क्या बुद्धि से सतलोक पहुंचा जा सकता है, क्या सतलोक ही मुक्ती धाम है, क्या सतलोक ही सार शब्द है।

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  • เผยแพร่เมื่อ 15 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 13

  • @rajpalkaur2985
    @rajpalkaur2985 6 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    Satnaam Sri waheguru ji
    Sahib bandagi satnaam

  • @VijayKumar-k6n
    @VijayKumar-k6n 7 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    वाह मेरे सतगुरू वाह आप के सत्संग का को ई जोड नहीहै आपका सत्संग सुनकर आत्मा गदगद हो जाता है
    साहेब बंदगी सतनाम 🙏

  • @BhawarLal-w3f
    @BhawarLal-w3f 2 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Jaane😅ki😅kya😅jarurat😅h😊duniya😮le😅jaati😅h😅khud😅kab😅jata😮h😅kirti😅tej😅amartav😮vidwanoki😅jagat😅saakh😅bhar😅deta😮h😅or😅wo😅param🎉pad🎉pa😢leta😅h😅

  • @ShayamLal-uj9yq
    @ShayamLal-uj9yq 3 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    कबीर साहब जी ने जो बताया है उससे अलग आपका ज्ञान है।आप यह कहते हैं कि शरीर में नहीं उतरना है शरीर में कोई अनुभव नहीं करना है शरीर से बाहर निकलो।जब आत्मा शरीर छोड़ती है तो वैसे भी शरीर के बाहर निकल जाती है तो फिर परमात्मा में क्यों नहीं मिलती हैं। उस समय तो शरीर होता ही नहीं है।

    • @udayveer2932
      @udayveer2932  3 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      क्योंकि जीव आत्मा को भेद ही नहीं मालूम है जो अंत समय में शरीर से बाहर निकलते समय परमात्मा में मिल जाये

    • @ShayamLal-uj9yq
      @ShayamLal-uj9yq 3 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      @udayveer2932 ऐसे ही बाहर ध्यान लगाने या सुरती को उपर रखने से भी परमात्मा में नहीं मिल सकते हैं।ज्ञान चाहे कितना ही क्यों न हो।

    • @ShayamLal-uj9yq
      @ShayamLal-uj9yq 2 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      @@udayveer2932 यह आत्मा जिस मार्ग से मृत्युलोक में आई हैं उसी मार्ग से वापिस जायेगी दूसरा कोई रास्ता नहीं है। यह भी एक चक्रव्यूह की तरह है।सीधा निशाना लगाने से या सुरता को ठहराने से शब्द की आवाज सुनने से परमात्मा में नहीं मिल सकते हैं।

    • @udayveer2932
      @udayveer2932  2 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      @@ShayamLal-uj9yq यह आपका मन मुखी ज्ञान है अधर दीप तहां गगन गुफा में है निज बस्तु सारा जोत निरंजन हाकिमा निज धरता ध्यान हमारा। अन्दर खोजें गिर पड़े बाहर खोजें भुलाय सार शब्द ना खोजें बांदा जमपुर जाय यह सब कबीर साहब जी का ज्ञान है किसी बाड़ी से साबित करे किसका ज्ञान गलत है।

    • @ShayamLal-uj9yq
      @ShayamLal-uj9yq ชั่วโมงที่ผ่านมา

      @udayveer2932 इन वाणियों को उठा उठा कर आपने इस ज्ञान को मनमुखी बना दिया है। क्योंकि अनुभव किया नहीं है और उनके अर्थों में ही उलझे हुए हैं। हमने तो अनुभव किया है और अनुभव करवा सकते हैं। बिना अनुभव के सारा ज्ञान थोथा हैं।