*_मेरी विनती को आगे तक पहुंचाए।_* में एक *_दलित अस्थाई सफाईकर्मी_* हूँ और BJP सरकार के इस *फैसले का स्वागत* करता हूँ !! और साथ ही साथ आप सभी गणमान्यों से अनुरोध है कि ... अनुसूचित जाति में भी क्रिमीलेयर व्यवस्था लागु की जाए। SC वर्ग में हम 69 जातियों में सबसे निचले पायदान पर है जिन्हें महादलित भी कहा जाता है। हम आज़ादी के पहले भी सफ़ाई का कार्य करते थे और आज GRADUATION करने के बाद भी वही काम कर कर रहे है। समझ नही आता ये आरक्षण नाम की चिड़िया किस पिंजरे में बंद है और कब आरक्षण हम जैसे असली हकदारों के पास पहुंचेगा। हम भी सेनिको की तरह आपके स्वास्थ्य की रक्षा करते है कृपया हमारा भी उत्थान करे। कृपया इसे लोगो तक पहुंचाए।
Yes u r totally right..my neighbor is retired from sbi from manager level post,he took reservation..but his daughter has been taking reservation since her HS... Recently got a job with reservation...they live in three storey building.
हालांकि आर्थिक तौर पर पिछड़े सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण दिया जाना राजनीति से प्रेरित है फिर भी यह उन गरीब तबकों के लिए एक सुअवसर है जिनकी पहुंच भौतिक वादी संस्कृति में मूलभूत सुविधाओं तक नहीं थी ,इससे न केवल उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा अपितु भारतीय समाज समरसता व समानता की ओर अग्रसर होगा। RSTV द्वारा ऐसे मुद्दों पर बहस बहुत ही सराहनीय है।
Yes but due to being a government channel it mostly cannot accommodate those who are anti government. Ideal case would be a private channel doing this kind of debate but there every channel is indulged in trp race
मैंने पूरी तरह से सुना।मनन किया। आपकी चर्चा गुणवत्तापूर्ण है। भविष्य की राहें खोलनेवाली।सत्ता में बैठे हुए अयोग्य लोग इस देश का भला कैसे करेंगे ? मैं विगत महीने दिल्ली में था। चिकित्सा के लिए लंबी और बड़ी प्रतीक्षा थी। --- आरक्षण राजनीतिक भाषण है , उपलब्धि नहीं।
ये सरकार की एक अच्छी पहल है जिसमें गरीबों की ओर वास्तविकता में ध्यान देने का प्रयास हो रहा है इसी प्रकार sc/st आरक्षण में से भी कुछ प्रतिशत निकाल कर निर्धन दलितो को देना चाहिए ताकि उनका भी सशक्तिकरण हो सके अन्यथा निर्धन दलित काफ़ी पिछड़ जायेगे
@Kumar Aniket भाई सरकार द्वारा पूर्व में ही OBC के लिए 6 से बड़ाकर 8 लाख क्रीमीलीयर की सीमा कर दी गई है अब सवर्ण के लिए इसे कम कर देना निश्चित ही सरकार की नीतियों पर प्रश्न चिन्ह खड़े करेगा क्योंकि किसी भी वर्ग का व्यक्ति हो किन्तु धनी अथवा निर्धन होने की राशि भिन्न भिन्न नहीं हो सकती
@Kumar Aniket limit 8 lakh h Matlab family income monthly approximately 65 thoussand Toh woh kaise economic backward ho sakte h Woh sab kuch afford kr sakte High price coaching classes Agar koi govt servant h aur uski pagar 50 thousand per month h toh iske hissab see uska pure year ka income 6 lakh ho jayenga Toh unhe bhi economic backward mankar unke baccho ko bhi reservation milega Kya ?
@Kumar Aniket घटाना इतना आसान नहीं है इसके राजनीतिक कारण है क्यों कि कि बड़ा आय वर्ग इसी दायरे में आता है उन्हें अपने पक्ष में रखने के लिए तो क्रीमीलीयर की सीमा बड़ाई गयी थी और पुनः इतनी शीघ्रता से कम कर देना भी इनकी निर्णयन क्षमता पर भी सवाल खड़े करेगा
आज आरक्षण का मूल हकदर वही हो जो वास्तव मे आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछडे है | न कि संवर्ग के आधार पर आरक्षण दी जाये | क्योकि आरक्षण का अर्थ ही है कि जो लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछडे है उनको समाज मे बराबरी का दर्जा दिलाना | राज्य सभा टीवी धन्यवाद
आर्थिक पिछड़ों को 10 फीसदी आरक्षण देना एक अच्छा कदम साबित हो सकता है बशर्ते इसको राजनीतिक रूप न दिया जाये अपितु इसका लाभ हर उस वर्ग के व्यक्तियों को मिलना चाहिए जो वास्तव में वंचित एवं गरीब हैं साथ ही जिनकी आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है। राज्य सभा टीवी का धन्यवाद।
इसका लाभ हर उस वंचित व्यक्ति को मिलना चाहिए जो वास्तव में गरीब है ?? इसका पहचान कैसे किया जा सकता है कि कौन व्यक्ति गरीब है ?? क्या जाति से गरीबी का निर्धारण करना उचित और न्यायसंगत हैं ??
@@ntg517 भारत सरकार के समक्ष गरीबों की पहचान करना अभी भी एक चुनौती बनी हुई है हां इतना जरूर है इसका सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के आधार पर बस अनुमान किया जा सकता है रही बात जाति के आधार पर गरीबी के निर्धारण की तो गरीबी तो किसी भी जाति में हो सकती है। इसलिए जाति को गरीबी का पैमाना मानना उचित प्रतीत नहीं होता।
अच्छा कदम है गरीब जनता तक पोहचणे का! लेकीन क्रिमीलेयर की मात्रा 200000 से कम होनी चाहिये और यही मात्रा हर वर्ग मे लागू होनी चाहिये!!! क्यों की मैं समज नही पा रहा हू के जो परिवार साल मे 800000 कमाता हो वो पिछडा कैसे हो सकता है! धन्यवाद!!!
पहले के समय कार्यो का बटवारा सामाजिक आधारों (like cost, religion, colour) पर होता था परन्तु आज के LPG युग मे सभी के कार्यों का बटवारा आर्थिक अधरों पर हो गया है इसलिए ये पहल वाद विवाद योग्य है चाहे इसके पीछे का एजेंडा राजनीतिक हो या समावेशी सुधार करना हो । एक बात और अगर आर्थिक आधार 8 लाख माना जा रहा है तो इसी आधार को गरीबी के आकलन में भी लाना चाहिए न कि ₹32 प्रतिदिन
देश को आजादी के 70 साल हो चुके है, अगर आज भी देश को आरक्षण की आवश्यकता हे तो देश ने कुछ भी विकास नही किया है।सरकार को आर्थिक रूप से पिछड़े लोगो को शिक्षा मुफ्त करने की आवश्यकता है। देश में एक निस्पक्ष प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। और व्यक्ति को उसकी योग्यता के आधार पर चुना जाना चाहिए ना की किसी अन्य आधार पर।
10%आरक्षण का ये उठाया गया कदम सर्वोपरिय है इसके अंतर्गत अत्याधिक आथिर्क एंव समाजिक लोग जो भारत के लिए कुछ करना चाहते हैं परन्तु कारण वंश असमर्थ हो जाते हैं अन्यथा इसकी पहल से उन्हें अपनी पहचान और राष्ट्र के लिए कुछ करने का अवसर प्रदान होगा, धन्य वाद,
Good discussion 👍 Ketkar sir made good explanation Hame desh ko aage badhane k liye Caste based discrimination ko khatam karna padega use samaj Paida Hui duriyo ko mita sake Aur poora dhyaan Poverty elevation ki taraf hona chahiye tab hum reservation k live economic base ko acchi tarah se implement kr sakte h Jai Hind
क्रीमीलेयर का सिद्धांत हर वर्ग के आरक्षण में होना चाहिए चाहे वो किसी भी तरह के आरक्षण में हो क्योंकि आरक्षण का लाभ उन तबकों तक पहुंचने से पहले ही आईएएस, आईपीएस, जज आदि उच्च सेवाओं के बच्चे उठा देते है और आरक्षण का विशेष कोटा क्रीमीलेयर वाले कवर कर लेते है जिसकी वजह से सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक आधार पर समाज के अंतिम छोर पर खड़े जरूरत मंद लोग आरक्षण से अब भी वंचित रहते है जिनके लिए आरक्षण दिया गया है।
सरकार द्वारा लिया गया यह बहुत ही अच्छा इनिशिएटिव है, भारतीय समाज में हर वर्ग को अपने लिए आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए हालांकि इस पहल में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती 'सही आर्थिक आंकड़े'(लोगों की आय के)उपलब्ध कराने की होगी तथा अन्य पहलुओं में विचार और कुछ संविधान संशोधन कर एक बड़ी बहस के साथ पास किया जा सकता है,यह पहल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए (सामान्य वर्ग) एक उम्मीद की किरण है । कार्यक्रम के लिए धन्यवाद राज्यसभा टीवी। संतोष पाराशर ,मध्य प्रदेश।
how family wid annual income of 8 lakh can be economically backward !!!! .... limit shld be less than 2 lakh ,otherwise again ppl who dont need resrvation will b benifitted😑
आरक्षण का मुख्य उद्देश्य समाज मे आर्थिक और सामाजिक समानता लाना है । अगर कोई आर्थिक रूप से कमजोर है और पिछड़ गया है तो वह जरूर सरकार के इस कदम से लाभन्वित होंगे और समाज में गैर बराबरी कम होगी। राज्यसभा टीवी का धन्यवाद।
I know many students who get BPL status easily to get scholarship . Fake documents are easily made. Need of Better Monitoring and Nodal officer to decide every aspects.
आरक्षण सिर्फ 10 वर्षो के लिए लागू किया गया था लेकिन सरकारें इसे वोट के लिए बढ़ाती जा रही है। हमारा विचार है कि आरक्षण को जाति के आधार पर नही बल्कि आर्थिक आधार पर होना चाहिए जिससे जो बेहद गरीब है और जो शिक्षा भी ग्रहण नही कर सकते उन्हे लाभ हो और वो देश के विकास मे अपना योगदान दें।
मोदी जी की जय हो , जय हो मोदी जी की। इस देश में मजा बहुत है। ई देश के लोग लंगोट में फाग खेलने के शौकीन हैं इसलिये सरकारें भी इन्हें समय समय पर रंग-गुलाल उपलब्ध कराती रहती हैं ।
सबसे पहले में राज्यसभा टीभी के परिवार को धन्यवाद देना चाहता हूँ। आज जो हमारे प्रधानमंत्री के द्वारा जो सामान्य वर्ग में 10% आरक्षण की बात कही गयी ,यह स्वगत लाइक है लेकिन ध्यान देंने की बात है कि प्रधानमंत्री जी का ध्यान अपने सत्ता के 4 साल 8 मंथ बीत जाने के बाद आया ,जिसे निश्चित रूप से इसे राजनैतिक रंगों से सराबोर किया जायेगा, जो एक चिंतन योग्य है।
इस सरकार ने आरक्षण के लिए एक नई बहस को जन्म दिया है, अब समय आ गया है कि एकबार फिर से सभी आरक्षित वर्गो को सही परिप्रेक्ष्य में अपना अधिकार दिया जाए और देश के हर नागरिक को यह महसूस हो कि वो सही अर्थों में एक लोकतांत्रिक देश मे रह रहा है।
I am from general category and I think it is not good for our country development. general category should not forget that gen. Category has never asked for reservation and has always endeavour to done away with it completely. it will only promote casteism and may provide samta(equality) but jeopardize samrasta(fraternity) among casts.
वैसे तो आरक्षण मुक्त व्यवस्था ही देश हित मे है,परन्तु आरक्षण खत्म करना किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए आत्महत्या करने जैसा होगा ।इसलिए यह व्यवस्था सामाजिक न्याय को बाल देने वाला एक बेहतर कदम है देखते हैं यह विधेयक न्यायिक समीक्षा मे खरा उतर पायेगा या नही
आर्थिक आधार पर सरकारी सेवाओं और शैक्षणिक संस्थाओं में विशेष छूट सरकार का एक अच्छा कदम है जिससे आर्थिक रूप पिछड़े जन - सामान्य को देश की मुख्य धारा में जुड़ने का सुनहरा अवसर मिलेगा जैसा कि बी आर अंबेडकर ने कहा था कि "आर्थिक लोकतंत्र के बिना सामाजिक लोकतंत्र असंभव है "।
Usually no one dislike this channel s video but today only some few idiots came early and can be seen in comment section Overall the discussion and decision is great
सामाजिक आरक्षण के स्थान पर आर्थिक आधार पर आरक्षण अवश्य ही अच्छा कदम है। इसके आधार पर समाज के उस व्यक्ति को सरकार का सहयोग मिल सकेगा जिसे अपने विकास के लिए उसकी आवश्यकता है। लेकिन सरकार को इसे लागू करते हुए इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि समाज जातियों की तरह ही आर्थिक आधार पर गरीब और अमीर के बीच ना बंट जाए।
Dekho economic front pe hamara samaj bata hua to already hai or ye visible bhi hai . But govt. Ki ye kosish honi chahiye ki Jo garib hain ya to an extent unprivileged hain unko aage laya jaaye chahe wo kisi bhi jaati ke hoon . sarkar ko ye bilkul ensure karna chahiye ki aise log kisi bhi Surat me piche nahi chutne chahiye. Or rahi ye Jo govt. ne faisla liya hai ki forward caste ke log Jo deserving hain unhe 10 percent reservation diya jaega ye swagat yogya faisla hai
सामान्य आर्थिक पिछड़े वर्ग के लिए यह आरक्षण काफी संतोषजनक और ऐतिहासिक फैसला होगा बशर्ते इसे एक राजनीतिक मुद्दा या एक चुनावी जुमला ना बनाया जाए. . धन्यवाद !
आर्थिक आधार पर आरक्षण समय की माँग है, जिसके लिए निष्पक्ष प्रयास के साथ -साथ विश्वसनीय आर्थिक आकड़ो की भी आवश्यक्ता होगी , परंतु क्या यह पुनर्विचार का प्रश्न नही है कि आज़ादी के 70 साल उपरांत भी देश का बड़ा तबका सामाजिक, आर्थिक पिछड़ेपन से जूझ रहा है और इसका हल आरक्षण अभी तक नही दे पाया, जबकि इन वर्षों में चीन हमसे पाँच गुना ज्यादा आर्थिक तरक्की कर गया है...
This decision will pave the way for discussion on other kind of reservation and this would be helpful for our country in near future also in larger way. Thank you
@@alokranjan883 Apne hi category ke dusre logon ki halat dekhe ho kv , puri bat ko suno aur smjho tb samajh me aayega ,aur chle aaye lead krne es comment ko pdho ye SC hai aur kitna fayda mil rha hai----------- Boost up Yourself Boost up Yourself 11 hours ago (edited) मेरी विनती को आगे तक पहुंचाए। में एक दलित अस्थाई सफाईकर्मी हूँ और BJP सरकार के इस फैसले का स्वागत करता हूँ !! और साथ ही साथ आप सभी गणमान्यों से अनुरोध है कि ... अनुसूचित जाति में भी क्रिमीलेयर व्यवस्था लागु की जाए। SC वर्ग में हम 69 जातियों में सबसे निचले पायदान पर है जिन्हें महादलित भी कहा जाता है। हम आज़ादी के पहले भी सफ़ाई का कार्य करते थे और आज GRADUATION करने के बाद भी वही काम कर कर रहे है। समझ नही आता ये आरक्षण नाम की चिड़िया किस पिंजरे में बंद है और कब आरक्षण हम जैसे असली हकदारों के पास पहुंचेगा। हम भी सेनिको की तरह आपके स्वास्थ्य की रक्षा करते है कृपया हमारा भी उत्थान करे। कृपया इसे लोगो तक पहुंचाए
आरकक्षण का उद्देश्य राष्ट्रीय उत्ताथन ,समानता का हक़ दिलाना इत्यादि है ,हमे उसी मर्ज़ का दवा लेने होता है जिसकी बीमारी है, चुकि अब सामाजिक से ज्यादा आर्थिक महत्व बढ़ गया है ये स्वागत योग्य कदम है, अब सम्पूर्ण आरक्षण का पुनरावलोकन होना चाहिए
आर्थिक रूप से ही भेदभाव हे जिसके पास रुपये हे उसको समाज बड़ा आदमी समझता है इशलिये आर्थिक रूप से पिछड़ापन खत्म हो जायेगा तो आदमी सामाजिक रूप से आगे आ जायेंगे
@fs video aajtak tum jeet nahi paye ab kya jeetoge tum koi competetion me mujhse nahi jeet paoge itna sarkar sc/st act diya h fir bhi to gachh me bandhjar chamar ko marte h sala mere khet me souch kar deta h jabki sabhi ko toilet h mera nuksan karega to peetenge nahi dekhte h kitna aarakshan help karega uska.
सरकार के इस निर्णय से बहुत खुश होने की आवश्यक्ता नहीं है । आर्थिक आधार पर उसे आरक्षण मिलेगा जिसकी वार्षिक आय 800000 रुपये है यानि जिसकी मासिक आय 63000रुपये है उसे भी आरक्षण का लाभ मिलेगा और इस सीमा के अनतरगत सवर्णो की 98 प्रतिशत आबादी आती है । यदी सभी को आरक्षण मिलेगा तो आरक्षण का कोई ओचित्य नहीं रह जाऐगा ये केवल वोट बैंक की नीति है।
एक सराहनीय कदम। यह संविधान द्वारा लोगों को दिए गए उस आशा की ओर बढ़ने का निश्चित रूप से एक कदम माना जायेगा जिसके तहत उद्देशिका में सामाजिक और आर्थिक न्याय देने का प्रावधान है। जरूरत है तो सिर्फ इस बात की कि यह जरूरतमंदों को मिले। अन्य वर्गों में जहां आरक्षण दिया गया है, केवल कुछ लोगों तक ही चक्रीय रूप से चल रहा है। इसलिए आठ लाख रुपये की सीमा रेखा उचित नहीं है। इसे कम किया जाना चाहिए, न केवल इस प्रस्तावित आरक्षण प्रावधान में बल्कि अन्य में भी। सभी वर्गों के लिए अलग-अलग क्रीमी लेयर बनाया जा सकता है।
मैं सवर्ण हु मुझे इससे कोई न फर्क न पड़ता कि मुझे मिले आरक्षण या नही लेकिन ये 8 लाख आय वाले गरीब किस हिसाब से हुए बड़ी विडंबना है महीने60,000 पाने वाला व्यकि गरीब कैसे हो सकता है
सर सरकार के द्वारा लिया गया फैसला बिल्कुल ही सही है क्योंकि भूमंडलीकरण के बाद समाज में आर्थिक कारक का महत्व बड़ा है और संविधान सामाजिक सामाजिक न्याय के साथ आर्थिक न्याय का भी आर्दश हैं तथा वर्तमान में सरकार की अनेक योजनाएं आर्थिक आधार पर ही संचालित होती है
आरक्षण का उद्देश्य गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नही था बल्कि ये प्रतिनिधित्व का सवाल था। सरकार के तमाम संस्थान, विश्वविद्यालय में सामान्य वर्ग का प्रतिनिधित्व तो हमेशा से ज्यादा ही रहा है तो ऐसे में आरक्षण की जो फिलोसोफी के उलटी दिशा में न हो जाय ये 10%आरक्षण।इस वजह से पूरे आरक्षण का परिभाषा बदल जाएगी।
आरक्षण की अर्थ समानता लाना था न कि असमानताओं को पैदा करना, मेरे हिसाब से ये तब तक उचित नही होगा जब तक संबिधान के अनुच्छेद 15 और 16(1),16(4) संसोधन कर इसे संबिधान सम्यक न बनाया जाये। हाँ यह जरूर है कि हमे अपने सामाजिक मूल्यों और संबैधानिक मूल्यों के बीच सामंजस्य से एक बीच का रास्ता निकाला जा सकता है जो चर्चा आपसी सहमति से ही होगा। बाकी राज्यसभा टीवी को धन्यवाद।
Thanks rstv important issue pe debate krne ke lye, Economic backward ko reservation hona chahiye lekin incom ka limitations 2 lakhs hona chahiye , sath hi us family ko kam se kam reservation ni milna chahiye jo family ke just pichla generation ko reservation mila h, Shahnawaz Mohammad, darbhanga Bihar
अगर 15 फ़ीसदी आबादी को 10% आरक्षण तो फिर 85 फ़ीसदी आबादी को 90% आरक्षण हर हाल में मिलना चाहिए। 10% आरक्षण किस आयोग और सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर दिया जा रहा है? सरकार विस्तार से बतायें।
Reservation never be a permanent solution but for meantime it give the chance to improve society development. Therefore should apply throughout to economically backward class instead of classified manner as we have currently sc, st, obc...etc also should not exceed 50%. I don't know why government not implementing all these things in proper manner instead of making vote bank. Coz we have been try hard to achieve our dream and never see ourselves devastated. My concern is that benefit should get to those people who honestly deserve and that’s the humanity, not giving it as donation.
It is very interesting topic. It will not create any problem to any one because by democracy every people who is deseable by economic, social, educational are eligible for reservations.
Aarakshan dene ka faayda kya jab Government Jobs hi nahi hai. 2014- 2018 tak UPSC civil services ki seats 1400 se 780 tak kam hui hai. Vacancy badhao tab Arakshan ka faayda hai. 😏
@@nobodycares1192 22% se zyada vacancies khali hain BASWAN Committes ki recommendations padho... Fiscal Deficit me Import bill ,oil prices, weakening of rupee etc criteria hote hain...Not Jobs! Ye State ki duty hai ki wo sabhi workforce ko capability ke hisaab se Dignified Job de..na ki sirf reservation! Tarq karna hai to Facts and Figures ke sath karo 😊
@@MrSaurabh2001 please read again about fiscal consolidation me ministries and bureaucracy me posts ko kam karne ko kaha gya hai na ki jabhi jobs , jo aap bol rahe hai uss hisab se humare army me bhi officers ki kaafi kami hai. There is also mention of subsidies and some welfare scheme cut out and tax ko simplify kiya ja sake . Fiscal deficit ke sath revenue deficit bhi aata hai bhai. Aur humare abhi interest payment ja rahe hai. Upsc ki jobs bureaucracy ke under aata hai isliye reduce hua hai
@@nobodycares1192 agar Deficit badh rha hai to 'Lateral Entry ' kyu approve hui bureaucracy me iska paisa kon de rha hai? Fiscal Deficit is absurd logic to reduce Jobs. N.K. SINGH Committee ne already FRBM act ko flexible banane ki recommendation di hai. Loan Waiver fir kyu de rahi hai Sarkar agar itna Deficit hai to. $1.5billion ka credit Maldives ko kyu? Government jo apne Citizens ko dignified Jobs ni de paa rhi...wo Arakshan deke kya prove kar rahi hai?
@@MrSaurabh2001 please do not mix foreign policy with internal policies . Whag India is giving to maldives and Bhutan is important for foreign policies. Besides that lateral is approved so that people who are best in their respective fields like teacher or some state officer they can join bureaucracy but vo seat nahi increase karenge. Iska ek example aap college me lateral entry bhi hoti hai diploma ke baad usse samjh sakte hai. Yes frbm act is flexible but only upto 0.5% .
सवर्णों को 10% आरक्षण देने का सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है ।ऐसा प्रतीत होता है कि इस विधेयक के विपक्ष में विरोध के स्वर नहीं उठेंगे परंतु मेरी चिंता का विषय इसके लागू होने से है कि यह कितना व्यावहारिक होगा क्योंकि जिस प्रकार सरकार ने सवर्णों में गरीब की सूची बनाने के लिए जो क्राइटेरिया बनाया है वह कहां तक सही है और सरकार किस प्रकार यह देखेगी कि जिन सवर्णों ने इस आरक्षण में इंटरेस्ट दिखाया है वह इस क्राइटेरिया में आते हैं या नहीं क्योंकि अगर देखा जाए तो भारत के सवर्णों में लगभग 80 फ़ीसदी लोग इस 10 फ़ीसदी आरक्षण में आएंगे।
Those people deserve reservation who doesn't have daily food, house even proper clothes but you will see they never gained profit of this amendment. If you give reservation then first aware those people who have not any information about that and give reservation to those whose income less than 3 lack. I can see according to this theory " garib Ko maar do garibi khud mit jayegi,". Because slum people never get profit of this .
1. As our expert said ki SC/St ya OBC ko bhe court ne Class [ as in economic term ] ke aadhar pr reservation diya hi aur ise liye abhe ka ye fainsla bhe uchit hi magar is se to yah prashan bhe khada hota hi ki fir samvidhan ke anusaar na hone ke kaaran SC/ST/OBC ka bhe aarakshan nirast hona chheye . 2. Janha arakshan ki maang uthai ja rahi the vanha usko dabaya gya jo ki sahi bhe tha , magar abhe bina kisi maang ke ya bina kisi bhe whitepaper ko nikale achanak se ye 10% aarakshan ko lane ka ouchittya mujhe samajh nhi aaya ? 3. sawarn me minorities as such Muslims Christian etc. ko jodne ka pravdhan kyu hi jbki unko alag se aarakshan mila hua hi ? 4. Samvidhan me janha ek nischit seema ke baad hr prakar ke aarakshan ko samapt krne ki baat hue the vanhe hum hr roj kisi na kisi roop me naya arakshan dete ja rahe hin kya ye humare samajik samanta ke neeti ke anuroop hi ? 5. shiksha me aarakshan to fir bhe theek hi magar rojgaar me aarakshan kyu ? abhe jo mudaa sc/st ko le kr uthaya jata tha ki unka selection km % pr ho jata hi ab wahe baat is aarakshan me bhe uthegi is se na kewal un bahusankhyak chaatra chaatrao ko asantoesh ka samna krna hoga jo is aarakshan ke seema se bahar hin balki knhe na knhe Quality of Job ya skilled employment me giravat dekhne ko milegi . Thais is all i want to ask . Thanks to #Rajya_Sabha_TV. ifor such a healthy discussion. Sarkaar ka ye kadam ab deash ke us dabe chupi aawaz ko khul kr aane ke liye ek mick ka kaam krega jo kbhe kbhe knhe knhe chai ki dukan ya kisi vaad vivaad ke pratiyogita tk seemit the
I'm from general category and I have a problem related to the economic criteria. This 8 lakh slab must be change into 2.5 lakh limit. 8 lakh is very high, and so the most economical backward family can't benefit from this provision appropriately. 8 lakh wali family proper middle class ho jati h , and they can compete in pure general category.
आरक्षण का आधार सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ापन रहा है आर्थिक पिछड़ापन विषय का प्रभाव अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण पर भी पड़ेगा। वस्तुतः चुनौती विशुद्ध आर्थिक आकड़ो का है, समय है इस पर पुनर्विचार का ताकि समाज के आर्थिक पिछड़े वर्ग को इसका उचित लाभ पहुचाया जा सके।
आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था स्वागत योग्य हैं। लेकिन मुझे यह समझाइये कि आयकर 2.5 लाख से ऊपर वालो से लेते हैं , तो 8 लाख के नीचे वाला आर्थिक गरीब कैसे है? व्यवस्था आप असमान बनाते है और समानता की वकालत करते है, मात्र 1% लोगो का 70% सम्पतियों पर कब्जा है। पिछले कुछ सालों से नौकरियों में भारी कमी आयी है, इसके जिम्मेदार कौन है?- सरकार, युवा, महिलाएं या फिर कोई और। लोगो को रोजगार दीजिये, स्वरोजगार के लायक बनाइये। साथ ही अनुसूचित जाति एवम जनजाति में क्रीमीलेयर पर चर्चा आवश्यक है किंतु जो 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना रिपोर्ट है उसको सार्वजनिक किया जाए जिससे सही में पता चले कि किसके पास कितना धन, सम्पति, मोटर और साथ ही कितना उच्च पद है और किस जाति के कितने है। तब जाकर सही तश्वीर सामने आएगी। .......और अंत मे ......चर्चा का विषय 10% आर्थिक पिछड़ो पर है और चर्चा आप एस सी/एस टी/ ओ बी सी पर कर रहे है।......सलाह.......कोई अच्छे लोगो को लाइये जो चापलूस न हो।......धन्यवाद।
having annual income 8 lac is poor...??? 1000 sq. ft plot is also poor...??? 🤔🤔🤔 these both things r previleges fr sc/st people...!!! . think rationally n sensitively...just dnt think abt vote bank...!!!
जब आरक्षण सरकारी सेवाओ और शिक्षा में मिलना हे तो ये दोनों क्षेत्र Reservation free क्यों नही होते..इससे सभी को लाभ होगा...और यहाँ पे discrimination तो नही होगा..यही क्षेत्र सामाजिक और आर्थिक सुधार कर सकते हें...
There needs sub-categorisation of reservation in SC, ST, OBC to percolate the benefits to the last person of society. Some states have sub-categoriesed OBC reservation. Govt should consider sub-categorising SC ST reservation. RSTV should consider take this subject for debate.
Sarkar dwara arthik chhetra ko lekar uthaya gya mudda swagat yogya h..kyuki arakshan agr Dekha Jaye to sanvidhan dwara in logo ko Diya jata h Jo socially and economically pichhde h to un sb AK sman level tak Lana hi arakshan Ka main uddeshya h..aur ajke ke smy agr hm kewal socially pichhde logo tk hi seemit rkhte h to Kahi na Kahi hmari desh Ka AK bahut bda tbka jinko economically jarurt h wo chhut jaye h ya unka Vikas nhi ho pa rha h Jisse aisa na ho ki arakshan kewal kuchh logo tk ya samajik drishti se pichhde logo tk hi rh jaye aur dusra tbka Jo arthik drishti se pichhad rha h wo jameen str tk pahuch Jaye ..to hme behtar yhi h ki hme in logo ko arakshan ki suvidha pradan krni chahiye jinko wakai me jarurat h na ki Kisi jati vishes tk hi seemit rkkha jaye.kyuki garibi jati dhrm dekhkr nhi ati h ..
If Reservation benifit is Given once in a life, It would be the best Decision. The amendment of Constitution should me amended in such a manner that SC/ST/OBC/EBC will get the benifit of reservation once in a life....Options to them Whether to avail that code for JOB OR EDUCATION 😀😀🙏 JAY HIND🇮🇳
*गरीब/ दिव्यांग /शहीद के परिवार को ही आरक्षण मिलना चाहिए* ये बंदरबांट बंद करके पूरा आरक्षण आर्थिक आधार पर कर देना चाहिए। गरीब पिछड़ों के लिए। ताकि सामाजिक आर्थिक विकास के साथ देश का स्तर सुधरेगा। अन्यथा फालतू की अड़ंगा बाजी चलता रहेगा। क्रिमिलेयर का क्या। एससी-एसटी में भी नेता अफसरों की संतानें लाभ उठाते जा रहे हैं
आप सभी से एक प्रश्न है कि देश में संख्या तो दलित और पिछड़ो की अधिक है फिर भी जनरल को 50.5% क्यों और हजारों साल से सवर्णो ने जाति को लेकर जुर्म किया है तथा पूरा का पूरा 100% कोटा भी लिया जिसकी अब तक भरपाई नहीं हो पाई मैं इस 10% का विरोधी नहीं फिर भी आज ग्रामीण समाज में वही कुरीतियां काविज़ हैं संविधान में संशोधन करके sc st obc minority ka rejervetion 80% होना चाहिए आप लोग कमरे में बैठकर बड़ी बड़ी बातें न करें हमें भी सब समझ में आता है (कमर में झाड़ू गर्दन में हंडी) शूद्र फिल्म देखें समझ आ जाएगा जय अंबेडकर
नमस्कार 🙏 सर 10% का आरक्षण आर्थिक आधार पर लिया गया है और ये फैसला सरकार का स्वागत योग्य है। अब जहां तक बात आती है बाकियों के आरक्षण की ये अब आर्थिक तौर पर भविष्य का मुद्दा बनेगा। आरक्षण आर्थिक आधार पर हो ना की जातिय आधार पर।
rstv me bathe sabhi mehmano ka shukriya , arakshan vishay samajik nyay khand se upsc paper 2nd, 3rd se juda mamla hai. jo UPSC preparation ke liye bahut khas hai. rahi bat arakshan ki to yah garibi hatao karyakram nahi hai balki iska aadhar samajik aur shaikshanik hai. baharhal sarkar dwara garibi dur karne tarh tarh yojanaye chalayi jati rahi hai.jise aur sashakt karne ki jarurat hai aur vo samaj ka koi bhi varg ho. SANTOSH KUMAR FROM ALLAHABAD
*_मेरी विनती को आगे तक पहुंचाए।_*
में एक *_दलित अस्थाई सफाईकर्मी_* हूँ और BJP सरकार के इस *फैसले का स्वागत* करता हूँ !!
और साथ ही साथ आप सभी गणमान्यों से अनुरोध है कि ...
अनुसूचित जाति में भी क्रिमीलेयर व्यवस्था लागु की जाए। SC वर्ग में हम 69 जातियों में सबसे निचले पायदान पर है जिन्हें महादलित भी कहा जाता है। हम आज़ादी के पहले भी सफ़ाई का कार्य करते थे और आज GRADUATION करने के बाद भी वही काम कर कर रहे है। समझ नही आता ये आरक्षण नाम की चिड़िया किस पिंजरे में बंद है और कब आरक्षण हम जैसे असली हकदारों के पास पहुंचेगा।
हम भी सेनिको की तरह आपके स्वास्थ्य की रक्षा करते है कृपया हमारा भी उत्थान करे।
कृपया इसे लोगो तक पहुंचाए।
Yes u r totally right..my neighbor is retired from sbi from manager level post,he took reservation..but his daughter has been taking reservation since her HS... Recently got a job with reservation...they live in three storey building.
is debat se bahut sare ayam taiyar honge debate ke liye .
Right bro,creamy layer is very necessary in sc/st
@@ParmjeetSingh-cv5pg i agree
@rgtm aa sahi bole
हालांकि आर्थिक तौर पर पिछड़े सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण दिया जाना राजनीति से प्रेरित है फिर भी यह उन गरीब तबकों के लिए एक सुअवसर है जिनकी पहुंच भौतिक वादी संस्कृति में मूलभूत सुविधाओं तक नहीं थी ,इससे न केवल उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा अपितु भारतीय समाज समरसता व समानता की ओर अग्रसर होगा।
RSTV द्वारा ऐसे मुद्दों पर बहस बहुत ही सराहनीय है।
Rstv debete is better than other debeteing programme.
Yes but due to being a government channel it mostly cannot accommodate those who are anti government. Ideal case would be a private channel doing this kind of debate but there every channel is indulged in trp race
@UN is Useless क्यूंकि आप अनपढ़ जैसी बात कह रहे हो, जब sc st को पहले ही से शैक्षणिक सामाजिक और आर्थिक स्थिति के रूप में मिला है तो दोहरा आरक्षण चाहिए?
मैंने पूरी तरह से सुना।मनन किया। आपकी चर्चा गुणवत्तापूर्ण है। भविष्य की राहें खोलनेवाली।सत्ता में बैठे हुए अयोग्य लोग इस देश का भला कैसे करेंगे ?
मैं विगत महीने दिल्ली में था। चिकित्सा के लिए लंबी और बड़ी प्रतीक्षा थी। --- आरक्षण राजनीतिक भाषण है , उपलब्धि नहीं।
ये सरकार की एक अच्छी पहल है जिसमें गरीबों की ओर वास्तविकता में ध्यान देने का प्रयास हो रहा है इसी प्रकार sc/st आरक्षण में से भी कुछ प्रतिशत निकाल कर निर्धन दलितो को देना चाहिए ताकि उनका भी सशक्तिकरण हो सके अन्यथा निर्धन दलित काफ़ी पिछड़ जायेगे
@Kumar Aniket भाई सरकार द्वारा पूर्व में ही OBC के लिए 6 से बड़ाकर 8 लाख क्रीमीलीयर की सीमा कर दी गई है अब सवर्ण के लिए इसे कम कर देना निश्चित ही सरकार की नीतियों पर प्रश्न चिन्ह खड़े करेगा क्योंकि किसी भी वर्ग का व्यक्ति हो किन्तु धनी अथवा निर्धन होने की राशि भिन्न भिन्न नहीं हो सकती
@Kumar Aniket thanks brother
@Kumar Aniket limit 8 lakh h Matlab family income monthly approximately 65 thoussand
Toh woh kaise economic backward ho sakte h
Woh sab kuch afford kr sakte
High price coaching classes
Agar koi govt servant h aur uski pagar 50 thousand per month h toh iske hissab see uska pure year ka income 6 lakh ho jayenga
Toh unhe bhi economic backward mankar unke baccho ko bhi reservation milega Kya ?
@Kumar Aniket घटाना इतना आसान नहीं है इसके राजनीतिक कारण है क्यों कि कि बड़ा आय वर्ग इसी दायरे में आता है उन्हें अपने पक्ष में रखने के लिए तो क्रीमीलीयर की सीमा बड़ाई गयी थी और पुनः इतनी शीघ्रता से कम कर देना भी इनकी निर्णयन क्षमता पर भी सवाल खड़े करेगा
@payal thakur 3-4 lakh income annual hona chahiye aur 2 hectare land
आज आरक्षण का मूल हकदर वही हो जो वास्तव मे आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछडे है | न कि संवर्ग के आधार पर आरक्षण दी जाये | क्योकि आरक्षण का अर्थ ही है कि जो लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछडे है उनको समाज मे बराबरी का दर्जा दिलाना |
राज्य सभा टीवी धन्यवाद
सबसे अच्छा चैनल, जिस पर वास्तविक एवं सामाजिक विषयों पर चर्चा होती है।👍👍
आर्थिक पिछड़ों को 10 फीसदी आरक्षण देना एक अच्छा कदम साबित हो सकता है बशर्ते इसको राजनीतिक रूप न दिया जाये अपितु इसका लाभ हर उस वर्ग के व्यक्तियों को मिलना चाहिए जो वास्तव में वंचित एवं गरीब हैं साथ ही जिनकी आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है। राज्य सभा टीवी का धन्यवाद।
Right & congratulations 😊
@@IasPcs_Aspirant. hmm.thx Neha dear.
इसका लाभ हर उस वंचित व्यक्ति को मिलना चाहिए जो वास्तव में गरीब है ?? इसका पहचान कैसे किया जा सकता है कि कौन व्यक्ति गरीब है ?? क्या जाति से गरीबी का निर्धारण करना उचित और न्यायसंगत हैं ??
@@ntg517 भारत सरकार के समक्ष गरीबों की पहचान करना अभी भी एक चुनौती बनी हुई है हां इतना जरूर है इसका सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के आधार पर बस अनुमान किया जा सकता है रही बात जाति के आधार पर गरीबी के निर्धारण की तो गरीबी तो किसी भी जाति में हो सकती है। इसलिए जाति को गरीबी का पैमाना मानना उचित प्रतीत नहीं होता।
@@pallaviarya3399 right.
अच्छा कदम है गरीब जनता तक पोहचणे का! लेकीन क्रिमीलेयर की मात्रा 200000 से कम होनी चाहिये और यही मात्रा हर वर्ग मे लागू होनी चाहिये!!! क्यों की मैं समज नही पा रहा हू के जो परिवार साल मे 800000 कमाता हो वो पिछडा कैसे हो सकता है! धन्यवाद!!!
कैबिनेट का यह फ़ैसला स्वागत योग्य है क्योंकि ये आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के बहस को आगे ले जाती है.
पहले के समय कार्यो का बटवारा सामाजिक आधारों (like cost, religion, colour) पर होता था परन्तु आज के LPG युग मे सभी के कार्यों का बटवारा आर्थिक अधरों पर हो गया है इसलिए ये पहल वाद विवाद योग्य है चाहे इसके पीछे का एजेंडा राजनीतिक हो या समावेशी सुधार करना हो ।
एक बात और अगर आर्थिक आधार 8 लाख माना जा रहा है तो इसी आधार को गरीबी के आकलन में भी लाना चाहिए न कि ₹32 प्रतिदिन
कवींद्र जी,
सरकार का बहुत अच्छा कदम है। अगर इसमे सफलता मिली तो सामान्य वर्ग के उन लोगों को फायदा होगा जो लोग गरीबी की मार झेल रहे है।
देश को आजादी के 70 साल हो चुके है, अगर आज भी देश को आरक्षण की आवश्यकता हे तो देश ने कुछ भी विकास नही किया है।सरकार को आर्थिक रूप से पिछड़े लोगो को शिक्षा मुफ्त करने की आवश्यकता है। देश में एक निस्पक्ष प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। और व्यक्ति को उसकी योग्यता के आधार पर चुना जाना चाहिए ना की किसी अन्य आधार पर।
10%आरक्षण का ये उठाया गया कदम सर्वोपरिय है
इसके अंतर्गत अत्याधिक आथिर्क एंव समाजिक लोग जो भारत के लिए कुछ करना चाहते हैं परन्तु कारण वंश असमर्थ हो जाते हैं अन्यथा इसकी पहल से उन्हें अपनी पहचान और राष्ट्र के लिए कुछ करने का अवसर प्रदान होगा, धन्य वाद,
Please
Good discussion 👍
Ketkar sir made good explanation
Hame desh ko aage badhane k liye
Caste based discrimination ko khatam karna padega use samaj
Paida Hui duriyo ko mita sake
Aur poora dhyaan
Poverty elevation ki taraf hona chahiye tab hum reservation k live economic base ko acchi tarah se implement kr sakte h
Jai Hind
क्रीमीलेयर का सिद्धांत हर वर्ग के आरक्षण में होना चाहिए चाहे वो किसी भी तरह के आरक्षण में हो क्योंकि आरक्षण का लाभ उन तबकों तक पहुंचने से पहले ही आईएएस, आईपीएस, जज आदि उच्च सेवाओं के बच्चे उठा देते है और आरक्षण का विशेष कोटा क्रीमीलेयर वाले कवर कर लेते है जिसकी वजह से सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक आधार पर समाज के अंतिम छोर पर खड़े जरूरत मंद लोग आरक्षण से अब भी वंचित रहते है जिनके लिए आरक्षण दिया गया है।
सरकार द्वारा लिया गया यह बहुत ही अच्छा इनिशिएटिव है, भारतीय समाज में हर वर्ग को अपने लिए आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए हालांकि इस पहल में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती 'सही आर्थिक आंकड़े'(लोगों की आय के)उपलब्ध कराने की होगी तथा अन्य पहलुओं में विचार और कुछ संविधान संशोधन कर एक बड़ी बहस के साथ पास किया जा सकता है,यह पहल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए (सामान्य वर्ग) एक उम्मीद की किरण है ।
कार्यक्रम के लिए धन्यवाद राज्यसभा टीवी। संतोष पाराशर ,मध्य प्रदेश।
Right
@@IasPcs_Aspirant. 😊
बहुत बढ़िया चर्चा। आरक्षण चुनावी मुद्दा न बनाये तो अच्छा होगा।
how family wid annual income of 8 lakh can be economically backward !!!! .... limit shld be less than 2 lakh ,otherwise again ppl who dont need resrvation will b benifitted😑
It's similar to creamy layer for obcs
Like an ias officer and leaders like Mayawati are sc/St,
Sehi he
same as sc earning above 8 lakh are sc
There are also some other conditions or norms for economically backwards ....only income is not the define for economically backwards
आरक्षण का मुख्य उद्देश्य समाज मे आर्थिक और सामाजिक समानता लाना है । अगर कोई आर्थिक रूप से कमजोर है और पिछड़ गया है तो वह जरूर सरकार के इस कदम से लाभन्वित होंगे और समाज में गैर बराबरी कम होगी। राज्यसभा टीवी का धन्यवाद।
यदि समाज आर्थिक रूप से मजबूत होता है तो उस समाज की संस्कृति का प्रसार होता है!
Mai aapse sehmat hun. Or govt. Ki iss decision se bhi.
यदि इस आरक्षण का लाभ वास्तव में जो गरीब हैं उन्हें देना है तो 8 लाख से बहुत नीचे आना होगा.
I know many students who get BPL status easily to get scholarship . Fake documents are easily made. Need of Better Monitoring and Nodal officer to decide every aspects.
आरक्षण सिर्फ 10 वर्षो के लिए लागू किया गया था लेकिन सरकारें इसे वोट के लिए बढ़ाती जा रही है। हमारा विचार है कि आरक्षण को जाति के आधार पर नही बल्कि आर्थिक आधार पर होना चाहिए जिससे जो बेहद गरीब है और जो शिक्षा भी ग्रहण नही कर सकते उन्हे लाभ हो और वो देश के विकास मे अपना योगदान दें।
मोदी जी की जय हो ,
जय हो मोदी जी की।
इस देश में मजा बहुत है।
ई देश के लोग लंगोट में फाग खेलने के शौकीन हैं इसलिये सरकारें भी इन्हें समय समय पर रंग-गुलाल उपलब्ध कराती रहती हैं ।
सबसे पहले में राज्यसभा टीभी के परिवार को धन्यवाद देना चाहता हूँ।
आज जो हमारे प्रधानमंत्री के द्वारा जो सामान्य वर्ग में 10% आरक्षण की बात कही गयी ,यह स्वगत लाइक है लेकिन ध्यान देंने की बात है कि प्रधानमंत्री जी का ध्यान अपने सत्ता के 4 साल 8 मंथ बीत जाने के बाद आया ,जिसे निश्चित रूप से इसे राजनैतिक रंगों से सराबोर किया जायेगा, जो एक चिंतन योग्य है।
इस सरकार ने आरक्षण के लिए एक नई बहस को जन्म दिया है, अब समय आ गया है कि एकबार फिर से सभी आरक्षित वर्गो को सही परिप्रेक्ष्य में अपना अधिकार दिया जाए और देश के हर नागरिक को यह महसूस हो कि वो सही अर्थों में एक लोकतांत्रिक देश मे रह रहा है।
सरकार ने एक बहुत ही अच्छा निर्णय लिया है। यह समाज के एक बड़े हिस्से जो विभिन्न उच्च जातियों में आर्थिक रूप से पिछड़े हैं उनको मदद करेगा।
दो लाख कमाने वाला दलित और पिछड़ा अमीर है और 8 लाख कमाने वाला स्वर्ण गरीब घोर न इंसाफी है....
I am from general category and I think it is not good for our country development. general category should not forget that gen. Category has never asked for reservation and has always endeavour to done away with it completely. it will only promote casteism and may provide samta(equality) but jeopardize samrasta(fraternity) among casts.
सब आरक्षण मिटाकर सभी जाती के लोग को आर्थिक अनामत देना चाहिए इससे अपने आप सामाजिक पिछड़ा लोग हे वो अपने आप सामाजिक रूप से आगे आ जायेंगे
Bilkul shii kha aapne
Sabhi caste ko mita do na
वैसे तो आरक्षण मुक्त व्यवस्था ही देश हित मे है,परन्तु आरक्षण खत्म करना किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए आत्महत्या करने जैसा होगा ।इसलिए यह व्यवस्था सामाजिक न्याय को बाल देने वाला एक बेहतर कदम है
देखते हैं यह विधेयक न्यायिक समीक्षा मे खरा उतर पायेगा या नही
आर्थिक आधार पर सरकारी सेवाओं और शैक्षणिक संस्थाओं में विशेष छूट सरकार का एक अच्छा कदम है जिससे आर्थिक रूप पिछड़े जन - सामान्य को देश की मुख्य धारा में जुड़ने का सुनहरा अवसर मिलेगा जैसा कि बी आर अंबेडकर ने कहा था कि "आर्थिक लोकतंत्र के बिना सामाजिक लोकतंत्र असंभव है "।
Usually no one dislike this channel s video but today only some few idiots came early and can be seen in comment section
Overall the discussion and decision is great
I support this initiative ......there should be no conflict happen .......let's 👀 see👍
सबसे बडी चुनौती वास्तविक लाभार्थियों की पहचान करने की है क्योंकि अब हर कोई आरक्षण लेने का प्रयास करेगा
yh government ki ek achhi phl h, es decision se General category ke economically bacword logo ka development hoga.
No diversity in the panel , lacked balanced views ,
Mostly political
एकतरफा डिबेट की गई सब प्रवक्ता संघ से प्रेरीत है
सामाजिक न्याय,समावेशी विकास और भारतीय एकता को और अधिक बढ़ाने के लिए सकारात्मक पहल।#@ भारतीय एकता जिंदाबाद
सामाजिक आरक्षण के स्थान पर आर्थिक आधार पर आरक्षण अवश्य ही अच्छा कदम है। इसके आधार पर समाज के उस व्यक्ति को सरकार का सहयोग मिल सकेगा जिसे अपने विकास के लिए उसकी आवश्यकता है।
लेकिन सरकार को इसे लागू करते हुए इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि समाज जातियों की तरह ही आर्थिक आधार पर गरीब और अमीर के बीच ना बंट जाए।
Dekho economic front pe hamara samaj bata hua to already hai or ye visible bhi hai . But govt. Ki ye kosish honi chahiye ki Jo garib hain ya to an extent unprivileged hain unko aage laya jaaye chahe wo kisi bhi jaati ke hoon . sarkar ko ye bilkul ensure karna chahiye ki aise log kisi bhi Surat me piche nahi chutne chahiye. Or rahi ye Jo govt. ne faisla liya hai ki forward caste ke log Jo deserving hain unhe 10 percent reservation diya jaega ye swagat yogya faisla hai
आपने सही कहा सोनम जी कि इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि कहीं समाज जातियों की तरह ही गरीब और अमीर के बीच भी ना बंट जाए।
Sonam ji
32 rupee kmaane vala garib
Or 8 lakh kmaane vala bhi garib
Kya maapdand h india m garibi maapne ka
@ रवीश जी.... रॉबिनहूड..... आपको ये बात मालूम कि अन्य पीछड़े वर्ग के यादव, कुर्मी, कुसवाहा, पटेल आदि समाज ने दलितों को सताया हैं?????
सामान्य आर्थिक पिछड़े वर्ग के लिए यह आरक्षण काफी संतोषजनक और ऐतिहासिक फैसला होगा बशर्ते इसे एक राजनीतिक मुद्दा या एक चुनावी जुमला ना बनाया जाए. . धन्यवाद !
SC,ST and Obc में भी विशेष रूप से पिछडों के लिए अलग से आरक्षण होना चाहिए
सबसे बड़ी समस्या क्रीमीलेयर वग॔ की है, यह वग॔ इस मोह को छोड़ेगा नही और आरक्षण मे समानता आयेगी नही ।
Very good step for the general class by modi ji
सरकार का यह कदम बहुत ही सराहनीय है, लेकिन सरकार इसे असलीजामा पहुँचापाती है या नही यह देखने वाला विषय होगा।धन्यवाद राज्यसभा tv।
आर्थिक आधार पर आरक्षण समय की माँग है, जिसके लिए निष्पक्ष प्रयास के साथ -साथ विश्वसनीय आर्थिक आकड़ो की भी आवश्यक्ता होगी , परंतु क्या यह पुनर्विचार का प्रश्न नही है कि आज़ादी के 70 साल उपरांत भी देश का बड़ा तबका सामाजिक, आर्थिक पिछड़ेपन से जूझ रहा है और इसका हल आरक्षण अभी तक नही दे पाया, जबकि इन वर्षों में चीन हमसे पाँच गुना ज्यादा आर्थिक तरक्की कर गया है...
This decision will pave the way for discussion on other kind of reservation and this would be helpful for our country in near future also in larger way. Thank you
आरक्षण गरीबी उन्मुलन कार्यक्रम नहीं है,आरक्षण , सामाजिक और शैक्षणिक वर्ग का प्रतिनिधित्व है ।
chutiya ho.. pura debate suno
yeh bakwas hai job sey garibi nahi jati kya.insaan ka jindagi laksh kya hai job pana.
@@atoz6855 Nahi beta,tumase jyada samajdar hun.
@@alokranjan883 Apne hi category ke dusre logon ki halat dekhe ho kv , puri bat ko suno aur smjho tb samajh me aayega ,aur chle aaye lead krne es comment ko pdho ye SC hai aur kitna fayda mil rha hai-----------
Boost up Yourself
Boost up Yourself
11 hours ago (edited)
मेरी विनती को आगे तक पहुंचाए।
में एक दलित अस्थाई सफाईकर्मी हूँ और BJP सरकार के इस फैसले का स्वागत करता हूँ !!
और साथ ही साथ आप सभी गणमान्यों से अनुरोध है कि ...
अनुसूचित जाति में भी क्रिमीलेयर व्यवस्था लागु की जाए। SC वर्ग में हम 69 जातियों में सबसे निचले पायदान पर है जिन्हें महादलित भी कहा जाता है। हम आज़ादी के पहले भी सफ़ाई का कार्य करते थे और आज GRADUATION करने के बाद भी वही काम कर कर रहे है। समझ नही आता ये आरक्षण नाम की चिड़िया किस पिंजरे में बंद है और कब आरक्षण हम जैसे असली हकदारों के पास पहुंचेगा।
हम भी सेनिको की तरह आपके स्वास्थ्य की रक्षा करते है कृपया हमारा भी उत्थान करे।
कृपया इसे लोगो तक पहुंचाए
Bhai Teri samajic isthti sudhari ki nahi, aur Kiya Khali amir dalito ka representation hai Kiya ye
I think we should give the reference of Sachcher Comittee report in this debate..Thanks Sachan sir
आरकक्षण का उद्देश्य राष्ट्रीय उत्ताथन ,समानता का हक़ दिलाना इत्यादि है ,हमे उसी मर्ज़ का दवा लेने होता है जिसकी बीमारी है, चुकि अब सामाजिक से ज्यादा आर्थिक महत्व बढ़ गया है ये स्वागत योग्य कदम है, अब सम्पूर्ण आरक्षण का पुनरावलोकन होना चाहिए
आर्थिक रूप से ही भेदभाव हे जिसके पास रुपये हे उसको समाज बड़ा आदमी समझता है इशलिये आर्थिक रूप से पिछड़ापन खत्म हो जायेगा तो आदमी सामाजिक रूप से आगे आ जायेंगे
@fs video aajtak tum jeet nahi paye ab kya jeetoge tum koi competetion me mujhse nahi jeet paoge itna sarkar sc/st act diya h fir bhi to gachh me bandhjar chamar ko marte h sala mere khet me souch kar deta h jabki sabhi ko toilet h mera nuksan karega to peetenge nahi dekhte h kitna aarakshan help karega uska.
इस आरक्षण प्राप्ती हेतू मै आर्थिक रुप से पिछडा होना पसंद करुंगा, क्या आप..?
@fs video tax तो हम पहले से ही भरते है।
shekhar sir ki samjane ka tarika bahut badhiya hai
सरकार के इस निर्णय से बहुत खुश होने की आवश्यक्ता नहीं है । आर्थिक आधार पर उसे आरक्षण मिलेगा जिसकी वार्षिक आय 800000 रुपये है यानि जिसकी मासिक आय 63000रुपये है उसे भी आरक्षण का लाभ मिलेगा और इस सीमा के अनतरगत सवर्णो की 98 प्रतिशत आबादी आती है । यदी सभी को आरक्षण मिलेगा तो आरक्षण का कोई ओचित्य नहीं रह जाऐगा ये केवल वोट बैंक की नीति है।
एक सराहनीय कदम। यह संविधान द्वारा लोगों को दिए गए उस आशा की ओर बढ़ने का निश्चित रूप से एक कदम माना जायेगा जिसके तहत उद्देशिका में सामाजिक और आर्थिक न्याय देने का प्रावधान है। जरूरत है तो सिर्फ इस बात की कि यह जरूरतमंदों को मिले। अन्य वर्गों में जहां आरक्षण दिया गया है, केवल कुछ लोगों तक ही चक्रीय रूप से चल रहा है। इसलिए आठ लाख रुपये की सीमा रेखा उचित नहीं है। इसे कम किया जाना चाहिए, न केवल इस प्रस्तावित आरक्षण प्रावधान में बल्कि अन्य में भी। सभी वर्गों के लिए अलग-अलग क्रीमी लेयर बनाया जा सकता है।
सरकार के ये कदम निश्चित रूप से प्रस्तावना में निहित लक्ष्यों की पूर्ति में सहायक होगा। क्रीमी लेयर में अवश्य ही कार्यवाही होनी चाहिए।
kuch saal baad 100% reservation ho jaayega...jo achi family se hain unke liye bs business krna hi bach jaayega...
मैं सवर्ण हु मुझे इससे कोई न फर्क न पड़ता कि मुझे मिले आरक्षण या नही
लेकिन ये 8 लाख आय वाले गरीब किस हिसाब से हुए
बड़ी विडंबना है
महीने60,000 पाने वाला व्यकि गरीब कैसे हो सकता है
सर सरकार के द्वारा लिया गया फैसला बिल्कुल ही सही है क्योंकि भूमंडलीकरण के बाद समाज में आर्थिक कारक का महत्व बड़ा है और संविधान सामाजिक सामाजिक न्याय के साथ आर्थिक न्याय का भी आर्दश हैं तथा वर्तमान में सरकार की अनेक योजनाएं आर्थिक आधार पर ही संचालित होती है
आरक्षण का उद्देश्य गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नही था बल्कि ये प्रतिनिधित्व का सवाल था। सरकार के तमाम संस्थान, विश्वविद्यालय में सामान्य वर्ग का प्रतिनिधित्व तो हमेशा से ज्यादा ही रहा है तो ऐसे में आरक्षण की जो फिलोसोफी के उलटी दिशा में न हो जाय ये 10%आरक्षण।इस वजह से पूरे आरक्षण का परिभाषा बदल जाएगी।
बिलकुल सर पूर्णतया सहमत हूँ अशोक जी
गरीबी जाति देखकर नही लेकिन शोषण जाति देखकर ही किया जाता है।
Rstv 🙏🙏🙏Hamne phela debate dekha jaha kohi politician nehi ho
आरक्षण की अर्थ समानता लाना था न कि असमानताओं को पैदा करना, मेरे हिसाब से ये तब तक उचित नही होगा जब तक संबिधान के अनुच्छेद 15 और 16(1),16(4) संसोधन कर इसे संबिधान सम्यक न बनाया जाये।
हाँ यह जरूर है कि हमे अपने सामाजिक मूल्यों और संबैधानिक मूल्यों के बीच सामंजस्य से एक बीच का रास्ता निकाला जा सकता है जो चर्चा आपसी सहमति से ही होगा।
बाकी राज्यसभा टीवी को धन्यवाद।
Thanks rstv important issue pe debate krne ke lye, Economic backward ko reservation hona chahiye lekin incom ka limitations 2 lakhs hona chahiye , sath hi us family ko kam se kam reservation ni milna chahiye jo family ke just pichla generation ko reservation mila h,
Shahnawaz Mohammad, darbhanga Bihar
बीमारी ,गरीबी ,मौत इत्यादि पूछकर नही आती कि कौन क्या है, आरक्षण का आधार जाति नही आर्थिक होना चाहिए
अगर 15 फ़ीसदी आबादी को 10% आरक्षण तो फिर 85 फ़ीसदी आबादी को 90% आरक्षण हर हाल में मिलना चाहिए।
10% आरक्षण किस आयोग और सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर दिया जा रहा है? सरकार विस्तार से बतायें।
Abe channamn 22 % stsc walo ko 22% de rakha hai or general 36% hai or aaraksan sirf 10 % hai..
Bhai ...UP se ho ka...Waha SP time nakal se paas hue the ka...Jo General ko 30% se 15% le aaye..Waah Gyani Guru waah...😊😊
इलाज करवाओ dr से।।।।
Reservation never be a permanent solution but for meantime it give the chance to improve society development. Therefore should apply throughout to economically backward class instead of classified manner as we have currently sc, st, obc...etc also should not exceed 50%. I don't know why government not implementing all these things in proper manner instead of making vote bank. Coz we have been try hard to achieve our dream and never see ourselves devastated. My concern is that benefit should get to those people who honestly deserve and that’s the humanity, not giving it as donation.
Creamy layer. 3lack se upar nhi hona chahiye.
Agr isse upar jata he fir vo vote bank bnane lgta. jisko fayda hona chahiye use fayada nhi hota.
It is very interesting topic. It will not create any problem to any one because by democracy every people who is deseable by economic, social, educational are eligible for reservations.
Aarakshan dene ka faayda kya jab Government Jobs hi nahi hai. 2014- 2018 tak UPSC civil services ki seats 1400 se 780 tak kam hui hai. Vacancy badhao tab Arakshan ka faayda hai. 😏
Vo kyo kam hui hai iske liye economics me fiscal deficit ke bare me padho
@@nobodycares1192 22% se zyada vacancies khali hain BASWAN Committes ki recommendations padho... Fiscal Deficit me Import bill ,oil prices, weakening of rupee etc criteria hote hain...Not Jobs! Ye State ki duty hai ki wo sabhi workforce ko capability ke hisaab se Dignified Job de..na ki sirf reservation! Tarq karna hai to Facts and Figures ke sath karo 😊
@@MrSaurabh2001 please read again about fiscal consolidation me ministries and bureaucracy me posts ko kam karne ko kaha gya hai na ki jabhi jobs , jo aap bol rahe hai uss hisab se humare army me bhi officers ki kaafi kami hai. There is also mention of subsidies and some welfare scheme cut out and tax ko simplify kiya ja sake . Fiscal deficit ke sath revenue deficit bhi aata hai bhai. Aur humare abhi interest payment ja rahe hai. Upsc ki jobs bureaucracy ke under aata hai isliye reduce hua hai
@@nobodycares1192 agar Deficit badh rha hai to 'Lateral Entry ' kyu approve hui bureaucracy me iska paisa kon de rha hai? Fiscal Deficit is absurd logic to reduce Jobs. N.K. SINGH Committee ne already FRBM act ko flexible banane ki recommendation di hai. Loan Waiver fir kyu de rahi hai Sarkar agar itna Deficit hai to. $1.5billion ka credit Maldives ko kyu? Government jo apne Citizens ko dignified Jobs ni de paa rhi...wo Arakshan deke kya prove kar rahi hai?
@@MrSaurabh2001 please do not mix foreign policy with internal policies . Whag India is giving to maldives and Bhutan is important for foreign policies. Besides that lateral is approved so that people who are best in their respective fields like teacher or some state officer they can join bureaucracy but vo seat nahi increase karenge. Iska ek example aap college me lateral entry bhi hoti hai diploma ke baad usse samjh sakte hai. Yes frbm act is flexible but only upto 0.5% .
Thank you so much ""rstv ""
Ews me ege relaxtation milna chahiye
सवर्णों को 10% आरक्षण देने का सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है ।ऐसा प्रतीत होता है कि इस विधेयक के विपक्ष में विरोध के स्वर नहीं उठेंगे परंतु मेरी चिंता का विषय इसके लागू होने से है कि यह कितना व्यावहारिक होगा क्योंकि जिस प्रकार सरकार ने सवर्णों में गरीब की सूची बनाने के लिए जो क्राइटेरिया बनाया है वह कहां तक सही है और सरकार किस प्रकार यह देखेगी कि जिन सवर्णों ने इस आरक्षण में इंटरेस्ट दिखाया है वह इस क्राइटेरिया में आते हैं या नहीं क्योंकि अगर देखा जाए तो भारत के सवर्णों में लगभग 80 फ़ीसदी लोग इस 10 फ़ीसदी आरक्षण में आएंगे।
Those people deserve reservation who doesn't have daily food, house even proper clothes but you will see they never gained profit of this amendment. If you give reservation then first aware those people who have not any information about that and give reservation to those whose income less than 3 lack. I can see according to this theory " garib Ko maar do garibi khud mit jayegi,". Because slum people never get profit of this .
1. As our expert said ki SC/St ya OBC ko bhe court ne Class [ as in economic term ] ke aadhar pr reservation diya hi aur ise liye abhe ka ye fainsla bhe uchit hi magar is se to yah prashan bhe khada hota hi ki fir samvidhan ke anusaar na hone ke kaaran SC/ST/OBC ka bhe aarakshan nirast hona chheye .
2. Janha arakshan ki maang uthai ja rahi the vanha usko dabaya gya jo ki sahi bhe tha , magar abhe bina kisi maang ke ya bina kisi bhe whitepaper ko nikale achanak se ye 10% aarakshan ko lane ka ouchittya mujhe samajh nhi aaya ?
3. sawarn me minorities as such Muslims Christian etc. ko jodne ka pravdhan kyu hi jbki unko alag se aarakshan mila hua hi ?
4. Samvidhan me janha ek nischit seema ke baad hr prakar ke aarakshan ko samapt krne ki baat hue the vanhe hum hr roj kisi na kisi roop me naya arakshan dete ja rahe hin kya ye humare samajik samanta ke neeti ke anuroop hi ?
5. shiksha me aarakshan to fir bhe theek hi magar rojgaar me aarakshan kyu ? abhe jo mudaa sc/st ko le kr uthaya jata tha ki unka selection km % pr ho jata hi ab wahe baat is aarakshan me bhe uthegi is se na kewal un bahusankhyak chaatra chaatrao ko asantoesh ka samna krna hoga jo is aarakshan ke seema se bahar hin balki knhe na knhe Quality of Job ya skilled employment me giravat dekhne ko milegi .
Thais is all i want to ask . Thanks to #Rajya_Sabha_TV. ifor such a healthy discussion. Sarkaar ka ye kadam ab deash ke us dabe chupi aawaz ko khul kr aane ke liye ek mick ka kaam krega jo kbhe kbhe knhe knhe chai ki dukan ya kisi vaad vivaad ke pratiyogita tk seemit the
Nice debet thanks sir ji
I'm from general category and I have a problem related to the economic criteria. This 8 lakh slab must be change into 2.5 lakh limit. 8 lakh is very high, and so the most economical backward family can't benefit from this provision appropriately. 8 lakh wali family proper middle class ho jati h , and they can compete in pure general category.
Ketkar ji good debate
Good decision
Bhai aje me bhi chhut milna chahiye kam s kam 3 years ka ..
Nhi to 10./. Ka koi matlb hi nhi niklega
आरक्षण का आधार सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ापन रहा है आर्थिक पिछड़ापन विषय का प्रभाव अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण पर भी पड़ेगा। वस्तुतः चुनौती विशुद्ध आर्थिक आकड़ो का है, समय है इस पर पुनर्विचार का ताकि समाज के आर्थिक पिछड़े वर्ग को इसका उचित लाभ पहुचाया जा सके।
आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था स्वागत योग्य हैं। लेकिन मुझे यह समझाइये कि आयकर 2.5 लाख से ऊपर वालो से लेते हैं , तो 8 लाख के नीचे वाला आर्थिक गरीब कैसे है?
व्यवस्था आप असमान बनाते है और समानता की वकालत करते है, मात्र 1% लोगो का 70% सम्पतियों पर कब्जा है।
पिछले कुछ सालों से नौकरियों में भारी कमी आयी है, इसके जिम्मेदार कौन है?- सरकार, युवा, महिलाएं या फिर कोई और। लोगो को रोजगार दीजिये, स्वरोजगार के लायक बनाइये।
साथ ही अनुसूचित जाति एवम जनजाति में क्रीमीलेयर पर चर्चा आवश्यक है किंतु जो 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना रिपोर्ट है उसको सार्वजनिक किया जाए जिससे सही में पता चले कि किसके पास कितना धन, सम्पति, मोटर और साथ ही कितना उच्च पद है और किस जाति के कितने है। तब जाकर सही तश्वीर सामने आएगी।
.......और अंत मे ......चर्चा का विषय 10% आर्थिक पिछड़ो पर है और चर्चा आप एस सी/एस टी/ ओ बी सी पर कर रहे है।......सलाह.......कोई अच्छे लोगो को लाइये जो चापलूस न हो।......धन्यवाद।
having annual income 8 lac is poor...???
1000 sq. ft plot is also poor...??? 🤔🤔🤔
these both things r previleges fr sc/st people...!!!
. think rationally n sensitively...just dnt think abt vote bank...!!!
जब आरक्षण सरकारी सेवाओ और शिक्षा में मिलना हे तो ये दोनों क्षेत्र Reservation free क्यों नही होते..इससे सभी को लाभ होगा...और यहाँ पे discrimination तो नही होगा..यही क्षेत्र सामाजिक और आर्थिक सुधार कर सकते हें...
इस वकील को ये भी नही पता कि कोर्ट का कहना है कि 50परसेंट unreserved रहना चहिय न कि 50 परसेंट से ज्यादा ओबीसी sc को 50 से ऊपर नही दे सकते
13% सवर्णों को 10% आरक्षण दिया जा रहा है, तो किस आधार पर 65% obc को किस आधार पर सिर्फ 27% आरक्षण है।
Unpadh gawar pahle apna gyan badha le .wo tum kya janoge kyuki tumhara neta bhi unpadh hai
Desh me 32 Cr general .
70 Cr OBC.baki ke 30/32 Cr SC SC/st.percentage ATA hai Nikal lo
Chutiya spotted 🙋
sunil yadav tum sabhi neechi jati ke aheero ki ma ki chut bahan ke land. swarn 33% h
@@jatindangayach3871 wo dikh raha hai ab spot kidhar ja raha hai... Chutiye...
बहुत बड़ी उपलब्धि है😍😍
There needs sub-categorisation of reservation in SC, ST, OBC to percolate the benefits to the last person of society. Some states have sub-categoriesed OBC reservation. Govt should consider sub-categorising SC ST reservation. RSTV should consider take this subject for debate.
Good initiative of BJP gov,, BJP=BHARAT JITO PARTY
Sarkar dwara arthik chhetra ko lekar uthaya gya mudda swagat yogya h..kyuki arakshan agr Dekha Jaye to sanvidhan dwara in logo ko Diya jata h Jo socially and economically pichhde h to un sb AK sman level tak Lana hi arakshan Ka main uddeshya h..aur ajke ke smy agr hm kewal socially pichhde logo tk hi seemit rkhte h to Kahi na Kahi hmari desh Ka AK bahut bda tbka jinko economically jarurt h wo chhut jaye h ya unka Vikas nhi ho pa rha h Jisse aisa na ho ki arakshan kewal kuchh logo tk ya samajik drishti se pichhde logo tk hi rh jaye aur dusra tbka Jo arthik drishti se pichhad rha h wo jameen str tk pahuch Jaye ..to hme behtar yhi h ki hme in logo ko arakshan ki suvidha pradan krni chahiye jinko wakai me jarurat h na ki Kisi jati vishes tk hi seemit rkkha jaye.kyuki garibi jati dhrm dekhkr nhi ati h ..
If Reservation benifit is Given once in a life, It would be the best Decision. The amendment of Constitution should me amended in such a manner that SC/ST/OBC/EBC will get the benifit of reservation once in a life....Options to them Whether to avail that code for JOB OR EDUCATION 😀😀🙏 JAY HIND🇮🇳
Shekhar Iyer has Stolen the show 😎
One of the best debate in desh deshantar
*गरीब/ दिव्यांग /शहीद के परिवार को ही आरक्षण मिलना चाहिए*
ये बंदरबांट बंद करके पूरा आरक्षण आर्थिक आधार पर कर देना चाहिए। गरीब पिछड़ों के लिए। ताकि सामाजिक आर्थिक विकास के साथ देश का स्तर सुधरेगा। अन्यथा फालतू की अड़ंगा बाजी चलता रहेगा। क्रिमिलेयर का क्या। एससी-एसटी में भी नेता अफसरों की संतानें लाभ उठाते जा रहे हैं
आप सभी से एक प्रश्न है कि देश में संख्या तो दलित और पिछड़ो की अधिक है फिर भी जनरल को 50.5% क्यों
और हजारों साल से सवर्णो ने जाति को लेकर जुर्म किया है तथा पूरा का पूरा 100% कोटा भी लिया जिसकी अब तक भरपाई नहीं हो पाई
मैं इस 10% का विरोधी नहीं फिर भी आज ग्रामीण समाज में वही कुरीतियां काविज़ हैं
संविधान में संशोधन करके sc st obc minority ka rejervetion 80% होना चाहिए
आप लोग कमरे में बैठकर बड़ी बड़ी बातें न करें हमें भी सब समझ में आता है (कमर में झाड़ू गर्दन में हंडी) शूद्र फिल्म देखें समझ आ जाएगा
जय अंबेडकर
नमस्कार 🙏 सर
10% का आरक्षण आर्थिक आधार पर लिया गया है और ये फैसला सरकार का स्वागत योग्य है।
अब जहां तक बात आती है बाकियों के आरक्षण की ये अब आर्थिक तौर पर भविष्य का मुद्दा बनेगा।
आरक्षण आर्थिक आधार पर हो ना की जातिय आधार पर।
मै भी अपनी सर्व संपत्ती अपने रिश्तेदारों के नाम कर इस आरक्षण का लाभ ले सकुंगा क्या रावण पंडित जी..?
ओ बी सी विरोध करेंगे ही। क्योंकि
Sc St 25 per. Ko 22.5per.
15per gen. Ko 10 per. Aur
52 per. Obc ko 27per.
ek भी OBC ka banda ab BJP ko vote nahi dega ab
OBC me 50% se jyada log Creamy layer hai.
Less than 40% non creamy layer hai.
So, 27% makes sense.
Ye data aap kaha se late hain
भाई मुस्लिम मे पठान शेख आदि जाति किसमे आती है? st sc या obc मे?
tum sab aheero ki gand me konsi khujli h bahan ke lodo . general 33% h
Very good initiative....Keep reforming...
rstv me bathe sabhi mehmano ka shukriya , arakshan vishay samajik nyay khand se upsc paper 2nd, 3rd se juda mamla hai. jo UPSC preparation ke liye bahut khas hai. rahi bat arakshan ki to yah garibi hatao karyakram nahi hai balki iska aadhar samajik aur shaikshanik hai. baharhal sarkar dwara garibi dur karne tarh tarh yojanaye chalayi jati rahi hai.jise aur sashakt karne ki jarurat hai aur vo samaj ka koi bhi varg ho. SANTOSH KUMAR FROM ALLAHABAD