हिन्दुओं की रक्षा के लिए निकाली हिन्दू आक्रोश रैली

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  • เผยแพร่เมื่อ 20 ก.ย. 2024
  • हिन्दुओं की रक्षा के लिए निकाली हिन्दू आक्रोश रैली
    बांग्लादेश में हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे संयुक्त राष्ट्र संघ -स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती
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    वाराणसी, 22 अगस्त। हिन्दू रक्षा समिति वाराणसी द्वारा बांग्लादेश में हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों के प्रति हो रही हिंसा व अत्याचार के विरुद्ध हिन्दू आक्रोश रैली का आयोजन काशी में किया गया। इस आक्रोश रैली में संयुक्त राष्ट्र संघ से बांग्लादेश के हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया। इस आशय का ज्ञापन महामहीम राष्ट्रपति को भी भेजा गया। रैली के प्रारम्भ में आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय सन्त समिति एवं गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि बांग्लादेश में शेख हसीना की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलटने के बाद बांग्लादेश की अराजक छात्रों की सिविल सोसाइटी द्वारा हिन्दू, सिख एवं अल्पसंख्यक धार्मिक स्थानों, दुकानां एवं घरों को नष्ट किया जा रहा है। हिन्दू महिलाओं का अपहरण किया जा रहा है। हिन्दू बालिकाओं के साथ बलात्कार एवं उनका अपहरण जारी है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ जो अत्याचार हो रहा है उसको रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ एवं विश्व मानवाधिकार आयोग और अल्पसंख्यक आयोग को तत्काल कार्रवाई करना चाहिए। उन्हांने कहा कि भारत के पड़ोस में हिन्दुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर भारत चुप नहीं रह सकता क्योंकि भारत की प्रतिबद्धता है कि दुनिया में शान्ति कायम रहे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और कुछ विदेशी ताकते बांग्लादेश के माध्यम से भातर में भी अशान्ति फैलाने के लिए आतंकवादियों की घुसपैठ भारत में करा सकती है। हमें इसके प्रति भी सतर्क रहना होगा।
    विश्व हिन्दू परिषद के प्रतिनिधि ने मांग किया कि भारत सरकार बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। जम्बूद्वीप बौद्ध मठ के प्रभारी श्री सुमेधा थेरो ने कहा कि बांग्लादेश राजनीतिक षड़यंत्र और अराजकता के दौर से गुजर रहा है और वहां के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन सम्प्रदाय के नागरिकों पर अत्याचार किया जा रहा है और हत्याएं जारी हैं। हम इसकी निंदा करते हैं। इसी क्रम में गुरुद्वारा गुरुबाग मुख्य ग्रन्थी सरदार रंजीत सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में पाकिस्तान की गुप्तचर एजेन्सी आईएसआई के इशारे पर वहां के सर्वाच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और अन्य अधिकारियों से जबरन त्यागपत्र लिया जा रहा है। बांग्लादेश के हिंसक बहुसंख्यकों द्वारा हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिख आदि अल्पसंख्यकों से उनकी सरकारी नौकरियों से जबरन त्यागपत्र लिया जा रहा है। यह अत्याचार रूकना चाहिए। इसी क्रम में सन्त रविदास मन्दिर के महन्त श्री भारत भूषण जी ने कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए हम भारत सरकार से यह अपेक्षा करते हैं कि कूटनीतिक, राजनीतिक और संयुक्त राष्ट्र संघ का दबाव बढ़ाए। यदि आवश्यक हो तो बांग्लादेश में शान्ति स्थापना के लिए सैन्य हस्तक्षेप भी करें।
    इसी क्रम में वाराणसी व्यापार मण्डल के महामंत्री मनीष गुप्ता, वाराणसी उद्योग व्यापार मण्डल के अध्यक्ष संजीव सिंह, काशी व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के महामंत्री राजकुमार शर्मा, काशी व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के अशोक जायसवाल, उत्तर प्रदेश स्वर्णकार संघ के सत्यनारायण सेठ, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के राकेश जैन एवं इस्कान मन्दिर के मुरारी कृष्ण दास जी ने अपने वक्तव्यों में कहा कि यह चिन्ता का विषय है कि भारत के पड़ोसी राज्यों में विदेशी शक्तियां निरंतर हिंसा और उत्पात फैला रही हैं। तथा हिन्दू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ रहा है। ऐसी घटना श्रीलंका पाकिस्तान और मालदीव के बाद बांग्लादेश में हो रही है। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रही हिंसा पर हमें चुप नहीं रहना चाहिए। बल्कि कठोर से कठोर कार्रवाई करने के साथ ही बांग्लादेश में लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना का प्रयास करना चाहिए। सभा के अन्त में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि आज धर्म एवं विद्या की राजधानी काशी में हिन्दू सिख, बौद्ध जैन सभी सनातनियों के संयुक्त प्रयास के द्वारा जिसमें वाराणसी के सभी व्यापारिक संगठन, समाज की सुरक्षा में सतर्क रहने वाले धार्मिक संगठन, महामहीम राष्ट्रपति महोदया एवं भारत सरकार से निवेदन करते है कि बांग्लादेश के साथ-साथ विश्व के उन सभी देशों में जहां हिन्दू सिख, बौद्ध एवं जैन अल्पसंख्यक हैं, उनकी शान्ति एवं सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए। इसके लिए हिन्दू रक्षा समिति काशी और काशी के सामाजिक, व्यापारिक संगठन भारत सरकार के ऋणी होंगे।
    इस आशय का ज्ञापन सौ से अधिक धार्मिक, सामाजिक एवं व्यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर से महामहीम राष्ट्रपति को भेजा गया। सभा के मंचासीन अतिथियों का माल्यार्पण विश्व हिन्दू परिषद के सत्यप्रकाश, विद्यार्थी परिषद के अभय जी, केन्द्रीय दुर्गोत्सव समिति के तिलकराज मिश्र, एवं प्रमुख व्यवसायी राकेश अग्रहरि ने किया। सभा के उपरान्त हिन्दू रक्षा समिति के नेतृत्व में विशाल हिन्दू आक्रोश रैली वाराणसी नगर निगम मुख्यालय से भारत सेवाश्रम संघ तिराहा, म0गां0काशी विद्यापीठ, इंग्लिशिया लाइन, फूलमण्डी, मलदहिया चौराहा, सिगरा थाना, तिलक मूर्ति से चन्द्रिका नगर होते हुए नगर निगम मुख्यालय पर समाप्त हुआ। इस रैली में सर्वश्री डा. वीरेन्द्र जायसवाल, रमेश जी, डॉ . राकेश जी, डॉ. लोकनाथ पांडेय, राहुल सिंहा, हरिशंकर सिंहा, राजेश मिश्रा, पीयूष जी, धीरेंद्र सिंह, डॉ. विनय, विजय कृष्ण सिंह , गोविंद जी विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक, छात्र, कर्मचारी, मजदूर संघ के पदाधिकारी, विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ता, विधायक, जनप्रतिनिधि एवं नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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