बहुत सही बात कही है सर आपने आजकल ऐसा ही हो रहा है लोग संस्कारों को तो भूलते जा रहे हैं और भौतिकता में लीन हो रहे हैं l हमारी भारतीय संस्कृति के मूल्य और आदर्श खत्म हो रहे हैं धीरे-धीरे और पाश्चात्य संस्कृति हम पर हावी होती जा रही है इसी कारण हम अपने माता-पिता को अपने बड़ों को अपने गुरुजनों को सम्मान नहीं दे पा रहे हैं l आपने जो घटना बताई है वह बहुत ही दिल दहला देने वाली घटना है क्योंकि जिन माता-पिता ने हमें जन्म दिया है हमें यह दुनिया दिखाई है हम कुछ लालच के लिए हम उन्हें ही खत्म कर दें जिन्होंने हमें यह सब दिया है l
Sahi bat kahi sir🙏🏼🙏🏼
बिल्कुल सही कहा सरजी आपने आजकल यही सब हो रहा है पहले संस्कार जरूरी है🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
इस स्वार्थी और प्रतियोगिता के दौर में हर व्यक्ति संस्कारों की पोटली को छोड़ धन की पोटली बनाने मे लगा हुआ है sir
Ryt sir ji
बहुत सही बात कही है सर आपने आजकल ऐसा ही हो रहा है लोग संस्कारों को तो भूलते जा रहे हैं और भौतिकता में लीन हो रहे हैं l हमारी भारतीय संस्कृति के मूल्य और आदर्श खत्म हो रहे हैं धीरे-धीरे और पाश्चात्य संस्कृति हम पर हावी होती जा रही है इसी कारण हम अपने माता-पिता को अपने बड़ों को अपने गुरुजनों को सम्मान नहीं दे पा रहे हैं l आपने जो घटना बताई है वह बहुत ही दिल दहला देने वाली घटना है क्योंकि जिन माता-पिता ने हमें जन्म दिया है हमें यह दुनिया दिखाई है हम कुछ लालच के लिए हम उन्हें ही खत्म कर दें जिन्होंने हमें यह सब दिया है l
Bilkul shi kaha sir aap ek shikshak ho sanskriti or sanskar ko kut kut ker bhar Dena bacchon me