पंखेरू का सुवला रे बंधु रे म्हारा उड़ी तो गया ! गायक - भोला भाई गुर्जर

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ก.ย. 2024
  • #भोला_गुर्जर_जयमलपुरा
    ‪@bhola_gurjar‬
    #निर्गुणी_भजन
    पंखेरू का सुवला रे बंधु रे म्हारा उड़ी तो गया !
    यह भजन आज से लगभग 500 वर्ष पूर्व म.प्र. के निमाड़ क्षेत्र के विख्यात महान संत ब्रह्मगीर जी महाराज के मुख द्वारा रचित है। इसमें मानव जीवन की काया का व्याख्यान किया गया है।

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