राज की प्रेम कहानी | Raj ki Prem Kahani story in Hindi

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  • เผยแพร่เมื่อ 18 ก.ย. 2024
  • राज की प्रेम कहानी | Raj ki Prem Kahani
    story in Hindi
    राज की प्रेम कहानी | Raj ki Prem Kahani
    एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में रहने वाला लड़का राज को एक सुंदर सी लड़की की आदेश पर शहर में पढ़ाई करने के लिए भेज दिया गया। उसके जाने के बाद उसने कपड़ा साइल का काम धंधा करना शुरू कर दिया।
    एक दिन राज शहर के सबसे बड़े साइल स्टोर पर कपड़ों का खरीदारी करने गया। वहां पहुंचकर उसकी नजर एक दुकान में बेईमानी से छिपी लड़की पर पड़ी। उसकी नादान आदतों के कारण, राज वहां भयानक खराब हो गया। वह अपनी ईमानदारी और अच्छाई की रक्षा करना चाहता था।
    नीतिवादी युवा राज ने अपनी मां के बताए तरीके पर चलकर बिना ज्यादा सोचे समय क्यों कराब नहीं करते हुए, दुकानदार को एक चांदी का सिक्का छोड़ दिया और वहां से कपड़ा खरीद लिया।धिमी धिमी धुन सुनाई देती हुई लड़की अचानक अपने पिज़्ज़ा पानीपूरी स्थान पर दिखाई दी, वह राज की खराब हालत देखकर उनके पास आयी और पूछा- “आपके हाथ में क्या हुआ है? क्या मैं कुछ मदद कर सकती हूं?”
    राज ने यह बात सुनकर हौशला बढ़ाया और उसने सबसे पहले दुकानदार को धन्यवाद दिया जिसने उसे यह सिक्का दिया। और उसने उस लड़की द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दिया- “धन्यवाद बहन, मेरे हाथ में कुछ नहीं हुआ है, शायद तोड़ी है।”लड़की ने राज को बताया कि वह उसे बचपन से ही उम्मीद कर रही है। उसने आगे कहा कि उसे एक बहुत अच्छा और भोला लड़का चाहिए जो उसे सब प्यार करे और उसकी ख्वाहिशों को सीधा रास्ता दिखाए।राज ने लड़की के प्रति खास इंतरेस्ट दिखाया और उसे बातचीत के लिए आमंत्रण दिया। वे बहुत देर तक बात करते रहे और इस प्रक्रिया में वे दोनों एक-दूसरे के बारे में अधिक जानने वाले हुए। धीरे-धीरे, उनके बीच की रिश्ता बढयह कहानी एक लड़की और एक लड़के के बारे में है जो बचपन के सबसे अच्छे दोस्त थे। वे हमेशा साथ खेलते और कई अनुभव एक साथ जीवन के हर पहलू को साझा करते थे।जब वे बड़े हो गए, तो उनकी दोस्ती भी और गहरी हो गई। वह एक दूसरे के साथ मनोरंजन करने, साथ पढ़ाई करने और सप्ताहांत में मार्गदर्शन करने लगे।
    एक दिन, लड़के ने अपनी दोस्ती के कुछ अलग महसूस किया। वह हमेशा लड़की की तरफ देखने और उसके साथ हंसने-खेलने के लिए तत्पर रहने लगा। इन भावनाओं को देखते हुए, लड़की ने दोस्ती के बारे में भी कुछ अलग महसूस किया। वह अन्याय महसूस करती थी क्योंकि उसे लड़के के प्रति कुछ विचार होते हुए उसके साथ भोला बनाया गया था।
    समय बीतते हुए, लड़के ने धीरे-धीरे लड़की को अपने अलग होने के ख़याल के बारे में समझाया। वह कहने लगा कि वह उसे खोने का डर दिखा रहा है और उसे ये भी दिखा रहा है कि उसके बिना वह जीने योग्य नहीं है। सुनकर, लड़की बहुत खुश
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