🙏🙏
इसमें जज और वकील की कोई गलती नहीं रहती है मेरेभाई ताहिर हुसैन जैसे दिल्ली में इतना बड़ा कांड करने वाला आज इलेक्शन लड़ रहा है तो यह है सिर्फ एक ही गलती संविधान में गलतियां है वह नहीं सुधरेगा जब तक कितने के घर उजड़ गए कितने को मारना पड़ेगा वह आगे की बात आगे सोचना पड़ेगा
@@anilhembrom195 आप मरने के लिए ही पैदा हैं llll सब काला काला हैं मेरे प्यारे देश में llll नेताओ की ग़ुलामी और एडमिनिस्ट्रेशन की सिक्युरिटी ही हमारा लक्ष्य हैं lll
Judiciary में करप्शन on top of world lllll ट्रायल कोर्ट में तो बुरा हाल हैं इश्वर सबको सद्बुद्धि दे llll lov my country
छोटा छोटा केस सुनवाई high court और सुप्रीम कोर्ट में हो रहा है कितनी शर्म की बात छोटे कोर्ट सुनवाई नहीं हुई 😮
Kyonki magistrate ko kuch pata nahi woh sunne ko taiyar nahi.... appeal appeal khelte raho.
सुबह सुबह आसू निकल गए यार इस मां की लड़खड़ाती आवाज सुनकर 😢😭🙏रहम करो निर्यदयों
मुकदमा लड़ते-लड़ते मेरे नाना मर गये नानी मर गई पिताजी मरने के कगार पर है यह है देश की घटिया कानून व्यवस्था
@@Homeopathicconsultant कानून घटिआ नहीं है न्यायापालिका में बैठे लोग घटिया है
कार्य पालिका में बैठे लोग घटिया है
पुलिस प्रशासन में बैठे लोग घटिया है
कोई कानून नहीं कहता है कि तुम देर से न्याय करो
Yahi to bat h desh m aisa kanun h aisa samvidhan h......abhi sirf is bat ki date milni h salo bad ki ao sab log mil kar final hearing chalu ho jaye abhi shuru hoga complete kab hoga malum nahi ......
Mahan desh mein aapka swagat hai.
Aese hi to mere papa ke sath hua h mere dada dadi aur mere papa aaj 70 years ke jaef ho
@nazishfatima5254 judge ko matlab hai judiciary mein aane wale paise se
भारतीय न्यायपालिका पर से भरोसा उठता जा रहा है ।
ये भारत देश जहाँ न्याय कम गरीब से पैसा ज्यादा लिया जाता है
सबसे ज्यादा दुःखी गरीब है
वकील ही केस फाइनल नहीं होने देते हैं
इस नियम संशोधन होना चाहिए
@@VijayKumar-qj8rx जीने रोज हराम की खान की आदत पड़ जाती है रोज इंसानों का खून पीते हैं वकील और जज दोनों ही किसी भी मसले को खत्म नहीं करना चाहते अपने बच्चों के लिए बेईमानी की रोटी खिलाकर कितने घर उजड़ गए हमारे भारत देश में आज भी हमें बहुत दुख होता है हमारे देश में कितने बेगुनाह लोग जेलों में बंद है वकीलों को किसी केस को खत्म नहीं करना चाहते प्रिया सच्चाई है हमारे देश की जय हिंद जय भारत
यही खासियत है भारत मैं लागू कानून की कि आदमी थक गया हार गया और सब खो दिया लेकिन सुनवाई नहीं। वहीं ये वो देश है जिसमें एक आतंकवादी के लिए रात को कोर्ट के दरवाजे खुल जाते हैं।
@govindprasadbhatt234 दस साल में क्या सुधार कर लिया।
Yes आतंकवादी k लिए खुल सकता है पर देश के गरीब जनता के लिए भी खुल sakta
आजाद भारत में जज से बड़ा मन बड़ू और मनमानी कही नहीं होता है
न्याय सिर्फ अमीर लोगो के लिए है। न्यायालय में ज्यादातर वकील की face value से प्रभावित होकर फैसले होते है
मेरे भाई आपकी बात पर मैं सहमत हूं मगर कुछ दो शब्द संविधान के बारे में भी तो बोलो कितने लोगों को मरवाने वाला ताहिर हुसैन आज इलेक्शन लड़ने को तैयार हो गया टिकट मिल गया क्यों नहीं अभी संविधान के बारे में बोलतेहो जितनी संविधान में गलती है उनके सुधार होना चाहिए
सही बात है
@munnal al914 ,,, संविधान पर बोलते हैं तो भीम वादी कपड़े फाड़कर उछल कूद करने लगते हैं
निबंध लिख के छूट जाने वाले
भारतीय न्यायपालिका को तुरंत बंद कर देना चाहिए , जजों के अंदर इंसानियत नामक कोई चीज नहीं है ।
न्याय व्यवस्था सुगम नहीं है।।दुख की बात है।।एक आम आदमी क्यूं पीस रहा है।।
थोड़ी सी न्याय व्यवस्था सरल सुगम होनी चाहिए।।।
मैं ऐसे न्याय व्यवस्था को कोटि कोटि नमन करता हु,
की एक बेवस महिला की न्याय मिलने में इतनी पारदर्शिता हुई कि वे अपना सब कुछ खो बैठी है,शायद इनका बेटा अगर जिंदा होता
तो निसंदेह पान सिंह तोमर बन जाता ,,
धन्य है वो देश जिसमे 100 में 99 बेईमान
हमारे देश कि हर सुविधा बड़े लोगों के लिए और पैसे वालों के लिए है
यही स्थिति है केस खत्म ही नहीं होता वकील को पैसा भरते रहो जिंदगी भर खास कर जमीन जायदाद/सिविल का मुकदमा.
जजों को नोट चाहिए। ये लोग पैसे के आगे रात के एक बजे भी कोर्ट लगा देते हैं। पर निरीह मासूम, वृद्ध, अकेली महिला कितना भी गिड़गिड़ाये, इन्हें दया नहीं आती है। तारीख नहीं दे रहे हैं।
मोदी जी ही सबको न्याय देंगे तो इनकी जरूरत क्या है यह बड़ा प्रश्न है।
1993,1995 यानी कि 30-31 साल पहले के केस कोर्ट में विचाराधीन हैं जनता को और कितना त्वरित न्याय चाहिए? ऐसा लगता है कि सरकार और कोर्ट दोनों आपस में मिले हुए क्योंकि कोर्ट कहती है कि सरकार नए जजों की भर्ती समय पर नहीं करती इस बजह से कोर्ट पर बोझ बढ़ता चला जाता है। सम्माननीयों (जज) के बारे में क्या कहा जाए में बस इतना ही कहना चाहूंगा कि इनके दरबार में न्याय तो नहीं मिलता, मिलती है तो सिर्फ तारीख! जब तक न्याय मिलता है तब तक न्याय मिलने वाला चल बसा होता है! धन्य है मेरे देश की न्याय व्यवस्था में बैठे लोग, कृपया कुछ सोचिए!
@@er.ramveerdiwakar1992 in judgon ko koi judge nahin kar sakta. Adktar time chutti par hote hain. Ye wala judge bahut insensitive lagta hai.
@@er.ramveerdiwakar1992 masjidon ko khodne k liye court turant adesh paas karti hai adalat.
@@er.ramveerdiwakar1992 श्री राजीव दीक्षित को सुनिए न्याय व्यवस्था क्या है यूट्यूब पर
Aisi mahila ko turant nyay milna chahiye jisne sabkuch kho diya jiwan se badhkar koi bhi kanul bara nhi hai May God bless you
न्याय देने वाले कभी इतना निर्दई चेहरा हो सकता है नहीं सोचा था एक अबला नारी की छोटी सी मांग तक पूरी नहीं कर सके 🙏
क्या मजाक है ये सिस्टम?? कठोर ह्रदय के स्वामी हैं ये सब ।। कुछ बोल नहीं सकते बेइज्जती हो जाएगी और अवमानना भी। परन्तु ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। भगवान सबको माफ करे।
घटिया कानून व्यवस्था को बदलना होगा
Jay bhim Jay savidhan
व्यवस्था ही ठीक हो तो लोगों को गिड़गिड़ाना नहीं पड़ेगा।
भारत से खूबसूरत संविधान दुनिया में किसी का नहीं है
@@himanshuambedkar2494 तू चाट ले ish को
बहुत दुखद स्थिति हैं
न्यायप्रणाली की भ्रष्टाचार की भेंट सब कुछ चढ़ गया है
इसके लिए लोग कोर्ट का दरवाजा जाने से अच्छा गुंडे मलावी का दरवाजा पे जाना अच्छा समझाते है क्यों कि जरुर कुछ न्याय मिले गा लेकिन कोर्ट में सब कुछ खत्म हो जाने के बाद भी न्याय मुश्किल है
इनसे किया इंसाफ की उम्मीद करें
इनको इग्नोर करो अपनी जिंदगी जिओ
ये इंसान है भगवान मत बनाओ
जिस माँ का लाल ऐसी चौखट पर दम तोड़ दे इंसाफ के लिये,
धिकार है ऐसी व्यवस्था पर
हमारा भारत विश्वगुरु बन चुका है
अरे लफंडर भारत था भारत रहेगा दो शब्द संविधान के बारे में तो बात उसे किताब की वजह से आज औरत का घर उजाड़ रहा है कितने लोगों का घर उजालाइस संविधान में
इस हिंदुस्तान में गरीब मध्य और उच्च वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा लूट है तो पुलिस वालों और वकील और जजों ने लूटा है इन लोगों को बहुत धन्य है कि यह ज्यादातर गरीब लोगों को लूटते हैं और अपना घर बनाते हैं
धन्य है भारत के कानून
महिला जो भी जैसी है, उसकी कहानी पर तरस आता है। Me लॉर्ड को थोड़ा तो सोचना चाहिए।
न्यायालय में सुधार कीआवश्यकता
सबसे सुंदर न्याय व्यवस्था भारत की 😅
न्याय मांगने से नहीं, खरीदने से मिलता है बस कीमत सही हो
कोई सुनने वाला नहीं हैं ।वो क्या जाने पीर पराई ।जाके पैर न फटे बेवाई
इस ढीले न्याय ने एक पूरा परिवार खत्म कर दिया फिर भी कोई सुधार नहीं
ऐसे न्यायालयों को खत्म कर देना चाहिए। अगर समय पर न्यायालय नहीं दे सकते तो न्यायालय की क्या आवश्यकता है। समस्त न्यायालयों को अवश्य ही बंद कर देना चाहिए
भारत की न्याय व्यवस्था की जय
इसलिए तो आदमी स्वम् के न्याय में विश्वास करने लगेगा
इंसाफ में बहुत देर हो जाती है इसमें बहुत सुधार की ज़रूरत है
कोर्ट के सब जज मॅनेज रहते हे..... मेने खूप सब देखा हे
ऐसा लंबा कानूनी प्रक्रिया सिर्फ भारत मेंहोती है
Waah kya kanoon.व्यवस्था है धन्य्य है
अद्भुत सिस्टम है सीताराम ईश्वर ही मालिक है आम आदमी का
कानून लिखने वाले भी तो महान थे इसलिए लड़ते रहो 10साल 20 साल बाद में मिलेगा इंसाफ़
जब तक तो इन्सान ही निकल लेगा 😂😂
इससे अच्छा तो राजा महाराजा का टाइम था तुरंत फैसला होता था
ये कानून व्यवस्था तो अंग्रेज ने बनाया था अपने सहोलियत के लिए वो तो चले गए पर नियम लागू अब भी है
न्याय खत्म हो चुका है, HC में केवल मुकदमा एडमिट करो और प्रारूप पर ऑर्डर पहले ही स्टैंडर्ड फॉर्मेट में तैयार रखा है। तुरंत मिलेगा। कोई सुनवाई नहीं होगी।
बहुत दुःख होता है ऐसी व्यवस्था देखकर । वीडियो कॉलिंग के माध्यम से वकील को जोड़ा जा सकता था ।
यहां की न्यायिक व्यवस्था कितनी सड़ी हुई है जज की धूर्तता देखिए।अब भी महिला की पीड़ा सुनने के बजाय तारीख लगाने के बहाने बना रहा है। क्योंकि ये अपने आप को भगवान समझे बैठे हैं।ऐसी न्यायिक व्यवस्था को कोटि कोटि धन्यवाद।
हे भगवान जजों और वकीलों की चक्कर कितने घर बर्बाद हो गये कुल मिलाकर गरीब का कोई नहीं होता अमीरों के लिए तो 2:00 बजे रात में भी कोर्ट मैं बैठने को तैयार हो जाती है
विश्व गुरु बनने की बहुत शुभकामनाएं!
निकम्मे जाजो तारीख पर तारीख देना बंद करो इन्साफ करो वक्त पर
लोग कोर्ट का चक्कर लगा लगा कर थक जाते हैं, अंत में घर बैठ जाते हैं
जज को पता चल जाता है कि कोन गलत है और कौन सही फिर भी तारीख पे तारीख देते है, ऐसा अनुभव कई लोगो को हो चुका है।
कानून का कार्य कितना अच्छा है कि तारीख पर तारीख कितने वर्ष चले जाते है जु ती चप्पल घीस जाती है पैसो की बर्बादी हो जाती ह लेकिन व्याय नही मिलता यही हमारे भारत की कानून और न्याय वस्था है कितने शर्म की बात है
तीस साल किराएदार का मुकद्दमा लडने के बाद उसी किराएदार को औने पौने मे मकान बेच दिया
भारत न्याय मर चुका है ।अपराधियो से समझौता करना बेहतर होता है
बहुत से गरीब लोग हैं जो कोर्ट कचहरी के चक्कर मे दिन रात चक्कर काटते काटते मर गये है पर न्याय नहीं मिलता सरकार और माननीय न्यायालय को गरीब आदमी की समस्या सुनना ही चाहिए
यही है भारत देश महान जय हिन्द
भारत मे ईन्साफ गरीब आदमी के लिए नहीं बना है।
जिसके पास पैसा है बो चाहे तो रोज कत्ल करे।क्योंकी पैसे से पुलिस, जज,बकील सभी खरीदा जा सकता है 😢😢अफसोस
न्यायपालिका और कानून आम नागरिकों के लिए है अमीर लोगों के लिए नहीं l
वाह रे मेरे देश की व्यस्था चाहे न्याय पालिका हो या कार्यपालिका
कानून निर्माता को बहुत बहुत धन्यवाद।
ये व्यवस्था है गरीबों के लिए हमारे देश म😔
एक पेशी में आते हैं तो ठीक वरना दूसरी पेशी में बुलाओ नहीं आते तो तीसरी पेशी में फाइनल कर देना चाहिए केस को जिंदगी बीत जाती हैं कोर्ट कचहरी के चक्कर में वरना ये कोर्ट बंद कर दीजिए फिर पब्लिक खुद अपना फैसला कर सकती हैं कोई थप्पड़ मारता है तो बदले में 2 थप्पड़ लगा सकते हैं कोर्ट बंद होने चाहिए क्योंकि ये सब मिले हुए होते है वकील पैसे खाते है
न्याय विभागभ्रष्ट है😢
तारीख पर तारीख देकर जज साहब 30-50 साल में कागजों पर ही न्याय देंगे, चाहे आप बर्बाद हो जाए या परलोक चले जाए सब परिवार। जय हो बहुविधान की ।
हमारे देश का कानून न हो अच्छा है ऐसे कोट कचरी से अच्छा तो पहले का पंचायती राज सही था।
कुछ अपवाद छोड़कर, कोर्ट फैसला बारह महीने के भीतर होना चाहिए __ और मुकदमा दायर कराने की समय सीमा छह महीना(१००%) और बारह महीने तक( ५०%) और बारह महीने बाद मुकदमा दायर कराने पर पाबंदी होनी चाहिए __ देश चांद पर गया, लेकिन चंद्रोदय कोर्ट में हुआ नही__ हमारी राजनीति पीड़ित आधारित है__ इसमें बदलाव कौन करेगा___ क्या इसके लिए________
लाखो लाख केस लंबित है कौन-कौन दोषी ?
धन्यवाद करता हूं भारत की न्याय व्यवस्था को
देश की अपाहिज कानून व्यवस्था...
इस देश का दुर्भाग्य है कि आज भी अंग्रेजों द्वारा छोड़ी गई प्रशासनिक, पुलिस एवं न्याय प्रणाली लागू हैं। जबकि अंग्रेज देश भी इस प्रणाली पर कार्य नहीं करती ऐ वो प्रणाली है जब देश गुलाम था तो देश की जनता को दबाने के लिए अंग्रेज इन्ही प्रणालीयों का उपयोग करते थे?
कोर्टों में तारीख पर तारीख।
समझ मे नही आता भारतीय न्याय व्यवस्था ।।।।😮
इस देश में न्याय की व्यवस्था बहुत ढीली है गरीब लोगों के लिए न्याय नहीं है
न्याय व्यवस्था सुधारने की सख्त जरुरत है।फिर उस न्याय का फायदा ही क्या पिडित दोनों साइड पिस जाता है। यहां देखा जाए ।पिडित को उसके साथ हुए अन्नाय को बताने की हिम्मत भी नहीं बची है। न्याय व्यवस्था में बदलाव लाजमी है और अवश्य होना चाहिए। भारत सरकार से अपिल है कृपया न्याय व्यवस्था, मिलावट खोरी , साइबर चोरों की तरफ नजर तेज करें धन्यवाद जय भारत।
Indian judiciary is the finest on this earth. Jay ho
Lower court ke judge per case hone chahiye
भारत के Judge अंगेज से भी आगे निकल गया _उल्टा pulta jajmets करा देता h
Justice Bahut hi costly,
judge ko nyaye dena chahiye ❤❤
अत्यंत पीड़ा दायक
इस बहन कै जल्दी से जल्दी न्याय मिलना चाहिए गरीब के साथ यही हाल होता है इस बहन के क्या हालत है सब पैसे का खेल है गरीब की कोन सुनता है ।
जय हिन्द जय भारत, मेरा भारत महान
Bahut dukh hua jaj aur vakil donon ko dekhna chahie
Bahut sharm ur Dukh ki baat hai..Rona aa gaya en Bahen ki baat sunkar...😢😢😢😢
Very nice ❤
जज लोग सपूत के आधार पे न्यायालय में फैसला करते हे पर आजकल सपूत
मिटाया जाता हे साक्षी खरीदा जाता हे
फिर क्या सच्चे को अन्याय और झूठे
को न्याय मिल जाता हे
जज लोक न्याय करने में बहुत देरी करते हैं इसलिए बहुत भीड़ रहती है अदालतों में
सारा खर्चा कोर्ट को देना चाहिए तब देखो एक सप्ताह में केस फाइनल हो जाएगा।
Court me pahuch gaye to waha date par date milea garib kamjore lachar ko nyay kub milega uska koi thikana nahi hai
व्यवस्थापिका औऱ न्याय पालिका का तगड़ा गठबंधन है । जितने मुकदमे पेंडिंग होंगे उतनी जजों की भर्ती होगी और वकील मांजा सुतेंगे । मैं खुद भुगत रहा हूँ ।
वह इस महिला का दर्द को नहीं जाना बहुत अच्छा भारत बनाया है सा भर्ती कर रखे हैं कि क्या करें भारत आजाद हो गया इसका क्या मतलब है
Please Support This Lady And I requested Court Please Help this lady 🙏
जय हिंदू राष्ट्र कितने मजलूम हैं जो इस तरह पीसे
Kitne log hai aise jo court jate jate thak gye ya ab wo is duniya me nhi rahe wah re hamare sambhidhan bahut bahut badhai ho aise desh ke logo ko
हमारे देश ऐसा कानून है कि निर्दोष को सजा और अपराधी को क्षमा मिलती है
90दिन का समय सीमा योगदान करने का आदेश माननीय हाईकोर्ट पटना के द्वारा दिया गया ।पदाधिकारी कह रहा है ये कोई जजमेंट है भगा दिया।
जजों की जबाब देही तय हो
So sad 😡😡😡😡