इस गुफ़ा का रात में खुलता हैं दरवाज़ा फिर निकलते हैं आल्हा मैहर में पूजा करने के लिए
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- เผยแพร่เมื่อ 27 ก.ย. 2024
- महोबा की वीर योद्धा आल्हा ऊदल की कहानी आज भी सुनाई जाती है बताते हैं कि आज भी आल्हा मैहर में फूल चढ़ाने के लिए आते हैं आल्हा अमर हैं आज हम हैं महोबा जिले से दूर 20 किमी सलाट गांव में यहां एक ऐसी रहस्यमई गुफा है जहां बताती है कि आज भी आल्हा इस गुफा से निकलते हैं फिर मैहर जाते हैं फूल चढ़ाने के लिए और यही वह गुफा है जिसके अंदर बताती हैं कि एक तालाब फुल मंदिर बहुत कुछ बना हुआ है यह जानकारी गांव वालों के द्वारा ही दी गई है जो एक पहाड़ पर निर्मित है किले के पास बनी हुई है यह रहस्यमई गुफ़ा जो गोरा गिरी पर्वत पर बनी हुई है जिसकी लंबाई 1 कमी है और आज भी आल्हा मैहर में फूल चढ़ाने के लिए आते हैं यह एक रहस्यमई बात हैं
Manusiyo mein koyi Amar nahi hai
Hai brother
Bro ye kaha ki video hai 😮😮😮 please batao
Mahoba ke pas gaon h
Mahoba me kaun se gaon me hai yeh gupha
Salat gaon
First comment and like 😅
🎉
Mahoba kaha hai❤❤
Up me
@@themahoba me samgha nahi
@@HARSHITVLOG40-k Mahoba uttar pradesh 210427 Jhashi ke pass